दोपहर के २:३० बजे रहे है. सभी लोग खाना खा चुके है.
धर्मवीर का भी आज शालु और गुंज़न ने बुरा हाल कर दिया था. पेट में खाना और शरीर में थकावट लिए, वो भी अपने कमरे में जा कर अराम करने लगते है. सोनू भी खाना खा कर अपने रूम जाकर सो जाता हैं. ड्राइंग रूम में शालु और गुंज़न बीते बातें कर रहे है. आज बाबूजी के साथ हुए वाख्य का दोनों भरपूर मजा ले रही है.
गुंज़न- (हँसते हुए) पर कुछ भी कह शालु....मजा बहुत आया..
शालु- (हँसते हुए) हाँ भाभी...आज तो पापा की हालत ही खराब हो गई थी.
गुंज़न -और तुने जो बाबूजी का लंड अपने दूध में दबा कर चूसा था...बापरे...!! उनकी ती हालत खराब हो गई थी...
शालु- हाँ भाभी...मजा तो मुझे भी बहुत आ रहा था. मेरा तो दिल कर रहा था की उनका लंड पूरा मुहँ में भर लूँ. पर इतना मोटा ले नहीं पा रही थी.
गुंज़न- धीरे धीरे लेना सीख जाएगी....
शालु- और भाभी...!! पापा के लंड के पानी से अपनी मांग भरवा के कैसा लग रहा है...
गुंज़न- हाय शालु...!! बार बार क्यूँ याद दिला रही है..मैं अभी बाबूजी के पास साड़ी उतार के चली जाउंगी...
शालु- (हँसते हुए) तो जाइये ना भाभी...किसने रोका है आपको...?
गुंज़न -(हँसते हुए) चुप कर बदमाश...!! अच्छा शालु सुन...अभी जाके सोनू को उठा ..
शालु -जाती हुँ
शालु जैसे ही सोनू को उठाने गयी.....जब दो तीन बार आवाज़ लगाने से वो नही उठा तो उसने उसकी चादर पकड़ के खीच दी...आज फिर उसने वही ग़लती गलती कर दी
क्यों कि चादर के अंदर सोनू अपनी चड्डी उतार के सोया था...और उसका 8 लंबा और 3मोटा लंड एक दम तन तना कर खड़ा था
शालु की तो हलक मे साँस ही अटक गयी...वो अपने मूह के अंदर थूक निगले जा रही थी...वो यहाँ क्या करने आई थी सब भूल कर बस सोनू के भयंकर गोरे लंड को आँखे फाड़ कर देखे जा रही थी....
शालु --बाप रे...कितना बड़ा लंड है सोनू का.... अगर मेरी चूत मे घुस गया ग़लती से तो पूरी बित्ते भर की फैला देगा एक ही बार मे चोद चोद कर...पूरा भोसड़ा बन जाएगी मेरी चूत....एक बार छु के देखती हू...जब तक ये सांड़ सो रहा है...
शालु ने हाथो से सोनू के लंड को पकड़ लेती है....और लंड की चमड़ी को उपर नीचे करने लगी...शालु पूरी तरह से गरम होकर चुदासी हो चुकी थी.....
शालु अपना रिश्ता नाता सब भूल कर चूत की गर्मी के वशी भूत हो चुकी थी....लंड की चमड़ी उपर नीचे करते हुए जब उसके हाथ दर्द करने लगे तो उसने डरते हुए लंड का टोपा अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी....
शालु को लंड चूसना इतना अच्छा लगा कि वो उसमे ही खो गयी...और आँखे बंद कर के चुस्ती गयी....उसका ध्यान तब जाके भंग हुआ जब किसी ने उसकी दोनो चुचियो को कस के मसल दिया.
अपने दूध इतनी ज़ोर से मीसे जाने के कारण शालु की सिसकारी निकल गयी और उसका लंड चूसना भी बंद हो गया...उसने पलट के देखा तो उसकी हालत खराब होने लगी....क्यो कि उसके दूध ज़ोर से दबाने वाला और कोई नही बल्कि उसका अपना सगा छोटा भाई सोनू ही था....
