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Incest यह क्या हुआ

Sanju@

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सुनीता ने राजेश से कहा देखो बेटा किसी की मदद करना अच्छी बात है ,लेकिन इस प्रकार की मदद में तुम आगे चलकर बहुत बड़ी मुसीबत में फंस सकते हो।

मैं नहीं चाहता कि तुम किसी मुसीबत में फसो। वे किसी दूसरे से भी मदद ले सकते हैं तुम उन लोगों को साफ इनकार कर देना ।

तुम उन लोगों को बोल देना तुम उन लोगों की कोई मदद नहीं कर सकते और कल से उनके हैं यहां जाना मत ,अगर तुम मेरे अच्छे बेटे हो तो मेरा कहना मानना होगा ।

राजेश ने कहा ,मैं तुम्हारा अच्छा बेटा बनूंगा मां मुझे तुम पर पूरा भरोसा है कि तुम मेरे हित के बारे में ही बातें करोगी और जो मेरे लिए अच्छा होगा तुम वही करोगी ।मैं उन लोगों को मना कर दूंगा ।

सुनीता राजेश से कहा मुझे तुमसे यही उम्मीद थी बेटे। मेरे भरोसे को बनाए रखना ।

राजेश ने कहा ठीक है मां ,अब तुम अपने कमरे में जाकर आराम करो रात बहुत हो गई है मेरे तरफ से चिंता ना करना।

सुनीता ने कहा गुड नाईट बेटा ,तुम भी सो जाओ ।
और सुनीता वहा से चली गई।

रात में सुनीता को नींद नहीं आई ,वह दिन भर आज की घटनाक्रम को याद करती रही ।
कब सुबह हुआ उसे पता ही नहीं चला ।

सुबह उठकर राजेश जिम जाने के लिए तैयार हो गया उसकी मां किचन मेंकाम कर रही थी।

वह किचन के अंदर गया और पीछे से सुनीता को हज कर लिया उसने सुनीता को गुड मॉर्निंग बोला

सुनीता ने भी रिप्लाई दिया गुड मॉर्निंग बेटे ।रात में नींद कैसे रही सोया कि नहीं

राजेश ने कहा काफी लेट सोया, उसने अपनी मां से कहा , मां आपको नींद आई कि नहीं ।

सुनीता ने झूठ कहा ,अच्छी नींद आई ,जो मुझे पुराना राजेश जो मिल गया ,मां का आज्ञाकारी बेटा ।

और दोनों मुस्कुराने लगे राजेश ने सुनीता को लव यू मां कहा ।

सुनीता ने भी लव यू बेटा कहां ।

राजेश ने मा से कहा अच्छा मैं जिम के लिए निकलता हूं ।

सुनीता ने कहा ठीक है बेटा ।

राजेश जिम चला गया ,कुछ समय के बाद उसे सौरभ का फोन आया राजेश कैसे हो ।

राजेश ने कहा ठीक हूं, सर आप कैसे हैं ?सौरभ ने कहा मैं भी अच्छा हूं तो आज शाम को आ रहे हो ना तुम्हारी मैम पूछ रही है ।

राजेश ने कहा मुझे माफ करना सर मैं नहीं आ पाउंगा।

सौरभ ने कहा राजेश यह तुम क्या कह रहे हो।सुमन का दिल टूट जाएगा ।कुछ बात हो गई क्या ?कल तो तैयार थे !

हां सर कल मैं तैयार था पर आज नहीं राजेश ने कहा।

सौरभ _क्या हुआ कुछ बात है क्या ।

राजेश हां सर मैंने सारी बातें अपनी मां को बता दिया। क्योंकि यदि इन के बारे में मां को कभी पता चला तो काफी दुख होता और मैं नहीं चाहता कि मां को मेरे कारण दुख पहुंचे ।

मां ने मुझे आप लोगों की मदद करने से साफ इनकार कर दिया , उनका कहना है कि मैं आगे चलकर बड़ी मुसीबत में फस सकता हूं और वह नहीं चाहती कि मैं किसी मुसीबत में फसू।

उसने मुझे आपके यहां जाने से, आप लोगों की मदद करने से साफ मना कर दिया ।

राजेश तुम यह क्या कह रहे हो मैं यह बात सुमन से कैसे कहूं ?उसने कितने अरमान सजो ए थे ,जब तुमने हां कहा था

!राजेश ने कहा मुझे भी बहुत दुख है सर पर मैं कुछ नहीं कर सकता ,हां एक उपाय हो सकता हैं ।

आप लोग मेरी मां से मिलकर इस बारे में बात करो ।
वह दिल की बहुत अच्छी है ।शायद वह मान भी जाए।

सौरभ ने कहा ठीक है राजेश हम आपके घर आएंगे।

राजेश ने कहा ठीक है सर लेकिन उस समय आना मां घर में जब अकेली हो । 10:30 बजे वह घर में अकेली होती है। इस समय घर आ जाना और उनसे निवेदन करना।
सौरभ_ ठीक है ।

राजेश जब घर आया तो सुनीता किचन मैं खाना तैयार कर रही थी ।

राजेश सुनीता को आवाज़ लगाया।

सुनिता किचन से ,क्या बात है बेटा आ गया जिम से।

राजेश ने कहा हां मां ।

सुनीता ने कहा कुछ कहना था क्या ?बेटा!

राजेश मां सौरभ सर का फोन आया था। वह पूछ रहा था कि आज शाम को आ रहे हों न।

मैंने साफ मना कर दिया मैं ठीक किया ना मॉम

सुनीता ने कहा अच्छा किया बेटे जो मना कर दिया। तुम मेरे अच्छे बेटे हो और सुनीता ने राजेश के माथे को चुम लिया और कहां जा बेटे अब नहा कर फ्रेश हो जाओ मैं खाना बनाती हूं ।

शेखर अपनी ड्यूटी पर चला गया ,स्वीटी और राजेश भी समय पर कॉलेज चले गए ।सुनीता अकेली रहगई घर में ।

करीब 11:00 बजे दरवाजे पर किसी ने घंटी बजाई सुनीता ने दरवाजा खोलने के लिए आगे बढा,इस वक्त कौन हो सकता है ?

