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komal ji welcome back.. and many many thanks for this update
Thanks so much ...bata nahi skaati aap ko yahan dekh kar kitani khushi huyi
komal ji welcome back.. and many many thanks for this update
आह!
शब्दों को ' काम ' के चाशनी में डुबो कर रखने की कला तो आपके पास ही है कोमल भाभी....
पढ़ते पढ़ते ही इस हाल में पहुंच जाते है कि आपको जवाब ही नहीं दे पाते।
आपको फिर से पुराने रूप में देख कर तन मन सब कुछ प्रसन्न हो उठा है।
वैसे आपकी हर कहानी और उसमे उपयोग किए हुए शब्द दोनों पसंद है फिर भी मेरी सबसे ज्यादा पसंदीदा ' फागुन के दिन चार ' है क्योंकि उसमे सबकुछ है।
बस अब होली आने वाली है और चाहे आप उम्मीद कहिए या चाहत लेकिन आस लगाए है की ये होली आपके शब्दों के रंग में डूब कर खेले।
अपने इस छोटे देवरों पर रहम करते हुए इस होली को शानदार बना दीजिए और एक नई दुनिया का सैर करा दीजिए।
Thanks soooooooooo muchतो इस नन्द ने, भाभी और नन्द दोनों को, अपने रंग में रंग कर खुद बच गई।
एक कोमाल अपडेट।