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सास हम लोगों को दो तीन बार टोंक चुकी थी अरे दो बज गए हैं , खाना वाना खा लो , ...
लेकिन होली ख़तम होने के पहले मैंने और कम्मो ने आँखों में तय किया
और
उसके खूंटे को मैं और कम्मो मिल के मुठिया रहे थे आठ दस कोट रंग पेण्ट तो लग ही चुके थे उसके ऊपर ,
जेठानी जी दूर खड़ी देख रही थी , बस मैं जा के उन्हे घसीट लायी , ..
और उनका था भी जबरन मैंने और कम्मो ने उनके देवर के खूँटे पर , तीनो भाभियाँ
अपने देवर के लंड का स्पर्श सुख खुल्लम खुल्ला ले रही थी , ...
हलके से मैंने और कम्मो ने हाथ हटा लिया ,
और जेठानी जो इतना झिझक रही थीं और उनसे ज्यादा उनका देवर उनके ब्लाउज में हाथ डालने से घबड़ा रहा था
अब अकेले अपने रंगे पुते हाथ से देवर का खूंटा आँगन में पूरी ताकत से मुठिया रही थी
चार पांच मिनट बाद जब एक बार फिर हमारी सास ने हड़काया , अरे खाना तो खा लो तुम सब ,
होली में ब्रेक हुआ
हाँ खाने में गारियाँ न हो , जब देवर हो तीन तीन भाभियाँ हो
और उस के कुछ देर के ब्रेक के बाद वो जाने की जिद्द करने लगा , उसकी चार बजे से कोचिंग थी , तीन घंटे की और साढ़े तीन बज रहे थे ,...
" तो जाओ न , कोचिंग में तो जरूर जाना चाहिए "
मैंने आँखे नचाकर मुस्कराते हुए बोलै ,
" पर कैसे ? " वो अब सीधे मुझे बोल रहा था।
" सिम्पल जैसे आये थे , बाइक से "
मैंने फिर उसी तरह उसे छेड़ते हुए जवाब दिया ,
" पर कैसे , मतलब , ... मेरी शर्ट ,... "
वो अपनी ओर देखते बोला , वो अभी भी टॉप लेस था , बनयायिन तो खैर चिथड़े चिथड़े हो गयी थी और शर्ट मेरे कब्जे में थी।
" ऐसा करते हैं न जैसे कल भेजा था , वैसे पूरा सिंगार कर के भेज देते हैं , कोचिंग के लौंडों के बीच मशहूर हो जाओगे "
अबकी कम्मो बोली
और मेरे देवर की फट गयी , जोर से , उसके मायके तक सुनाई पड़ा , ...
" नहीं नहीं , वैसे नहीं , ... "
कल तो हम लोगों ने बाकायदा साडी ब्लाउज , ब्लाउज के अंदर मेरी ब्रा और उसके अंदर कम्मो ने दो रंग भरे गुब्बारे भी भर दिए थे ,एकदम ३४ सी लग रहा था , पायल बिछुए , मैंने कोहनी तक लाल हरी चूड़ियां पहनाई थीं , लाल लिपस्टिक भी काजल , ... पूरे एक घंटे लगे थे सोलह सिंगार में और अब आज उतना टाइम भी नहीं था , सिर्फ २६ मिनट बचे थे बेचारे की कोचिंग शुरू होने में ,
" शर्ट तो , उसे बेचकर हम लोगों ने कटोरी ले ली वो अब मिल नहीं सकती "
मैंने फिर मामला साफ़ किया।
" अरे कटोरी भी कहाँ , बरतन वाला उस पुरानी धुरानी शर्ट के बदलें में ,... चम्मच भी नहीं देगा "
अब जेठानी मैदान में आ गयीं।
और कम्मो तो कम्मो थी , बोली
" मार शर्ट शर्ट कर रहे हो , अरे अइसन शर्ट की तो , ..अरे हमारी ननद हैं एक गुड्डी नाम है , तोहरे मोहल्ले में ही रहती हैं ,
जब कहो तब , उसे मॉल में कपडे की दूकान पर बैठा देंगे , चाहे जेतनी शर्ट , अइसन शर्ट तो एक चुम्मा देने के बदले में , और जहाँ टांग उठाय देही हमार ननदिया , पूरी दूकान तोहार , ... "
बस तय ये हुआ की शर्ट तो उनकी बड़की भाभी ढूंढ ढांढ़ कर के ले आएँगी , पर बदले में सगुन के लिए मैं बस थोड़ा सा , गुलाल , सूखी होली के बिना बिदाई हो तो ठीक नहीं लगता न ,
और मैंने देवर जी को शीशे के सामने बैठा दिया ,
और मेरा साथ देने के लिए भौजी नंबर वन थीं न मेरे साथ , कम्मो
देवर की हिम्मत थी जो ज़रा भी हिलते ,
" ये बाल देखों न कैसे हूश से बना रखे हैं ऐसे कोचिंग में जाओगे , हम लोगों की नाक कटाओगे ,... "
मैंने उसे हड़काया और कम्मो ने भी तुक मिलाई ,
" सही है , ... अब एक तोहार बहिन , गुड्डो छिनार तो नाक कटवा ही दी हैं और अब तुम भी "
मैंने पहले थोड़ा तेल , फिर बाल काढ़ना शुरु किया और मांग , एकदम दुल्हन की तरह सीधी मांग , खूब चौड़ी सी , ... और उसमें गुलाल नहीं , अपनी सिन्दूर की डिबिया से निकाल कर चुटकी भर नहीं , भरपूर सिंदूर भरा
और असीसा भी ,
" सदा सुहागन रहो , जल्दी गोद भरे , ... "
कम्मो क्यों छोड़ती , कल चेहरे का सिंगार मैंने किया था आज वो काम पर लगी गयी , बड़ी सी बिंदी माथे पर , काजल आँखों में , ...
