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Adultery महिला कारावास

niks1987

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लाइन में कुछ कैदी बिना खाने के रह गई।
"मादरचोद्द, सिस्टम ही खराब है साला"
"साला आज भूखे रह गए।"

किंजल ने खाना निपटाया, प्लेट धो दी।
"चल तुझे पूरा एरिया दिखा के लाती हूं।"

किंजल शिफा और सोनिया के पीछे पीछे चल पड़ी।
"ये वीआईपी बैरक है "। कुछ दूर सोनिया ने इशारा करके बताया। किंजल ने देखा सभी बैरक में 1 या 2 बेड लगे थे। पर अंदर का ज्यादा कुछ नहीं दिख रहा था।
"यहाँ सब सुविधा मिलती है। कूलर, एसी, होटल का खाना, घर का खाना, टीवी, मोबाइल। बस कीमत लगती है।"

"कितनी कीमत?" किंजल ने पूछा।

"बहुत अमीर होना पड़ता है। वैसे सुना है तेरा बाप भी बहुत अमीर था। "

किंजल की आंखे भर आई। उसे उसके मां बाप ने गोद लिया था। पर अब उसे कोई नही पूछेगा। करोड़ो की संपत्ति सब रिश्तेदार खा जायेंगे।

(समाज में यही होता है। आदमी अगर जेल जाए तो उसे बचाने में सारा परिवार लग जाता है। औरत अगर जेल में हो तो कोई सुध भी नही लेता। उसे बिना बोले ही परिवार से निष्काशित समझ लिया जाता है।)

"तूने पहले कोई काम किया है?" सोनिया ने पूछा।

"नही"

"मैं चलती हु तू भी आ जाना। नही तो वार्डन चिल्लाएगी।" शिफा बोली।

"ये कहा जा रही है?" किंजल ने पूछा।

"बोला ना यहा कुछ मुफ्त नहीं मिलता, पैसा देना पड़ता है या कमाना पड़ता है।" सोनिया बोली।

तभी दोनो एक बड़े हाल के सामने से निकल रहे थे। जहा काफी सिलाई मशीन एक लाइन में लगी थी। और कपड़ों के ढेर थे। एक महिला जेल कर्मचारी कोने में सिगरेट सुलगा रही थी। तभी एक ढेर के पीछे से एक हवलदार अपनी पेंट का बटन बंद करता हुआ निकला।
किंजल और सोनिया फटाफट आगे बढ़ गए और वो उन्हें देख नही पाया। किंजल ने पीछे मुड़ के देखा एक कैदी हाल से बाहर निकल रही थी। वो समझ गई अंदर क्या हो रहा था। सोनिया ने उसकी नजर पकड़ ली।

"कभी कभी कुछ ऐसे भी कमाती है ।अपनी आंख कान खुली रखना। पर मुंह कभी मत खोलना।"

सोनिया एक कोने में खड़ी हो गई, जहा कोई उसे देख नही सकता था। उसने एक ईंट के पीछे से एक छोटा सा लिफाफा निकला। उसमें 2 सिगरेट और लाइटर था। उसने सिगरेट सुलगा ली। सामने दूर 8- 10 बच्चे थे, जिन्हे एक अधेड़ सी औरत खाना दे रही थी। और कुछ टूटे फूटे खिलौने पड़े थे।

"ये बच्चे यही रहते हैं"?

"कैदियों के हैं। जब 6 साल के हो जाएंगे तो या तो रिश्तेदार ले जायेंगे, या अनाथाश्रम" सोनिया बोली।

सोनिया ने सिगरेट खतम की और दोनो वापिस चल पड़े।

"यहां क्या क्या काम कर सकते है ?"

"रसोई, बाथरूम सफाई, बाहर की सफाई, सिलाई, बुनाई, वीआईपी की नौकरी, लाइब्रेरी, लॉन्ड्री, डिस्पेंसरी। तुझे क्या आता है?" सोनिया ने पूछा

"मैने तो कभी कुछ नहीं किया।"

"ए, तुझे वार्डन ने बुलाया है।" वही महिला जेलकर्मी अचानक सामने से आती हुई बोली। जो कुछ देर पहले सिलाई वाले हाल में थी।

"जा, जल्दी से" सोनिया बोली।
किंजल जेलकर्मी के पीछे पीछे चल पड़ी। सभी बैरकों के आगे से गुजरते हुए किंजल ने ध्यान दिया कई बैरक बड़े बड़े और गंदे थे। और कुछ छोटे और साफ सुथरे थे। बदबू भी नही थी।

जेल कर्मी ने उसे एडमिन ब्लॉक में वार्डन के ऑफिस के आगे छोड़ दिया। किंजल ऑफिस के अंदर गई।

वार्डन शर्ट और ट्राउजर पहनी थी। टेबल पर पैर रख कर आराम से रिलैक्स कर रही थी।

"जेल का सिस्टम तो तूने देख ही लिया होगा। नही देखा तो समझ ले" अभी तुझे सजा नही हुई है इसलिये हम तुझे कोई काम नही दे सकते। पr तु चाहे तो अपनी मर्जी से कोई काम कर सकती है। अगर वहा जगह खाली हो तो। और किसी के साथ लड़ाई झगड़ा नहीं चाहिए मुझे। कोई भी तकलीफ हो तो मेरे पास आने का। ज्यादा दिमाग नही चलाना। बाकी तुझे रजनी समझा देगी। "

