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Incest पापी परिवार

Nevil singh

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" ह्म्म .... ह्म्‍म्म्ममम !!! " ...... निक्की के होंठो के साथ उसकी जीभ भी सुपाडे पर लहराने लगी .... निकुंज के आनंद का तो कोई ठिकाना ही नही रहा, वह अपनी कमर को हिलने से रोक नही पा रहा था और उसके सुपाडे से बाहर निकलते वीर्य से उसकी बहेन का मूँह भरने लगा .... लेकिन निकुंज को कुछ भी कहने की ज़रूरत महसूस नही हुई और उसे निक्की के गले से ' गलल गलल ' की आवाज़ें सुनाई देने लगी.

" ओह .. हां ह्म्‍म्म्मममम " ....... जल्द ही निकुंज के लंड से वीर्य का असीम विस्फोट रुक हो गया और उसके लंड का तनाव भी धीरे धीरे कम होने लगा .... अब निक्की के छोटे से मूँह तो राहत मिल चुकी और उसने अपने सॉफ्ट होंठो की चुसाई को कठोरता में बदल दिया.

वह किसी वॅक्यूम पंप की तरह सुड़कते हुए अपने भाई के सेमी हार्ड लंड को अपने मूँह में समाने लगी .... निकुंज उसके बालो में अपनी उग्लियाँ घुमा रहा था लेकिन उसने निक्की को नही रोका बल्कि उसे बहुत अच्छा फील होने लगा था.

काफ़ी देर तक निक्की यूँ ही उसके लंड को चूस्ति रही, ढीला पड़ने के बाद उसे अपने भाई के लंड पर बेहद प्यार आ रहा था, आराम से चूस भी पा रही थी लेकिन जब उसे होश आया कि वह ईजॅक्युलेशन होने के बावजूद भी अपनी मर्ज़ी से यह कार्य करती जा रही है .... उसकी सारी खुशी, लज्जा में परिवर्तित हो गयी.

" नही नही रुक क्यों गयी .. अभी मन नही भरा हो तो ...... " ..... निक्की के मूँह से अपना लंड बाहर आते देख निकुंज ने उसे छेड़ दिया .... निक्की शरमा गयी और अपने भाई के सीने में, अपना लाल चेहरा छुपा लिया ...... " आप बहुत गंदे हो भाई .. जाने मुझसे क्या क्या करवा लिया " ...... वह लो वाय्स में फुसफुसाई.

निकुंज ने फॉरन अपना हाथ नीचे ले जाते हुए, अपनी शॉर्ट्स की पॉकेट में डाला और जिस गिफ्ट से वह अपनी बहेन को मनाने वाला था .... वह कर्ध्नी उसकी आँखों के सामने कर दी.

" यह बिल्कुल सच है निक्की !!! मैं आज बहेक गया था .. जान बूझ कर तेरे बदन से खेल रहा था लेकिन तुझसे बहुत प्यार करता हूँ और अगर तू नही चाहेगी .. मैं वादा करता हूँ, आज के बाद कभी तेरी बॉडी को टच नही करूँगा " ...... अपनी बहेन के समर्पण ने निकुंज की सारी वासना का अंत कर दिया था और अपने आप उसके होंठो से यह लफ्ज़ बाहर आ गये
mohak
 

Nevil singh

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अपने भाई की बात सुनकर निक्की रुवान्सि हो गयी लेकिन उसके यह आँसू, खुशी से भरे हुए थे ...... " भाई !!! मेरा मन और तन दोनो आप के हैं .. मैं भी आप से बहुत प्यार करती हूँ " ...... उसने अपने भाई की छाति से अपना चेहरा ऊपर उठा कर, अपने होंठ निकुंज के होंठो से जोड़ दिए.

निकुंज को इस बात से कोई आपत्ति नही हुई कि निक्की के मूँह का स्वाद उसके ही गाढ़े वीर्य से भरा हुआ है और जल्द ही वे इस कभी ना टूट सकने वाले चुंबन में खो से गये.
behtreen
 

Nevil singh

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पापी परिवार--52

सुबह 9 बजे कम्मो की नींद खुली .... आँखें खोल कर देखा तो खुद को हॉल के सोफे पर बैठा पाया .... वॉल क्लॉक पर नज़र पड़ते ही वह हड़बड़ाहट में सोफे से नीचे उतर कर फ्लोर पर खड़ी हो जाती है और फिर अपने अधखुले बालो का जूड़ा बाँध कर तेज़ कदमो से किचन की तरफ बढ़ने लगी.

" आज तो बहुत टाइम हो गया, चाइ बना लेती हूँ "

ज्यों ही वह किचन के नज़दीक पहुचती है, उसके बढ़ते कदम वहीं रुक जाते हैं .... उसके फ्रंट के ठीक सामने उसके बेटे निकुंज और बेटी निक्की का कमरा था और दोनो रूम्स के गेट खुले हुए थे.

एक पल में उसे बीता सब कुछ याद आ जाता है और उसके चेहरे के भाव गमगीन हो जाते हैं ...... " अब तक नही लौटे " ...... जाने क्यों यह शब्द कहते वक़्त उसका दिल भावुक हो गया था और फिर वह एक लंबी कराह के साथ किचन के अंदर एंटर होने लगी.

