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ननदें , ... गुड्डी
मैं बिना बोले देर तक फोन देखती रही , जैसे अभी फोन से फिर उनकी आवाज आनी शुरू हो जायेगी , ...
मुझे मालूम था , अब ज़नाब गगन विहारी होंगे , दो ढाई घंटे से पहले उनकी आवाज सुनने का कोई चांस नहीं , ...
और फोन पकडे पकडे , देखते देखते कब मैं सो गयी पता नहीं ,
उठी घंटे सवा घंटे बाद , लेकिन जानबूझ कर मैंने आँख नहीं खोली ,
गुड्डी थी , वही उनका माल ,
और उसकी दो सहेलियां , एकदम पक्की वाली।
पता तो मुझे चल गया था ,
भौजाइयों को तो ननदों की महक ,
और खास तौर से वो गुड्डी और उसकी सहेलियों की तरह कच्ची उमर वाली हों , तो सपने में भी लग जाती है , और ये तीनों तो नयी नयी टीनेजर में पहुंची किशोरियों की तरह चहक रही थीं ,
लेकिन जानबूझ कर मैंने आंखे और कस के मींच ली ,
" भाभी उठिये न , कित्ता सोयेंगी , ... "
ये गुड्डी थी , इनकी ममेरी बहन , वही एलवल वाली।
![94fbfaf0186736d5bc21fcba5b5722f8.jpg](https://i.ibb.co/tswhbD9/94fbfaf0186736d5bc21fcba5b5722f8.jpg)
" रात भर भैया ने सोने नहीं दिया होगा , ... "
ये लीला थी , गुड्डी की सहेसी गुड्डी के घर के बगल में ही रहती थी , उसी मोहल्ले में।
![3a95a4ca84f8615c0fc36df3e4276d0b.jpg](https://i.ibb.co/r0Kpwf2/3a95a4ca84f8615c0fc36df3e4276d0b.jpg)
गुड्डी की तो ब्रा मैंने खोल कर देख ली थी , २८ सी , इसकी नहीं देखी थी , पर मेरा अंदाज ये था की ३० से कम नहीं होगी , कप साइज भी सी या डी होगी , और मेरी भौजाइयों की सोहबत ने सिखा दिया था की मैं समझ जाऊं , ... ये मेरी ननद की सहेली , या तो आलरेडी चल रही होगी , या कम से काम रगड़वा मिजवा तो रही ही होगी , अपनी अमिया।
लम्बाई गुड्डी के बराबर ही होगी , ५.३ पर देह थोड़ी ज्यादा भरी , सिर्फ सीना ही नहीं चूतड़ भी थोड़े ज्यादा बड़े , रंग गुड्डी ऐसा गोरा तो नहीं था , गुड्डी तो जैसे कोई दूध में दो बूँद गुलाबी रंग के डाल दे उस तरह गोरी थी , पर ये ,... हाँ सांवली भी नहीं। पर नमक बहुत था , ...
" तू तो कह रही थी तेरे भैया , ... बाहर गए हैं। "
पूछने वाली रेनू थी , गुड्डी की दूसरी सबसे क्लोज सहेली , और मैं इन दोनों से मिल चुकी थी।
![d4b3131f3751bf637bfceb894ae6f31a.jpg](https://i.ibb.co/wcXw5hH/d4b3131f3751bf637bfceb894ae6f31a.jpg)
इन के जाने के बाद गुड्डी दो बार आयी थी , अपने स्कूल से इन दोनों के साथ , ...
रेनू , के उभार लीला ऐसे तो नहीं लेकिन गुड्डी से थोड़े हलके से ज्यादा , बोलने में भी बहुत मुंहफट , मैं और जेठानी जी उसे चिढ़ाते थे , तो वोई भी मुंह खोल के जवाब देती थी , गंदे से गंदे मजाक का बुरा नहीं मानती थी। मेरी उससे एकदम पक्की दोस्ती हो गयी थी।
अनुज जब गुड्डो के चक्कर में , चक्कर लगाता था तो भी ये दोनों , गुड्डी और अनुज के साथ , फिर तो मैं गुड्डी , रेनू और लीला के साथ कभी लूडो खेलती कभी कैरम , ...
