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Incest यह क्या हुआ

rajesh bhagat

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चन्दन की मां कमला, भगत को अपनी आप बीती सुना ने लगी कि किस तरह वह अपने बेटे से शारीरिक संबंध बनाने मजबूर हो गई। उसने को भी बताया वृत्तांत निम्नानुसार हैं __

बात आज से चार साल पहले की है, हमारे परिवार में पांच सदस्य हैं। उस समय मेरा पति श्यामलाल 48वर्ष, मै कमला 44 वर्ष, मेरी बड़ी बेटी चंपा 25वर्ष, छोटी बेटी चंचल 22वर्ष और सबसे छोटा चन्दन जिसकी उम्र उस समय 18वर्ष की थी।

बड़ा खुशहाल परिवार था हमारा घर में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं थी। मेरा पति गांव में किराना दुकान चलाता था। जिससे अच्छी आमदनी होती थी।मेरी दोनो बेटियों की शादी हो चुकी थी वे अपने ससुराल में रहते थे, बड़ी बेटी चम्पा की 3वर्ष की एक बच्ची भी थी।


घर में अब हम पति पत्नी और मेरा बेटा चन्दन ही रह रहे थे। चन्दन 12 वी कक्षा पास कर लेने के बाद पढ़ाई बंद कर ,किराना दूकान में अपने पिता का हांथ बटाने लगा था। सब कुछ कुशल मंगल पूर्वक चल रहा था कि तभी किसी की बुरी नजर हमारे परिवार पर लगी।

मेरे पति अक्सर दूकान में समान खतम हो जाने पर,अपने मोटर साइकिल से ,पास के शहर जाकर किराना सामान लाता था।एक दिनमेरा पति किराना सामान लाने अपने मोटर साइकिल से पास के शहर गया था।

वह सामान मोटरसाइकल में लादकर गांव आ रहा था। सामान ओवरलोड हो गया था। रास्ते ट्रक गुजरने पर वह मोटर साइकिल को कंट्रोल नही कर पाया और वह मोटर साइकिल से सामान सहित गिर पड़ा।उसके सिर पर चोट लगी, वह उठ नही पाया।

गांव का एक पड़ोसी शहर जा रहा था। उसने मेरे पति को पहचान लिया ।उसनेफोन द्वारा हादसे की जानकारी मेरे बेटे को दिया।

हम लोग चन्दन के बापू को,लोगो की मदद से पास के शहर के हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले गए।

डॉक्टरों द्वारा चेकअप से पता चला की मेरे पति के सिर पर अंदरूनी चोंट लगी है जिसके कारण उसका एक हांथ और पैर काम नही कर पा रहा।

डॉक्टरों ने अपने ओर से पुरी कोशिश की परंतु। मेरे पति के स्थिति में कोई सुधार नहीं आया तब डॉक्टरों ने उसे बड़े हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी।

डॉक्टरों के सलाह के अनुसार हम उसे बड़े शहर में डॉक्टरों द्वारा बताए हॉस्पिटल में एडमिट करा दिए।चन्दन के पिता करीब एक माह तक उस हॉस्पिटल में एडमिट रहा।

उसके हांथ एवम पैर में थोडा मूवमेंट जरुर आया लेकिन अभी भी स्वयं खड़ा हो पाने की स्थिति में नही आया था। डॉक्टरों ने कहा कि आप इन्हे घर ले जाए इनके लिए दवाई लिख रहे हैं जो नियमित रूप से खिलाते रहना होगा जिससे इनकी स्थिति में सुधार होता जाएगा।

इस प्रकार हम लोग चन्दन के पिता जी को घर ले आये एवम डॉक्टर के द्वारा दिए गए दवाई को नियमित रूप से खिलाते रहे।मेरे पति के स्थिति में कुछ सुधार भी huwa,अब वह उठकर बैठ सकता था। उसके पैर में काफ़ी सुधार huwa था पर हांथ कि स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं huwa था।

इस तरह10माह गुजर गए।इसी बीच मेरी बड़ी बेटी चम्पा जो इस समय 8माह की पेट से थी। वह dilwari के लिए अपनी मायका चली आई क्यू की उनकेससुराल में कोई नही था, जो चम्पा की देखभाल कर सकें

।दामाद जी ड्यूटी पर चला जाता था। चम्पा घर में अकेली रह जाती थी इसलिए dilvari बच्चे को जन्म देनेके लिए वह अपने मायका हमारे पास चली आई। अपने 3वर्ष की बेटी को लेकर ।

अब हम धीरेधीरे इस दुख से बाहर निकल रहे थे। बेटा चन्दन पूरी तरह से अब दूकान की जिम्मेदारी संभाल लिया था। मैं घर का काम और पति की सेवा में अपना समय बिताने लगी।

चम्पा भी अब हमारी कुछ मदद कर देती थीं।सब कुछ सामान्य होने लगा था तभी एक कि दिन मेरी ननंद जो दूर एक गांव में बिहा कर गई है ,मेरे पति अपने भाई को देखने घर आई थी।

उसने बताया की वह एक नामी बाबा के बारे में सुनी है जो लोगो का दुवा और दवा दोनो से उपचार करता है। लोगो का कहना है की उसने हजारों लकवा पीड़ित मरीज का उपचार किया है।आप लोग भईया को एक बार बाबा को दिखा लाते।

मैने कहा अगर ऐसी बात है तो हम जरुर एक बार उस बाबा जी के आश्रम जाकर चंदन के बापू को दिखा लायेंगे।हमने उस बाबा के बारे में सारी जानकारी पूछ लियाऔर यह भी निर्धारित कर लिया की उसे कब लेकर जाना है।

बहुंत जल्द वह दिन भी आ गया जब हमे चंदन के बापू को बाबा के आश्रम ले जाना था।

एक निजी वाहन किराए पर लेकर मैं और चन्दन मेरे पति को लेकर आश्रम के लिए निकल पड़े।

निर्धारित समय पर हम आश्रम पहुंच गए। वहा जाकर देखा की लोगो की काफ़ी भीड़ लगी है।

काफ़ी दूर दूर से लोग अपनी समस्या लेकर आश्रम पहुंचे थे। बाबा का एक शिष्य आश्रम में आने वाले लोगों का नाम पता और यहां आने का प्रयोजन पूछ रहे थे।