" निम्मी भी उठ गयी क्या ? " ..... अंदर जाने के लिए वह पलटी ही थी तभी उसकी आँखें फर्स्ट फ्लोर से टकरा गयी .... उसे बड़ा अचंभा हुआ जब उसने अपनी छोटी बेटी के रूम का गेट भी खुला पाया.

" क्या सभी बाहर हैं ? " ..... स्वतः ही उसकी आँखें निम्मी के रूम से हट कर, फाइनली अपने कमरे के खुले गेट पर पहुच गयी और इसके बाद वह किचन में ना जा कर सीढ़ियाँ चढ़ने लगी.

" बड़ी अजीब बात है !!! यह शैतान तो अपनी लाइफ में कभी इतनी जल्दी नही उठी होगी " ...... निम्मी के कमरे का खुला गेट क्लोज़ करने के बाद वह अपने कमरे में एंटर हो गयी और जहाँ उसे अपने बड़े बेटे रघु के अलावा दीप दिखाई नही देता है.

फॉरन उसके उदास मन में यह बात किसी खंजर की तरह चुभने लगी ...... " यदि निकुंज दो मिनिट और रुक जाता तो उसका क्या बिगड़ जाता .. वह उसके साथ पार्क जाने के लिए कितनी जल्दबाज़ी में तैयार हुई थी, यहाँ तक कि लेट हो जाने के डर से वह अपने सलवार - कमीज़ के नीचे, ब्रा और पैंटी भी नही पहन पाई थी " ...... यह सब सोचती हुई कम्मो कब बेड पर रघु के पैरो के पास बैठ जाती है, उसे ध्यान नही रह पाता.

आज वह बहुत दुखी है, उसका दिल रो रहा था " लेकिन क्यों ? " .... इसका कोई जवाब उसके पास मौजूद नही .... निकुंज के साथ पार्क ना जा पाने का गम उसे इतना क्यों सता रहा है, क्यों वह इतनी छोटी सी बात को लेकर उदास है ....... " ऐसा क्या जादू कर दिया है तूने अपनी मा पर निकुंज .. जो मैं तेरे लिए इतनी बेचैन हो गयी हूँ ? " .... कम्मो ने खुद से सवाल किया और जल्द ही इसका जवाब उसके खुश्क होंठो पर शर्माहट ला गया.
nice
 

Nevil singh

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होटेल वाली घटना भले ही निकुंज भूल सकता हो लेकिन कम्मो के इस नये जीवन की सारी उथल पुथल ... सारी बेचैनी ... सारी सोच का आगाज़ वहीं से शुरू हुआ था.

" लेकिन क्यों ? " ...... इसका जवाब उसे, उसकी टाँगो की जड़ में उठते पेन ने दे दिया.

ज़ाहिर था वह अपने माइंड में अपने बेटे के विशाल लंड को इमॅजिन करने लगी थी और ठीक उसी पल उसकी बॉडी उन्माद से काँप उठी .... खुद ब खुद उसके हाथो ने बिना ब्रा की अपनी मोटी चूचियों को कठोरता से मसलना शुरू कर दिया.

" ओह !!! " ...... सिसकारी लेती कम्मो के होंठ फटने लगे, जैसे अपने बेटे का विशाल लंड वह पूरा अपने मूँह में निगलना चाहती हो और उसकी इस कोशिश में जल्द ही उसकी कामुक आँखें बंद होने की कगार पर पहुचने लगती हैं .... उसका हाथ तेज़ी से नीचे फिसलता हुआ उसकी गीली चूत से टच होता है और फॉरन झटके से वह अपनी बंद होती आँखें खोल देती है.

मात्र 15 से 20 सेकेंड्स में ही वह बेहद उत्तेजित हो उठी थी, अब भी उसकी आँखों के सामने वह सीन ज्यों का त्यों चल रहा था .... जिसमे वह अपने बेटे के मर्दाने अंग का स्वादिष्ट स्वाद चख रही थी और जब उसे अपनी सिचुयेशन का ख़याल आता है .... वह शरम से सराबोर अपना हाथ, अपनी रस छोड़ती चूत से हटा लेती है.

" मैं निकुंज को बहुत प्यार करती हूँ और अब उसके बगैर जी नही पाउन्गि " ...... वह मान लेती है, उसकी बेचैनी की असल वजह क्या है और इसके बाद उसकी नज़र बेड पर सोते अपने बड़े बेटे रघु के चेहरे पर टिक जाती हैं.

" निकुंज !!! " ....... हैरत वश उसका मूँह खुला रहा जाता है जब रघु की सूरत में वह निकुंज का अक्स देखती है और कामोत्तजना का जो ज्वर शांत हो चुका था, वह वापस आग पकड़ने में ज़रा भी वक़्त नही लेता.

कम्मो बेड पर अपने बेटे के पॅरलेल लेट चुकी थी और बड़े प्यार से उसके बालो में अपनी उंगलियाँ चलाने लगती है .... उसे महसूस होता है निकुंज उसके बेहद करीब है और वह बेतहाशा उसके चेहरे को चूमने लग जाती है.