बेचारा वो उसकी आँखे घड़ी पर लगी थी , कैसे हम दोनों से , .. और कान अपनी बड़की भौजी के पैरों की आवाज पर , ... कब उसकी शर्ट ले कर वो आएं कर उसे जाने को मिले ,
बार यही कहता
" भाभी आज की कोचिंग बड़ी इम्प्पार्टेन्ट है , इम्पोर्टेन्ट क्वेश्चन कराएंगे सर , और सर पांच मिनट से ज्यादा लेट होने पर क्लास में घुसने नहीं देते , ... पांच मिनट पहुंचने में लगेंगे "
और जब जेठानी आयीं उसकी शर्ट लेकर तो उसकी जान में जान आयी , अभी भी सात मिनट बचे थे चार बजने में ,
पर देवर बाबू को क्या मालूम की अभी चार आने का खेल बाकी था।
कम्मो बोली , इस शर्ट पर लाल रंग अच्छा लगेगा न , ...
मैंने उसकी हाँ में हाँ मिलाई , हाँ एकदम और साथ में गाढ़ा
नीला , ... क्यों कैसा रहेगा रहेगा सफ़ेद शर्ट पर गाढ़े लाल और नीले का कॉम्बिनेशन , ... "
मैंने जेठानी जी की राय मांगी पर जैसे कुछ लोगों की आदत होती हैं न उन की राय मांगो न मांगो , उन से कोई मतलब हो न लेकिन बोलेंगे जरूर ,
और बस मेरी छिनार देवर के ननद ने बोल दिया ,
" नहीं भाभी नहीं प्लीज , इस शर्ट पर रंग नहीं , एक तो कोचिंग में , फिर मेरी और कोई दूसरी , ... "
पर मेरी जेठानी आज लगता है जोबन मर्दन करवा के अपने इस देवर की कुछ ज्यादा ही तरफ़दार हो गयीं थीं, उसकी तरफदारी करती मुझसे बोलीं ,
" अरे छोड़ न , सही तो कह रहा है ये सीधे कोचिंग जाएगा , रास्ते में ,... कहीं घर जा के बदलने का टाइम भी तो नहीं है। "
और साथ में अपने देवर को एक नयी परेशानी बतायी ,
" सुन तेरी इस शर्ट की ज्यादातर बटने तो टूट गयी हैं , ऐसा कर अब बटन टांकने का टाइम तो है नहीं , मैं ऐसे सिल देती हूँ , खुलेगी नहीं , ... घर जाके गुड्डी से खुलवा लेना , ... देख इसके अंदर बनयाईन भी नहीं पहनी है तूने तो शर्ट खुल जायेगी अच्छी थोड़ी लगेगी ,"
" चलिए बनयान नहीं तो , मेरी ब्रा पहनईयेगा , अरे लाने नहीं जा रही , अभी जो पहनी हूँ वही खोल के दे देती हूँ , ... "
मैंने बड़े भोलेपन से एक आसान बिना खर्च वाला हल बताया
मैंने कहा था न अनुज के साथ , तीन चार बार , ... तो आप पूछेंगे ही बाकी का , ...
और अब मुझे भी देवरों के साथ होली का मज़ा आने लगा था , ...
चलिए होली में मैं नहीं रहने वाली थी लेकिन मेरा ये देवर तो मुझसे भी पहले ,
मैं होली के तीन दिन पहले इनकी ससुराल जा रही थी , इनके साथ , और अनुज मुझसे भी चार दिन पहले , होली के पूरे एक हफ्ते पहले जा रहा था , बनारस ,
वही पर उस का सेंटर था होली के दो दिन बाद ही एक्जाम था , जे इ इ का , इंजीयरिंग का एंट्रेंस टेस्ट , और उसके पहले चार पांच दिन की इंटेसिव कोचिंग , ... लेकिन उसकी होली सूखी नहीं रहने वाली थी , ये बात मुझे मालूम थी
सफ़ेद रंग वाली होली , जिस उम्र में होनी चाहिए , . एकदम वही , ...
