• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica फागुन के दिन चार

Shetan

Well-Known Member
15,022
40,204
259
बनारस का रस


Teej-Chandrika-Desai.jpg



कहानी में और भी लोग आयेंगे लेकिन उनकी मुलाकात हो जायेगी। तो शुरू करते हैं बात जहां छोड़ा था। यानी भाभी की चिट्ठी की बात जिसमें मुझे बनारस से गुड्डी को साथ लाना था।


तो मैंने जल्दी से जल्दी सारी तैयारी कर डाली।

पहले तो भाभी के लिए साड़ी और साथ में जैसा उन्होंने कहा था चड्ढी, बनयान, एक गुलाबी और दूसरी स्किन कलर की लेसी, और भी। फिर मैंने सोचा की कुछ चीजें बनारस से भी ले सकते हैं। बनारस के लिए कोई सीधी गाड़ी नहीं थी इसलिए अगस्त क्रान्ति से मथुरा वहां से एक दूसरी ट्रेन से आगरा वहां से बस और फिर ट्रेन से मुगलसराय और आटो से बनारस। बड़ौदा में हम लोग एक फील्ड अटैचमेंट में थे और कह सुन के एक दो दिन पहले निकलना पॉसिबल था, पर कोई सीधी गाड़ी बनारस छोड़िये मुग़लसराय की भी उस दिन की नहीं थी जिस दिन का मेरा प्रोग्राम था इसलिए इतनी उछल कूद.

वहां मैंने एक रेस्टहाउस पहले से बुक करा रखा था। सामान वहां रखकर मैं फिर से नहा धोकर फ्रेश शेव करके तैयार हुआ। क्रीम आफ्टर शेव लोशन, परफ्यूम फ्रेश प्रेस की हुई सफेद शर्ट।

आखिर मैं सिर्फ भाभी के मायके ही नहीं बल्की,...

शाम हो गई थी। मैंने सोचा की अब इस समय रात में तो हम जा नहीं सकते तो बस एक बार आज जाकर मिल लेंगे और भाभी की भाभी के घर बस बता दूंगा की मैं आ गया हूँ। गुड्डी से मिल लूंगा और कल एकदम सुबह जाकर उसके साथ घर चला जाऊँगा। बस से दो-तीन घंटे लगते थे। रास्ते, में मैंने मिठाई भी ले ली। मुझे मालूम था की गुड्डी को गुलाब जामुन बहुत पसंद हैं।

लेकिन वहां पहुँच कर तो मेरी फूँक सरक गई।

वहां सारा सामान पैक हो रहा था। भाभी की भाभी या गुड्डी की माँ (उन्हें मैं भाभी ही कहूंगा) ने बताया की रात साढ़े आठ बजे की ट्रेन से सभी लोग कानपुर जा रहे हैं। अचानक प्रोग्राम बन गया।

अब मैं उन्हें कैसे बताऊँ की भाभी ने चिठ्ठी में क्या लिखा था और मैं क्या प्लान बनाकर आया था। मैंने मन ही मन अपने को गालियां दी और प्लानिंग कर बच्चू।


गुड्डी भी तभी कहीं बाहर से आई। फ्राक में वो कैसी लग रही थी क्या बताऊँ। मुझे देखते ही उसका चेहरा खिल गया। लेकिन मेरे चेहरे पे तो बारा बजे थे। बिना मेरे पूछे वो कहने लगी की अचानक ये प्रोग्राम बन गया की सब लोग होली में कानपुर जायेंगे। इसलिए सब जल्दी-जल्दी तैयारी करनी पड़ गई लेकिन अब सब पैकिंग हो गई है। मेरा चेहरा और लटक गया था।

