Update:-107
(पापा को मै कबसे इस प्लान पर काम करने कह रही थी, लेकिन वो वक़्त मांग रहे थे। कितना मुश्किल होता है बिना सीधा सवाल किए हुए जवाब निकालना ये बात थोड़े ना समझ में आएगी। ये लो देखो, दारू अंदर गई नहीं की सारे राज बाहर आने शुरू)
(अभी तो तुझे पिलाते-पिलाते 12.30 ही बजे है। तुम्हे तो आज पूरी रात जगाऊंगा जानेमन। पूछ ले सवाल तू,आज तो मेरा अतीत जान कर ही चली जाना लेकिन बातों के दौरान तुम जरा बचकर चलना जानेमन, कहीं मुंह से कुछ निकल गया तेरे, तो मेरा राज जानने के चक्कर में अपने राज मत खोल देना)
"क्या हुआ, नींद लग रही है क्या? तो जाओ सो जाओ".. अपस्यु श्रेया को उसके ख्यालों से जागते हुए कहने लगा..
श्रेया:- ठीक है मुझे मंजूर है लेकिन एक शर्त तुम्हारी तो एक शर्त मेरी भी है, अगर 10 सेकंड से ज्यादा का समय लिए तो उसे झुटा जवाब मना जाएगा, ऐसी सूरत में सामने वाले के लगातार 2 सवाल का जवाब देना होगा।
अपस्यु:- और यदि 2 सवाल का जवाब नहीं दे पाया तब?
श्रेया:- 5 सवाल तक जाएगा और फिर भी नहीं बता पाए तो सामने वाले का कहा मानना होगा!
अपस्यु:- सभी शर्तों पर राजी, चलो सवाल पूछो।
श्रेया:- किस आश्रम में तुम पढे?
अपस्यु:- फुस की बनी आश्रम में।
श्रेया:- अरे मतलब आश्रम या गुरुकुल जो भी है उसका नाम पूछी मै।
अपस्यु:- जो भी हो तुम्हे पहले क्लियर पूछना चाहिए। अब मेरा टर्न है, उसके बाद तुम्हारा। बताओ कितने ब्वॉयफ्रेड रहे है तुम्हारे?
श्रेया, बॉयफ्रेंड वाले सवाल हंसती हुई कहने लगी…. "तुम्हारी पहले से एक गर्लफ्रेंड है, लेकिन दूसरी लड़की के पास कोई बॉयफ्रेंड है या नहीं उस पर ध्यान है। जैसा सोची वैसा ही सवाल आया।"
अपस्यु:- 10 सेकंड हो गए है तुम्हारे..
श्रेया, हंसती हुई… "ठीक है फिर 2 सवाल पूछो"
अपस्यु:- पहला सवाल तुम्हारे कितने बॉयफ्रेंड रहे है?
श्रेया:- एक भी नहीं।
अपस्यु :- दूसरा सवाल क्या होगा जब तुम्हे कोई लड़का परपोज कर रहा हो और पीछे से तुम्हारी मां आ गई।
श्रेया:- मेरी मां नहीं… नहीं कहीं आती जाती।
अपस्यु:- गलत जवाब जब कहीं नहीं आती जाती फिर आज कहां चली गई। इसका हिसाब एंड में करेंगे। गेम के दौरान तुमने झूट बोल।
श्रेया उसकी ओर ड्रिंक बढ़ाती अजीब से हसने लगी, ऐसा मानो उसका भेजा फ्राई यहां चल रहा हो। ड्रिंक बढ़ाने के बाद… "अपने आश्रम या गुरुकुल का नाम बताओ?"
अपस्यु:- श्रीवल्लभ आश्रम, मत्तुर, कर्नाटका । मेरी बारी.. तुम्हे बॉयफ्रेंड के लिए कैसा लड़का ढूंढ रही हो?
श्रेया:- जब जरूरत होती है तब किसी को भी बॉयफ्रेंड बना लेती हूं। बस एक ही रिक्वायरमेंट होती है, कोई सीरियस एफैर नहीं। तुम बताओ तुम्हारे पापा कहां है।
अपस्यु:- इस दुनिया में नहीं रहे। तुम्हारे पापा कहां है वैसे..
