काफी देर तक मस्ती करने के बाद उपर हम मां बेटा और नीचे दोनों भाई बहन एक दूसरे के शरीर को पूरी तरह भोगने के बाद भी संतुष्ट नहीं हो रहे थे मां बार-बार मुझसे चिपट रही थी और अपने अंगों को मेरे शरीर पर रगड़ रही थी मेरे भूख भी मिट नहीं रही थी और मैं मां के मांसल शरीर को अपने से चिपका कर अपने अंदर समा लेना चाहता था
मां की छलछलाती हुई प्रेम भरी चूत और मेरे सख्त होते मां के प्रति आदर, दोनों ने एक प्रतियोगिता बना रखी थी कि कौन कसकर कितना दूसरे को आलिंगन में भर पाता है इसी तरह से काफी देर तक आलिंगन और और ज्यादा आलिंगन चलता रहा मैं मां के नितंबों को अपने पंजों से दबाकर मां की कमर को अपने लिंग के नजदीक रखने का असीम आनंद ले रहा था और मां भी मेरी पीठ और नितंबों पर जोर लगाकर मेरे झंडे के डंडे को अपने बिल में ठोकना चाह रही थी ऐसे करते करते पता नहीं कब मेरा डंडा बहुत सख्त हो गया और मैंने अपना मुंह मां के होठों से जोड़कर अपनी जीभ मां के मुंह में सरका दी और मां ने मेरी जीभ को चूस कर मेरे मुंह का सारा रस अपने मुंह में खींचने लगी
हम दोनों की टांगे एक दूसरे की टांग के गिर्द होकर हमें एकाकार कर रही थी होटल के नर्म बिस्तर पर हमें हमारे थक्कों की प्रतिक्रिया में और ज्यादा आनंद आ रहा था मैंने नीचे निगाह मारी तो रचना और दिनेश दोनों भाई बहन भी फर्श पर गौतम गुत्थम गुत्था होकर एक दूसरे में समा जाने के लिए पूरा जोर लगा रहे थे
उन दोनों को देखकर ऐसा लगता था कि इस जवान जोड़े को पहली बार लिंग और योनि का आनंद मिला होगा जिसको यह पुनः साकार करना चाहते हैं उसी प्रकार बिस्तर पर हम मां बेटे के एक दूसरे में उलझे हुए शरीर को देखकर भी कोई नहीं कह सकता था कि हम वर्षों से चुदाई कर रहे हैं ऐसा ही लग रहा था कि कोई नया जोड़ा हनीमून पर आकर नर और मादा के शरीर को अनुभव करने का प्रयास कर रहा है । काफी देर तक कभी मैं ऊपर, मां नीचे और कभी मां ऊपर, मैं नीचे बिस्तर पर कलाबाजियां खाते रहे
उधर नीचे फर्श पर शायद रचना को कुछ ठंड लग रही होगी तो वह बोली अगर हमारे मेजबान जोड़े को कुछ आपत्ति ना हो तो हम आपके पास ही बिस्तर पर आ जाएं सख्त फर्श पर हमें धक्के मारने के बजाय आपके साथ आपके नर्म बिस्तर पर धक्के मारने में हमें कुछ ज्यादा आनंद मिलने की उम्मीद लगती है
मां एकदम अनापेक्षित रुप से बोली: क्यों फिक्र करते हो इधर मम्मी और भैया के पास में ही आ जाओ यह दो जनों के साथ साथ सोने के लिए बिस्तर है इतनी जगह है और हम दोनों जोड़े एक दूसरे के ऊपर नीचे ही रहेंगे इसलिए जगह की कोई कमी नहीं
यह सुनकर दिनेश जोर से हंसा और तुरंत रचना को अपनी गोदी में उठा कर बिस्तर पर ले आया उस समय मां मेरे नीचे थी मां ने कोने में सरककर रचना और दिनेश को अपने साथ में जगह दे दी
अब बिस्तर पर दो औरतों और मर्दों की कुश्ती शुरू हो गई थी, इसमें सबके हाथ पैर सबसे छू रहे थे
एक दूसरे के मुंह को चूमना मम्मे पूटना पेट को सहलाना दूधों को सहलाना , मां और रचना अपने बेटे और भाई, मेरे और दिनेश के लिंग को पकड़कर उमेठना, दूसरे के नितंबों पर थपकी देना, होठों से होठों को जोड़ना, सभी प्रकार संभोग पूर्वक्रियाएं पूरे जोर-शोर से चल रही थी
