Thanks for likingBeautiful update
Story will continue in Goa for a while before we move back home
Thanks for likingBeautiful update
Thanks, trying to make this incest sex more interesting n daringBahut gaddar
Very nice updateमां ने बातें करते करते दिनेश से पूछा कि पहली बार उसने रचना को कब और कैसे रगड़ा था तब दिनेश ने बताया कि शुरू में पहले उसके पापा को दो कमरों का क्वार्टर मिला हुआ था जिसमें 1 में मम्मी पापा और एक में यह दोनों भाई-बहन सोते थे
एक बार इनके घर में चाचा चाची और उनके बच्चे 1 महीने के लिए रहने आए तो एक कमरे में चाचा चाची का परिवार और एक में दिनेश का परिवार सोने लगे
मम्मी पापा एक दो दिन तक तो ठीक रहे पर अपनी चुदास को कब तक काबू में रखते माँ की जवानी में अपने लोडे पर कब तक काबू रखते तब 1 दिन जब यह चारों बिस्तर पर सो रहे थे तो मम्मी पापा अपने संभोग की इच्छा को ज्यादा दबा नहीं पाए और बच्चों को सोता हुआ जानकर मस्ती करने लगे
आगे का किस्सा दिनेश की जुबानी
एक रात जब मेरी नींद खुली तो मैने देखा की पापा मां को किस कर रहे हैं. मैं चुपचाप देखने लगा, किस करते-करते पापा ने मम्मी की साड़ी उतार दी माँ ने भी कमर ऊपर करके साड़ी को अलग करने मैं पापा की मदद की फिर पापा माँ की कमर को किस करने लगे. उनकी नाभि मे उंगली घुसा रहे थे. अब एक-एक करके पापा ने मम्मी का ब्लाउस के सारे बटन खोल दिए और ब्रा ऊपर करके माँ के मुम्मे चूमने चाटने लगे. अब उन्होने मम्मी का पेटिकोट कमर तक चढ़ा दिया. फिर वो मम्मी के दाहिने चुचे को धीरे धीरे दबाने लगे. पापा बोले की आज बहुत दिन बाद मौका मिल है मैं तुम्हारी चुत को चाट कर तुम्हरी गरमा गरम इच्छा पूरा करना चाहता हू. इस तरह से कहते हुए पापा मम्मी के दोनों मम्मे दबाने लगे साथ ही में पापा ने अब मम्मी के दोनो होंठों को अपने होंठों से दबा रखा था. इसके बाद पापा ने मम्मी के कंधे के पास से बाल को हटते हुए अपने होंठो को मम्मी के कंधे और गर्दन के बीच धीरे धीरे रगड़ने लगे और मम्मी के चुचि को धीरे धीरे दबाने के साथ ही दूसरे हाथ से मम्मी के चूत को सहलाने लगे. जैसे ही पापा ने मम्मी के चूत को सहलाना सुरू किया तो मम्मी अपने आपको रोक नही पाई और बोली ये क्या कर रहे है दिनेश साथ में सो रहा है
पापा बोले तो क्या हुआ उसे क्या पता की ये क्या होता है. उससे बोल देंगे की हम एक खेल, खेल रहे है. पापा मम्मी के जाँघ को थोड़ा सा फैलाया क्योकि उस वक़्त तक मम्मी के दोनो जाँघे बिल्कुल ही सटी हुई थी . अब मम्मी की चूत पूरी तरह से दिख रही थी. पापा ने पास की बोतल से सरसो के तेल को निकाला और मम्मी के चूत पर लगाते हुए जब मम्मी के चूत को सहलाने लगे तो मम्मी ने पापा के लंड को उनके लूँगी से निकल दिया जो की बहुत लंबा था तो मम्मी ने भी अपने हाथो मे तेल ले के उनके लंड मे तेल लगाने लगी. तेल लगाने के बाद उसे हाथ में लेकर मम्मी ऊपर से नीचे तक सहलाने लगी. मम्मी और पापा लगभग बहुत देर तक यू ही अपने हाथों से एक दूसरे के लंड और चुत को सहलाते रहे
मम्मी पापा का यह तमाशा देखते देखते मेरी छोटी सी लुल्ली तनकर आइसक्रीम की डंडी जैसे बन गई थी मेरे साथ ही रचना फ्राक और कच्छी पहन कर लेटी हुई थी और मैं कच्छी बनियान में था
मम्मी पापा को और से करीब से देखने के लिए जैसे ही मैं थोड़ा सा आगे हुआ तो मेरी नोनी रचना के चूतड़ में दबने लगी पहले तो मैंने ध्यान नहीं दिया पर थोड़ी देर में मुझे मजा आने लगा तो मैंने हाथ आगे बढ़ाकर रचना के पेट पर रख दिया मेरे हाथों और कमर के दवाब बढ़ने से रचना की नींद खुली, वह कसमसाने लगी थी कि मैंने उसके मुंह पर हाथ रख करो चुप करा दिया , रचना बेबी कुछ देर अधखुली आंखों से मम्मी पापा को देखती रही फिर उसे भी मज़ा आने लगा
हमारे देखते ही देखते पापा, मम्मी के जाँघ पर बैठ गये और मम्मी के चूत पर अपने लंड को जैसे ही सटाया तो मम्मी ने अपने दोनो हाथों से चूत को फैला दिया. पापा ने मम्मी के चूत मे अपने लंबे लंड को ले जाने के लिए अपने कमर को धीरे धीरे सरकाना सुरू किया तो मम्मी ने अपने साँसे खिचनी शुरू कर दिया. पापा ने मम्मी के चूत मे अपने लंड के सुपाडे को डाल दिया. अब पापा मम्मी के उपर लेट गये और अपने कमर को हिलाने लगे अब मम्मी के मूंह से आआअहह आआआअहह आआआअहह ऊऊओह आआआहह उउउम्म्म्ममममम उउउंम्म की आवाज़ निकालने लगी. कभी कभी पापा ज़ोर ज़ोर के झटके लगते तो मम्मी पूरी तरह से हिल जाती थी. मम्मी ने अब अपने हाथो को पापा के पीठ पर कस लिया था और पापा के पीठ को सहला रही थी.
