chodumahan
Member
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आपने सचमुच एक भव्य आवेशित और विस्तृत/विशाल अपडेट दिया है...
जिसमें लोग उन पलों में डूबने और उतराने लगते हैं...
शाजिया .. नादिया.. महक के साथ मिलकर गुड्डी ने मस्ती की एक नई परिभाषा गढ़ दी है...
आपकी यही विशेषता कि कुछ नया पेश करें .. बरबस हीं हमें खींच लाता है...
स्कूल में का खिलंदड़ापन ...
जवानी के इस मोड़ पर की मस्तियाँ.. ताजिंदगी याद रहती हैं...
और उन कुछ पलों को आप की प्रस्तुति हमें भूतकाल में ले जाकर गुदगुदा जाती है....
और बच्चों में इस तरह की प्रतियोगिता..(गाली देने में श्रेष्ठता) या अन्य खेल उनकी क्रिएटिविटी को दिखाते हैं...
"आओ बच्चो तुझे दिखाएं झांटे ९ बी वालियों की, इनकी बुर को तिलक करो ये बनी चुदवाने को,..."
इस तरह की पैरोडी... कुछ स्टडी डेस्क पर पुराने सीनियर्स द्वारा उकेरे गए कमेंट्स ...
अब तक मस्तिष्क के किसी कोने में छुपे हुए हैं...
एक अलग हीं मुस्कान बिखेर देते हैं...
और किसका मन नहीं करेगा... ऐसी सुनीतवा .. अनीतवा से मिलने को...
अब तो नहाए हुए आनंद बाबू को गुंजा नहवा के हीं छोड़ेगी... वो भी होली और प्यार के रंगों में...
और हाँ .. सचमुच के मनमोहन बाबू बन गए .. आनंद बाबू से...
गुंजा ने शाही लीची का स्वाद ले हीं लिया....
एक बार फिर से रंगों से सराबोर कर दिया आपने...
जिसमें लोग उन पलों में डूबने और उतराने लगते हैं...
शाजिया .. नादिया.. महक के साथ मिलकर गुड्डी ने मस्ती की एक नई परिभाषा गढ़ दी है...
आपकी यही विशेषता कि कुछ नया पेश करें .. बरबस हीं हमें खींच लाता है...
स्कूल में का खिलंदड़ापन ...
जवानी के इस मोड़ पर की मस्तियाँ.. ताजिंदगी याद रहती हैं...
और उन कुछ पलों को आप की प्रस्तुति हमें भूतकाल में ले जाकर गुदगुदा जाती है....
और बच्चों में इस तरह की प्रतियोगिता..(गाली देने में श्रेष्ठता) या अन्य खेल उनकी क्रिएटिविटी को दिखाते हैं...
"आओ बच्चो तुझे दिखाएं झांटे ९ बी वालियों की, इनकी बुर को तिलक करो ये बनी चुदवाने को,..."
इस तरह की पैरोडी... कुछ स्टडी डेस्क पर पुराने सीनियर्स द्वारा उकेरे गए कमेंट्स ...
अब तक मस्तिष्क के किसी कोने में छुपे हुए हैं...
एक अलग हीं मुस्कान बिखेर देते हैं...
और किसका मन नहीं करेगा... ऐसी सुनीतवा .. अनीतवा से मिलने को...
अब तो नहाए हुए आनंद बाबू को गुंजा नहवा के हीं छोड़ेगी... वो भी होली और प्यार के रंगों में...
और हाँ .. सचमुच के मनमोहन बाबू बन गए .. आनंद बाबू से...
गुंजा ने शाही लीची का स्वाद ले हीं लिया....
एक बार फिर से रंगों से सराबोर कर दिया आपने...