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Erotica मोहे रंग दे

Shetan

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नींद गायब



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तबतक नीचे से जेठानी जी की आवाज आयी , खाना,

और मैं धड़धडाती नीचे,

खाने के बाद तो इनके लिए इनकी साली और सलहज के इंस्ट्रक्शन साफ़ थे , रात भर अच्छी तरह सोने के, और मुझे भी आज रात इन्हे 'तंग ' न करूँ , ज़रा भी नहीं,... तो ये तो तुरंत ही सो गए, लेकिन मैं रीत का एक मेसेज ,... उसके मेसेज ऐसे तो आते नहीं थी, किसी साइट पर एक मेसेज फिर वहां से डार्क वेब की यात्रा और वहां की अँधेरी कुठरिया और वहां पर उस का सन्देश,



कुछ देर मैने पढ़ा और फिर मैं सोचने लगी , मेरी आँखों से नींद गायब थी.


रीत की बातें रीत ही जाने ,लेकिन बहुत दम था उसकी बात में,
इन्हे सोते घंटे भर हो गया था, और नींद मेरी आँखों से कोसों दूर थी, जब से मैंने रीत के मेसेज पढ़े थे, डार्क वेब पर जाके उससे चैट की थी,

बातें ही ऐसी थीं,


मेरी आँखें घड़ी पर गयी और एक बार बेबस मैं मुस्करा पड़ी, यही कमरा यही बिस्तर और यही लड़का जो अब सो रहा है , उस समय कितना बेसबरा बेताब,


वही समय १०.२७, रोकते रोकते भी कित्ती जोर की चीख निकली थी, मैं भोली, मुझे क्या मालूम बाहर बेसरम ननदे कान फाड़े इसी चीख सुनने का इन्तजार किये बैठी थीं, ... अब तक सब चिढ़ाती हैं , भाभी १० बजकर २७ मिनट क्या हुआ था,
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लेकिन एक बार फिर दिमाग वही रीत वाली बात, मैंने अपनी ओर से सब बातें की लेकिन हर बातों पे जो बात वह कहती थी, वह सब मुझे सोचने को मजबूर कर देती थी और अब तो बार बार वही सब सवाल,...
Paheli rat konsi ladki bhulegi komaliya. Or teri to jam ke li thi. Bada sa or tera pyara sa chhota komarya. Bhang huaa to chhinaro ne kya kya puchha tha. Sab yaad he. Love it
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Umakant007

चरित्रं विचित्रं..
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मेरी कहानियां

समय समय पर अलग लाग फोरम में पोस्टेड मेरी कहानियों की सूची , लेकिन ये सिर्फ याद पर आधारित है मित्र पाठक पाठिकाएं इसमें और जोड़ घटाना कर सकते हैं

१, होली में फट गयी -यह मेरी पहली कहानी थी और इस फोरम में भी कोमल के किस्से वाले थ्रेड में मैंने इसे फिर से पोस्ट किया है।

२. चांदनी चली गाँव

३. साजन चले ससुराल होली में

४. मजा लूटा होली में

५. साजन बने नन्दोई

६. एक रात सलहज के साथ या लाइफ आफ अ सेल्समैन

७. इट हैपन्ड या शादी के लड्डू या इंडियन वेडिंग

८ Autumn Sonata

9. Yellow Roses

१०. जीजा साली की दास्तान ( तीन कहानियां )

११. एक छोटी सी होली स्टोरी

१२ लेट अस प्ले होली


१३. होली के रंग

१४. ना भूली वो होली

१५. मजा लुटा होली का ससुराल में ( यह कहानी इस फोरम में हैं और छुटकी इसी का सीक्वेल है )

१६. लला फिर अइयो खेलन होरी ( एक छोटी सी रोमांटिक कहानी , जो इस फोरम में है कोमल के किस्से थ्रेड में )

१७. बरसन लागी बदरिया

१८. सावन के झूले पड़े

१९. सोलहवां सावन ( इसका परिमार्धित संस्करण इस फ़ोरम में है जिसमें ढेर सारे नए प्रसंग जोड़े गए हैं ) .