कुछ देर बाद ही उसका हाथ रेंगता हुआ रघु के ढीले लंड को पाजामे के ऊपर से अपनी मुट्ठी में कस चुका था और इससे कम्मो की चूत में वाइब्रेशन होने लगता है .... उसका होश में लौट आना और दोबारा अपने होश खो देना, उसके विचलित मन की पीड़ा ज़ाहिर कर रहा था ........ " निकुंज !!! अब अपनी मा को अकेला छोड़ कर कभी दूर मत जाना "

वह नागिन की तरह बल खाती हुई अपने बेटे के पेट तक पहुच जाती है और उसी तेज़ी से उसके हाथ रघु का पाजामा नीचे खीच देते हैं लेकिन ज्यों ही उसका सामना बेटे की मर्दानी झान्टो से होता है, कम्मो का मूँह आश्चर्य से खुल जाता है.

" रघु !!! " ...... एक चीख के साथ पूरा कमरा गूँज उठा .... कम्मो ने फॉरन अपनी आँखें रघु के ढीले लंड से हटानी चाही लेकिन वह इसमें पूरी तरह से नाकाम रही, उसका दिल उसे झकझोरने लगा ...... " यह निकुंज नही रघु है " ...... परंतु इसे कम्मो का पापी पुत्रप्रेम कहें या कुछ और .... वह इस बात में ज़रा भी अंतर ना कर सकी और अपने काँपते हाथ से उसने रघु का निर्जीव लंड पकड़ लिया.

कम्मो के जिस्म में झटके लग रहे थे और उसके दिमाग़ में उसकी दोस्त नीमा की बातें घूमने लगती हैं ...... " कम्मो !!! अपने बेटे के लंड से मुझे बहुत प्यार है और उस वक़्त मैं बहुत बेचैन हो जाती हूँ .. जब मुझे मेरे मनपसंद खिलोने से खेलने को नही मिलता " ...... यह बात सोचते ही कम्मो को अपनी हालत नीमा से बिल्कुल सिमिलर जान पड़ी और उसने फ़ैसला कर लिया .... वह नीमा से इस विषय में बात करेगी.

फॉरन अपने मोबाइल से उसने नीमा का नंबर मिलाया और वापस उसी जगह आ कर बैठ गयी .... जहाँ कुछ देर पहले वह अपने बेटे का लंड पकड़ कर लेती थी.

नीमा :- " हां कम्मो बोल !!! " ..... दो ही रिंग में उसने कॉल पिक कर लिया.

" कहाँ है तू नीमा .. मुझे तुझसे मिलना है " ...... कम्मो झिझकते हुए बोलती है, उसकी वाय्स बेहद लो थी.

" वैसे तो मैं अभी वॉशरूम में हूँ .. तू कभी भी आजा " ...... नीमा ने चहकते हुए जवाब दिया, उसकी आवाज़ में एक उत्साह था और जिसे महसूस कर कम्मो को अपनी हालत पर ज़्यादा दुख होने लगा था.

कम्मो :- " वॉशरूम में मोबाइल ? " ....... उसने हैरत में भरते हुए पूछा.
Hindi
behtreen
 

Nevil singh

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नीमा :- " हां मेरी जान !!! वह विक्क आज सुबह ही अपनी बहेन के साथ, अपने नाना - नानी ये घर गया है .. तो मोबाइल की स्क्रीन पर अपने बेटे के प्यारे से लंड की फोटो देख कर अपनी चूत में उंगली कर रही हूँ ...... मुआहह " .... नीमा ने मोबाइल स्क्रीन चूमते हुए कहा .... साथ ही यह बात उसने बेहद एरॉटिक वे में कही थी और यक़ीनन कम्मो के हाथ से उसका मोबाइल छूटते छूटते बचा.

कम्मो :- " तो ..... तो क्या तू ... तू मास्टरबेट कर रही है ? " .... यह पूच्छने में तो जैसे कम्मो के प्राण ही निकलने को हो चले थे और उसकी चूत में सरसराहत मचने लगी .... फॉरन उसका भी मन हुआ जैसे नीमा फोटो में अपने बेटे के लंड को किस कर रही है, क्यों ना वह रियल में रघु के लंड को चूम ले.

नीमा :- " येस्स्स्स्स्स !!! " ..... उसकी आवाज़ ऐसी थी जैसे उसने अपनी सारी उंगलियाँ एक साथ अपनी चूत के अंदर घुसा ली हो और कम्मो इस आवाज़ को सह नही पाई .... उसने आपा खोते हुए रघु के ढीले लंड को अपने हाथ में जाकड़ लिया और बड़ी तेज़ी से उसकी नंगी कमर पर अपना चेहरा झुकाने लगी.

इसके बाद कम्मो ने कुछ ही पलो में अपने बेटे के ढीले लंड पर सैकड़ों किस करने शुरू कर दिए .... कल तक उसकी दोस्त नीमा कितनी उदास रहा करती थी और आज वह कितनी खुश है ... कम्मो को लगने लगा जैसे नीमा ही वह ज़रिया है जो उसे अपने बेटे निकुंज तक पहुचा सकता है.

नीमा :- " ओह हेलो मेडम !!! अपनी चूत में बेटे के नाम की उंगली मैं कर रही हूँ और मज़े तुझे आने लगे .. कहाँ खो गयी कम्मो ? " ...... उसने ज़ोर से हँसते हुए पूछा और उसकी यह अश्लील बात सुनकर कम्मो का चेहरा उत्तेजना व लज्जा से सुर्ख लाल हो गया .... वह बहुत गरम हो चुकी थी और अब उसका मन सिर्फ़ लंड चूमने से भर पाना बेहद मुश्किल था.