हम लोग बगल के कमरे में थे।

भाभी और बाकी लोग किचेन के साथ वाले कमरे में थे। गुड्डी एक बैग में अपने कपड़े पैक कर चुकी थी। वो बिना मेरी ओर देखे हल्के-हल्के बोलने लगी- जानते हो कुछ लोग बुध्धू होते हैं और हमेशा बुध्धू ही रहते हैं, है ना। वो उठकर मेरे सामने आ गई और मेरे गाल पे एक हल्की सी चिकोटी काटकर बोलने लगी-

“अरे बुध्धू। सब लोग जा रहे हैं कानपुर मैं नहीं। मैं तुम्हारे साथ ही जाऊँगी। पूरे सात दिन के लिए, होली में तुम्हारे साथ ही रहूंगी और तुम्हारी रगड़ाई करूँगी…”

मेरे चेहरे पे तो 1200 वाट की रोशनी जगमग हो गई-


“सच्ची…” मैं खुशी से फूला नहीं समा रहा था।

“सच्ची…” और उस सारंग नयनी ने इधर-उधर देखा और झट से मुझे बाहों में भरकर एक किस्सी मेरे गालों पे ले लिया और हाथ पकड़कर उधर ले गई जहां बाकी लोग थे। मेरे कान में वो बोली-

“मम्मी को पटाने में जो मेहनत लगी है उसकी पूरी फीस लूंगी तुमसे…”
“एकदम…” मैंने भी हल्के से कहा।

किचेन में भाभी होली के लिए सामान बना रही थी। मैं उनसे कहने लगा की मैं अभी चला जाऊँगा रेस्टहाउस में रुका हूँ। कल सुबह आकर गुड्डी को ले जाऊँगा।

वो बोली

अरे ये कैसे हो सकता है। अभी तो आप रुको खाना वाना खाकर जाओ। लेकिन मैं तकल्लुफ करने लगा की नहीं भाभी आप लोगों से मुलाकात तो हो ही गई। आप लोग भी बीजी हैं। थोड़ी देर में ट्रेन भी है।

तब तक वहां एक महिला आई क्या चीज थी।
गुड्डी ने बताया की वो चन्दा भाभी हैं। बह भी यानी गुड्डी की मम्मी की ही उम्र की होंगी। लेकिन दीर्घ नितंबा, सीना भी 38डी से तो किसी हालत में कम नहीं होगा लेकिन एकदम कसा कड़ा। मैं तो देखता ही रह गया। मस्त माल और ऊपर से भी ब्लाउज़ भी उन्होंने एकदम लो-कट पहन रखा था।

मेरी ओर उन्होंने सवाल भरी निगाहों से देखा।
भाभी ने हँसकर कहा अरे बिन्नो के देवर। अभी आयें हैं और अभी कह रहे हैं की जायेंगे। मजाक में भाभी की भाभी सच में उनकी भाभी थी और जब भी मैं भैया की ससुराल जाता था, जिस तरह से गालियों से मेरा स्वागत होता था और मैं थोड़ा शर्माता था इसलिए और ज्यादा।

लेकिन चन्दा भाभी ने और जोड़ा-

“अरे तब तो हम लोगों के डबल देवर हुए तो फिर होली में देवर ऐसे सूखे सूखे चले जाएं ससुराल से ये तो सख्त नाइंसाफी है। लेकिन देवर ही हैं बिन्नो के या कुछ और तो नहीं हैं…”

“अब ये आप इन्हीं से पूछ लो ना। वैसे तो बिन्नो कहती है की ये तो उसके देवर तो हैं हीं। उसके ननद के यार भी हैं इसलिए नन्दोई का भी तो…”

भाभी को एक साथी मिल गया था।

“तो क्या बुरा है घर का माल घर में। वैसे कित्ती बड़ी है तेरी वो बहना। बिन्नो की शादी में भी तो आई थी। सारे गावं के लड़के…” चंदा भाभी ने छेड़ा।

गुड्डी ने भी मौका देखकर पाला बदल लिया और उन लोगों के साथ हो गई। “मेरे साथ की ही है, पिछले साल दसवां पास किया है