दरवाजा खोलते ही एक महिला और एक पुरुष खडा दिखा, वह खूबसूरत सी महिला और एक पुरुष को पहचानने की कोशिश करने लगी ,तभी पुरुष ने कहा नमस्ते दीदी।

सुनीता ने कहा नमस्ते जी मैंने आप लोगों को पहचाना नहीं पुरुष ने कहा दीदी मैं सौरभ हूं और ये मेरी पत्नि राजेश की केमिस्ट्री टीचर।

सुनीता चौकी और सुमन को गौर से देखने लगी।

सुमन ने सुनीता को नमस्ते दीदी कहा ।
दोनो ही उसे दीदी करके संबोधित कर रहे थे वे याचक बनकर आए थे।
सुनीता ने दोनो को अंदर आने के लिए कहा ।

सुमन और सौरभ दोनों अंदर गए और सोफे पर जाकर बैठ गए।

सुनीता ने सुमन से कहा अच्छा आप ही सु मन है राजेश ने मुझे आपके बारे में बताया कैसे हैं आप लोग? कैसे आना huwa

सुमन ने कहा दीदी मैं आपके पास एक दुखियारी बनकर आई हूं। एक औरत ही औरत की दुख को अच्छी तरह से समझ सकती हैं क्योंकि तुम एक औरत हो ।

सौरभ ने कहा राजेश ने हमारे बारे में आपको बताया ही होगा हम तो आपसे याचना करने आए हैं ।।

वे दोनों सुनीता के पैरों पर गिर गए हमारी दुख तुम ही दूर कर सकती हो दीदी।

सुनीता ने कहा देखो मैं तुम दोनों की दुख को समझ सकता हूं लेकिन मैं अपने बेटे को मुसीबत में नहीं डाल सकती ।

सौरभ ने कहा हम आपसे वादा करते हैं करते हैं कि राजेश के ऊपर कोई मुसीबत नहीं आएगा और यह राज सिर्फ हम चारों तक ही सीमित रहेगा । हम बड़ी आशा लleka आपके पास आए हैं हमें निराश ना करो दीदी ।

मुझे अपनी छोटी बहन समझो और सुमन रोने लगी।

सुनीता को सुमन की ऐसे रोता देखकर दुख हुआ उन दोनों से कहा देखो मैं तुम दोनों की और कोई दूसरी मदद कर सकू तो बताओ मैं तैयार हूं लेकिन इस प्रकार की मदद करने से मेरे बेटे पर आगे मुसीबत आ सकता है ।
तुम लोग आपस में भविष्य में झगड़ गए तब यह बातें अन्य लोगों पता चल जाएगा और मेरा बेटा का जीवन मुसीबत में फससकता है उसके परिवार बिखर सकता है।

दीदी हमारा विश्वास करो यह बात किसी अन्य को पता नहीं चलेगा सौरभ ने कहा यह जो भी हो रहा है हम दोनों के सहमति से ही हो रहा है इसलिए आगे कोई परेशानी नहीं आएगा आप हम पर विश्वास कीजिए ।

सुनीता कुछ देर सोंची फिर उन से बोली ठीक है पर मेरी एक शर्त है ।यदी तुम मेरी शर्त मान लिए तो मैं तुम्हारे मदद के लिए राजेश को बोलूंगी ।
सुमन ने सुनिता से कहा कैसी शर्त है दीदी तुम्हेराजेश से शादी करनी होगी
सुमन _पर दीदी मैं शादी सुधा हू और शादी कैसे कर सकती हूं एक पति के रहते।

सुनिता ने कहा मैं नहीं चाहती की मेरा बेटा किसी परा या स्त्री से नाजायज संबंध बनाए और उसका बच्चा नाजायज कहलाए तुम्हे मेरी शर्त माननी होगी नहीं तो मैं आप लोगो की कोई मदद नहीं कर सकती

सुमन ने कहा पर दीदी मैं अपने पति को नहीं छोड़ सकती ।

सुनिता ने कहा देखो सुमन तुम्हे अपने पति को छोड़ने की कोई जरूरत नहीं जब द्रौपदी के पांच पति हो सकते है तो तुम्हारे दो नही हो सकते।

सुमन सौरभ की ओर देखने लगा

सौरभ ने कहा दीदी हमे यह शर्त मंजूर है ।

सुमन सौरभ से बोली ये क्या कह रहे है आप

सौरभ ने कहा दीदी ठीक कह रही है जो तुम्हारे बच्चे का बाप हो उसे पति का हक भी मिलना चाहिए।
सुमन ने कहा पर क्या राजेश इसके लिए तैयार होगा

सुमन ने कहा वो मेरा कहना मना नही करेगा।

पर दीदी शादी होगी कब सोनोग्राफी के अनुसार सुमन के गर्भधारण का अभी उपयुक्त समय चल रहा है।

सुनिता ने कहा शादी भी अभी होगी और सुहागरात मतलब सुहागदीन भीं आज ही होगी इसी घररमें।

असल में सुनिता का सुमन सौरभ की मदद करने के पीछे एक राज छिपा था । जब राजेश ने सुनिता को बताया कि सौरभ बाप नहीबन सकता उसके वीर्य में शुक्राणु काम है तो वह रात भर यही सोचने लgi की कहीं राजेश को भी तो कोई समस्या ना हो ।मेरा बेटा बाप बन सकता है की नही यह जानने की जिज्ञासा avam चिंता करने लगी । यह पता करने की कि राजेश बाप बन सकता है ,उसके लिए सुमन एक अच्छा जरिया लगा।
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मैं नहीं चाहता कि तुम किसी मुसीबत में फसो। वे किसी दूसरे से भी मदद ले सकते हैं तुम उन लोगों को साफ इनकार कर देना ।

तुम उन लोगों को बोल देना तुम उन लोगों की कोई मदद नहीं कर सकते और कल से उनके हैं यहां जाना मत ,अगर तुम मेरे अच्छे बेटे हो तो मेरा कहना मानना होगा ।

राजेश ने कहा ,मैं तुम्हारा अच्छा बेटा बनूंगा मां मुझे तुम पर पूरा भरोसा है कि तुम मेरे हित के बारे में ही बातें करोगी और जो मेरे लिए अच्छा होगा तुम वही करोगी ।मैं उन लोगों को मना कर दूंगा ।

सुनीता राजेश से कहा मुझे तुमसे यही उम्मीद थी बेटे। मेरे भरोसे को बनाए रखना ।

राजेश ने कहा ठीक है मां ,अब तुम अपने कमरे में जाकर आराम करो रात बहुत हो गई है मेरे तरफ से चिंता ना करना।

