Update 46
देखिए मैं किसी मुसीबत में नही फासना चाहती थी. आपसे फोन पर बात करने के बाद मुझे पता चला था कि सुरिंदर मर गया. अब मैं उस रात उसके साथ थी. मुझे डर लग रहा था कि मैं बेकार में मुसीबत में फँस जाउन्गि और मेरी बदनामी होगी. इसलिए मैने मोबाइल फेंक दिया था."
"देखिए साइको किल्लर बाहर में सारे आम घूम रहा है. आपको कुछ भी पता हो तो बता दो. मैं यकीन दिलाता हूँ आपको कि आपकी प्राइवसी का ध्यान रखा जाएगा."
"जब मैं सुरिंदर के घर में थी तो मुझे घर के पीछे कुछ आहट सुनाई दी थी. मैने इस बारे में सुरिंदर को बताया भी था. लेकिन उसने ध्यान नही दिया. सब कुछ मेरे जाने के बाद हुआ."
"क्या आपने किसी को देखा वहाँ."
"नही मैने बस दो पोलीस वालो को देखा था."
"वो बेचारे तो खुद मारे गये."
"हां...न्यूज़ पर देखा सब."
"आपको क्या लगता है. सुरिंदर ने झूठी गवाही क्यों दी पोलीस को."
"मुझे खुद यकीन नही था कि वो लड़की खूनी है. और वही हुआ भी. मैने सुरिंदर से इस बारे में पूछा था. लेकिन उसने यही कहा कि उसने खुद उस लड़की को खून करते देखा है. मैने और ज़्यादा इस बारे में उस से बात नही की."
"थॅंक यू वेरी मच मोनिका जी. अब मैं चलता हूँ."
"जो मुझे पता था बता दिया सर. प्लीज़ इस केस में मेरा नाम ना आए. मेरी शादी शुदा जिंदगी का सवाल है."
"मैं समझ रहा हूँ...आप बेफिकर रहें."
राज शर्मा उठ कर चल देता है. लेकिन दरवाजे पर आकर पाता है कि बाहर बहुत तेज बारिश हो रही है.
"उफ्फ मैं तो अपनी जीप भी पीछे छोड़ आया. बहुत तेज बारिश हो रही है."
"थोड़ी देर रुक जाइए आप."
"मैं तो रुक जाउन्गा लेकिन ऐसे मौसम में मैं कही बहक ना जाऊ...आप बहुत सुंदर हो."
मोनिका शर्मा जाती है और नज़रे झुका कर कहती है, मज़ाक मत कीजिए."
"मज़ाक नही कर रहा हूँ. आप सच में सुंदर हैं. ऐसे मौसम में कोई भी बहक जाएगा आपको देख के."
मोनिका हस्ने लगती है. "बस...बस आप तो फ्लर्ट कर रहे हैं."
यही दिक्कत है आदमी के मूह से निकला हर सच औरत को फ्लर्ट ही लगता है.
"आपने मेरा डर ही भगा दिया. अगर आपकी जगह कोई और पोलीस वाला आता तो मेरी जान निकल जाती अब तक. मैं वैसे ही कयि दिनो से परेशान थी इस बात को लेकर."
राज शर्मा मोनिका को बड़े प्यार से देखता है और कहता है, "मोनिका जी ये सच है कि मैं फ्लर्ट हूँ. आदत से थोड़ा मज़बूर हूँ. लेकिन ये बिल्कुल सच है कि आप बहुत ही क्यूट हो. सुरिंदर जैसे लोगो के हाथो में मत पड़ा कीजिए. देखिए ना कितनी बड़ी मक्कारी की है उसने पोलीस डेप्ट के साथ. सोच समझ कर दिल लगाया कीजिए."
"मेरा आगे से ऐसा कोई इरादा नही है. मुझे अपनी ग़लती का अहसास है."
"ऐसा ना कहिए मेरे जैसो का दिल टूट जाएगा." राज शर्मा की बात पर मोनिका शर्मा गयी.
"लगता है मेरा फ्लर्ट काम कर रहा है. आप तो मेरे जाल में फस्ति जा रही हैं." राज शर्मा ने हंसते हुए कहा.
"ऐसा कुछ नही है. आपको वेहम हो रहा है."
"आप मेरे चक्कर में मत फासना मेरा तो यही काम है"
"आप अपने खिलाफ ही बोल रहे हैं."
"आपको चेतावनी देना मेरा फ़र्ज़ है."
"यू आर वेरी इंट्रेस्टिंग पर्सन."
"आप ऐसी बाते करेंगी तो मेरा हॉंसला बढ़ेगा और फ्लर्ट करने का. कभी किसी को ऐसा मोका मत दीजिए."
"आप घबराओ मत आपका कोई चान्स नही है यहाँ."
"अच्छा ऐसा है क्या?" राज शर्मा कहता है और मोनिका की तरफ बढ़ता है. वो अपने होंठो पर जीभ फ़ीरा कर अपनी इंटेन्षन क्लियर कर देता है कि वो किस करने वाला है. ज़्यादा दूर नही थी मोनिका राज शर्मा से. बस दो कदम का फांसला था.