श्रेया:- मेरी सौतेली मां के साथ रहते है। तुम्हारी ये धन संपत्ति तुम्हारे पापा की अर्जित है।
अपस्यु:- स्टार्टअप केवल उनका था, बाकी पुरा हम दोनों भाई का अर्जित किया हुआ है। तुम्हारे पापा क्या करते है।
श्रेया:- मुझे इसपर बात नहीं करनी..
अपस्यु, एक ड्रिंक खिंचते… "मतलब अब किस्स दोगी।"
श्रेया:- जी नहीं बस मुझे बात नहीं उसपर करनी कोई और सवाल पूछो।
अपस्यु:- ठीक है अपनी आदतें बताओ?
श्रेया:- एफबी पर लिखी है पढ़ लेना। तुम्हारे ये अजीब नाम किसने दिया?
अपस्यु:- रुको पहले, तुमने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया, पहले उसपर बात कर लें। मैंने तुम्हारी आदत पूछ रहा था और तुम एफबी भेज रही हो। देखा जाए तो जवाब टाला है तुमने।
श्रेया:- हां तो, इतने दिन में तुमने अभी तक मुझे फ्रेंड रिक्वेस्ट तक ना भेजी, मुझे बुरा लगा इस बात का, इसलिए ऐसा जवाब दी।
अपस्यु:- मैंने नहीं भेजा तो तुम भेज देती, देखा जाए तो भागीदारी बराबर है।
श्रेया:- सेलेब्रिटी अकाउंट लिया है एफबी से और कहते हो रिक्वेस्ट भेजूं, तुम्हारी तो प्रोफाइल भी ओपन नहीं होती।
अपस्यु:- दिमाग से रह गई थी ये बात। वैसे भी एफबी मै ज्यादा इस्तमाल नहीं करता, इसलिए नहीं भेज पाया। चेक करो अभी भेज दिया है।
श्रेया, अपना फोन चेक करके खुश हो गई और अपस्यु के फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करती वो खड़ी होकर उसके पास चली आयी… "किस्स रोमांटिक चाहिए या लस्टी"..
अपस्यु खड़ा होते… "तुम शुरू तो करो, फिर तो किस्स खुद व खुद एडजस्ट हो जाना है।"
श्रेया हंसती हुई अपस्यु के ओर देखने लगी। अपस्यु उसके सामने खड़ा तो हुआ लेकिन खड़ा होकर भी लड़खड़ाता रहा। श्रेया उसे चेयर पर ही बैठने बोली और खुद अपने दोनो पाऊं, अपस्यु के दोनो पाऊं के ओर करती उसके चेहरे को थाम कर होंठ से होंठ लगाकर, अपस्यु के होंठ को छूकर उसके आगे बढ़ने का इंतजार करने लगी।
अपस्यु भी माहौल और मिजाज पुरा भांपते हुए, अपने होंठ को पुरजोर श्रेया के होंठ से लगाते उसे बेहताशा चूमने लगा। एक बार जब चूमना शुरू किया फिर वो छोड़ने का नाम कहां ले रहा था। श्रेया की श्वांस पूरी तरह चढ़ गई, बदन में अजीब सी सुरसुराहट होने लगी। श्रेया अपने हाथ उसके चेहरे और गर्दन पर फेरने लगी। किस्स लंबी, और लंबी होते चली गई।
श्रेया के दिमाग से सारी बातें बाहर और वासना ने उसकी जगह ले ली। जब श्रेया की श्वांस पूरी तरह चढ़ गई, अपस्यु को लग गया कि अब माहौल कुछ और ही बन रहा है, फिर वो चूमना बंद करके अपने होंठ पीछे किया और श्रेया बदहवासी में अपनी आखें मूंदे अपने होंठ आगे बढ़ती रही लेकिन अपस्यु के होंठ उसके होंठ से मिले नहीं।
अचानक ही उसे समझ में आया कि किस्स अब खत्म हो गयी है। अजीब सा उखड़ा चेहरा बनाए, वो अपनी श्वांस सामान्य करने लगी और ख़ामोश वो अपनी जगह आकर बैठ गई। वो अब भी बाहर नहीं निकाल पाई थी उन्माद के उन पलों से, बस खुद को किसी तरह सामान्य करने में लगी थी।
अपस्यु:- आह !! ये अब तक का बेस्ट किस्स था मेरी लाइफ का।
श्रेया:- रात बहुत हो गई है। मुझे अब चलना चाहिए..