फिर धीरे-धीरे मां की सिसकारियां तेज होने लगी और मां की मुट्ठी मेरे लिंग के आसपास कसकर लिंग की सख्ती को बढ़ाने लगी और मां धीरे से बढ़ते हुए लिंग को अपनी योनि के मुहाने का रास्ता दिखाने लगी , मेरे लिंग में भी तनाव महसूस होने लगा था तो मैंने लिंग के योनि के मुहाने पर पहुंचते ही एक जोरदार धक्का देकर अपना झंडा अपनी मातृभूमि में तेजी से एक ही झटके में घुसा दिया और फिर बहुत तेजी से अंदर-बाहर करने लगा
हमारी चुदाई की थपथपा ठकाठक की आवाज और हमारे धक्कों से गद्दे पर पड़ रहे उछाल से दिनेश और रचना भाई बहन को भी बहुत जोश आ गया था उनके चुंबन की तेज तेज आवाज पूरे कमरे में गूंजने लगी थी फिर दिनेश में रचना को नीचे पलटते हुए उसकी टांगे फैलाई तो रचना ने भी अपने भाई दिनेश का लिंग पकड़ कर अपनी योनि के मुहाने पर रखा और दिनेश ने भी फचाक से अपना लोड़ा अपनी बहन की योनि में पेल दिया
दोनों औरतें नीचे लेटी हुई थी और हम दोनों मर्द घपा घप धकाधक फकाफक छप छप करके पिस्टन की गति से अपने लोड़े को बाहर खींचते और फिर से पूरी ताकत लगाते हुए अपने सेक्स पार्टनर की योनि में पेल देते
कुछ ही देर में हमारी चुदाई की क्रिया एकसार हो गई यानी कि मैं और दिनेश अपना लौड़ा एक साथ ही कमर उठा कर बाहर निकालते और उसी चाल से नीचे झुककर ताकत के साथ अपनी मां और बहन की योनि में पेल देते
खूब आनंद आ रहा था कई बार की चुदाई के बाद भी हमारी उत्तेजना में कमी नहीं आ रही थी और दोनों जोड़े पूरी तरह से स्वर्ग जैसी जुदाई का आनंद ले रहे थे
मां बोल रही थी शाबाश बेटा खेल ले मां को ठोक दे शाबाश बेटा गोवा की मस्ती दिखाओ
फिर अचानक मां बोली दिनेश बेटा अपनी बहन को प्यासा मत रख इसके सारे कस बल निकाल दे, देख कितना खुल गई है आज ही में, इसकी प्यास गहराई तक घुस कर शांत कर दे, शाबाश बेटा, अपनी बहन को संतुष्ट कर दे, इतना पेल- इतना पेल की शादी के बाद भी तेरी बहन अपने पति की चुदाई की तुलना तेरे लोड़े की ताकत से करें और हर बार मायके आकर अपनी चुदाई की कमी पूरी करे। शाबाश बेटा पेल दे, बहुत अच्छा, मेरा बेटा,
मां मेरे को फिर बोली राजा बेटा, मेरा राजा बेटा , अपनी मां की सेवा करता रह, मां तुझे पूरा प्रसाद देती है तू भी मां को प्यासा मत रख ,अपने पापा की संपत्ति यह जो मां की गहरी कसी हुई चूत है उसको पूरी तरह से अपने कब्जे में ले ले और अपना हक लेकर इसका पूरी तरह से उपभोग कर ले, बकवास करते-करते हम सब बहुत तेजी से चुदाई करते हांफ रहे थे दिनेश बोला: ले मेरी बहन, मेरी प्यारी बहना, ले -ले, अपने भाई की ताकत महसूस करके ले ले, सब जगह तो डर रहता था यहां पर मेरी बहन आपने भाई के डंडे पर खुलकर अच्छे से लटक ले, शाबाश मेरी बहन मैं आ रहा हूं मेरी बहन मैं झड़ने वाला हूं शाबाश मेरे बहन ले, कस ले, रचना ने भी अपनी टांगे उठा कर अपने भाई के नितंबों पर कस दीं और भाई भी धक्के मारने की क्रिया में अपनी बहन के नितंबों पर हाथ डालकर एक साथ से उठाकर और घप्प से वापस गद्देदार बिस्तर पर कूद जाता।
मैं भी तेजी से धक्के मारते मारते मुकाम की ओर पहुंच रहा था कि मां बोली शाबाश मेरे बेटे मैं झड़ने वाली हूं, लगा दे अपनी पूरी ताकत, घुस जा अपनी जन्मभूमि में, शाबाश बेटा और मां ने मेरे को अपनी चूत पर कस लिया फिर तेजी से कंपकंपाते हुए झड़ने लगी, मैंने भी अपने पिचकारी से सारा रंग मां की योनि की गहराइयों में उड़ेल दिया साथ में दिनेश और रचना दोनों भाई बहन लेटे हुए गहरी सांसे ले रहे थे