“अरे तब तो एकदम लेने लायक हो गई होगी। भैया। जल्दी ही उसका नेवान कर लो वरना जल्द ही कोई ना कोई हाथ साफ कर देगा दबवाने वबवाने तो लगी होगी। है न। हम लोगों से क्या शर्माना…”

लेकिन मैं शर्मा गया। मेरा चेहरा जैसे किसी ने इंगुर पोत दिया हो। और चंदा भाभी और चढ़ गईं। “अरे तुम तो लौंडियो की तरह शर्मा रहे हो। इसका तो पैंट खोलकर देखना पड़ेगा की ये बिन्नो की ननद है या देवर…” भाभी हँसने लगी और गुड्डी भी मुश्कुरा रही थी।

मैंने फिर वही रट लगाई- “मैं जा रहा हूँ। सुबह आकर गुड्डी को ले जाऊँगा…”

“अरे कहाँ जा रहे हो, रुको ना और हम लोगों की पैकिंग वेकिंग हो गई है ट्रेन में अभी 3 घंटे का टाइम है और वहां रेस्टहाउस में जाकर करोगे क्या अकेले या कोई है वहां…” भाभी बोली।

“अरे कोई बहन वहन होंगी इनकी यहाँ भी। क्यों? साफ-साफ बताओ ना। अच्छा मैं समझी। दालमंडी (बनारस का उस समय का रेड लाईट एरिया जो उन लोगों के मोहल्ले के पास ही था) जा रहे हो अपनी उस बहन कम माल के लिए इंतजाम करने। इम्तहान तो हो ही गया है उसका। लाकर बैठा देना। मजा भी मिलेगा और पैसा भी। लेकिन तुम खुद इत्ते चिकने हो होली का मौसम, ये बनारस है। किसी लौंडेबाज ने पकड़ लिया ना तो निहुरा के ठोंक देगा और फिर एक जाएगा दूसरा आएगा रात भर लाइन लगी रहेगी। सुबह आओगे तो गौने की दुल्हन की तरह टांगें फैली रहेंगी…”



चंदा भाभी अब खुलकर चालू हो गई थी।
Ufff shararat to koi aap se sikhe. Guddi rani kanpur nahi ja rahi. Budhu ke budhu. Kya romantic shararat he.
Aur bhabhiyo ke mazak ki to aap ke pas dictionary he. Amezing
 

komaalrani

Well-Known Member
22,186
57,701
259
Are yaar komalji man gae aap ko. Kya shararat he. Amezing mohe rang de me sajan vali alag alag fantasy di. Chhutki ki story se female co cold fantasy. JKG se aapne vo mistrias fantasy. Aur dewar vala aur nandiya vala maza to sab me padha. Par ye chhitthi ka kissaa to ekdam alag hi he. Superb
फागुन का महीना है तो फगुनाहट चढ़ेगी ही।

आपको इस कहानी में काफी कुछ मोहे रंग दे की फीलिंग आएगी, रंगो में भीगे मीठे मीठे रोमांस की

और एक बात और इन्सेस्ट बिलकुल नहीं है

ये धीमे आंच वाली कहानी है , एक एक लाइन का , एक एक शब्द का मजा ले लेकर पढ़ने वाली, जैसे कोई गन्ने की गड़ेरी चूस रहा हो, मजे ले ले कर , तो आप आराम से पढ़िए रस लीजिये और हर पार्ट ओर कैसा लगा ये जरूर लिखिए।
 

komaalrani

Well-Known Member
22,186
57,701
259
Last Part, Part 2 is on page 19 please read, enjoy, like and comment.
 