सुनीता ने कहा गुड नाईट बेटा ,तुम भी सो जाओ ।
और सुनीता वहा से चली गई।

रात में सुनीता को नींद नहीं आई ,वह दिन भर आज की घटनाक्रम को याद करती रही ।
कब सुबह हुआ उसे पता ही नहीं चला ।

सुबह उठकर राजेश जिम जाने के लिए तैयार हो गया उसकी मां किचन मेंकाम कर रही थी।

वह किचन के अंदर गया और पीछे से सुनीता को हज कर लिया उसने सुनीता को गुड मॉर्निंग बोला

सुनीता ने भी रिप्लाई दिया गुड मॉर्निंग बेटे ।रात में नींद कैसे रही सोया कि नहीं

राजेश ने कहा काफी लेट सोया, उसने अपनी मां से कहा , मां आपको नींद आई कि नहीं ।

सुनीता ने झूठ कहा ,अच्छी नींद आई ,जो मुझे पुराना राजेश जो मिल गया ,मां का आज्ञाकारी बेटा ।

और दोनों मुस्कुराने लगे राजेश ने सुनीता को लव यू मां कहा ।

सुनीता ने भी लव यू बेटा कहां ।

राजेश ने मा से कहा अच्छा मैं जिम के लिए निकलता हूं ।

सुनीता ने कहा ठीक है बेटा ।

राजेश जिम चला गया ,कुछ समय के बाद उसे सौरभ का फोन आया राजेश कैसे हो ।

राजेश ने कहा ठीक हूं, सर आप कैसे हैं ?सौरभ ने कहा मैं भी अच्छा हूं तो आज शाम को आ रहे हो ना तुम्हारी मैम पूछ रही है ।

राजेश ने कहा मुझे माफ करना सर मैं नहीं आ पाउंगा।

सौरभ ने कहा राजेश यह तुम क्या कह रहे हो।सुमन का दिल टूट जाएगा ।कुछ बात हो गई क्या ?कल तो तैयार थे !

हां सर कल मैं तैयार था पर आज नहीं राजेश ने कहा।

सौरभ _क्या हुआ कुछ बात है क्या ।

राजेश हां सर मैंने सारी बातें अपनी मां को बता दिया। क्योंकि यदि इन के बारे में मां को कभी पता चला तो काफी दुख होता और मैं नहीं चाहता कि मां को मेरे कारण दुख पहुंचे ।

मां ने मुझे आप लोगों की मदद करने से साफ इनकार कर दिया , उनका कहना है कि मैं आगे चलकर बड़ी मुसीबत में फस सकता हूं और वह नहीं चाहती कि मैं किसी मुसीबत में फसू।

उसने मुझे आपके यहां जाने से, आप लोगों की मदद करने से साफ मना कर दिया ।

राजेश तुम यह क्या कह रहे हो मैं यह बात सुमन से कैसे कहूं ?उसने कितने अरमान सजो ए थे ,जब तुमने हां कहा था

!राजेश ने कहा मुझे भी बहुत दुख है सर पर मैं कुछ नहीं कर सकता ,हां एक उपाय हो सकता हैं ।

आप लोग मेरी मां से मिलकर इस बारे में बात करो ।
वह दिल की बहुत अच्छी है ।शायद वह मान भी जाए।

सौरभ ने कहा ठीक है राजेश हम आपके घर आएंगे।

राजेश ने कहा ठीक है सर लेकिन उस समय आना मां घर में जब अकेली हो । 10:30 बजे वह घर में अकेली होती है। इस समय घर आ जाना और उनसे निवेदन करना।
सौरभ_ ठीक है ।

राजेश जब घर आया तो सुनीता किचन मैं खाना तैयार कर रही थी ।

राजेश सुनीता को आवाज़ लगाया।

सुनिता किचन से ,क्या बात है बेटा आ गया जिम से।

राजेश ने कहा हां मां ।

सुनीता ने कहा कुछ कहना था क्या ?बेटा!

राजेश मां सौरभ सर का फोन आया था। वह पूछ रहा था कि आज शाम को आ रहे हों न।

मैंने साफ मना कर दिया मैं ठीक किया ना मॉम

सुनीता ने कहा अच्छा किया बेटे जो मना कर दिया। तुम मेरे अच्छे बेटे हो और सुनीता ने राजेश के माथे को चुम लिया और कहां जा बेटे अब नहा कर फ्रेश हो जाओ मैं खाना बनाती हूं ।

शेखर अपनी ड्यूटी पर चला गया ,स्वीटी और राजेश भी समय पर कॉलेज चले गए ।सुनीता अकेली रहगई घर में ।

करीब 11:00 बजे दरवाजे पर किसी ने घंटी बजाई सुनीता ने दरवाजा खोलने के लिए आगे बढा,इस वक्त कौन हो सकता है ?

दरवाजा खोलते ही एक महिला और एक पुरुष खडा दिखा, वह खूबसूरत सी महिला और एक पुरुष को पहचानने की कोशिश करने लगी ,तभी पुरुष ने कहा नमस्ते दीदी।

सुनीता ने कहा नमस्ते जी मैंने आप लोगों को पहचाना नहीं पुरुष ने कहा दीदी मैं सौरभ हूं और ये मेरी पत्नि राजेश की केमिस्ट्री टीचर।

सुनीता चौकी और सुमन को गौर से देखने लगी।

सुमन ने सुनीता को नमस्ते दीदी कहा ।
दोनो ही उसे दीदी करके संबोधित कर रहे थे वे याचक बनकर आए थे।
सुनीता ने दोनो को अंदर आने के लिए कहा ।

सुमन और सौरभ दोनों अंदर गए और सोफे पर जाकर बैठ गए।

सुनीता ने सुमन से कहा अच्छा आप ही सु मन है राजेश ने मुझे आपके बारे में बताया कैसे हैं आप लोग? कैसे आना huwa

सुमन ने कहा दीदी मैं आपके पास एक दुखियारी बनकर आई हूं। एक औरत ही औरत की दुख को अच्छी तरह से समझ सकती हैं क्योंकि तुम एक औरत हो ।

सौरभ ने कहा राजेश ने हमारे बारे में आपको बताया ही होगा हम तो आपसे याचना करने आए हैं ।।

वे दोनों सुनीता के पैरों पर गिर गए हमारी दुख तुम ही दूर कर सकती हो दीदी।

सुनीता ने कहा देखो मैं तुम दोनों की दुख को समझ सकता हूं लेकिन मैं अपने बेटे को मुसीबत में नहीं डाल सकती ।

