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Incest पापी परिवार

Nevil singh

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एक बार फिर निकुंज ने अपने हाथ को निक्की की जाँघ पर रख दिया और फॉरन उसकी बहेन का कांपता जिस्म बुरी तरह लहराने लगा.

" ओह भाई मत छुओ !!! मुझे कुछ कुछ होता है " ....... निक्की ने अपनी नशीली आँखों को अपने भाई की आँखों से जोड़ कर कहा .... उसकी उमंग, उत्तेजना, कामुकता सब उसके शरीर पर हावी हो चली थी.

" वही तो मैं जानना चाहता हूँ निक्की .. तुझे कुछ कुछ क्या होता है " ....... निकुंज ने अपने हाथ को मूव्मेंट देना शुरू कर दी .... हौले हौले उसकी उंगलियाँ निक्की के सॉफ्ट कपड़े के लोवर में गढ़ती जा रही थी और कुछ देर पश्चात ही वह अपने हाथ को अपनी बहेन की कुँवारी चूत की दिशा में आगे बढ़ाने लगा.

निक्की की आँखें इशारों में अपनी भाई को समझाने की व्यर्थ कोशिशें करती रही परंतु इसके ठीक ऑपोसिट वह निकुंज के हाथ को जल्द से जल्द अपनी स्पंदानशील चूत के मुहाने पर महसूस करना चाहती थी.

वहीं दूसरी तरफ सत्यता कुछ ऐसी थी कि निकुंज का सॉफ दिल उसे लाख बार इस घ्रनित कार्य को बंद करने की चेतावनी दे चुका था लेकिन उसका पापी मन उसे अपने दिल की कोई बात नही मानने दे रहा था और इसीलिए वह अपनी बहेन के जवाब को जाने बिना पिछे लौटने को कतयि तैयार नही था.

" तुझे अच्छा लग रहा है ना निक्की ? " ....... आख़िरकार निकुंज के शॉर्ट्स में क़ैद उसका हार्ड लंड अपनी आज़ादी की गुहार लगाने लगा और इसके चलते उसका दूसरा हाथ खुद ब खुद अड्जस्टमेंट की गरज से अपने लंड के ऊपर घूमने लगा .... निक्की की चोर नज़रो ने जब अपने भाई की शॉर्ट्स में बड़ा सा तंबू बनता देखा इसके फॉरन बाद उसके बदन में ऐंठन आनी शुरू हो गयी.

" माफ़ करना बेटा !!! मैं उत्तेजित हूँ " ....... निकुंज बेशर्मी से बोला और तेज़ी से अपने विशाल लंड को मसल्ने लगा .... निक्की अपने भाई की इस नीच हरकत को सहेन नही कर पाई और उसके मन में निकुंज के प्रति जो भी लालसाएँ जन्मी थी .... उसने फ़ैसला कर लिया कि अब वह सारे भेद अपने भाई पर ज़ाहिर कर देगी.

निकुंज की अश्लील हरकतों ने निक्की के जिस्म में आग लगा कर रख दी थी और बाकी का काम उसकी सोच ने पूरा कर दिया .... " बस बहुत हुआ !!! अब मेरी बारी है " .... उसने अपने मन ने सोचा .... " हमेशा मैं ही क्यों मजबूर हो जाती हूँ और भाई मेरी लाचारी को मेरी कमज़ोरी समझते हैं " .... उसे याद आया ... जब जब वह अति उत्तेजना वश काम विभोर हुई, उसके भाई ने हर बार उसे अधर में लटकाया था और इस वक़्त भी हालात सेम हैं.

निकुंज खुद तो अपने लंड को मसल कर मज़े ले रहा है लेकिन अब तक उसने अपना हाथ अपनी बहेन की चूत तक नही पहुचाया था और तभी निक्की समझ गयी ... उसका भाई सिर्फ़ उसकी भावनाओ से खिलवाड़ कर रहा है.

" भाई !!! मुझे सुसू जाना है " ....... निक्की ने अचानक से नया राग अलाप दिया और शायद इसके ज़रिए वह कुछ देर के लिए अपने भाई की गिरफ़्त से आज़ाद होना चाहती थी .... साथ ही पेशाब करने से उसकी चूत में भड़कते प्रेशर का भी काफ़ी हद्द तक निवारण हो जाना था और यक़ीनन इसके पश्चात वह डाट कर निकुंज की हर्कतो का सामना कर सकती थी.

" लेकिन अभी कैसे .. हम रोड पर हैं निक्की " ....... यह कह कर निकुंज ने अपने हाथ को ऊपर सरकाते हुए ठीक उसे अपनी बहेन की चूत से चार अंगुल नीचे रोक लिया.

" तो क्या हुआ भाई .... मैं उस झाड़ी के पीछे कर लूँगी, मुझसे अब कंट्रोल नही होगा " ........ निक्की ने अपने हाथ से निकुंज का हाथ पकड़ कर कहा और अपना निच्छला होंठ दांतो में दबा कर अपनी सारी शक्ति एक जगह केंद्रित कर ली .... इसके फॉरन बाद उसने बिना किसी अतिरिक्त घबराहट के अपने भाई का हाथ सीधे अपनी रस छोड़ती चूत पर दबा दिया.

" उफफफफफफ्फ़ !!! देखो ना भाई .. आधी तो मैने लोवर में कर दी " ....... हलाकी चन्द लम्हो के पश्चात ही उसने निकुंज का हाथ वापस अपनी चूत से अलग कर दिया था लेकिन वह नही जानती थी इसका रिज़ल्ट कितना घातक हो सकता है .... निकुंज क्या किसी भी मर्द के लिए इस हमले को सह पाना नामुमकिन होता और अब उसका भाई खो चुका था.

" भाई !!! मैं जाउ सूसू करने ? " ...... कुछ देर चुप रहने के बाद निक्की ने उससे पूछा लेकिन निकुंज का माइंड तो कहीं और ही घूम रहा था .... जब निक्की ने उसके चेहरे पर गौर किया तो पाया उसका भाई एक टक अपने हाथ को घूरे जा रहा है और यह नज़ारा देखते ही निक्की की हसी छूट गयी .... उसने अपने भाई की जाँघ पर हाथ रख कर ज़ोर से उसे झकझोर दिया और दोबारा अपना सवाल दोहराया.

