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Erotica मोहे रंग दे

komaalrani

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हम दोनों भाई बहन एक साथ आपकी लेखनी पढ़ते हैं।
मेरी बहन BHU से हिंदी में Ph.D कर रही है।


बहुत बहुत धन्यवाद, यह कहानी भी बनारस के आसपास घूमती है,
 

komaalrani

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मैच शुरू, भैया बहिनी का



और कम्मो के ऊपर पहुँचने के पन्दरह बीस मिनट के अंदर मैं भी पहुँच चुकी थी, मैच शुरू नहीं हुआ था , भैया बहिनी का लेकिन मैच की तैयारी पूरी हो गयी थी , टॉस भी हो गया था , बॉलर और बैट्समेन दोनों तैयार थे और उन सबसे बढ़कर अम्पायर कम्मो भौजी भी , रोल सिर्फ फोटो खींचने का रिकार्ड करने का था।



तीनों टॉपलेस हो गए थे ,

सबसे पहले गुड्डी रानी ने ही अपने भैया की शर्ट उतार फेंकी की सूप गिरा दोगे तुम , दाग पड़ जाएगा, के बहाने से।





वो बेचारे , लेकिन कुछ देर में उनकी कम्मो भौजी पहुँच गयी , उन्होंने देवर को ललकारा, ननद की नरम नरम कलाई दबोची और ननद भी देवर की तरह टॉपलेस, छोटे छोटे जोबन बाहर,



लेकिन पॉलिटिक्स की तरह इसमें भी पलटा मारते देर नहीं लगती, और ननद देवर ने मिलकर, कम्मो भौजी की पहले साडी उतरी फिर ब्लाउज भी , ब्रा वो पहनती नहीं थी, तो वो भी अपने देवर की तरह टॉपलेस। देवर सिर्फ शार्ट में ननद स्कर्ट में और भौजी पेटीकोट में।





लेकिन मामला इतने पर नहीं निपटा , जैसे बच्चे स्टैचू वाला खेल खेलते हैं न बस ननद ने अपने भैया को २० मिनट के लिए ,... बस वो हिल नहीं सकते थे , और उससे भी बढ़कर उनकी कम्मो भौजी ने अपने ब्लाउज और ननद रानी के टॉप से कस के उनका हाथ बाँध दिया



जब मैं पहुंची तो शार्ट हल्का हल्का तना था , और ननद उन्हें छेड़ रही थी , कम्मो दूसरी साइड में बैठी उसे इशारे कर रही थी, उकसा रही थी।

मेरी टीनेजर ननद की लम्बी लम्बी उँगलियाँ और उसके लाल नेलपॉलिश लगे, लम्बे नाखून,



और उसके भैया का तना तम्बू, शार्ट में उठता बम्बू,



और शार्ट के ऊपर से कभी अपने नाखून से उसे उठे खूंटे को छेड़ देती तो कभी ऊँगली से दबा देती,



कहते हैं न बगावत, जोबन और लंड जितना दबाओ उतना ही उठता है , तो बस वही हाल हो रही थी, और साथ में मेरी ननद की नयी गुरुआइन कम्मो कभी गुड्डी रानी को इशारा करती तो कभी उकसाती,

और उस की सोहबत में गुड्डी भी उसी तरह ,... हथेली में खूंटे को शार्ट के ऊपर से कस के दबोचते उस चढ़ती जवानी ने इन्हे नाचती गाती आँखों से चिढ़ाते हुए पूछा,



" भैया ये क्या है, "



वो बिचारे क्या बोलते ,डबल अटैक में फंसे , मेरी किशोर ननद, मस्तायी चढ़ते जोबन में बौराई,


हाथ उनके उनकी बहन के टॉप और भौजाई के ब्लाउज से कस के बंधे और ऊपर से भौजाई कम्मो पीछे से पकडे दबोचे, कम्मो के जबरदंग ३८ डी डी उभार अपनी दोनों बरछियों से देवर में छेद करती, कान में कुछ बोलती, लेकिन भौजी ने अपना अटैक अपनी किशोर ननद की ओर किया और उसे चढ़ाया,


" अरे खोल के देख काहें नहीं लेती, तेरे भैया मना थोड़े ही करेंगे , क्यों देवर जी "





और साथ ही कम्मो ने अपने नाखूनों से इनके मेल टिट्स को कस के खरोंच दिया , बेचारे तड़प उठे और साथ ही उनकी उस कच्ची कली बहन ने शार्ट का घूँघट थोड़ा सा खोल दिया,



