- 22,164
- 57,641
- 259
फागुन के दिन चार भाग २८ - आतंकी हमले की आशंका पृष्ठ ३३५
अपडेट पोस्टेड
पढ़िए आनंद लीजिये लाइक करें और कमेंट जरूर करें
अपडेट पोस्टेड
पढ़िए आनंद लीजिये लाइक करें और कमेंट जरूर करें
Last edited:
ये रचना हीरो प्रधान हीं है...Komal ji aapse ek request hai jis tarah se aap Heroine Pradhan rachana rachati ho usi prakar Ek rachana Hero Pradhan bhi likhiye aapki rachanayen bahut hi shandar or jandar hoti hain so please request pr thoda dhyan dijiyega
Dhanyawad
एक वास्तविक और मुकम्मल कहानी लिखने की कला...Wowww Komal ji kitna kamuk tarike se likhti ho aap. Lund maharaj jhukne ka nam hi nahi lete.
ये संध्या भाभी का "करो न" कहना किसी वियाग्रा से कम नहीं....Super erotic update. Gazab.
घर के बाहर हंगामा... घर के अंदर हंगामा...Har taraf hangama chal raha hai.
धमाका नहीं... चीखें और सिसकारियां....Sandhya bhabhi bhi koi kam nahin hai. Aage kya karna chahti hain dekhne layak hoga. Koi to dhamaka hoga.
क्या हीं गूढ़ और मर्म भरी बात बोली है...एक राइटर की व्यथा एक राइटर ही समझ सकता है लेकिन कहते हैं प्यार हो या परिंदा , दोनो को आजाद छोड़ दें । लौट आया तो तुम्हारा , ना लौटा तो तुम्हारा कभी था ही नही ।
यही बात हम रीडर्स के लिए भी कह सकते हैं ।
आप इस फोरम पर प्यार की वर्षा कर रही है । और किसी को प्यार देना सबसे बड़ा उपहार होता है और किसी का प्यार पाना सबसे बड़ा सम्मान ।
ऊपर का एक तिहाई सर्किल आधे घंटे से ऊपर तक घूमता हीं रहता था...Now a days, even I do get this msg on my lappy/mobile when I try to access it. But the verification process takes less than a min and I am able to login..
just check your internet speed...for me the verification takes very less time.
Btw, welcome back..will look forward to my story as well. Thanks.
motaalund
ये वार्तालाप और छेड़छाड़ हीं तो असली धक्कों से ज्यादा कामुक लगे...यह पुरा अपडेट अत्यंत ही कामोत्तेजक और हाॅट था । आनंद साहब खुशनसीब है जिन्हे कोक शास्त्र की शिक्षा बहुत जल्द ही प्राप्त हो गई । चंदा भाभी और संध्या भाभी ने इन्हे थ्योरी के साथ साथ प्रेक्टिकल पाठ भी पढ़ा डाला ।
ऐसा नही था कि गुड्डी , गुंजा और रीत ने इन्हे इस विषय पर कोई शिक्षा नही दी । लेकिन इनके द्वारा दिया गया अधिकतर ज्ञान ओरल मात्र था बल्कि दूबे भाभी ने भी कमोबेश ओरल शिक्षा ही दी थी ।
संध्या भाभी और आनंद के अंतरंग लम्हों के दरम्यान एक- एक एक्टिविटी न सिर्फ उत्तेजक थी बल्कि उनका उस वक्त का कन्वर्सेशन भी अत्यंत कामुक से भरपूर था । वह चाहे संध्या भाभी की ननद और उनकी जवान बेटी को लेकर हो या चाहे आनंद के परिवार की महिला सदस्यों को लेकर हो । ऐसी बातें ऐसे क्षण मे आग मे घी डालने का काम करती है ।
इस आग को और भी प्रज्वलित करने का काम किया बगल के बाथरूम से आ रही वह हाॅट सिसकारियां जो रीत और चंदा भाभी के श्रीमुख से निकल रहा था ।
यह इरोटिक लेखनी का एक और बेहतरीन अध्याय था ।
बहुत ही जबरदस्त अपडेट कोमल जी ।
आउटस्टैंडिंग , अमेजिंग एंड टू हाॅट अपडेट ।
गुंजा की चीखें भी गूंजेगी....Gunja ab gun gunayegi niche se
लोग पी के झूमते हैं..Maine Phagun ke din char pahle bhi padhi hai. Aisa lagta hai ki Sammy ke saath saath aapki lekhni ki madkta badhti ja rahi hai.Bilkul purani sharab ki tarah.