साथ ही साथ पापा मम्मी के गालो को चूमने लगे और अपने दोनो हाथो से मम्मी के दोनो चुचीयों को दबाने लगे तो मम्मी भी मस्ती मे आआअहह आआआअहह आआआअहह ऊऊओह आआआहह आआअहह आआआअहह आआआअहह ऊऊओह आआआहह उउउम्म्म्ममममम उउउंम्म की अजीब ही आवाज़ निकल रही थी. कुछ देर मे पापा ने और जोर से अपने लंड को मम्मी के चूत मे डाल दिया अब पापा ने मम्मी के पैरो को मोड़ लिया और मम्मी के जाँघो को फैलते हुए अपने आपको मम्मी के दोनो पैरो के बीच में और जोर फिर से धक्के मारने लगे ओर ममी को बूरी तरह से पेलने लगे तो मम्मी अपने गर्दन को उठा उठा के आहे भरना सुरू करे दिया.
पापा ने मम्मी से पुछा "दर्द कर रहा है क्या?"
मम्मी से एक अजीब आवाज़ मे कहराते हुए जवाब दिया " नहीं मजा आ रहा है यीईईईईईईईईईईईई आआअहह ओह".
जब मम्मी पापा अपने धक्कों में व्यस्त हो गए तो मैंने भी अपनी कमर को जोर जोर से हिला कर रचना के नितंबों पर धक्के मारने लगा और अपने हाथ से रचना की नंगी जांघों पर फिराकर, मिलकर हम दोनों भाई बहन इसका मजा ले रहे थे
अब पापा ने एक तरफ अपने कमर से जोरदार झटका मारा और दूसरी तरफ उन्होने मम्मी के चुचे को बेरहमी से दबा दिया. मैने मम्मी के मूंह से ज़ोर की चीख के साथ मम्मी के पैर को पटकते हुए देख के समझ गया की पापा ने ना सिर्फ़ मम्मी के मम्मों को दबाया है बल्कि उन्होने मम्मी के चूत को भी अंदर तक रगड़ दिया था. अब पापा अपने कमर के स्पीड को बढ़ा दिया और कुछ ही देर मे उनका पूरा लंड मम्मी के चूत आगे पीछे हो रहा था.
कुछ देर तक यूंही छटपटाने के बाद मम्मी ने अब पापा का पूरा साथ देना शुरू कर दिया.
पापा मम्मी के होंठों को अपने होठों मे दबा लिया और अपने लॅंड को मम्मी की चूत मे ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर- अंदर बाहर करने लगे..तब जाके दोनो शांत पड़े और वैसे ही नंगे ही सो गये.
मम्मी पापा के शांत होने के बाद हम भाई बहन दोनों सोने की एक्टिंग करते करते पता नहीं कब सो गए
सुबह उठकर रूटीन में मम्मी पापा ऑफिस गए और चाचा चाची कहीं बाहर चले गए
घर में हम चारों भाई बहन ही रह गए थे।
हम सब १८ साल से बड़े थे पर बच्चों की तरह बातें कर रहे थे।
अकेले में रचना मुझसे पूछ रही थी भाई रात को मम्मी पापा के बीच में क्या हो रहा था।
चल भाई हम दोबारा से आपस में वही खेल खेलते हैं रात में जो तुमने मेरे साथ खेल किया मूझे बहुत अच्छा लग रहा था।
मुझे भी बहुत ज्यादा तो नहीं पता था पर जितना जानता था उससे कहा कि मम्मी पापा बड़ों वाला खेल कर रहे थे
रचना बोली कौन सा खेल होता है तो मैंने कहा कि यह शादीशुदा आदमी और औरत का खेल होता है इसी खेल के लिए मम्मी पापा शादी करते हैं और इसी खेल के कारण बच्चे पैदा होते हैं
इस बात से रचना डर कर बोली तो तूने मेरे साथ जो खेल खेला उससे हमारे भी बच्चे हो जाएंगे क्या?