" न ..... नही नीमा .. वह मैं, ऐसे ही " ...... कम्मो से ज़्यादा कुछ ना बोला गया और उसकी लड़खड़ाती ज़ुबान ने नीमा को उसकी हालत का सही अंदाज़ा करवा दिया.

" कम ऑन यार कम्मो !!! बोर मत कर, एंजाय कर .. यह लाइफ है ना, सिर्फ़ मज़े करने के लिए है और फिर ज़िम्मेदारियों से अब हम दोनो ही मुक्त हो चुके हैं तो क्यों रोकना खुद को .. बोल अगर मैं ग़लत कह रही हूँ तो ? " ...... नीमा ने अपने नये खुश - हाल जीवन का मूल्मन्त्र कम्मो को देते हुए कहा और अपनी बात पर उसकी राय भी जाननी चाही.

" मैं .. मैं क्या बोलू नीमा, जैसा तुझे ठीक लगे " ...... कम्मो की झिझक अब तक बची थी और नीमा ने इसे महसूस भी किया.

" चल !!! आज मुझे कहीं नही जाना है और ना ही बच्चो का कोई झंझट है .. आज का सारा दिन मेरी प्यारी दोस्त कम्मो के नाम, तू कभी भी आ जा " ...... नीमा ने बड़े प्यार और विश्वास से यह बात कही, कम्मो के अलावा उसका राज़ किसी को पता नही था और तभी वह उसकी परेशानी से रूबरू होना चाह रही थी .... उसके मन के किसी कोने में यह बात ज़रूर चल रही थी, उसकी सबसे अच्छी दोस्त कम्मो की मानसिक हालत ठीक नही है.
lovely
 

Nevil singh

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" मैं 1 बजे तक आ जाउन्गि नीमा " ...... कम्मो ने इतना कहते ही कॉल कट कर दिया और अपने बेटे के जिस लंड को वह अब तक सिर्फ़ चूम रही थी .... विवश होकर उसके मोटा सुपाड़ा अपने मूँह में क़ैद कर ज़ोरों से उसे चूसने लगी.

जल्द ही ढीला संपूर्ण लंड उसके हलक तक पहुच गया, हलाकी कम्मो को उसे इस निर्जीव अवस्था में चूसने से ज़रा भी मज़ा नही मिल पा रहा था लेकिन अत्यधिक रोमांच, की एक जवान बेटे का विकराल लंड उसकी सग़ी मा चूस रही .... उसके होंठो की कठोरता और जीभ की मचलाहट का कोई अंत नही था.

जाने वह किस आनंद की प्रतीक्षा में खो सी गयी थी .... यक़ीनन वह अच्छे से जानती थी, अपने मूँह का कितना भी ज़ोर लगा कर वह रघु का लंड खड़ा नही कर पाएगी और ना ही उसमें से वीर्य बाहर निकलेगा लेकिन जो मर्दानी गंध कम्मो उसे चूस कर अपनी साँसों में फैलती महसूस कर रही थी .... बस इसी बात से उसे संतोष मिल रहा था.

जब तक उसके परिवार का कोई सदस्य घर नही लौट कर आ पाता .... वह नीमा के घर नही जा सकती थी और इसका फ़ायदा उठाते हुए कम्मो अपने घिनोने कार्य को तब तक करती रही .... जब तक उसका मन पूरी तरह से भर नही गया.

जिस तरह कोई छोटा बच्चा अपने फ़ेवरेट खिलोने से बोर होकर उससे खेलना छोड़ देता है और उसकी डिमॅंड्स बढ़ जाती हैं .... कम्मो ने भी थक हार कर अपने बेटे का ढीला लंड अपने मूँह से बाहर निकाल दिया और इसके बाद ही उसके कानो में हॉल से निकुंज और निक्की की आवाज़ सुनाई देने लगी.

वह फॉरन बेड से नीचे उतरी और रघु का पाजामा उसकी कमर पर चढ़ाने के बाद अपनी टवल लेकर सीधी बाथरूम में एंटर हो गयी.

इस वक़्त 11:30 हो रहे थे और जल्द ही वह एक नयी साड़ी पहन कर सीढ़ियाँ उतरती हुई हॉल में आ गयी .... निक्की अपने रूम में थी और निकुंज अपने रूम में .... हॉल से ही कम्मो ने उन्हे बाजार जाने की झूठी बात बताई और फिर बड़ी लालसाओं के साथ अपने घर के मेन गेट की चौखट को पार कर गयी.

घर से बाहर निकल कर कम्मो मेन रोड पर आ गयी .... जल्द ही उसने एक टॅक्सी को रोका और नीमा के घर का अड्रेस बता कर उसके अंदर बैठ गयी.

घर से बाहर निकलते वक़्त उसका मन तो खूब होता है निकुंज की एक झलक देखने को लेकिन वह ऐसा नही कर पाई थी .... हो सकता था निकुंज उसे मार्केट ड्रॉप करने की बात कह देता और वैसे भी वह झूठ बोल कर घर से निकली थी, मार्केट का तो उसे रत्ती भर भी काम नही था.