सोनू भी एक टक अपनी दीदी की आँखो मे झाँक रहा था लेकिन उसने अपनी बड़ी बहन के दूध पर से अपने हाथ नही हटाए....उल्टा एक बार फिर से कस कर उन्हे मसल दिया....
शालु --आआआहह.....उउउइ..माआ....ये क्या कर रहा है...आआआअ....मैं तेरी दीदी हूँ ना......मत कर..आआआअ...... ज़ोर से मत मसल दर्द होता है.....छोड़ मुझे....सांड़ कही का
सोनू : दीदी...बहुत प्यार करता हूँ आपसे....जब भी आपको देखता हूँ और ये ख्याल आता है की आप मेरी दीदी हो, मेरी सगी बहन तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है. दिल करता है की अपना लंड मैं आपक बूर में ठूँस दूँ दीदी......
शालु : (आहें भरते हुए) ओह सोनू.....(और शालु अपने गुलाबी रसीले ओंठ सोनू के ओठों पर रख देती है)
सोनू अपनी दीदी के रसीले ओठों का स्पर्श पाते ही उतीजित हो जाता है और शालु के ओठों को चूसने लगता है. शालु भी पूरी मस्ती में सोनू के ओठों को चूसने लगती है. देखने में ऐसा लग रहा है की दोनों के दुसरे के ओठों को अपने मुहँ में भर लेना चाहते हो. दोनों की जीभ आपस में घुत्थम-घुत्थी हो रही है. सोनू का चेहरा पकडे शालु अपनी जीभ उसके मुहँ में डाल देती है तो सोनू उसे पागलों की तरह चूसने लगता है. कुछ देर दोनों भाई-बहन इसी तरह अपनी जीभ से एक दुसरे के मुहँ से खेलते है फिर अलग हो कर एक दुसरे की आँखों में देखने लगता है.
शालु - सोनू...तू हमेशा अपनी दीदी की जवानी देख कर परेशान रहता था ना?
सोनू : हाँ दीदी....
शालु- (अपनी टॉप निचे से उठा के नंगा पेट दिखाते हुए) तो ले..आज अच्छे से देख ले अपनी दीदी की जवानी....
सोनू कुछ क्षण वैसे ही शालु के सपाट नंगे पेट और गहरी नाभि को घूरता है और फिर अचानक से अपना चेहरा
शालु के पेट पर झुका देता है...
सोनू - ओह....मेरी दीदी.........!! (सोनू की जीभ सीधे शालु की गहरी नाभि में घुस जाती है)
सोनू शालु के पेट को पागलो की तरह चाते जा रहा है. वो कभी अपनी जीभ नाभि में घुसा के चाट लेता तो कभी उसके आसपास जीभ घुमाते हुए चाटने लगता. शालु इसका पूरा मजा ले रही है. कुछ देर बाद शालु सोनू से कहती है...
शालु- सोनू...अपनी दीदी की नंगी जवानी देखेगा?
सोनू- हाँ...हाँ दीदी...देखूंगा....
शालु अपने दोनों हाथो को ऊपर उठा देती है और सोनू से कहती है...
शालु तो देख ले सोनू...उतार दे मेरी टॉप और देख ले अपनी दीदी की नंगी जवानी....
सोनू- शालु के होंठो को चूम कर उसके दूध को दबाता हुआ, दीदी मुझे तुम्हे अभी नंगी करना होता तो मैं कब का कर चुका होता, पर मैं तुम्हारे इस खूबसूरत हुस्न को बहुत धीरे-धीरे पीना चाहता हू, बोलो पिलाओगी ना
शालु -आह हाँ पिलाउन्गि सोनू , हाँ पिलाउन्गि
सोनू कुछ देर वैसे ही टॉप पर उठे हुए शालु के दूध को देखता है फिर एक झटके से शालु की टॉप ऊपर से खींच कर उतार देता है. ब्रा मे क़ैद उनकी बड़ी बड़ी चुचिया उच्छल कर सोनू के सामने आ गयी….जो उस ब्रा मे समा नही रही थी सोनू ब्रा के उपर से ही उन पर हाथ रख के फेरने लगा…..