तो मैंने कहा नहीं हमने कोई इतनी जोर से थोड़े ना किया था ।
इस बात से रचना थोड़ी संतुष्ट हो गई पर रात वाले हमारे बीच हुए आधे अधूरे खेल से उसका मन नहीं भरा था इसलिए रचना बोली चल भाई हम फिर घर-घर खेलते हैं तो इसमें हमने अपने चचेरे भाई बहन को भी शामिल कर लिया ।
खेल में मैं पापा, रचना मम्मी और हमारे छोटे चचेरे भाई-बहन बच्चे बन गए और वैसे ही हमने घर-घर खेलते हुए ऊपर ऊपर से ही खूब सारे झटके मार कर चुदाई का नकली खेल खेल लिया
चचेरे भाई बहन ने भी जानकारी देते हुए बताया कि उनके मम्मी पापा भी यह खेल खेलते हैं और कई बार उन्होंने भी देखा है तो घर खेल के दूसरे भाग मे चचेरे भाई मम्मी पापा बने और हम बच्चे!
इस तरह से कई दिन तक हम बड़े युवा बच्चे बनकर आपस में घर-घर खेलते रहे
अगली रात को, रचना, मम्मी-पापा की ब्लू फिल्म देखने के लिए मुझसे ज्यादा उत्साहित थी और कमरे में जाते ही जल्दी सोने की एक्टिंग करने लगी। मैं भी आंखें बंद कर मचल मार कर लेट गया हमारे लेटने के 15 मिनट बाद मम्मी ने चेक करने के लिए हम दोनों को आवाज दी और हल्का सा हिलाया पर हम सोने की एक्टिंग करते रहे तो पापा मम्मी से बोले आज बच्चे जल्दी सो गए!!!!
चलो! हम फिर से मौका मिला है हम अपना चुदाई का काम कर लेते हैं। आज तसल्ली से करेंगे।
उस दिन रचना को ज्यादा जोश आ रहा था, मम्मी पापा का ध्यान हमसे हटते ही रचना ने अपने चूतड़ मेरी लुल्ली से जोड़ दिए और पीछे सरककर मेरे लिंग पर दबाव बनाने लगी
उधर मम्मी ने अपनी चूत को फैला दिया.पापा ने अपने लंड को मम्मी के चूत के मुहाने पर सटा के ज़ोर से झटका मारा तो मम्मी के मुंह से चीख को सुन के समझ गया की मम्मी के चूत मे पापा का लंड चला गया अब पापा ने मम्मी के चुचियों मे ताकत लगाने के बाद चुचीयों को मसलने के साथ ही मम्मी के चूत मे अपने लंड को अंदर और ज्यादा अंदर ले जाने के लिए ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगे
मम्मी अपने मन और चूत प्यास को बुझा रही थी.
पापा काफी देर तक यूं ही मम्मी के उपर लेते रहे इसके बाद उठ के जब उन्होने मम्मी की चूत से अपने लंड को निकाला तो मम्मी ने आखे खोली और मुस्कुराते हुए अपने चेहरे को ढक लिया तो पापा ने हंसते हुए बोला " अब चेहरा क्या ढकना है." औ उन्होने मम्मी के हाथो को उनके चेहरे से हटते हुए पूछा " मज़ा आया क्या? " तो मम्मी ने सर हिलाते हुए जवाब दिया "हा मज़ा आया."
पापा मम्मी के उपर से हट गये. पापा उठ कर मम्मी के पैरों के बीच में बैठ गये और उनके पैरों को पकड़ कर उनकी टख़नो को चूमने और चूसने लगे.
मम्मी अपनी पैर को खींचना चाह रही थी, लेकिन पापा ने उनको ज़ोर से पकड़ रखा था. पापा ने मम्मी की दोनो टख़नो को बारी-बारी से चूमा और चूसा और इससे मम्मी भी चुपचाप लेती रही.