२०. It's a hard hard rain ( in English section in this forum )

21 Red little riding hood or 666 ( unavailable )

२२ ननद की ट्रेनिंग

२३ फागुन की दिन चार

२४ मोहे रंग दे ( इस फोरम में मूल रूप से पोस्टेड )

२५ जोरू के गुलाम ( इस फोरम में जारी, इसका अंग्रेजी रूप पहले पोस्ट हुआ फिर हिंदी रूप जो काफी अलग था पिछले फोरम में अधूरा और अब यहाँ )

२६ छुटकी - होली, दीदी की ससुराल में ( इस फोरम में ही पहली बार और अभी जारी ) ,


यह लिस्ट मैं इसलिए शेयर कर रही हूँ, क्योंकि कई बार मेरे मित्र कहानी का शीर्षक देख के सोचते हैं की शायद ये उनकी पढ़ी हो,... और कई के नाम मिलते जुलते है जैसे मोहे रंग दे के नाम और पहली पोस्टों से शायद लगा होगा की होली की एक और कहानी ,... लेकिन वो कहानी तन से ज्यादा मन को रंगने की है और वो भी नव दम्पति की

उसी तरह फागुन के दिन चार में शुरू में तो बनारस की होली का एक दृश्य है पर वो कहानी एक लम्बे थ्रिलर के रूप में बढ़ी जिसमें तीन शहरों , बनारस, बंबई और बड़ौदा में आंतकवादी साजिश तक मामला जाता है और अफगानिस्तान की टोरा बोरा की पहड़ियाँ , कुछ पडोसी देश भी पर साथ साथ एरोटिक और रोमांटिक प्रसंग भी है पर नाम से कई बार भ्रम रहता है


और एक कारण ये भी ही ये स्मृति के पृष्ठों से धूल उड़ाने का भी काम करेगी,... और अगर कुछ छूटा बचा होगा तो सहृदय पाठक गण याद भी दिलाएंगे।

and jo stories is forum men hain unhe maine bold kar diya hai

happy reading
मोहल्ला मोहब्बत वाला?
 

Shetan

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रीत वाली बात,






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लेकिन एक बार फिर दिमाग वही रीत वाली बात, मैंने अपनी ओर से सब बातें की लेकिन हर बातों पे जो बात वह कहती थी, वह सब मुझे सोचने को मजबूर कर देती थी और अब तो बार बार वही सब सवाल,...

डेमोक्रेसी, फ्रीडम ऑफ़ च्वायस, डिमॉक्रेसी नॉट ओनली इन पोलिटिकल स्फेयर बट एवेरी व्हेयर,... ये सब बातें मैंने उससे की लेकिन उसकी बातें,

" अच्छा ये बोलो तुम चुनती किसी चीज को किस आधार पर हो, कोई फिल्म देखनी हो कोई सामान खरीदना हो बहुत करोगी तो उस के बार में इन्फो इकठ्ठा करोगी, है न " रीत ने उलटा सवाल किया।

" एकदम, इंफॉरमरेशन ऐज है हर चीज की इन्फॉर्मेंशन सर्च करनी कितनी आसान है, ... " मैंने भी तुरंत जवाब दिया,


" लेकिन मान लो वो इन्फॉर्मेंशन हाफ ट्रुथ हो , अश्वथामा मरो, नरो या कुंजरो टाइप,... तो बेचारे द्रोणचार्य की जान तो गयी न " खिलखिलाते हुए वो बोली।

रीत से कोई सच में जीत नहीं सकता, और मैंने उसी की बात में बात जोड़ी, अपना ज्ञान झाड़ते हुए, पोस्ट ट्रुथ,... लेकिन मेरी दी थी, बनारस के रिश्ते से, मुझसे बड़ी, हर मामले में ( उसकी कप साइज डी थी, मेरी सी )

उसने झटाक से न सिर्फ डिफ़िनशन बता दी, ...


objective facts are less influential in shaping public opinion than appeals to emotion and personal belief.