किंजल वापिस आ गई।

सोनिया वही ग्राउंड में बैठी थी छांव में। बस कुछ ही लोग थे ग्राउंड में। बाकी सब अपने अपने काम पे। जेल में भी सब जात पात और पैसे पे चलता था। छोटी जात वाली औरतों को साफ सफाई के काम पे लगाया जाता था।

"ले आई ज्ञान?"
"हां।" किंजल बोली। "में क्या काम करूंगी मुझे तो कुछ समझ ही नही। तुम क्या करती हो?" किंजल ने पूछा।

"मैं सुकून बांटती हूं।" सोनिया बोली
"मतलब?"
"समझ जायेगी जल्दी।"
"शिफा आंटी क्या करती है?" किंजल ने फिर पूछा।
 

karan77

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लाइन में कुछ कैदी बिना खाने के रह गई।
"मादरचोद्द, सिस्टम ही खराब है साला"
"साला आज भूखे रह गए।"

किंजल ने खाना निपटाया, प्लेट धो दी।
"चल तुझे पूरा एरिया दिखा के लाती हूं।"

किंजल शिफा और सोनिया के पीछे पीछे चल पड़ी।
"ये वीआईपी बैरक है "। कुछ दूर सोनिया ने इशारा करके बताया। किंजल ने देखा सभी बैरक में 1 या 2 बेड लगे थे। पर अंदर का ज्यादा कुछ नहीं दिख रहा था।
"यहाँ सब सुविधा मिलती है। कूलर, एसी, होटल का खाना, घर का खाना, टीवी, मोबाइल। बस कीमत लगती है।"

"कितनी कीमत?" किंजल ने पूछा।

"बहुत अमीर होना पड़ता है। वैसे सुना है तेरा बाप भी बहुत अमीर था। "

किंजल की आंखे भर आई। उसे उसके मां बाप ने गोद लिया था। पर अब उसे कोई नही पूछेगा। करोड़ो की संपत्ति सब रिश्तेदार खा जायेंगे।

(समाज में यही होता है। आदमी अगर जेल जाए तो उसे बचाने में सारा परिवार लग जाता है। औरत अगर जेल में हो तो कोई सुध भी नही लेता। उसे बिना बोले ही परिवार से निष्काशित समझ लिया जाता है।)

"तूने पहले कोई काम किया है?" सोनिया ने पूछा।

"नही"

"मैं चलती हु तू भी आ जाना। नही तो वार्डन चिल्लाएगी।" शिफा बोली।

"ये कहा जा रही है?" किंजल ने पूछा।

"बोला ना यहा कुछ मुफ्त नहीं मिलता, पैसा देना पड़ता है या कमाना पड़ता है।" सोनिया बोली।

तभी दोनो एक बड़े हाल के सामने से निकल रहे थे। जहा काफी सिलाई मशीन एक लाइन में लगी थी। और कपड़ों के ढेर थे। एक महिला जेल कर्मचारी कोने में सिगरेट सुलगा रही थी। तभी एक ढेर के पीछे से एक हवलदार अपनी पेंट का बटन बंद करता हुआ निकला।
किंजल और सोनिया फटाफट आगे बढ़ गए और वो उन्हें देख नही पाया। किंजल ने पीछे मुड़ के देखा एक कैदी हाल से बाहर निकल रही थी। वो समझ गई अंदर क्या हो रहा था। सोनिया ने उसकी नजर पकड़ ली।

"कभी कभी कुछ ऐसे भी कमाती है ।अपनी आंख कान खुली रखना। पर मुंह कभी मत खोलना।"

सोनिया एक कोने में खड़ी हो गई, जहा कोई उसे देख नही सकता था। उसने एक ईंट के पीछे से एक छोटा सा लिफाफा निकला। उसमें 2 सिगरेट और लाइटर था। उसने सिगरेट सुलगा ली। सामने दूर 8- 10 बच्चे थे, जिन्हे एक अधेड़ सी औरत खाना दे रही थी। और कुछ टूटे फूटे खिलौने पड़े थे।

"ये बच्चे यही रहते हैं"?

"कैदियों के हैं। जब 6 साल के हो जाएंगे तो या तो रिश्तेदार ले जायेंगे, या अनाथाश्रम" सोनिया बोली।

सोनिया ने सिगरेट खतम की और दोनो वापिस चल पड़े।

"यहां क्या क्या काम कर सकते है ?"

"रसोई, बाथरूम सफाई, बाहर की सफाई, सिलाई, बुनाई, वीआईपी की नौकरी, लाइब्रेरी, लॉन्ड्री, डिस्पेंसरी। तुझे क्या आता है?" सोनिया ने पूछा

"मैने तो कभी कुछ नहीं किया।"

"ए, तुझे वार्डन ने बुलाया है।" वही महिला जेलकर्मी अचानक सामने से आती हुई बोली। जो कुछ देर पहले सिलाई वाले हाल में थी।

"जा, जल्दी से" सोनिया बोली।
किंजल जेलकर्मी के पीछे पीछे चल पड़ी। सभी बैरकों के आगे से गुजरते हुए किंजल ने ध्यान दिया कई बैरक बड़े बड़े और गंदे थे। और कुछ छोटे और साफ सुथरे थे। बदबू भी नही थी।

जेल कर्मी ने उसे एडमिन ब्लॉक में वार्डन के ऑफिस के आगे छोड़ दिया। किंजल ऑफिस के अंदर गई।