हम दोनों भाई बहन एक दूसरे से लिपटे हुए सोने की एक्टिंग करते हुए चुपचाप से आधी चुदाई का मज़ा ले रहे थे। मैंने कसकर रचना के पेट पर दवाब डालते हुए अपने पंजों से रचना बहन की नींबू जैसी चूचियां रगड़ रहा था और रचना अपनी फ्राक ऊपर करके अपने नंगे चूतड़ों के बीच में मेरे नंगे लंड को रगड़ रही थी।
पापा उठ कर मम्मी की कमर के पास जा कर बैठ गया फिर पापा ने मम्मी की टाँगों को दबाने लगे. टांगे दबाते दबाते पापा अपना हाथ उपर की तरफ बढ़ा रहे थे. पापा के हाथों के साथ साथ मम्मी की पेटिकोट भी उठ रहा था और पापा ने अपने हाथों से मम्मी की पेटिकोट उनकी घुटने के उपर तक उठा दिया और उनकी टाँगे नंगी हो गयी. मम्मी लेटी हुई तेज तेज सिसकारियां भर रही थी और पापा के लंड पर अपनी गर्दन रगड़ रही थी
पापा धीरे धीरे अपना हाथ मम्मी की जांघों पर फेरने लगे और फिर धीरे से अपने हाथ को उपर की तरफ ले जाने लगे. अब उनका हाथ मम्मी की कमर तक पहुच गया और फिर रुक गया. वो मम्मी की कमर पर प्यार से हाथ फेरने लगे . उनकी कमर को चूमने लगे . अपना हाथ इधर उधर घुमाने के बहाने पापा मम्मी की पेटिकोट के नाड़े तक पहुँच गये. पापा अपने एक हाथ मम्मी की चूत के उपर रख कर पेटिकोट का नारा खींच दिया. नारा खींचते ही मम्मी का पेटिकोट ढीला हो कर कमर पर खुल गया.
पेटिकोट खोलने के बाद पापा अपना हाथ मम्मी की चूंची पर ले गये और उनकी चूंची को पाकर कर धीरे धीरे दबाने लगे. मम्मी पापा के हाथ को हटाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन पापा ने अपना हाथ नही हटाया. पापा मम्मी के बगल मे बैठ कर उनकी चूची से जी भर कर खेलते रहे और फिर बाद मे उनकी ब्रा के हुक खोल दिए और उनकी ब्रा उतार दिया. मम्मी उनको रोकती रही, लेकिन पापा उनकी चूची अपने मूंह मे भर कर चूसने लगे. पापा कुछ देर तक मम्मी की निपल और फिर उनकी चूची को चूस्ते रहे और फिर मम्मी को उल्टा लेटने के लिए कहा. मम्मी उल्टी लेट गयी और पापा उनके नंगी पीठ को सहलाते रहे फिर उनकी ब्रा को उनके शरीर से खींच कर निकल दिया. फिर पापा पीछे से अपना हाथ बढ़ा कर उनकी चूंची को फिर से पकड़ कर मसलने लगे और अपना मूंह नीचे की तरफ ले जाकर उनकी कमर और चूतडों पर चुम्मा लेने लगा.
मम्मी उनको रोक नही पा रही थी. फिर पापा मम्मी के टाँगों से उनकी पेटिकोट खींच कर उतार दिया मम्मी पूरी तरह से नंगी हो गयी और पापा के बगल मे लेट कर मजा लेती रही. पापा भी अपना बनियान और अंडरवेअर उतार फेंका और मम्मी के पैरों को फैला दिया. पापा मम्मी की चूत को अपने हाथों मे ले कर मसलने लगा और उसके अंदर उंगली पेल कर अंदर बाहर करने लगे.
पापा मम्मी की चूत मे तब तक उंगली पेलते रहे जब तक ना चूत से काफ़ी लार नही निकाल दी पापा समझ गये की अब मम्मी अपनी चूत चुदवाने के लिए तैयार है.
पापा अपने आप को मम्मी की खुली हुए जांघों के बीच में पोज़िशन बनाकर अपना लंड उनके चूत पर रख दिया.
पापा अपना कमर हिला कर अपना लंड मम्मी की चूत के अंदर दल दिया. उनका लंड आसानी से मम्मी की चूत के अंदर समा गया और मम्मी भी अपनी कमर उचका कर मेरे पापा के लंड को अपनी चूत की और गहराई मे लेने की कोशिश करने लगी.
पापा ने भी तेज झटकों से मम्मी को चोदना शुरू कर दिया.
इस प्रकार कई बार मम्मी पापा का चुदाई वाला सीन देखकर मैं और रचना गर्म होते रहे और बड़े होने तक आधी चुदाई करते रहे
जब मैं कॉलेज जाने लगा यानि और बड़ा हो गया तब हम आपस में मस्ती करते रहते थे ऐसे ही पता नहीं कब हमने बिल्कुल नंगे होकर सचमुच की चुदाई कर ली पता ही नहीं चला।
हम लोग मियां-बीवी की तरहा ही जब मौका मिलता है चुदाई कर लेते हैं और जीवन का आनंद लेते हैं।
बाद में जब मेरी और रचना की शादी हो जाएगी तब हम अपने-अपने जीवन साथी के साथ होते हुए भी आपस में कोशिश करके मजे लेते रहेंगे यह हमारी इच्छा है
मां दिनेश की कहानी सुनकर खुश हुई और पूछने लगी कि कभी मां को चोदने की इच्छा नहीं हुई
दिनेश का जवाब अगले अपडेट में...