बल्कि ये भी जोड़ा की डाटा से किसी भी इमोशनल और परसनल बिलीफ न सिर्फ पता किया जा सकता है बल्कि बदला जा सकता ही जैसे तमाम सोशल मिडिया पर एकदम प्वाइंटेड ऐड आते हैं , कोई जो चीज दो चार बार चेक करो तो आपके पेज पर उसके विज्ञापन आने शुरू हो जाएंगे,

बात मेरी भी समझ में आ रही थी चाहे तेल साबुन बेचना हो चाहे कोई पार्टी को अपने को आगे बढ़ाना हो, कैम्ब्रिज ऐनेलिटिका डाटा स्कैंडल मैंने भी पढ़ा था, दिस इज योर डिजिटल लाइफ कर के एक ऐप था, और उसके क्वैश्नेयर से किसी भी आदमी की साइकोलॉजिकल प्रोफ़ाइल, बिलीफ सिस्टम,... पांच करोड़ से ज्यादा फेसबुक अकाउंट, और आज कल , बिना फेसबुक व्हाट्सऐप और इंस्टा के कोई जिंदगी है, मैंने अपनी उस छुटकी ननदिया को खुद समझाया था ,



' बिन्नो, अगर किसी लड़की के ४ से कम फेसबुक और ६ से कम इंस्टा हैं तो समझो वो लड़की ही नहीं है, मानव जन्म बेकार,.... "


पर रीत जब सीरियस हो न और ज्ञान देने पर तुली हो तो फिर उसको रोकना, बात उसने दूसरी ओर मोड़ दी



डेटा,... उसने एक अखबार की आर्टिकिल मुझे लिंक की थी , और मैं उसको दो बार पढ़ चुकी थी, एकदम बेसिक बातें लेकिन इम्पोर्टेन्ट,... खेती हो या उद्योग, चार चीजें, जमीन और इंफ्रास्ट्रक्चर, पूँजी, श्रम और उद्यम या
Ye to reet ki nahi prit ki bat he. Vese vigyapan dena kiska he. Kahi koi chhutki nandiya kya. Vese bhi vo jila top hi he. Nahi he to komaliya bata degi. Par reet ki bat to samaz me aa gai. Matlab kya he next post me padh lungi.

Komliya
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Shetan

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डेटा,...




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पर रीत जब सीरियस हो न और ज्ञान देने पर तुली हो तो फिर उसको रोकना, बात उसने दूसरी ओर मोड़ दी,


डेटा,... उसने एक अखबार की आर्टिकिल मुझे लिंक की थी , और मैं उसको दो बार पढ़ चुकी थी, एकदम बेसिक बातें लेकिन इम्पोर्टेन्ट,...

खेती हो या उद्योग, चार चीजें, जमीन और इंफ्रास्ट्रक्चर, पूँजी, श्रम और उद्यम या इंटरप्रेन्योरशिप, लेकिन खेती किसानी में थी थोड़ा बहुत डेटा लगता है, मौसम , कौन सी जमींन में कौन सी फसल होगी, कितने में बिकेगी, और कितना अपने खाने पीने के लिए रखें, कब बेचें,

कमरे में मैं बाहर पलाश के दहकते पेड़ देख रही थी,


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कहीं पास में ही कुछ रिक्शे वाले फाग गा रहे थे, आसमान में चाँद चमक रहा था, आधी खुली खिड़की से मीठी मीठी फागुनी हवा आ रही थी, लेकिन मेरी बंद आँखों में इतिहास के पन्ने पलट रहे थे,

पंद्रहवीं सोलहवीं शताब्दी, मसालों के लिए मार, यूरोप के व्यापारी, डच, पुर्तगीज, जायफर और जावित्री ऐसे मसालों के लिए १६२१ में डच लोगों ने, ३००० बान्दानीज मारे गए और १७०० गुलाम बनाये गए, १८वी उन्नीसवीं शताब्दी और फिर कॉटन और ओपियम, चीन को दो दो बार अफीम और चाय के लिए हुए लड़ाई का सामना करना पड़ा, और फिर गल्फ की कितनी लड़ाइयों का कारण पेट्रोल और ऊर्जा,... और अब मैंने कहीं पढ़ा था, सबसे ज्यादा ट्रेडिंग जो हो रही है , होने वाली है, वो डेटा की होगी,



रीत भी न , मेरी पक्की सहेली है लेकिन मेरी अब बड़ी बहन की तरह, वैसे तो घर , रिश्तेदारी में भी मुझसे बड़ी कोई नहीं , लेकिन ये अब एकदम दी मेरी , पक्की बड़ी बहन की तरह, ... उस्तानी जी की तरह मुझसे सवाल पूछ लिया , डिफाइन पावर,... मैंने भी पॉलिटिक्स अमंग नेशंस पढ़ रखी थी , झट से बोल दिया,