और अनुज अपने माल के साथ , कबड्डी।
लेकिन लीला ने भांप लिया , सोने में मेरा आँचल लुढ़क गया था , ब्लाउज तो लो कट मैं पहनती ही थी , ब्रा भी नहीं , ... बस इनके दांतों के निशान , मेरे उभारों पर साफ़ दिख रहे थे , चलते चलाते उन्होने चुम्मा लेते लेते मेरे गाल को कचकचा के काटा था और वहां भी दांतों के निशान , उभारों के ऊपरी भाग पर इनके नाखूनों के निशान , ...
![bites-on-boob-eaefaa79f2e883b83be99f577cad5b36.jpg](https://i.ibb.co/fq9NDTZ/bites-on-boob-eaefaa79f2e883b83be99f577cad5b36.jpg)
सुहागरात की अगली सुबह से मैं समझ गयी थी ,
छोटी से छोटी ननदें ढूंढ ढूंढ के ये सब निशान देखतीं थी और उन्हें चिढ़ाने का बहाना मिल जाता था , ...
और लीला तो मुझे शुरू से , खेली खायी या खेलने खाने के लायक लगती थी , ...
बस उसने रेनू और गुड्डी दोनों को निशान दिखाए , और तीनों खिलखिलाने लगी ,
" लगता है तेरे भैया कल आये थे , ... "
लीला गुड्डी से बोली ,
गुड्डी जरा सा मुस्करायी फिर आँख तरेर कर बोली ,
" तेरे भैया मतलब और तेरे क्या ,... "
लीला ने तुरंत गलती सुधारी और बोली , " ओके ओके , तेरे नहीं , सिर्फ भैया ,... "
लेकिन रेनू को कुछ याद आया , पिछली बार जब वो और गुड्डी आयीं थी तो मैं और जेठानी जी , गुड्डी को इनका माल कह के बार बार छेड़ रहे थे। गुड्डी ने भैया बोला तो जेठानी जी ने छेड़ा सिर्फ भ की जगह स लगा ले न दिन में भैया रात में सैंया।
पर मैंने और जोड़ा ,
"नहीं दीदी , दिन में भी सैंया रात में सैयां , ... अरे जब मिले मौका , तब मारो चौका। दिन रात का क्या। "
रेनू ने गुड्डी के गुलाबी डिम्पल वाले गाल में कस के चिकोटी काटी और छेड़ा ,
" चल हम दोनों के तो भैया और तेरे ,... बोल न भाभी पिछली बार क्या कह रही थीं , ... "
गुड्डी के गाल गुलाब हो गए , ... शर्म से लाल।
![Girls-Ind-9f500c484fd32f9a8e1735b6a96692d1.jpg](https://i.ibb.co/GM5Kzkb/Girls-Ind-9f500c484fd32f9a8e1735b6a96692d1.jpg)
उसने बात बदल के मुझे पकड़ के जगाने की कोशिश शुरू कर दी।
" भाभी उठिये न , ... शाम हो गयी है ".
बस मुझे मौका मिल गया उस , को दबोचने का।
मैंने ये ऐक्टिंग किया जैसे मैं गुड्डी को , ' वो ' समझ रही होऊं , और मैंने उसे पकड़ लिया , और बोली ,
" छोड़ न , रात भर , .. तंग किया , सुबह से , ... थोड़ी देर सोने दो न "
मेरी आँखे बंद थे लेकिन हाथ जाग रहे थे , और अगर क्यों भाभी ननद को पकड़ती है , तो उसके हाथ सबसे पहले कहाँ पहुँचते है , ... ये के बी सी का एक हजार वाला सवाल भी नहीं है , सिम्पल , ननद के , और खास तौर से गुड्डी की तरह नयी उमर की नयी फसल , ... सीधे उसके नए नए आते जुबना पर ,
![tits-teen.jpg](https://i.ibb.co/MSbxJPd/tits-teen.jpg)
और मेरे हाथ भी वहीँ ,
ऐसे ,
एकदम रुई के फाहे ऐसे मुलायम , मुलायम , छोटे छोटे , जस्ट आते ,...
