Nehavirmani
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Bhabhi ji aap bahut kharab h. Ye padhne ke bad mujhe b ab mera bhai sexy dikhne laga h. Aise karwaiyega ab. Love you meri bhabhi jaanमेरा सांड़
और जब वो अपने छोटे छोटे चूतड़ खुद उछालने लगी तो ये समझ गए , धक्के फिर शुरू हो गए लेकिन हलके हलके
दो चार धक्के ये मारते तो एक दो बार वो नीचे से अपने चूतड़ उछालती और ये मस्ती में उसके मटर के नए आये दाने के बराबर निप्स चूसने लगते
और वो खुद इन्हे खींच कर इशारे करती और धक्कों का जोर बढ़ जाता,
थोड़ी देर बाद वो फिर झड़ने लगी ,
लेकिन मेरा सांड़ इतनी जल्दी पानी छोड़ने वाला नहीं था ,
तीसरी बार जब मेरी ननदिया झड़ी दस पंद्रह मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद तो ये भी साथ साथ , लेकिन लंड पूरी तरह अंदर धंसा , ये पूरी तरह उसके ऊपर लेटे
और चार पांच मिनट तक भैया और छुटकी बहिनिया , एक दूसरे से चिपके,
और जब ये अलग हुए तो मैंने घडी की ओर देखा आधे घंटे से भी ज्यादा,
ननद रानी की जांघों के बीच गाढ़ी थक्केदार मलाई भरी पड़ी थी, बहकर, रिसकर जाँघों पर भी आ रही थी।
और रात की अभी ये शुरुआत थी।
…..
आधे घण्टे की तूफानी चुदाई के बाद वो थोड़े थके पड़े थे, पर चुपके चुपके अपने माल को, छुटकी बहिनिया को टुकुर टुकुर देख रहे थे. ननद रानी ने अपने भैया को चोरी चोरी ललचाते देखा तो एक पल के लिए वो भी लाल गुलाल हो गयी,पर अगले ही पल बढ़ के उसने अपने भैया को चूम लिया और उनके सीने में अपना सर छुपा लिया।
वो भले आराम करें, पर हम दोनों भौजाइयां अपनी ननद को आराम नहीं करने देने वाले थे.
पहला हाथ कम्मो ने मारा ननद रानी की बिल से अभी भी बूँद बूँद रिसती गाढ़ी मलाई पर और अपनी हथेली से दरेररते चिढ़ाया,
" हे ननद रानी, इतना बढ़िया गाढ़ी मलाई कहाँ से मिलल?"
ननद रानी एक मिनट के लिए हिचकीं, अपने भैया को देख के शरमाई पर कम्मो ऐसी भौजाई के रहते कौन ननद शरमा के बच सकती थी।
कम्मो ने तुरंत वार्निंग दे दी ,
" अरे अब तो मलाई घोंट के बिलिया गील हो गईल है, बोला नहीं तो आपन मुट्ठी डार देब पूरी "
शरमाते लजाते गुड्डी रानी ने कबूला, " मेरे भैया की है। "
पर कम्मो ने कस के उस शोख कमसिन कच्ची कली के निपल उमेठने शुरू किये,
और उस एलवल वाली ने जब तक जोर जोर से अपने भैया को सुनाते हुए बोल न दिया, मेरे भैया के लंड की मलाई है , तब तक नहीं छोड़ा।
मैं भी अपनी ननद के बगल में बैठी थी. मैंने दो उँगलियों से उसकी गोरी गोरी मांसल जांघों पर जम रही थक्केदार रबड़ी मलाई को समेटा, फिर उसके प्रेमद्वार पर लगी मलाई को भी दोनों उँगलियों में लपेटा, दूसरे हाथ से ननद रानी के गाल दबाकर मुंह खुलवाया और सीधे वो नीचे वाले मुंह की रबड़ी मलाई, ऊपर वाले मुंह में,
" अरे नीचे वाले मुंह ने स्वाद ले लिया तो ज़रा ऊपर वाले मुंह से भी स्वाद ले के बता न कैसी है तेरी भैया की रबड़ी मलाई। "
वो नदीदी, शैतान, मेरी उँगलियों को चूस चूस के खूब रस ले ले के, और एक बूँद जो उसके होंठों पर लिथड़ गयी थी, जीभ निकाल के उसे भी चाट लिया, जैसे कह रही हो , भाभी मेरे प्यारे प्यारे भैया की है, मैं क्यों एक भी बूँद बर्बाद होने दूँ,
मेरी उँगलियाँ ऊपर वाले मुंह में तो तो दूसरी भौजी, कम्मो भौजी की दो उँगलियाँ नीचे वाले मुंह में और करोच करोच के वो सारी मलाई निकाल रही थीं ,
और वो सब ननद रानी के छोटे छोटे जोबन पर और साथ में भौजी का आशीर्वाद,
" अरे भैया क मलाई लगने से दिन दूना रात चौगुना ये जोबन बढ़ेंगे। "
मेरी ननद के जोबना सच में एकदम मस्त थे , टेनिस बॉल की साइज के, गोल गोल और खूब कड़े, अकड़े,... पहली बार तो कोई दबाने वाला मिला था,
जो कहते हैं न चूँचिया उठान, एकदम वही, उभरते हुए जोबन,
और उस पर जिस तरह से दूध फेन की तरह कम्मो भौजी ने मेरे मरद की मलाई मेरी टीनेजर ननदी के आ रहे जोबन पर लपेटी थी,... एकदम मस्त लग रही थी,
निपल पर लगी मलाई को मैंने एक ऊँगली में लपेटा और सीधे एक बार फिर से ननद के मुंह में और छेड़ा,
" हे अभी टेस्ट कर ले, बाद में जब मेरे भाइयों की चखोगी तो पूछूँगी, किसका ज्यादा स्वादिष्ट था "
बड़े मजे से मेरी ऊँगली से अपने भइया की मलाई चाटती चूसती वो शोख बोली,
" अरे भाभी, मेरे भैया से ज्यादा स्वादिष्ट किसी का हो सकता है क्या?"
तब तक कम्मो ने एक बार फिर से गुड्डी रानी की गुलाबो की ओर, एक साथ दो उँगलियाँ, वैसे तो जा नहीं सकती थीं, पर एक के ऊपर एक रखकर उन्होंने साथ साथ कस के कलाई की पूरी ताकत लगा के ठेल दी, और अंदर जाकर कैंची की फाल तरह दोनों उंगलिया फैला दी, गुड्डी जोर से चीख पड़ी.
मैं भी कम्मो का साथ देने पहुँच गयी, मैं पहले अपनी ननद की गोरी चिकनी खुली मांसल जाँघों को सहलाती रही, फिर कम्मो ने जोर से आँख मार के इशारा किया,
" भौजाई दो -दो और मजा सिर्फ एक ही ले, बड़ी नाइंसाफी है "