komaalrani

Well-Known Member
22,186
57,701
259
Very nice
Thanks so much
 

Shetan

Well-Known Member
15,022
40,204
259
फागुन के दिन चार भाग २

रस बनारस का - चंदा भाभी

१४,४३५

Teej-Gao-fb0c3a14a1e28b8df499e4c81e220d1f.jpg


तब तक वहां एक महिला आई क्या चीज थी। गुड्डी ने बताया की वो चन्दा भाभी हैं। वह भी भाभी यानी गुड्डी की मम्मी की ही उम्र की होंगी, लेकिन दीर्घ नितंबा, सीना भी 38डी से तो किसी हालत में कम नहीं होगा लेकिन एकदम कसा कड़ा। मैं तो देखता ही रह गया। मस्त माल और ऊपर से भी ब्लाउज़ भी उन्होंने एकदम लो-कट पहन रखा था।


मेरी ओर उन्होंने सवाल भरी निगाहों से देखा।

भाभी ने हँसकर कहा अरे बिन्नो के देवर, अभी आयें हैं और अभी कह रहे हैं की जायेंगे। मजाक में भाभी की भाभी सच में उनकी भाभी थी और जब भी मैं भैया की ससुराल जाता था, जिस तरह से गालियों से मेरा स्वागत होता था और मैं थोड़ा शर्माता था इसलिए और ज्यादा। लेकिन चन्दा भाभी ने और जोड़ा-

“अरे तब तो हम लोगों के डबल देवर हुए तो फिर होली में देवर ऐसे सूखे सूखे चले जाएं ससुराल से ये तो सख्त नाइंसाफी है। लेकिन देवर ही हैं बिन्नो के या कुछ और तो नहीं हैं…”

“अब ये आप इन्हीं से पूछ लो ना। वैसे तो बिन्नो कहती है की ये तो उसके देवर तो हैं हीं, उसके ननद के यार भी हैं इसलिए नन्दोई का भी तो…” भाभी को एक साथी मिल गया था।

“तो क्या बुरा है घर का माल घर में। वैसे कित्ती बड़ी है तेरी वो बहना। बिन्नो की शादी में भी तो आई थी। सारे गावं के लड़के… चौदह से उपर तो बिन्नो की शादी में ही लग रही थी, चौदह की तो हो गयी न भैया, "” चंदा भाभी ने छेड़ा।

ये सवाल मेरे से था लेकिन जवाब गुड्डी ने दिया . गुड्डी ने भी मौका देखकर पाला बदल लिया और उन लोगों के साथ हो गई। बोली

“मेरे साथ की ही है। मेरे साथ ही पिछले साल दसवां पास किया था, और चौदह की तो कब की हो गयी। " …”


“अरे तब तो एकदम लेने लायक हो गई होगी। चौदह की हो गयी मतलब चुदवाने लायक तो हो गयी, अब तो पक्की चुदवासी होगी , भैया, जल्दी ही उसका नेवान कर लो वरना जल्द ही कोई ना कोई हाथ साफ कर देगा दबवाने वबवाने तो लगी होगी। है न। हम लोगों से क्या शर्माना…”

चंदा भाभी ने मेरी रगड़ाई का लेवल बढ़ा दिया।
Teej-MIL-IMG-20231003-053137.jpg


लेकिन मैं शर्मा गया। मेरा चेहरा जैसे किसी ने इंगुर पोत दिया हो। और चंदा भाभी और चढ़ गईं।

“अरे तुम तो लौंडियो की तरह शर्मा रहे हो। इसका तो पैंट खोलकर देखना पड़ेगा की ये बिन्नो की ननद है या देवर…”

भाभी हँसने लगी और गुड्डी भी मुश्कुरा रही थी।


मैंने फिर वही रट लगाई-

“मैं जा रहा हूँ। सुबह आकर गुड्डी को ले जाऊँगा…”


“अरे कहाँ जा रहे हो, रुको ना और हम लोगों की पैकिंग वेकिंग हो गई है ट्रेन में अभी 3 घंटे का टाइम है और वहां रेस्टहाउस में जाकर करोगे क्या अकेले या कोई है वहां…” भाभी बोली।