हमने भी अपना आने का प्रयोजन नोट कराया और आश्रम में एक बडा सा हाल बना था जहा सभी लोग बैठे अपने नाम पुकारने के इंतजार कर रहे थे।

नाम पुकारे जाने पर लोग कमरे के अंदर जाते जहा बाबा बैठा लोगो को उनकी परेशानी पूछकर इलाज कर रहा था।

हम भी हमारे नाम पुकारे जाने का इंतजार करने लगे।

वहा पर मौजूद लोग में कै लोग ऐसे थे जो पहली बार यहां आए थे कुछ लोग कई बार यहां पहले भी आ चुके थे। लोग आपस मे चर्चा कर रहे थे।

बाबा जी के इलाज से हमारी पीड़ा दूर हुई कई उसकी महिमा का बखान कर रहे थे। जिसे यहाँ पहली बार आने वाले लोगों के मन में एक उम्मीद दिखाई पड़ रहा था कि वे सही जगह आए है। जहा उनके समस्या का समाधान हो जाएगा।

जब कोई रोगी व्यक्ति बाबा के इलाज से ठीक होने की जानकारी हाल में बैठे लोगों को देते थे तब बाबा के भक्त लोगो द्वारा बाबा की जयकारा लगाया जा रहा था।

कुछ समय बाद बाबा के शिष्य द्वारा मेरे चंदन के बापू का नाम पुकारा गया, हम चंदन के बापू को लेकर कमरे में प्रवेश किए।

कमरे मे बाबा जो काले धोती और कुर्ता धारण किया huwa था। लंबी दाढ़ी जो आधा पक गया था बाल भी कुछ काले एवम सफ़ेद थे उनकी उम्र 60से 65के बीच रही होगी, वह हमे अंदर आता देखकर वहा बिछी चटाई पर बैठने का इशारा किया।

हम लोग चंदन के बापू को बाबा के सामने बिठाकर वहा कोने पर baith गए। बाबा ने मुझसे यहां आने का प्रयोजन और सारी घटना के बारे में पूछा।

मैने बाबा जी को सारी बाते विस्तार से बताया। मैने बाबा से हाथ जोड़कर रोते हुवे कहा बाबा जी मेरे पति को ठीक कर दीजिए। बड़ी उम्मीद लेकर हम यहां आए है।

बाबा जी ने कहा बेटी तुम बिल्कुल ठीक जगह पर आए हो। बाबा के बाजू में पत्थर की एक देवी की मूर्ति थी। उसे देखते हुवे कहा देवी मां के शरण में आने वाला कभी निराश नहीं होता तुम्हारा पति मां की कृपा से जल्दी ठीक हो जायेगा।

इसके लिऐ जो उपाय एवम नियम यहां बताया जाएगा उनका तुम्हे अच्छे से पालन करना होगा।

कमला _बाबा जी आप जो उपाय एवम नियम बताएंगे मैं उसका पालन करूंगी मेरे पति को एक बार ठीक कर दीजिए।

बाबा _बेटी यहां पर दुआ और दवा दोनो से इलाज किया जाता है। मै तुम्हे दुर्लभ जड़ी बूटी एवम भस्म से बना औषधि दूंगा जिसे तुम सुबह शाम एक गिलास दुध में थोडा उबालकर अपने पति को नियमित खिलाना होगा। यह तो है दवा की बात।

अब दुवा के लिए तुम्हे अपने घर में देवी मां की मूर्ति स्थापित करना होगा और मैं एक मंत्र दूंगा जिसे तुम्हे हर रोज सुबह 101बार जाप करना होगा। तुम्हे हर रोज जाप करना होगा। किसी भी कारण से इसे बीच में छोड़ना नही, नही तो परिणाम बुरा भी हो सकता है। क्या तुम कर सकोगी?
आगे अगले अपडेट मे,,,,,
 

Sanju@

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दोस्तों कहानी को आगे बढ़ते हैं

राजेश अपने कमरे में जाकर अपनी मां की आने का इंतजार करने लगा ,वह अपनी मां के बारे में सोचने लगा कि मां कितनी अच्छी है ,मैं उसके बारे में कितना गंदा सोच रखता हूं।
मैं कितना बड़ा लड़का हूं। उसे आत्मग्लानी होने लगा ।
वह बड़ा गंदा फील करने लगा।अपने किए पर उसे पछतावा होने लगा ।

कुछ समय के बाद सुनीता उसके कमरे में गिलास में पानी लेकर दाखिल हुई। इस समय राजेश बेड पर लेटा हुआ था।
सुनीता राजेश के बेड के किनारे पर जाकर बैठ गई ।वह राजेश से बोली, बेटा अभी भी दर्द कर रहा है क्या?
राजेश ने कहां ,मां दर्द कम हो गया है ।

सुनीता ने कहा लो बेटा पानी पीलो तुम्हें प्यास लगी थी ।
राजेश पानी पीने लगा ,अनीता प्यार से राजेश के बालों को सहलाने लगी।

सुनीता ने राजा से कहा ,यह सब मेरे कारण ही हुआ है ।मैं तुम्हारे रूम में पानी रखना भूल गई थी।

राजेश ने कहा ,नहीं मा इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं तुम कितनी अच्छी हो ।मैं बहुत ही गंदा लड़का हूँ,जो तुम्हारे बारे में इतना गंदा सोच रखता हूं ।अगर मैं ऐसा गंदा सोच नहीं रखता तो आज हमारे बीच यह दूरियां नहीं बढ़ती और आज जो हुआ वह नहीं होता ।

राजेश ने कहा माँ मुझे माफ कर दो मैं भटक गया था राजेश रोने लगा।

सुनीता -चलो बेटा तुम्हें यह एहसास तो हुआ कि तुम जो कर रहे थे वह गलत है ।मां बेटा के बीच रिश्तो की एक मर्यादा होती है। हमें इसे नहीं भूलना चाहिए ।

राजेश ने कहा ,मा बिल्कुल ठीक कह रही हो। मा में माफी के लायक तो नहीं लेकिन एक बार मुझे माफ कर दो मैं आपसे वादा करता हूं कि अब मैं ऐसा गलती नहीं करूंगा। और राजेश रोने लगा।