" मैं सच कह रही थी ना भाई .. देखो आप का हाथ भी गीला हो गया .. अब मैं जाउ सूसू करने ? " ...... बड़ी मासूमियत अपने चेहरे पर लाते हुए वा बोली ........ " क .. क्या .. ओह हां .. तू चली जा " ........ निकुंज ने हड़बड़ाते हुए उसकी बात का जवाब दिया और अपनी नज़रें उसके चेहरे से फेर ली.

अपनी अग्रिम विजय पर निक्की मुस्कुरा उठी और गेट खोल कर कार से नीचे उतर गयी .... अभी वे लोग हाइवे पर थे और जिस झाड़ी के पिछे उसे पेशाब करने जाना था उसकी दूरी कार से महज दस बारह कदमो के डिस्टेन्स पर होगी.

झाड़ी के पिछे जाने से पूर्व निक्की ने पलट कर एक नज़र कार की तरफ देखा .... बंद शीशे में भी वह सॉफ देख पा रही थी कि निकुंज अपने हाथ पर लगे .... अपनी बहेन की चूत के पानी को सूंघ रहा है या शायद चाट रहा हो और उसी क्षण निक्की की चूत उबल पड़ी.

अब वह जान कर ऐसी जगह बैठना चाहती थी कि यदि उसके भाई की आँखें झाड़ियों के पीछे का नज़ारा देखना चाहें तो उसे अपनी बहेन के हर मूव्मेंट का बिल्कुल क्लियर व्यू दिखाई दे और जल्द ही निक्की ने वह जगह ढूँढ ली .... जहाँ पट्टियों की डेन्सिटी नाम मात्र की थी.

इसके बाद वह पलट कर खड़ी हो गयी ताकि पहले उसकी गान्ड का नज़ारा निकुंज को दिखाई पड़े .... हलाकी वह फुल्ली श्योर नही थी कि उसका भाई उसकी तरफ देखेगा लेकिन उसे ऐसी आशा थी कि वह ज़रूर देखे.

निक्की ने बड़े सेडक्टिव वे में अपनी गान्ड को बाहर की तरफ निकाला और फिर दोनो हाथ कमर पर रखते हुए अपने लोवर की एलास्टिक में उंगलियाँ फसा ली .... वह जानती थी यह काफ़ी नीच कार्य है लेकिन अपने भाई को सबक सिखाने के लिए उसे यह करना था और इसके बाद उसने किसी पोर्न्स्टार की तरह अपनी गान्ड मटकाते हुए लोवर को नीचे सरकाना शुरू कर दिया .... मन ही मन वह ऊपरवाले से दुआ माँग रही थी कि उसका भाई उसकी गान्ड देखे और लोवर को अपने घुटनो तक उतारने के बाद उसने सेम अंदाज़ में अपनी गीली पैंटी भी नीचे सरका ली.
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Nevil singh

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शायद ही निक्की अपनी पूरी लाइफ में कभी खुले आसमान के नीचे ऐसी अध नंगी हालत में आई होगी और यह उसके लिए एक रोमांच का विषया बनता जा रहा था .... सूसू करने के लिए नीचे बैठने से पूर्व उसने कुछ नॉटी आइडिया प्लान किया और फिर हल्का सा आगे को झुक कर अपनी गान्ड की दरार खोल दी .... उसके दिमाग़ में तो यही घूम रहा था, निकुंज उसकी गान्ड देख रहा है और इसके बाद वह अपने हाथ को कमर से पिछे ले जा कर ... उंगलियों से अपनी गान्ड का छेद खुजाने लगी.

कार के अंदर निकुंज बुरी तरह बौखला चुका था .... निक्की अंजाने में भी उसके जज़्बातों से इस कदर खिलवाड़ करेगी उसने सोचा ना था और जैसे ही उसकी आँखों ने निक्की को अपनी गान्ड की दरार में हाथ घुसाते पाया .... उसकी साँसें रुक गयी ........ " मैं पागल हो जाउन्गा " ....... यह शब्द कहते हुए वह सच में पागल होने लगा .... उसके अंडकोषों में उस वक़्त भी इतना वीर्य नही उमड़ा होगा .... जब उसकी सग़ी मा अपने कठोर होंठो से उसका लंड चूस रही थी .... निकुंज ने अपना हाथ अपने शॉर्ट्स के अंदर एंटर कर लिया और तेज़ी से अपना विशाल लंड हिलाने लगा.

वहीं निक्की की हालत अपने भाई से कयि गुना ज़्यादा खराब हो चली थी .... माना अपनी गान्ड का छेद उसने लाइफ में सैकड़ों बार टच किया होगा लेकिन इस वक़्त उसके आनंद का कोई ठिकाना ना था .... वह अपनी उंगलियों को जल्द ही अपनी कुवारि चूत पर ले गयी और फॉरन उसकी टांगे काँपने लगी ....... " अब मुझसे और नही खड़ा रहा जाएगा " ....... बस इतना कहते ही उसके घुटने अपने आप मुड़ते चले गये और वह नीचे बैठ गयी.

" ष्ह !!! " ....... हल्का सा ज़ोर लगाते ही उसकी चूत सीटी की ध्वनि बजाने लगी और पेशाब का अखंड सैलाब उसकी चूत की नाज़ुक पंखुड़ियों को चीरते हुए बाहर निकलने लगा .... निक्की को लगा जैसे उसके बदन की सारी जलन ख़तम होती जा रही हो और लगभग दो मिनिट तक उसकी चूत से बेहद गरम मूत्र का बहना ज़ारी रहा.

इस बाद उसका माइंड डाइवर्ट हुआ और उसने अपने भाई को रंगे हाथो पकड़ने का फ़ैसला किया .... अगर सच में निकुंज उसे पेशाब करते हुए देख रहा होगा तो फ्यूचर के कॉन्वर्सेशन का बेहतरीन टॉपिक उसे हासिल हो जाता.

ऐसा सोच कर वह सेकेंड्स में खड़ी हुई और बिना किसी देरी के पलट गयी .... कार की तरफ नज़र डालते ही उसके चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी .... वाकयि उसकी दुआ कूबुल हुई थी और उसका भाई झाड़ियों की तरफ ऐसे घूरता पकड़ा गया जैसे आज के बाद उसकी आँखें काम करना ही बंद कर देंगी.

निकुंज के लिए यह बहुत बड़ा झटका था और सकपकाते हुए उसने अपना चेहरा नीचे झुका लिया .... हड़बड़ी में उसने अपना हाथ अपनी शॉर्ट्स से बाहर खीचा और निक्की कुछ ही पलो में कार के अंदर आ गयी.