मैंने बताया था मेरी जेठानी की भाभी बनारस में रहती थीं , सिगरा के पास में , ...
अरे वही जिनकी बेटी , गुड्डो मेरी शादी में आयी थी , ... खूब मस्त , हाईस्कूल में पढ़ती है , ... और अनुज बाबू की नथ जिसके साथ उतरी थी , मेरी शादी में ,...
बस मैंने अनुज को नहीं बतया लेकिन जेठानी के पास अर्जी लगा दी ,
" ये अनुज भैया बनारस में कही होटल वोटल में कोचिंग के लिए , कहीं पेट वेट खराब हो जाये , ... एक्जाम का टाइम , साल भर की मेहनत ,... वो सिगरा वाली भाभी , गुड्डो के यहाँ ,... "
अब जेठानी की जी चमकी , ...
" हाँ यार तू सही कह रही है , ... मैं भी न घर का लड़का , ... और क्या , और वो क्यों मना करेंगी , ... अरे तेरी शादी में नहीं आ पायी थीं क्यंकि उनकी छोटी बहन की शादी थी , ... ओर गुड्डो तो आयी और कितना काम सम्हाला उस लड़की ने ,... " जेठानी जी बोली और अपनी देवरानी को यानी मुझे काम पकड़ा दिया , उनकी भाभी को फोन लगाने का
" तुझसे भी तो उनकी पक्की दोस्ती हैं , लगा दे न गुड्डो की मम्मी को , मैं बतिया लूंगी ,... "
जेठानी की भाभी तो मेरी भी भाभी , और ननद भाभी में अगर सीधे सीधे बात हो जाए तो ननद भाभी का रिश्ता झूठा ,...और फिर मजाक के मामले में वो कम्मो के लेवल पर थीं नो डबल मीनिंग , सीधे सीधे , ... साफ़ साफ़ , अपनी राष्ट्रभाषा में,
लेकिन फोन लगाने के साथ आज पहला स्ट्रोक मैंने मारा ,
" भाभी , होली में आपके लिए आपकी ननदों की ओर से एक ख़ास गिफ्ट , ... सोचिये क्या हो सकती है ,..."
और जब तक वो कुछ सोचें सोचें , मैंने छक्का मार दिया
" अपना देवर भेज रहे हैं हम दोनों , ...एकदम कच्चा केला ( जैसे लड़के कुँवारी नयी जवान लड़कियों की कच्ची कली कहते हैं , हम लोग उसी उमर के जिनकी रेख आ रही हो , लड़कों को कच्चा केला कहते हैं ) अभी बारहवें में , होली में ऐसा माल , वो भी रिश्ता देवर का , ... "
हम लोगों की गप्प बाजी देर तक चलती लेकिन जेठानी ने फोन उठा लिया और पूरा मामला साफ कर दिया , ... उनकी भाभी ने एक लाइन में फैसला सुना दिया ,
" कह देना उस चिकने से , कहीं और बनारस में इस बार नहीं कभी भी रुकने के बारे में सोचा न तो उसकी गाँड़ मार लुंगी ,... "
मेरी जेठानी फोन रखती उसके पहले मैंने उनके हाथ से फोन छीन लिया और उनकी भाभी से बोली ,
" भाभी , होली में देवर बनारस में आये और बिना गाँड़ मरवाये चले आये , ये तो हो नहीं सकता , लेकिन मैं आपसे ये कह रही थी , अरे उससे सफेद रंग वाली होली जरूर खेलिएगा , "
" ये तेरे कहने की बात है , देवर की होली तो बिना उसके पूरी नहीं होती " हँसते हुए कह के उन्होंने फोन रख दिया , ...
और यही बात कम्मो ने भी मुझसे कही थी , अनुज से होली के बारे में जब हम तीनों ,
मैंने ,जेठानी जी और कम्मो ने मिल के उसकी खूब रगड़ाई की थी और उसकी पीठ पर गुड्डो की रेट लिस्ट चिपका दी थी ,
बोली , आज देवर की रगड़ाई तो मजा तो बहुत आया , बकी , ...
" बकी क्या , क्या बाकी रह गया , "मुस्कराते हुए मैंने कम्मो से पूछा
सफ़ेद रंग वाली होली ,
हँसते हुए कम्मो बोली ,
लेकिन मेरे मायके जाने के दो दिन पहले ,
कम्मो ने बताया अनुज के साथ वो होली भी उसने खेल ली थी ,