"आप क्या करने वाले हैं दूर रहिए." मोनिका पीछे कदम बढ़ाती है.
"चेक करना चाहता हूँ की मेरा चान्स है कि नही." राज शर्मा आगे बढ़ते हुए बोलता है.
मोनिका पीछे हटती चली जाती है और फाइनलि दीवार के सहारे खड़ी हो जाती है. राज शर्मा मोनिका की आँखो में देखता हुआ आगे बढ़ता रहता है. मोनिका के बिल्कुल पास पहुँच कर वो मोनिका के सर के दोनो तरफ देवार पर अपने हाथ रख लेता है और मोनिका की आँखो में झाँक कर देखता है.
"आप ये क्या कर रहे हैं." मोनिका शर्मा कर पूछती है.
राज शर्मा बिना कुछ कहे अपने होन्ट मोनिका के होंठो पर टिका देता है. मोनिका चुपचाप खड़ी रहती है. राज शर्मा उसके रश भरे होंठो को चूमता रहता है. अचानक वो हट जाता है और वापिस दरवाजे पर आ जाता है और बोलता है, "मेरा चान्स तो बहुत तगड़ा है. आप झूठ बोल रही थी."
मोनिका दिल पर हाथ रखे दीवार के सहारे खड़ी रहती है. उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी.
"उफ्फ ये बारिश तो रुकने का नाम ही नही ले रही. और तेज होती जा रही है. चाय ही पीला दीजिए थोड़ी, मौसम ठंडा हो रहा है" राज शर्मा ने कहा.
"लाती हूँ अभी आप वेट कीजिए...चीनी कितनी लेंगे."
"बहुत थोड़ी...आपके होंठो का मीठा रस पीकर बहुत मिठास भर गयी है दिल में."
मोनिका नज़रे झुका कर, शर्मा कर वहाँ से किचन की ओर चली जाती है.
"फँस चुकी है ये तो. पर रहने देता हूँ. उसे कही ये ना लगे कि मैं इस केस का दबाव बना कर फ्लर्ट कर रहा हूँ. ऐसे अच्छा नही लगेगा. रहने दो खुस अपनी जिंदगी में. मुझे लड़कियों की क्या कमी है. ये भी हो सकता है कि वो सिर्फ़ नाटक कर रही हो. आख़िर वो परेशान थी. यही ठीक रहेगा रहने देता हूँ इसके साथ. ऐसी बातो से पोलीस की बदनामी होती है."
बारिश बढ़ती ही जा रही थी और राज शर्मा दरवाजे पर खड़ा खड़ा कशमकश में खोया था.
देखिए मैं किसी मुसीबत में नही फासना चाहती थी. आपसे फोन पर बात करने के बाद मुझे पता चला था कि सुरिंदर मर गया. अब मैं उस रात उसके साथ थी. मुझे डर लग रहा था कि मैं बेकार में मुसीबत में फँस जाउन्गि और मेरी बदनामी होगी. इसलिए मैने मोबाइल फेंक दिया था."
"देखिए साइको किल्लर बाहर में सारे आम घूम रहा है. आपको कुछ भी पता हो तो बता दो. मैं यकीन दिलाता हूँ आपको कि आपकी प्राइवसी का ध्यान रखा जाएगा."
"जब मैं सुरिंदर के घर में थी तो मुझे घर के पीछे कुछ आहट सुनाई दी थी. मैने इस बारे में सुरिंदर को बताया भी था. लेकिन उसने ध्यान नही दिया. सब कुछ मेरे जाने के बाद हुआ."
"क्या आपने किसी को देखा वहाँ."
"नही मैने बस दो पोलीस वालो को देखा था."
"वो बेचारे तो खुद मारे गये."
"हां...न्यूज़ पर देखा सब."
"आपको क्या लगता है. सुरिंदर ने झूठी गवाही क्यों दी पोलीस को."
"मुझे खुद यकीन नही था कि वो लड़की खूनी है. और वही हुआ भी. मैने सुरिंदर से इस बारे में पूछा था. लेकिन उसने यही कहा कि उसने खुद उस लड़की को खून करते देखा है. मैने और ज़्यादा इस बारे में उस से बात नही की."
"थॅंक यू वेरी मच मोनिका जी. अब मैं चलता हूँ."
"जो मुझे पता था बता दिया सर. प्लीज़ इस केस में मेरा नाम ना आए. मेरी शादी शुदा जिंदगी का सवाल है."
"मैं समझ रहा हूँ...आप बेफिकर रहें."
राज शर्मा उठ कर चल देता है. लेकिन दरवाजे पर आकर पाता है कि बाहर बहुत तेज बारिश हो रही है.
"उफ्फ मैं तो अपनी जीप भी पीछे छोड़ आया. बहुत तेज बारिश हो रही है."
"थोड़ी देर रुक जाइए आप."
"मैं तो रुक जाउन्गा लेकिन ऐसे मौसम में मैं कही बहक ना जाऊ...आप बहुत सुंदर हो."
मोनिका शर्मा जाती है और नज़रे झुका कर कहती है, मज़ाक मत कीजिए."