" ओह गॉड भाई !!! बहुत ज़्यादा प्रेशर था " ...... वह मुस्कुराते हुए बोली .... निकुंज तो पहले से ही अपना सर झुकाए बैठा था लेकिन अब तक उसका लंड झटके मार रहा
jalwanashi
 

Nevil singh

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" भाई एक बात पूच्छू ? " ...... निक्की ने जान कर अपना हाथ उसकी जाँघ पर रख दिया .... अब उसकी बारी थी अपने भाई को तड़पाने की.

" ह .. हां श्योर " ...... निकुंज की आवाज़ में ज़रा भी दम नही बचा था और वह शूकर मनाने लगा कि निक्की अपने हाथ को जल्द से जल्द उसकी जाँघ से हटा ले वरना शॉर्ट्स के अंदर उसका लंड कभी शांत नही हो पाएगा.

" भाई !!! अब तो आप नॉर्मल हो ना " ...... निक्की ने यह बात अपने भाई के तंबू को देखते हुए कही ... जो उसके शॉर्ट्स से करीबन 6 इंच ऊपर की तरफ निकला हुआ था लेकिन इसके बाद तो जैसे उसकी आँखें अपने भाई के लंड की विकरालता पर चिपकी रह गयी.

" माइंड मत करना निक्की .. मजबूर मर्द हूँ " ...... यह कहते वक़्त निकुंज बेहद शर्मसार हो रहा था .... उसकी लगाई आग अब उसे ही जलन दे रही थी मगर निक्की पर तो मानो उसकी बात का कोई असर नही पड़ा .... वह सर्प्राइज़्ड होकर अपने होश खो चुकी थी.

" ऐसे मत देख निक्की .. मैं और सह नही पाउन्गा " ...... निकुंज रुवासा होकर बोला और अपने भाई की गमगीन आवाज़ सुनकर निक्की वर्तमान में लौट आई ....... " क्या लंड ऐसा होता है ? " ....... किसी वर्जिन लड़की के लिए यह द्रश्य कितना कौतूहल से भरा होता होगा .... अभी निक्की से बेहतर कौन जान सकता है.

" डोंट वरी भाई !!! मैं समझ सकती हूँ .. आप प्लज़्ज़्ज़ परेशान मत हो " ....... निक्की ने स्लो वाय्स में कहा .... वह चाहती तो अपने भाई को सच में रुला सकती थी और इसके लिए उसके पास बहुत सी बातें थी लेकिन उसके दिल में निकुंज के लिए नफ़रत कम ... प्यार ज़्यादा था.

कुछ देर तक उनकी कार में एक दम सन्नाटा छाया रहा लेकिन निक्की अपनी चोर नज़र अपने भाई के तंबू पर गढ़ाने से खुद को रोक नही पा रही थी ... उसके दिमाग़ के सारे तार धीरे धीरे वापस उसकी चूत से जुड़ते जा रहे थे और अब उसकी आँखों में नशीलापन तैरने लगा था.

ज़ाहिर था अब उसकी इक्षा अपने भाई के लंड को वास्तविकता में देखने की हो रही थी और जिगयसावस कि उसके भाई का लंड हक़ीकत में कैसा होगा .... सोचते ही उसकी चूत में सुरसुरी उठने लगी.

" क्या करूँ .. क्या करू ? " ....... निक्की को इस बात का कोई हल नही मिल पा रहा था कि कैसे वह निकुंज से उसका शॉर्ट्स उतरवाए और उसका हाथ जो अब तक उसने अपने भाई की जाँघ पर रखा हुआ था .... उसकी उंगलियाँ मचल रही थी उसका विशाल लंड छुने को.

अचानक से निक्की के होंठ मुस्कुराने लगे .... शायद उसे सल्यूशन मिल गया था ...... " भाई आप चाहो तो मास्टरबेट कर लो .. आप को रिलॅक्स मिल जाएगा "
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Nevil singh

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अचानक से निक्की के होंठ मुस्कुराने लगे .... शायद उसे सल्यूशन मिल गया था ...... " भाई आप चाहो तो मास्टरबेट कर लो .. आप को रिलॅक्स मिल जाएगा "

अपनी सग़ी छोटी बहेन के यह लफ्ज़ कान में सुनाई पड़ते ही निकुंज ने फटी आँखों से निक्की को देखा .... अभी उसने जो कुछ भी सुना, उसे अपने कानो पर यकीन नही हो रहा था ....... " मेरी बहेन मुझे मूठ मारने की सलाह दे रही है " ....... सोचने मात्र से ही उसके कठोर लंड ने कयि झटके खाए और इससे उसके शॉर्ट्स के ऊपर ज़ोरो की हलचल होने लगी.

" भाई क्या हुआ ? " ....... निकुंज की शॉर्ट्स में बने तंबू को अचानक से और भी ज़्यादा टांट देख निक्की की निगाहें हैरत से खुलने, बंद होने लगी .... कुछ देर तक उसने अपनी पैनी नज़र उस तंबू की विशालता पर गढ़ाए रखी और फिर निकुंज के बनते बिगड़ते चेहरे की तरफ देखा ...... " भाई आप तकलीफ़ में हो, मास्टरबेट कर लोगे तो आराम मिलेगा " ....... जाने क्यों यह बात कहते वक़्त निक्की की टांगे आपस में रगड़ खा रही थी या शायद उस कुँवारी अनियंत्रित लड़की की चूत मे खुजली मचने लगी होगी.

बीते पिच्छले 24 घंटों में निक्की ने क्या कुछ महसूस नही किया .... वह अपनी जवानी के फुल शबाब पर थी लेकिन अपनी उमर की अन्य लड़कियों से बिल्कुल अलग और आज पहली बार उसे लग रहा था .... उसने अपनी जवानी को सहेजकर, उसे केवल बर्बाद ही किया है .... जिन बातों को कल तक वह बिल्कुल ऑर्डिनरी वे में लेती थी आज उसे यह नये एहसाह बेहद रोमांचित कर रहे थे.

चूचियों के मसले जाने का मज़ा .... हल्की फुल्की अश्लील बातें .... खुले आसमान के नीचे नंगी होना .... एक जवान मर्द को अपने नाज़ुक अंग दिखा कर उत्तेजित करना और सबसे बड़ा एग्ज़ाइट्मेंट .... इन सारी हरकतों में मेल इन्वॉल्व्मेंट उसके सगे भाई निकुंज का था और जो कभी उसने अपने सपनो में भी नही सोचा होगा.