फटा पोस्टर निकला हीरो,
 

komaalrani

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फटा पोस्टर निकला हीरो,





जैसे संपेरा अपनी पिटारी खोल दे और नाग राज फन उठा के खड़े हो जाएँ,



लेकिन कम्मो ने अपनी ननद को सांप पकड़ने के सब तरीके सिखा दिया थे,

पहले तो सिर्फ तर्जनी से उस किशोरी ने शार्ट से आधे तीहै निकले चर्म दंड को छेड़ा और फिर डरते हुए मुट्ठी में पकड़ने की कोशिश की,


सच में स्साली पक्की छिनार थी जिस तरह से वो थोड़ा शर्माते लजाते, थोड़ा ललचाते उन्हें देख रहे थे,जिसका पैदायशी न खड़ा होने वाला हो उसका टनटना कर लोहे का खम्भा हो जाए , और ये तो पहले से ही सांड़, फिर वो जड़ी बूटी वाले सूप का असर , और साथ में पीछे से भौजाई के बड़े बड़े जोबन का जादू, ... वो उनके बंधे थे और कम्मो ने उन्हें कस के पकड़ रखा था, वरना, वहीँ ,...






अंगूठे और तर्जनी के बीच पकड़ कर तन्नाए खूंटे के सर को पहले तो वो हलके से दबाती रही, फिर कस के एक झटके से ,



आधा सुपाड़ा खुल गया,



वो तो पागल हो रहे थे पर कम्मो संतुष्ट नहीं थी उसने आँख से कुछ इशारा किया और अबकी मेरी उस ननद ने जैसे कम्मो भौजी ने सिखाया था एकदम उसी तरह , दोनों गुलाबी होंठों के बीच अधखुले सुपाड़े को दबाया और होंठों के जोर से बाकी चमड़ा,



सुपाड़ा खुल गया था पर गुड्डी के होंठ दूर हट गए थे



जीभ, सिर्फ जीभ बल्कि जीभ की टिप से खुले सुपाड़े पर





कभी छू लेती कभी हटा लेती , फिर सीधे पेशाब के छेद ( पी होल ) पर हलके हलके सुरसुरी



उसकी कोमल उँगलियों ने खूंटे को नहीं छोड़ा था, अब वो सीधे बेस पर हलके हलके दबा रही थीं और जीभ पूरे खुले मोटे मांसल सुपाड़े पर डांस कर रही थी



ये एकदम पागल हो गए थे।


पर गुड्डी भी आज एकदम पागल हो गयी थी , अपने भैया से कब का बदला ले रही थी ,

एक झटके में मुंह में पूरा सुपाड़ा गप्प, क्या मस्त चूस रही थी , कोई बैंगकाक की काल गर्ल को भी मात कर दे,




और मेरी ननद रानी ने अपने दोनों हाथों से मेरे सैंया का शार्ट एक झटके में खींच के दूर फेंक दिया,





अभी तक तो मैं दर्शक थी पर स्साली इत्ती मस्त ननद हो तो कौन भौजाई अपने को रोक पाएगी,

जो ननद ने मेरे साजन के साथ किया वो मैंने साजन की बहना, अपनी ननद के साथ किया, उसकी स्कर्ट खींच के वहीँ फेंक दी जहाँ उसने अपने भैया का शॉर्ट फेंका था ,



भैया बहिनी दोनों एक जैसे हालत में



पर मेरी ननद तो आज एकदम बौरा गयी थी, उसे कुछ फरक नहीं पड़ रहा था, वो कस कस के सुपाड़ा चूस रही थी , उसके भीगे गुलाबी होंठ अपने भैया के सुपाड़े को रगड़ रहे थे, जीभ उसे छेड़ रही थी और साथ में अब उसके लम्बे नाखून,



कभी चर्म दंड को कभी बॉल्स को स्क्रैच कर रहे थे ,





उनकी एकदम हालत खराब, मेरी आँखों ने कम्मो की आँखों को ग्रीन सिग्नल दिया और कम्मो ने कुछ मन्त्र उनके कान में फूंका, और दोनों हाथ खोल दिए

अगले ही पल मेरी ननद बिस्तर पर और वो उसके ऊपर,



लेकिन अब हम दोनों भौजाइयां अपनी ननद की मदद कर रही थीं , बिस्तर पर जितने तकिये कुशन थे , हम दोनों भौजाइयों ने अपनी ननद के चूतड़ के नीचे लगा के खूब ऊपर उठा दिया।
 