वार्डन शर्ट और ट्राउजर पहनी थी। टेबल पर पैर रख कर आराम से रिलैक्स कर रही थी।

"जेल का सिस्टम तो तूने देख ही लिया होगा। नही देखा तो समझ ले" अभी तुझे सजा नही हुई है इसलिये हम तुझे कोई काम नही दे सकते। पr तु चाहे तो अपनी मर्जी से कोई काम कर सकती है। अगर वहा जगह खाली हो तो। और किसी के साथ लड़ाई झगड़ा नहीं चाहिए मुझे। कोई भी तकलीफ हो तो मेरे पास आने का। ज्यादा दिमाग नही चलाना। बाकी तुझे रजनी समझा देगी। "

किंजल वापिस आ गई।

सोनिया वही ग्राउंड में बैठी थी छांव में। बस कुछ ही लोग थे ग्राउंड में। बाकी सब अपने अपने काम पे। जेल में भी सब जात पात और पैसे पे चलता था। छोटी जात वाली औरतों को साफ सफाई के काम पे लगाया जाता था।

"ले आई ज्ञान?"
"हां।" किंजल बोली। "में क्या काम करूंगी मुझे तो कुछ समझ ही नही। तुम क्या करती हो?" किंजल ने पूछा।

"मैं सुकून बांटती हूं।" सोनिया बोली
"मतलब?"
"समझ जायेगी जल्दी।"
"शिफा आंटी क्या करती है?" किंजल ने फिर पूछा।
nice
 
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Dharmendra Kumar Patel

Nude av or dp not allowed. Edited
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एक नया अध्याय कहानी
 
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park

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लाइन में कुछ कैदी बिना खाने के रह गई।
"मादरचोद्द, सिस्टम ही खराब है साला"
"साला आज भूखे रह गए।"

किंजल ने खाना निपटाया, प्लेट धो दी।
"चल तुझे पूरा एरिया दिखा के लाती हूं।"

किंजल शिफा और सोनिया के पीछे पीछे चल पड़ी।
"ये वीआईपी बैरक है "। कुछ दूर सोनिया ने इशारा करके बताया। किंजल ने देखा सभी बैरक में 1 या 2 बेड लगे थे। पर अंदर का ज्यादा कुछ नहीं दिख रहा था।
"यहाँ सब सुविधा मिलती है। कूलर, एसी, होटल का खाना, घर का खाना, टीवी, मोबाइल। बस कीमत लगती है।"

"कितनी कीमत?" किंजल ने पूछा।

"बहुत अमीर होना पड़ता है। वैसे सुना है तेरा बाप भी बहुत अमीर था। "

किंजल की आंखे भर आई। उसे उसके मां बाप ने गोद लिया था। पर अब उसे कोई नही पूछेगा। करोड़ो की संपत्ति सब रिश्तेदार खा जायेंगे।

(समाज में यही होता है। आदमी अगर जेल जाए तो उसे बचाने में सारा परिवार लग जाता है। औरत अगर जेल में हो तो कोई सुध भी नही लेता। उसे बिना बोले ही परिवार से निष्काशित समझ लिया जाता है।)

"तूने पहले कोई काम किया है?" सोनिया ने पूछा।

"नही"

"मैं चलती हु तू भी आ जाना। नही तो वार्डन चिल्लाएगी।" शिफा बोली।

"ये कहा जा रही है?" किंजल ने पूछा।

"बोला ना यहा कुछ मुफ्त नहीं मिलता, पैसा देना पड़ता है या कमाना पड़ता है।" सोनिया बोली।

तभी दोनो एक बड़े हाल के सामने से निकल रहे थे। जहा काफी सिलाई मशीन एक लाइन में लगी थी। और कपड़ों के ढेर थे। एक महिला जेल कर्मचारी कोने में सिगरेट सुलगा रही थी। तभी एक ढेर के पीछे से एक हवलदार अपनी पेंट का बटन बंद करता हुआ निकला।
किंजल और सोनिया फटाफट आगे बढ़ गए और वो उन्हें देख नही पाया। किंजल ने पीछे मुड़ के देखा एक कैदी हाल से बाहर निकल रही थी। वो समझ गई अंदर क्या हो रहा था। सोनिया ने उसकी नजर पकड़ ली।

"कभी कभी कुछ ऐसे भी कमाती है ।अपनी आंख कान खुली रखना। पर मुंह कभी मत खोलना।"

सोनिया एक कोने में खड़ी हो गई, जहा कोई उसे देख नही सकता था। उसने एक ईंट के पीछे से एक छोटा सा लिफाफा निकला। उसमें 2 सिगरेट और लाइटर था। उसने सिगरेट सुलगा ली। सामने दूर 8- 10 बच्चे थे, जिन्हे एक अधेड़ सी औरत खाना दे रही थी। और कुछ टूटे फूटे खिलौने पड़े थे।

"ये बच्चे यही रहते हैं"?

"कैदियों के हैं। जब 6 साल के हो जाएंगे तो या तो रिश्तेदार ले जायेंगे, या अनाथाश्रम" सोनिया बोली।

सोनिया ने सिगरेट खतम की और दोनो वापिस चल पड़े।

"यहां क्या क्या काम कर सकते है ?"