" न .... नही निक्की !!! मैं भला तेरे सामने, ऐसा कैसे .. नही मुझसे नही होगा " ...... निकुंज झेन्प्ते हुए बोला लेकिन उसके इस कथन से निक्की खुश हुई क्यों कि उसके भाई का इशारा अपनी बहेन की तरफ था और यदि कार में निक्की की मौजूदगी का इश्यू नही होता .... तो वह मास्टरबेट करने को अग्री हो जाता.

" क्यों भाई !!! क्या मेरे सामने करने से आप को कोई तकलीफ़ होगी ? " ...... निक्की ने नॉटी स्माइल देते हुए पूछा, वह जानती थी कि यह सारा कमाल उसके नंगे बदन का है जो उसके भाई की इस कदर बुरी हालत हो गयी और इस बात के लिए उसे खुद पर काफ़ी प्राउड भी फील हो रहा था लेकिन वह ऐसे शो कर रही जैसे यह कोई नॉर्मल टॉपिक हो.

" नही मैं नही कर सकता " ..... निकुंज ने बेहद लो वाय्स में कहा .... उसके लिए तो यह सिचुयेशन मरने से भी कयि गुना ज़्यादा पीड़ा - दाई हो चली थी .... पहले निक्की ने उसे पेशाब करते देख पकड़ा था और अब अपनी बहेन के सामने मूठ मारना .... वह कंट्रोल करने की जितनी कोशिश कर रहा था, उसके लंड में उतना ही तनाव बढ़ता जा रहा था
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Nevil singh

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काफ़ी देर तक निकुंज की ना नुकुर से निक्की तंग गयी ...... " भाई मुझसे कैसा शरमाना .. आप मुझे सूसू करते हुए देख रहे थे ना ? " ...... इतना कह कर वह थोड़ा रुकी और अपनी चढ़ती सांसो को काबू में किया ..... " मगर मैने आप को पकड़ने के बाद भी कोई शिकायत नही की, तो अब शरमाओ मत और जल्दी से कर डालो .. मैं जानती हूँ आप को बहुत मज़ा आएगा "

अपनी भोली भली बहेन के मूँह से निकली यह बात सुनते ही निकुंज का लंड लोहे की रोड बन गया .... उसने आश्चर्य से एक नज़र निक्की को देखा जो बेहद जिग्यासा से भरी, एक टक उसके बड़े से तंबू को निहार रही थी .... अपने भाई के लंड के अचंभित उभार पर तो मानो उसकी ललचाई आँखें पालक झपकना ही भूल चुकी थी.

निकुंज से रहा नही गया और अपनी गर्दन खिड़की से बाहर घुमा ली .... वह सोचने लगा ........ " यह निक्की को आज क्या हो गया है .. इतनी बेशरम तो वह कभी ना थी लेकिन आज तो यह एक के बाद एक नये रेकॉर्ड बनाती जा रही है "

" भाई अगर आप को शरम आ रही हो तो मैं कर दूं ? " ....... निक्की ने अपने हाथ को उसकी जाँघ से उसके गुप्ताँग की तरफ बढ़ाते हुए पूछा.

सब कुछ इतनी तेज़ी से हो रहा था की निकुंज के लिए सम्हल पाना असंभव होने लगा, अजीब सी सनसनाहट से उसका बदन काँप रहा था .... निक्की की उंगलियों का कोमल स्पर्श उसे रोमांचित किए जा रहा था और उसमे इतनी भी शक्ति नही बची थी कि वह अपनी बहेन के बढ़ते हुए हाथ को रोक सके.

वहीं निक्की की शरारत करती उंगलियाँ उसकी जाँघ के जोड़ से थोड़ा पहले आ कर रुक गयी .... जाने क्यों लेकिन उसके हाथ का यूँ रुकना निकुंज को बिल्कुल भी अच्छा नही लगा और उसने पलट कर निक्की को देखा.

" क्या हुआ ? " ..... उसने धीमे व काँपते स्वर में अपनी बहेन से पुचछा.

" क्या हुआ ? " ...... उल्टे निक्की ने उस पर सवाल दाग दिया .... इस वक़्त उसके गुलाबी होंठों पर लज्जा लिए, हल्की मुस्कुराहट शामिल थी.

निकुंज ने अपनी आँखें बंद कर अपने दिल में उठती उस आवाज़ को दबा दिया जो उसे चिला चिल्ला कर समझा रही था कि निक्की उसकी सग़ी बहेन है और आख़िर कार इसमें जीत निकुंज के उत्तेजित शरीर की हुई .... वापस उतनी ही तेज़ी से उसने दोबारा अपनी आँखें खोल कर देखा तो पाया अब तक उसकी बहेन ने अपना हाथ उसी जगह रोक रखा था.

" प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ ......" ..... निकुंज हौले से फुसफुसाया मानो अपनी बहेन की खुशामद कर रहा हो.

अपने भाई की असहाय आवाज़ सुनकर निक्की को अंदाज़ा हो गया था कि वह क्या चाहता है और अगले ही पल उसका हाथ फिसला .... उसकी मचलती उंगलियों ने शॉर्ट्स के ऊपर से निकुंज के विशाल लंड को अपनी गिरफ़्त में क़ैद कर लिया.

"आहह........" ...... दोनो के मूँह से एक साथ आनंद भरी सिसकारी फूट पड़ी और इसके बाद ही निक्की की उंगलियों की कसावट अपने भाई के लंड के इर्द गिर्द कसती जाने लगी.

अत्यधिक खुमारी से निकुंज का बदन झन्झना उठा ... उसका लंड तो जैसे लोहे की तरह सख़्त हो गया था .... उसने अपने दोनो हाथ स्टियरिंग व्हील से हटाते हुए अपनी जाँघो पर रख लिए और फिर खुद को ढीला छोड़ कर .... अपना पूरा भार सीट पर डाल दिया.

मस्ती से सराबोर निकुंज की आँखें अब बंद होने की कगार पर पहुच चुकी थी .... निक्की के हाथ में उसका लंड जकड़ा हुआ था .... वह चाह रहा था उसकी बहेन ज़ोर ज़ोर से उसके लंड पर अपना हाथ ऊपर नीचे करे लेकिन निक्की ने तो जैसे उसे तड़पाने का मन बना लिया था.

