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Incest मां और मैं

Meenabhabhi

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Awaiting for update
Want to see how Rachna n Akash slipped out to have fun leaving behind Mom n Dinesh!!
Is there any chance of sex between Dinesh n Ma?
 

Sangya

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काफी देर तक मस्ती करने के बाद उपर हम मां बेटा और नीचे दोनों भाई बहन एक दूसरे के शरीर को पूरी तरह भोगने के बाद भी संतुष्ट नहीं हो रहे थे मां बार-बार मुझसे चिपट रही थी और अपने अंगों को मेरे शरीर पर रगड़ रही थी मेरे भूख भी मिट नहीं रही थी और मैं मां के मांसल शरीर को अपने से चिपका कर अपने अंदर समा लेना चाहता था
मां की छलछलाती हुई प्रेम भरी चूत और मेरे सख्त होते मां के प्रति आदर, दोनों ने एक प्रतियोगिता बना रखी थी कि कौन कसकर कितना दूसरे को आलिंगन में भर पाता है इसी तरह से काफी देर तक आलिंगन और और ज्यादा आलिंगन चलता रहा मैं मां के नितंबों को अपने पंजों से दबाकर मां की कमर को अपने लिंग के नजदीक रखने का असीम आनंद ले रहा था और मां भी मेरी पीठ और नितंबों पर जोर लगाकर मेरे झंडे के डंडे को अपने बिल में ठोकना चाह रही थी ऐसे करते करते पता नहीं कब मेरा डंडा बहुत सख्त हो गया और मैंने अपना मुंह मां के होठों से जोड़कर अपनी जीभ मां के मुंह में सरका दी और मां ने मेरी जीभ को चूस कर मेरे मुंह का सारा रस अपने मुंह में खींचने लगी
हम दोनों की टांगे एक दूसरे की टांग के गिर्द होकर हमें एकाकार कर रही थी होटल के नर्म बिस्तर पर हमें हमारे थक्कों की प्रतिक्रिया में और ज्यादा आनंद आ रहा था मैंने नीचे निगाह मारी तो रचना और दिनेश दोनों भाई बहन भी फर्श पर गौतम गुत्थम गुत्था होकर एक दूसरे में समा जाने के लिए पूरा जोर लगा रहे थे
उन दोनों को देखकर ऐसा लगता था कि इस जवान जोड़े को पहली बार लिंग और योनि का आनंद मिला होगा जिसको यह पुनः साकार करना चाहते हैं उसी प्रकार बिस्तर पर हम मां बेटे के एक दूसरे में उलझे हुए शरीर को देखकर भी कोई नहीं कह सकता था कि हम वर्षों से चुदाई कर रहे हैं ऐसा ही लग रहा था कि कोई नया जोड़ा हनीमून पर आकर नर और मादा के शरीर को अनुभव करने का प्रयास कर रहा है । काफी देर तक कभी मैं ऊपर, मां नीचे और कभी मां ऊपर, मैं नीचे बिस्तर पर कलाबाजियां खाते रहे
उधर नीचे फर्श पर शायद रचना को कुछ ठंड लग रही होगी तो वह बोली अगर हमारे मेजबान जोड़े को कुछ आपत्ति ना हो तो हम आपके पास ही बिस्तर पर आ जाएं सख्त फर्श पर हमें धक्के मारने के बजाय आपके साथ आपके नर्म बिस्तर पर धक्के मारने में हमें कुछ ज्यादा आनंद मिलने की उम्मीद लगती है

मां एकदम अनापेक्षित रुप से बोली: क्यों फिक्र करते हो इधर मम्मी और भैया के पास में ही आ जाओ यह दो जनों के साथ साथ सोने के लिए बिस्तर है इतनी जगह है और हम दोनों जोड़े एक दूसरे के ऊपर नीचे ही रहेंगे इसलिए जगह की कोई कमी नहीं
यह सुनकर दिनेश जोर से हंसा और तुरंत रचना को अपनी गोदी में उठा कर बिस्तर पर ले आया उस समय मां मेरे नीचे थी मां ने कोने में सरककर रचना और दिनेश को अपने साथ में जगह दे दी
अब बिस्तर पर दो औरतों और मर्दों की कुश्ती शुरू हो गई थी, इसमें सबके हाथ पैर सबसे छू रहे थे
एक दूसरे के मुंह को चूमना मम्मे पूटना पेट को सहलाना दूधों को सहलाना , मां और रचना अपने बेटे और भाई, मेरे और दिनेश के लिंग को पकड़कर उमेठना, दूसरे के नितंबों पर थपकी देना, होठों से होठों को जोड़ना, सभी प्रकार संभोग पूर्वक्रियाएं पूरे जोर-शोर से चल रही थी
फिर धीरे-धीरे मां की सिसकारियां तेज होने लगी और मां की मुट्ठी मेरे लिंग के आसपास कसकर लिंग की सख्ती को बढ़ाने लगी और मां धीरे से बढ़ते हुए लिंग को अपनी योनि के मुहाने का रास्ता दिखाने लगी , मेरे लिंग में भी तनाव महसूस होने लगा था तो मैंने लिंग के योनि के मुहाने पर पहुंचते ही एक जोरदार धक्का देकर अपना झंडा अपनी मातृभूमि में तेजी से एक ही झटके में घुसा दिया और फिर बहुत तेजी से अंदर-बाहर करने लगा
हमारी चुदाई की थपथपा ठकाठक की आवाज और हमारे धक्कों से गद्दे पर पड़ रहे उछाल से दिनेश और रचना भाई बहन को भी बहुत जोश आ गया था उनके चुंबन की तेज तेज आवाज पूरे कमरे में गूंजने लगी थी फिर दिनेश में रचना को नीचे पलटते हुए उसकी टांगे फैलाई तो रचना ने भी अपने भाई दिनेश का लिंग पकड़ कर अपनी योनि के मुहाने पर रखा और दिनेश ने भी फचाक से अपना लोड़ा अपनी बहन की योनि में पेल दिया
दोनों औरतें नीचे लेटी हुई थी और हम दोनों मर्द घपा घप धकाधक फकाफक छप छप करके पिस्टन की गति से अपने लोड़े को बाहर खींचते और फिर से पूरी ताकत लगाते हुए अपने सेक्स पार्टनर की योनि में पेल देते
कुछ ही देर में हमारी चुदाई की क्रिया एकसार हो गई यानी कि मैं और दिनेश अपना लौड़ा एक साथ ही कमर उठा कर बाहर निकालते और उसी चाल से नीचे झुककर ताकत के साथ अपनी मां और बहन की योनि में पेल देते
खूब आनंद आ रहा था कई बार की चुदाई के बाद भी हमारी उत्तेजना में कमी नहीं आ रही थी और दोनों जोड़े पूरी तरह से स्वर्ग जैसी जुदाई का आनंद ले रहे थे
मां बोल रही थी शाबाश बेटा खेल ले मां को ठोक दे शाबाश बेटा गोवा की मस्ती दिखाओ
फिर अचानक मां बोली दिनेश बेटा अपनी बहन को प्यासा मत रख इसके सारे कस बल निकाल दे, देख कितना खुल गई है आज ही में, इसकी प्यास गहराई तक घुस कर शांत कर दे, शाबाश बेटा, अपनी बहन को संतुष्ट कर दे, इतना पेल- इतना पेल की शादी के बाद भी तेरी बहन अपने पति की चुदाई की तुलना तेरे लोड़े की ताकत से करें और हर बार मायके आकर अपनी चुदाई की कमी पूरी करे। शाबाश बेटा पेल दे, बहुत अच्छा, मेरा बेटा,
मां मेरे को फिर बोली राजा बेटा, मेरा राजा बेटा , अपनी मां की सेवा करता रह, मां तुझे पूरा प्रसाद देती है तू भी मां को प्यासा मत रख ,अपने पापा की संपत्ति यह जो मां की गहरी कसी हुई चूत है उसको पूरी तरह से अपने कब्जे में ले ले और अपना हक लेकर इसका पूरी तरह से उपभोग कर ले, बकवास करते-करते हम सब बहुत तेजी से चुदाई करते हांफ रहे थे दिनेश बोला: ले मेरी बहन, मेरी प्यारी बहना, ले -ले, अपने भाई की ताकत महसूस करके ले ले, सब जगह तो डर रहता था यहां पर मेरी बहन आपने भाई के डंडे पर खुलकर अच्छे से लटक ले, शाबाश मेरी बहन मैं आ रहा हूं मेरी बहन मैं झड़ने वाला हूं शाबाश मेरे बहन ले, कस ले, रचना ने भी अपनी टांगे उठा कर अपने भाई के नितंबों पर कस दीं और भाई भी धक्के मारने की क्रिया में अपनी बहन के नितंबों पर हाथ डालकर एक साथ से उठाकर और घप्प से वापस गद्देदार बिस्तर पर कूद जाता।

मैं भी तेजी से धक्के मारते मारते मुकाम की ओर पहुंच रहा था कि मां बोली शाबाश मेरे बेटे मैं झड़ने वाली हूं, लगा दे अपनी पूरी ताकत, घुस जा अपनी जन्मभूमि में, शाबाश बेटा और मां ने मेरे को अपनी चूत पर कस लिया फिर तेजी से कंपकंपाते हुए झड़ने लगी, मैंने भी अपने पिचकारी से सारा रंग मां की योनि की गहराइयों में उड़ेल दिया साथ में दिनेश और रचना दोनों भाई बहन लेटे हुए गहरी सांसे ले रहे थे
मेरी आंखें रचना की आंखों से मिली अब रचना ने मुस्कुराकर मेरा अभिवादन किया मैं अपनी मां के ऊपर पस्त होकर लेट गया दिनेश भी अपनी बहन की खुली टांगों के बीच में उल्टा होकर लेटा रहा।