“अरे कोई बहन वहन होंगी इनकी यहाँ भी। क्यों? साफ-साफ बताओ ना। अच्छा मैं समझी। दालमंडी (बनारस का उस समय का रेड लाईट एरिया जो उन लोगों के मोहल्ले के पास ही था) जा रहे हो अपनी उस बहन कम माल के लिए इंतजाम करने। तुम खुद ही कह रहे हो चौदह की कब की हो गयी . बस लाकर बैठा देना। मजा भी मिलेगा और पैसा भी।

लेकिन तुम खुद इत्ते चिकने हो होली का मौसम, ये बनारस है। किसी लौंडेबाज ने पकड़ लिया ना तो निहुरा के ठोंक देगा और फिर एक जाएगा दूसरा आएगा रात भर लाइन लगी रहेगी। सुबह आओगे तो गौने की दुल्हन की तरह टांगें फैली रहेंगी…”

चंदा भाभी अब खुलकर चालू हो गई थी।
Teej-MIL-desktop-wallpaper-monalisa-bhojpuri-actress-saree-beauty-cleavage-thumbnail.jpg



“और क्या हम लोग बिन्नो को क्या मुँह दिखायेंगे…” भाभी भी उन्हीं की भाषा बोल रही थी। वो उठकर किसी काम से दूसरे कमरे में गईं तो अब गुड्डी ने मोर्चा खोल लिया।

“अरे क्या एक बात की रट लगाकर बैठे हो। जाना है जाना है। तो जाओ ना। मैं भी मम्मी के साथ कानपुर जा रही हूँ। थोड़ी देर नहीं रुक सकते बहुत भाव दिखा रहे हो। सब लोग इत्ता कह रहे हैं…”

“नहीं। वैसा कुछ खास काम नहीं। मैंने सोचा की थोड़ा शौपिंग वापिंग। और कुछ खास नहीं। तुम कहती हो तो…” मैंने पैंतरा बदला।


“नहीं नहीं मेरे कहने वहने की बात नहीं है। जाना है तो जाओ। और शौपिंग तुम्हें क्या मालूम कहाँ क्या मिलता है। यहाँ से कल चलेंगे ना। दोपहर में निकलेंगे यहाँ से फिर तुम्हारे साथ सब शौपिंग करवा देंगे। अभी तो तुम्हें सैलरी भी मिल गईं होगी ना सारी जेब खाली करवा लूँगी…”

ये कहकर वो थोड़ा मुश्कुराई तो मेरी जान में जान आई।

चन्दा भाभी कभी मुझे तो कभी उसे देखती।


“ठीक है बाद में सब लोगों के जाने के बाद…” मैंने इरादा बदल दिया और धीरे से बोला।


“तुम्हें मालूम है कैसे कसकर मुट्ठी में पकड़ना चाहिए…” चन्दा भाभी ने मुश्कुराते हुए गुड्डी से कहा।

“और क्या ढीली छोड़ दूं तो पता नहीं क्या?”
गुड्डी मुस्करा के बोली।


Girl-b5b63ca1e921dd8599e43f679d2f2ce0.jpg



और मैं भी उन दोनों के साथ मुश्कुरा रहा था। तब तक भाभी आ गईं और गुड्डी ने मुझे आँख से इशारा किया। मैं खुद ही बोला- “भाभी ठीक ही है। आप लोग चली जाएंगी तभी जाऊँगा। वैसे भी वहां पहुँचने में भी टाइम लगेगा और फिर आप लोगों से कब मुलाकात होगी…”



चन्दा भाभी तो समझ ही रही थी की। और मंद-मंद मुश्कुरा रही थी। लेकिन भाभी मजाक के मूड में ही थी वो बोली-

“अरे साफ-साफ ये क्यों नहीं कहते की पिछवाड़े के खतरे का खयाल आ गया। ठीक है बचाकर रखना चाहिए। सावधानी हटी दुर्घटना घटी… पिछवाड़े तेल वेल लगा के आये थे की नहीं, अरे बनारस है तुम्हारी ससुराल भी है, फिर फटने वाली चीज कब तक बचा के रखोगे "
Teej-MIL-103f2b0592145defd52889aa9f6dad35.jpg


