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Erotica फागुन के दिन चार

komaalrani

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फागुन के दिन चार भाग २७

मैं, गुड्डी और होटल

is on Page 325, please do read, enjoy, like and comment.
 
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Rajizexy

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सीख- संध्या भाभी की

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संध्या भाभी ने हल्का सा धक्का दिया जैसे चुमावन के समय भाभियाँ देती हैं, पर मैं पीछे हाथ कर के सम्हल गया, बाथरूम में दीवाल के सहारे बैठ गया, और भौजी मेरी गोद में। मेरा खूंटा खड़ा था वैसा ही टनटनाया और भौजी ने अपने हाथ से पकड़ के के अपनी बिल के दरवाजे पे सटाया और पूरी ताकत से बैठ गयीं।

एक तो मैंने पहले ही छँटाक भर तेल अपनी भौजी की बुरिया को पिलाया था और फिर रगड़ मसल के जो चाशनी निकली थी, धीरे धीरे कर के इंच इंच मेरा आधा से ज्यादा मूसल उनके अंदर,

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मैंने नीचे से धक्का मारने की कोशिश की पर भौजी ने इशारे से मना कर दिया वो उस मोटू मल की कड़ाई मोटाई अपनी बिल में महसूस करना चाहती थीं।

हम दोनों ने एक दूसरे को बस कस के भींच रखा था पर कमान अभी भौजी के हाथों में थी। कभी वो अपनी मोटी मोटी चूँचियाँ मेरी छाती पे रगड़ती तो कभी कस के चूमते हुए मेरे होंठों को काट लेती, जीभ अपनी मेरे मुंह में पेल देतीं। लेकिन कुछ देर में सावन के झूले की तरह, कभी वो पेंग मारती और मोटूराम अंदर और कभी मैंने पेंग मारता तो थोड़ा और घुस जाता लेकिन अगली बार वो चूतड़ उछाल के एक दो इंच बाहर निकल देतीं।गोद में बिठा के किसी को चोदने का ये एकदम अलग ही मजा था।

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एकदम एक नया ही मजा मिल रहा था, झड़ने की जल्दी न उन्हें न मुझे और वो अब समझ गयी थीं की मैं लम्बी रेस का घोडा हूँ तो



और साथ भौजी की बातें भी कभी गुड्डी के बारे में कभी उसी सबसे छोटी बहन के बारे में तो कभी गुड्डी की मम्मी के बारे में

" देख साले आज गुड्डी को पहली बार पेलोगे न तो ये ध्यान रखना, पहली बार तो ठीक है पटक के ऊपर चढ़ के टांग उठा के, लेकिन रात में दूसरी बार या फिर कभी भी, एक पोज में नहीं, थोड़ा बदल बदल के करोगे तो उसको भी ज्यादा मजा आएगा और स्साले तुझे भी। "



बात तो सही थी।


गोद में बैठा के चोदने में एक अलग ही मजा था, धक्को में वो ताकत तो नहीं थी, लेकिन बतियाने का, चेहरा देखने का चूमने चाटने का, पीठ पकड़ के अपनी ओर पुल करने का अलग ही मजा आ रहा था। कल चंदा भाभी ने ऊपर चढ़ के, पहली बार तो ऐसे ही चोदा था लेकिन बाद में समझया भी था की अगर औरत ऊपर हो तो भी मरद उसके चूतड़ को पकड़ के उसे ऊपर नीचे करके, नीचे से चूतड़ उठा उठा के धक्का मार के कंट्रोल अपने हाथ में ले सकता है लेकिन ये तरीका कच्ची उम्र की लौंडियों के लिए नहीं है उन्हें तो ऊपर चढ़ के रगड़ रगड़ के उनकी फाड़ने का मजा है क्योंकि जब वो तड़पेंगी, चिखेंगी, उनकी जब फटेगी तो दर्द से परपरायेगी वो देखने का मजा ही अलग है हाँ बहुत हुआ तो बाद में एक बार झिल्ली फट जाए तो निहुरा के।
लेकिन थोड़ी देर बाद संध्या भाभी नीचे मैं ऊपर और मैं उन्हें हचक हचक के चोद रहा था। हर धक्का बच्चेदानी पे और हर बार क्लिट भी रगड़ी जा रही थी। दोनों टाँगे उनकी मेरे कंधे पे, भौजी की हालत खराब थी लेकिन अबकी मैं रुकने वाला नहीं था।


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हम दोनों साथ साथ झड़े और एक दूसरे से चिपके पड़े रहे।



जब कुछ देर बाद साँस लेने की हालत हुयी तो भौजी मुस्करा के लेकिन शिकायत के अंदाज में बोलीं,

" इत्ता दर्द तो जब पहली बार फटी थी तब भी नहीं हुआ था। "

" और इत्ता मजा भौजी ? " मैंने भी हंस के पूछा।



" सोच भी नहीं सकती थी, लगते सीधे हो, पर हो एकदम खिलाड़ी "