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मेरी ननद बिस्तर पर



अगले ही पल मेरी ननद बिस्तर पर और वो उसके ऊपर,



लेकिन अब हम दोनों भौजाइयां अपनी ननद की मदद कर रही थीं , बिस्तर पर जितने तकिये कुशन थे , हम दोनों भौजाइयों ने अपनी ननद के चूतड़ के नीचे लगा के खूब ऊपर उठा दिया।

( कम्मो ने उनसे कहा था, फाड़ दो स्साली की बहुत गरमाई है , हचक के चोदो पता चले किसी मरद से पाला पड़ा है , हर धक्का छिनरो की बच्चेदानी पर लगना चाहिए )



भीषण चुदाई,

हम लोगों की शादी के चार पांच महीने हो गए थे , बीच में जब वो ट्रेनिंग पर गए थे उसे छोड़ कर शायद ही कभी नागा हुआ हो ,





और ट्रेनिंग की भरपाई वो आने पर कर लेते थे, सेंचुरी से ज्यादा हर महीने, ... और इधर तो दिन रात कुछ भी नहीं देखते थे, जगह भी नहीं, कितनी बार किचेन में , आंगन में , बरामदे में , बाथरूम में तो रोज



लेकिन ऐसा तूफानी जोश उनका आज मैं पहली बार देख रही थी,



जैसे धुनिया रुई धुनता है , एकदम टी २० वाली बैटिंग, पहली बाल पे छक्का, ...



पता नहीं कम्मो ने सूप में जो जड़ी बूटी डाली थी उसका असर था , या उनकी चोदवासी छिनार बहना की बदमाशी का या, ...



मेरी ननद की दोनों लम्बी लम्बी गोरी गोरी टाँगे उठा के उन्होंने अपने कंधे पर रखीं, जाँघे खूब फैली,



ननद के चूतड़ के नीचे ननद की हम दोनों भौजाइयों ने ढेर सारे तकिये कुशन पहले से ही लगा दिए थे , चूतड़ खूब उठा हुआ,



हाँ खूंटा सटाने का काम मैंने किया ननद की नयकी भौजाई ने,

मुझे याद आया, मेरी शादी के बाद यही छोरी ज़रा सा ननद भाभी वाले मजाक से बिगड़ जाती थी, कहीं अगर उसके भैया से जोड़ के किसी भाभी चिढ़ा दिया, अभी चार पांच महीने तो हुआ और उसी समय मैंने तय कर लिया था,...




और बहुत दिनों का मेरा ये खुद से वायदा था , शादी के तीसरे चौथे दिन, जब छत पर खूब खुल के गाना बजाना हुआ , अपनी सास की फरमाइस पर मैंने वो वो गालियां सुनाई की जो सुन के मैं खुद कान में ऊँगली डाल लेती थी, और गाली बिना ननद का नाम लिए और ननद पर ननद के भाई को चढ़ाये पूरी नहीं होती, और जैसे मैंने गारी शुरू की ,



उडी आया दुपट्टा बनारस से , उडी आया ,
 

komaalrani

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उडी आया दुपट्टा बनारस से , उडी आया ,






शादी के तीसरे चौथे दिन, जब छत पर खूब खुल के गाना बजाना हुआ , अपनी सास की फरमाइस पर मैंने वो वो गालियां सुनाई की जो सुन के मैं खुद कान में ऊँगली डाल लेती थी, और गाली बिना ननद का नाम लिए और ननद पर ननद के भाई को चढ़ाये पूरी नहीं होती, और जैसे मैंने गारी शुरू की ,



उडी आया दुपट्टा बनारस से , उडी आया ,


हमारे सैंया गुड्डी रानी को बुलावें , अपनी बहिनी के बुलावें , एलवल वाली को बुलावें,

आँख मार के बुलावें , अरहरिया बुलावें , गन्ने के खेत में बुलावें ,

चुम्मा लेव के बुलावैं , जोबना मीजै के बुलावें,...



वो एकदम अलफ़, गुस्से में लाल,...



बस उसी समय मैंने तय कर लिया , चाहे जो कुछ भी जो जाय तेरे ऊपर तेरे इसी भैया को चढ़ाउंगी जरूर , वो भी अपने सामने, ...