सौरभ ने कहा हम आपसे वादा करते हैं करते हैं कि राजेश के ऊपर कोई मुसीबत नहीं आएगा और यह राज सिर्फ हम चारों तक ही सीमित रहेगा । हम बड़ी आशा लleka आपके पास आए हैं हमें निराश ना करो दीदी ।

मुझे अपनी छोटी बहन समझो और सुमन रोने लगी।

सुनीता को सुमन की ऐसे रोता देखकर दुख हुआ उन दोनों से कहा देखो मैं तुम दोनों की और कोई दूसरी मदद कर सकू तो बताओ मैं तैयार हूं लेकिन इस प्रकार की मदद करने से मेरे बेटे पर आगे मुसीबत आ सकता है ।
तुम लोग आपस में भविष्य में झगड़ गए तब यह बातें अन्य लोगों पता चल जाएगा और मेरा बेटा का जीवन मुसीबत में फससकता है उसके परिवार बिखर सकता है।

दीदी हमारा विश्वास करो यह बात किसी अन्य को पता नहीं चलेगा सौरभ ने कहा यह जो भी हो रहा है हम दोनों के सहमति से ही हो रहा है इसलिए आगे कोई परेशानी नहीं आएगा आप हम पर विश्वास कीजिए ।

सुनीता कुछ देर सोंची फिर उन से बोली ठीक है पर मेरी एक शर्त है ।यदी तुम मेरी शर्त मान लिए तो मैं तुम्हारे मदद के लिए राजेश को बोलूंगी ।
सुमन ने सुनिता से कहा कैसी शर्त है दीदी तुम्हेराजेश से शादी करनी होगी
सुमन _पर दीदी मैं शादी सुधा हू और शादी कैसे कर सकती हूं एक पति के रहते।

सुनिता ने कहा मैं नहीं चाहती की मेरा बेटा किसी परा या स्त्री से नाजायज संबंध बनाए और उसका बच्चा नाजायज कहलाए तुम्हे मेरी शर्त माननी होगी नहीं तो मैं आप लोगो की कोई मदद नहीं कर सकती

सुमन ने कहा पर दीदी मैं अपने पति को नहीं छोड़ सकती ।

सुनिता ने कहा देखो सुमन तुम्हे अपने पति को छोड़ने की कोई जरूरत नहीं जब द्रौपदी के पांच पति हो सकते है तो तुम्हारे दो नही हो सकते।

सुमन सौरभ की ओर देखने लगा

सौरभ ने कहा दीदी हमे यह शर्त मंजूर है ।

सुमन सौरभ से बोली ये क्या कह रहे है आप

सौरभ ने कहा दीदी ठीक कह रही है जो तुम्हारे बच्चे का बाप हो उसे पति का हक भी मिलना चाहिए।
सुमन ने कहा पर क्या राजेश इसके लिए तैयार होगा

सुमन ने कहा वो मेरा कहना मना नही करेगा।

पर दीदी शादी होगी कब सोनोग्राफी के अनुसार सुमन के गर्भधारण का अभी उपयुक्त समय चल रहा है।

सुनिता ने कहा शादी भी अभी होगी और सुहागरात मतलब सुहागदीन भीं आज ही होगी इसी घररमें।

असल में सुनिता का सुमन सौरभ की मदद करने के पीछे एक राज छिपा था । जब राजेश ने सुनिता को बताया कि सौरभ बाप नहीबन सकता उसके वीर्य में शुक्राणु काम है तो वह रात भर यही सोचने लgi की कहीं राजेश को भी तो कोई समस्या ना हो ।मेरा बेटा बाप बन सकता है की नही यह जानने की जिज्ञासा avam चिंता करने लगी । यह पता करने की कि राजेश बाप बन सकता है ,उसके लिए सुमन एक अच्छा जरिया लगा।
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सुनिता ने कहा _सौरभ तुम जाओ और दूल्हा दुलहन के लिए शादी के जोड़े लेकर आना साथ में दो fulo का हार और मंगलसूत्र भी ले आना मैं राजेश को फोन कर देता हू की वह घर आ जाए ।

सौरभ ने कहा ठीक है दीदी मै घर से सुमन के गहने भी ले आता हूं ।

सुनिता ने कहा ठीक है।

सौरभ शॉपिंग मॉल चला गया। शौरभ के जाते ही सुनिता ने सुमन से कहा कि तुम चलो नहाकर तैयार हो जाओ।
सुमन ने कहा पर दीदी मै तो नहा ली हू ।

सुनिता ने कहा जो मैं कह रही वैसे करो।

सुमन बोली ठीक है दीदी।
सुनिता ने सुमन को अपने बाथरूम में नहाने भेजा।

सुनिता ने राजेश को फोन लगाया बोला बेटा तुम कॉलेज से छुट्टी लेकर घर आ जाओ।

राजेश ने कहा क्या बात है मॉम?
सुनिता ने कहा तुम घर आओ फिर सब पता चल जायेगा।

राजेश ने कहा ठीक है मॉम मै अभी पहुंचता हू।

इधर सुमन बाथरूम में नहाने लगी सुनिता अपने बेड पर बैठी थी वह सुमन से बोली देखो सुमन तुम अपने शरीर की अनावश्यक सारे बाल अच्छी तरह से साफ कर लो । सुमन सुनिता की बात सुनकर मुस्कुराने लgi ।

सुनिता को क्यापता था कि सुमन तो पहले से ही अपने शरीर के बालो की अच्छी तरह से सफाई कर रखी है कुछ समय के बाद तौलिया लपेटे सुमन बाथरूम से बाहर निकली।

सुनिता ने सुमन से कहा लो ये हल्दी वाला बॉडी क्रीम लो और अपने शरीर के सारे अंगो पे अच्छे से लगआ सुनिता ने कहा कोई भी अंग नहीं छूटना चाहिए ये एंटी बैक्टारियल क्रीम है जो शरीर के ऊपर किसी प्रकार का इन्फेक्शन हो तो उसे दूर कर देता है ताकि दो अनजान लोगो का शरीर मिले तो कोई इनफेक्सन ना फैले