"रसोई, बाथरूम सफाई, बाहर की सफाई, सिलाई, बुनाई, वीआईपी की नौकरी, लाइब्रेरी, लॉन्ड्री, डिस्पेंसरी। तुझे क्या आता है?" सोनिया ने पूछा

"मैने तो कभी कुछ नहीं किया।"

"ए, तुझे वार्डन ने बुलाया है।" वही महिला जेलकर्मी अचानक सामने से आती हुई बोली। जो कुछ देर पहले सिलाई वाले हाल में थी।

"जा, जल्दी से" सोनिया बोली।
किंजल जेलकर्मी के पीछे पीछे चल पड़ी। सभी बैरकों के आगे से गुजरते हुए किंजल ने ध्यान दिया कई बैरक बड़े बड़े और गंदे थे। और कुछ छोटे और साफ सुथरे थे। बदबू भी नही थी।

जेल कर्मी ने उसे एडमिन ब्लॉक में वार्डन के ऑफिस के आगे छोड़ दिया। किंजल ऑफिस के अंदर गई।

वार्डन शर्ट और ट्राउजर पहनी थी। टेबल पर पैर रख कर आराम से रिलैक्स कर रही थी।

"जेल का सिस्टम तो तूने देख ही लिया होगा। नही देखा तो समझ ले" अभी तुझे सजा नही हुई है इसलिये हम तुझे कोई काम नही दे सकते। पr तु चाहे तो अपनी मर्जी से कोई काम कर सकती है। अगर वहा जगह खाली हो तो। और किसी के साथ लड़ाई झगड़ा नहीं चाहिए मुझे। कोई भी तकलीफ हो तो मेरे पास आने का। ज्यादा दिमाग नही चलाना। बाकी तुझे रजनी समझा देगी। "

किंजल वापिस आ गई।

सोनिया वही ग्राउंड में बैठी थी छांव में। बस कुछ ही लोग थे ग्राउंड में। बाकी सब अपने अपने काम पे। जेल में भी सब जात पात और पैसे पे चलता था। छोटी जात वाली औरतों को साफ सफाई के काम पे लगाया जाता था।

"ले आई ज्ञान?"
"हां।" किंजल बोली। "में क्या काम करूंगी मुझे तो कुछ समझ ही नही। तुम क्या करती हो?" किंजल ने पूछा।

"मैं सुकून बांटती हूं।" सोनिया बोली
"मतलब?"
"समझ जायेगी जल्दी।"
"शिफा आंटी क्या करती है?" किंजल ने फिर पूछा।
Nice and superb update....
 
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parkas

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लाइन में कुछ कैदी बिना खाने के रह गई।
"मादरचोद्द, सिस्टम ही खराब है साला"
"साला आज भूखे रह गए।"

किंजल ने खाना निपटाया, प्लेट धो दी।
"चल तुझे पूरा एरिया दिखा के लाती हूं।"

किंजल शिफा और सोनिया के पीछे पीछे चल पड़ी।
"ये वीआईपी बैरक है "। कुछ दूर सोनिया ने इशारा करके बताया। किंजल ने देखा सभी बैरक में 1 या 2 बेड लगे थे। पर अंदर का ज्यादा कुछ नहीं दिख रहा था।
"यहाँ सब सुविधा मिलती है। कूलर, एसी, होटल का खाना, घर का खाना, टीवी, मोबाइल। बस कीमत लगती है।"

"कितनी कीमत?" किंजल ने पूछा।

"बहुत अमीर होना पड़ता है। वैसे सुना है तेरा बाप भी बहुत अमीर था। "

किंजल की आंखे भर आई। उसे उसके मां बाप ने गोद लिया था। पर अब उसे कोई नही पूछेगा। करोड़ो की संपत्ति सब रिश्तेदार खा जायेंगे।

(समाज में यही होता है। आदमी अगर जेल जाए तो उसे बचाने में सारा परिवार लग जाता है। औरत अगर जेल में हो तो कोई सुध भी नही लेता। उसे बिना बोले ही परिवार से निष्काशित समझ लिया जाता है।)

"तूने पहले कोई काम किया है?" सोनिया ने पूछा।

"नही"

"मैं चलती हु तू भी आ जाना। नही तो वार्डन चिल्लाएगी।" शिफा बोली।

"ये कहा जा रही है?" किंजल ने पूछा।

"बोला ना यहा कुछ मुफ्त नहीं मिलता, पैसा देना पड़ता है या कमाना पड़ता है।" सोनिया बोली।

तभी दोनो एक बड़े हाल के सामने से निकल रहे थे। जहा काफी सिलाई मशीन एक लाइन में लगी थी। और कपड़ों के ढेर थे। एक महिला जेल कर्मचारी कोने में सिगरेट सुलगा रही थी। तभी एक ढेर के पीछे से एक हवलदार अपनी पेंट का बटन बंद करता हुआ निकला।
किंजल और सोनिया फटाफट आगे बढ़ गए और वो उन्हें देख नही पाया। किंजल ने पीछे मुड़ के देखा एक कैदी हाल से बाहर निकल रही थी। वो समझ गई अंदर क्या हो रहा था। सोनिया ने उसकी नजर पकड़ ली।

"कभी कभी कुछ ऐसे भी कमाती है ।अपनी आंख कान खुली रखना। पर मुंह कभी मत खोलना।"

सोनिया एक कोने में खड़ी हो गई, जहा कोई उसे देख नही सकता था। उसने एक ईंट के पीछे से एक छोटा सा लिफाफा निकला। उसमें 2 सिगरेट और लाइटर था। उसने सिगरेट सुलगा ली। सामने दूर 8- 10 बच्चे थे, जिन्हे एक अधेड़ सी औरत खाना दे रही थी। और कुछ टूटे फूटे खिलौने पड़े थे।

"ये बच्चे यही रहते हैं"?