" ऐबिलिटी टू इन्फ़्लुएंस डिसीजन "



" और आज कल सबसे ज्यादा डिसीजन किससे इन्फ़्लुएंस होता है " उसने पूछा और मेरे बिना पूछे जवाब दे दिया , डेटा,



बात उसकी एकदम सही थी, ... और ये जिस प्रॉजेक्ट पर काम कर रहे थे, कन्वर्जेंस , ये भले बिन बोले टीम लीडर की तरह हों, लेकिन छह सात लोग थे , हर तरह के सब कंप्यूटर वाले नहीं, एक लड़की थी क्रास कल्चर बिहैवियर साइकोलॉजी वाली, एक कल्चरल एंथ्रोपॉलजी से, एक कोई फाइंसेस वाला तो एक बिजनेस स्ट्रेटजी का,...
Kuchh had tak to bat sahi he. Par itna samazane ka makshad kya. Ye samaz se hamari bahar he. Par fir bhi maza tow aa raha he.
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Kuchh had tak to bat sahi he. Par itna samazane ka makshad kya. Ye samaz se hamari bahar he. Par fir bhi maza tow aa raha he.
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Kuchh had tak to bat sahi he. Par itna samazane ka makshad kya. Ye samaz se hamari bahar he. Par fir bhi maza tow aa raha he.
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asal men main us samay is kahani ka sequel soch rhai thi jo Phagun ke din chaar ki tarj pe hota lekin focus alag hota , vo ek cyber thriller jismen ek dystopian world ki kalapna thi jahan Big data ka istemaal mind control ya behaviour control ke liye hota thoda bahoot science fiction thoda bahoot political overtones 1984 ki tarj pe , ... lekin ek to mujhe laga ki is forum men kiite reaaders padhenge science fiction par usase bhi jyada mujhe khood kaafi padhana padata par ismen kayi baar data se related baaten huyi haim convergence , mera plan tha sequel men Holi ko bahoot short men nipata ke phir story township jahan ye kaam karate hain aur vahan factory ke kaam se hi jod ke ek naye tarah ke card ki design lekin facial rcognition AI aur big data ke convergence ke misuse , lekin yahi laga ki audience pata nahi hai ki nahi yahan aur audience kam bhi to main justice kar paaungi ki nahi , lekin kabhi na kabhi likhungi jaroor aur islie Reet ki vapasi ho rahi thi ,.... aap story jab kahatam karengi uske baad bhi meri 4-5 posts possible sequel ke baare men hain padhiyegaa jaroor
 

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Ye to reet ki nahi prit ki bat he. Vese vigyapan dena kiska he. Kahi koi chhutki nandiya kya. Vese bhi vo jila top hi he. Nahi he to komaliya bata degi. Par reet ki bat to samaz me aa gai. Matlab kya he next post me padh lungi.

Komliya
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Thanks so much for such perfect pics for my story , aapko to main kis kis baat ke liye thanks bolun samjh men nahi aatata , aap meri is story ki sabse badi regular reader hain , comment karti han aap ke sahyong se 12.5 lakh views ho gaye

Take A Bow Thank You GIF by Iliza
Thank U GIF by Alex Trimpe
 
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Shetan

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कन्वर्जेंस ,


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बात उसकी एकदम सही थी, ... और ये जिस प्रॉजेक्ट पर काम कर रहे थे, कन्वर्जेंस , ये भले बिन बोले टीम लीडर की तरह हों, लेकिन छह सात लोग थे , हर तरह के सब कंप्यूटर वाले नहीं, एक लड़की थी क्रास कल्चर बिहैवियर साइकोलॉजी वाली, एक कल्चरल एंथ्रोपॉलजी से, एक कोई फाइंसेस वाला तो एक बिजनेस स्ट्रेटजी का,...