सुमन ने कहाथिक है दीदी ।

सुमन ने क्रीम को अच्छे से पूरे अंगो में लगाया।और कमरे में तैयार होने लगी ।

इधर राजेश कालेज से घर पहुंच गया दरवाजे का बेल बजते ही सुनिता समझ गई की राजेश आ गया वह दरवाजा खोली दरवाजा खुलती ही राजेश ने अपने मॉम से पूछा क्या बात है मॉम

सुनिता ने सारी बाते राजेश को बताते राजभी खुश हो गया की चलो मैं मैडम सुमन का हेल्प कर सकूंगा। और मुझे एक नया गदराया बदन भोगने को मिलेगा।यह सोंचकर ही उसके लन्ड में तनाव आने लगा।

अनिता ने कहा की राजेश तुम भी जाओ और नहाकर तैयार हो जाओ सौरभ आता ही होगा।
राजेश अपने रूम में चला गया।
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सौरभ समान लेकर सुनिता के घर पहुंचा।
सुनिता ने दुलहन का ड्रेस देखकर खुश हो गई सौरभ दुलहन के लिए घाघरा चोलिऔर दूल्हे के लिए सेरवानी लेके आया था ।

सुनिता ने सौरभ से कहा येदूलहन का ड्रेस और गहने सुमन को दे दो वो मेरे रूम में तैयार हों रही है। उसे कहना ड्रेस पहनकर जल्दी तैयार हो जाए

और दूल्हे का ड्रेस राजेश को दे दो वह अपने रूम में तैयार हो रहा है उसे भी जल्दी करने को कहना।

सौरभ वही किया जो सुनिता ने कहा ।
शादी के जोड़े देखकर सुमन खुश हो गई वैसे भी सुमन बहुत खुश थी की राजेश से उसकी शादी हो रही है क्यों कि वह राजेश से प्यार करने लगी थी वह तो यह सोचकर ही उसके man me एक हलचल सी हो रही थी की दीदी कह रही थी आज ही यही सुहागड़ीन भी मनाया जायेगा जब राजेश मेरे कमरे में मुझे भोगने के लिए आएगा तो वो तो शर्म से उसका सामना कैसे कर पाएगी।उनसे कैसे नजरे मिलाएगी यह सोचकर ही वह शर्म से गड़ी जा रही थी।

सौरभ और सुनिता दोनो राजेश और सुमन के बाहर आने का इंतजार करने कर रहे थे कुछ समय बाद दोनो कमरे से बाहर आए सुनिता सुमन की ओर देखा तो देखती रह गई उसने सुमन से कहा वाह सुमन तुम तो बहुत ही सुंदर लग रही हो बिलकुल कुंवारी लड़की जैसी मै खुश हू जो मेरे राजेश की बीवी बन रही हो राजेश सेरवानी में बहुत आकर्षक लग रहा था जिसे कोई भी लड़की पाना चाहे।

सुनिता और सौरभ ने राजेश के आकर्षक लुक की खूब तारीफ की ।सुमन भी khus हो गई की राजेश ज्जैसा हैंडसम नौजवान से उनकी शादी होने जा रही जिससे बाते करने के लिए कालेज की कितनी लड़की तड़फती है।

जब राजेश की नजर सुमन पर पडा तो वह उसे एकटक देखता ही रह गया उनकी बड़ी बड़ी चूचियां चोली से बाहर निकलने को व्याकुल थे।जब उसकी नजर उसकी नाभी पर गई तो राजेश का land उसके काबू में न रहा उसके गोरे बदन पर गहरा नाभी।कहर ढा रही थीं राजेश का land नाभी और उसके चूचे को देखकर सलामी देने लगा l

Suman ne jab dekha ki Rajesh ajib se नजरो से उसकी ओर देख रहा है तो वह शर्म से गड़ी जा रही थी।

सुमन को dekhar राजेश ने अपने मन मे कहा क्या हॉट मॉल है यार, इसका लेने में तो खूब मजा आयेगा फिल्म की हीरोइन भीं इसके सामने कुछ नही। किसी पोर्न स्टार से कम नहीं।

सौरभ ने सुनिता से कहा आगे क्या करना है दीदी

सुनिता ने कहा हमे मंदिर जाना है शहर से बाहर एक मंदिर है वहा मैंने सुना है की वहा कोई पण्डित है जो मंदिर मे ही शादी करवाते है।

चलो हम सब वही चलते है।

सभी लोग कार में बैठकर मंदिर की ओर चल पड़े सौरभ कार चला रहा था बाजू s
सीट पर सुनिता बैठी थी जो सौरभ को रास्ता बतला रहा था पीछे राजेश और सुमन बैठे थे ।राजेश और सुमन एक दूसरे से नजर नहीं मिला पा रहे थे।

कार मिंदर के पास जाकर खड़ी हो गई। वे कार से उतर कर मंदिर मे चले गए मैंदिर में पुजारी के आलावा कोइ नही था।

सुनिता ने मंदिर के पुजारी से बात की पैसे के लालच में पुजारी दोनो की शादी कराने तैयार हो गया।

पूजारी ने मंदिर में मूर्ति के सामने सुमन और राजेश को खड़ा होने को कहा फिर पूजारी ने कुछ मंत्र पड़ा और राजेश को सुमन को अंगूठी पहनाने कहा पर अंगूठी तो लाया नही गया था।तब सुनिता ने अपनी अंगूठी निकलकर राजेश को दिया और उसे सुमन को पहनाने कहा ।

पूजारी फिर मंत्र पड़ा और राजेश को सुमन का मांग सिंदूर से भरने कहा ।

राजेश ने सिंदूर से राजेश का मांग भर दिया।

फिर पूजारी ने राजेश और सुमन को एक दूसरे के गले में हार डालने को कहा दोनो एकदूसरे के गले में हार डाले ।

पूजारी ने कहा अब तुम दोनो पति पत्नि हो गए तुम दोनो पहले भगवान से फिर अपनी से बड़ो से आशीर्वाद लो।

सुमन और राजेश ने पहले भगवान फिर पण्डित जी फिर सुनिता और अंत मे सौरभ का पैर छुए सभी ने सौभाग्यवती और सदा खुश रहने का और मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद दिया।

सुनता ने सुमन से कहा अब से तुम मेरी बहु बन गई ।अब तुम मुझे अकेले में मां जी बुलाना और सबके सामने दीदी राजेश को भी नाम से ना बुलाना।