कभी वह अपने भाई के कठोर व सख़्त लंड को अपने कोमल हाथ में ताक़त से कस लेती तो कभी ढीला छोड़ देती .... जब उसकी उंगलियों का कसाव लंड पर बढ़ता तो निकुंज का पूरा जिस्म लहरा जाता .... शायद निक्की की यह पंपिंग वह टीज़िंग थी जो बीती रात उसके भाई ने उसकी अन्छुइ चूची के साथ की थी.

अपनी बहेन की इस हरकत से निकुंज सिहर उठा .... अचानक वह पलटा और निक्की के चेहरे पर अपनी निगाह डाली .... उसकी बहेन की आँखें नशे की खुमारी से चूर चूर हो रही थीं और उसका संपूर्ण चेहरा अती उत्तेजनावश लाल हो चुका था.

अपने भाई को अपनी और हैरत भरी नज़रों से घूरता पाकर निक्की के शरारत करते हाथ वहीं रुक गये ...... " भाई कैसा लग रहा है आप को ? " ..... और यह पुच्छने के बाद उसने शर्मा कर अपनी आँखें बंद कर ली.

" ओह ...... अच्छा लग रहा है निक्की !!! करती रह .... प्लज़्ज़्ज़ अपने हाथों को मत रोकना " ...... निकुंज आहें भरते हुए बोला.

" ह्म्‍म्म !!! " ....... जवाब में निक्की ने सिर्फ़ इतना ही कहा .... फिर अपने हाथ को उसके शॉर्ट्स और अंडरवेर के अंदर एंटर करते हुए सीधे उसके लंड तक ले गयी लेकिन ज्यों ही उसकी कोमल उंगलियों ने अपने भाई का विशाल वा गरम लंड छुआ, वह बुरी तरह काँप उठी और कुछ सेकेंड्स के लिए उसकी पूरी बॉडी फ्रीज़ हो गयी .... पर जल्द ही वह अपने होश में वापस लौटी और फॉरन अपनी उंगलियाँ लंड की पहुच से दूर कर ली.
nargishi
 

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Nevil singh

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मात्र चाँद लम्हो में निकुंज ने निक्की के मन को पढ़ लिया .... वह फुल्ली श्योर था, जानता था कि उसकी बहेन एक ऐसी वर्जिन लड़की है जिसने आज तक कभी पॉर्न भी नही देखा होगा .... मर्द के नाम पर एक वही है जिसके साथ निक्की इतना आगे बढ़ी थी .... फिर ऐसे में उसकी बहेन की घबराहट लाज़मी है, आख़िर उसका लंड है ही इतना बड़ा कि किसी भी कुँवारी लड़की के मन में डर पैदा हो सकता है.

वहीं निक्की की लाइफ में किसी भी मर्द के लंड को नंगा छुने का यह पहला अवसर था .... माना अब वह काफ़ी खुल चुकी थी, जान चुकी थी की उसका भाई क्या चाहता है और वह खुद क्या चाहती है .... अंजाने डर के बावजूब भी निकुंज के लंड को देखने की उसकी इच्छा अभी अधूरी थी.

" भाई !!! अपना शॉर्ट्स उतार दो .... इसके रहने से मेरा हाथ नही चल पाएगा " ..... लंड की विकरालता की तपिश से उसकी चूत पिघल कर धीरे धीरे पानी छोड़ने लगी थी और तभी वह उसे अपनी आँखों के सामने लाना चाहती थी.

यह बात कहते वक़्त निक्की की आवाज़ में थरथराहट आ गयी, जिसे निकुंज ने सॉफ महसूस किया और उसने अपनी बहेन की आँखों में झाँका .... जिनमें वह सिर्फ़ और सिर्फ़ वासना के आती कामुक डोरे तैरते हुए देख रहा था.

आख़िर कार दोनो की आँखों का जुड़ाव ज़्यादा हो गया और कुच्छ देर तक वे यूँ ही, खामोशी से एक दूसरे की आँखों में झाँकते रहे .... निक्की के लिए अपने भाई की आँखों में देखना बहुत कठिन काम था और जल्द ही उसकी पलकें शरम से झुकती चली गयी .... इसके बाद निकुंज कुच्छ ना बोला, बस उसने अपनी कमर उचकाकर एक झटके में अपना शॉर्ट्स, अंडरवेर सहित अपने घुटनो तक सरका दिया.

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शॉर्ट्स के उतरते ही उसका मर्दाना अंग किसी फुफ्कार्ते साँप तरह लहरा उठा .... निक्की फटी आँखों से अपने भाई के विशालकाय लंड को देखने लगी, उसकी आँखें भय से पथरा गयी थी .... उसका गला उसे सूखता महसूस हुआ और उसकी बॉडी के अंदर का टेंपरेचर पहले से कहीं अधिक बढ़ गया.

" ओह भाई .. अपना शॉर्ट्स वापस पहेन लो " ........ उसने घबराकर अपनी आँखें बंद करते हुए कहा .... उसकी धीमी आवाज़ में बेहद दर शामिल था.

" क्या हुआ बेटा !!! तूने अपनी आँखें क्यों बंद कर ली ? " ....... निकुंज अपनी बहेन की हालत को बखूबी समझ रहा था और उसने बड़े प्यार से उससे पूछा .... अपनी सग़ी जवान बहेन के सामने, अपने खड़े लंड को नंगा करने के बाद तो जैसे वा बिना कुछ किए ही झड़ने की कंडीशन में पहुच चुका था.

बंद आँखों में भी निक्की तेज़ तेज़ साँसे ले रही थी मानो एक दम से उसे फीवर आ गया हो और इसे देखते हुए निकुंज ने ज़्यादा कॉन्वर्सेशन गॅप बनाना ठीक नही समझा ...... " पहले खुद कहती है .. भाई शॉर्ट्स उतार लो और जब मैने उतार लिया तब तूने अपनी आँखें बंद कर ली .. यह कहाँ तक सही है निक्की " ....... निकुंज ने उसे समझाया.

" भाई मैं नही देख पाउन्गि .. वो वो .. कितना बड़ा है " ....... आख़िर निक्की खुल कर बोल गयी और ज्यों ही उसने अपना डर अपने भाई पर ज़ाहिर किया .... निकुंज की हसी छूट पड़ी.