अपस्यु:- ठीक है दोस्त, वैसे कोई लड़का होता तो हाथ पकड़कर बिठा भी सकता था। लेकिन कोई नहीं तुम जाओ..
श्रेया:- अच्छा और कोई लड़का होता तो उसके साथ ये किस्स वाला खेल खेलते क्या?
अपस्यु:- लड़का होता तो दोनो साथ ने नहाते, चलोगी क्या? बात करती हो। रहने दो, सिचुएशन कॉम्प्लिकेटेड हो गई है। तुम जाओ सुबह मिलता हूं और वो भूत भागने वाला काम भी कर दूंगा। और सॉरी यदि तुम्हे किस्स पसंद ना आयी हो तो।
श्रेया:- सॉरी मै थोड़ी ओवर रिएक्ट कर गई। पहले एक जाम उठाकर मूड बनाते है फिर इस खेल को जारी रखते है।
अपस्यु:- हम्मम ! ठीक है वो किस्स वाला शर्त हटा रहा हूं मै।
श्रेया:- फिर मै ये नहीं खेलूंगी, बाय..
अपस्यु, अपने हाथ से ड्रिंक बनाकर सर्व करते हुए…. "तुम लड़कियों का समझ में नहीं आता, कब मूड क्या रहता है।
श्रेया, जाम को टोस्ट करती हुई…… "समझ जाते अगर मूड तो फिर मुझे भड़कना ही नहीं पड़ता।"
अपस्यु:- मतलब मै समझा नहीं..
श्रेया:- कुछ नहीं । अब मेरा टर्न है.. तुम्हारा ये बोरिंग सा नाम अपस्यु किसने रखा।
अपस्यु उसे खा जाने वाली नज़रों से घूरते हुए…. "मेरे गुरु श्री अरविंदो रामनाथम ने। किस जानवर से तुम्हे ज्यादा दर लगता है.."
श्रेया:- शातिर इंसान । चलो बताओ तुम्हारे पापा की मृत्यु कैसे हुई।
अपस्यु:- शायद हार्ट अटैक था। बहुत बच्चा था ठीक से याद नहीं और फिर कभी मां से इस बात की चर्चा नहीं की। अच्छा चलो अभी तुम बताओ किस्स करने से पहले तक तो बड़ी कॉन्फिडेंस से आयी थी, किस्स के बाद ये मूड इतना चिड़चिड़ा क्यों हो गया?
श्रेया:- मुझे नहीं जवाब देना इसका और ना ही अभी किस्स का मूड है। सो जब बॉयफ्रेंड बनाकर ले जाऊंगी तब यह किस्स दूंगी। एक-एक सवाल में बोरिंग हो रहा है गेम। थोड़ा मूड चेंज करते हैं।
अपस्यु, ड्रिंक बनाकर सर्व करते… "अरे यार ग्लास खाली तो करो?"
श्रेया:- आराम से ले रही हूं बाबा, तुम लो ना अपना, मै ले लूंगी। एक काम करो तुम ड्रिंक बनना छोड़ो, मै तुम्हे बनाकर देती हूं, तुम बस सवालों का जवाब दो। और हां एक गलत सवाल पर अब एक कपड़े उतरेंगे, सिर्फ तुम्हारे लिए, मेरे लिए किस्स वाला ही शर्त रहेगा …. बोलो मंजूर..
अपस्यु:- एक प्रॉब्लम है, सारे कपड़े उतारने के बाद मै क्या करूंगा।
श्रेया:- हीहीहीही.. पोल डांस करना। ठीक.. चलो अब जल्दी जल्दी जवाब दो.. तुम्हारा नाम..