मैंने हाथ बढ़ाकर रचना के हाथ को अपनी मुट्ठी में लिया और सहलाने लगा मां शायद थककर आधी निंद्रा में थी रचना ने मेरे हाथ को जोर से दबाया शायद कह रही थी कि भाई से तो मन भर कर चुद ली तुम्हारे से तुम्हारी सेवा का मौका चाहती हूं दोपहर में जब से रचना मुझे मिली थी बार-बार मेरे गठीला शरीर को पढ़ रही थी और मौका पाते ही मुझे छूने का, मेरे से शरीर से अपने शरीर को रगड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ रही थी। मैंने भी उसके हाथ को अच्छे से दबाकर इशारा किया कि मौका मिलते ही मैं रचना की योनि की सेवा कर दूंगा फिर मैंने अपना हाथ उठाकर मां की जांघों की साइड में मसलने लगा रचना भी अपने हाथों से दिनेश के नितंबों पर थपकी मारने लगी इस तरह से हमारी उस दिन की पांचवी चुदाई संपूर्ण हुई
घड़ी में देखा तो रात के 2:00 बज रहे थे हमने दोपहर के बाद कुछ भी नहीं खाया था मां बोली कुछ खाने को आर्डर कर दे इंटरकॉम पर रूम सर्विस से पूछा तो वहां कोई जवाब नहीं मिला
मुझे तो बहुत तेज से भूख लगी है रचना भी कहने लगी, एक तो तुम दोनों की हम मां बेटी ने इतनी सेवा की है और तुम हमें भूखा मार रहे हो
यह सुनकर मैंने कहा फिक्र मत करो यह गोवा है यहां रात भर कुछ ना कुछ खाने को मिल सकता है मैं लेकर आता हूं यह कहकर मैं बरमूडा शर्ट पहनने लगा, दिनेश बोला मेरी तो हिम्मत नहीं है तो रचना झटपट उठ कर बोली: आकाश भाई अकेला नहीं जाएगा, मैं इसके साथ चलती हूं, उठकर रचना ने तुरंत मां की स्कर्ट और टॉप पहन ली और मेरे को आंख मार कर बोली : चल भाई हम दोनों भाई बहन ही कुछ लेकर आते हैं
हम दोनों रचना और मैं मुंहबोले भाई-बहन बन चुके थे इसलिए बेखटके एक दूसरे की कमर में हाथ डाल कर कमरे से बाहर निकलकर स्कूटर की पार्किंग की ओर चल दिए स्कूटर पर रचना मेरे पीछे चिपक कर बैठ गई और आगे हाथ बढ़ाकर मेरे बरमूडा के ऊपर से लोड़े को मरोड़ने लगी रचना के उरोज मेरी पीठ में धंस रहे थे। रचना पूरी तरह से चिपक कर मेरे साथ बैठकर मेरे अभी तक अतृप्त लौड़े को छेड़ रही थी। पीठ पर रचना के उरोजों की नरमी और रचना के नरम हाथों से मेरे लोड़े को मसलने के कारण मेरे शरीर में करंट दौड़ने लगा था
जल्दी में या शायद वैसे ही रचना और मैंने अंडरवियर नहीं पहने थे तो हमें कपड़ों में भी एक दूसरे के नंगे होने का ही एहसास हो रहा था । गोवा की सुनसान सड़कों पर ठंडी हवा हम दोनों की मस्ती बढ़ रही थी।
रचना मेरे कान में बोली आकाश भाई अपनी रचना बहन की प्यास क्यों नहीं देख रहा है
मैं बोला रचना बहन, दिनेश भाई की प्यास बुझा रही है और उसकी पिचकारी का पूरा आनंद ले रही है तो मैंने बीच में डंडे मारने की कोशिश नहीं की
रचना भाई मुझे भी यही लगता था कि तुम मां की सेवा कर रहे हो मां की कामाग्नि को शांत कर रहे हो तो मैं विघ्न नहीं करूं, पर अब हम दोनों अकेले हैं अपने मन से चुदाई कर लेते हैं
मैं बोला सड़क पर ?
नहीं भाई, सड़क पर क्या मजा आएगा चोरी छुपे तो टीले के आसपास भी हो गई थी, ऐसा करते हैं हमारा होटल पास में ही है, मेरे कमरे में चलकर पूरे नंगे होकर खूब शोर मचाते हुए धमादम चुदाई करेंगे ताकि हम दोनों भाई बहन गोवा की यादाश्त में एक कारनामा जोड़ सकें
यह कहकर रचना ने मुझे दाएं मुड़ने का इशारा किया थोड़ा आगे जाते ही हम रचना के होटल पहुंच गए
रिसेप्शन से चाबी लेकर रचना अपने कमरे में पहुंची और दरवाजा बंद करने से पहले ही तुरंत अपनी स्कर्ट और टॉप को उतार कर पूरी नंगी हो गई
मैंने भी पीछे मुड़ कर जल्दी से दरवाजा बंद किया और अपना बरमूडा और टीशर्ट उतार दिया और हम दोनों नए- नए बने भाई बहन एक दूसरे से ऐसे लिपटे जैसे कि जन्मों-जन्मों के भूखे हो! यह तो तब था जब उस दिन में अपने अपने पार्टनर के साथ हम 5-5 बार चुदाई* कर चुके थे।
रचना ने अपना होंठ मेरे होंठों से जोड़ दिए और जोर जोर से चूसने लगी मैंने भी अपने हाथों से रचना की छातियों को जोर-जोर से रगड़ना शुरू किया तो रचना कसमसाने लगी फिर मैंने हाथ नीचे करके रचना की योनि में उंगली डाल दी
संकेत पाकर रचना ने भी हाथ नीचे करके मेरे लोड़े को अपनी मुट्ठी में कस लिया और लोड़े की मालिश करने लगी रचना के हाथों के जादू से मेरा लौड़ा फंक्शन में आता हुआ पूरी फॉर्म में आ गया।
अपनी मुट्ठी में मेरे लोड़े में जान पहुंचाकर रचना ने नीचे को झूकी और बैठ मेरी छाती पेट चूमते हुए मेरे लोड़े तक अपना मूंह ले आई और अपनी जीभ से मेरे लोड़े को आइसक्रीम की तरह चाटने लगी एक हाथ से वह लोड़े को टट्टों के पास से पकड़कर घुमा रही थी एंगल बदल रही थी और जीभ के जादू से मेरे लोड़े को चाट रही थी अपने हाथ की ताकत लगाकर मेरे लोड़े की खाल को और पीछे खींचा और जब मेरे लोड़े का सुपाड़ा बिल्कुल चमकने लगा तो जीभ से मेरे लोड़े के छिद्र को कुरेदने लगी।
मेरे पूरे शरीर में करंट बहने लगा था और मेरी उंगलियां रचना की योनि में आग पैदा करने का काम कर रही थी फिर मैंने रचना लिए लिए बिस्तर पर लुढ़क गया और तुरंत करवट लेकर रचना की चूत के ऊपर अपने मुंह से जीभ निकाल कर चाटने लगा, बहन ने भी मेरे लौड़े को अपने मुंह में भर लिया और हम दोनों पूरी शिद्दत के साथ मुखमैथुन करने लगे
मुझे लगा कि धीरे-धीरे हमारे शरीर में करंट बढ़ता जा रहा था कुछ देर बाद मैंने रचना को छूकर इशारा किया और बहन ने सीधे होकर टांगे खोल दी रचना ने तुरंत अपने तलवे छत की ओर कर दिए जिससे उसकी योनि पूरी तरह से उभर कर मेरे सामने हो गई थी
मैंने कुत्ते की तरह नीचे से आते ही पहले उसकी योनि को चाटा और आगे बढ़ते हुए उसके दूध को चूसने लगा उसकी फैली हुई टांगों के बीच में मेरी कमर थी जिसमें से लटकता हुआ लौड़ा रचना की योनि पर खारिश कर रहा था
हमारी कामाग्नि बढ़ी हुई थी बहन ने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी योनि के ऊपर सेट कर दिया इशारा पाते ही मैंने एक जोरदार धक्का मारा
जैसे ही मेरे लोड़े में रचना की गुफा की गहराइयों को छुआ तो रचना के मुंह से एक चीख सी निकल गई मार दिया भाई इतनी बेदर्दी से पेला है , मैं मां तो नहीं हूं! मैं बहन की सख्त चूत को मां की प्यार भरी नरम योनि की तरह मत पेल!! धीरे धीरे से काम कर!!
यह कहकर रचना में नीचे से अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया मैंने भी पतेजी दिखाते हुए जोरदार धक्के मारे मैं पूरी स्पीड से रचना के खेत में अपना हल चलाते हुए रचना की चीख-पुकार की परवाह करते बिना घमाघम धमाधम धकाधक धमाधम धकाधक रेल चलता रहा कुछ ही देर में रचना झड़ने के मुहाने पर पहुंच गई और उसने अपने पैर नीचे करके मेरे नितंबों पर कस दिए मैंने भी पूरी ताकत से रचना को अपने नीचे दबाकर बेबस कर दिया और उसके बिल में अपना सांप अंदर-बाहर करने लगा
दोपहर से भरी हुई हमारी चाह ने हम दोनों को जल्दी ही झड़ने के किनारे पहुंचा दिया और हम दोनों एक दूसरे को कसकर गहरी गहरी सांस लेते हुए झड़ने लगे
थक कर गहरी सांसे लेते हुए जब हमें होश आया । हम दोनों ने अपने शरीर की प्यास बुझा ली पर मां बेटा हमारे इंतजार में भूखे बैठे होंगे उनके लिए जल्दी से खाने का कुछ इंतजाम करो
रचना का होटल छोटा था उसने पूछा तो उन्होंने झटपट से कुछ खाना पैक करने की बात मान ली
खाने लेकर जब हम जा रहे थे तो रचना बोली हम दोनों भाई बहन तो यहां मजा ले रहे हैं दिनेश भी मां की चुदाई करना चाहता था पता नहीं उन दोनों के बीच क्या हुआ होगा ?
तो मैंने रचना के चुम्मा लेते हुए कहा कि मेरी मां सिर्फ मुझे ही अपनी योनि देती है पापा की चीज, मेरे अलावा मेरी मां, मेरे छोटे भाई को भी नहीं देती दिनेश को नहीं देगी!!
रचना दिनेश का कोई पता नहीं ? शायद उसकी हिम्मत ही नहीं होगी की मां की चूत की तरफ देखे पर बहुत मुझे बहुत हैरानी होगी कि तुम्हारी चुदाई की भूखी मां मेरे जवान भाई के लंड को इतना ज्यादा इग्नोर कर दे वह भी तब जब दोनों नंगे ही एक बिस्तर पर लेटे हुए हैं
मैं बोला: वहां देखेंगे क्या हुआ है!
रचना बोली चलो शर्त लगाते हैं मां बेटे ने चुदाई कर ली होगी तो मैं तुम्हें ‌उनके सामने ही तुमसे अपनी चूत दो बार मरवा लूंगी और अगर उन्होंने स्वयं पर नियंत्रण रखा होगा तो मां को भड़काने के लिए तुम मुझे दो बार वहीं पर आज रात में ही चोद देना
मैं जोर से हंसा और कहा चाकू खरबूजे पर गिर रहा है या खरबूजा चाकू पर तूने बहुत अच्छी बात की तू मेरे से चुदेगी या मैं तुझे चोदूंगा चूत भी मेरी भी लंड भी मेरा, !! वाह वाह!!!!!
यह कहकर हम खाना लेकर वापस मेरे होटल की तरफ चल दिए जाकर क्या देखा?