Very hot updateमां ने बातें करते करते दिनेश से पूछा कि पहली बार उसने रचना को कब और कैसे रगड़ा था तब दिनेश ने बताया कि शुरू में पहले उसके पापा को दो कमरों का क्वार्टर मिला हुआ था जिसमें 1 में मम्मी पापा और एक में यह दोनों भाई-बहन सोते थे
एक बार इनके घर में चाचा चाची और उनके बच्चे 1 महीने के लिए रहने आए तो एक कमरे में चाचा चाची का परिवार और एक में दिनेश का परिवार सोने लगे
मम्मी पापा एक दो दिन तक तो ठीक रहे पर अपनी चुदास को कब तक काबू में रखते माँ की जवानी में अपने लोडे पर कब तक काबू रखते तब 1 दिन जब यह चारों बिस्तर पर सो रहे थे तो मम्मी पापा अपने संभोग की इच्छा को ज्यादा दबा नहीं पाए और बच्चों को सोता हुआ जानकर मस्ती करने लगे
आगे का किस्सा दिनेश की जुबानी
एक रात जब मेरी नींद खुली तो मैने देखा की पापा मां को किस कर रहे हैं. मैं चुपचाप देखने लगा, किस करते-करते पापा ने मम्मी की साड़ी उतार दी माँ ने भी कमर ऊपर करके साड़ी को अलग करने मैं पापा की मदद की फिर पापा माँ की कमर को किस करने लगे. उनकी नाभि मे उंगली घुसा रहे थे. अब एक-एक करके पापा ने मम्मी का ब्लाउस के सारे बटन खोल दिए और ब्रा ऊपर करके माँ के मुम्मे चूमने चाटने लगे. अब उन्होने मम्मी का पेटिकोट कमर तक चढ़ा दिया. फिर वो मम्मी के दाहिने चुचे को धीरे धीरे दबाने लगे. पापा बोले की आज बहुत दिन बाद मौका मिल है मैं तुम्हारी चुत को चाट कर तुम्हरी गरमा गरम इच्छा पूरा करना चाहता हू. इस तरह से कहते हुए पापा मम्मी के दोनों मम्मे दबाने लगे साथ ही में पापा ने अब मम्मी के दोनो होंठों को अपने होंठों से दबा रखा था. इसके बाद पापा ने मम्मी के कंधे के पास से बाल को हटते हुए अपने होंठो को मम्मी के कंधे और गर्दन के बीच धीरे धीरे रगड़ने लगे और मम्मी के चुचि को धीरे धीरे दबाने के साथ ही दूसरे हाथ से मम्मी के चूत को सहलाने लगे. जैसे ही पापा ने मम्मी के चूत को सहलाना सुरू किया तो मम्मी अपने आपको रोक नही पाई और बोली ये क्या कर रहे है दिनेश साथ में सो रहा है
पापा बोले तो क्या हुआ उसे क्या पता की ये क्या होता है. उससे बोल देंगे की हम एक खेल, खेल रहे है. पापा मम्मी के जाँघ को थोड़ा सा फैलाया क्योकि उस वक़्त तक मम्मी के दोनो जाँघे बिल्कुल ही सटी हुई थी . अब मम्मी की चूत पूरी तरह से दिख रही थी. पापा ने पास की बोतल से सरसो के तेल को निकाला और मम्मी के चूत पर लगाते हुए जब मम्मी के चूत को सहलाने लगे तो मम्मी ने पापा के लंड को उनके लूँगी से निकल दिया जो की बहुत लंबा था तो मम्मी ने भी अपने हाथो मे तेल ले के उनके लंड मे तेल लगाने लगी. तेल लगाने के बाद उसे हाथ में लेकर मम्मी ऊपर से नीचे तक सहलाने लगी. मम्मी और पापा लगभग बहुत देर तक यू ही अपने हाथों से एक दूसरे के लंड और चुत को सहलाते रहे
मम्मी पापा का यह तमाशा देखते देखते मेरी छोटी सी लुल्ली तनकर आइसक्रीम की डंडी जैसे बन गई थी मेरे साथ ही रचना फ्राक और कच्छी पहन कर लेटी हुई थी और मैं कच्छी बनियान में था
मम्मी पापा को और से करीब से देखने के लिए जैसे ही मैं थोड़ा सा आगे हुआ तो मेरी नोनी रचना के चूतड़ में दबने लगी पहले तो मैंने ध्यान नहीं दिया पर थोड़ी देर में मुझे मजा आने लगा तो मैंने हाथ आगे बढ़ाकर रचना के पेट पर रख दिया मेरे हाथों और कमर के दवाब बढ़ने से रचना की नींद खुली, वह कसमसाने लगी थी कि मैंने उसके मुंह पर हाथ रख करो चुप करा दिया , रचना बेबी कुछ देर अधखुली आंखों से मम्मी पापा को देखती रही फिर उसे भी मज़ा आने लगा
हमारे देखते ही देखते पापा, मम्मी के जाँघ पर बैठ गये और मम्मी के चूत पर अपने लंड को जैसे ही सटाया तो मम्मी ने अपने दोनो हाथों से चूत को फैला दिया. पापा ने मम्मी के चूत मे अपने लंबे लंड को ले जाने के लिए अपने कमर को धीरे धीरे सरकाना सुरू किया तो मम्मी ने अपने साँसे खिचनी शुरू कर दिया. पापा ने मम्मी के चूत मे अपने लंड के सुपाडे को डाल दिया. अब पापा मम्मी के उपर लेट गये और अपने कमर को हिलाने लगे अब मम्मी के मूंह से आआअहह आआआअहह आआआअहह ऊऊओह आआआहह उउउम्म्म्ममममम उउउंम्म की आवाज़ निकालने लगी. कभी कभी पापा ज़ोर ज़ोर के झटके लगते तो मम्मी पूरी तरह से हिल जाती थी. मम्मी ने अब अपने हाथो को पापा के पीठ पर कस लिया था और पापा के पीठ को सहला रही थी.