लगभग 45 मिनिट के सफ़र के दौरान कम्मो ने कयि बार सोचा ...... " क्या मैं सही कर रही हूँ ? " ...... नीमा उमर में उससे काफ़ी छोटी है और यह बात कम्मो को बहुत परेशान कर रही थी.

दोनो माँओ के झुकने की वजह या मजबूरी एक ही रही थी :-

जहाँ नीमा ने अपने बेटे विक्की की अनलिमिटेड मास्टरबेट वाली बुरी आदत को छुड़ाने के लिए उसका लंड चूसना शुरू किया था .... ताकि सॅटिस्फॅक्षन मिलने के बाद विक्की के दिमाग़ से मूठ मारने जैसा शब्द, एक टाइम ड्यूरेशन तक भुलाया जा सके और नीमा इसमें काफ़ी हद तक कामयाब भी रही थी लेकिन कब तक वह अपनी चूत में बढ़ते सैलाब को रोक पाती .... आख़िरकार उसके 6 महीने के रेग्युलर ब्लोवजोब की मेहनत रंग लाई ....... " आज वह खूब मज़े कर रही है "

वहीं कम्मो के हालात भी लगभग यही थे और अब उसे भी एंजाय करना था .... शायद यही मक़सद था जो वह नीमा की मदद लेने से खुद को रोक नही पा रही थी.

" बस यहीं उतरना है मुझे " ....... कम्मो ने टॅक्सी रुकवा कर पैसे दिए और बचे 100 कदमो की दूरी तय करने लगी .... नीमा का फ्लॅट एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के 5थ फ्लोर पर था .... जल्द ही कम्मो लिफ्ट के सहारे अपनी दोस्त के फ्लॅट के गेट पर पहुच गयी.

" मेरी जान !!! बाल्कनी से देख लिया था मैने .. आजा फटाफट " ...... कम्मो डोरबेल बजाने वाली थी और उससे पहले ही नीमा ने गेट खोल कर उसे चौंका दिया.

" नीमा !!! " ...... कम्मो ने अपने खुले मूँह पर हाथ रखते हुए कहा और इसके फॉरन बाद नीमा हँसती हुई उसके गले लग गयी.

" नही पहचान पाई ना ? " ...... नीमा ने पूछा .... उसकी मुलायम चूचियाँ कम्मो की ठोस चूचियों से दब कर रह गयी.

" ह ..हां !!! मुझे लगा, मैं किसी ग़लत घर में आ गयी हूँ " ..... कम्मो ने अपनी हैरानी ज़ाहिर करते हुए कहा, उसे साँस लेने तक में दिक्कत हो रही थी .... यक़ीनन नीमा ने ब्रा नही पहनी होगी इसलिए कम्मो को उसकी चूचियों आकार बहुत बड़ा महसूस रहा था.

" यहीं गेट पर खड़ी रहेगी या अंदर भी आएगी " ...... नीमा उसके गले से हट कर अंदर मूड गयी और उसके पीछे कम्मो भी घर में एंटर हो गयी.

" आजा !!! बैठ इधर " ..... नीमा ने उसे हॉल के सोफे पर बिठा दिया और खुद उसके ठीक सामने वाले सोफे पर बैठ गयी.
bemishaal
 

Nevil singh

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" ऐसे क्या घूर रही है कम्मो !!! रेप करेगी क्या मेरा .. क्या काम है जो विक्की दिन - रात यही करता फिरता है " ...... नीमा ने हँसते हुए कहा .... उसका इशारा सॉफ था कि उसका बेटा दिन - रात उसकी चुदाई करता रहता है और यह बात समझते ही कम्मो के गाल शरम से लाल हो उठे, वह भी तो कुछ ऐसी ही काल्पनिक लालसा लेकर अपनी दोस्त के घर आई थी.

" वाह मेरी जान !!! कल तक तो तू नॉर्मल बातें भी घंटो में समझ पाती थी और अभी मेरा इशारा एक पल में समझ गयी .. आख़िर बात क्या है, तेरे तेवर कुछ ठीक नही लग रहे मुझे ? " ...... नीमा ने उसे छेड़ते हुए पूछा .... वह जान चुकी थी कम्मो किसी बात को लेकर बहुत परेशान है और हो ना हो उसकी परेशानी का टॉपिक सेक्स से रिलेटेड ही होगा.

" नही नीमा !!! ऐसी कोई बात नही .. मैं तो बस यूँ ही तुझसे मिलने आ गयी " ...... कम्मो ने झिझकते हुए जवाब दिया .... उसके यह लफ्ज़ बेहद उदासी से भरे हुए थे और जल्द ही नीमा के दिल में घर कर गये.

" रिलॅक्स कम्मो !!! मैं तेरे लिए पानी लाती हूँ " ..... इतना कह कर नीमा ने हॉल की डिन्निंग टेबल से फ्रेश ग्लास उठाया और उसके बगल में रखे फ्रीज़र से पानी की बॉटल निकालने लगी .... हलाकी कुछ बॉटल्स उसके आइ लेवेल पर रखी हुई थी लेकिन वह झुक कर सबसे नीचे वाली बॉटल उठाने लगी.

यही कम्मो की हैरानी का मुख्य विषय था .... आज तक उसने नीमा को सिर्फ़ और सिर्फ़ साड़ी पहने देखा था और इस समय उसके ऊपरी बदन पर पतला सा ग्रीन टॉप और निच्छले बदन पर छोटी सी येल्लो पैंटी थी.