सुनीता ने राजेश को अपने सीने से लगाकर उसके बाल को सहलाते हुए कहा, बेटा जो हुआ उसे भूल जाओ, मुझे खुशी है कि तुम्हें अपनी गलती का एहसास हो गया है।

राजेश ने कहा मां अब मैं ऐसा गलती नहीं करूंगा अब मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे आपको बुरा लगे ।अब मैं पहले वाला राजेश बंनकर दिखाऊंगा।

सुनीता ने कहा इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है कि मुझे मेरा पुराना राजेश वापस मिल जाए ।अब मैं तुमसे नाराज नहीं हूं बेटा ।

परइस उम्र में लड़के अक्सर बहक जाते हैं तुम अपना मन को नियंत्रित करना होगा।

राजेश ने कहा मां अब मैं तुमसे बिना पूछे कोई काम नहीं करूंगा ।

सुनीता ने राजेश को अपने सीने से लगाकर कहा मेरे अच्छे बेटे मुझे तुमसे यही उम्मीद है ।अब तुम आराम करो रात बहुत हो गई है और गुड नाईट बेटा कहकर वह राजेश के कमरे से चली गई ।

राजेश राजेश ने भी कहा ने भी कहा गुड नाइट मॉम ।

सुनीता अपने कमरे में जाकर देखा उसका पति गहरी नींद में सो रहा है, वह भी जाकर लेट गई।

इधर राजेश लेटा ही था कि उसे ख्याल आया कल उसे मैडम सुमन के घर जाना है उसकी चुदाई*** करने ताकि वह मां बन सके ,परंतु उसने मां से यह वादा किया है कि वह ऐसा कोई भी काम नहीं करेगा जिससे उसे दुख पहुंचे। पर मैंने मैडम को भी आने का वादा किया है अब मैं क्या करूं? मुझे मां से इस बारे में बात करना चाहिए। उसे सारी बातें बता देनी चाहिए।
Superb update
 

Sanju@

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राजेश ने सोचा कि उसकी मां सो गई होगी ।उसे मा से कल सुबह बात करना होगा , फिर उसे लगा कि नहीं उसे मां को अभी सारी बातें बता देनी चाहिए ताकि वह सुबह मैडम सुमन को अआने या ना आने की बातें बता सके ।

उसे धोखे में ना रखें और उसने सुनीता को मिस कॉल कर दिया क्या पता अभी भी जग रही हो ।

इधर सुनीता का नींद नहीं लगा था जैसे ही मोबाइल पर कॉल आने की टोन सुनाई बजी उसने मोबाइल उठा कर देखा कि इस वक्त किसने कॉल किया है ।

देखा कि राजेश का मिस कॉल है। उसने राजेश को व्हाट्सएप पर मैसेज किया बेटा क्या बात है? अभी तक सोए नहीं कैसे काल किए थे ।

राजेश ने व्हाट्सएप का मैसेज पढ़ कर अपनी मां को रिप्लाई दिया हां मां मुझे तुमसे कुछ बातें करनी है ।

सुनीता ने मैसेज किया क्या बात है? बेटा बताओ ।

राजेश ने लिखा मा मैं कैसे बताऊं? समझ नहीं आ रहा है ।पता नहीं तुम कैसे रिएक्ट करोगी।

सुनीता -बेटा तुम संकोच न करो जो भी बातें हैं बताओ ।

राजेश ने कहां मां क्या तुम मेरे कमरे में आ सकती हो मुझे तुमसे कुछ बातें करनी है।

सुनीता ने लिखा बेटे रात बहुत हो गई क्या बहुत जरूरी बातें हैं। तुम व्हाट्सएप पर ही नहीं बता सकते ।

राजेश-ठीक है मां मैं तुमसे कल सुबह बात करूंगा इतनी जरूरी भी नहीं है ।ओके गुड नाइट मॉम ।

और राजेश ने मोबाइल रख दिया कि वह कल मा से बात करेगा।

इधर सुनीता बेचैन हो गई आखिर राजेश को मुझे क्या बातें करनी है ।उसे नींद नहीं आ रही थी फिर उसने सोचा कि मुझे राजेश के कमरे में जाकर उनसे पूछना चाहिए हो सकता है। उसे कुछ जरूरी बातें करनी हो ।

उसने अपने पति की और देखा वह गहरी नींद में सो रहा था सुनीता अपने बेड से उठी और अपने कमरे से निकल कर राजेश के कमरे की ओर जाने लगी ।

राजेश का कमरे का दरवाजा खुला था। सुनीता उसके कमरे में आ गई और राजेश से बोली बेटे सो गए क्या ?

मां की आवाज सुनकर राजेश चौक गया।

मां तुम ।

सुनीता राजेश के बेड के किनारे जाकर बैठ गई वह राजेश से बोली बेटा तुम्हें कोई जरूरी बातें करनी थी मुझे बताओ क्या बात है कुछ बताना था ।

मा मैडम सुमन के बारे में

सुनीता ने कहा बेटा वही तुम्हारी केमिस्ट्री टीचर

हां मां

क्या बात है बेटा बताओ मुझे ।

मां तुम्हें तो पता है कि मैं उसके पास केमिस्ट्री में कुछ टॉपिक पर समझना न बन पाने के कारण शाम को उसके घर पढ़ने जा रहा था ।

हां बेटा ।

वह मैडम सुमन बहुत दुखी है उसके पति ने मुझे बताया कि उनके शादी को हुए कई साल हो गए पर सुमन मा नहीं बन पा रही है ।

डॉक्टर से चेकअप कराने के बाद पता चला कि कमी उसके पति में ही है उसके पति बाप नहीं बन सकता

आगे बोलने मे राजेश संकोच करने लगा वह आगे नहीं बता पा रहा था तब उसकी मां ने कहा बेटा संकोच न करो सॉरी बातें बताओ।

राजेश ने अपनी मां से सँकोच करते हुए कहा ।उनहे सीमेंन टेस्ट से पता चला कि उसके वीर्य में शुक्राणु कम है।

जिसके कारण वह सुमन को मा नहीं बन सकता सुमन न की इच्छा थी कि उनका भी एक बच्चा तुम्हारी तरह होनहार हो जो हर क्षेत्र में आगे हो।