" अरे अब तू कोई बच्ची थोड़ी है .. अगर ऐसे ही डरेगी तो शादी कैसे कर पाएगी .. बोल ? " ....... एरॉटिक माहॉल को खुशनुमा बनाते हुए निकुंज ने उससे पूछा.

" मुझे नही करना शादी - वादी, बस आप उसे छुपा लो " ....... अपनी बहेन की मासूम बातों से निकुंज को उस पर बहुत प्यार आया और उसने झूट मूट का नाटक करते हुए उससे कहा ....... " ले छुपा लिया, ठीक है .. अब तो अपनी आँखें खोल "
sukhad
 

Nevil singh

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निक्की ने झट से अपनी आँखें खोल दी लेकिन नज़ारा सेम वही था और इससे पहले वह कुछ कहती या अपनी आँखें दोबारा से बंद कर पाती निकुंज ने फुर्ती से उसका हाथ पकड़ कर अपने खड़े लंड पर रख दिया ...... " आऐईयईईईईईई मम्मी !!! " ....... डर के मारे निक्की की चीख निकल गयी और वह अपना हाथ अपने भाई के हाथ से छुड़ाने की नाकाम कोशिश करने लगी.

" इतना क्यों घबरा रही है निक्की .. मैं क्या तेरे साथ कोई ज़ोर ज़बरदस्ती कर रहा हूँ ? " ...... निकुंज ने उसके हाथ को ताक़त से अपने लंड के इर्द गिर्द लपेटते हुए पूछा.

" भाई आप समझो .. यह पासिबल नही है " ....... निक्की ने सहमे स्वर में कहा, वह सोच बैठी थी .... जब उसकी एक उंगली उसकी छोटी सी चूत के अंदर जाकर उसे काफ़ी पेन फील करवाती है फिर यह विशाल लंड तो उसकी चूत को बुरी तरह से फाड़ कर रख देगा और अब तक के हालात देख कर वह कन्फर्म हो चुकी थी कि बात अब आगे ही बढ़ेगी.

" क्या पासिबल नही है ? " ...... निकुंज उसके हाथ से अपने लंड पर स्ट्रोक देते हुए बोला .... निक्की को लग रहा था जैसे उसके हाथ ने कोई जलती हुई रोड पकड़ रखी हो लेकिन इन सब के बीच निकुंज को जो सबसे बड़ा फ़ायदा हुआ, वह था .... उसकी बहेन अब अपनी आँखें बंद नही कर रही थी.

" क .. कुच्छ नही भाई " ........ निक्की ने शरम से लाजा कर कहा, और जवाब में वह कहती भी क्या .... उसकी सोच तो सीधे अपने भाई के साथ चुदाई तक पहुच चुकी थी.

" तू रिलॅक्स रह ... तेरी मर्ज़ी के बगैर मैं कुछ नही करूँगा " ...... निकुंज हॅपी हुआ जब उसने निक्की के चेहरे पर शरम आती देखी .... रुकी सिचुयेशन को फिर से आगे बढ़ाते हुए उसने अपने बायें हाथ से निक्की को कवर किया और ज़ोर से अपनी तरफ खींचकर, खुद के बदन से चिपका लिया .... उसके ऐसा करने से उसकी बहेन की सॉफ्ट और मुलायम चूचियाँ निकुंज की मजबूत छाति में दबी रह गयीं.

" ओह भाई .. क्या कर रहे हो आप ? " ...... निक्की सिसकी लेकिन उसकी बात में अब किसी प्रकार का कोई विरोध शामिल नही था .... निकुंज ने अपने उसी हाथ को ऊपर उठा कर निक्की का लेफ्ट बूब पकड़ लिया और फिर हौले हौले उसे दबाने लगा.

" प्यार कर रहा हूँ तुझे " ....... यह कहते हुए निकुंज ने अपना दूसरा हाथ भी अपने लंड से हटा कर इसी काम में लगा दिया और निक्की मस्ती में भरकर उसकी गोद में जा गिरी .... उसे अपने चूचियों पर अपने भाई के हाथों का स्पर्श बहुत अच्छा लग रहा था.

" ह्म्‍म्म्मम तू अब बड़ी हो गयी है " ...... निकुंज ने तेज़ी से अपना चेहरा नीचे झुकते हुए अपने होठों से निक्की के गाल और गर्दन को चूमना शुरू कर दिया .... जिससे उसकी बहेन मस्ती में कसमसाने लगी और साथ ही निकुंज के हाथों का कठोर दबाव भी उसके बूब्स पर निरंतर जारी रहा.

जल्द ही निक्की आनंद के सागर में गोते लगाने लगी, उसका बदन सिरहन से भरता जा रहा था .... उसे इतना मज़ा कभी नही आया था जितना वह अभी इस वक़्त महसूस कर रही थी .... निकुंज उसकी गर्दन को चूमते चूमते उसके जुवैसी लिप्स तक पहुच गया और फिर अपने होंठ उसके होंठों से जोड़ दिए.

" ओन्नह ....... ओन्न्नह !!! " ..... निक्की के होंठ लॉक होते ही ऐसे साउंड सुनाई देने लगे .... पहली बार उसके अनटच लिप्स को किसी मर्द ने छुआ था वह भी डाइरेक्ट अपने लिप्स से .... उसकी आँखें बंद हो चुकी थी लेकिन अपने लिप्स का ज़रा भी मूव्मेंट वह नही कर पाई थी .... अब तक ना तो उसे इसका कोई आइडिया था और ना ही कोई गाइड करने वाला मिला था इसलिए वह नही जानती थी उसे कैसे रिएक्ट करना चाहिए.

निकुंज मस्ती में चूर हो चला था .... अपनी बेहन की कसी चूचियों को मसल्ने और साथ ही उसके कोमल होंठो का रस चूसने में जिस असीम सुख का एहसास उसे हो रहा था .... उसके असर से निकुंज का लंड बेहद हार्ड हो चुका था और अब वह जल्द ही झड़ना चाहता था.

निक्की अपनी आँखें मून्दे खुद को अपने भाई के हवाले कर चुकी थी .... हलाकी निकुंज की देखा देखी अब उसके लिप्स भी हिलने लगे थे लेकिन जिस स्पीड से उसका भाई उसके होंठ चूस रहा था, वह उसमें अभी काफ़ी पिछे थी .... उसे बहुत कुछ सीखना अभी बाकी था.
mohak.
 