ऐसे में फ्रीज़र के बॉटम से बॉटल निकालते वक़्त नीमा का टॉप उसकी कमर पर पहुच गया और पैंटी उसकी गान्ड की दरार में फसि रह गयी .... उफफफ्फ़ क्या नज़ारा था, किसी मर्द की क्या औकात .... अपनी दोस्त की मोटी गान्ड देखकर खुद कम्मो का गला सूखने लगा और ठीक उसी टाइम नीमा ने सेम पोज़िशन में पलट कर कम्मो की तरफ देखा.

" ज़्यादा ठंडा पानी नुकसान तो नही करेगा ना ? " ...... नीमा ने पूछा .... दोनो की आँखों का कॉंटॅक्ट ऐसे टाइम हुआ जब कम्मो उसकी गान्ड को घूर कर देख रही थी और ज्यों ही नीमा पलटी .... कम्मो ने सकपकाते हुए अपना चेहरा दूसरी तरफ मोड़ लिया लेकिन तब तक नीमा के होंठ मुस्कुराने लगे थे .... सॉफ था उसने यह सब जान बूझ कर किया होगा.
kadak
 

Nevil singh

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" क्या कम्मो !!! मेरा बेटा तो मरता है ऐसे सुनहरे मौको की तलाश में और तुझे कोई इंटेरेस्ट नही .. कम से कम झूठी तारीफ ही कर दे " ....... नीमा ने पानी का ग्लास उसकी तरफ बढ़ाते हुए कहा और उसकी यह बात सुनकर कम्मो का हाथ काँपने लगा.

" क्या .. क .. कैसी तारीफ नीमा, मैं समझी नही " ...... कम्मो ने अपना थूक निगलते हुए ग्लास अपने हाथ में पकड़ लिया .... माना वह लेज़्बीयन नही थी लेकिन एक पल को उसके दिल में ज़रूर आया कि वह नीमा के नंगे चूतडो को यूँ ही देखती रहे .... उसे अपनी दोस्त का यह नया अवतार हैरानी से भरने लगा था.

नीमा के चेहरे पर वा बहुत ग्लो देख रही थी, एक दम चमचमाता चेहरा .... आवाज़ में चहक, शैतानी, कॉन्फिडेन्स, उत्साह .... कहाँ कुछ दिन पहले वह कम्मो को मुरझाई सी मिली थी और आज उसका रोम - रोम पुलकित है ...... " इतने सारे चेंजस एक साथ, वह भी मात्र 5 - 6 दिनो में .. लेकिन कैसे ? " ...... कम्मो सोचने लगी.

नीमा वापस उसी सोफे पर बैठ गयी जहाँ पहले बैठी थी .... कम्मो शांत !!! बिना कोई हलचल किए उसकी नंगी चिकनी टाँगो को देख रही थी .... शायद वह खुद की टाँगो से उसका मिलान कर रही होगी.

" अरे यही तारीफ !!! यह ड्रेस मुझ पर कैसा लग रहा है, क्या मैं हॉट और सेक्सी दिख रही हूँ कम्मो ? .... नीमा ने अपनी दोनो चिकनी जांघों पर हाथ फेरते हुए पूछा .... वह मुस्कुरा रही थी.

" हां नीमा !!! तुझे पहचान पाना मुश्किल है लेकिन " ...... इतना कह कर कम्मो चुप हो गयी, उसकी झिझक अब भी उतनी ही बरकरार है जितनी घर में आते वक़्त थी

" लेकिन क्या कम्मो ? " ..... नीमा ने दोबारा सवाल किया.

" मेरी बात का बुरा मत मानना नीमा !!! पर क्या तू अपने बच्चो के सामने भी ? " ...... कम्मो ने फिर से अपनी बात अधूरी छोड़ दी लेकिन नीमा उसका आशय समझ चुकी थी.

" उफ़फ्फ़ कामो !!! यह विक्की भी ना बड़ा शैतान है, उसका बस चले तो मुझे कपड़े ही ना पहनने दे .. कहता है उसकी मम्मी उसे नंगी सबसे अच्छी लगती है " ...... नीमा ने नॉटी वे में यह बात कह कर अपने दाँत बाहर निकाल दिए और कम्मो के हाथ से पानी का ग्लास छूटते छूटते बचा.

" न .. नीमा लेकिन स्नेहा !!! क्या उसे पता है तेरे और विक्की के बारे में .. मेरा मतलब तू ऐसे कपड़ो में, वह कोई सवाल नही करती ? " ....... कम्मो ने लजा कर पूछा .... नीमा जहाँ जहाँ, जिस जिस जगह खुद को अपने बेटे विक्की के साथ जोड़ रही थी सुनकर कम्मो के दिल में भी आ रहा था ..... " काश निकुंज भी उसके साथ ऐसा ही कुछ करता या फ्यूचर में करे "

" नही कम्मो !!! स्नेहा को कुछ पता नही .. अभी दो दिन पहले विक्की मेरे लिए यह ग्रीन टॉप और एक छोटा सा ब्लॅक हाफ़ पॅंट खरीद कर लाया था, उसने मुझे वह ड्रेस पहनने को कहा .... मैने स्नेहा के डर से उसे मना कर दिया और वह नाराज़ होकर घर से बाहर चला गया " ...... नीमा ने देखा कम्मो बड़े गौर से उसका एक - एक लफ्ज़ सुन रही है तो उसने अपनी बात ज़ारी रखी.