सौरभ अंकल चाहते है कि सुमन को मां बनने में उनकी मदद करूं ताकि मैडम सुमन को भी मां का सुख प्राप्त हो सके।

इनमें उन दोनों की सहमति है मुझे मैडम सुमन की दुख नहीं देखा गया और उसे मैंने हां कह दिया ।

सौरभ अंकल चाहते हैं कि कल से इसकी शुरुआत करे, सोनोग्राफी से उन्हें पता चला है कि गर्भधारण के लिए कल से चार-पांच दिन तक का समय उपयुक्त है ।
मैडम के पति ने मुझे बहुत निवेदन किया ।मैंने कहा कि क्या मैडम भी यही चाहती है तो उसके पति ने कहा हां उनकी भी यही इच्छा है कि वह तुमसे मा बने ।

मैने मैडम की ओर देखा। मैडम की आंखों में भी मैंने निवेदन पाया, पर वह मुंह से बोलने में संकोच कर रही थी।

मैडम सुमन की दुख को देखकर मैंने हां कह दिया ,पर मैंने तुमसे वादा किया है कि मैं ऐसा कोई भी काम नहीं करूंगा जिससे तुम्हें दुख हो इसलिए तुम्हें सारी बातें बताना जरूरी समझा।

अब तुम बताओ कि मुझे क्या करनी चाहिए कल मैडम के घर जाना चाहिए कि उन्हें मनाकर दूं।

राजेश की बातों को सुनकर सुनीता सच में पड़ गई वह राजेश से बोली .....
Nice updates
 

Ek number

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चन्दन की मां कमला, भगत को अपनी आप बीती सुना ने लगी कि किस तरह वह अपने बेटे से शारीरिक संबंध बनाने मजबूर हो गई। उसने को भी बताया वृत्तांत निम्नानुसार हैं __

बात आज से चार साल पहले की है, हमारे परिवार में पांच सदस्य हैं। उस समय मेरा पति श्यामलाल 48वर्ष, मै कमला 44 वर्ष, मेरी बड़ी बेटी चंपा 25वर्ष, छोटी बेटी चंचल 22वर्ष और सबसे छोटा चन्दन जिसकी उम्र उस समय 18वर्ष की थी।

बड़ा खुशहाल परिवार था हमारा घर में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं थी। मेरा पति गांव में किराना दुकान चलाता था। जिससे अच्छी आमदनी होती थी।मेरी दोनो बेटियों की शादी हो चुकी थी वे अपने ससुराल में रहते थे, बड़ी बेटी चम्पा की 3वर्ष की एक बच्ची भी थी।


घर में अब हम पति पत्नी और मेरा बेटा चन्दन ही रह रहे थे। चन्दन 12 वी कक्षा पास कर लेने के बाद पढ़ाई बंद कर ,किराना दूकान में अपने पिता का हांथ बटाने लगा था। सब कुछ कुशल मंगल पूर्वक चल रहा था कि तभी किसी की बुरी नजर हमारे परिवार पर लगी।

मेरे पति अक्सर दूकान में समान खतम हो जाने पर,अपने मोटर साइकिल से ,पास के शहर जाकर किराना सामान लाता था।एक दिनमेरा पति किराना सामान लाने अपने मोटर साइकिल से पास के शहर गया था।

वह सामान मोटरसाइकल में लादकर गांव आ रहा था। सामान ओवरलोड हो गया था। रास्ते ट्रक गुजरने पर वह मोटर साइकिल को कंट्रोल नही कर पाया और वह मोटर साइकिल से सामान सहित गिर पड़ा।उसके सिर पर चोट लगी, वह उठ नही पाया।

गांव का एक पड़ोसी शहर जा रहा था। उसने मेरे पति को पहचान लिया ।उसनेफोन द्वारा हादसे की जानकारी मेरे बेटे को दिया।

हम लोग चन्दन के बापू को,लोगो की मदद से पास के शहर के हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले गए।

डॉक्टरों द्वारा चेकअप से पता चला की मेरे पति के सिर पर अंदरूनी चोंट लगी है जिसके कारण उसका एक हांथ और पैर काम नही कर पा रहा।

डॉक्टरों ने अपने ओर से पुरी कोशिश की परंतु। मेरे पति के स्थिति में कोई सुधार नहीं आया तब डॉक्टरों ने उसे बड़े हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी।

डॉक्टरों के सलाह के अनुसार हम उसे बड़े शहर में डॉक्टरों द्वारा बताए हॉस्पिटल में एडमिट करा दिए।चन्दन के पिता करीब एक माह तक उस हॉस्पिटल में एडमिट रहा।

उसके हांथ एवम पैर में थोडा मूवमेंट जरुर आया लेकिन अभी भी स्वयं खड़ा हो पाने की स्थिति में नही आया था। डॉक्टरों ने कहा कि आप इन्हे घर ले जाए इनके लिए दवाई लिख रहे हैं जो नियमित रूप से खिलाते रहना होगा जिससे इनकी स्थिति में सुधार होता जाएगा।

इस प्रकार हम लोग चन्दन के पिता जी को घर ले आये एवम डॉक्टर के द्वारा दिए गए दवाई को नियमित रूप से खिलाते रहे।मेरे पति के स्थिति में कुछ सुधार भी huwa,अब वह उठकर बैठ सकता था। उसके पैर में काफ़ी सुधार huwa था पर हांथ कि स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं huwa था।

इस तरह10माह गुजर गए।इसी बीच मेरी बड़ी बेटी चम्पा जो इस समय 8माह की पेट से थी। वह dilwari के लिए अपनी मायका चली आई क्यू की उनकेससुराल में कोई नही था, जो चम्पा की देखभाल कर सकें

।दामाद जी ड्यूटी पर चला जाता था। चम्पा घर में अकेली रह जाती थी इसलिए dilvari बच्चे को जन्म देनेके लिए वह अपने मायका हमारे पास चली आई। अपने 3वर्ष की बेटी को लेकर ।

अब हम धीरेधीरे इस दुख से बाहर निकल रहे थे। बेटा चन्दन पूरी तरह से अब दूकान की जिम्मेदारी संभाल लिया था। मैं घर का काम और पति की सेवा में अपना समय बिताने लगी।