आगे की कथा अगले अपडेट में
 

Lib am

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काफी देर तक मस्ती करने के बाद उपर हम मां बेटा और नीचे दोनों भाई बहन एक दूसरे के शरीर को पूरी तरह भोगने के बाद भी संतुष्ट नहीं हो रहे थे मां बार-बार मुझसे चिपट रही थी और अपने अंगों को मेरे शरीर पर रगड़ रही थी मेरे भूख भी मिट नहीं रही थी और मैं मां के मांसल शरीर को अपने से चिपका कर अपने अंदर समा लेना चाहता था
मां की छलछलाती हुई प्रेम भरी चूत और मेरे सख्त होते मां के प्रति आदर, दोनों ने एक प्रतियोगिता बना रखी थी कि कौन कसकर कितना दूसरे को आलिंगन में भर पाता है इसी तरह से काफी देर तक आलिंगन और और ज्यादा आलिंगन चलता रहा मैं मां के नितंबों को अपने पंजों से दबाकर मां की कमर को अपने लिंग के नजदीक रखने का असीम आनंद ले रहा था और मां भी मेरी पीठ और नितंबों पर जोर लगाकर मेरे झंडे के डंडे को अपने बिल में ठोकना चाह रही थी ऐसे करते करते पता नहीं कब मेरा डंडा बहुत सख्त हो गया और मैंने अपना मुंह मां के होठों से जोड़कर अपनी जीभ मां के मुंह में सरका दी और मां ने मेरी जीभ को चूस कर मेरे मुंह का सारा रस अपने मुंह में खींचने लगी
हम दोनों की टांगे एक दूसरे की टांग के गिर्द होकर हमें एकाकार कर रही थी होटल के नर्म बिस्तर पर हमें हमारे थक्कों की प्रतिक्रिया में और ज्यादा आनंद आ रहा था मैंने नीचे निगाह मारी तो रचना और दिनेश दोनों भाई बहन भी फर्श पर गौतम गुत्थम गुत्था होकर एक दूसरे में समा जाने के लिए पूरा जोर लगा रहे थे
उन दोनों को देखकर ऐसा लगता था कि इस जवान जोड़े को पहली बार लिंग और योनि का आनंद मिला होगा जिसको यह पुनः साकार करना चाहते हैं उसी प्रकार बिस्तर पर हम मां बेटे के एक दूसरे में उलझे हुए शरीर को देखकर भी कोई नहीं कह सकता था कि हम वर्षों से चुदाई कर रहे हैं ऐसा ही लग रहा था कि कोई नया जोड़ा हनीमून पर आकर नर और मादा के शरीर को अनुभव करने का प्रयास कर रहा है । काफी देर तक कभी मैं ऊपर, मां नीचे और कभी मां ऊपर, मैं नीचे बिस्तर पर कलाबाजियां खाते रहे
उधर नीचे फर्श पर शायद रचना को कुछ ठंड लग रही होगी तो वह बोली अगर हमारे मेजबान जोड़े को कुछ आपत्ति ना हो तो हम आपके पास ही बिस्तर पर आ जाएं सख्त फर्श पर हमें धक्के मारने के बजाय आपके साथ आपके नर्म बिस्तर पर धक्के मारने में हमें कुछ ज्यादा आनंद मिलने की उम्मीद लगती है

मां एकदम अनापेक्षित रुप से बोली: क्यों फिक्र करते हो इधर मम्मी और भैया के पास में ही आ जाओ यह दो जनों के साथ साथ सोने के लिए बिस्तर है इतनी जगह है और हम दोनों जोड़े एक दूसरे के ऊपर नीचे ही रहेंगे इसलिए जगह की कोई कमी नहीं
यह सुनकर दिनेश जोर से हंसा और तुरंत रचना को अपनी गोदी में उठा कर बिस्तर पर ले आया उस समय मां मेरे नीचे थी मां ने कोने में सरककर रचना और दिनेश को अपने साथ में जगह दे दी
अब बिस्तर पर दो औरतों और मर्दों की कुश्ती शुरू हो गई थी, इसमें सबके हाथ पैर सबसे छू रहे थे
एक दूसरे के मुंह को चूमना मम्मे पूटना पेट को सहलाना दूधों को सहलाना , मां और रचना अपने बेटे और भाई, मेरे और दिनेश के लिंग को पकड़कर उमेठना, दूसरे के नितंबों पर थपकी देना, होठों से होठों को जोड़ना, सभी प्रकार संभोग पूर्वक्रियाएं पूरे जोर-शोर से चल रही थी
फिर धीरे-धीरे मां की सिसकारियां तेज होने लगी और मां की मुट्ठी मेरे लिंग के आसपास कसकर लिंग की सख्ती को बढ़ाने लगी और मां धीरे से बढ़ते हुए लिंग को अपनी योनि के मुहाने का रास्ता दिखाने लगी , मेरे लिंग में भी तनाव महसूस होने लगा था तो मैंने लिंग के योनि के मुहाने पर पहुंचते ही एक जोरदार धक्का देकर अपना झंडा अपनी मातृभूमि में तेजी से एक ही झटके में घुसा दिया और फिर बहुत तेजी से अंदर-बाहर करने लगा
हमारी चुदाई की थपथपा ठकाठक की आवाज और हमारे धक्कों से गद्दे पर पड़ रहे उछाल से दिनेश और रचना भाई बहन को भी बहुत जोश आ गया था उनके चुंबन की तेज तेज आवाज पूरे कमरे में गूंजने लगी थी फिर दिनेश में रचना को नीचे पलटते हुए उसकी टांगे फैलाई तो रचना ने भी अपने भाई दिनेश का लिंग पकड़ कर अपनी योनि के मुहाने पर रखा और दिनेश ने भी फचाक से अपना लोड़ा अपनी बहन की योनि में पेल दिया
दोनों औरतें नीचे लेटी हुई थी और हम दोनों मर्द घपा घप धकाधक फकाफक छप छप करके पिस्टन की गति से अपने लोड़े को बाहर खींचते और फिर से पूरी ताकत लगाते हुए अपने सेक्स पार्टनर की योनि में पेल देते
कुछ ही देर में हमारी चुदाई की क्रिया एकसार हो गई यानी कि मैं और दिनेश अपना लौड़ा एक साथ ही कमर उठा कर बाहर निकालते और उसी चाल से नीचे झुककर ताकत के साथ अपनी मां और बहन की योनि में पेल देते
खूब आनंद आ रहा था कई बार की चुदाई के बाद भी हमारी उत्तेजना में कमी नहीं आ रही थी और दोनों जोड़े पूरी तरह से स्वर्ग जैसी जुदाई का आनंद ले रहे थे
मां बोल रही थी शाबाश बेटा खेल ले मां को ठोक दे शाबाश बेटा गोवा की मस्ती दिखाओ
फिर अचानक मां बोली दिनेश बेटा अपनी बहन को प्यासा मत रख इसके सारे कस बल निकाल दे, देख कितना खुल गई है आज ही में, इसकी प्यास गहराई तक घुस कर शांत कर दे, शाबाश बेटा, अपनी बहन को संतुष्ट कर दे, इतना पेल- इतना पेल की शादी के बाद भी तेरी बहन अपने पति की चुदाई की तुलना तेरे लोड़े की ताकत से करें और हर बार मायके आकर अपनी चुदाई की कमी पूरी करे। शाबाश बेटा पेल दे, बहुत अच्छा, मेरा बेटा,
मां मेरे को फिर बोली राजा बेटा, मेरा राजा बेटा , अपनी मां की सेवा करता रह, मां तुझे पूरा प्रसाद देती है तू भी मां को प्यासा मत रख ,अपने पापा की संपत्ति यह जो मां की गहरी कसी हुई चूत है उसको पूरी तरह से अपने कब्जे में ले ले और अपना हक लेकर इसका पूरी तरह से उपभोग कर ले, बकवास करते-करते हम सब बहुत तेजी से चुदाई करते हांफ रहे थे दिनेश बोला: ले मेरी बहन, मेरी प्यारी बहना, ले -ले, अपने भाई की ताकत महसूस करके ले ले, सब जगह तो डर रहता था यहां पर मेरी बहन आपने भाई के डंडे पर खुलकर अच्छे से लटक ले, शाबाश मेरी बहन मैं आ रहा हूं मेरी बहन मैं झड़ने वाला हूं शाबाश मेरे बहन ले, कस ले, रचना ने भी अपनी टांगे उठा कर अपने भाई के नितंबों पर कस दीं और भाई भी धक्के मारने की क्रिया में अपनी बहन के नितंबों पर हाथ डालकर एक साथ से उठाकर और घप्प से वापस गद्देदार बिस्तर पर कूद जाता।

मैं भी तेजी से धक्के मारते मारते मुकाम की ओर पहुंच रहा था कि मां बोली शाबाश मेरे बेटे मैं झड़ने वाली हूं, लगा दे अपनी पूरी ताकत, घुस जा अपनी जन्मभूमि में, शाबाश बेटा और मां ने मेरे को अपनी चूत पर कस लिया फिर तेजी से कंपकंपाते हुए झड़ने लगी, मैंने भी अपने पिचकारी से सारा रंग मां की योनि की गहराइयों में उड़ेल दिया साथ में दिनेश और रचना दोनों भाई बहन लेटे हुए गहरी सांसे ले रहे थे
मेरी आंखें रचना की आंखों से मिली अब रचना ने मुस्कुराकर मेरा अभिवादन किया मैं अपनी मां के ऊपर पस्त होकर लेट गया दिनेश भी अपनी बहन की खुली टांगों के बीच में उल्टा होकर लेटा रहा।