साथ ही साथ पापा मम्मी के गालो को चूमने लगे और अपने दोनो हाथो से मम्मी के दोनो चुचीयों को दबाने लगे तो मम्मी भी मस्ती मे आआअहह आआआअहह आआआअहह ऊऊओह आआआहह आआअहह आआआअहह आआआअहह ऊऊओह आआआहह उउउम्म्म्ममममम उउउंम्म की अजीब ही आवाज़ निकल रही थी. कुछ देर मे पापा ने और जोर से अपने लंड को मम्मी के चूत मे डाल दिया अब पापा ने मम्मी के पैरो को मोड़ लिया और मम्मी के जाँघो को फैलते हुए अपने आपको मम्मी के दोनो पैरो के बीच में और जोर फिर से धक्के मारने लगे ओर ममी को बूरी तरह से पेलने लगे तो मम्मी अपने गर्दन को उठा उठा के आहे भरना सुरू करे दिया.
पापा ने मम्मी से पुछा "दर्द कर रहा है क्या?"
मम्मी से एक अजीब आवाज़ मे कहराते हुए जवाब दिया " नहीं मजा आ रहा है यीईईईईईईईईईईईई आआअहह ओह".
जब मम्मी पापा अपने धक्कों में व्यस्त हो गए तो मैंने भी अपनी कमर को जोर जोर से हिला कर रचना के नितंबों पर धक्के मारने लगा और अपने हाथ से रचना की नंगी जांघों पर फिराकर, मिलकर हम दोनों भाई बहन इसका मजा ले रहे थे
अब पापा ने एक तरफ अपने कमर से जोरदार झटका मारा और दूसरी तरफ उन्होने मम्मी के चुचे को बेरहमी से दबा दिया. मैने मम्मी के मूंह से ज़ोर की चीख के साथ मम्मी के पैर को पटकते हुए देख के समझ गया की पापा ने ना सिर्फ़ मम्मी के मम्मों को दबाया है बल्कि उन्होने मम्मी के चूत को भी अंदर तक रगड़ दिया था. अब पापा अपने कमर के स्पीड को बढ़ा दिया और कुछ ही देर मे उनका पूरा लंड मम्मी के चूत आगे पीछे हो रहा था.
कुछ देर तक यूंही छटपटाने के बाद मम्मी ने अब पापा का पूरा साथ देना शुरू कर दिया.
पापा मम्मी के होंठों को अपने होठों मे दबा लिया और अपने लॅंड को मम्मी की चूत मे ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर- अंदर बाहर करने लगे..तब जाके दोनो शांत पड़े और वैसे ही नंगे ही सो गये.
मम्मी पापा के शांत होने के बाद हम भाई बहन दोनों सोने की एक्टिंग करते करते पता नहीं कब सो गए
सुबह उठकर रूटीन में मम्मी पापा ऑफिस गए और चाचा चाची कहीं बाहर चले गए
घर में हम चारों भाई बहन ही रह गए थे।
हम सब १८ साल से बड़े थे पर बच्चों की तरह बातें कर रहे थे।
अकेले में रचना मुझसे पूछ रही थी भाई रात को मम्मी पापा के बीच में क्या हो रहा था।
चल भाई हम दोबारा से आपस में वही खेल खेलते हैं रात में जो तुमने मेरे साथ खेल किया मूझे बहुत अच्छा लग रहा था।
मुझे भी बहुत ज्यादा तो नहीं पता था पर जितना जानता था उससे कहा कि मम्मी पापा बड़ों वाला खेल कर रहे थे
रचना बोली कौन सा खेल होता है तो मैंने कहा कि यह शादीशुदा आदमी और औरत का खेल होता है इसी खेल के लिए मम्मी पापा शादी करते हैं और इसी खेल के कारण बच्चे पैदा होते हैं
इस बात से रचना डर कर बोली तो तूने मेरे साथ जो खेल खेला उससे हमारे भी बच्चे हो जाएंगे क्या?