"कैदियों के हैं। जब 6 साल के हो जाएंगे तो या तो रिश्तेदार ले जायेंगे, या अनाथाश्रम" सोनिया बोली।

सोनिया ने सिगरेट खतम की और दोनो वापिस चल पड़े।

"यहां क्या क्या काम कर सकते है ?"

"रसोई, बाथरूम सफाई, बाहर की सफाई, सिलाई, बुनाई, वीआईपी की नौकरी, लाइब्रेरी, लॉन्ड्री, डिस्पेंसरी। तुझे क्या आता है?" सोनिया ने पूछा

"मैने तो कभी कुछ नहीं किया।"

"ए, तुझे वार्डन ने बुलाया है।" वही महिला जेलकर्मी अचानक सामने से आती हुई बोली। जो कुछ देर पहले सिलाई वाले हाल में थी।

"जा, जल्दी से" सोनिया बोली।
किंजल जेलकर्मी के पीछे पीछे चल पड़ी। सभी बैरकों के आगे से गुजरते हुए किंजल ने ध्यान दिया कई बैरक बड़े बड़े और गंदे थे। और कुछ छोटे और साफ सुथरे थे। बदबू भी नही थी।

जेल कर्मी ने उसे एडमिन ब्लॉक में वार्डन के ऑफिस के आगे छोड़ दिया। किंजल ऑफिस के अंदर गई।

वार्डन शर्ट और ट्राउजर पहनी थी। टेबल पर पैर रख कर आराम से रिलैक्स कर रही थी।

"जेल का सिस्टम तो तूने देख ही लिया होगा। नही देखा तो समझ ले" अभी तुझे सजा नही हुई है इसलिये हम तुझे कोई काम नही दे सकते। पr तु चाहे तो अपनी मर्जी से कोई काम कर सकती है। अगर वहा जगह खाली हो तो। और किसी के साथ लड़ाई झगड़ा नहीं चाहिए मुझे। कोई भी तकलीफ हो तो मेरे पास आने का। ज्यादा दिमाग नही चलाना। बाकी तुझे रजनी समझा देगी। "

किंजल वापिस आ गई।

सोनिया वही ग्राउंड में बैठी थी छांव में। बस कुछ ही लोग थे ग्राउंड में। बाकी सब अपने अपने काम पे। जेल में भी सब जात पात और पैसे पे चलता था। छोटी जात वाली औरतों को साफ सफाई के काम पे लगाया जाता था।

"ले आई ज्ञान?"
"हां।" किंजल बोली। "में क्या काम करूंगी मुझे तो कुछ समझ ही नही। तुम क्या करती हो?" किंजल ने पूछा।

"मैं सुकून बांटती हूं।" सोनिया बोली
"मतलब?"
"समझ जायेगी जल्दी।"
"शिफा आंटी क्या करती है?" किंजल ने फिर पूछा।
Nice and excellent update....
 

Napster

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रात हो चुकी थी। किंजल अपने बिस्तर पर लेटी थी। उसके बाजू वाली औरतों के बीच मुश्किल से 1 फीट का भी फैसला नहीं था। डेढ़ सौ लोगों की जेल में 500 से ज्यादा कैदी थे। कोई औरत अगर दूसरे को छू भी जाती थी तो गालियां शुरू हो जाती थी । किंजल डर के मारे सिकुड़ के लेटी हुई थी। जिस तरफ करवट लेती थी उसी तरफ दर्द की लहर निकलने लगती थी। लॉकअप के भयानक मंजर से ही वह कांप रही थी। महिला हवलदार के सामने ही इंस्पेक्टर उसके चूतड़ों और चूचों को मजे से भींच रहा था। किंजल दर्द से चिल्ला रही थी और हवलदार उसके पैरों में डंडे मार रहा था। दूसरे लॉकअप में उसे जिग्नेश की चीखें सुनाई दे रही थी। किंजल को पेशाब का जोर पड़ा। वह उठकर दूसरे कैदी से बचते हुए शौचालय की तरफ गई। अंदर दुर्गंध नाक के बाल जला रही थी। पेशाब के लिए बैठने में भी किंजल की दर्द से सी निकल गई। किसी तरह उसने पेशाब किया और बाहर आ गई। नींद आंखों से कोसों दूर थी।
.......

"मूवी तो बोरिंग है।" किंजल ने जिग्नेश की बाहों में बैठे बोला।
जिग्नेश का हाथ उसके कंधे के ऊपर से उसके गले के अंदर था। ब्रा के अंदर उसके कोमल उभरे हुए निप्पल को सहला रहा था। किंजल की पेंटी गीली हो रही थी और आंखें मस्ती में ऊपर चढ रही थी। किंजल का एक हाथ जिग्नेश ने अपने हाथ में पकड़ रखा था। किंजल नहीं टी शर्ट के ऊपर से ही जिग्नेश के हाथ पर हाथ रख लिया और कस के पकड़ लिया। और जिग्नेश कहां रुक रहा था। किंजल के नाखून जिग्नेश के हाथों में गड़ रहे थे।
अचानक किंजल की सांस रुक गई और पूरा शरीर अकड़ने लगा। और पिघलने लगी। जिग्नेश ने किंजल का हाथ जींस के ऊपर अपने ल** पर रख दिया। किंजल उसे मस्ती में मसलने लगी। जब किंजल 7 बार झड़ गई तो उसने जिग्नेश को गिड़गिड़ा कर बोला। "मुझमें अब ताकत नही हैं, अब चलो प्लीज।" जिग्नेश ने कस कर
चूचे को मसल दिया।
.......