तो खूंटा लगाने का काम मैंने किया , शाम को फटने के पहले जहाँ हलकी सी सिर्फ दरार दिखती थी , वाहन अब एक बहुत छोटा सा छेद दिख रहा था , छोटा सा , लेकिन मेरे काम के लिए काफी था ,



बस फैलाया, सटायाऔर धँसाने का काम उस के सीधे साधे भैया का था,



और उसके भैया का था भी कितना मोटा, मेरी कलाई से कम मोटा नहीं था , पूरे कोल्ड ड्रिंक के कैन इतना मोटा,



शाम को तो कम्मो भौजी ने शुद्ध उनके गाँव का कोल्हू का पेरा कच्ची घानी वाला असली कडुआ तेल लगाया था , चुपड़ चुपड़ कर अपने देवर के मोटे सुपाड़े पर ,



पर अबकी तो एकदम सूखा, असल में एकदम सूखा भी नहीं उनकी बहिनिया ने चूस चाट के जितना गीला किया था बस उतना,



गप्पाक, गजब का जोर था इनकी कमर में , एक बार में पूरी ताकत से पेल दिया इन्होने,



उईईई ओह्ह्ह नाहीई , ओह्ह उईईईईई ,



फीट भर तो वो उछली होगी ही, ऐसा दर्द तो जब झिल्ली फटी थी तब भी नहीं हुआ था मेरी ननदिया को,
आँखों में आंसू नाच रहे थे , दोनों हाथों उसने कस के बिस्तर की चादर को दबोच रखा था ,


सिर्फ मेरी ननद के थूक से गीला लंड , उस कसी चूत में दरेरता, रगड़ता, फाड़ता घुस रहा था , पक्का चूत की चमड़ी थोड़ी बहुत तो जरूर छिली होगी,

वो ठेल रहे थे , पेल रहे थे पूरी ताकत से उस फैली हुयी जांघों के बीच पूरी ताकत से धकेल रहे थे,



वो बार बार चीख रही थी , उईईई उईईई , ओह्ह्ह्हह्ह नहीं


तड़प रही थी , और अगर किसी को मेरी ननद के इस होने वाले दर्द का अंदाज था तो वो था , कम्मो भौजी को और उन्होंने सुपाड़ा घुसने के साथ ही मोर्चा संभाल लिया था , ननद रानी के सर की ओर , और सर अब ननद की भौजी के गोद में था , अपने दोनों सँड़सी जैसी मजबूत पकड़ वाली कलाइयों से कम्मो भौजी ने गुड्डी रानी के दोनों कंधो को दबा रखा था पूरी ताकत से और अब ननद रानी चिल्ला सकती थीं , रो सकती थीं , तड़प सकती थीं , लेकिन छिटक नहीं सकती थी ,



दो खारे आंसू टपक कर ननद के नमकीन गालों पर आ गए और कम्मो ने झुक के उन्हें चाट लिया और हलके से गाल भी काट लिया।



लेकिन ये ठेलते जा रहे थे , धकेलते जा रहे थे करीब चार साढ़े चार इंच धंस गया तब वो रुके आधा करीब अभी भी बाहर था।



पर कम्मो ने गारियों की बारिश शुरू कर दी ,


" स्साले ये बाकी किस भोंसड़ी वाले के लिए , स्साले ससुराल में तेरी ये कोरी कुँवारी गाँड़ तेरी सास और सलहज होली में मार मार कर, लेकिन उसके पहले मैं ही कोहनी तक पेलकर, ... "


 

Milflover29

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कहानी लिखने का शिल्प आसान नही होता पर आपकी तो मास्टरी है। मुग्ध करने वाली। एक लेखक या लेखिका के स्तर से बहुत ऊपर ।आपको कहानियों मे रुपक और उपमाओं का प्रयोग इतना सुंदर होता है कि जब सोचा हूं कि कमेंट्री करें तो लालच कहता है अगले अपडेट मे। आपकी तरह मै शब्दों का जादूगर नहीं। इतना ही कहूंगा अप्रतिम। लिखते लिये। प्रतीक्षा तो आपकी और आपके प्रत्युत्तर की हमेशा रहती है।
 
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उडी आया दुपट्टा बनारस से , उडी आया ,

हमारे सैंया गुड्डी रानी को बुलावें , अपनी बहिनी के बुलावें , एलवल वाली को बुलावें,

आँख मार के बुलावें , अरहरिया बुलावें , गन्ने के खेत में बुलावें ,
चुम्मा लेव के बुलावैं , जोबना मीजै के बुलावें।



🔥🔥🔥ऐसी गारी सुन के लंड खड़ा हो जाता है।

सच में कोमल रानी का कोई जवाब नहीं।
 
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