चम्पा भी अब हमारी कुछ मदद कर देती थीं।सब कुछ सामान्य होने लगा था तभी एक कि दिन मेरी ननंद जो दूर एक गांव में बिहा कर गई है ,मेरे पति अपने भाई को देखने घर आई थी।

उसने बताया की वह एक नामी बाबा के बारे में सुनी है जो लोगो का दुवा और दवा दोनो से उपचार करता है। लोगो का कहना है की उसने हजारों लकवा पीड़ित मरीज का उपचार किया है।आप लोग भईया को एक बार बाबा को दिखा लाते।

मैने कहा अगर ऐसी बात है तो हम जरुर एक बार उस बाबा जी के आश्रम जाकर चंदन के बापू को दिखा लायेंगे।हमने उस बाबा के बारे में सारी जानकारी पूछ लियाऔर यह भी निर्धारित कर लिया की उसे कब लेकर जाना है।

बहुंत जल्द वह दिन भी आ गया जब हमे चंदन के बापू को बाबा के आश्रम ले जाना था।

एक निजी वाहन किराए पर लेकर मैं और चन्दन मेरे पति को लेकर आश्रम के लिए निकल पड़े।

निर्धारित समय पर हम आश्रम पहुंच गए। वहा जाकर देखा की लोगो की काफ़ी भीड़ लगी है।

काफ़ी दूर दूर से लोग अपनी समस्या लेकर आश्रम पहुंचे थे। बाबा का एक शिष्य आश्रम में आने वाले लोगों का नाम पता और यहां आने का प्रयोजन पूछ रहे थे।

हमने भी अपना आने का प्रयोजन नोट कराया और आश्रम में एक बडा सा हाल बना था जहा सभी लोग बैठे अपने नाम पुकारने के इंतजार कर रहे थे।

नाम पुकारे जाने पर लोग कमरे के अंदर जाते जहा बाबा बैठा लोगो को उनकी परेशानी पूछकर इलाज कर रहा था।

हम भी हमारे नाम पुकारे जाने का इंतजार करने लगे।

वहा पर मौजूद लोग में कै लोग ऐसे थे जो पहली बार यहां आए थे कुछ लोग कई बार यहां पहले भी आ चुके थे। लोग आपस मे चर्चा कर रहे थे।

बाबा जी के इलाज से हमारी पीड़ा दूर हुई कई उसकी महिमा का बखान कर रहे थे। जिसे यहाँ पहली बार आने वाले लोगों के मन में एक उम्मीद दिखाई पड़ रहा था कि वे सही जगह आए है। जहा उनके समस्या का समाधान हो जाएगा।

जब कोई रोगी व्यक्ति बाबा के इलाज से ठीक होने की जानकारी हाल में बैठे लोगों को देते थे तब बाबा के भक्त लोगो द्वारा बाबा की जयकारा लगाया जा रहा था।

कुछ समय बाद बाबा के शिष्य द्वारा मेरे चंदन के बापू का नाम पुकारा गया, हम चंदन के बापू को लेकर कमरे में प्रवेश किए।

कमरे मे बाबा जो काले धोती और कुर्ता धारण किया huwa था। लंबी दाढ़ी जो आधा पक गया था बाल भी कुछ काले एवम सफ़ेद थे उनकी उम्र 60से 65के बीच रही होगी, वह हमे अंदर आता देखकर वहा बिछी चटाई पर बैठने का इशारा किया।

हम लोग चंदन के बापू को बाबा के सामने बिठाकर वहा कोने पर baith गए। बाबा ने मुझसे यहां आने का प्रयोजन और सारी घटना के बारे में पूछा।

मैने बाबा जी को सारी बाते विस्तार से बताया। मैने बाबा से हाथ जोड़कर रोते हुवे कहा बाबा जी मेरे पति को ठीक कर दीजिए। बड़ी उम्मीद लेकर हम यहां आए है।

बाबा जी ने कहा बेटी तुम बिल्कुल ठीक जगह पर आए हो। बाबा के बाजू में पत्थर की एक देवी की मूर्ति थी। उसे देखते हुवे कहा देवी मां के शरण में आने वाला कभी निराश नहीं होता तुम्हारा पति मां की कृपा से जल्दी ठीक हो जायेगा।

इसके लिऐ जो उपाय एवम नियम यहां बताया जाएगा उनका तुम्हे अच्छे से पालन करना होगा।

कमला _बाबा जी आप जो उपाय एवम नियम बताएंगे मैं उसका पालन करूंगी मेरे पति को एक बार ठीक कर दीजिए।

बाबा _बेटी यहां पर दुआ और दवा दोनो से इलाज किया जाता है। मै तुम्हे दुर्लभ जड़ी बूटी एवम भस्म से बना औषधि दूंगा जिसे तुम सुबह शाम एक गिलास दुध में थोडा उबालकर अपने पति को नियमित खिलाना होगा। यह तो है दवा की बात।

अब दुवा के लिए तुम्हे अपने घर में देवी मां की मूर्ति स्थापित करना होगा और मैं एक मंत्र दूंगा जिसे तुम्हे हर रोज सुबह 101बार जाप करना होगा। तुम्हे हर रोज जाप करना होगा। किसी भी कारण से इसे बीच में छोड़ना नही, नही तो परिणाम बुरा भी हो सकता है। क्या तुम कर सकोगी?
आगे अगले अपडेट मे,,,,,
Nice update
 

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कमला ने बाबा से कहा बाबा जी आप जो उपाय एवम नियम बताएंगे उसे मैं पूरे सिद्दत एवम ईमानदारी से पूरी करूंगी बस किसी भी तरह मेरे पति को ठीक कर दीजिए।

बाबा ने अपने शिष्य को आवाज़ लगाया और उनको कुछ कहा। शिष्य ने कुछ देर बाद कुछ सामग्री लेकर आया।

बाबा ने ये लो बेटी इस पैकेट में वह दुर्लब जड़ी बूटियों से बनी औषधि है जिसे तुम्हे रोज अपने पति को दूध में उबालकर देनी है और एक कागज की पर्ची है जिसमे पूजन सामग्री लिखी है जिसकी व्यवस्था तुम्हें करके रखनी होगी, मेरा एक शिष्य तुम्हारा घर जायेगा। वह तुम्हारे घर में मूर्ति स्थापित करेगा। आगे पूजा पाठ की विधि भी तुम्हें मेरा शिष्य बता देगा।