शालु—ब्रा भी उतार दे.....और अच्छे से देख ले अपनी दीदी की चुचि.... जिनको देखने के लिए तू मरा जा रहा था....
सोनू—तुम्हे कैसे मालूम.... ?
शालु —मैं सब जानती हूँ....जब मैं झाड़ू लगाती हूँ...तब कैसे आँखे फाड़ कर रोज इनको देखता है जैसे पूरा निचोड़ लेगा....
सोनू —मैं तो सच मे आपकी चुचि कब से निचोड़ना चाहता था....आपको पूरी नंगी देखने को तड़प रहा था...
शालु —तो ब्रा उतार के निचोड़ ले आज मेरी चुचियो को
अब सोनू के सामने सोनू आधी नंगी खड़ी है. दोनों हाथ ऊपर है. बड़े गोल गोल दूध और निचे चिकना मुलायम पेट और गहरी नाभि. सोनू तो बस ये नज़ारा हमेशा अपने सपनो में ही देखा करता था. आज वो सपना हकीकत बन के उसके सामने था. सोनू शालु के बदन को किसी भूके भेड़िये की तरह देख रहा था. अचानक से वो शालु के दोनों दूध के बीच अपना मुहँ घुसा देता है.
सोनू-ओह दीदी....उम्म्म्मम्म्म्म.......!!
शालु भी मस्ती में एक हाथ से अपने बालों को पीछे करते हुए आँखे बंद कर लेती है. सोनू शालु के दोनो दूध अपनी मुट्ठी मे दबोच लिए और उन्हे बेरहमी से मसल्ने लगा....
शालु —आआहह....हाअ.....ऐसे ही खूब ज़ोर ज़ोर से मीस मेरे दूध...... मेरी हमेशा से ख्वाहिश थी कि तू मुझे खूब बेरहमी से चोदे....खूब ज़ोर ज़ोर से मेरे दूध दबाए...आआआ...आआ....मसल और दबा ...भाई...अपनी दीदी के दूध....
सोनू —दीदी....बहुत मस्त दूध है तेरे....
शालु —तेरे दबाने के लिए हैं भाई...तेरी दीदी के ये बड़े दूध....रोज दबाएगा ना मेरे दूध भाई
सोनू—हाँ...दीदी....पूरा दिन दबाउन्गा...
शालु -आआआअहह......दर्द...हो...रहा....है.....आआआहहा
सोनू —ठीक थोड़ा धीरे धीरे दबाता हूँ अब....
शालु —नही....आआआ...मेरे भाई....मुझे दर्द मे ही मज़ा आता है.... मुझे ऐसे ही पूरी बेरहमी से मसल डाल ....खूब बेदर्दी से मेरी बुर को फाड़ना आज....और ज़ोर...से....दबा...भाई....हाँ....ऐसे ही..उूउउइई माआ...मर....गयी....आआअहह उफ़ सोनू.....ओह...!!
सोनू शालु के बड़े-बड़े दूध के बीच अपना मुहँ घुसा के चाटे जा रहा था. कभी दायें दूध को चाटता तो कभी बायें. फिर वो दोनों दूध को हाथो में लिए गौर से दखता हैउसके मोटे-मोटे कसे रसीले आमो को अपने हाथो से कस-कस कर मसल्ते हुए उसकी चुचि के निप्पल को अपने मूह मे भर कर दबा-दबा कर चूसने लगता ह. शालु पूरी मस्ती में सोनू के सर पर हाथ फेरते हुए अपना दूध चुसवाने लगती है. सोनू अब शालु के नंगे बदन से खेलने लगा था. दूध चूसते हुए वो शालु की पसीने और बालों वाली बगलों को सूंघ लेता और जीभ से चाट लेता. शालु के दोनों दूध के बीच मुहँ घुसा के रगड़ देता. कभी शालु के नंगे बाद से आँखे बंद किये लिपट जाता और उसकी नंगी पीठ पर हाथ फेरने लगता. सोनू ई हालत ऐसी थी मानो किसी भिकारी को खज़ाना मिला गया हो.