सुमन ने हा में अपना सर हिलाया।

सौरभ ने सुनिता से कहा अब आगे क्या करना है दीदी सुनिता ने कहा अब घर चलते है। अब दोनो सुहागरात मतलब सुहागदीन मनाएंगे।

सुनita ki baat sunkar Suman का दिल जोरों से धड़कने लगा और राजेश का land tankar खड़ा हो गया। वे चारो कार से अपने घर की ओर निकल पड़े।
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है
 
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चारो घर पहुंचने के बाद सुनिता ने सभी से पूछा सभी को भूख लगी होगी कुछ खाने को बना दू ।मै सभी के लिए आमलेट बना देती हू ।यह जल्दी बन जायेगा सभी ने हा में सिर हिलाया ।

सुनिता ने फटाफट नाश्ता बना ली और चारो आमलेट खाने लगे। सुनिता जानती थी की अंडा खाने के बाद लैंड में तनाव जल्दी आता है अतः आमलेट खिलाना यह भी एक योजना थी।


सुनिता अपने कमरे में जा कर bed par ek मखमली चादर बिछा दी मंदिर से आते वक्त उन्होंने खुशबूदार ful dukan se kharidte huwe आए थे वह फुल बेड में फैला दिए जिसके khusbu se kamra mahak उठा

अब सुनिता कमरे से बाहर आकर सुमन को अपने साथ सुमन को कमरे में ले गई।

सुमंन सुनिता ने सुमन से कहा देखो सुमन राजेश तुम्हारा स्टूडेंट नही अब पति है और उसे पति की तरह प्यार करना यह उनका पहली बार है हो सकता है तुम्हे उसे सीखना पड़े सुमन शर्म से गड़ी जा रही थी जिसे देखकर सुनिता ने कहा तुम तो ऐसे शर्मा रही हो जैसे तुम्हारा भी पहली बार हो और सुनिता हसने लगी।

सुनिता ने कहा अब तुम घूंघट डालकर बैठ जाओ मैं राजेश को भेजता हूं।

बाहर आकर सुमन ने सौरभ से कहा देखो सौरभ तुम ऐसा करो अपने घर चले जाओ अगर हम दोनों घर में रहे तो ये लोग नर्वस न हों जाए।

सौरभ ने कहा ठिक है दीदी आप काल कर देना मै सुमन को ले जाने आ जाऊंगा।

सौरभ के जाने के बाद सुनिता ने राजेश से कहा जाओ बेटा सुमन तुम्हारा कमरे मे इंतजार कर रही है।उसे ma बनने को सुख प्रदान करो।

राजेश ने अपने मां का पैर छूकर कहा जो आज्ञा मां।

सुमन ने राजेश से कहा बेटा कोई समस्या हो तो घबराना नहीं मै कमरे के बाहर ही रहूंगी । हा और अपने पास केवल एक घंटा ही हैं ज्यादा समय न लेना स्वीटी के आने से पहले सब खत्म करना होगा। और ये गुलाब का फूल ले जाओ सुमन को मुंह दिखाई दे देना।

राजेश ने कहा ठिक है मां अब राजेश कमरे में प्रवेश कर गया।

सुनिता सोफे पर बैठ गई। वह भी तनाव में थी सब अच्छे से होगा कि नही।

इधर सुमन ने देखा की राजेश कमर में प्रवेश कर गया हैं उसका दिल की धड़कन और बड़ गया।

इधर कमरे में प्रवेश करते ही राजेश के शरीर में गर्महाट भर गया। यह सोचकर कि वह एक मस्त गदराया बदन की मल्लिका को भोगने जा रहा हैं उसके लैंड तनने लगा ।वह बेड में सुमन के आगे जाकर बैठ गया।

सुमन घूंघट डाले शांत बैठी थी समय कम था ज्यादा समय नालेते हुवे राजेश ने अपने हाथों से घूंघट हटाने आगे बढ़ाया।

सुमन का दिल की धड़कन काफी बड गया था ।

राजेश ने फर्ज घूंघट को ऊपर उठाया सुमन इस वक्त शर्म से गड़ी jaa रही थी वो सिर को नीचे कर ली थी
राजेश ने सुमन की ठुड्ढी को पकड़कर ऊपर उठाया सुमन ने आंखे बंद कर ली थी राजेश ने सुमन को आंखे खोलने को कहा सुमन धीरे से अपने आंखे खोली दोनो एक दूसरे के आंखो में देखने लगे फिर

राजेश ने सुमन से कहा मैम तुम कितनी सुंदर हों
सुमन शर्मा गई।

राजेश अपने ओंठो को सुमन के ओंठो के पास ले गया।

सुमन का दिल जोरों से धड़कने लगा
फिर राजेश ने उसके ओंठ को किस कर लिया। फिर सुमन को गुलाब का फूल देते हुए i Love you mam कहा

सुमन ने भी राजेश से फूल लेते हुवे i Love you जान कहा क्यों की सुनिता ने सुमन को राजेश का नाम लेने से मना किया था।

सुमन ने जब गुलाब का फूल लेने अपना हाथ से फूल पकड़ा उसके हाथ को राजेश ने पकड़ लिए और उसे खींचकर अपने ओंठ से चूमने लगा ।
सुमन ने फिर से अपनी आंखे बंद कर ली।

राजेश सुमन के हांथ को चूमते हुए उसके बाहों तक jaa pahuncha fir वहा रुककर उसके गर्दन को ko chumne लगा सुमन सिसकते हुवे राजेश को अपने गले से लगा लिया।

राजेश भी अब सुमन के गालों को उसके गर्दन को बेतहसा चूमने लगा उसे होंटो को चूसने लगा सुमन आंखे बंद कर सिसक रही थी।

अब राजहेश सुमन के ऊपर झुकने लगा।सुमन भी dhire dhire bed par लेट गया सुमन के बेड पर लेटते ही राजेश की नजर उसके नाभी पर पड़ा जिसे देख कर राजेश के लैंड में तनाव बड़ गया वह सुमन के नाभी को बेतहासा चूमने चाटने लगा सुमन राजेश के सिर को पकड़ कर सिसकने लगी।

नाभी को जी भर कर चूमने के बाद राजेश ऊपर बड़ा उसकी नजर सुमन के चोली से बा हर निकलने के लिए व्याकुल उनके दूदू पर पड़ा जिसे देखते ही राजेश के शरीर में खून का रफ्तार बड़ गया।