भाभी , गुड्डी की मम्मी अब पूरे जोश में आ गयी थीं और उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा था की उनकी बेटियां, गुड्डी और छुटकी वहीँ बैठीं हैं। दोनों मुस्करा रही थीं।


“अरे इसमें ऐसे डरने की क्या बात है देवरजी, ऐसा तो नहीं है की अब तक आपकी कुँवारी बची होगी। ऐसे चिकने नमकीन लौंडे को तो, वैसे भी ये कहा है ना की मजा मिले पैसा मिले और… कड़वा तेल की आप चिंता न करिये। अरे ये कानपुर जा रही हैं मैं तो हूँ न। पक्का दो ऊँगली की गहराई तक,... नहीं होगा तो कुप्पी लगा के, पूरे ढाई सौ ग्राम पीली सरसों का तेल,... गुड्डी साथ देगी न मेरा बस इन्हे पकड़ के निहुराना रहेगा। अब इतनी कंजूसी भी नहीं की एक पाव तेल के लिए बेचारे देवर की पिछवाड़े की चमड़ी छिले। "

चंदा भाभी तो गुड्डी की मम्मी से भी दो हाथ आगे।”

--
Teej-MIL-43bb7ff3dae10338ad48e7d0b567e539.jpg


गड्डी मैदान में आ गई मेरी ओर से- “इसलिए तो बिचारे रुक नहीं रहे थे। आप लोग भी ना…”


“बड़ा बिचारे की ओर से बोल रही हो। अरे होली में ससुराल आये हैं और बिना डलवाए गए तो नाक ना कट जायेगी। अरे हम लोग तो आज जा ही रहे हैं वरना। लेकिन आप लोग ना…” गुड्डी की मम्मी बोली।


“एकदम…” चन्दा भाभी बोली।

“आपकी ओर से भी और अपनी ओर से भी इनके तो इत्ते रिश्ते हो गए हैं। देवर भी हैं बिन्नो के नंदोई भी। और इनकी बहन आके दालमंडी में बैठेगी तो पूरे बनारस के साले भी, इसलिए डलवाने से तो बच नहीं सकते। अरे आये ही इसलिये हैं की, क्यों भैया वेसेलिन लगाकर आये हो या वरना मैं तो सूखे ही डाल दूँगी। और तू किसका साथ देगी अपनी सहेली के यार का। या…”

चन्दा भाभी अब गुड्डी से पूछ रही थी।

गुड्डी खिलखिला के हँस रही थी। और मैं उसी में खो गया था। भाभी किचेन में चली गई थी लेकिन बातचीत में शामिल थी।

“अरे ये भी कोई पूछने की बात है आप लोगों का साथ दूँगी। मैं भी तो ससुराल वाली ही हूँ कोई इनके मायके की थोड़ी। और वैसे भी शर्ट देखिये कित्ती सफेद पहनकर आये हैं इसपे गुलाबी रंग कित्ता खिलेगा। एकदम कोरी है…”
Girl-4aa969119e377e80fb68c323620a0dbf.jpg


गुड्डी ने मेरी आँख में देखते हुए जो बोला तो लगा की सौ पिचकारियां चल पड़ी

“इनकी बहन की तरह…” चंदा भाभी जोर से हँसी और मुझसे बोली,

“लेकिन डरिये मत हम लोग देवर से होली खेलते हैं उसके कपड़ों से थोड़े ही…”

तब तक भाभी की आवाज आई-

“अरे मैं थोड़ी गरम गरम पूड़ियां निकाल दे रही हूँ भैया को खिला दो ना। जब से आये हैं तुम लोग पीछे ही पड़ गई हो…”