तो मैंने कहा नहीं हमने कोई इतनी जोर से थोड़े ना किया था ।
इस बात से रचना थोड़ी संतुष्ट हो गई पर रात वाले हमारे बीच हुए आधे अधूरे खेल से उसका मन नहीं भरा था इसलिए रचना बोली चल भाई हम फिर घर-घर खेलते हैं तो इसमें हमने अपने चचेरे भाई बहन को भी शामिल कर लिया ।
खेल में मैं पापा, रचना मम्मी और हमारे छोटे चचेरे भाई-बहन बच्चे बन गए और वैसे ही हमने घर-घर खेलते हुए ऊपर ऊपर से ही खूब सारे झटके मार कर चुदाई का नकली खेल खेल लिया
चचेरे भाई बहन ने भी जानकारी देते हुए बताया कि उनके मम्मी पापा भी यह खेल खेलते हैं और कई बार उन्होंने भी देखा है तो घर खेल के दूसरे भाग मे चचेरे भाई मम्मी पापा बने और हम बच्चे!
इस तरह से कई दिन तक हम बड़े युवा बच्चे बनकर आपस में घर-घर खेलते रहे
अगली रात को, रचना, मम्मी-पापा की ब्लू फिल्म देखने के लिए मुझसे ज्यादा उत्साहित थी और कमरे में जाते ही जल्दी सोने की एक्टिंग करने लगी। मैं भी आंखें बंद कर मचल मार कर लेट गया हमारे लेटने के 15 मिनट बाद मम्मी ने चेक करने के लिए हम दोनों को आवाज दी और हल्का सा हिलाया पर हम सोने की एक्टिंग करते रहे तो पापा मम्मी से बोले आज बच्चे जल्दी सो गए!!!!
चलो! हम फिर से मौका मिला है हम अपना चुदाई का काम कर लेते हैं। आज तसल्ली से करेंगे।
उस दिन रचना को ज्यादा जोश आ रहा था, मम्मी पापा का ध्यान हमसे हटते ही रचना ने अपने चूतड़ मेरी लुल्ली से जोड़ दिए और पीछे सरककर मेरे लिंग पर दबाव बनाने लगी
उधर मम्मी ने अपनी चूत को फैला दिया.पापा ने अपने लंड को मम्मी के चूत के मुहाने पर सटा के ज़ोर से झटका मारा तो मम्मी के मुंह से चीख को सुन के समझ गया की मम्मी के चूत मे पापा का लंड चला गया अब पापा ने मम्मी के चुचियों मे ताकत लगाने के बाद चुचीयों को मसलने के साथ ही मम्मी के चूत मे अपने लंड को अंदर और ज्यादा अंदर ले जाने के लिए ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगे
मम्मी अपने मन और चूत प्यास को बुझा रही थी.
पापा काफी देर तक यूं ही मम्मी के उपर लेते रहे इसके बाद उठ के जब उन्होने मम्मी की चूत से अपने लंड को निकाला तो मम्मी ने आखे खोली और मुस्कुराते हुए अपने चेहरे को ढक लिया तो पापा ने हंसते हुए बोला " अब चेहरा क्या ढकना है." औ उन्होने मम्मी के हाथो को उनके चेहरे से हटते हुए पूछा " मज़ा आया क्या? " तो मम्मी ने सर हिलाते हुए जवाब दिया "हा मज़ा आया."
पापा मम्मी के उपर से हट गये. पापा उठ कर मम्मी के पैरों के बीच में बैठ गये और उनके पैरों को पकड़ कर उनकी टख़नो को चूमने और चूसने लगे.
मम्मी अपनी पैर को खींचना चाह रही थी, लेकिन पापा ने उनको ज़ोर से पकड़ रखा था. पापा ने मम्मी की दोनो टख़नो को बारी-बारी से चूमा और चूसा और इससे मम्मी भी चुपचाप लेती रही.