राजेश से रहा ना गया और वह अपने दोनों हाथों से उनके दूदू को पकड़कर दबाने लगा।

राजेश का हांथ सुमन के दूदू में पड़ते ही सुमन के शरीर में एक करेंट so lagaa uski सांसे तेज़ तेज चलने लगी।

राजेश कुछ देर चोली के ऊपर से ही सुमन के चूचे मसलने के बाद उससे रहा ना गया। वह उसका दीदार करने के लिऐ उसके चोली का बटन खोलने लगासुमन लजाने लगी वह Rajesh ko रोकने की कोशिश करने लगी l

राजेश ने सुमन से कहा mujhe इसका दीदार करना हैं मैम इसे उतारने दो ना।

सुमन ने कहा मुझे बडी शर्म आ रही हैं।

राजेश ने कहा tmam तुम अपनी आंखे बंद कर लो।
सुमन ने अपनी आंखे बंद khar apne शरीर को ढीला छोड़ दी अब राजेश चोली के बटन को निकालकर उसके मम्मे को ब्रा के ऊपर से ही मसलने लगा।

राजेश से रहा ना गया और ब्रा को खिसकाकर उसके चूचे को ब्रा से बाहर निकाल दिया।

सुमन के सुडौल और बड़ेबड़े गोरे गोरे चूंचे को देखकर राजेश के land me खून तेज़ी से भरने लगा और वह तनकर खड़ा हो गया।
राजेश से अब रहा ना गया और सुमन के दूदू को अपने मुंह में भर कर चूसने लगा ।

राजहेष की इस हरकत से सुमन कामुक सीतकारे मुंह से निकलने लगी और उसके boor पनियाने लगा।


राजेश जी भर कर बारी बारी से सुमन के दोनों चूची को मसलने और चूसने के बाद वह नीचे की ओर आगे बडा और उसके नाभि को फिर से चूमने चाटने लगा ।

राजेश से रहा ना गया अब वह नाभी से नीचे की ओर चूमते हुवे आगे बडा।

वह घाघरे का नाडा खोल ने लगा तभी सुमन अपने हाथों से राजेश के हांथ को पकड़कर उसे ऐसा करने की कोशिश करने लगी ।

तब राजेश बेड से उठा और अपने कपड़े निकालकर केवल अंडर वियर में ही रह गया।

सुमन इस समय राजेश की हरकतों को देख रहा था।

सुमन राजेश की गठीला बदन को देख कर मोहित हों गई जब उसकी नजर राजेश के चड्डी पर गया उस पर बने बड़े उभार देखकर डर गई।

अब राजेश सुमन के घाघरे के नाडे को खोल दिया और सुमन के टांगो से खींचकर घाघरे को शरीर से अलग कर पलंग के नीचे फेंक दिया।

सुमन के कमर पे अब पेंटी ही रह गया था।

राजेश उसे निकालने के लिऐ आगे बडा था कि सुमन ने राजेश से कहा नहीं जानू इसे मत निकालो प्लीज़ मुझे बडी शर्म आ रही है।
राजेश सुमन के शर्म को दुर करने स्वयम अपना अंडर वियर निकालकर बेड के नीचे फेक दिया राजेश का लैंड पूरी तरह अकडकर खड़ा था जिसे देखकर सुमन की मन में कही क्या land है कितना मोटा और लम्बा हाय मेरी boor का क्या होगा जब ये अन्दर जायेगी।

राजेश अब आगे bada और सुमन के टांगों को उठाकर पेंटी उसके कमर से अलग कर दिया ।

पेंटी के अलग होते ही राजेश की नजर उसकी फूली हुई गोरी और चिकनी छूट पर गई जिसे देखकर राजेश के शरीर मेखुन दोहरे गति से दौड़ने लगा
राजेश का land hawa me ठुमकी मारने लगा।

सुमन लाज के मारे अपने आंखे बंद कर ली थी।

राजेश अपने हाथ को सुमन के boor में ले जाकर उसे सहलाने लगा सुमन के मुंह से सिसकी निकलने लगी ।

राझेश आगे बड़ा और एक उंगली सुमन के boor में डालकर उसके भगनाशा को रगड़ने लगा।

राझेश की इस हरकत से सुमन के छूट से रस बहने लगा सुमन सिसकने और अपने पैरो को जोड़ने लगी।

सुमन से बर्दास्त ना हुवा और वह बोली बस करो जान।
राजेश से भी अब रहा ना जा रहा था अब वह सुमन के दोनों पैर फैलाकर उसके बीच मे उकड़ू बैठ गया

अपने हांथ से land ko पकड़कर उसे सुमन के cht par रखकर उसके ऊपर से ही रगड़ने लगा और अपने land के टोपे को सुमन के chut रस से भिगोकर चिकना करने लगा ।

राजेश के इन हरकतों से सुमन की
चुदासी और बड़ गई ।

अब राजेश land ko suman ke chut के छेद पर रख कर हल्का सा दबाव डाला।

जिससे land ka टोपा chut के अंदर चला गया सुमन के मुंह सी जोर से आह की आवाज निकली जो बाहर बैठी सुनिता के कानो तक पहुंची

सुनिता सुमन की चीख सुनकर खुश हो गई ।

अब राजेश land par thoda aur दबाव डाला j। Suman फिर से चीख पड़ी ।
Land ka chut ke andar aur आगे खिसक गया।

सुमन की मुंह से निकली chik ko सुनिता सुनकर खुश होने लगी।

उसे राजेश पर गर्व होने लगा।

अब राजेश अपने दोनों हाथो से सुमन के चूचे को पकड़कर मसलने लगा जिससे सुमन के मुंह से सिसकारी निकलने लगी।

राजेश सुमन के चूचे को मसलते हुवे अपने land को dhire dhire chut ke अंदर धकेलता गया।

सुमन को पता ही नही चला की land ka अदिकांस भाग कब छूट मे समा गया।

अब राजेश अपने land ke धक्के को बड़ाने लगा।

राझेश को सुमन की bur चोदने मे बड़ा मजा आने लगा।
अब वह land ko bur में तेजी से अन्दर बाहर करने लगा।

सुमन को भी chudwane में बड़ा मजा आ रहा था।सुमन के छूट से रस लगातार झरने की तरह बहने लगा land तेजी से बिना किसी रुकावट के chut me सर सर अंदर बाहर होने लगा। दोनों को chudai me बड़ा मजा आ रहा था।