मैंने हाथ बढ़ाकर रचना के हाथ को अपनी मुट्ठी में लिया और सहलाने लगा मां शायद थककर आधी निंद्रा में थी रचना ने मेरे हाथ को जोर से दबाया शायद कह रही थी कि भाई से तो मन भर कर चुद ली तुम्हारे से तुम्हारी सेवा का मौका चाहती हूं दोपहर में जब से रचना मुझे मिली थी बार-बार मेरे गठीला शरीर को पढ़ रही थी और मौका पाते ही मुझे छूने का, मेरे से शरीर से अपने शरीर को रगड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ रही थी। मैंने भी उसके हाथ को अच्छे से दबाकर इशारा किया कि मौका मिलते ही मैं रचना की योनि की सेवा कर दूंगा फिर मैंने अपना हाथ उठाकर मां की जांघों की साइड में मसलने लगा रचना भी अपने हाथों से दिनेश के नितंबों पर थपकी मारने लगी इस तरह से हमारी उस दिन की पांचवी चुदाई संपूर्ण हुई
घड़ी में देखा तो रात के 2:00 बज रहे थे हमने दोपहर के बाद कुछ भी नहीं खाया था मां बोली कुछ खाने को आर्डर कर दे इंटरकॉम पर रूम सर्विस से पूछा तो वहां कोई जवाब नहीं मिला
मुझे तो बहुत तेज से भूख लगी है रचना भी कहने लगी, एक तो तुम दोनों की हम मां बेटी ने इतनी सेवा की है और तुम हमें भूखा मार रहे हो
यह सुनकर मैंने कहा फिक्र मत करो यह गोवा है यहां रात भर कुछ ना कुछ खाने को मिल सकता है मैं लेकर आता हूं यह कहकर मैं बरमूडा शर्ट पहनने लगा, दिनेश बोला मेरी तो हिम्मत नहीं है तो रचना झटपट उठ कर बोली: आकाश भाई अकेला नहीं जाएगा, मैं इसके साथ चलती हूं, उठकर रचना ने तुरंत मां की स्कर्ट और टॉप पहन ली और मेरे को आंख मार कर बोली : चल भाई हम दोनों भाई बहन ही कुछ लेकर आते हैं
हम दोनों रचना और मैं मुंहबोले भाई-बहन बन चुके थे इसलिए बेखटके एक दूसरे की कमर में हाथ डाल कर कमरे से बाहर निकलकर स्कूटर की पार्किंग की ओर चल दिए स्कूटर पर रचना मेरे पीछे चिपक कर बैठ गई और आगे हाथ बढ़ाकर मेरे बरमूडा के ऊपर से लोड़े को मरोड़ने लगी रचना के उरोज मेरी पीठ में धंस रहे थे। रचना पूरी तरह से चिपक कर मेरे साथ बैठकर मेरे अभी तक अतृप्त लौड़े को छेड़ रही थी। पीठ पर रचना के उरोजों की नरमी और रचना के नरम हाथों से मेरे लोड़े को मसलने के कारण मेरे शरीर में करंट दौड़ने लगा था
जल्दी में या शायद वैसे ही रचना और मैंने अंडरवियर नहीं पहने थे तो हमें कपड़ों में भी एक दूसरे के नंगे होने का ही एहसास हो रहा था । गोवा की सुनसान सड़कों पर ठंडी हवा हम दोनों की मस्ती बढ़ रही थी।
रचना मेरे कान में बोली आकाश भाई अपनी रचना बहन की प्यास क्यों नहीं देख रहा है
मैं बोला रचना बहन, दिनेश भाई की प्यास बुझा रही है और उसकी पिचकारी का पूरा आनंद ले रही है तो मैंने बीच में डंडे मारने की कोशिश नहीं की
रचना भाई मुझे भी यही लगता था कि तुम मां की सेवा कर रहे हो मां की कामाग्नि को शांत कर रहे हो तो मैं विघ्न नहीं करूं, पर अब हम दोनों अकेले हैं अपने मन से चुदाई कर लेते हैं
मैं बोला सड़क पर ?
नहीं भाई, सड़क पर क्या मजा आएगा चोरी छुपे तो टीले के आसपास भी हो गई थी, ऐसा करते हैं हमारा होटल पास में ही है, मेरे कमरे में चलकर पूरे नंगे होकर खूब शोर मचाते हुए धमादम चुदाई करेंगे ताकि हम दोनों भाई बहन गोवा की यादाश्त में एक कारनामा जोड़ सकें
यह कहकर रचना ने मुझे दाएं मुड़ने का इशारा किया थोड़ा आगे जाते ही हम रचना के होटल पहुंच गए
रिसेप्शन से चाबी लेकर रचना अपने कमरे में पहुंची और दरवाजा बंद करने से पहले ही तुरंत अपनी स्कर्ट और टॉप को उतार कर पूरी नंगी हो गई
मैंने भी पीछे मुड़ कर जल्दी से दरवाजा बंद किया और अपना बरमूडा और टीशर्ट उतार दिया और हम दोनों नए- नए बने भाई बहन एक दूसरे से ऐसे लिपटे जैसे कि जन्मों-जन्मों के भूखे हो! यह तो तब था जब उस दिन में अपने अपने पार्टनर के साथ हम 5-5 बार चुदाई* कर चुके थे।
रचना ने अपना होंठ मेरे होंठों से जोड़ दिए और जोर जोर से चूसने लगी मैंने भी अपने हाथों से रचना की छातियों को जोर-जोर से रगड़ना शुरू किया तो रचना कसमसाने लगी फिर मैंने हाथ नीचे करके रचना की योनि में उंगली डाल दी
संकेत पाकर रचना ने भी हाथ नीचे करके मेरे लोड़े को अपनी मुट्ठी में कस लिया और लोड़े की मालिश करने लगी रचना के हाथों के जादू से मेरा लौड़ा फंक्शन में आता हुआ पूरी फॉर्म में आ गया।
अपनी मुट्ठी में मेरे लोड़े में जान पहुंचाकर रचना ने नीचे को झूकी और बैठ मेरी छाती पेट चूमते हुए मेरे लोड़े तक अपना मूंह ले आई और अपनी जीभ से मेरे लोड़े को आइसक्रीम की तरह चाटने लगी एक हाथ से वह लोड़े को टट्टों के पास से पकड़कर घुमा रही थी एंगल बदल रही थी और जीभ के जादू से मेरे लोड़े को चाट रही थी अपने हाथ की ताकत लगाकर मेरे लोड़े की खाल को और पीछे खींचा और जब मेरे लोड़े का सुपाड़ा बिल्कुल चमकने लगा तो जीभ से मेरे लोड़े के छिद्र को कुरेदने लगी।
मेरे पूरे शरीर में करंट बहने लगा था और मेरी उंगलियां रचना की योनि में आग पैदा करने का काम कर रही थी फिर मैंने रचना लिए लिए बिस्तर पर लुढ़क गया और तुरंत करवट लेकर रचना की चूत के ऊपर अपने मुंह से जीभ निकाल कर चाटने लगा, बहन ने भी मेरे लौड़े को अपने मुंह में भर लिया और हम दोनों पूरी शिद्दत के साथ मुखमैथुन करने लगे
मुझे लगा कि धीरे-धीरे हमारे शरीर में करंट बढ़ता जा रहा था कुछ देर बाद मैंने रचना को छूकर इशारा किया और बहन ने सीधे होकर टांगे खोल दी रचना ने तुरंत अपने तलवे छत की ओर कर दिए जिससे उसकी योनि पूरी तरह से उभर कर मेरे सामने हो गई थी
मैंने कुत्ते की तरह नीचे से आते ही पहले उसकी योनि को चाटा और आगे बढ़ते हुए उसके दूध को चूसने लगा उसकी फैली हुई टांगों के बीच में मेरी कमर थी जिसमें से लटकता हुआ लौड़ा रचना की योनि पर खारिश कर रहा था
हमारी कामाग्नि बढ़ी हुई थी बहन ने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी योनि के ऊपर सेट कर दिया इशारा पाते ही मैंने एक जोरदार धक्का मारा
जैसे ही मेरे लोड़े में रचना की गुफा की गहराइयों को छुआ तो रचना के मुंह से एक चीख सी निकल गई मार दिया भाई इतनी बेदर्दी से पेला है , मैं मां तो नहीं हूं! मैं बहन की सख्त चूत को मां की प्यार भरी नरम योनि की तरह मत पेल!! धीरे धीरे से काम कर!!
यह कहकर रचना में नीचे से अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया मैंने भी पतेजी दिखाते हुए जोरदार धक्के मारे मैं पूरी स्पीड से रचना के खेत में अपना हल चलाते हुए रचना की चीख-पुकार की परवाह करते बिना घमाघम धमाधम धकाधक धमाधम धकाधक रेल चलता रहा कुछ ही देर में रचना झड़ने के मुहाने पर पहुंच गई और उसने अपने पैर नीचे करके मेरे नितंबों पर कस दिए मैंने भी पूरी ताकत से रचना को अपने नीचे दबाकर बेबस कर दिया और उसके बिल में अपना सांप अंदर-बाहर करने लगा
दोपहर से भरी हुई हमारी चाह ने हम दोनों को जल्दी ही झड़ने के किनारे पहुंचा दिया और हम दोनों एक दूसरे को कसकर गहरी गहरी सांस लेते हुए झड़ने लगे
थक कर गहरी सांसे लेते हुए जब हमें होश आया । हम दोनों ने अपने शरीर की प्यास बुझा ली पर मां बेटा हमारे इंतजार में भूखे बैठे होंगे उनके लिए जल्दी से खाने का कुछ इंतजाम करो
रचना का होटल छोटा था उसने पूछा तो उन्होंने झटपट से कुछ खाना पैक करने की बात मान ली
खाने लेकर जब हम जा रहे थे तो रचना बोली हम दोनों भाई बहन तो यहां मजा ले रहे हैं दिनेश भी मां की चुदाई करना चाहता था पता नहीं उन दोनों के बीच क्या हुआ होगा ?
तो मैंने रचना के चुम्मा लेते हुए कहा कि मेरी मां सिर्फ मुझे ही अपनी योनि देती है पापा की चीज, मेरे अलावा मेरी मां, मेरे छोटे भाई को भी नहीं देती दिनेश को नहीं देगी!!
रचना दिनेश का कोई पता नहीं ? शायद उसकी हिम्मत ही नहीं होगी की मां की चूत की तरफ देखे पर बहुत मुझे बहुत हैरानी होगी कि तुम्हारी चुदाई की भूखी मां मेरे जवान भाई के लंड को इतना ज्यादा इग्नोर कर दे वह भी तब जब दोनों नंगे ही एक बिस्तर पर लेटे हुए हैं
मैं बोला: वहां देखेंगे क्या हुआ है!
रचना बोली चलो शर्त लगाते हैं मां बेटे ने चुदाई कर ली होगी तो मैं तुम्हें ‌उनके सामने ही तुमसे अपनी चूत दो बार मरवा लूंगी और अगर उन्होंने स्वयं पर नियंत्रण रखा होगा तो मां को भड़काने के लिए तुम मुझे दो बार वहीं पर आज रात में ही चोद देना
मैं जोर से हंसा और कहा चाकू खरबूजे पर गिर रहा है या खरबूजा चाकू पर तूने बहुत अच्छी बात की तू मेरे से चुदेगी या मैं तुझे चोदूंगा चूत भी मेरी भी लंड भी मेरा, !! वाह वाह!!!!!
यह कहकर हम खाना लेकर वापस मेरे होटल की तरफ चल दिए जाकर क्या देखा?

आगे की कथा अगले अपडेट में
Behtareen update.
 
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Sangya

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पाठकों की प्रतिक्रिया चाहिए कि अब दिनेश और मां के सामने रचना आकाश कि चुदाई पढ़ना चाहते हैं या सिर्फ मां का रुठना और आकाश का मां को मनाने के बाद प्यार भरे संभोग का आनंद लूटना चाहते हैं
 
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Sangya

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रचना और मैं बातें करते हुए होटल की तरफ जा रहे थे मेरे को तो कोई घाटा नहीं था अगर मां दिनेश से चुदी होती तो मुझे दो बार रचना की मिलने वाली थी और मां ने दिनेश के लोड़े को झटक दिया होता तो भी मैं दो बार रचना की मार सकता था पर मेरे और मां के रिश्ते के बीच में कई सालों का लेन देन का सहज रिश्ता बना हुआ था,
मां ने अपना प्यार मुझे अपनी ममता के कारण दिया था ताकि मैं पढ़ाई और घर के प्रति ध्यान रखता रहूं और मैंने भी हमेशा मां के अकेलेपन को दूर करने के लिए यह रिश्ता बड़े अच्छे से निभाया
यह जरूर रहा कि बीच में मुझे जब भी मौका मिला मैंने मकान मालकिन चाची, मौसी, मौसेरी बहन, ताई और मकान मलकिन चाची की नंद की लड़की की चूत बहुत प्यार से सहला कर ठोकी है पर जो भावनात्मक लगाव मुझे मां के मन और शरीर दोनों से था वह तो किसी के साथ भी नहीं बन सकता था, मैं मां के शरीर से पैदा हुआ मां का ही अंश था तो मां ने अपना शरीर मुझे सोंपते समय यह जरूर विश्वास किया होगा कि मां मेरे से सैक्स करके पापा से कोई बेईमानी नहीं कर रही है बल्कि अपने शरीर के अंश से ही अपना शरीर जोड़ रही है
इस तरह से मां अन्य को अपना शरीर नहीं सोंपने वाली! यह मां के निजी भावनाएं थी जब मैं मैंने ताई की जुदाई की और मां को विशाल भैया से चुदने का मौका मिला तो भी मां ने कन्नी काटकर अपना शरीर विशाल को छूने नहीं दिया था इसलिए मुझे पूरा यकीन था कि मां ने दिनेश से जुदाई नहीं करवाई होगी
इधर रचना को अपने चंचल मन के कारण शायद यह लगता था कि जैसे वह मुझे अपना मुंह बोला भाई मानकर मुझसे चुदाई करवाना चाहती है वैसे ही मां और बेटा बने हुए दिनेश व मां एक दूसरे के करीब अकेले में नंगे होकर एक ही बिस्तर में लेटे होने के कारण मां ने अपनी चूत दिनेश के लोड़े के हवाले करके मां दिनेश के झंडे पर झूला झूल रही होगी
रचना की जवान भावनाएं मां के परिपक्व सोच विचार की गहराई को नहीं भांप पा रही थी और मन में सपने बुनती जा रही थी कि दिनेश मां को और मैं रचना को सामूहिक रूप से चोद पाएंगे