मेरी आंखें रचना की आंखों से मिली अब रचना ने मुस्कुराकर मेरा अभिवादन किया मैं अपनी मां के ऊपर पस्त होकर लेट गया दिनेश भी अपनी बहन की खुली टांगों के बीच में उल्टा होकर लेटा रहा।
मैंने हाथ बढ़ाकर रचना के हाथ को अपनी मुट्ठी में लिया और सहलाने लगा मां शायद थककर आधी निंद्रा में थी रचना ने मेरे हाथ को जोर से दबाया शायद कह रही थी कि भाई से तो मन भर कर चुद ली तुम्हारे से तुम्हारी सेवा का मौका चाहती हूं दोपहर में जब से रचना मुझे मिली थी बार-बार मेरे गठीला शरीर को पढ़ रही थी और मौका पाते ही मुझे छूने का, मेरे से शरीर से अपने शरीर को रगड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ रही थी। मैंने भी उसके हाथ को अच्छे से दबाकर इशारा किया कि मौका मिलते ही मैं रचना की योनि की सेवा कर दूंगा फिर मैंने अपना हाथ उठाकर मां की जांघों की साइड में मसलने लगा रचना भी अपने हाथों से दिनेश के नितंबों पर थपकी मारने लगी इस तरह से हमारी उस दिन की पांचवी चुदाई संपूर्ण हुई
घड़ी में देखा तो रात के 2:00 बज रहे थे हमने दोपहर के बाद कुछ भी नहीं खाया था मां बोली कुछ खाने को आर्डर कर दे इंटरकॉम पर रूम सर्विस से पूछा तो वहां कोई जवाब नहीं मिला
मुझे तो बहुत तेज से भूख लगी है रचना भी कहने लगी, एक तो तुम दोनों की हम मां बेटी ने इतनी सेवा की है और तुम हमें भूखा मार रहे हो
यह सुनकर मैंने कहा फिक्र मत करो यह गोवा है यहां रात भर कुछ ना कुछ खाने को मिल सकता है मैं लेकर आता हूं यह कहकर मैं बरमूडा शर्ट पहनने लगा, दिनेश बोला मेरी तो हिम्मत नहीं है तो रचना झटपट उठ कर बोली: आकाश भाई अकेला नहीं जाएगा, मैं इसके साथ चलती हूं, उठकर रचना ने तुरंत मां की स्कर्ट और टॉप पहन ली और मेरे को आंख मार कर बोली : चल भाई हम दोनों भाई बहन ही कुछ लेकर आते हैं
हम दोनों रचना और मैं मुंहबोले भाई-बहन बन चुके थे इसलिए बेखटके एक दूसरे की कमर में हाथ डाल कर कमरे से बाहर निकलकर स्कूटर की पार्किंग की ओर चल दिए स्कूटर पर रचना मेरे पीछे चिपक कर बैठ गई और आगे हाथ बढ़ाकर मेरे बरमूडा के ऊपर से लोड़े को मरोड़ने लगी रचना के उरोज मेरी पीठ में धंस रहे थे। रचना पूरी तरह से चिपक कर मेरे साथ बैठकर मेरे अभी तक अतृप्त लौड़े को छेड़ रही थी। पीठ पर रचना के उरोजों की नरमी और रचना के नरम हाथों से मेरे लोड़े को मसलने के कारण मेरे शरीर में करंट दौड़ने लगा था
जल्दी में या शायद वैसे ही रचना और मैंने अंडरवियर नहीं पहने थे तो हमें कपड़ों में भी एक दूसरे के नंगे होने का ही एहसास हो रहा था । गोवा की सुनसान सड़कों पर ठंडी हवा हम दोनों की मस्ती बढ़ रही थी।
रचना मेरे कान में बोली आकाश भाई अपनी रचना बहन की प्यास क्यों नहीं देख रहा है
मैं बोला रचना बहन, दिनेश भाई की प्यास बुझा रही है और उसकी पिचकारी का पूरा आनंद ले रही है तो मैंने बीच में डंडे मारने की कोशिश नहीं की
रचना भाई मुझे भी यही लगता था कि तुम मां की सेवा कर रहे हो मां की कामाग्नि को शांत कर रहे हो तो मैं विघ्न नहीं करूं, पर अब हम दोनों अकेले हैं अपने मन से चुदाई कर लेते हैं
मैं बोला सड़क पर ?
