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फागुन के दिन चार भाग २७
मैं, गुड्डी और होटल
is on Page 325, please do read, enjoy, like and comment.
मैं, गुड्डी और होटल
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सालियों और भाभियों का तो सिर्फ चीरहरण हीं हुआ..सालियों का, भाभियों का चीर हरण हो गया, भले ही आधा तीहा ( देह से चिपकी, रंगों में भीगी, झलकौवा ब्रा और नाभि के बहुत नीचे से बाँधा गया साया और रीत की ब्रा और पजामी )
तो आनंद बाबू कैसे बचते, फिर बनारस की बालिकाएं आधे तिहे काम में विश्वास नहीं करतीं
पात्रों के बीच संवादों का योगदान..आपने मेरे मन की बात कह दी,
और सीखने सिखाने का तो मैं नहीं कह सकती, लेकिन आप और आप के कमेंट्स आते रहेंगे तो थोड़ी बातचीत होती रहेगी, कहानी के बारे में भी और कहानी लिखने के बारे में भी।
एक बार फिर से विनम्र आभार, और निवेदन की अब आते रहिएगा।
ऐसा गदराया हुश्न...अरे दूबे भाभी ऐसी भौजाई होली में मिल जाए तो बचाना चाहता भी कौन है
एक बार फिर से आभार आपके सटीक और रसीले कमेंट्स के लिए
और पद चिन्ह भी...Bilkul Mam kahani k update likhne ki wajah se jada time nahi mil pata qki work load bhi kaafi hai
Par jab bhi time milta hai meri yahi koshish rahegi ki aapki kahani k ache update yuhi padta rahu
होली ग्रुप का हीं त्योहार है...यह अध्याय भी पिछ्ले घटनाक्रम का नेक्स्ट पार्ट था । इस अध्याय मे भी आनंद साहब की रंगीन होली पांच - पांच महिलाओं के साथ जारी दिखाई गई।
रंग खेलने के बहाने थोड़ा-बहुत काम क्रीडा जारी रहा । कभी कपड़ों के ऊपर से तो कभी कपड़ों के भीतर से प्राइवेट पार्ट्स का सेंसुअल स्पर्श इन्हें मदहोशी के आलम मे ले कर गया तो वस्त्रों का चीरहरण नयनसुख का कारण बना ।
बहुत ही उम्दा लिखा है आपने कोमल जी ।
पांच - पांच जवान युवतियां , भिन्न-भिन्न उम्र , विवाहिता और अविवाहित , मैच्योर और कमसिन कलियों के साथ एक मात्र पुरुष आनंद साहब ।
इनके साथ ग्रूप सेंसुअल होली का आनंद तो उठाया जा सकता था पर ग्रूप सेक्स की संभावना नही बन सकती ।
ग्रूप सेक्स करना तराजू मे कई मेढ़क तोलने के समान के बराबर है । कभी एक मेढ़क तराजू से छिटक कर भाग जायेगा तो कभी दूसरा , तीसरा , चौथा या फिर पांचवा ।
आखिर यह कोई अमेरिकन या युरोपियन कंट्री थोड़ी न है !
दूबे भाभी , चंदा भाभी , संध्या मैडम , रीत और गुड्डी के साथ की यह इरोटिक होली आनंद साहब शायद ही कभी भूल पाए ! और शायद हम सब रीडर्स भी ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग एंड हाॅट अपडेट कोमल जी ।
और दूबे भाभी इन पलों को भूल नहीं पाएंगी....बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है अब तक किसी ने दुबे भाभी का चीर हरण नही किया है लेकिन इस बार दुबे भाभी का चीर हरण ओ ही गया
नई नवेली संध्या भाभी तो छनछनाई हुई है...बहुत ही मस्त और मजेदार अपडेट है दुबे भाभी तो आनंद के हथियार की साइज देखकर उस पर मुग्ध हो गई है अब उसने भी संध्या भाभी की तरह आनंद को पूरा निचोड़ने की सोच ली है अब तो दुबे भाभी पर भी आनंद की मोहर लगने वाली है
डी के बोस ने जो साथ दिया..बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है दुबे भाभी और चंदा भाभी दोनो का चीर हरण हो गया दुबे भाभी का तो पहली बार हुआ है
रीत की प्रीत..आनंद को बहुत ही खूबसूरत नजारा देखने को मिल रहा है वो भी रीत का जिसके लिए जान भी कम पड़ जाए रीत की मस्त रगड़ाई हो रही है रीत को भी अपनी जवानी का जलवा दिखाने में मजा आ रहा है अब देखते हैं गुड्डी के साथ क्या होता है
जोड़ियाँ बन और बिगड़ रही है...बहुत ही मजेदार और लाज़वाब मस्तियां हो रही है कभी चंदा भाभी कभी दुबे भाभी कभी रीत तो कभी गुड्डी की रगड़ाई हो रही है होली तो बहुत ही मजेदार हो रही है अब तो दुबे भाभी ने फरमान जारी कर दिया है कि सुबह तक रीत और गुड्डी चुदनी चाहिए देखते हैं आनंद क्या करता है सुसराल हो तो ऐसा जिसमे मजा ही मजा है