रचना के शरीर के बारे में अभी आपका परिचय नहीं हुआ है रचना करीब 19 साल की भरे शरीर की, चंचल दिखने वाली मोटी मोटी आंखें, भरे हुए गाल, 36 नंबर के मम्मे, सही जगह पर चर्बी वाली कमर और थोड़े से भारी नितंबों वाली, देखने मात्र से ही चुदाई की भावनाएं जागृत करने वाली जवान लड़की है
सलवार कमीज में तो रचना का मांसल शरीर छुपा रहता था परंतु स्कर्ट और टॉप बिना कच्छी और ब्रा के रचना की थिरकती गांड और उछलते हुए मम्मे सामने वाले पुरुष के लोड़े को पैंडुलम की तरह हिलाने में कामयाब होते थे

मां और दिनेश की अवस्था के बारे में सोचते सोचते हमारे होटल के कमरे तक पहुंच गए थे मैंने गेट से चाबी निकालकर हल्के से ताला खोला की अंदर अगर कुछ हो रहा हो तो मां और दिनेश चौंक ना जाएं आहिस्ता से हम कमरे में घुसे तो देखा कि दिनेश खराटे भर रहा है और मां करवट के बल दिनेश से थोड़ा दूर लेटी हुई दिनेश के शरीर को निहार रही थी, दिनेश का लिंग अधखड़ी अवस्था में था
हमारे आने की हल्की सी आहट के कारण मां ने निगाह उठाकर हमारे को देखा और उठ कर बैठ गई मां मैं अपना नंगा शरीर ढकने का कोई प्रयास नहीं किया और हमारे को देखते हुए बोली बहुत देर कर दी, दिनेश तो शायद तुम्हारे जाने से पहले ही सो गया था
रचना बोली तो मां अपने नए बेटे के सोते हुए शरीर को निहार रही थी
मां ने जवाब दिया की हां मेरा यह नया बेटा बहुत ही शरीफ और कोमल लगता है अपनी बहन को दो-तीन बार आनंद देने के बाद ही देखो थककर कैसे सो गया है और इसके सोने के कारण मैं भी बहुत सहज महसूस कर रही थी क्योंकि हम दोनों अकेले अगर जाग रहे होते तो असहज स्थिति पैदा हो जाती है
रचना बोली ऐसा क्या ?
तो मां ने बोला तू नहीं समझेगी स्त्री अपने भाइयों में तो अपना प्यार बांट सकती है पर जब अपने बेटे से प्यार करती है विशेषकर शारीरिक प्यार तो वह किसी से नहीं बांट सकती, आकाश का छोटा भाई भी मेरे से लिपटता चिपटता रहता है पर मुझे कभी भी उसे अपना शरीर देने की का ख्याल नहीं आया और शायद उसने भी मेरी चूत में हिस्सा कभी नहीं मांगा इसलिए उसके साथ मेरा संबंध बहुत सहज है और उतना ही सहज मेरा मन आकाश को अपनी शरीर का हर एक रोम-रोम छुआने में भी लगता है।
आकाश चाहे तो मेरे शरीर को चुमे, चाटे, दबाए घिस्से रगड़े और जब आकाश मेरे मम्मों स दूध को पीता हैं मुझे में बहुत ही प्यार भरता है और जब आकाश जीभ से मेरी योनि को कुरेदता है तो योनि में मुझे इसके पैदा होने के बाद भी सरसराहट का एहसास होता है
यह भावनाएं और किसी के साथ नहीं हो सकती आकाश के पिताजी ने तो मेरी मेरे शरीर का उद्घाटन करके मेरे को लड़की से औरत बनाया था इसलिए मन से पूरी तरह मैं उनको समर्पित हूं और आकाश को मेरे मन की मौज है
इस पर रचना बोली तो मां आकाश कि कल जब शादी होगी तो आपको बुरा नहीं लगेगा क्या?
मां बोली बुरा क्यों लगेगा ? हर एक मां चाहती है कि उसका बेटा एक औरत के दिल पर कब्जा करके उसे अपना मन चूत मम्मे न्योछावर करने को मजबूर कर दे हां इतना जरूर होगा कि अगर इसकी पत्नी, इसके और मेरे और शारीरिक संबंध को नहीं स्वीकारेगी तो शायद मुझे कुछ परेशानी लगेगी पर कुछ भी हो मैं ध्यान रखूंगी की आकाश का वैवाहिक जीवन हमारे मां बेटे की चुदाई संबंध के कारण किसी प्रकार से प्रभावित नहीं हो
रचना मुस्कुराई और बोली तो मांजी मुझे अपनी बहू बना लो मुझे आपके और आकाश के संबंध से बहुत खुशी होती है और आपसे यह जानकर मुझे भी बहुत हौसला मिला है कि आप आकाश और उसकी पत्नी के संबंध को मजबूत करने का प्रयास करती रहेंगी
मां बोली चल इसकी नौकरी तो लग जाए फिर शादी की बात देखेंगे
जल्दी से अपने भाई को उठा और कुछ खाना खा ले
रचना बोली नहीं भाई थक गया है अभी उसको नहीं जगाते हम तीनों खा लेते हैं और अगर आपकी आज्ञा हो तो मैं शर्त हारने के कारण आकाश से दो बार चुदना चाहती हूं
मां : मुझे पूरा यकीन है कि तुम अभी जहां भी थे वहां से एक झटका मार कर आए हो और अभी 2 छक्के मारने की और बात कर रही है तेरी चूत की प्यास तो बहुत गहरी है और मेरे आकाश का बांस तेरी योनि की गहराइयों को मसल कर इससे रस निकालने के काबिल है और तेरी प्यास को शांत कर देगा
मुझे कोई दिक्कत नहीं है बोल खाने से पहले चुदेगी या बाद में
रचना : मां, आप खाना गर्म है शुरू करो हम एक राउंड मार लेते हैं फिर खाना खाकर दूसरा ले लेंगे तब तक दिनेश भाई भी जाग जाएगा
मां : ठीक है भाई मैं गर्म खाना चाहती हूं और मेरा बेटा आकाश तेरी गरमा गरम भट्टी पर अपना बांस करके तेरी भट्टी को ठंडा कर देता है
एक राउंड तू तेरे भाई के उठने से पहले ही आकाश से पूरा कर ले दूसरे राउंड तक अगर तेरा भाई उठ गया तो तेरे को पिलते हुए देखकर साइड में बैठकर मुट्ठ मार लेगा या मेरे को ताड़ता रहेगा
चल जो भी हो हम अपना अपना काम करते हैं मैं खाना खाकर की झपकी ले लूंगी ताकि अगर दिनेश उठ भी जाए तो मैं निश्चिंत रहूंगी
जैसे मन हो वैसे ही आनंद करो मैं तो खाना खाकर एक झपकी लेना चाहती हूं ताकि कल दिन में आकाश के साथ घूम कर परसों वापस जाने की तैयारी भी करनी है
 

Sangya

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पाठकों की प्रतिक्रिया चाहिए कि अब दिनेश और मां के सामने रचना आकाश कि चुदाई पढ़ना चाहते हैं या सिर्फ मां का रुठना और आकाश का मां को मनाने के बाद प्यार भरे संभोग का आनंद लूटना चाहते हैं
कुछ स्नेही पाठकों ने DM में सुझाव दिए हैं, मेरा अनुरोध है कि कहानी में ही अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते रहे ताकि सभी पाठक लोकमत के बारे में जान सकें
खैर ज्यादा सुधि पाठकों के विचार से रचना बहन की भरपूर चुदाई होनी चाहिए
सभी को रचना द्वारा मुझे मुंहबोला भाई बनाना पसंद आया पर सभी दिनेश के सामने, मां की पिलाई के खिलाफ लगते हैं।
रचना द्वारा मुझे पति बनाने का सपना भी स्वीकार्य लगा
रचना और मां की चुदाई एक दूसरे के साथ करना सभी को आनंददायक लगा!!!!
और अधिक पाठकों से अनुरोध है कि अपने सुझाव देते रहें ताकि मां चुदाई की कहानी की दिशा आपके स्वाद अनुसार बनी रहे
🙏👍
 
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Meenabhabhi

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In my openion, you must bang Rachna, she is starving for deep fun, she appears to be satisfied with her brother Dinesh but deep inside looking for Akash as bro cum husband.
Mom ka ruthna manana is another level of fun give us pleasure of reading how ur mom reacted n how u massaged her ego to reach her willing cunt
 

Sangya

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मां साइड में हो कर खाने का पैकेट खोलने लगी और मैंने रचना को बांहों में भरते हुए मां से पूछा मां तुम्हें यह लड़की बेटी के रूप में पसंद है या बहू के मां बोली तेरे को बहू की मिलने में देर है इसलिए अभी अपनी बहन ही बना ले
देखूं तो सही, तू अपनी बहन पर कैसे प्यार न्योछावर करता है, शादी के बाद तो बीवी की जांघों के बीच में ही अपना झंडा गाड़ कर अपने लंड की सेवा ही करता रहेगा

मां बिल्कुल सही आवाज से बोल रही थी पर रचना को कुछ अजीब सा लग रहा था।
वह मेरी बाहों से निकलते हुए बोली; मां आप बैठो, खाना मैं परोसती हूं और मुझे लगभग डांटते हुए बोली अपनी बहन से प्यार करने की इतनी जल्दी पड़ी है कि अपना ख्याल रखने वाली माता का खाना भी परोसने में तुम्हें विलंब लग रहा है
मैं समझ गया कि रचना मां की चापलूसी करके मां के हिस्से के लिंग पर कब्जा करने की उद्दंडता क्षमा पहले से ही ले रही है
जब रचना खाना खोल रही थी मैं मां के पास आकर लिपट गया और मां को बोला मेरी प्यारी मां हमेशा ही मेरे सुख-दुख का पूरा ख्याल रखती है मन की प्यास हो या तन की अपने आप से भांप कर मेरी प्यास बुझा देती है और आज भी देख अपनी बेटी की प्यास को देखते हुए भी एकदम जज्बाती होकर बेटे को अपनी बहन की चाहत पूरी करने के लिए आज्ञा दे दी है

मां बोली मेरे बच्चों मैं तुम दोनों की जवानी की आग अच्छे से समझती हूं इसीलिए मेरा प्रयास रहेगा कि आकाश अपने लंबे मजबूत दमदार डंडे से अपनी मुंह बोली बहन रचना गहरे कुएं में पूरी गहराई तक उतार दे और कोई की दीवारों से लेकर जेड तक सारी की सारी काई छांट दे और रचना के मन की सारी बढ़ती हुई तपस को ठंडा कर दे ।