नहीं भाई, सड़क पर क्या मजा आएगा चोरी छुपे तो टीले के आसपास भी हो गई थी, ऐसा करते हैं हमारा होटल पास में ही है, मेरे कमरे में चलकर पूरे नंगे होकर खूब शोर मचाते हुए धमादम चुदाई करेंगे ताकि हम दोनों भाई बहन गोवा की यादाश्त में एक कारनामा जोड़ सकें
यह कहकर रचना ने मुझे दाएं मुड़ने का इशारा किया थोड़ा आगे जाते ही हम रचना के होटल पहुंच गए
रिसेप्शन से चाबी लेकर रचना अपने कमरे में पहुंची और दरवाजा बंद करने से पहले ही तुरंत अपनी स्कर्ट और टॉप को उतार कर पूरी नंगी हो गई
मैंने भी पीछे मुड़ कर जल्दी से दरवाजा बंद किया और अपना बरमूडा और टीशर्ट उतार दिया और हम दोनों नए- नए बने भाई बहन एक दूसरे से ऐसे लिपटे जैसे कि जन्मों-जन्मों के भूखे हो! यह तो तब था जब उस दिन में अपने अपने पार्टनर के साथ हम 5-5 बार चुदाई* कर चुके थे।
रचना ने अपना होंठ मेरे होंठों से जोड़ दिए और जोर जोर से चूसने लगी मैंने भी अपने हाथों से रचना की छातियों को जोर-जोर से रगड़ना शुरू किया तो रचना कसमसाने लगी फिर मैंने हाथ नीचे करके रचना की योनि में उंगली डाल दी
संकेत पाकर रचना ने भी हाथ नीचे करके मेरे लोड़े को अपनी मुट्ठी में कस लिया और लोड़े की मालिश करने लगी रचना के हाथों के जादू से मेरा लौड़ा फंक्शन में आता हुआ पूरी फॉर्म में आ गया।
अपनी मुट्ठी में मेरे लोड़े में जान पहुंचाकर रचना ने नीचे को झूकी और बैठ मेरी छाती पेट चूमते हुए मेरे लोड़े तक अपना मूंह ले आई और अपनी जीभ से मेरे लोड़े को आइसक्रीम की तरह चाटने लगी एक हाथ से वह लोड़े को टट्टों के पास से पकड़कर घुमा रही थी एंगल बदल रही थी और जीभ के जादू से मेरे लोड़े को चाट रही थी अपने हाथ की ताकत लगाकर मेरे लोड़े की खाल को और पीछे खींचा और जब मेरे लोड़े का सुपाड़ा बिल्कुल चमकने लगा तो जीभ से मेरे लोड़े के छिद्र को कुरेदने लगी।
मेरे पूरे शरीर में करंट बहने लगा था और मेरी उंगलियां रचना की योनि में आग पैदा करने का काम कर रही थी फिर मैंने रचना लिए लिए बिस्तर पर लुढ़क गया और तुरंत करवट लेकर रचना की चूत के ऊपर अपने मुंह से जीभ निकाल कर चाटने लगा, बहन ने भी मेरे लौड़े को अपने मुंह में भर लिया और हम दोनों पूरी शिद्दत के साथ मुखमैथुन करने लगे
मुझे लगा कि धीरे-धीरे हमारे शरीर में करंट बढ़ता जा रहा था कुछ देर बाद मैंने रचना को छूकर इशारा किया और बहन ने सीधे होकर टांगे खोल दी रचना ने तुरंत अपने तलवे छत की ओर कर दिए जिससे उसकी योनि पूरी तरह से उभर कर मेरे सामने हो गई थी
मैंने कुत्ते की तरह नीचे से आते ही पहले उसकी योनि को चाटा और आगे बढ़ते हुए उसके दूध को चूसने लगा उसकी फैली हुई टांगों के बीच में मेरी कमर थी जिसमें से लटकता हुआ लौड़ा रचना की योनि पर खारिश कर रहा था
हमारी कामाग्नि बढ़ी हुई थी बहन ने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी योनि के ऊपर सेट कर दिया इशारा पाते ही मैंने एक जोरदार धक्का मारा
जैसे ही मेरे लोड़े में रचना की गुफा की गहराइयों को छुआ तो रचना के मुंह से एक चीख सी निकल गई मार दिया भाई इतनी बेदर्दी से पेला है , मैं मां तो नहीं हूं! मैं बहन की सख्त चूत को मां की प्यार भरी नरम योनि की तरह मत पेल!! धीरे धीरे से काम कर!!