सोनू शालु को बेड पर लेटा देता है और शालु उल्टी होकर लेट जाती है शालु आधी नंगी उलटी हो कर बिस्तर पर लेटी हुई है. सोनू पास बैठे हुए अपनी जीभ शालु की कमर पर रख कर निचे से ऊपर जीभ रगड़ते हुए कंधो तक चाट रहा है. जीभ लगा कर कमर से चाटते हुए ऊपर कंधो तक जाता और फिर से कमर के पास आ कर ऊपर तक चाटने लगता. देखने में ऐसा लग रहा है की कोई लम्बी चौड़ी आईस -क्रीम बिस्तर पर पड़ी है जिसे सोनू अपनी जीभ से निचे से ऊपर ता चाट रहा है. सोनू को ऐसा करते हुए देख शालु कहती है.
शालु- आह सोनू...मेरा बदन पसीने से भरा है...क्यूँ चाट रहा है ऐसे?
सोनू-आह दीदी...मत रोकिये मुझे आज...आज मैं आपका सारा बदन ऐसे ही चाट लूँगा...हर जगह....एक भी अंग नहीं बचेगा मेरी जीभ से...आह...दीदी....
शालु भी समझ जाती है की आज उसका सारा बदन, एक एक अंग, सोनू की जीभ के पानी से नहा जायेगा. एक एक कर के सोनू शालु की पीठ, बगल, हाथ, जांघे, पैर, गर्दन, मुहँ सब चाट लेता है. शालु सर घुमा के सोनू से कहती है
शालु- सोनू अपने हाथ से मेरी स्कर्ट और पैन्टी उतार के मुझे पूरी नंगी कर ले
सोनू - आह दीदी...मेरी प्यारी दीदी...(कहता हुआ शालु की स्कर्ट और पैन्टी एक साथ उसके पेरो से खीच कर उतार देता है)
सोनू के सामने शालु की चौड़ी चुतड मादर जात नंगी पड़ी है.
जिसे याद करके सोनू ने न जाने कितनी ही बार लंड से फौवारे उडाये थे. आज उसी चुतड को ऐसे खुला देख सोनू के मुहँ में पानी आ जाता है. वो एक बार शालु की आँखों में देखता है और फिर शालु के मस्ताने चुतडो को फैला कर उसकी गुदा को अपने हाथो से सहलाता हुआ उसकी जाँघो उसकी मोटी गान्ड पर अपने हाथ फेरते हुए बड़े प्यार अपना मुहँ चूतड़ों के बीच में घुसा देता है
सोनू शालु की चूतड़ों के बीच मुहँ डाले पहले तो अच्छे से सुन्घ्ता है फिर शालु के गांड के छेद को चूसने लगता है. अपनी जीभ छेद में लगा कर वो धीरे से अन्दर ठेलता है तो जीभ का उपरी हिस्सा अन्दर चले जाता है.
शालु -उफ़ सोनू...!!
सोनू अब अपनी जीभ को शालु के गांड के छेद में अन्दर बाहर कर रहा है. जीभ का उपरी हिस्सा फिसलता हुआ अन्दर जाता है और फिर बाहर आ जाता है. बीच बीच में सोनू शालु की चूतड़ों के निचे जीभ रख कर ऊपर तक चाट लेता है. शालु को ऐसा मज़ा ज़िन्दगी में पहली बार मिल रहा था और वो भी अपने सगे छोटे भाई से. वो तो मानो किसी और ही दुनिया की सैर कर रही थी. शालु पेट के बल नंगी लेती है और पीछे से सोनू उसकी गांड चाट रहा है. कुछ देर बाद सोनू अपने होश खो कर झट से अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट्स उतार कर शालु के ऊपर नंगा लेट जाता है. उसका लंड का टोपा
शालु की गांड के छेद पर अटक जाता है. वो पायल पर लेट कर उसकी गर्दन चूमने लगता है और तभी उसकी कमर एक झटका लेती है और सोनू के लंड का टोपा थूक से भरे शालु की गांड के छेद में हल्का सा घुस जाता है. शालु दर्द से चिल्ला उठती है...