"आह " अचानक किंजल की नींद खुली।
उसे पास बैठी औरत ने थप्पड़ मारा था। जाने कब उसकी नींद लग गई और उसका पैर साथ वाली औरत को लग गया। और उसने पलटते ही थप्पड़ मार दिया। इतने में सुबह 5 30 की घंटी बज गई। सब उठ खड़े हुए और बैरक के बाहर शौचालय की लाइन में लग गए। गुसलखाना बहुत बड़ा था। 7 8 गुसलखाने थे। अंदर कोई दरवाजा नहीं था बस बीच में आधी दीवार थी। सब औरतें वहा नंगी नहा रही थी। रात भर गर्मी में पसीने से नहाई किंजल को खुद से बदबू आ रही थी। उसने कपड़े उतारने शुरू किए। उसका शरीर चिकना था बस chut पर घने बाल थे। वहा लगभग सभी औरतों के choot और बगलों में बाल थे। किंजल जल्दी से साबुन लगा पानी डाल कर खुद को पोंछने लगी। पोंछते हुए उसने सामने वाले शावर के नीचे देखा। वहा एक लगभग 40 साल की गोरी , हल्की मोटी महिला नहा रही थी। और उसकी choot क्लीन शेव थी। किंजल को बहुत अजीब लगा। पीठ और गर्दन पर निशान थे। किंजल अच्छे से समझती थी कि ये लव बाइट्स हैं। पर जेल में केसे।

बाकी औरते भी इस महिला को कंखियों से देख रही थी। किंजल तौलिया लपेटे पानी से बाहर निकल रही थी। तभी पास गुजरती कैदी ने उसकी गांड को मसल दिया। किंजल घबरा कर साइड में हो गई। और कई औरते हसने लगी।
ये सब करते करते 8 बज गए थे। 6:30 बजे सुबह के नाश्ते की घंटी बज चुकी थी। पर किंजल नहाने की लाइन में ही लेट हो गई। 8:30 बजे नाश्ते का समय खत्म हो जाता है। पेट में चूहे दौड़ रहे थे। आज तो शायद भूखा रहना पड़ता।

"ये ले तेरी थाली" तभी सोनिया और शिफा उसके सामने आई और थाली पकड़ाते हुए बोली। थाली में पोहा, ब्रेड, और चटनी थी।
"थैंक यू "

"इसीलिए बोला था ग्रुप में आजा। जेल में अकेले गुजारा नहीं है। एक दूसरे का ध्यान रखना पड़ता है।" शिफा बोली।

किंजल खाने लगी। वो पोहा मुश्किल से उसके अंदर जा रहा था।

सामने वही औरत आते हुए दिखाई दी जिसे किंजल ने नहाते हुए देखा था। वो थोड़ा लंगड़ा कर चल रही थी। वह भी लेट आई थी लेकिन फिर भी उसके हाथ में थाली थी। शिफा ने उसकी तरफ देखा और उस औरत ने मुंह दूसरी तरफ घुमा लिया। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था। ऐसा लग रहा था बस आंखों से कभी भी आंसू फूट पड़ेंगे। iतने में खाना बंद होने की घंटी बज गई।

.....
बहुत ही बढिया और मस्त अपडेट है
मजा आ गया
 

Napster

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बहुत ही सुंदर और बडा ही मस्त अपडेट है मजा आ गया
अगले धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

malikarman

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"मादरचोद्द, सिस्टम ही खराब है साला"
"साला आज भूखे रह गए।"

किंजल ने खाना निपटाया, प्लेट धो दी।
"चल तुझे पूरा एरिया दिखा के लाती हूं।"

किंजल शिफा और सोनिया के पीछे पीछे चल पड़ी।
"ये वीआईपी बैरक है "। कुछ दूर सोनिया ने इशारा करके बताया। किंजल ने देखा सभी बैरक में 1 या 2 बेड लगे थे। पर अंदर का ज्यादा कुछ नहीं दिख रहा था।
"यहाँ सब सुविधा मिलती है। कूलर, एसी, होटल का खाना, घर का खाना, टीवी, मोबाइल। बस कीमत लगती है।"

"कितनी कीमत?" किंजल ने पूछा।

"बहुत अमीर होना पड़ता है। वैसे सुना है तेरा बाप भी बहुत अमीर था। "

किंजल की आंखे भर आई। उसे उसके मां बाप ने गोद लिया था। पर अब उसे कोई नही पूछेगा। करोड़ो की संपत्ति सब रिश्तेदार खा जायेंगे।

(समाज में यही होता है। आदमी अगर जेल जाए तो उसे बचाने में सारा परिवार लग जाता है। औरत अगर जेल में हो तो कोई सुध भी नही लेता। उसे बिना बोले ही परिवार से निष्काशित समझ लिया जाता है।)

"तूने पहले कोई काम किया है?" सोनिया ने पूछा।

"नही"