Nevil singh

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निकुंज ने उसके नीचे वाले होंठ को भी चूसना शुरू कर दिया .... उसकी बहेन की चूचियाँ फूल कर उसके हाथों में नही समा पा रही थी .... फॉरन वह जान गया, निक्की पूर्णरूप से उसके बस में आ चुकी है और अब उसे अपने लंड के बारे में सोचना चाहिए.

" निक्की !!! " ..... निकुंज ने उसके बूब्स मसलना छोड़ दिए और अपनी उंगली से उसके गीले होंठ छुते हुए बोला ...... " एक बात कहूँ .. बुरा तो नही मानेगी ? " ...... उसकी वाय्स में रिक्वेसटिंग भाव थे.

सब कुछ सामान्य होते ही निक्की ने अपनी आँखें खोल दी और अपने भाई के चेहरे को देखने लगी ...... " बोलो भाई !!! आप की किसी भी बात का मुझे बुरा नही लगेगा " ....... आख़िर निकुंज ने आज उसे इतना मज़ा दिलवाया था, जिसकी कभी उसने कल्पना भी नही की थी .... फिर वह हां कैसे ना करती और अब वाह अपनी चोर नज़रों का दोबारा इस्तेमाल करने लगी थी निकुंज का लंड देखने के लिए.

निकुंज अपनी उंगलियों से उसके होंठों को दबाते हुए सोचने लगा .... उसकी हिम्मत नही हो रही थी, कैसे वह निक्की के सामने अपनी इच्छा ज़ाहिर करे .... बात ही कुछ ऐसी थी जिसे सोच सोच कर उसके पसीने छूट रहे थे.

वह अपनी बहेन से ब्लोवजोब चाहता था .... वह चाहता था, उसकी मोम की तरह उसकी बेहन भी अपने गरम होंठों से उसके मर्दाने अंग को प्यार करे .... उसका लंड बहुत ज़्यादा सख़्त हो चुका था और जिसे अब वह निक्की के मूँह से चुस्वा कर शांत करवाना चाहता था .... लेकिन निकुंज के लिए यह सोचना जितना आसान काम था, कहना उतना ही मुश्किल.

" क्या हुआ भाई ? " ...... निक्की ने अपने भाई को खामोश देखकर पूछा ..... " आप बोलो तो सही !!! मैं आप की किसी भी बात का बुरा नही मानूँगी " ....... उसने अपनी बात दोहराई.

निक्की का पॉज़िटिव रिक्षन देखने के बाद निकुंज ने साहस कर के .... अपने धड़कते दिल के साथ अपना मूँह खोला ....... " म .. मुझे ब्लोवजोब देगी ? "

इसके बाद तो जैसे कार में सन्नाटा छा गया .... निक्की कोई दूध पीती बच्ची तो थी नही जिसे ब्लोवजोब का मतलब पता नही होता लेकिन उसने खुद पर काबू किया ...... " ब्लोवजोब क्या होता है भाई ? " ...... वह बड़ी मासूमियत से बोली जबकि उसकी चढ़ती सासे .... उसके झूठ को सॉफ बयान कर रही थी.

वहीं अब निकुंज की हालत और ज़्यादा खराब होने लगी कि कैसे वह अपनी बहेन को ब्लोवजोब का मीनिंग समझाए .... वह बेचैनी से खिड़की के बाहर देखने लगा और फिर धीरे से फुसफुसाया ...... " मेरा लंड चूसेगी ? " ...... इतना कहने के बाद वह चुप हो गया और उसकी आँखें शरमिंदा होकर खुद ब खुद बंद हो गयी .... शायद उसकी हिम्मत जवाब दे चुकी थी.

अपने भाई के मूँह से ऐसी अश्लील बात सुनकर निक्की का शरम से बुरा हाल था .... उसने अपने भाई के चेहरे को देखा, वह अपनी आँखें मून्दे पड़ा था .... फिर निक्की की लस्टी आँखें निकुंज के विशाल लंड पर पहुच गयी और इस बार उसे अपने भाई का लंड पहले से कहीं ज़्यादा भायानकर दिखाई दिया .... लंड की नसो को देख कर लग रहा था जैसे वह अभी फटने वाला हो और मोटा मिज़ाइल जैसा गुलाबी टॉप लगातार गाढ़ा लिक्विड बाहर उगल रहा था .... सच तो यह था, निक्की की चूत भी इतना पानी छोड़ रही थी कि बॉटल भर जाए.

" क्या यह सच में रियल है .. क्या मैं इसे चूस पाउन्गि ? " ....... उसने लंड की विशाल लंबाई और भयानक मोटाई देखते हुए अपने मन में सोचा .... निकुंज की बातों को याद करके निक्की के शरीर में वासना, मस्ती बनकर दौड़ रही थी .... उसके होंठ स्वतः ही खुलने की कोशिश करने लगे और जल्द ही वह अपने भाई की कमर पर झुकती चली गयी.

निकुंज की आँखें तो बंद थी लेकिन ज्यों ही उसने निक्की की गरम साँसें अपने लंड के सुपाडे पर महसूस की वह खुद एग्ज़ाइट्मेंट और उत्तेजना में गहरी साँसें लेने लगा .... निक्की अपने भाई के लंड से उठती मादक मर्दाना सुगंध सूंघ सूंघ कर पागल हुई जा रही थी ........ " इतनी भी बुरा नही है " ........ यह सोचते हुए वह अपने कंट्रोल से, आपे से बाहर हो गयी और अती कामुकतावश उसके सुपाडे पर एक छोटा सा किस कर दिया.

" अहह " ....... झट से निकुंज की बंद आँखें खुल गयी .... उसने देखा निक्की उसके विकराल लंड को बेहद नशीली आँखों से घुरती हुई, अपने सॉफ्ट और जुवैसी लिप्स पर अपनी जीभ घुमा रही है और यह सीन देखकर निकुंज की नसे फडक उठी.

" प्लज़्ज़्ज़ ... निक्की इसे अपने मूँह के अंदर लेकर चूस .. इसे अपने होंठो से प्यार कर .. मैं बहुत बेचैन हूँ " ......... निकुंज एक कराह ले कर बोला.

अपने सगे भाई के मूँह से उसके लंड को चूसने और होंठो से प्यार करने की बात सुनकर निक्की की आँखें भारी होने लगी .... एक नशा, एक सनक उस पर सवार हो गयी .... अपने आप उसके लिप्स खुले या पूरी शक्ति के साथ फट पड़े और अगले ही पल निकुंज का गीला छोटे सेब जैसा सुपाड़ा, निक्की के गरम व मुलायम होंठो के घेरे में क़ैद हो गया.