तुम दोनों भाई बहन को यह गोवा ट्रिप हमेशा याद रहे और भविष्य में आने वाले सभी ट्रिप्स के बारे में प्रोत्साहित करता रहे प्रेरणा देता रहे
प्रेरणा से मुझे टीवी वाली प्रेरणा याद आ गई कैसे उसकी बड़ी-बड़ी गहरी आंखें हल्के से मुस्कुराते हुए लंबे हो ऊपर का होंठ तनिक सा उठा हुआ होंठं चूसने के लिए आमंत्रित करता रहता था लंबी सुराहीदार गर्दन, बिल्कुल ठीक साइज के मम्मे, पतली बलखाती कमर और हल्की सी उठान लिए हुए नितंब यह सब प्रेरणा नाम की एकटृर को देखते ही मेरे मन में कामवासना हिलोरे मारने लगती है और मेरा चेकपोस्ट वाला डंडा फड़फड़ से उसने बैठने लगता है
उसी तरह से रचना की चढ़ती हुई जवानी और रूप था रचना को देखकर अपने जज्बातों और जांघों के बीच वाले डंडे को रोकना बहुत मुश्किल लगता था शायद इसीलिए मौका मिलते ही दिनेश ने ही रचना को चोद दिया होगा
दोनों भाई बहन की हिम्मत का भी जवाब नहीं मां बाप से आंख बचाकर इतने सालों तक भाई बहन का अफेयर चलना और अपनी बहन को गोवा के बीच पर लाकर चोद देना सच में हिम्मत का काम था
इतने लंबे अफेयर के बाद भी रचना छुई मुई बनी हुई थी कैसे नजर बचाकर घर में ही भाई बहन का प्यार फलता फूलता रहा होगा
जब मैंने पहली बार अपनी मां के साथ बीच पर प्रणय करते हुए ओट में से दिनेश और रचना भाई बहन की बातें सुनी थी और कैसे रचना अपने भाई के लिए छलकते हुए प्यार के बावजूद खुले में भाई का लंड अपनी चूत में डलवाने से डर रही थी
साफ दिख रहा था की रचना बहुत संकोची और संभली हुई लड़की है पर एक बार बांध टूट जाने पर कैसे मुझ से बार-बार अपनी चूत पिलवाने को आतुर हो रही है और अब मां के द्वारा प्रोत्साहन देने के बाद भी रचना ने तुरंत मेरे झंडे पर झूला झूलने की बजाए पहले मां को खाना देना उचित समझा यह बात मेरे मन को छू गई
मैंने अपना एक हाथ मां की कमर पर गिर्द डाला और दूसरे हाथ से मां के नंगे निप्पल को मसलता हुआ बोला: मेरी प्यारी मां देखो तुम्हारी बेटी और मेरी बहन कितनी समझदार है
मां बोली अब मां को अपने हाथों से मक्खन मत लगा बल्कि आपने डंडे को तेल में डुबोकर बहन की गुफा में घुस जा
मेरे को शरारत सूझी और मैंने मां को बोला मां मैंने जब पहली बार तुम्हारा दूध पिया था तो तुमने निप्पल उठा कर मेरे मुंह पर लगाया था आज इसी तरह से मेरा डंडा मेरी बहन की फिसलती गुफा के ऊपर रखकर मुझे रास्ता दिखाओ ताकि हम दोनों भाई-बहन के इस बढ़ाते हुए प्यार की नदी में गोते लगाने लगें
मां बोली हट पगले मैं तुम दोनों भाई-बहन के बीच में क्यों आने लगी और मादरचोद तू तो इतना स्मार्ट हो गया है कि दिन रात मां के गुफा में उतरता चढ़ता रहता है तब बहन की गुफा में जाने के लिए तुझे क्या अलग से ट्रेनिंग चाहिए
मां की और बहन की चूत गहराइयों में कोई फर्क नहीं होता जैसे मां को पेलता है वैसे ही बहन को पेल दे और यह तेरी बहन की कोई छुईमुई तो नहीं है दिनेश का लंबा लोड़ा अपने ओखली में कुटवाती रहती है पर तेरे लोड़े की प्यार से ज्यादा प्रभावित लगती है
हो जाओ शुरू बच्चों, तुम्हारी मां तुम्हें देखेगी
मैं हंसकर बोला मां बदला ले रही हो ? हम दोनों भाई छुप-छुप कर तुम्हारी और पिताजी की चूत-चुदाई का खेल देखते थे और तुम सामने से ही अपने बेटे के लोड़े को उसकी बहन की फिसलन भरी योनि पर चुदाई करते हुए देखना चाहती हो !!! शाबाश, मेरी मां पूरा बदला ले रही हो!!!
इस पर मां तमक कर बोली : पूरा बदला कहां से? तूने तो अपने बाप की कर्मभूमि पर हल जोतना भी शुरू कर दिया मैं कोई तेरी कर्मभूमि, तेरी प्यारी बहन की जादू भरी इस प्यारी सी चूत पर कब्जा तो नहीं कर रही हूं
मां के बेला होकर बोलते हुए डायलॉग बहुत अच्छे लग रहे थे मैंने जिद करते हुए कहा मां अपने बेटे को इस प्यारी सी लड़की क्यों तंग की गुफा में घुसने का रास्ता तो बता दे मेरी प्यारी मां तूने मुझे सब कुछ सिखाया है आज अपने बेटे की इच्छा भी पूरी कर दो कहते हुए मैंने मां की जोरदार पप्पी ले ली मां ने मेरे संडे को पकड़ कर जोर से उठा और बोली बदमाश बच्चे अपनी मां से मस्करी करता है इस पर रचना बोली मां जी आपका बेटा ही नहीं बेटी भी चाहती है कि हम दोनों के इस चूत चुदाई के खेल का आप अपने हाथों से उद्घाटन करें
मां बोली तुम्हारे इस उद्घाटन के चक्कर में अगर मेरी गुफा में पानी बरसने लगा तो कौन ठंडा करेगा
रचना तपाक से बोली क्या बात करती हो माता जी, ठंडा कौन करेगा ? यह आपका लाडला प्यारा मुस्टंडा बच्चा ही आपके रिस्ते हुए पानी को अपने डंडे को आपकी गुफा में झाड़कर आपके पानी को भाप बना कर उड़ा सकता है मेरा यह भाई शादी के बाद भी आपकी सेवा में हरदम हाजिर रहेगा
रचना और मां की इन बातों से मुझे लगने लगा कि आज शायद मां के साथ थ्रीसम हो जाएगा पर मां हमारे मां बेटे के प्यार भरे रिश्ते की मस्ती को अलग ही रखना चाहती थी इसलिए संवाद बदलते हुए बोली कोई बात नहीं मुझे अपने पर इतना कंट्रोल तो है मैं तुम्हारी इस मस्ती का उद्घाटन तो कर देती हूं और देखूंगी भी की जवान बच्चे कैसे कैसे उठापटक करते हैं पर खबरदार अपनी की चुदाई के बीच में मेरे को खींचा तो मैं नाराज हो जाऊंगी
यह सुनकर रचना हां मां बेटे के पास आ गई और हम दोनों को इकट्ठे ही आलिंगन में भर लिया और बारी बारी से मेरे और मां के गालों को चूमते हुए बोली मेरी प्यारी मां, मेरे प्यारे भैया
मां ने अपना एक हाथ मेरे लिंग पर रखा हुआ था दूसरे हाथ से मां ने रचना की योनि को टटोला इस बीच रचना नीचे झुककर मां की नंगी चूचियां चूसने लगी थी मां ने उसकी परवाह ना करते हुए हम दोनों को खींच कर सामने किया और हम तीनों आलिंगन में बंधे बंधाए ही बिस्तर की ओर बढ़ गए बिस्तर पर मैं और रचना करवट के बल एक दूसरे के सामने लेटे और मां फर्श पर खड़े खड़े ही हम दोनों के यौनागों को सहलाती रही मैंने और रचना ने अपने होंठ जोड़कर मुख चुंबन करना शुरू कर दिया था हम दोनों ने अपनी कमर एक दूसरे के करीब लाकर लोड़े और योनि के बीच की दूरी कम कर दीजिए मां ने सुविधा से मेरे सुपाड़ेको पकड़कर रचना की योनि के होंठों के बीच में रख दिया मां के हाथ की मालिश के कारण तना हुआ मेरा लौड़ा मेरी बहन की चूत की फांकों के बीच में फंसकर धड़कने फड़फड़ाने लगा था मां ने नीचे झुकते हुए मेरे नितंबों पर एक थपकी मारी जैसे तांगे वाले घोड़े के कुल्हे पर थपकी मारकर उसे दौड़ने का इशारा करते हैं इसी तरह मां ने मेरे चूतड़ों पर थपकी मार कर मुझे रचना की जांघों के बीच में दौड़ने का इशारा किया मैंने बाहों अपनी बाहों से खींचकर रचना को अपने आलिंगन में ले लिया और एक धक्के से अपना खड़ा हुआ लोड़ा रचना की गहराइयों में उतार दिया जब तक मेरा लौड़ा पूरी तरह से अंदर नहीं घुस गया था तब तक मां अपने अपने अंगूठे और उंगली से गोल घेरा बनाकर मेरे लोड़े को संभाले रखा और जैसे ही मां का हाथ मेरे अंडकोष और रचना की झांटों के बीच में लगा तो मां ने हाथ बाहर निकाल कर निकाला और थोड़ी दूर बैठकर हम दोनों की चुदाई देखने लगी रचना अभी भी बहुत प्यासी लग रही थी मेरी धक्के लगाने की स्पीड का पूरा जवाब देते हुए रचना धकाधक अपनी कमर और गांड भी हिला रही थी
करवट में लेटे होने के कारण लोड़ा पूरी गहराई तक नहीं उतर पा रहा था यह महसूस करके रचना पीठ के बल पलट गई और मैं आलिंगन में ही रचना के ऊपर चढ़ गया और ऊपर चढ़कर तेजी से धक्के लगाने लगा
शाबाश मेरी बहन ले ले अपने भाई का, रचना भी चिल्ला रही थी "और जोर से भाई" "भाई और जोर से पेल" "मेरे प्यारे भाई अपनी बहन के कस बल निकाल दे" "निकाल दे मेरा कचूमर"
मेरे से ज्यादा ताकत लगा कर मेरे लोड़े को मैं जितना गहरा जा सकता है वहां तक लेने का प्रयास कर रही थी
मैंने भी अपने दोनों हाथ रचना के कंधों से थोड़ा नीचे उसकी चुचियों के ऊपर करते हुए कमर को एकदम से उठाकर धम से नीचे पेलते हुए रचना की चूत का बैंड बजाना जारी रखा
रचना वास्तव में बहुत प्यासी लग रही थी घपा घप मेरे लंबे लंड को अपनी चूत में खाते हुए भी उसको मेरा लौड़ा छोटा लग रहा था बहन चिल्ला रही थी "भाई और अंदर तक" "भाई अभी अंदर नहीं गया" "भाई और पेल, हां भाई जोर से, जोर से ठोक तेरी बहन नाजुक कली नहीं है तेरे धक्के बर्दाश्त कर लेगी" "शाबाश से जड़ तक पेल दे अपनी बहन को" धक्के लगाते लगाते मेरी सांस फूलने लगी थी तो
मैंने रचना के नितंबों पर हाथ डालकर करवट ली और पीठ के बल लेटकर रचना को अपने ऊपर कर लिया ऊपर होते ही रचना दोनों घुटने मेरी जांघों के आसपास फैलाकर अपनी तंग चूत को मेरे लंड पर पूरी ताकत से मसलने लगे और जब मेरा लंड पूरी तरह से रचना की चूत* में तेढ़ा होकर घुस गया तो रचना एकदम से उठी और फिर धम से मेरे लंड पर बैठती चली गई उसकी तंग चूत मेरे लन्ड का पर अच्छे से रगढ़ती हुई नीचे आई जब तक मैं रचना की चूत को अपने अंडकोष पर महसूस करता रचना फिर से उठकर तेजी से मेरे लंड पर बैठती चली गई रचना ने दोनों हाथ मेरे कंधों पर रखे और लंड से आधा उठकर घप्प से बैठने लगी इतनी तेज से बैठ रही थी कि मेरे लिंग की चमड़ी में जलन होने लगी थी
रचना पूरी शिद्दत के साथ अपने खेल में जुटी हुई थी फिर रचना ने झुकते हुए मेरे लंड को अपनी चूत में टेढ़ा करके महसूस किया और जीभ से मेरे निप्पल को कुरेद ने लगी जिससे मेरे शरीर में और करंट दौड़ने लगा तो मैं नीचे से कमर हिला कर रचना की बिल्कुल तंग मुट्ठी बंद जैसी योनि को चोदने लगा काफी देर तक इस उठापटक में हम दोनों पसीना पसीना हो गए थे
मां सामने बैठी हम दोनों की ब्लू फिल्म देख रही थी, मेरे से आंखें मिलते ही मां ने मुस्कुराकर टंच माल का इशारा बनाया मां का इशारा पाकर मेरे में नया जोश भर गया और मैंने दोबारा से रचना को नीचे लिटा कर उस को पेलना शुरू कर दिया अब रचना ने अपने पैर मेरे नितंबों के आसपास कर मेरे को अपने से पूरी तरह जकड़ लिया था रचना ने अपने हाथों से निकालकर मेरी गर्दन को पर जोर डालकर अपने मुंह से जोड़ लिया था और हम दोनों का शरीर बिल्कुल एकाकार होकर एक साथ ही उठता और बैठकर इस घर्षण में मुझे महसूस हुआ कि रखना की योनि सिकुड़ने और फैलने लगी है और रचना ज्यादा कस कर मेरे को पकड़ लिया कुछ ही धक्कों में रचना के कुएं की दीवारों से झरझर करके बारिश होने लगी और हमारी जांघों की धम धम की आवाज फच फच्च में बदल गई मेरे लोड़े में भी बहुत तेज सनसनाहट होने लगी थी और रचना के पानी छोड़ते ही मेरे लोड़े ने भी रचना की ओखली में बन रही चटनी को और ज्यादा भर दिया और हम दोनों एक दूसरे की बाहों में कसे कसे ही गहरी सांसे ले रहे थे
मां उठकर आई और अपना एक एक हाथ हमारे बालों में फिरने लगी जैसे किसी दौड़ के बाद प्रोत्साहन देने के लिए कोच एथलीट का मनोबल बढ़ाता है उसी तरह मां मेरे और रचना के मनोबल को बढ़ाकर हमें सहारा देने लगी
कुछ देर में रचना थोड़ा दूर होकर लेट गई और मैंने मां के हाथ को पकड़ कर बिस्तर पर खींच लिया
मां का मुंह मेरे लोड़े के ऊपर हो गया था और मां की योनि मेरे मुंह के सामने थी मां की योनि से निकलती हुई खुशबू ने मुझे दीवाना कर दिया और मैं जीभ निकालकर मां की योनि को चाटने लगा हमारे भाई बहन के दंगल के बाद को देखते हुए मां के तालाब में पानी भरने लगा था, इतनी अच्छी मां को मैं कैसे कामाग्नि में जलते हुए छोड़ सकता था मैंने तुरंत से अपनी जीभ मां की योनि के लोगों को अलग करते हुए अंदर घुसा दी अपनी योनि की मालिश होते देखकर मां भी अपनी जीभ से मेरे लोड़े को कुरेद ने लगी और हम दोनों मां बेटा 69 पोजीशन में मुख्य मर्दन करने लगे मेरे लोड़े पर घुला हुआ मेरा और रचना का रस मां के मुंह में जा रहा था और मैं मां की योनि से टपकते हुए मां के शुद्ध रस को चूस रहा था मां की अभ्यस्त जीभ मेरे लोड़े को फिर से खड़ा कर दिया और मां का कुआं तो वैसे ही बांस डलवाने के लिए तैयार हो गया था तो मैंने साइड बदलकर मां को नीचे लिटाया और दमदम से मां को चोदने लगा मां बिना कुछ बोले आपने मेरे लोड़े के प्रहारों को अपनी चूत पर सहती रही और मैं भी बिना कुछ बोले पूरी ताकत से मां की चूत पर हमला करता रहा कुछ कंपकंपी लेकर मां ने अपनी योनि में पानी छोड़ दिया और मां के शांत होते ही मैं अपना लौड़ा बाहर निकाल कर साइड में लेट गया...

