अली बाबा और चालीस चोर...और भाभी ऐसी वैसी चाभी नहीं मास्टर की है जिससे कई ताले खुलेंगे ।
अली बाबा और चालीस चोर...और भाभी ऐसी वैसी चाभी नहीं मास्टर की है जिससे कई ताले खुलेंगे ।
इसलिए इस पाठ की ट्रेनिंग अति-आवश्यक थी...क्योंकि चंदा भाभी भी जानती हैं अगली रात गुड्डी के साथ क्या होने वाला है। और फिर और भी कच्ची कलियाँ है गुड्डी की बहनों सहित
और जहां तक खेली खायी प्रौढ़ा का संबंध है वो तो खुद आंनद बाबू को पटक के माँ बहन की गारी देकर देह सुख ले लेगी। इसलिए कच्ची कलियों वाला पाठ वैरी इम्पोर्टेन्ट में था और इम्तहान में आने वाला था।
इसिलिये अपना हथियार पिजाए हुए हैं...रिश्ता इम्पोर्टेन्ट है उम्र नहीं
सास है तो एम् आई एलऍफ़ टाइप ही होगी
और साली है तो टीनेजर
एक नई साज- सज्जा के साथ...कोमल मैम
लगता है कहानी के इस संस्करण में रीत का कार्यभार गुंजा के हिस्से में आने वाला है क्योंकि गुंजा की भूमिका में बड़ोत्तरी हुई है।
सुखद अनुभव रहेगा क्योंकि मेरी व्यक्तिगत राय है कि रीत की एंट्री करन के साथ ही ज्यादा उपयुक्त है।
मुझे आपकी कशीदाकारी पर पूरा भरोसा है और बेसब्री से इंतजार भी।
टीका टिप्पणी के लिए क्षमा।
सादर
रीत की प्रीत...रीत की रीत
रीत ही जाने
अब राजदारी भी रिश्तेदारी में बदल गई है(गुंजा को साली करार दे दिया गया.. वो भी चंदा भाभी द्वारा)गूंजा गुड्डी की सहेली है और पक्की राजदार भी और सह-षड्यंत्रकारी भी, चाहे आनंद बाबू का सोते में सिंगार करने में हाथ बटाना हो या ब्रेड रोल में मिर्चे डालने में, गुड्डी की तो रात में छरछराये परपरायेगी, गूंजा के सहयोग से आनंद बाबू को सुबह ही,
" आपके उनके " में जो मिठास है वो बी ऍफ़ ऐसे शब्दों में नहीं लेकिन लगता है
पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है , जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है जो मीर ने कहा था वही हालत है,
चंदा भाभी को भी आनंद बाबू और गुड्डी के चक्कर का अंदाज लग गया, गूंजा तो राजदार है ही, लगता है बनारस से निकलते तक सब को पता चल जाएगा,
लेकिन एक बार जब अक्ल का घोड़ा दौड़ना शुरू होगा फिर तो...गुड्डी और गुंजा ने एडवांस में ही अपना बदला ले लिया,
और चंदा भाभी ने यही बात कही, " अगर इसने आपको मिर्चे वाला रोल खिलाया था तो आपको भी, "
मतलब साफ़ था, गूंजा से, तेरे जीजू बुद्धू हैं।
ये तो प्रसाद है जो सबमें बंटेगा...नहीं नहीं चंदा भाभी ने जो कल रात चार बार मलाई निकलवाई उसके बाद रिफिल कर रही हैं
अब ये रिफिल मलाई किसके अंदर जायेगी, किस रास्ते से जाएगी, इसके लिए तो अगले अपडेट का इन्तजार करना पडेगा
गुंजा, गुड्डी या कोई और बनारस वाली इस मलाई पर सबसे पहले हाथ साफ़ करती है,
सही कहा...रात के पहले भी बहुत कुछ हो जायेगा।
गुंजा अपनी मम्मी को जवाब देने लायक हो जाए कि देख मेरे जीजू .. तेरे जीजू के मुकाबले में कम नहीं...गूंजा ने इशारे में सब कुछ कह दिया, चंदा भाभी ने जीजा साली के रिश्ते पर मुहर लगा दीं, लेकिन अभी गुंजा की सहेली जो नीचे से आकर चिल्ला रही है
हाँ क्या पता स्कूल से लौटने के बाद, होली खेलने में