चंदा भाभी अंदर किचेन में चली गईं लेकिन जाने के पहले गुड्डी से बोला-

“हे सुन मैंने अभी गरम गरम गुझिया बनायी है। वो वाली (और फिर उन्होंने कुछ गुड्डी के कान में कहा और वो खिलखिला के हँस पड़ी), गुंजा से पूछ लेना अलग डब्बे में रखी है। जा…


------
Hay Komalji. Sidhe sade dewar ki khatiya nahi putthiya khadi kar deti he bhabhi party. Aur vo bhi double bhabhi. Are jab ye double dewar hue to chanda bhabhi aur guddi ki maiya double bhabhi hui ki nahi. Amezing. Maza aa gaya.
 

komaalrani

Well-Known Member
22,186
57,701
259
Ufff shararat to koi aap se sikhe. Guddi rani kanpur nahi ja rahi. Budhu ke budhu. Kya romantic shararat he.
Aur bhabhiyo ke mazak ki to aap ke pas dictionary he. Amezing
Thanks aapko First part accha laga . I am sure ki second part bhi aapko pasand aayegaa,

Thanks so much.
 

komaalrani

Well-Known Member
22,186
57,701
259
Hay Komalji. Sidhe sade dewar ki khatiya nahi putthiya khadi kar deti he bhabhi party. Aur vo bhi double bhabhi. Are jab ye double dewar hue to chanda bhabhi aur guddi ki maiya double bhabhi hui ki nahi. Amezing. Maza aa gaya.
Thanks so much aapne second part padhna shuru kar diya, apkaao pakka mjaa aayega . ye ek mega update hai 10, 000 words ka
 

komaalrani

Well-Known Member
22,186
57,701
259
Congratulations start new story
Thanks so much. The second part too has been posted on page 19, Kindly share your views,

:thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks:
 

Shetan

Well-Known Member
15,022
40,204
259

गुझिया

---
OIP-Gujhiya.jpg

--


तब तक भाभी की आवाज आई- “अरे मैं थोड़ी गरम गरम पूड़ियां निकाल दे रही हूँ भैया को खिला दो ना। जब से आये हैं तुम लोग पीछे ही पड़ गई हो…”

चंदा भाभी अंदर किचेन में चली गईं लेकिन जाने के पहले गुड्डी से बोला- “हे सुन मैंने अभी गरम गरम गुझिया बनायी है। वो वाली (और फिर उन्होंने कुछ गुड्डी के कान में कहा और वो खिलखिला के हँस पड़ी), गुंजा से पूछ लेना अलग डब्बे में रखी है। जा…”

वो मुझे बगल के कमरे में ले गई और उसने बैठा दिया-


“हे कहाँ जा रही हो…” मैं फुसफुसा के बोला।

“तुम ना एकदम बेसबरे हो। पागल। अभी तो खुद भागे जा रहे थे और अभी। अरे बाबा बस अभी गई अभी आई। बस यहीं बैठो।"


उसने मेरी नाक पकड़कर हिला दिया और हिरणी की तरह उछलती 9-2-11 हो गई। मेरे तो पल काटे नहीं कट रहे थे। मैं दीवाल घड़ी के सेकेंड गिन रहा था।

पूरे चार मिनट बाद वो आई। एक बड़ी सी प्लेट में गुझिया लेकर। गरम गरम ताजी और खूब बड़ी-बड़ी गदराई सी। अबकी सोफे पे वो मुझसे एकदम सटकर बैठ गई। उसकी निगाहें दरवाजे पे लगी थी।

“लो…” मैंने हाथ बढ़ाया तो उसने मेरा हाथ रोक दिया। और अपनी बड़ी-बड़ी आँखें नचाकर बोली-

“मेरे रहते तुम्हें हाथों का इश्तेमाल करना पड़े…”
Girl-dd9.jpg


उसका द्विअर्थी डायलाग मैं समझ तो रहा था लेकिन मैंने भी मजे लेकर कहा-

“एकदम और वैसे भी इन हाथों के पास बहुत काम है…”