हंस के मुझे गले लगा के बोलीं, फिर कचकचा के मेरे गाल काट के बोलीं,

" मस्त कलाकंद हो, एकदम देख के गपागप करने का मन करता है। अच्छा निकलो, तुम लोगो को अभी बाजार भी जाना है और शाम के पहले आजमगढ़ भी पहुंचना होगा, जो तौलिया पहन के आये थे बस उसी को पहन के एकदम दबे पाँव निकल लो, सीधे ऊपर। जब तुम सीढ़ी पे चढ़ जाओगे तो मैं निकलूंगी। "

और उन्होंने मेरा तौलिया पकड़ा दिया।



बाथरूम से निकलते ही, रीत के कमरे से खूब जोर से खिलखिलाने की आवाज आ आरही थी, मैं समझ गया उसकी सहेलियां होंगी और एक बार मैं पकड़ गया तो फिर से होली का चक्कर शुरू हो जाएगा।

इसलिए बस दबे पाँव सीढ़ी से ऊपर, जब तक मैं छत पे पहुंचा नीचे से बाथरूम से संध्या भाभी भी बस एक टॉवेल लपेटे,



कमरे में गुड्डी मेरा इंतज़ार कर रही थी और झट्ट से टॉवेल खींच के उतार दिया,



" हे ये टॉवेल चंदा भाभी की है यही छोड़ के जाना है , चोरी की आदत अच्छी नहीं। "

और झुक के बोली, आया मजा, कित्ती बार?
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Super duper 👙👠💋 Sandhya
✔️✔️✔️✔️✔️✔️
🌟🌟🌟🌟🌟
💦💦💦💦
 

komaalrani

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motaalund

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Komal ji ke liye kuch mushkil nahi hai. Pehli story me bhi is chij ki kami khali thi. Bhaiya bhabhi ke bich sex bus band kamre me bataya gya. Kuch esa scene daliye ki guddi ya anand apni ankhon se chupkar jane anjane bhabhi or bhaiya ki leela dekh le
ये तो आपने सही कहा...
लेकिन थर्ड पर्सन में नरेशन बहुत कुछ संभावनाएं पैदा कर सकता है...
क्योंकि यहाँ तो जो आनंद बाबू देख सुन सकते हैं... वही बखान कर सकते हैं...
 

motaalund

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संध्या भाभी बड़े प्यार से देवर को समझाये

आनंद बाबू कुंवारी चूत को कैसे चोदा जाए

जब किसी औरत का होता है ख़तम महीना

हचक हचक के तब लेवे बुर में लंड हसीना

चूत के अंदर खारिश की उठती है जब चुल

लम्बा मोटा लन चाहे वो सब जाती है भूल

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बंद गुलाब की कली होती है हर चूत कुँवारी

सुनो ध्यान से ऐसी चूत कैसी जाती है फाड़ी

कोमल चूतड के नीचे तकिया एक लगा के

दोनों टांगों को मोड़ के कधे पे जरा टीका के

दोनो पुतियो को चूत की उँगलि से फेलाना

बड़े चाव फ़िर अंदर तक कड़वा तेल लगाना

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वैसलीन में चुपड़ के उंगली हल्के से घुसाओ

कैंची की फाल की तरह अच्छे से फेलाओ

बाबू बहुत कड़ा और मोटा है ये तेरा सुपाड़ा

थोड़ी चिकनी करलेना आराम से घुसे तुम्हारा

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गिल्ली चूत की फाँको पे रगड़ हल्के से लौड़ा

अंदर तक पूरा घुसा देना प्यार से थोड़ा थोड़ा

पहले बार वो चीखेगी जोर से भी चिल्लाएगी

लौड़ा बाहर निकाल लो तुमसे गुहार लगाएगी

पहली बार का दर्द है यह उससे बस ये कहना

और नीचे से लड चूत में लगातर पेलते रहना

धीरे-धीरे बढ़ने लगेगी चूत में जब चिकनाई

गांड उठाउठा करवायेगी वो तुमसे तब चुदवाई

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पूरी रात रखो फिर ये लंड और चूत सटा के

पूरी रात हचक के चोदो लन पे उसे बिठा के

पूरी रात मिलकर खेलो लन व चूत का खेल

मौका मिले तो दिन में भी पटक के देना पेल
सारा सार-संक्षेप आपने कविता के माध्यम से प्रस्तुत कर दिया..
बहुत खूब...
 

motaalund

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Uffff Komal ji kitni gyan ki baten batai hain aapne nai nai chut ki seal todne ki. Jab maine first seal todi thi to ye sab gyan nahin tha koi dene ewala.
नयकी भाभी से बढ़ कर कोई नहीं... जो ऐसी ज्ञान की बातें बताए...
अब अगर आगे कोई सील खोलना हो...
तो कोमल जी के इन बातों को ध्यान में रखें...
 
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motaalund

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बहुत ही कामुक गरमागरम अपडेट है गुड्डी की 5 दिन वाली सहेली की छुट्टी हो गई अब आनंद के लिए ग्रीन सिग्नल है दोनो के बीच हुई मस्ती भरी बाते मजेदार थी लगता है गुंजा आ गई है
लाल सिग्नल हटते हीं ..
अब गाड़ी आगे बढ़ने को तैयार है...
और यही तो खासियत है... कोमल जी की... ये बातें हीं मस्ती में रोम-रोम खड़ा कर देती है... साथ में कुछ और भी...
 
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