हम दोनों भाई बहन एक दूसरे से लिपटे हुए सोने की एक्टिंग करते हुए चुपचाप से आधी चुदाई का मज़ा ले रहे थे। मैंने कसकर रचना के पेट पर दवाब डालते हुए अपने पंजों से रचना बहन की नींबू जैसी चूचियां रगड़ रहा था और रचना अपनी फ्राक ऊपर करके अपने नंगे चूतड़ों के बीच में मेरे नंगे लंड को रगड़ रही थी।
पापा उठ कर मम्मी की कमर के पास जा कर बैठ गया फिर पापा ने मम्मी की टाँगों को दबाने लगे. टांगे दबाते दबाते पापा अपना हाथ उपर की तरफ बढ़ा रहे थे. पापा के हाथों के साथ साथ मम्मी की पेटिकोट भी उठ रहा था और पापा ने अपने हाथों से मम्मी की पेटिकोट उनकी घुटने के उपर तक उठा दिया और उनकी टाँगे नंगी हो गयी. मम्मी लेटी हुई तेज तेज सिसकारियां भर रही थी और पापा के लंड पर अपनी गर्दन रगड़ रही थी
पापा धीरे धीरे अपना हाथ मम्मी की जांघों पर फेरने लगे और फिर धीरे से अपने हाथ को उपर की तरफ ले जाने लगे. अब उनका हाथ मम्मी की कमर तक पहुच गया और फिर रुक गया. वो मम्मी की कमर पर प्यार से हाथ फेरने लगे . उनकी कमर को चूमने लगे . अपना हाथ इधर उधर घुमाने के बहाने पापा मम्मी की पेटिकोट के नाड़े तक पहुँच गये. पापा अपने एक हाथ मम्मी की चूत के उपर रख कर पेटिकोट का नारा खींच दिया. नारा खींचते ही मम्मी का पेटिकोट ढीला हो कर कमर पर खुल गया.
पेटिकोट खोलने के बाद पापा अपना हाथ मम्मी की चूंची पर ले गये और उनकी चूंची को पाकर कर धीरे धीरे दबाने लगे. मम्मी पापा के हाथ को हटाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन पापा ने अपना हाथ नही हटाया. पापा मम्मी के बगल मे बैठ कर उनकी चूची से जी भर कर खेलते रहे और फिर बाद मे उनकी ब्रा के हुक खोल दिए और उनकी ब्रा उतार दिया. मम्मी उनको रोकती रही, लेकिन पापा उनकी चूची अपने मूंह मे भर कर चूसने लगे. पापा कुछ देर तक मम्मी की निपल और फिर उनकी चूची को चूस्ते रहे और फिर मम्मी को उल्टा लेटने के लिए कहा. मम्मी उल्टी लेट गयी और पापा उनके नंगी पीठ को सहलाते रहे फिर उनकी ब्रा को उनके शरीर से खींच कर निकल दिया. फिर पापा पीछे से अपना हाथ बढ़ा कर उनकी चूंची को फिर से पकड़ कर मसलने लगे और अपना मूंह नीचे की तरफ ले जाकर उनकी कमर और चूतडों पर चुम्मा लेने लगा.
मम्मी उनको रोक नही पा रही थी. फिर पापा मम्मी के टाँगों से उनकी पेटिकोट खींच कर उतार दिया मम्मी पूरी तरह से नंगी हो गयी और पापा के बगल मे लेट कर मजा लेती रही. पापा भी अपना बनियान और अंडरवेअर उतार फेंका और मम्मी के पैरों को फैला दिया. पापा मम्मी की चूत को अपने हाथों मे ले कर मसलने लगा और उसके अंदर उंगली पेल कर अंदर बाहर करने लगे.
पापा मम्मी की चूत मे तब तक उंगली पेलते रहे जब तक ना चूत से काफ़ी लार नही निकाल दी पापा समझ गये की अब मम्मी अपनी चूत चुदवाने के लिए तैयार है.
पापा अपने आप को मम्मी की खुली हुए जांघों के बीच में पोज़िशन बनाकर अपना लंड उनके चूत पर रख दिया.
पापा अपना कमर हिला कर अपना लंड मम्मी की चूत के अंदर दल दिया. उनका लंड आसानी से मम्मी की चूत के अंदर समा गया और मम्मी भी अपनी कमर उचका कर मेरे पापा के लंड को अपनी चूत की और गहराई मे लेने की कोशिश करने लगी.
पापा ने भी तेज झटकों से मम्मी को चोदना शुरू कर दिया.
इस प्रकार कई बार मम्मी पापा का चुदाई वाला सीन देखकर मैं और रचना गर्म होते रहे और बड़े होने तक आधी चुदाई करते रहे
जब मैं कॉलेज जाने लगा यानि और बड़ा हो गया तब हम आपस में मस्ती करते रहते थे ऐसे ही पता नहीं कब हमने बिल्कुल नंगे होकर सचमुच की चुदाई कर ली पता ही नहीं चला।
हम लोग मियां-बीवी की तरहा ही जब मौका मिलता है चुदाई कर लेते हैं और जीवन का आनंद लेते हैं।
बाद में जब मेरी और रचना की शादी हो जाएगी तब हम अपने-अपने जीवन साथी के साथ होते हुए भी आपस में कोशिश करके मजे लेते रहेंगे यह हमारी इच्छा है
मां दिनेश की कहानी सुनकर खुश हुई और पूछने लगी कि कभी मां को चोदने की इच्छा नहीं हुई
दिनेश का जवाब अगले अपडेट में...