" फिर थोड़ी देर बाद स्नेहा घर लौट आई ... उस वक़्त मैं यूँ ही उस ड्रेस को पहेन कर मिरर के सामने खड़ी खुद को निहार रही थी .. जाने क्यों मुझे अच्छा लग रहा था, मैं शीशे में खुद को बिल्कुल भी पहचान नही पा रही थी .. एक खुशी थी मेरे चेहरे पर कि मेरा बेटा मुझे जवान और सेक्सी देखना चाहता है और तभी मेरे कमरे का गेट खुला पा कर स्नेहा मेरे कमरे के अंदर आ गयी .. उसे देख कर में घबरा गयी और खुद ब खुद मेरे कदम तेज़ी से बाथरूम की तरफ बढ़ गये .. कम्मो मैं सच में डर गयी थी, मेरी बेटी अपनी मम्मी के बारे में क्या क्या सोच रही होगी " ..... नीमा ने एक गहरी साँस लेते हुए बात को वही रोक दिया.

" आगे तो बता नीमा !!! क्यों रुक गयी " ...... कम्मो ने अधीरता से कहा, उसके चेहरे पर जिग्यासा थी.
gajab
 

Nevil singh

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" मैं बाथरूम के गेट तक भी नही पहुच पाई और स्नेहा ने मुझे रुकने को कहा, मैने फॉरन अपनी नज़रें नीचे झुका ली, मेरे पैरो तले ज़मीन खिसक चुकी थी, लग रहा था जैसे मेरी चोरी पकड़ी गयी हो लेकिन ठीक उसी वक़्त स्नेहा के मूँह से ... ' वाउ ' ... शब्द निकला ... ' मम्मी आप बहुत अच्छी लग रही हो, मुझे तो विश्वास ही नही नही हो रहा ' और यह कहते हुए स्नेहा ने दौड़ कर मुझे हग कर लिया " ..... नीमा ने मुस्कुरा कर बताया.

" तो अब स्नेहा को कोई दिक्कत नही, तुझे ऐसे कपड़ो में देखकर ? " ..... कम्मो ने पूछा.

" हां कोई दिक्कत नही कम्मो !!! बल्कि उसने मुझसे कहा, वह चाहती है मैं आज के फॅशन को समझू, कल को वह एअरहोस्टेज बन जाएगी और उसकी फील्ड में ऐसे छोटे ड्रेसस आम होंगे और तब उसे सपोर्ट मिलेगा अपनी मम्मी का .. इसके बाद कम्मो !!! मेरी बेटी ने मुझे अपने हाथो से नंगा किया, मेरे पूरे बदन की मालिश की और तो और वॅक्सिंग से मेरी बॉडी पर उगे अनचाहे बालो को भी हटाया " ..... नीमा ने सेम टोन में अपनी बात को ज़ारी रखा और कम्मो तो उसकी बातों में खो सी गयी थी.

" कम्मो !!! बचपन में जैसे मैं स्नेहा को नहलाती थी, उसने भरी जवानी में अपनी मम्मी को नहलाया मगर इस दौरान वह मेरी चूत को बहुत घूर कर देख रही थी .. मुझे शरम आ रही थी, लगा कहीं मेरी बेटी लेज़्बीयन तो नही लेकिन जल्द ही मुझे झूठा साबित करते हुए उसने मेरी बिना पर्मिशन के, मेरी चूत के बालो को भी पूरी तरह से सॉफ कर दिया और यही चीज़ उसने मेरी गान्ड के छेद के साथ की .. माना हम दोनो ही औरत हैं लेकिन कुछ रोमांच सा महसूस हो रहा था मुझे और शायद उसे भी .. इसके बाद जाने उसे क्या सनक छूटी ... ' यहीं से मैं और विक्की बाहर निकले हैं ' ... यह कहते हुए उसने मेरी चिकनी चूत पर दर्ज़नो किस किए ... ' मम्मी आप बहुत हॉट हो ' ... उसका कहना हुआ और मैं उसके चेहरे पर झड़ने लगी .. मुझे उत्तेजना में याद नही रहा, कब मेरी बेटी का सर पकड़ कर मैने अपनी रस छोड़ती चूत से सटा लिया और स्नेहा ने भी मुझे निराश नही किया ... पूरे मन से उसने अपनी मम्मी की चूत को चूसा और अपनी जीभ से चाट कर सारा पानी पी गयी " ...... नीमा का हाथ यह बात कहते वक़्त अपनी येल्लो पैंटी पर पहुच चुका था और कम्मो के सामने ही वह अपनी पैंटी में हाथ डाल कर, अपनी चूत से खेलने लगी.