अब आप लोग जाइए देवी मां की कृपा से सब ठीक हो जायेगा।

उसके बाद हम लोग बाबा से आशीर्वाद प्राप्तकर चंदन के बापू को आश्रम से घर ले आए।

घर आने के बाद चम्पा के पूछने पर आश्रम में क्या क्या huwa उसकी जानकारी मैने उसे दे दी। और चन्दन को बाबा द्वारा दी गई पर्ची में लिखी पूजन सामग्री शहर जाकर लाने को कह दिया।

चंदन पूजन सामग्री लेकर आ गया। अगले दिन बाबा का शिष्य शाम को घर पहुंच गया।

उसने कहा कि आप लोग पूजन सामग्री की व्यवस्था कर लिऐ है ना। मैने बाबा जी के शिष्य को हा कहा।

शिष्य ने बताया की मूर्ति की स्थापना हमे कल सुबह पांच बजे करनी होगी। आपके पूजन कछ कहा पर है मैं देख लू।

शिष्य पूजन कक्ष का मुआयना करने लगा, और पूजन कक्ष की साफ सफाई करने और कुछ आवश्यक बदलाव करने का निर्देश दिया मैने उनके निर्देशों का पालन किया।

बाबा के शिष्य ने कहा की आप को कल सुबह 4बजे उठ जाना है और शरीर की अच्छे से सफाई कर नहाकर जो पीला साड़ी पूजन सामग्री में लिखा है उसे पहनना है उस साड़ी के अलावा तुम्हें और कोई वस्त्र नही पहनने है।

आगे क्या करने है, कल सुबह बताऊंगा।

हमने एक कमरे में बाबा के शिष्य के लिए आराम करने की व्यवस्था कर दी।

अगली सुबह हम सब 4बजे उठ गए। घर के पीछे बाड़ी में कुआ थावहा जाकर मैने शरीर की अच्छे से सफाई की और स्नान कर ली मेरे बाद बारी बारी चंदनऔर चंपा भी स्नान कर नए कपड़े धारण कर लिए। मैने उनके कहे अनुसार वह पीली साड़ी धारण कर ली उसके अलावा ओर कोई वस्त्र नही पहने। बाबा तो पहले ही उठकर स्नान कर लिऐ थे।

मुझे थोडा सबके सामने जाने में थोडा शर्म जरुर महसूस हो रही थीं।लेकिन मुझे उनके निर्देशों का पालन करना था तो मैं तैयार होकर पूजा रूम मे चली गई।

बाबा का शिष्य पहले ही तैयारी कर वहा बैठा था।
बाबा जी का शिष्य एक मूर्ति लेकर आया था जो पत्थर का बना लग रहा था मूर्ति ज्यादा बड़ी नही थी।

मूर्ति किसकी थी मैं नही जानती लेकिन बाबा नेके आश्रम में जो मूर्ति थी यह उससे मेल खा रहि थी।

शिष्य ने उस मूर्ति को लकड़ी के पाट पर एक लाल कपड़ा बिछा कर उसके ऊपर स्थापित कर दिया।
मूर्ति के सामने एक लोटे के उपर बड़ी सी मिट्टी की दिया जला दिया।

मूर्ति की ओर मुंह करके बैठने का निर्देश दिया। और बाल खुला छोड़ने को कहा। मैने उनके निर्देशों का पालन किया।
चंदन और चंपा भी स्नान कर पूजा रूम मे आकर मेरे पीछे बैठ सारी गतिविधियां देख रहें थे।

लाए हुवे पूजन सामग्री से मूर्ती कि पूजा कराते हुए।मुझे समझाने लगा और याद रखने के लिऐ कहा कि आगे तुम्हें हर रोज अकेले ही पूजन कर मंत्र जाप करना होगा।

पूजा खत्म होने के बाद उसने एक मंत्र का उच्चारण किया और मुझे दोहराने के लिए कहा। मैने उनके निर्देशों का पालन किया।

अब उसने कहा की इस मंत्र का जाप तुम्हें तुम्हें हर रोज सुबह इसी समय पीली साड़ी धारण कर 101बार करनी होगी। पूजामें किसी प्रकार विघ्न नही आनी चाहिए। किसी भी हालत में पूजा पाठ और मंत्र जाप रुकना नहीं चाहिए। नही तो देवी मां नाराज भी हो सकती है।

अच्छे के बजाए बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते है।

मैने उनसे कहा की आपके निर्देशों का सह अक्षर पालन करूंगी। मै पुरी कोशिश करूंगी की किसी प्रकार की कोई चूक न हो।

बाबा के शिष्य ने कहा की अगर कोई समस्या आए तो मुझे फ़ोन पर काल करना। उसका समाधान बाबा जी से पूछ लेना।

कमला _जी बाबा जी,,,,,,,

आगे अगले अपडेट पर ___
 

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चंदा भगत के land के पानी को अपने मुंह में भर रखी थी फिर जब भगत अपने आंखें खोला और चंदा की ओर देखा, चंदा ने land का पानी अपने हाथ अपने हाथ पर उगल कर भगत को दिखाने लगीं।

।चंदा _देखो तुम्हारा land ka पानी।

भगत अपने पानी को अपने उंगली से छूकर देखने लगा और बोला भौजी ये तो काफ़ी चिकना, चिपचिपा और गाड़ा है। इससे अलग ही गंध आ रही है।

चंदा _इसका गंध तो औरतों को मदहोश कर देती है। यही जब औरत के कोख में जाती है तो वह मां बनती है।
भगत _क्या इससे औरते मां बनती हैपर कैसे?।

चंदा _ये land ka पानी कोई साधारण पानी नहीं है। ये पुरुषों का बिज है। इसे वीर्य भी कहते हैं। जब पुरुष अपना बीज औरतों के कोख में छोड़ता है तो औरत पेट से हो जाती है और 9माह बाद बच्चे को जन्म देती है।

भगत _पर, भौजी ये औरतों के कोख में जाता कैसे है? क्या औरते इसको पीते हैं?
चंदा _अरे तू तो पुरा बुद्धू है! क्या तुम किसी कुत्ते को किसी kutiya के उपर चढ़ा huwa नही देखा।

भगत _हा भौजी देखा है। कुत्ता तो अपना नुनु निकालकर kutiya की पिछवाड़े में डालकर खूब धक्का मारता है।

चंदा _अरे बुद्धू कुत्ता धक्के मारकर अपना बीज kutiya के अन्दर छोड़ता है जिससे वह मां बनती है।

भगत _तो क्या? पुरुष भी औरतों के अन्दर उसके पिछवाड़े में धक्का मारकर अपना बीज छोड़ता है।

चंदा _उसके पिछवाड़े में नही उसकेउसके boor में।
तुमने किसी औरत की boor देखी है।

भगत _वही न जिससे औरते पेशाब करती है।

चंदा _हा वही, सही पकड़े।

भगत _नही भौजी अभी तक नहीं देखी। मुझे अपनी boor दिखाओ ना, आखिर मैं भी तो अपना नुनु दिखाया है।

चंदा _अच्छा फिर boor देखकर क्या करेगा?