और मैंने उसे बाहों में भर लिया। बिना अपने को छुड़ाये वो मुश्कुराकर बोली-

“लालची बेसबरे।“

और अपने हाथ से एक गुझिया मेरे होंठों से लगा दिया। मैंने जोर से सिर हिलाया। वो समझ गई और बोली-
"तुम ना। नहीं सुधरने वाले


और गुझिया अपने रसीले होंठों में लगाकर मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने आधा खाने की कोशिश की लेकिन उसकी जीभ ने पूरी की पूरी मुँह में धकेल दी।

“हे आधे की नहीं होती। पूरा अन्दर लेना होता है…” मुश्कुराकर वो बोली।

मेरा मुँह भरा था लेकिन मैं बोला- “हे अपनी बार मत भूल जाना मना मत करने लगना…”

“जैसे मेरे मना करने से मान ही जाओगे और जब पूरा मेरा है तो आधा क्यों लूंगी…”
Girls-109700658-121527259616939-8631333217239494482-o.jpg


उसकी अंगुलिया अब मेरे पैंट के बल्ज पे थी। तम्बू पूरी तरह तन गया था। मेरे हाथ भी हिम्मत करके उसके उभारों की नाप जोख कर रहे थे।

“हे एक मेरी ओर से भी खिला देना…” किचेन से चन्दा भाभी की आवाज आई।

“एकदम…” गुड्डी बोली और दूसरी गुझिया भी मेरे मुँह में थी।
OIP-Gujhiya-2.jpg


गुड्डी ने बताया की चन्दा भाभी एकदम बिंदास हैं और उसकी सहेली की तरह भी। उनके पति दुबई में रहते हैं कभी दो-तीन साल में एक बार आते हैं लेकिन पैसा बहुत है। इनकी एक लड़की है गुंजा 9वीं में पढ़ती है। गुड्डी के ही स्कूल में ही।

“हे गुड्डी खाना ले जाओ या बातों से ही इनका पेट भर दोगी…” किचेन से उसकी मम्मी की आवाज आई।

“प्लानिंग तो इसकी यही लगती है…” हँसकर मैं भी बोला।

गुड्डी जब खाना लेकर आई तो पीछे से चन्दा भाभी की आवाज आई-

“अरे पाहुन खाना खा रहे हो और वो भी सूखे सूखे। ये कैसे?”

मैं समझ गया और बोला की अरे उसके बिना तो मैं खाना शुरू भी नहीं कर सकता।

“अरे इनकी बहनों का हाल जरा सुना दो कसकर…” भाभी बोली।

“क्या नाम है इनके माल का?” चन्दा भाभी ने पूछा। बिना नाम के गारी का मजा ही क्या?
Teej-MIL-IMG-20230415-230600.jpg




गुड्डी मेरे पास ही बैठी थी। उसने वहीं से हुंकार लगाई-

“मेरा ही नाम है। गुड्डी…”
--

Girl-school-IMG-20231123-070153.jpg


“आनंद की बहना बिकी कोई लेलो…” गाना शुरू हो गया था और इधर गुड्डी मुझे अपने हाथ से खिला रही थी।



अरे आनंद की बहिनी बिके कोई ले लो। अरे रूपये में ले लो अठन्नी में ले लो,

अरे गुड्डी रानी बिके कोई ले लो अरे अठन्नी में ले लो चवन्नी में ले लो

जियरा जर जाय मुफ्त में ले लो अरे आनंद की बहिनी बिकाई कोई ले लो।
Jabardast romantic seen. Gujiya ke jariye kya kissing seen create kiya he. Jabardast erotic Romance. Jese suji ,khoaa, aur dry fruits me ghul kar prem ki chasni bahe rahi ho. Maza aa gaya. Aur anand babu ko bhabhi chhodegi nahi.
 
Top