"मज़ाक नही कर रहा हूँ. आप सच में सुंदर हैं. ऐसे मौसम में कोई भी बहक जाएगा आपको देख के."
मोनिका हस्ने लगती है. "बस...बस आप तो फ्लर्ट कर रहे हैं."
यही दिक्कत है आदमी के मूह से निकला हर सच औरत को फ्लर्ट ही लगता है.
"आपने मेरा डर ही भगा दिया. अगर आपकी जगह कोई और पोलीस वाला आता तो मेरी जान निकल जाती अब तक. मैं वैसे ही कयि दिनो से परेशान थी इस बात को लेकर."
राज शर्मा मोनिका को बड़े प्यार से देखता है और कहता है, "मोनिका जी ये सच है कि मैं फ्लर्ट हूँ. आदत से थोड़ा मज़बूर हूँ. लेकिन ये बिल्कुल सच है कि आप बहुत ही क्यूट हो. सुरिंदर जैसे लोगो के हाथो में मत पड़ा कीजिए. देखिए ना कितनी बड़ी मक्कारी की है उसने पोलीस डेप्ट के साथ. सोच समझ कर दिल लगाया कीजिए."
"मेरा आगे से ऐसा कोई इरादा नही है. मुझे अपनी ग़लती का अहसास है."
"ऐसा ना कहिए मेरे जैसो का दिल टूट जाएगा." राज शर्मा की बात पर मोनिका शर्मा गयी.
"लगता है मेरा फ्लर्ट काम कर रहा है. आप तो मेरे जाल में फस्ति जा रही हैं." राज शर्मा ने हंसते हुए कहा.
"ऐसा कुछ नही है. आपको वेहम हो रहा है."
"आप मेरे चक्कर में मत फासना मेरा तो यही काम है"
"आप अपने खिलाफ ही बोल रहे हैं."
"आपको चेतावनी देना मेरा फ़र्ज़ है."
"यू आर वेरी इंट्रेस्टिंग पर्सन."
"आप ऐसी बाते करेंगी तो मेरा हॉंसला बढ़ेगा और फ्लर्ट करने का. कभी किसी को ऐसा मोका मत दीजिए."
"आप घबराओ मत आपका कोई चान्स नही है यहाँ."
"अच्छा ऐसा है क्या?" राज शर्मा कहता है और मोनिका की तरफ बढ़ता है. वो अपने होंठो पर जीभ फ़ीरा कर अपनी इंटेन्षन क्लियर कर देता है कि वो किस करने वाला है. ज़्यादा दूर नही थी मोनिका राज शर्मा से. बस दो कदम का फांसला था.
"आप क्या करने वाले हैं दूर रहिए." मोनिका पीछे कदम बढ़ाती है.
"चेक करना चाहता हूँ की मेरा चान्स है कि नही." राज शर्मा आगे बढ़ते हुए बोलता है.
मोनिका पीछे हटती चली जाती है और फाइनलि दीवार के सहारे खड़ी हो जाती है. राज शर्मा मोनिका की आँखो में देखता हुआ आगे बढ़ता रहता है. मोनिका के बिल्कुल पास पहुँच कर वो मोनिका के सर के दोनो तरफ देवार पर अपने हाथ रख लेता है और मोनिका की आँखो में झाँक कर देखता है.
"आप ये क्या कर रहे हैं." मोनिका शर्मा कर पूछती है.
राज शर्मा बिना कुछ कहे अपने होन्ट मोनिका के होंठो पर टिका देता है. मोनिका चुपचाप खड़ी रहती है. राज शर्मा उसके रश भरे होंठो को चूमता रहता है. अचानक वो हट जाता है और वापिस दरवाजे पर आ जाता है और बोलता है, "मेरा चान्स तो बहुत तगड़ा है. आप झूठ बोल रही थी."
मोनिका दिल पर हाथ रखे दीवार के सहारे खड़ी रहती है. उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी.
"उफ्फ ये बारिश तो रुकने का नाम ही नही ले रही. और तेज होती जा रही है. चाय ही पीला दीजिए थोड़ी, मौसम ठंडा हो रहा है" राज शर्मा ने कहा.
"लाती हूँ अभी आप वेट कीजिए...चीनी कितनी लेंगे."
"बहुत थोड़ी...आपके होंठो का मीठा रस पीकर बहुत मिठास भर गयी है दिल में."
मोनिका नज़रे झुका कर, शर्मा कर वहाँ से किचन की ओर चली जाती है.
"फँस चुकी है ये तो. पर रहने देता हूँ. उसे कही ये ना लगे कि मैं इस केस का दबाव बना कर फ्लर्ट कर रहा हूँ. ऐसे अच्छा नही लगेगा. रहने दो खुस अपनी जिंदगी में. मुझे लड़कियों की क्या कमी है. ये भी हो सकता है कि वो सिर्फ़ नाटक कर रही हो. आख़िर वो परेशान थी. यही ठीक रहेगा रहने देता हूँ इसके साथ. ऐसी बातो से पोलीस की बदनामी होती है."
बारिश बढ़ती ही जा रही थी और राज शर्मा दरवाजे पर खड़ा खड़ा कशमकश में खोया था.