कम्मो की हालात भी कुछ ऐसी ही थी, उसकी आँखें नीमा की हर्कतो को सह नही पा रही थी और उसका सारा बदन शरम व अजीब सी सिरहन से काँप रहा था.
manmohak
 

Nevil singh

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" कम्मो !!! स्नेहा ने अपनी मम्मी को झाड़वा दिया था, उसकी नज़र में तो मैं अपने पति की पतिव्रता थी, जिसे पिछले 10 महीनो से लंड नसीब नही हुआ था और फिर बात को वहीं ख़तम कर .... जैसे हमारे बीच कुछ हुआ ही ना हो, वह मुझसे लिपट गयी ... ' मम्मी खुश रहा करो, आप उदास अच्छी नही लगती ' ... इतना कह कर वह बाथरूम से बाहर चली गयी .. कम्मो !!! अब मैं आज़ाद हूँ, मेरी बेटी की तरफ से मुक्त हूँ .. विक्की और मैं जब चाहे मज़े कर लेते हैं और इन छोटे कपड़ो को उतारने या वापस पहनने में ज़्यादा वक़्त भी नही लगता " ....... नीमा ने एक लंबी आह भर कर अपनी बात को ख़तम कर दिया.

इसके बाद कुछ देर तक हॉल में सन्नाटा छाया रहा, नीमा अपनी आँखें मूंद कर अपनी चूत में उंगली कर रही कि अचानक उसने अपनी बंद आँखें खोल दी.

" रघु कैसा है .. ठीक से घर आ गया ना ? " ...... नीमा ने कम्मो से पूछा लेकिन उसका यह सवाल सुनकर कम्मो के होश ही उड़ गये.

" त .. तुझे कैसे पता नीमा !!! रघु घर पर है ? " ..... कम्मो ने शंकित भाव से उस पर दोबारा सवाल दागा.

" यह छोड़ !!! तू यह बता, जब पहली बार तेरा कॉल आया था, तब तू निकुंज के साथ पुणे में थी ना ? " ..... नीमा ने हँसते हुए पूछा, वह अब धीरे धीरे असल मुद्दे पर पहुच रही थी.

" ह .. हां नीमा !!! " ..... कम्मो की ज़ुबान लड़खड़ा गयी ..... " लेकिन .. लेकिन तुझे यह सब कैसे पता ? " ..... वह हौले से फुसफुसाई .... उसका दिल ज़ोरो से धड़कने लगा था, जो हालत कुछ देर पहले नीमा ने अपनी चोरी पकड़े जाने के डर की दर्शाई थी .... वह सेम अब कम्मो की हो गयी.

" मुझे तो सब पता है कम्मो !!! पुणे में बहुत मज़े किए तूने .. बेड पर ब्लाउस खोले लेती, उंगलियों से अपनी चूत को झदाने की नाकाम कोशिशें कर रही थी लेकिन तूने मुझसे यह बात छुपाई क्यों ? " ..... कम्मो की घबराहट को देखकर नीमा ने अंधेरे में तीर छोड़ दिया .... कम्मो को लगा जैसे उसका सारा भेद खुल चुका हो और वह रुवान्सि होने लगी.

" तू बताती क्यों नही .. तुझे यह खबरें किसने दी ? " ...... कम्मो ने अपने आँसुओ को रोकने का भरकस प्रयास किया लेकिन वे फिसल कर उसके गालो पर बहने लगे.

" अरे कम्मो !!! तू रो क्यों रही है .. निम्मी ने स्नेहा को बताया था, मोम भाई के साथ रघु भैया को लेने पुणे गयी हैं लेकिन कम्मो तू लाख छुपा .. मुझे कुछ कुछ अनुमान तो हो ही गया है तेरी उदासी का " ..... नीमा अपने सोफे से उठ कर कम्मो के बगल में बैठ गयी.

" चल अपने आँसू पोन्छ और बता मुझे .. तू निकुंज को लेकर परेशान है ना ? " ..... नीमा का पूच्छना हुआ और कम्मो उसके सीने से चिपक कर सुबकने लगी.

" हां नीमा !!! निकुंज ने मुझे बहुत दुखी किया है .. जहाँ मैने उसे नया जीवन दान दिया बदले में वह मेरी तरफ ठीक से देखता भी नही है " ..... कम्मो ने अपना चेहरा नीमा की चूचियों पर टिकाते हुए कहा और फॉरन उसे महसूस हुआ, उसकी दोस्त अब भी काफ़ी उत्तेजित है .... नीमा के तने निपल कम्मो के होंठो से टच हो रहे थे.

" देख कम्मो !!! तू मेरा राज़ जानती है और अगर तुझे भी अपने बेटे निकुंज के साथ वैसा ही कुछ करना है तो मुझसे सारी बात शेअर करनी होगी .. वादा है नीमा का, यह बात सिर्फ़ हम दोनो के बीच ही रहेगी " ..... नीमा ने कम्मो को आश्वासन देते हुए कहा और कम्मो ने भी तुरंत फ़ैसला कर लिया .... वह सिर्फ़ उसे अपने और निकुंज के बारे में बताएगी ... निक्की और उसकी पैंटी वाली घटना को वह छुपा कर रखना चाहती थी.

" ठीक है नीमा !!! लेकिन तू मेरी मदद करेगी ना ? " ...... कम्मो ने उसके बूब्स से अपना चेहरा हटाते हुए पूछा.

" ज़रूर करूँगी लेकिन पहले तू बेडरूम में चल .. बेड पर बैठ कर आराम से बात करेंगे " ..... नीमा ने सोफे से उठते हुए कहा और फिर दोनो सहेलियाँ बेडरूम की तरफ बढ़ गयी.
khubsurat
 
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