"ऊओह.....!!! निक्की चूस बेटा " ........ निकुंज के मूँह से लंबी आह निकली और वह अपना एक हाथ अपनी बहेन के सर पर रखकर, उसके सिल्की बाल सहलाने लगा ..... साथ ही साथ अपने दूसरे हाथ से उसकी राइट चूची पकड़ ली और ज़ोरों से मसल्ने लगा.

निकुंज का मर्दाना अंग अपने मूँह के अंदर लेते ही निक्की की आँखें मस्ती से बंद हो गयी .... उसे एक अजीब सा नशा होने लगा .... जाने क्या बात थी लेकिन उसे एक अलग ही आनंद का अनुभव हुआ और जो अब तक उसने कभी महसूस नही किया था .... वह पूरी तरह से अपने भाई के आगे समर्पित होती चली गयी.
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Nevil singh

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लंड की विशालता के सामने निक्की अभी कोरी युवती थी, यह उसका पहला मौका था लंड नामक वास्तु को देखने का, इतने करीब से महसूस करने का .... वह अपने नरम होंठो से सुपाडे को चूसने तो लगी लेकिन अनुभवहीन, उसे ज़्यादा कुछ समझ नही आ रहा था, कि उसे क्या करना चाहिए .... वहीं निकुंज भी सब जानते हुए अपनी बहेन को प्रेशराइज्ड़ नही सकता था, बस उसे खुशी इस बात की थी .... निक्की ने उसकी फर्माहिश को क़ुबूल किया था.

निकुंज बारी बारी निक्की की दोनो चूचियों का मंथन करता रहा और हौले हौले अपनी कमर को ऊपर नीचे करते हुए, अपने विशालकाय लंड से अपनी बहेन का छोटा सा मूँह चोदने लगा .... लेकिन उत्तेजना एक ऐसी चीज़ है जिसके आगे युवा तो क्या बड़े - बूढ़े भी पस्त हो जाया करते हैं.

एका एक निकुंज की कमर ज़्यादा उच्छल गयी और उसका मोटा लंड लगभग आधा निक्की के मूँह में चला गया ....... " उफफफफफफफफ्फ़ निक्की ....... कितना टाइट मूँह है तेरा " ..... जहाँ एक और निकुंज को अत्यंत मज़ा आया वहीं निक्की ने बुरी तरह चौंक होकर .... अपना सर ऊपर उठा लिया.

" ओल्ल्ल्ल्लुप .... भाई !!! जान लोगे क्या मेरी " ...... अकबकाई लेती हुई निक्की अपनी सीट पर सीधी हो कर बैठ गयी और उसने अपने भाई से शिकायत की .... उसके होंठ और चिन थूक से भीगे हुए थे, वह बहुत तेज़ साँसें ले रही थी.

" सॉरी सॉरी .. मैं कंट्रोल नही कर पाया था निक्की " ...... निकुंज ने जवाब दिया मगर उसके मन में टीस उत्पन्न होने लगी थी, वा चाहता था निक्की अभी थोड़ी देर और उसका लंड चूसे, उसे झाड़वा दे लेकिन वह सॉफ लफ़ज़ो में कह नही सका.

" आप का ये मॉन्स्टर .. भाई इसे चूसना बहुत मुश्किल काम है " ...... निक्की ने साइज़ इश्यू को लेकर कहा ...... " ऐसा भी नही नामुमकिन हो बट अभी आप समझो " ...... उसने शरारत भरे अंदाज़ में दो अरथी बात कर दी.

उसका इशारा साफ था, वह अभी अपने आप को इस काबिल नही कर पाई है कि अपने भाई का विकराल लंड अच्छे से चूस सके लेकिन फ्यूचर में वह इस नामुमकिन शब्द को मुमकिन में ज़रूर बदलेगी और निकुंज भी उसकी बात फॉरन समझ गया.

" चल ठीक है निक्की !!! मुझे इंतज़ार रहेगा इस मुश्किल के मुमकिन होने का " ...... वह मुकुराया और निक्की के गाल शरम से लाल होने लगे ... अब वे दोनो भाई बेहन पूर्ण रूप से प्रेमी जोड़े में तब्दील हो चुके थे.

इसके बाद निकुंज ने अपना हाथ अपने लंड के इर्द गिर्द कस लिया और बेहद कठोरता से मूठ मारने लगा .... निक्की आश्चर्यवश अपना मूँह फाडे, अपने भाई की गतिविधि देख रही थी .... कैसे उसका भाई अपने हाथ की कलाई बराबर मोटा लंड, उसी कलाई से ऊपर नीचे कर रहा है और इसके परिणामस्वरूप निक्की की चूत में अथाह पेन उठने लगा.

जल्द ही वह मौका आया, जब निकुंज की टांगे ऐंठने लगी और वह आहें भरने लगा .... निक्की भी समझ गयी उसके भाई के लंड से ईजॅक्युलेशन होने वाला है और उससे रहा नही गया .... वह बिना किसी मंज़ूरी के, जिग्यसावश निकुंज के लंड पर झुक कर .... उसके बेहद करीब आ गयी.

" भाई अभी वाइट लिक्विड निकलेगा ना ? " ...... उत्सुकता में निक्की का पूच्छना हुआ और तभी एक बड़ी आह के साथ निकुंज का सूजा सुपाड़ा रस की लंबी लंबी फुहारें छोड़ने लगा .... जो लंड के ठीक सामने बैठी निक्की के चेहरे को भिगोने लगा.

बेहद गरम और गाढ़े पानी की दो फुहार अपने चेहरे पर झेलने के तुरंत बाद निक्क ने हड़बड़ा कर ऊपर उठना चाहा लेकिन ठीक उसी वक़्त निकुंज चीखा ..... " आअहह...... न .. निक्की प्लज़्ज़्ज़ एक बार चूस इसे " ...... निकुंज की सिसकारी छूट गयी

सब कुछ इतने जल्दी हुआ कि निक्की सम्हल नही पाई और उसने अपने होंठो से वीर्य उगलता सुपाड़ा चूसना शुरू कर दिया .... कुछ ऐसी ही स्मेल उसे महसूस हुई, जैसी उसके भाई के पसीने से भरे बदन से आती है.
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