मैंने बताया तो था पहले, ... कार्ड यूनिक नंबर सबको रिप्लेस करने के लिए,... ये आइडिया भी मैंने दिया था एक टैटू, एक नैनो चिप्स जिसमें कम्युनिकेटिंग डिवाइस भी, और वो बॉडी पर कहीं भी, शॉप हो , बैंक हो, रीडर अपने आप उसे रीड कर ले,

इन्ही के ग्रुप के किसी ने सजेस्ट किया था, सर्वर्स किसी भी कंट्री में नहीं रखें बल्कि एक सेटलाइट पर, शुरू में हायर कर सकते हैं बाद में परचेज कर सकते हैं,
और फेस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर के साथ अगर कन्वर्जेस होगा तो, अभी भी गूगल मैप अगर किसी ने ऑन कर रखा है , तो किस दिन कब कहाँ गए सब पता चल जाता है , और इसमें आप मोबाइल न भी ले जाएँ, टैटू आप की बॉडी का पार्ट होगा, और डाटा को फेस से लिंक कर के,



रीत का कंसर्न प्रायवेसी था लेकिन उससे ज्यादा , मिसयूज ,

वो कह रही थी, पोलिटिकल सरवायलेंस के लिए कहीं इसका इस्तेमाल न किया जाय , लेकिन दूसरी सबसे बड़ी चिंता थी , एक नए कॉम्बिनेशन , बिजनेस और पोलिटिकल कॉम्बिनेशन , क्या कहते हैं आजकल क्रोनी,... और उसी के साथ बड़ी बड़ी बिग डाटा कंपनियों का कोल्युजन,...

लेकिन रीत बड़ी टफ जज थी,

मैंने उसे पूरी प्लानिंग बता दी, हेल्थ के लिए, एजुकेशन के लिए, मैंने ढेर सारे आँकड़े भी गिना दिए की हेल्थ इंफ़्रा की क्या बुरी हालत थी,


वह इन लोगों के प्रॉजेक्ट के खिलाफ नहीं थी,

वैसे भी ये एक तरह का गैर ऑफिशियल प्रोजेक्ट था, कन्वर्जेंस का इनको भूत था, लेकिन सवाल जो उठाती थी सब सही पूछती थी, ..आखिर दी किसकी थी, मेरी न , और थी कहाँ की, बनारस की तभी तो लोग कहते हैं की चाचा चौधरी का दिमाग कम्प्यूटर से भी तेज चलता है और रीत का चाचा चौधरी से,



रीत ने जो जो बातें बतायीं , मेरी भी आँखे नम हो गयीं,

संकटमोचन बम ब्लास्ट में उसके माँ पिता, और कोई था भी नहीं , अपने हाथों से घाट पर, ... घर लौटी तो सूना घर , झांय झांय, उसका अकेला दोस्त करन, उसी बम ब्लास्ट के साथ साथ शिवगंगा ट्रेन में भी , कितनों के चीथड़े उड़ गए थे , उस के कोट से,... उस के माता पिता जो उसे छोड़ने गए थे, ... वो भी,... और उन सब का भी, इंटर में पढ़ने वाली लड़की ने पांच पांच चिताओं का एक साथ,... बहुत दिन तक इधर उधर, कभी घाट पर कभी आश्रम में , वो तो दूबे भाभी थीं, ... और बाद में करन भी, मिला ,... उसने अपना कोट किसी को दे दिया था , घायल वह भी हुआ था और उसकी याददास्त खो गयी थी, देहरादून आई एम् ए में , पासिंग आउट परेड के लिए जा रहा था, ...मिला वो फिर ,... तिनके तिनके चुन के किस तरह उन्होंने अपना घोंसला ,

लेकिन , नयी आइडेंटी , रीत से नवरीत देवल, बनारस से पंजाब,... और अब यूरोप,... करन का एक बार फिर पता नहीं,...



लेकिन वो उसी तरह टफ, बोलीं , लेकिन अब जो आने वाले दिन हैं न वो मुझे जिस आग से मैं निकल के आयी हूँ उससे ज्यादा खतरनाक लग रहे हैं , उस्मने तो मालूम था सही कौन गलत कौन है आप लड़ किस से रहे हो , ... और अब तो लोग एकदम सबकी पसंद , सोच , सब कुछ सही गलत का अंतर्,

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komaalrani

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मोहल्ला मोहब्बत वाला?
वो कहानी एक इंटरफेथ स्टोरी थी और मूल रूप से बी डी एस एम् के भी एलिमेंट्स थे