आगे कहानी जारी है.....
 

Lib am

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मां साइड में हो कर खाने का पैकेट खोलने लगी और मैंने रचना को बांहों में भरते हुए मां से पूछा मां तुम्हें यह लड़की बेटी के रूप में पसंद है या बहू के मां बोली तेरे को बहू की मिलने में देर है इसलिए अभी अपनी बहन ही बना ले
देखूं तो सही, तू अपनी बहन पर कैसे प्यार न्योछावर करता है, शादी के बाद तो बीवी की जांघों के बीच में ही अपना झंडा गाड़ कर अपने लंड की सेवा ही करता रहेगा

मां बिल्कुल सही आवाज से बोल रही थी पर रचना को कुछ अजीब सा लग रहा था।
वह मेरी बाहों से निकलते हुए बोली; मां आप बैठो, खाना मैं परोसती हूं और मुझे लगभग डांटते हुए बोली अपनी बहन से प्यार करने की इतनी जल्दी पड़ी है कि अपना ख्याल रखने वाली माता का खाना भी परोसने में तुम्हें विलंब लग रहा है
मैं समझ गया कि रचना मां की चापलूसी करके मां के हिस्से के लिंग पर कब्जा करने की उद्दंडता क्षमा पहले से ही ले रही है
जब रचना खाना खोल रही थी मैं मां के पास आकर लिपट गया और मां को बोला मेरी प्यारी मां हमेशा ही मेरे सुख-दुख का पूरा ख्याल रखती है मन की प्यास हो या तन की अपने आप से भांप कर मेरी प्यास बुझा देती है और आज भी देख अपनी बेटी की प्यास को देखते हुए भी एकदम जज्बाती होकर बेटे को अपनी बहन की चाहत पूरी करने के लिए आज्ञा दे दी है

मां बोली मेरे बच्चों मैं तुम दोनों की जवानी की आग अच्छे से समझती हूं इसीलिए मेरा प्रयास रहेगा कि आकाश अपने लंबे मजबूत दमदार डंडे से अपनी मुंह बोली बहन रचना गहरे कुएं में पूरी गहराई तक उतार दे और कोई की दीवारों से लेकर जेड तक सारी की सारी काई छांट दे और रचना के मन की सारी बढ़ती हुई तपस को ठंडा कर दे ।