और मेरी ऊँगली निप्स पर , फ्लिक करतीं , ...
मटर के दाने जैसे , नहीं , ... नहीं बड़े वाले मटर के दाने नहीं ,
कच्ची छीमी जैसे होती है न , नयी नयी आयी मटर की फली , ... बस उसके दाने ऐसे , खूब मुलायम छोटे छोटे , बस वैसे ही
मैंने अंगूठे और तर्जनी के बीच दबा कर कस के मसल दिया , उन नए नए निप्स को ,
" भाभी छोड़िये न , ... " गुड्डी चीखी ,
लेकिन मैंने छोड़ने के लिए थोड़ी पकड़ा था , बस और कस के मसलने लगी ,
![nips-3-solahvaan-jpg.jpg](https://i.ibb.co/NscPcNJ/nips-3-solahvaan-jpg.jpg)
" अरे भैया नहीं हैं , मैं हूँ " वो बेचारी बोली।
" जानती हूँ मैं , ... " और मैंने झट्ट से आँखे खोल दीं , ... जब तक वो सम्हले सम्हले , मैंने कस के अबकी उसके सर को पकड़ के उसे अपनी ओर खिंचा ,
मू मु ...
और कस के चुम्मी , लिप्पी ,... सीधे मेरे होंठ उस के होंठ पर , थोड़ी देर तक , .. फिर मेरे होंठों ने उस के होंठों को अपने होंठों के बीच दबोच लिया , और कचकचा कर ,
![Lez-kiss-19511285.gif](https://i.ibb.co/S7Lg8sK/Lez-kiss-19511285.gif)
चूमा भी , चूसा भी , काटा भी , ...
मैं बिना बोले देर तक फोन देखती रही , जैसे अभी फोन से फिर उनकी आवाज आनी शुरू हो जायेगी , ...
मुझे मालूम था , अब ज़नाब गगन विहारी होंगे , दो ढाई घंटे से पहले उनकी आवाज सुनने का कोई चांस नहीं , ...
और फोन पकडे पकडे , देखते देखते कब मैं सो गयी पता नहीं ,
उठी घंटे सवा घंटे बाद , लेकिन जानबूझ कर मैंने आँख नहीं खोली ,
गुड्डी थी , वही उनका माल ,
और उसकी दो सहेलियां , एकदम पक्की वाली।
पता तो मुझे चल गया था ,
भौजाइयों को तो ननदों की महक ,
और खास तौर से वो गुड्डी और उसकी सहेलियों की तरह कच्ची उमर वाली हों , तो सपने में भी लग जाती है , और ये तीनों तो नयी नयी टीनेजर में पहुंची किशोरियों की तरह चहक रही थीं ,
लेकिन जानबूझ कर मैंने आंखे और कस के मींच ली ,
" भाभी उठिये न , कित्ता सोयेंगी , ... "
ये गुड्डी थी , इनकी ममेरी बहन , वही एलवल वाली।
![94fbfaf0186736d5bc21fcba5b5722f8.jpg](https://i.ibb.co/tswhbD9/94fbfaf0186736d5bc21fcba5b5722f8.jpg)
" रात भर भैया ने सोने नहीं दिया होगा , ... "
ये लीला थी , गुड्डी की सहेसी गुड्डी के घर के बगल में ही रहती थी , उसी मोहल्ले में।
![3a95a4ca84f8615c0fc36df3e4276d0b.jpg](https://i.ibb.co/r0Kpwf2/3a95a4ca84f8615c0fc36df3e4276d0b.jpg)
गुड्डी की तो ब्रा मैंने खोल कर देख ली थी , २८ सी , इसकी नहीं देखी थी , पर मेरा अंदाज ये था की ३० से कम नहीं होगी , कप साइज भी सी या डी होगी , और मेरी भौजाइयों की सोहबत ने सिखा दिया था की मैं समझ जाऊं , ... ये मेरी ननद की सहेली , या तो आलरेडी चल रही होगी , या कम से काम रगड़वा मिजवा तो रही ही होगी , अपनी अमिया।
लम्बाई गुड्डी के बराबर ही होगी , ५.३ पर देह थोड़ी ज्यादा भरी , सिर्फ सीना ही नहीं चूतड़ भी थोड़े ज्यादा बड़े , रंग गुड्डी ऐसा गोरा तो नहीं था , गुड्डी तो जैसे कोई दूध में दो बूँद गुलाबी रंग के डाल दे उस तरह गोरी थी , पर ये ,... हाँ सांवली भी नहीं। पर नमक बहुत था , ...