भगत _उसे देखूंगा कि आखिर ओ दिखता कैसे हैं।

चंदा _लो कर लो अपनी मुराद पूरी। देख लो अपनी भौजी की बुरिया।
चंदा खाट पर लेट गईं और अपनी साड़ी और पेटीकोट उपर उठाकर अपनी कच्छी नीचे सरका दी।
जिससे उसकी chut भगत के सामने आ गया।

चंदा की गोरी गोरी फुली हुई चिकनी chut को देखते ही भगत का land fir से लुल्ली से land ban गया।

भगत नीचे झुककर चंदा की boor को देखने लगा।
भगत _भौजी आपकी boor तो बहुंट सुंदर है।
क्या इसी से पुरुष अपना land का पानी औरत के अन्दर डालता है।

चंदा _हू।

भगत_पर भौजी इससे तो औरते मूतती है न।

चंदा _सिर्फ मूत ती ही नहीं इससे,land ka pani अन्दर जाता है और बच्चा इसी से बाहर आता है।

भौजी क्या मैं इसे छूकर देखू।

चंदा _कर लो अपनी मुराद पूरी।

भगत _चंदा के boor को से छूकर देखने लगा।chut ke उठे भाग को जब भगत अपने उंगली से सहलाया तो चंदा सिसक उठी।
भगत _क्या huwa भौजी काहे सिसक रही हो।

भगत _अभी तुमने जिसे छुआ उसे boor की भग्नाशा कहते हैं जब कोई पुरुष उसको छूता है तो औरत के शरीर में करेंट लगता है। इसका शरीर गरम होने लगता है। जिससे औरत के muh से सिसकारी निकलने लगती है।

भगत _kya मै इसे अच्छे से सहलाऊ ।

चंदा _जैसी तुम्हारी मर्जी।

अब भगत अपने हाथों से चंदा के boor ko अच्छे से सहलाने लगा उसे अपने ऊंगली से कुरेदने लगा जिससे चंदा के मुख से कामुक सीत्कारी निकलने लगी।

भगत समझ गया की ऐसा करने से भौजी को मजा आ रहा है। इधर चंदा बहुन्त गर्म हो गई थी।

वह भगत से बोली सिर्फ सहलाता रहेगा कि कुछ करेगा भी।

भगत_भौजी और क्या करू।

चंदा _अरे वही जो एक मर्द औरत के boor ke साथ करता है।
भगत_बताओ न भौजी और क्या करू?

चंदा _अरे मैने तेरा land चूस कर मज़ा दिया था ना। वैसे ही पुरुष चाहे तो boor चांटकर, उसे चूसकर औरत को मजा दे सकता है।

भगत _भौजी मै भी तुम्हारा boor चांटू ।

चंदा _अगर तुमे अच्छा लगे तो!

भगत अपना मुंह चंदा के chut ke paas ले गया और उसे अपना जिब निकलकर चाटने लगा।

भगत के ऐसी हरकत से चंदा सातवे आसमान में पहुंच गई और जोर जोर से सिसकने लगीं।

भगत समझ गया कि भौजी को बहुत मजा आ रहा है। वह और जोर जोर से boor चाटने लगा। चंदा के boor se pani बहने लगा।

भगत _ये क्या भौजी तुम तो मूतने लगी?

चंदा _अरे ये मूत नही है ये chut रस है जो औरत को मजा आने पर अपने chut se बहाने लगती है। अब बाते कम करो और जोर जोर से चांटो मुझे बहुंत मजा आ रहा है।

भगत जोर जोर से चंदा के chut ko चाटने एवम चूसने लगा। जिससे चंदा बर्दास्त न कर सकी।
वह दोनो हाथों से भगत के सर को पकड़कर दबा दिया ओर जोर जोर से सिसकारी मारते huwe झड़ने लगी।
Wonderful update.
 
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चंदा जब झड़ गई तब वह कुछ समय बाद भगत से बोली भगत अब बस करो मैं झड़ गई।भगत ने chut चांटना बंद कर दिया। और बोला क्या huwa भौजी अब मजा नही आ रहा क्या?चंदा_जैसे तुम्हरा पानी निकलने के बाद तुम सुस्त पड़ गए थे वैसे ही औरतों के झड़ने के बाद वह भी सुस्त पड़ जाती है। औरतों को थोडा आराम देना चाहिए।भगत_भौजी देखो न मेरा नुनु तो फिर फिर से फूलकर खड़ा हो गया है।चंदा अपनी आंखें खोलकर भगत की land की ओर देखा।चंदा _हाय दईया तेरा तो फिर खड़ा हो गया रि।भगत _भौजी इसे चूसकर फिर से इसका पानी निकालो ना। बड़ा मजा आया था।
चंदा _अरे बहुत देर हो गई है कही कोई जग गया तो, मुसीबत हो जायेगी। अब चलो चलते हैं।

भगत _भौजी, इसका पानी पहले निकालो तभी मैं जाऊंगा। भले ही कोई आ जाए।

चंदा _तू बड़ा जिद्दी है, मानेगा नही।

ला इधर चूस दू। और वह खाट से उठकर बैठ गई।

भगत अपना अपना land अपने हाथो से पकड़ कर चंदा के मुंह के सामने ले गया।

चंदा फिर से उसका land मुंह में लेकर चूसने लगी।

तभी भगत का ध्यान चंदा का चूची मसलने का huwa वह चंदा के चूची को पकड़ कर मसलने लगा।
जिससे चंदा फिर गरम हो ने लगी।