अपस्यु:- अपस्यु रघुवंशी।
श्रेया:- तुम्हारी आदतें..
अपस्यु:- नई चीजों का ज्ञान लेना और मेरे दोस्त ये अपना प्यारा कॉकटेल पीना।
श्रेया:- दुनिया में सबसे प्यारा, कोई एक खास, जिसके लिए कुछ भी कर कर जाओ…
अपस्यु:- आरव और ऐमी.. मेरे लिए ये एक ही हैं 2 नहीं।
श्रेया:- मां से कम प्यार है, क्या उनके लिए कुछ कर गुजरने वाली फीलिंग नहीं?
अपस्यु:- इतना तो मै तुम्हारे लिए भी कर दूंगा वो भी दिमाग में बिना कोई सोच रखे कि कितना क्लोज रिलेशन है। बस मै जिन लोगों के बीच हूं, वो सब खुश रहने चाहिए। बहरहाल सबसे प्यारे की बात हो रही थी और उसमें आरव और ऐमी सबसे प्यारे है। रही बात मां की तो ये दोनो सबसे प्यारे तो जरूर है लेकिन मां के लिए मै इन दोनों को छोड़ सकता हूं।
श्रेया:- जब ऐसी बात है तो मां सबसे प्यारी हुई ना।
अपस्यु:- बेवकूफ मां ना होती तो ये अपस्यु ना होता। भले वो ऐमी और आरव जितनी प्यारी नहीं है, लेकिन वो नहीं होती तो मुझे कहीं और पैदा लेना पड़ता.. फिर तो आज का तुम्हारा ये साथ भी खत्म था समझी।
श्रेया:- हम्मम! कभी किसी का कत्ल किए हो।
अपस्यु:- नाह ।
श्रेया:- सिचुएशन ऐसी फसी तुम्हारे पास, किसी को कत्ल करना ही आखरी उपाय बचा हो, वरना तुम्हारा कोई करीबी मरा जाएगा, ऐसे सिचुएशन में क्या करोगे..
अपस्यु:- सिचुएशन आने तक इंतजार काहे करना, सर दर्द खत्म करो और आगे बढ़ो, बहुत से काम देखने है।
श्रेया:- अगर कोई किसी पर अन्याय कर रहा हो।
अपस्यु:- हर किसी की अपनी लड़ाई है और उसे खुद लड़नी पड़ती है। मै तो निर्मम स्तिथि में भी लोगों को देखता हूं तो दया नहीं दिखता।
श्रेया:- तुम काम क्या करते हो?
अपस्यु:- साहित्य से पढ़ रहा हूं?
श्रेया:- जीविका के लिए क्या करते हो?
अपस्यु:- पिताजी का धन बैंक में है, उसका ब्याज खाता हूं। सिन्हा जी के केस में हेल्प करता हूं, उससे अच्छे खासे पैसे मिल जाते है। कभी-कभी फजुल खर्च दिल खोल कर करने होते हैं तो अंडरग्राउंड फाइट लर लेता हूं। लेकिन ये दोस्तो वाला सीक्रेट, किसी को बताना मत।
श्रेया:- अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रिलेशन में हो और उसके बावजूद भी यदि किसी के साथ फिजिकल रिलेशन बनाते हो, तो क्या तुम्हारी नजर में ये धोखा होगा या नहीं?
अपस्यु:- भगवान की पूजा में कहते है, कुछ भी जूठा प्रयोग में नहीं लाया जाएगा। हम पुरा ऐतिहातन सारे काम करते हैं। लेकिन जो मिठाई, फल, फुल इत्यादि बाजार से लेते है, देने वाले का हाथ साफ था या नहीं। बाजार तक आने में वो सामान जूठा हुआ कि नहीं, ये कभी नहीं देखते। मोरल ऑफ द स्टोरी, जो नहीं दिखा वो हमेशा सुद्घ होता है, और जो नज़रों के सामने जूठा हुआ उसे फिर बदल देते हैं। सिम्पल फिलॉस्फी, जो हर किसी पर लागू होता है।
श्रेया:- कमाल की फिलॉस्फी, चरण कहां है गुरुदेव।
अपस्यु अपने दोनो पाऊं सीधा उसके जांघों पर रखते… "लो बच्ची, मत्था टेक लो, पाप कट जाएंगे।'"
श्रेया, अपस्यु के पाऊं हटाती हुई… "मेरे आज के सवाल खत्म, तुम्हारी बारी"
अपस्यु:- आज के सवाल से मतलब क्या कल भी खेलना है?