" तू तो कह रही थी तेरे भैया , ... बाहर गए हैं। "
पूछने वाली रेनू थी , गुड्डी की दूसरी सबसे क्लोज सहेली , और मैं इन दोनों से मिल चुकी थी।
![d4b3131f3751bf637bfceb894ae6f31a.jpg](https://i.ibb.co/wcXw5hH/d4b3131f3751bf637bfceb894ae6f31a.jpg)
इन के जाने के बाद गुड्डी दो बार आयी थी , अपने स्कूल से इन दोनों के साथ , ...
रेनू , के उभार लीला ऐसे तो नहीं लेकिन गुड्डी से थोड़े हलके से ज्यादा , बोलने में भी बहुत मुंहफट , मैं और जेठानी जी उसे चिढ़ाते थे , तो वोई भी मुंह खोल के जवाब देती थी , गंदे से गंदे मजाक का बुरा नहीं मानती थी। मेरी उससे एकदम पक्की दोस्ती हो गयी थी।
अनुज जब गुड्डो के चक्कर में , चक्कर लगाता था तो भी ये दोनों , गुड्डी और अनुज के साथ , फिर तो मैं गुड्डी , रेनू और लीला के साथ कभी लूडो खेलती कभी कैरम , ...
और अनुज अपने माल के साथ , कबड्डी।
लेकिन लीला ने भांप लिया , सोने में मेरा आँचल लुढ़क गया था , ब्लाउज तो लो कट मैं पहनती ही थी , ब्रा भी नहीं , ... बस इनके दांतों के निशान , मेरे उभारों पर साफ़ दिख रहे थे , चलते चलाते उन्होने चुम्मा लेते लेते मेरे गाल को कचकचा के काटा था और वहां भी दांतों के निशान , उभारों के ऊपरी भाग पर इनके नाखूनों के निशान , ...
![bites-on-boob-eaefaa79f2e883b83be99f577cad5b36.jpg](https://i.ibb.co/fq9NDTZ/bites-on-boob-eaefaa79f2e883b83be99f577cad5b36.jpg)
सुहागरात की अगली सुबह से मैं समझ गयी थी ,
छोटी से छोटी ननदें ढूंढ ढूंढ के ये सब निशान देखतीं थी और उन्हें चिढ़ाने का बहाना मिल जाता था , ...
और लीला तो मुझे शुरू से , खेली खायी या खेलने खाने के लायक लगती थी , ...
