Black horse
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Eagerly waiting for your erotic and komaal update
toh aur kisi sayani badhi nanad ko chudwao bacchi ko chudwake koi mazaa nahi aane waala..
Interesting hoga
और पहली बार मैंने उनकी अपनी सास की बात काटी ,
और मैंने जेठानी के कंधे पर अपना हाथ रख दिया।
और उन्होंने मुझे दुबका लिया।
बस मुझे तो और हिम्मत मिल गयी , मैं बोलने लगी
हम लोग मिल के गप्पे मारेंगी , टीवी देखेंंगी।
सास मेरी कहने लगी , तुम तो पांच हफ्ते रहोगे नहीं , बहू चाहो तो तुम तब मायके चली जाओ , कुछ दिन ,...
वो भी न एकदम क्या कहूं उन्हें , ... बोलने लगे , हाँ सच में चली जाओ , मेरे आने के पहले आ जाना ,
मैंने एकदम से मना कर दिया ,
" मैं कही नहीं जाने वाली , मैं दीदी के पास यही रहूंगी , ... आप क्या सोचते हैं , आप नहीं रहेंगे यहाँ तो ,
तो नाम सार्थक कर ही दिया,। मोहे रंग दे
मेरे कमकई बार कहानी के विछोह वाले प्रसंग लिखने में मुझे बहुत अच्छा लगता है , और खासतौर से जब कोई उसकी भावना की गहराई में उतर कर उसे सराहे , और सच बताऊं तो ये बातें लिखनी बहुत कठिन भी होती हैं अपने सारे विछोह के अनुभवों को संघनित कर के , ...
फागुन के दिन चार में , करन और रीत के बिछुड़ने का जो प्रसंग था , मेरे लेखे वो उस कहानी का शीर्ष था , ... और अंत भी बिछुड़ने से हुआ , ... और कइयों की आँखे नम हो आयीं थीं , उन प्रसंगो को पढ़ने में ,.. मेरे लिए मेरी मेहनत सार्थक हो जाती है जब ऐसे कमेंट मिलते हैं , ..
बस पढ़ते रहिये ,
लेकिन वियोग के बाद मिलन भी आता है , तो अब अगली पोस्ट में , ...
असल में मुझे लगा कि यह इस कहानी की यह आखिरी पोस्ट है क्योंकि आपने चौथे दिन की बात नहीं की और कहानी तेजी से आगे बढ़ गई।कई बार कहानी के विछोह वाले प्रसंग लिखने में मुझे बहुत अच्छा लगता है , और खासतौर से जब कोई उसकी भावना की गहराई में उतर कर उसे सराहे , और सच बताऊं तो ये बातें लिखनी बहुत कठिन भी होती हैं अपने सारे विछोह के अनुभवों को संघनित कर के , ...
फागुन के दिन चार में , करन और रीत के बिछुड़ने का जो प्रसंग था , मेरे लेखे वो उस कहानी का शीर्ष था , ... और अंत भी बिछुड़ने से हुआ , ... और कइयों की आँखे नम हो आयीं थीं , उन प्रसंगो को पढ़ने में ,.. मेरे लिए मेरी मेहनत सार्थक हो जाती है जब ऐसे कमेंट मिलते हैं , ..
बस पढ़ते रहिये ,
लेकिन वियोग के बाद मिलन भी आता है , तो अब अगली पोस्ट में , ...
नहीं , नहीं कहानी अभी जारी रहेगी , और बढ़ेगी , बीच में यह मिलन विछोह के पल आते जाते रहेंगे ,मेरे कम
असल में मुझे लगा कि यह इस कहानी की यह आखिरी पोस्ट है क्योंकि आपने चौथे दिन की बात नहीं की और कहानी तेजी से आगे बढ़ गई।
और अंतमें सजनी साजन को अपने रंग में रंग कर, खुद भी उसके रंग में रंग गईं।