श्रेया:- नेक्स्ट टाइम जब भी मौका मिला।
अपस्यु:- तुम्हारी उम्र..
श्रेया:- 21 साल 3 महीने और 6 दिन। सॉरी रात के 12 बज गए तो 7 दिन हो गए।
अपस्यु:- तुम्हारा फिगर?
श्रेया:- 34-26-34
अपस्यु:-बॉडी वेट
श्रेया:- 58 किलोग्राम
अपस्यु:- तुम्हारी राशि?
श्रेया:- कर्क राशि।
अपस्यु:- बेस्ट फ्रेंड..
श्रेया:- कोई नहीं।
अपस्यु:- तुम्हारा ननिहाल
श्रेया:- नेपाल
अपस्यु:- क्या तुम्हे नेपाली भाषा आती है।
श्रेया:- बिल्कुल नहीं।
अपस्यु:- पैतृक स्थान..
श्रेया:- उसपर प्लीज कोई सवाल नहीं। मै उस जगह को भी याद नहीं करना चाहती जहां मेरी मां को अपमानित किया गया था।
अपस्यु:- ऐसी जगह जहां घूमना पसंद हो?
श्रेया:- चेरापूंजी, एक जिज्ञासा है की वहां की बारिश देखूं।
अपस्यु:- फेवरेट स्पोर्ट्स
श्रेया:- स्विमिंग..
अपस्यु:- मुझमें तुम्हे सबसे अच्छा क्या दिखा..
श्रेया:- कंप्लीट बैलेंस नेचर..
अपस्यु:- तुम्हे अपने आप में सबसे ज्यादा क्या पसंद है..
श्रेया:- कभी ना हार मानने वाला आत्मविश्वास।
अपस्यु:- क्या तुम्हे बुरा लगता है कि तुम्हारे पापा तुम्हारे पास ना रहकर, तुम्हारे सौतेली मां के पास रहते है।
श्रेया:- पहले लगता था अब शायद आदत हो गई है।
अपस्यु:- जिंदगी में एक काम जो बिल्कुल फुरसत में करना पसंद कर…
श्रेया:- तालाब किनारे मछली पकड़ना।
अपस्यु:- 2 किस्स.. एक झूठा जवाब.. पहले बताओ ओओओ..
अपस्यु बताओ करते हुए लड़खड़ाया, थोड़ी देर तक बड़बड़ाते रहा और फिर आराम से नींद के आगोश में चला गया। श्रेया ने घड़ी देखी, सुबह के 5 बज रहे थे। नींद उसे भी काफी लग रही थी। जागने के बाद का उसका रिएक्शन जानने के लिए श्रेया ने पहले तो 3-4 ड्रिंक ली, सोए अपस्यु से कहने लगी… "कमाल की चॉइस है तुम्हारी अपस्यु, मै भी फैन हो गई इस ड्रिंक की"… और हॉल में ही क्राउच पर जाकर सो गई।"…
सर भारी, बदन पुरा टूटा हुआ और आखें जब खुली तो शाम के 4 बज रहे थे। श्रेया चौंककर थोड़ी सक्रिय हुई, लेकिन सर इतना भारी था कि दिमाग काम ही नहीं कर रहा था। टेबल पर एक छोटा सा नोट परा हुआ था….
"मेरा कॉकटेल पीने पर मज़ा तो बहुत आता है लेकिन सोकर जागना उतना ही दुखदाई होता है। नोट के पास ही जूस रखा है, पी लेना, वरना कोई काम नहीं कर पाओगे। तुम्हारे फ्लैट की चाभी निकालने के लिए तुम्हारे तिजोरी में हाथ डालना परा उसके लिए सॉरी। आगे का वक़्त आनदमय हो, धन्यवाद।"