"मैं चलती हु तू भी आ जाना। नही तो वार्डन चिल्लाएगी।" शिफा बोली।

"ये कहा जा रही है?" किंजल ने पूछा।

"बोला ना यहा कुछ मुफ्त नहीं मिलता, पैसा देना पड़ता है या कमाना पड़ता है।" सोनिया बोली।

तभी दोनो एक बड़े हाल के सामने से निकल रहे थे। जहा काफी सिलाई मशीन एक लाइन में लगी थी। और कपड़ों के ढेर थे। एक महिला जेल कर्मचारी कोने में सिगरेट सुलगा रही थी। तभी एक ढेर के पीछे से एक हवलदार अपनी पेंट का बटन बंद करता हुआ निकला।
किंजल और सोनिया फटाफट आगे बढ़ गए और वो उन्हें देख नही पाया। किंजल ने पीछे मुड़ के देखा एक कैदी हाल से बाहर निकल रही थी। वो समझ गई अंदर क्या हो रहा था। सोनिया ने उसकी नजर पकड़ ली।

"कभी कभी कुछ ऐसे भी कमाती है ।अपनी आंख कान खुली रखना। पर मुंह कभी मत खोलना।"

सोनिया एक कोने में खड़ी हो गई, जहा कोई उसे देख नही सकता था। उसने एक ईंट के पीछे से एक छोटा सा लिफाफा निकला। उसमें 2 सिगरेट और लाइटर था। उसने सिगरेट सुलगा ली। सामने दूर 8- 10 बच्चे थे, जिन्हे एक अधेड़ सी औरत खाना दे रही थी। और कुछ टूटे फूटे खिलौने पड़े थे।

"ये बच्चे यही रहते हैं"?

"कैदियों के हैं। जब 6 साल के हो जाएंगे तो या तो रिश्तेदार ले जायेंगे, या अनाथाश्रम" सोनिया बोली।

सोनिया ने सिगरेट खतम की और दोनो वापिस चल पड़े।

"यहां क्या क्या काम कर सकते है ?"

"रसोई, बाथरूम सफाई, बाहर की सफाई, सिलाई, बुनाई, वीआईपी की नौकरी, लाइब्रेरी, लॉन्ड्री, डिस्पेंसरी। तुझे क्या आता है?" सोनिया ने पूछा

"मैने तो कभी कुछ नहीं किया।"

"ए, तुझे वार्डन ने बुलाया है।" वही महिला जेलकर्मी अचानक सामने से आती हुई बोली। जो कुछ देर पहले सिलाई वाले हाल में थी।

"जा, जल्दी से" सोनिया बोली।
किंजल जेलकर्मी के पीछे पीछे चल पड़ी। सभी बैरकों के आगे से गुजरते हुए किंजल ने ध्यान दिया कई बैरक बड़े बड़े और गंदे थे। और कुछ छोटे और साफ सुथरे थे। बदबू भी नही थी।

जेल कर्मी ने उसे एडमिन ब्लॉक में वार्डन के ऑफिस के आगे छोड़ दिया। किंजल ऑफिस के अंदर गई।

वार्डन शर्ट और ट्राउजर पहनी थी। टेबल पर पैर रख कर आराम से रिलैक्स कर रही थी।

"जेल का सिस्टम तो तूने देख ही लिया होगा। नही देखा तो समझ ले" अभी तुझे सजा नही हुई है इसलिये हम तुझे कोई काम नही दे सकते। पr तु चाहे तो अपनी मर्जी से कोई काम कर सकती है। अगर वहा जगह खाली हो तो। और किसी के साथ लड़ाई झगड़ा नहीं चाहिए मुझे। कोई भी तकलीफ हो तो मेरे पास आने का। ज्यादा दिमाग नही चलाना। बाकी तुझे रजनी समझा देगी। "

किंजल वापिस आ गई।

सोनिया वही ग्राउंड में बैठी थी छांव में। बस कुछ ही लोग थे ग्राउंड में। बाकी सब अपने अपने काम पे। जेल में भी सब जात पात और पैसे पे चलता था। छोटी जात वाली औरतों को साफ सफाई के काम पे लगाया जाता था।

"ले आई ज्ञान?"
"हां।" किंजल बोली। "में क्या काम करूंगी मुझे तो कुछ समझ ही नही। तुम क्या करती हो?" किंजल ने पूछा।

"मैं सुकून बांटती हूं।" सोनिया बोली
"मतलब?"
"समझ जायेगी जल्दी।"
"शिफा आंटी क्या करती है?" किंजल ने फिर पूछा।
Lovely update
 
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kas1709

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लाइन में कुछ कैदी बिना खाने के रह गई।
"मादरचोद्द, सिस्टम ही खराब है साला"
"साला आज भूखे रह गए।"

किंजल ने खाना निपटाया, प्लेट धो दी।
"चल तुझे पूरा एरिया दिखा के लाती हूं।"

किंजल शिफा और सोनिया के पीछे पीछे चल पड़ी।
"ये वीआईपी बैरक है "। कुछ दूर सोनिया ने इशारा करके बताया। किंजल ने देखा सभी बैरक में 1 या 2 बेड लगे थे। पर अंदर का ज्यादा कुछ नहीं दिख रहा था।
"यहाँ सब सुविधा मिलती है। कूलर, एसी, होटल का खाना, घर का खाना, टीवी, मोबाइल। बस कीमत लगती है।"