शालु- हाय रे बहनचोद.....ये क्या कर रहा है?
सोनू शालु के मुहँ से पहली बार ऐसी गाली सुन कर डर जाता है और उठ कर बैठ जाता है. शालु क बार अपनी गांड पर हाथ रख कर अपने दर्द को कम करने की कोशिश करती है.
शालु का वो दर्द भरा चेहरा देख कर सोनू और भी ज्यादा डर जाता है. कुछ ही देर में शालु का दर्द कम होता हिया तो वो सोनू को देख कर कहती है.
शालु- ऐसे कोई भाई अपनी बहन की गांड में लंड देता है क्या?
सोनू : (डरता हुआ) अ..अ...आई एम सॉरी दीदी....अब नहीं करूँगा...
शालु- (मुस्कुराते हुए) मैंने कब कहा की दोबारा मत करना? मैं तो ये कह रही हूँ की ऐसे अचानक मत कर देना...दर्द होता है...
शालु अब सीधा हो कर लेट जाती है...
सोनू जब अपनी दीदी की फूली हुई चूत घनी घनी झान्टो से ढाकी हुयी थी....
सोनू —दीदी…अपने छोटे भाई को…अपनी बुर दिखाओ ना…
शालु—तेरे सामने ही तो है...देख ना...
सोनू —तुम अपने हाथो से फैला के दिखाओ….
शालु —ठीक है…ये..ले मेरे भाई…देख ले अच्छे से अपनी दीदी की बुर को….
शालु ने अपने दोनो हाथो से अपनी बुर की दोनो फांको को फैला फैला कर बुर दिखाने लगी...बुर की दोनो फांके आपस मे चिपकी हुई थी...बुर के अंदर लाल लाल दिखाई दे रहा था...पूरी गीली हो चुकी थी
सोनू —ये इतनी गीली क्यो है दीदी..
शालु —क्यो कि तेरी दीदी की बुर बहुत चुदासी है मेरे भाई...इसीलिए गीली हो गयी है
सोनू गीली चूत को देखता है तो बिना रुके उस पर अपना मूह रख देता है और अपने मूह से उसकी फूली हुई गदराई चूत को दबाते हुए चूमने लगता है सोनू चूत की फांको को फैलाकर अपनी जीभ को उसकी रसीली बुर मे रख कर अपने मूह मे भर लेता है और शालु जल बिन मछली की तरह तड़पने लगती हैसोनू शालु की दोनो जाँघो को खूब फैलाकर उसकी रसीली चूत को चाटना शुरू कर देता है और शाल सोनू के सर के बालो को नोचने लगती है और उसके मूह से आह सोनू आह सोनू मैं मर जाउन्गि प्लीज़ न आह आह ओह न आह आह कर के पागलो की तरह तड़प्ते हुए चूत चटवाने का मज़ा लेने लगती है,और गहरी-गहरी साँसे लेती हु
सोनू उसकी फूली हुई रस से भीगी चूत की दरार मे रख कर उसकी फूली हुई फांको को अलग-अलग करके सहलाने लगता है, शालु आह आह करती हू कस कर पकड़ लेती है,
सोनू पागलो की तरह अपनी प्यारी दीदी की चूत को कस-कस कर चाटने लगता है उसका मूह अपनी दीदी की चूत से निकलते रसीले रस से भीग जाता है, शालु सोनू सर अपनी चूत मे और तेज़ी से दबाने लगती है, शालु को बहुत मज़ा आने लगता है और वह अपनी चूत को उठा -उठा कर अपने भाई के मूह मे मारने लगती है,सोनू उसकी गुलाबी चूत को अपनी जीभ से चाट -चाट कर लाल कर देता है सोनू पागलो की तरह अपनी प्यारी दीदी की चूत को कस-कस कर चाटने लगता है उसका मूह अपनी दीदी की चूत से निकलते रसीले रस से भीग जाता है, शालु सोनू का सर अपनी चूत मे और तेज़ी से दबाने लगती है, शालु