बस उसने रेनू और गुड्डी दोनों को निशान दिखाए , और तीनों खिलखिलाने लगी ,
" लगता है तेरे भैया कल आये थे , ... "
लीला गुड्डी से बोली ,
गुड्डी जरा सा मुस्करायी फिर आँख तरेर कर बोली ,
" तेरे भैया मतलब और तेरे क्या ,... "
लीला ने तुरंत गलती सुधारी और बोली , " ओके ओके , तेरे नहीं , सिर्फ भैया ,... "
लेकिन रेनू को कुछ याद आया , पिछली बार जब वो और गुड्डी आयीं थी तो मैं और जेठानी जी , गुड्डी को इनका माल कह के बार बार छेड़ रहे थे। गुड्डी ने भैया बोला तो जेठानी जी ने छेड़ा सिर्फ भ की जगह स लगा ले न दिन में भैया रात में सैंया।
पर मैंने और जोड़ा ,
"नहीं दीदी , दिन में भी सैंया रात में सैयां , ... अरे जब मिले मौका , तब मारो चौका। दिन रात का क्या। "
रेनू ने गुड्डी के गुलाबी डिम्पल वाले गाल में कस के चिकोटी काटी और छेड़ा ,
" चल हम दोनों के तो भैया और तेरे ,... बोल न भाभी पिछली बार क्या कह रही थीं , ... "
गुड्डी के गाल गुलाब हो गए , ... शर्म से लाल।
![Girls-Ind-9f500c484fd32f9a8e1735b6a96692d1.jpg](https://i.ibb.co/GM5Kzkb/Girls-Ind-9f500c484fd32f9a8e1735b6a96692d1.jpg)
उसने बात बदल के मुझे पकड़ के जगाने की कोशिश शुरू कर दी।
" भाभी उठिये न , ... शाम हो गयी है ".
बस मुझे मौका मिल गया उस , को दबोचने का।
मैंने ये ऐक्टिंग किया जैसे मैं गुड्डी को , ' वो ' समझ रही होऊं , और मैंने उसे पकड़ लिया , और बोली ,
" छोड़ न , रात भर , .. तंग किया , सुबह से , ... थोड़ी देर सोने दो न "
मेरी आँखे बंद थे लेकिन हाथ जाग रहे थे , और अगर क्यों भाभी ननद को पकड़ती है , तो उसके हाथ सबसे पहले कहाँ पहुँचते है , ... ये के बी सी का एक हजार वाला सवाल भी नहीं है , सिम्पल , ननद के , और खास तौर से गुड्डी की तरह नयी उमर की नयी फसल , ... सीधे उसके नए नए आते जुबना पर ,
![tits-teen.jpg](https://i.ibb.co/MSbxJPd/tits-teen.jpg)
और मेरे हाथ भी वहीँ ,
ऐसे ,
एकदम रुई के फाहे ऐसे मुलायम , मुलायम , छोटे छोटे , जस्ट आते ,...
और मेरी ऊँगली निप्स पर , फ्लिक करतीं , ...
मटर के दाने जैसे , नहीं , ... नहीं बड़े वाले मटर के दाने नहीं ,
कच्ची छीमी जैसे होती है न , नयी नयी आयी मटर की फली , ... बस उसके दाने ऐसे , खूब मुलायम छोटे छोटे , बस वैसे ही
मैंने अंगूठे और तर्जनी के बीच दबा कर कस के मसल दिया , उन नए नए निप्स को ,
" भाभी छोड़िये न , ... " गुड्डी चीखी ,
लेकिन मैंने छोड़ने के लिए थोड़ी पकड़ा था , बस और कस के मसलने लगी ,
![nips-3-solahvaan-jpg.jpg](https://i.ibb.co/NscPcNJ/nips-3-solahvaan-jpg.jpg)
" अरे भैया नहीं हैं , मैं हूँ " वो बेचारी बोली।
" जानती हूँ मैं , ... " और मैंने झट्ट से आँखे खोल दीं , ... जब तक वो सम्हले सम्हले , मैंने कस के अबकी उसके सर को पकड़ के उसे अपनी ओर खिंचा ,
मू मु ...
और कस के चुम्मी , लिप्पी ,... सीधे मेरे होंठ उस के होंठ पर , थोड़ी देर तक , .. फिर मेरे होंठों ने उस के होंठों को अपने होंठों के बीच दबोच लिया , और कचकचा कर ,
![Lez-kiss-19511285.gif](https://i.ibb.co/S7Lg8sK/Lez-kiss-19511285.gif)
चूमा भी , चूसा भी , काटा भी , ...
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