और एक विशेष माहौल में लिखी गयी थी , जिस फोरम में सबसे पहले वो पोस्ट हुयी वहां मेरी एक मित्र आरती की कई इंटर फेथ कहानियां पोस्ट हुयी थी और कुछ भी नेट पर मिलती हैं जैसे , आरती की वासना, रूपा की बस की मस्ती और संगीता और ,... बस कुछ लोगों ने उसका विरोध किया और मैंने आरती के सपोर्ट में यह कहानी लिखी जिसमें मेरे उस समय के सहयोगी , संदोकान का भी नाम जुड़ा था , चित्र संयोजन उन्ही का था,

यद्यपि उस कहानी में कुछ इतिहास भी था , भारत के विभाजन का दंगो का दर्द भी था

रूमी की सूफियाना बाते भी थी

लेकिन आज के माहौल में उसे न पोस्ट करना ही श्रेयस्कर है ,और इस फोरम के साथ अनेक फोरमों ने इंटर फेथ कहानियों पर और मेरे हिसाब से बहुत सही और आवश्यक नियम बना दिए हैं , जिसमें उसकी पोस्टिंग असम्भव है

मैंने एक दो मित्रों के साथ वह कहानी बांटी भी किस शायद पी डी ऍफ़ फ़ार्म में , पर उन्होंने भी यही सलाह दी

आपने पहले भी एक दो बार ये बात उठायी है , लेकिन आज मैंने सोचा की आपको बता दूँ साफ़ साफ़ ,....


और उसी कहानी के चलते मैं याहू ग्रुप हिल्म्स छोड़ा क्योंकि उन्होंने वह पोस्ट हटा दी थी , मेरा यह मानना था की फोरम की जिम्मेदारी है की वह लेखक के सूत्र से कुछ भी छेड़खानी के पर्ने के पहले उसे अपने कारण बता दे और अगर लिखने वाला सहमत हो तो खुद ही हटा लेगा वरना फिर फोरम उसे हटा ले। लेकिन बिना बताये नहीं।

इसी फोरम में मैंने लाउंज में कुछ थ्रेड शुरू किये थे , बिहारी के दोहे , सत्यजीत रे के बारे में कविता और शायरी जिसमें बारी बारी से के शायर की जिंदगी और शायरी पे बात होती थी और बात खुदाए सुखन मीर तकी मीर से शुरू हुयी थी उन सब को किसी मॉडरेटर ने लाउंज से हटा के कहीं और रख दिया , बिना बताये ,.. और मैंने उन थ्रेड्स पे पोस्ट करना बंद कर दिया।

लेकिन मैं मानती हूँ की आप जिस फ़ोरम में है उसके पहले नियम कानून पढ़े , मानें , इसलिए मैंने जोरू का गुलाम में कुछ कांट छांट भी की , पाठकों को बता के उनसे क्षमा मांग के ,


इस के अलावा लिटिल राइडिंग हुड कहानी भी अब मैं नहीं शेयर करती ,अंडर एज के चक्कर में , उसके बारे में जोरू का गुलाम में मैंने एक मित्र की पोस्ट पर लंबा कारण भी बताया था

आशा है आप संतुष्ट होंगे।
 

Shetan

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asal men main us samay is kahani ka sequel soch rhai thi jo Phagun ke din chaar ki tarj pe hota lekin focus alag hota , vo ek cyber thriller jismen ek dystopian world ki kalapna thi jahan Big data ka istemaal mind control ya behaviour control ke liye hota thoda bahoot science fiction thoda bahoot political overtones 1984 ki tarj pe , ... lekin ek to mujhe laga ki is forum men kiite reaaders padhenge science fiction par usase bhi jyada mujhe khood kaafi padhana padata par ismen kayi baar data se related baaten huyi haim convergence , mera plan tha sequel men Holi ko bahoot short men nipata ke phir story township jahan ye kaam karate hain aur vahan factory ke kaam se hi jod ke ek naye tarah ke card ki design lekin facial rcognition AI aur big data ke convergence ke misuse , lekin yahi laga ki audience pata nahi hai ki nahi yahan aur audience kam bhi to main justice kar paaungi ki nahi , lekin kabhi na kabhi likhungi jaroor aur islie Reet ki vapasi ho rahi thi ,.... aap story jab kahatam karengi uske baad bhi meri 4-5 posts possible sequel ke baare men hain padhiyegaa jaroor
Ye to mere kuchh had tak kam ki chij nikli. Apni story me maind control ke kai kisse he. Lekin IT se jyada ifnotaze vashikaran maza aaya
 
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