भगत चूची मसलकर थोडा झुककर उसे पीने भी लगा जिसका असर चंदा पर ये huwa की वह फिर गर्म हो गई। उसके chut se फिर पानी रिसने लगा।

चंदा ने भगत से कहा तू अभी झड़ा है चुसने से जल्दी झड़ेगा नही एक काम कर तू अपना ये land मेरे boor pe डालकर धक्के मार जिससे तू जल्दी झड़ेगा और वह खाट पे फिर लेट गई और अपने दोनो टांगे चौड़ी कर दी।

भगत _भौजी क्या ऐसा करने से मैं जल्दी झड़ जाऊंगा।

चंदा _हा और एक काम कर अपना पैंट और अंडरवियर दोनो निकाल देताकि तुम्हे डालने में कोई परेशानी न हो।

भगत ने अपना pent और अंडर वियर निकाकर नीचे से नंगा हो गया। और खाट पे चढकर चंदा के फैली हुई टांगो के बिच में जाकर बैठ गया।

चंदा अपने boor ke दोनो फांकों को अपने हाथो से फैलाकर कहा लो अब डाल दो मेरे boor के छेद में। अपना land

भगत चंदा के boor के छेद को देखा और बोला, भौजी तुम्हारा boor का छेद तो छोटा है मेरा लैंड काफ़ी मोटा है अन्दर जायेगा कैसे।

चंदा _ हस्ते हुए बोली,यही तो खासियत है boor की ये दिखने में छेद छोटी पर बडा सा बड़ा land ko निगल जाती है। जब इतना बड़ा बच्चा बाहर आ जाती है तो ।
भगत _हा भौजी मुझे तो यकीन नहीं हो रहा हैं कि इतनी छोटी छेद से बच्चा बाहर कैसे आता होगा।

चंदा _अब ज्यादा बाते न कर जल्दी chut के छेद में land रख के धक्के लगा। फिर देख boor का कमाल।

भगत अब अपने हाथों से land ko पकड़ कर उसका टोपा boor के छेद में रखकर उसे आगे धकेला।land ka दबाव boor पर पड़ते ही टोपा boor के अन्दर चला गया।



चंदा _अब थोडा जोर लगा के धक्का दे।

भगत एक जोर का धक्का boor pe mar land चंदा के boor को चीरता huwa आधा घुस गया।
चंदा के मुंह से चीख निकल गई।

भगत _क्या huwa भौजी दर्द हो रहा है क्या? क्या land बाहर निकाल दू।

चंदा नही रि इसे बाहर न निकालना, इतना मोटा land अंदर जायेगा तो थोडा दर्द तो होगा ही। अब धीरे धीरे अन्दर बाहर कर।

भगत ने अब land ko boor में धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया।
Chut गीला होने के कारण land dhire dhire boor me और अन्दर चला गया और एक समय ऐसा आया ki भगत ने देखा पुरा land chut ke अंदर समा गया है।

भगत _भौजी ये तो कमाल हो गया तुम्हारा boor to मेरा पुरा land ही निगल गई।

चंदा _मैना कहा था न ये बड़ी कमाल की चीज है।

भगत _भौजी chut के अन्दर तो काफ़ी गर्मी महसूस हो रही है।

चंदा _हा re , अब इस boor में लगी आग को अपने hand पंप के पानी से बुझा दे। अब जल्दी जल्दी hand पंप को चला जिससे तुम्हारा hand pump का पानी बाहर निकल कर मेरी boor की गर्मी और प्यास दोनो शांत हो सके।

भगत अब अपना land को आगे पीछे करते हुए उसे boor के अन्दर बाहर करने लगा जिससे भगत को एक नया मजा आने लगा।

चंदा ने भगत के हाथ को अपने चूची पर रख दिया।

भगत अब चंदा के चूची को मसलते हुवे land ko boor me अंदर बाहर करने लगा।
जिससे चंदा को बहुत मजा आने से अपने मुंह से सिसकारी निकालने लगी।

भगत _कैसा लग रहा है भौजी, मजा आ रहा है न।

चंदा_हा re ऐसा ही पेलता रह।

भगत _भौजी, मुझे भी बहुत मजा आ रहा है land ko तुम्हारे boor में डालने में।

धीरे धीरे भगत अपने गति बड़ाने लगा।l आनंद के मारे चंदा अपने आंखें बन्द कर ली उसके chut se लगातार रस बहने लगा जिससे land काफी गीला हो गया और land अंदर डालने पर fuch fuch की आवाज़ आने लगा,land बिना किसी रुकावट के chut me अंदर बाहर होने लगा।

भगत को ऐसा सुख पहली बार मिल रहा था वह पूरे जोश में आकर चंदा को जोर जोर से पेलने लगा। कमरे में कई प्रकार की कामुक आवाजे गूंजने लगी।

चंदा की सिसकने की आवाज़। खाट की चर चर बजने की आवाज़। चंदा की चूड़ियों कि खन खन खन खन खनकने की आवाजे। और land का boor में अंदर बाहर हो ने से fuch fuch guch guch की आवाज़ कमरे मे एक साथ गूंजने से कमरे का माहौल अत्यंत कामुक हो गया।

चंदा तो अपना सुध बुध खो बैठी chudai ka ऐसा मजा तो उसे चन्दन से आज तक नही मिला था। जो उसे अभी मिल रहा था वह भगत से चीखते हुवे बोली, भगत और जोर जोर से चोदो मुझे मेरा आने वाला है।

भगत भी जन्नत में पहुंच गाया था, वह भी स्खलन के काफ़ी करीब था। वह चंदा को और जोर जोर से चोदने लगा, पर अब वह बर्दास्त न कर सका और चंदा के कमर को पकड़ कर अपने land se सटा कर लंबी लम्बी पिचकारी मारते हुवे झड़ने लगा।

वीर्य के गर्भसाय में जाते ही उसके गर्म एहसास पाकर चंदा भी अपने को न रोक सकी और वो भी भगत को जोर से जकड़कर झड़ने लगी।
Woww Chanda bilkul meri chhoti massi ki tarah hai jisne mujhe chudai ka path padhaya tha.
 
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