इन्तजार का फल मीठा होता है, जैसे मैं व्यूज और कमेंट्स का इन्तजार करती हूँ उसी तरह आनंद बाबू को भी बस सही मौके का इन्तजार है, वो टू मिनट नूडल तो हैं नहीं उन्हें कम से १५-२० मिनट फुर्सत से चाहिए, चंदा भाभी के साथ तो पूरी रात थी तो संध्या भाभी के साथ घंटा भर तो मिले, हम सब की दुआ रहेगी तो क्या पता होली की असली मिठाई खाने को मिल ही जाए।
बहुत बहुत धन्यवाद आपका सपोर्ट तीनो कहानियों पर रहता है, कोई भी आभार कम होगा , आपके कमेंट घोड़े की लगाई गयी ऐड की तरह काम करते हैं, बस इसी तरह साथ बनाये रखिये। इस कहानी में ढेर सारे नए प्रंसग जुड़ रहे हैं।