तुम दोनों भाई बहन को यह गोवा ट्रिप हमेशा याद रहे और भविष्य में आने वाले सभी ट्रिप्स के बारे में प्रोत्साहित करता रहे प्रेरणा देता रहे
प्रेरणा से मुझे टीवी वाली प्रेरणा याद आ गई कैसे उसकी बड़ी-बड़ी गहरी आंखें हल्के से मुस्कुराते हुए लंबे हो ऊपर का होंठ तनिक सा उठा हुआ होंठं चूसने के लिए आमंत्रित करता रहता था लंबी सुराहीदार गर्दन, बिल्कुल ठीक साइज के मम्मे, पतली बलखाती कमर और हल्की सी उठान लिए हुए नितंब यह सब प्रेरणा नाम की एकटृर को देखते ही मेरे मन में कामवासना हिलोरे मारने लगती है और मेरा चेकपोस्ट वाला डंडा फड़फड़ से उसने बैठने लगता है
उसी तरह से रचना की चढ़ती हुई जवानी और रूप था रचना को देखकर अपने जज्बातों और जांघों के बीच वाले डंडे को रोकना बहुत मुश्किल लगता था शायद इसीलिए मौका मिलते ही दिनेश ने ही रचना को चोद दिया होगा
दोनों भाई बहन की हिम्मत का भी जवाब नहीं मां बाप से आंख बचाकर इतने सालों तक भाई बहन का अफेयर चलना और अपनी बहन को गोवा के बीच पर लाकर चोद देना सच में हिम्मत का काम था
इतने लंबे अफेयर के बाद भी रचना छुई मुई बनी हुई थी कैसे नजर बचाकर घर में ही भाई बहन का प्यार फलता फूलता रहा होगा
जब मैंने पहली बार अपनी मां के साथ बीच पर प्रणय करते हुए ओट में से दिनेश और रचना भाई बहन की बातें सुनी थी और कैसे रचना अपने भाई के लिए छलकते हुए प्यार के बावजूद खुले में भाई का लंड अपनी चूत में डलवाने से डर रही थी
साफ दिख रहा था की रचना बहुत संकोची और संभली हुई लड़की है पर एक बार बांध टूट जाने पर कैसे मुझ से बार-बार अपनी चूत पिलवाने को आतुर हो रही है और अब मां के द्वारा प्रोत्साहन देने के बाद भी रचना ने तुरंत मेरे झंडे पर झूला झूलने की बजाए पहले मां को खाना देना उचित समझा यह बात मेरे मन को छू गई
मैंने अपना एक हाथ मां की कमर पर गिर्द डाला और दूसरे हाथ से मां के नंगे निप्पल को मसलता हुआ बोला: मेरी प्यारी मां देखो तुम्हारी बेटी और मेरी बहन कितनी समझदार है
मां बोली अब मां को अपने हाथों से मक्खन मत लगा बल्कि आपने डंडे को तेल में डुबोकर बहन की गुफा में घुस जा
मेरे को शरारत सूझी और मैंने मां को बोला मां मैंने जब पहली बार तुम्हारा दूध पिया था तो तुमने निप्पल उठा कर मेरे मुंह पर लगाया था आज इसी तरह से मेरा डंडा मेरी बहन की फिसलती गुफा के ऊपर रखकर मुझे रास्ता दिखाओ ताकि हम दोनों भाई-बहन के इस बढ़ाते हुए प्यार की नदी में गोते लगाने लगें
मां बोली हट पगले मैं तुम दोनों भाई-बहन के बीच में क्यों आने लगी और मादरचोद तू तो इतना स्मार्ट हो गया है कि दिन रात मां के गुफा में उतरता चढ़ता रहता है तब बहन की गुफा में जाने के लिए तुझे क्या अलग से ट्रेनिंग चाहिए
मां की और बहन की चूत गहराइयों में कोई फर्क नहीं होता जैसे मां को पेलता है वैसे ही बहन को पेल दे और यह तेरी बहन की कोई छुईमुई तो नहीं है दिनेश का लंबा लोड़ा अपने ओखली में कुटवाती रहती है पर तेरे लोड़े की प्यार से ज्यादा प्रभावित लगती है
हो जाओ शुरू बच्चों, तुम्हारी मां तुम्हें देखेगी
मैं हंसकर बोला मां बदला ले रही हो ? हम दोनों भाई छुप-छुप कर तुम्हारी और पिताजी की चूत-चुदाई का खेल देखते थे और तुम सामने से ही अपने बेटे के लोड़े को उसकी बहन की फिसलन भरी योनि पर चुदाई करते हुए देखना चाहती हो !!! शाबाश, मेरी मां पूरा बदला ले रही हो!!!
इस पर मां तमक कर बोली : पूरा बदला कहां से? तूने तो अपने बाप की कर्मभूमि पर हल जोतना भी शुरू कर दिया मैं कोई तेरी कर्मभूमि, तेरी प्यारी बहन की जादू भरी इस प्यारी सी चूत पर कब्जा तो नहीं कर रही हूं
मां के बेला होकर बोलते हुए डायलॉग बहुत अच्छे लग रहे थे मैंने जिद करते हुए कहा मां अपने बेटे को इस प्यारी सी लड़की क्यों तंग की गुफा में घुसने का रास्ता तो बता दे मेरी प्यारी मां तूने मुझे सब कुछ सिखाया है आज अपने बेटे की इच्छा भी पूरी कर दो कहते हुए मैंने मां की जोरदार पप्पी ले ली मां ने मेरे संडे को पकड़ कर जोर से उठा और बोली बदमाश बच्चे अपनी मां से मस्करी करता है इस पर रचना बोली मां जी आपका बेटा ही नहीं बेटी भी चाहती है कि हम दोनों के इस चूत चुदाई के खेल का आप अपने हाथों से उद्घाटन करें
मां बोली तुम्हारे इस उद्घाटन के चक्कर में अगर मेरी गुफा में पानी बरसने लगा तो कौन ठंडा करेगा
रचना तपाक से बोली क्या बात करती हो माता जी, ठंडा कौन करेगा ? यह आपका लाडला प्यारा मुस्टंडा बच्चा ही आपके रिस्ते हुए पानी को अपने डंडे को आपकी गुफा में झाड़कर आपके पानी को भाप बना कर उड़ा सकता है मेरा यह भाई शादी के बाद भी आपकी सेवा में हरदम हाजिर रहेगा
रचना और मां की इन बातों से मुझे लगने लगा कि आज शायद मां के साथ थ्रीसम हो जाएगा पर मां हमारे मां बेटे के प्यार भरे रिश्ते की मस्ती को अलग ही रखना चाहती थी इसलिए संवाद बदलते हुए बोली कोई बात नहीं मुझे अपने पर इतना कंट्रोल तो है मैं तुम्हारी इस मस्ती का उद्घाटन तो कर देती हूं और देखूंगी भी की जवान बच्चे कैसे कैसे उठापटक करते हैं पर खबरदार अपनी की चुदाई के बीच में मेरे को खींचा तो मैं नाराज हो जाऊंगी
यह सुनकर रचना हां मां बेटे के पास आ गई और हम दोनों को इकट्ठे ही आलिंगन में भर लिया और बारी बारी से मेरे और मां के गालों को चूमते हुए बोली मेरी प्यारी मां, मेरे प्यारे भैया
मां ने अपना एक हाथ मेरे लिंग पर रखा हुआ था दूसरे हाथ से मां ने रचना की योनि को टटोला इस बीच रचना नीचे झुककर मां की नंगी चूचियां चूसने लगी थी मां ने उसकी परवाह ना करते हुए हम दोनों को खींच कर सामने किया और हम तीनों आलिंगन में बंधे बंधाए ही बिस्तर की ओर बढ़ गए बिस्तर पर मैं और रचना करवट के बल एक दूसरे के सामने लेटे और मां फर्श पर खड़े खड़े ही हम दोनों के यौनागों को सहलाती रही मैंने और रचना ने अपने होंठ जोड़कर मुख चुंबन करना शुरू कर दिया था हम दोनों ने अपनी कमर एक दूसरे के करीब लाकर लोड़े और योनि के बीच की दूरी कम कर दीजिए मां ने सुविधा से मेरे सुपाड़ेको पकड़कर रचना की योनि के होंठों के बीच में रख दिया मां के हाथ की मालिश के कारण तना हुआ मेरा लौड़ा मेरी बहन की चूत की फांकों के बीच में फंसकर धड़कने फड़फड़ाने लगा था मां ने नीचे झुकते हुए मेरे नितंबों पर एक थपकी मारी जैसे तांगे वाले घोड़े के कुल्हे पर थपकी मारकर उसे दौड़ने का इशारा करते हैं इसी तरह मां ने मेरे चूतड़ों पर थपकी मार कर मुझे रचना की जांघों के बीच में दौड़ने का इशारा किया मैंने बाहों अपनी बाहों से खींचकर रचना को अपने आलिंगन में ले लिया और एक धक्के से अपना खड़ा हुआ लोड़ा रचना की गहराइयों में उतार दिया जब तक मेरा लौड़ा पूरी तरह से अंदर नहीं घुस गया था तब तक मां अपने अपने अंगूठे और उंगली से गोल घेरा बनाकर मेरे लोड़े को संभाले रखा और जैसे ही मां का हाथ मेरे अंडकोष और रचना की झांटों के बीच में लगा तो मां ने हाथ बाहर निकाल कर निकाला और थोड़ी दूर बैठकर हम दोनों की चुदाई देखने लगी रचना अभी भी बहुत प्यासी लग रही थी मेरी धक्के लगाने की स्पीड का पूरा जवाब देते हुए रचना धकाधक अपनी कमर और गांड भी हिला रही थी
करवट में लेटे होने के कारण लोड़ा पूरी गहराई तक नहीं उतर पा रहा था यह महसूस करके रचना पीठ के बल पलट गई और मैं आलिंगन में ही रचना के ऊपर चढ़ गया और ऊपर चढ़कर तेजी से धक्के लगाने लगा
शाबाश मेरी बहन ले ले अपने भाई का, रचना भी चिल्ला रही थी "और जोर से भाई" "भाई और जोर से पेल" "मेरे प्यारे भाई अपनी बहन के कस बल निकाल दे" "निकाल दे मेरा कचूमर"
मेरे से ज्यादा ताकत लगा कर मेरे लोड़े को मैं जितना गहरा जा सकता है वहां तक लेने का प्रयास कर रही थी
मैंने भी अपने दोनों हाथ रचना के कंधों से थोड़ा नीचे उसकी चुचियों के ऊपर करते हुए कमर को एकदम से उठाकर धम से नीचे पेलते हुए रचना की चूत का बैंड बजाना जारी रखा
रचना वास्तव में बहुत प्यासी लग रही थी घपा घप मेरे लंबे लंड को अपनी चूत में खाते हुए भी उसको मेरा लौड़ा छोटा लग रहा था बहन चिल्ला रही थी "भाई और अंदर तक" "भाई अभी अंदर नहीं गया" "भाई और पेल, हां भाई जोर से, जोर से ठोक तेरी बहन नाजुक कली नहीं है तेरे धक्के बर्दाश्त कर लेगी" "शाबाश से जड़ तक पेल दे अपनी बहन को" धक्के लगाते लगाते मेरी सांस फूलने लगी थी तो
मैंने रचना के नितंबों पर हाथ डालकर करवट ली और पीठ के बल लेटकर रचना को अपने ऊपर कर लिया ऊपर होते ही रचना दोनों घुटने मेरी जांघों के आसपास फैलाकर अपनी तंग चूत को मेरे लंड पर पूरी ताकत से मसलने लगे और जब मेरा लंड पूरी तरह से रचना की चूत* में तेढ़ा होकर घुस गया तो रचना एकदम से उठी और फिर धम से मेरे लंड पर बैठती चली गई उसकी तंग चूत मेरे लन्ड का पर अच्छे से रगढ़ती हुई नीचे आई जब तक मैं रचना की चूत को अपने अंडकोष पर महसूस करता रचना फिर से उठकर तेजी से मेरे लंड पर बैठती चली गई रचना ने दोनों हाथ मेरे कंधों पर रखे और लंड से आधा उठकर घप्प से बैठने लगी इतनी तेज से बैठ रही थी कि मेरे लिंग की चमड़ी में जलन होने लगी थी
रचना पूरी शिद्दत के साथ अपने खेल में जुटी हुई थी फिर रचना ने झुकते हुए मेरे लंड को अपनी चूत में टेढ़ा करके महसूस किया और जीभ से मेरे निप्पल को कुरेद ने लगी जिससे मेरे शरीर में और करंट दौड़ने लगा तो मैं नीचे से कमर हिला कर रचना की बिल्कुल तंग मुट्ठी बंद जैसी योनि को चोदने लगा काफी देर तक इस उठापटक में हम दोनों पसीना पसीना हो गए थे
मां सामने बैठी हम दोनों की ब्लू फिल्म देख रही थी, मेरे से आंखें मिलते ही मां ने मुस्कुराकर टंच माल का इशारा बनाया मां का इशारा पाकर मेरे में नया जोश भर गया और मैंने दोबारा से रचना को नीचे लिटा कर उस को पेलना शुरू कर दिया अब रचना ने अपने पैर मेरे नितंबों के आसपास कर मेरे को अपने से पूरी तरह जकड़ लिया था रचना ने अपने हाथों से निकालकर मेरी गर्दन को पर जोर डालकर अपने मुंह से जोड़ लिया था और हम दोनों का शरीर बिल्कुल एकाकार होकर एक साथ ही उठता और बैठकर इस घर्षण में मुझे महसूस हुआ कि रखना की योनि सिकुड़ने और फैलने लगी है और रचना ज्यादा कस कर मेरे को पकड़ लिया कुछ ही धक्कों में रचना के कुएं की दीवारों से झरझर करके बारिश होने लगी और हमारी जांघों की धम धम की आवाज फच फच्च में बदल गई मेरे लोड़े में भी बहुत तेज सनसनाहट होने लगी थी और रचना के पानी छोड़ते ही मेरे लोड़े ने भी रचना की ओखली में बन रही चटनी को और ज्यादा भर दिया और हम दोनों एक दूसरे की बाहों में कसे कसे ही गहरी सांसे ले रहे थे
मां उठकर आई और अपना एक एक हाथ हमारे बालों में फिरने लगी जैसे किसी दौड़ के बाद प्रोत्साहन देने के लिए कोच एथलीट का मनोबल बढ़ाता है उसी तरह मां मेरे और रचना के मनोबल को बढ़ाकर हमें सहारा देने लगी
कुछ देर में रचना थोड़ा दूर होकर लेट गई और मैंने मां के हाथ को पकड़ कर बिस्तर पर खींच लिया
मां का मुंह मेरे लोड़े के ऊपर हो गया था और मां की योनि मेरे मुंह के सामने थी मां की योनि से निकलती हुई खुशबू ने मुझे दीवाना कर दिया और मैं जीभ निकालकर मां की योनि को चाटने लगा हमारे भाई बहन के दंगल के बाद को देखते हुए मां के तालाब में पानी भरने लगा था, इतनी अच्छी मां को मैं कैसे कामाग्नि में जलते हुए छोड़ सकता था मैंने तुरंत से अपनी जीभ मां की योनि के लोगों को अलग करते हुए अंदर घुसा दी अपनी योनि की मालिश होते देखकर मां भी अपनी जीभ से मेरे लोड़े को कुरेद ने लगी और हम दोनों मां बेटा 69 पोजीशन में मुख्य मर्दन करने लगे मेरे लोड़े पर घुला हुआ मेरा और रचना का रस मां के मुंह में जा रहा था और मैं मां की योनि से टपकते हुए मां के शुद्ध रस को चूस रहा था मां की अभ्यस्त जीभ मेरे लोड़े को फिर से खड़ा कर दिया और मां का कुआं तो वैसे ही बांस डलवाने के लिए तैयार हो गया था तो मैंने साइड बदलकर मां को नीचे लिटाया और दमदम से मां को चोदने लगा मां बिना कुछ बोले आपने मेरे लोड़े के प्रहारों को अपनी चूत पर सहती रही और मैं भी बिना कुछ बोले पूरी ताकत से मां की चूत पर हमला करता रहा कुछ कंपकंपी लेकर मां ने अपनी योनि में पानी छोड़ दिया और मां के शांत होते ही मैं अपना लौड़ा बाहर निकाल कर साइड में लेट गया...

आगे कहानी जारी है.....
Beautiful update
 
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