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Erotica फागुन के दिन चार

komaalrani

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फागुन के दिन चार भाग २७

मैं, गुड्डी और होटल

is on Page 325, please do read, enjoy, like and comment.
 
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komaalrani

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Congratulations Komal Madam for completion of 100 pages of your story. Just the beginning. Long way to go...min target is 500 pages of your excellent story :)

komaalrani
Thanks, Your best wishes are propelling this story, Thanks for continuous support and encouragement.
 

komaalrani

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What an intro!
Thanks, every character is important but i introduce some important characters with their persona, attitudes and attributes so readers can relate both with the body and the soul.
 

komaalrani

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Thanks so much for such an apt comment, yes game is on and will unfold with every post, just wish you to be on the ringside, thanks so much.
Super game on
 

komaalrani

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गुरु गुड़ रह गया.. और चेला चीनी...
चंदा भाभी की ट्रिक पलट के उन्हीं पे...
और सीख का रिजल्ट भी आ गया... इम्तहान पास...
रति विपरीत गाडी स्टार्ट करने के लिए थी । और गुरु को सुख तभी मिलता है जब शिष्य आगे निकल जाता है
 

komaalrani

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ओहो तो इसीलिए चंदा भाभी छनछनाई फिरती थी...
असली सांडे का तेल... रात भर मिलन का खेल....
एकदम एक तो साल दो साल में साजन से मिलन का सुख और साजन भी बस ,

और गुड्डी को भी ये दुःख मालूम था इसलिए वो आनंद के पीछे पड़ी थी, और एक बार चंदा भाभी के साथ सीख लेने पर गुड्डी के साथ की उनकी झिझक भी ख़तम हो जाती
 

komaalrani

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“किसी भी कुँवारी लड़की को पहली बार मजा नहीं आता। जो तुमने कहानियों में पढ़ा होगा, सब गलत है। मन उसका जरूर करता है, सहेलियों की बातें सुनकर, भाभी की छेड़खानी से। इसलिए। …”

ये गुरु ज्ञान तो आने वाले दिनों में आनंद बाबू के काफी काम आने वाला है.
अब ये सब बातें तो मस्तराम की कहानियां पढ़ के, जिस दुनिया में वो जीते थे वहां आनंद बाबू को मिलने वाला नहीं था।

बिन गुरु ज्ञान न होय
 
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komaalrani

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भाभी की धमकी..
अब आनंद बाबू को चमकी...
गुड्डी के साथ साथ...
उसकी माँ बहनें भी....
तो भाभी हीं चाभी हैं..
इसलिए अपनी चाभी का सही से ताली में इस्तेमाल....
और भाभी ऐसी वैसी चाभी नहीं मास्टर की है जिससे कई ताले खुलेंगे ।
 

komaalrani

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“लाला, तुम अनाड़ी भले ना हो लेकिन सीधे बहुत हो। अरे अगर तुम ऐसे किसी लौंडिया से पूछोगे तो क्या वो हाँ कहेगी? अरे बस चढ़ जाना चाहिये उसके ऊपर और जब तक वो सोचे समझे अपना खूंटा ठूंस दो उसके अन्दर…”

भोलेपन का भी इलाज भाभी को हीं करना पड़ेगा ...
अब तो नई नवेली लौंडिया को कैसे लेना है... उसके लिए भी ट्रेंड....
क्योंकि चंदा भाभी भी जानती हैं अगली रात गुड्डी के साथ क्या होने वाला है। और फिर और भी कच्ची कलियाँ है गुड्डी की बहनों सहित

और जहां तक खेली खायी प्रौढ़ा का संबंध है वो तो खुद आंनद बाबू को पटक के माँ बहन की गारी देकर देह सुख ले लेगी। इसलिए कच्ची कलियों वाला पाठ वैरी इम्पोर्टेन्ट में था और इम्तहान में आने वाला था।
 

komaalrani

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फागुन के ढेर सारे रंग आपने बिखेर दिए...
रंग-बिरंगा और और मन को इस मौसम में मादक कर देने वाला....
🙏🙏🙏🙏🙏
 

komaalrani

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उनकी चूत अभी भी एक कच्ची कली की तरह कसी थी। उन्होंने ऐसे सिकोड़ रखा था।

प्रैक्टिकल ट्रेनिंग में हर छोटी-छोटी बात का ध्यान रख रही हैं चंदा भाभी...
Perfect Role Play,
 
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