को बहुत मज़ा आने लगता है और वह अपनी चूत को उठा -उठा कर अपने भाई के मूह मे मारने लगती है, सोनू उसकी गुलाबी चूत को अपनी जीभ से चाट चाट कर लाल कर देता है औ शालु का पूरा बदन अपने भाई की मस्त चूत चटाई से एक दम अकड़ जाता है और उसकी चूत ढेर सारा पानी छोड़ते हुए झाड़ जाती है और अपनी आँखे बंद किए हुए गहरी-गहरी साँसे लेती रहती है सोनू अपना मूह पोछते हुए अपनी दीदी की तरफ जब देखता है तो उसकी मुस्कुराहट उसके चेहरे पर फेल जाती है और वह अपनी दीदी का कामुक हुस्न देखने लगता है,
शालु- अब अपनी दीदी को ऐसे क्या देख रहा है? दीदी का खुला हुआ मुहँ और उसके गुलाबी ओंठ नहीं दिख रहे है क्या? इसमें क्या अब कोई पराया मर्द लंड डालेगा? बोलो ना मेरे ..."भैया" ?
शालु के मुहँ से "भैया" सुन कर सोनू का लंड झटके के साथ खड़ा हो जाता है.
सोनू- ओह दीदी...मेरी प्यारी दीदी.... (बोलता हुआ शालु के मुहँ पर कमर लाते हुए लंड मुहँ में डाल देता है)
अपने दोनों हाथों को सोनू बिस्तर पर रख कर, एक पैर
शालु के सर के पास और दूसरा लम्बा किये हुए शालु की कमर के पास रख कर सोनू अपनी कमर निचे कर लंड उसके मुहँ में दे रहा है. शालु सोनू के लंड को अपने मुह में खींचते हुए चूस रही है. कभी सोनू अपनी कमर जोर से हिला देता तो कभी धीरे. सोनू बूर जैसा मजा शालु के मुहँ में पा रहा था.
उसकी कमर कभी राजधानी की रफ़्तार पकड़ लेती तो कभी पेसेंजेर की. बीच में जैसे ही सोनू ना अपना लंड शालु के मुहँ से निकाला तो शालु ने धीरे से कह दिया, "ओह मेरे भैया". इस बात पर सोनू ने अपना लंड जोर से शालु के मुहँ में जड़ तक ठूँस दिया और उसके मुहँ से "ओह मेरी बहना" निकल गया. अब इस खेल में दोनों भाई-बहन को मजा आने लगा था. सोनू अपना लंड शालु के मुहँ से बाहर निकालता तो शालु "ओह मेरे भैया" कह देती और जब सोनू उसके मुहँ में लंड वापस जड़ तक ठूँस देता तो वो "ओह मेरी बहना" कह देता. ६-७ बार दोनों इस "भैया" और "बहना" के खेल को खेलते है तभी सोनू जैसे ही "ओह मेरी बहना" कह कर लंड ठूंसता है, शालु दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़ लेती है.सोनू अब अपने आप को रोक नहीं पाटा और लंड से मोटी सफ़ेद पिचकारिया उसके मुहँ में छोड़ने लगता है. शालु की साँसे रुक रही है है पर ये सफ़ेद गाढ़ा पानी उसके अपने सगे भाई का था जिसकी वो एक बूँद भी बर्बाद नहीं होने दे सकती थी. सोनू की कमर पकड़े शालु उसके लंड की एक एक बूँद अपने मुहँ में झडवा लेती है. कुछ देर बाद सोनू अपना लंड बाहर निकालता है तो टोपे पर एक बूँद मानो गिरने को तरस रही है. शालु उस बूँद को गौर से देखती है और अपने एक हाथ से लंड पकडती है और दुसरे हाथ से उसके अन्डकोशों को धीरे से दबा देती है. वो बूँद टोपे पर से फिसलती हुई सीधे शालु के मुहँ में आ गिरती है जिसे वो प्यार से गटक लेती है.