"कितनी कीमत?" किंजल ने पूछा।

"बहुत अमीर होना पड़ता है। वैसे सुना है तेरा बाप भी बहुत अमीर था। "

किंजल की आंखे भर आई। उसे उसके मां बाप ने गोद लिया था। पर अब उसे कोई नही पूछेगा। करोड़ो की संपत्ति सब रिश्तेदार खा जायेंगे।

(समाज में यही होता है। आदमी अगर जेल जाए तो उसे बचाने में सारा परिवार लग जाता है। औरत अगर जेल में हो तो कोई सुध भी नही लेता। उसे बिना बोले ही परिवार से निष्काशित समझ लिया जाता है।)

"तूने पहले कोई काम किया है?" सोनिया ने पूछा।

"नही"

"मैं चलती हु तू भी आ जाना। नही तो वार्डन चिल्लाएगी।" शिफा बोली।

"ये कहा जा रही है?" किंजल ने पूछा।

"बोला ना यहा कुछ मुफ्त नहीं मिलता, पैसा देना पड़ता है या कमाना पड़ता है।" सोनिया बोली।

तभी दोनो एक बड़े हाल के सामने से निकल रहे थे। जहा काफी सिलाई मशीन एक लाइन में लगी थी। और कपड़ों के ढेर थे। एक महिला जेल कर्मचारी कोने में सिगरेट सुलगा रही थी। तभी एक ढेर के पीछे से एक हवलदार अपनी पेंट का बटन बंद करता हुआ निकला।
किंजल और सोनिया फटाफट आगे बढ़ गए और वो उन्हें देख नही पाया। किंजल ने पीछे मुड़ के देखा एक कैदी हाल से बाहर निकल रही थी। वो समझ गई अंदर क्या हो रहा था। सोनिया ने उसकी नजर पकड़ ली।

"कभी कभी कुछ ऐसे भी कमाती है ।अपनी आंख कान खुली रखना। पर मुंह कभी मत खोलना।"

सोनिया एक कोने में खड़ी हो गई, जहा कोई उसे देख नही सकता था। उसने एक ईंट के पीछे से एक छोटा सा लिफाफा निकला। उसमें 2 सिगरेट और लाइटर था। उसने सिगरेट सुलगा ली। सामने दूर 8- 10 बच्चे थे, जिन्हे एक अधेड़ सी औरत खाना दे रही थी। और कुछ टूटे फूटे खिलौने पड़े थे।

"ये बच्चे यही रहते हैं"?

"कैदियों के हैं। जब 6 साल के हो जाएंगे तो या तो रिश्तेदार ले जायेंगे, या अनाथाश्रम" सोनिया बोली।

सोनिया ने सिगरेट खतम की और दोनो वापिस चल पड़े।

"यहां क्या क्या काम कर सकते है ?"

"रसोई, बाथरूम सफाई, बाहर की सफाई, सिलाई, बुनाई, वीआईपी की नौकरी, लाइब्रेरी, लॉन्ड्री, डिस्पेंसरी। तुझे क्या आता है?" सोनिया ने पूछा

"मैने तो कभी कुछ नहीं किया।"

"ए, तुझे वार्डन ने बुलाया है।" वही महिला जेलकर्मी अचानक सामने से आती हुई बोली। जो कुछ देर पहले सिलाई वाले हाल में थी।

"जा, जल्दी से" सोनिया बोली।
किंजल जेलकर्मी के पीछे पीछे चल पड़ी। सभी बैरकों के आगे से गुजरते हुए किंजल ने ध्यान दिया कई बैरक बड़े बड़े और गंदे थे। और कुछ छोटे और साफ सुथरे थे। बदबू भी नही थी।

जेल कर्मी ने उसे एडमिन ब्लॉक में वार्डन के ऑफिस के आगे छोड़ दिया। किंजल ऑफिस के अंदर गई।

वार्डन शर्ट और ट्राउजर पहनी थी। टेबल पर पैर रख कर आराम से रिलैक्स कर रही थी।

"जेल का सिस्टम तो तूने देख ही लिया होगा। नही देखा तो समझ ले" अभी तुझे सजा नही हुई है इसलिये हम तुझे कोई काम नही दे सकते। पr तु चाहे तो अपनी मर्जी से कोई काम कर सकती है। अगर वहा जगह खाली हो तो। और किसी के साथ लड़ाई झगड़ा नहीं चाहिए मुझे। कोई भी तकलीफ हो तो मेरे पास आने का। ज्यादा दिमाग नही चलाना। बाकी तुझे रजनी समझा देगी। "

किंजल वापिस आ गई।

सोनिया वही ग्राउंड में बैठी थी छांव में। बस कुछ ही लोग थे ग्राउंड में। बाकी सब अपने अपने काम पे। जेल में भी सब जात पात और पैसे पे चलता था। छोटी जात वाली औरतों को साफ सफाई के काम पे लगाया जाता था।

"ले आई ज्ञान?"
"हां।" किंजल बोली। "में क्या काम करूंगी मुझे तो कुछ समझ ही नही। तुम क्या करती हो?" किंजल ने पूछा।

"मैं सुकून बांटती हूं।" सोनिया बोली
"मतलब?"
"समझ जायेगी जल्दी।"
"शिफा आंटी क्या करती है?" किंजल ने फिर पूछा।
Nice update....
 
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Ajju Landwalia

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Bahut badhiya update he Bhai,

Keep posting
 
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