यह कहकर रचना में नीचे से अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया मैंने भी पतेजी दिखाते हुए जोरदार धक्के मारे मैं पूरी स्पीड से रचना के खेत में अपना हल चलाते हुए रचना की चीख-पुकार की परवाह करते बिना घमाघम धमाधम धकाधक धमाधम धकाधक रेल चलता रहा कुछ ही देर में रचना झड़ने के मुहाने पर पहुंच गई और उसने अपने पैर नीचे करके मेरे नितंबों पर कस दिए मैंने भी पूरी ताकत से रचना को अपने नीचे दबाकर बेबस कर दिया और उसके बिल में अपना सांप अंदर-बाहर करने लगा
दोपहर से भरी हुई हमारी चाह ने हम दोनों को जल्दी ही झड़ने के किनारे पहुंचा दिया और हम दोनों एक दूसरे को कसकर गहरी गहरी सांस लेते हुए झड़ने लगे
थक कर गहरी सांसे लेते हुए जब हमें होश आया । हम दोनों ने अपने शरीर की प्यास बुझा ली पर मां बेटा हमारे इंतजार में भूखे बैठे होंगे उनके लिए जल्दी से खाने का कुछ इंतजाम करो
रचना का होटल छोटा था उसने पूछा तो उन्होंने झटपट से कुछ खाना पैक करने की बात मान ली
खाने लेकर जब हम जा रहे थे तो रचना बोली हम दोनों भाई बहन तो यहां मजा ले रहे हैं दिनेश भी मां की चुदाई करना चाहता था पता नहीं उन दोनों के बीच क्या हुआ होगा ?
तो मैंने रचना के चुम्मा लेते हुए कहा कि मेरी मां सिर्फ मुझे ही अपनी योनि देती है पापा की चीज, मेरे अलावा मेरी मां, मेरे छोटे भाई को भी नहीं देती दिनेश को नहीं देगी!!
रचना दिनेश का कोई पता नहीं ? शायद उसकी हिम्मत ही नहीं होगी की मां की चूत की तरफ देखे पर बहुत मुझे बहुत हैरानी होगी कि तुम्हारी चुदाई की भूखी मां मेरे जवान भाई के लंड को इतना ज्यादा इग्नोर कर दे वह भी तब जब दोनों नंगे ही एक बिस्तर पर लेटे हुए हैं
मैं बोला: वहां देखेंगे क्या हुआ है!
रचना बोली चलो शर्त लगाते हैं मां बेटे ने चुदाई कर ली होगी तो मैं तुम्हें उनके सामने ही तुमसे अपनी चूत दो बार मरवा लूंगी और अगर उन्होंने स्वयं पर नियंत्रण रखा होगा तो मां को भड़काने के लिए तुम मुझे दो बार वहीं पर आज रात में ही चोद देना
मैं जोर से हंसा और कहा चाकू खरबूजे पर गिर रहा है या खरबूजा चाकू पर तूने बहुत अच्छी बात की तू मेरे से चुदेगी या मैं तुझे चोदूंगा चूत भी मेरी भी लंड भी मेरा, !! वाह वाह!!!!!
यह कहकर हम खाना लेकर वापस मेरे होटल की तरफ चल दिए जाकर क्या देखा?
आगे की कथा अगले अपडेट में