राजेश लगातार अपना गति बड़ा रहा था सुमन भी अपने कमर को उठाकर rajhesh का सहयोग करने लगी सुमन हवस में बेहाल हो गई और कमरे में सुमन की चूड़ियों के खनकने की आवाज लैंड का छूट मे जाने की आवाज गच gach फच fach aur aur सुमन की कामुक आवाज गूंजने लगी।

जो बाहर बैठी सुनिता के कानो में पड़ी।

Chudai की ऐसी आवाज सुनकर सुनिता भी गरम हो गई और उसके छूट पर पानी भरने लगा। उसका हांथ न चाहते हुवे भी अपने boor में ले jakar अपने भगनासे को घिसने लगी।

अंदर सुमन और राजेश दुनिया से बेखबर किसी स्वर्ग में पहुंच गए थे। सुमन को अपने जीवन में chudai में इतना आनन्द कभी नही आया था ।

राजेश को भी सुमन की chudai में एक अलग ही मजा आ रहा था अब वह पूरे जोश मे आकर सुमन को जोर जोर से चोदने lagaa ।

सुमन के बर्दास्त से अब बाहर हो गया अब उसके मुख से चीख निकले लगी ।

सुनिता जो बाहर बैठी थीं इन चीखों को सुनकर वह dar गई कही कुछ गडबड तो नही हो गया और वह कमरे कि और गई कमरे कादरवाजा खुला था कमरे के दरवाजे को t थोड़ा अंदर देखने लगी।

अंदर का नजारा देखकर सुनिता की आंखे चौड़ी हो गई । उसने देखा राजेश और सुमन दोनों नंगे हैं राजेश सुमन के उपर झुका huwa hai aur Rajesh dono hatho se सुमन के चूचे को मसलते हुवे सुमन के chut पर जोर जोर से धक्के मार रहा हैं सुमन अपना शुबुध को बैठी हैं और लगातार उसके मुंह से चीख निकाल रही। इस chudai से सुमन कई बार झड़ चुकी थी। झड़ने पर उसके मुख से चीख निकलती थीं जबकि राजेश भीं अनोखा सुख में dub कर अपना शुदभूद खोकर jhor जोर से चोद रहा था।

उसका लैंड सुमन के गर्भाशय से टकरा रहा था लैंड काफी मोटा होने के कारण भगनासा को अच्छी तरह रगड़ रहा था जिससे सुमन को अद्भुत आनंद प्राप्त हो रहा था ।

Chudai ka Aisa नजारा देखकर सुनिता केऊपर हवस छा गया वह भी अपने छूट को अपने उंगलियों से जोर जोर से रगड़ने लगा । इधर राजेश स्खलन के करीब था वह अपना स्पीड और बड़ा दिया आओ राजेश से बर्दास्त ना huwa और आह आह आह आह आह mami आह ममी करके झड़ने लगा।

अपने बेटे को देखते सुनिता se रहा ना गाया गया और वह भी झड़ गई
सुमन तो पता नहीं कितने बार चरमसुख को प्राप्त की ।
राजेश ने अपना ढेर सारा वीर्य सुमन के बच्चेदानी में छोड़ दिया । उसकागर्भसाय पूरी तरह वीर्य से भर गया।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
 
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Sanju@

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Chudai खतम होने के बाद राजेश थककर सुमन के ऊपर लेट गया। सुमन ने राजेश को अपनी बाहों में समेट लिया । और प्यार से उसके बालो को सहलाने लगा। जिसे देखकर पता नही सुनिता को क्यों जलन होने लगा।

सुनिता वहा से अपने कीचन में चली गई। और कुछ समय बाद राजेश के लिए बादाम वाला दूध लेकर अपने कमरे के दरवाजा खटखटाया राजेश ने अपने कमर पर टावेल लपेट लिया और बेड पर बैठ गया । सुमन के शरीर पर चादर डाल दिया ।

सुनिता ने कहा राजेश बेटा मै अंदर आ जाऊं।
राजेश ने कहा आ जाओ मॉम।

सुनिता कमरे के अंदर जाकर राजेश के बगल में जाकर बैठ गई। राजेश बेटा ये दूध पिलो तुमथक गए होगे । इससे तुम्हे ताकत मिलेगी।

राजेश ने थैंक्यू मॉम करके दूध का गिलास लेकर। पीने लगा।

सुनिता ने सुमन से पूछा सब ठीक से हुआ न सुमन शर्मा गई।
सुनिता ने कहा देखो कैसे शर्मा रही हैं अभी तो कितनी चीख एवम सिसक रही थी।

सुमन शर्म से पानी पानी हो गई।

सुनिता ने कहा चलो अब तुम दोनों कपड़े पहन लो स्वीटी कुछ समय में कॉलेज से घर पहुंच जाएगी। उसे इन सब के बारे में कोई जानकारी नहीं होनी चाहिए।

सुनिता अपने कमरे से चली गई। इधर सुमन अपने बेड से उठी और और अपने कपड़े पहनने फर्श पर पड़े कपड़े उठाने लगी तभी राजेश ने सुमन की नंगी chut देखकरराजेश का land फिर से तन गया राजेश से रहा ना गया फिर वह सुमन को पीछे से पकड़ लिया और उसका chut सहलाने लगा।

सुमन ने राजेश से कहा ये क्या कर रहे हो राजेश छोड़ो भी राजेश ने अपना land का दबाव सुमन के चूतड पर बढ़ाया खड़े land का अहसास पाते ही सुमन ने राजेश से कहा तुम्हारा तो फिर से खड़ा हो गया हैं।

राजेश ने कह हा darlind मुझे तुम्हे फिर से चोदने का मन कर रहा हैं।

सुमन ने कहा नहीं जान अभी नहीं सुना नहीं मां जी ने क्या कहा स्वीटी का आने का समय हो गया है। मेरे घर आना फिर जितना चोदने का मन करे चोद लेना।
राजेश ने सुमन के जी भर कर ओंठ चूसकर छोड़ दिया और राजेश अपना अंडर वियर बनियान पहनकर कमरपे टावेल लपेट लिया।

इधर सुमन ने अपने सारे कपड़े पहन लिए और अपने को आईने मे देखकर मुस्कुराने लगी राजेश सुमन को पीछे से जाकर जकड़ लिया।

सुमन ने कहा जान छोड़ो न।

राजेश ने कहा तुम इतनी सुंदर और हॉट लग रही हो मेरा तो एक बार फिर चोदने का मन हो रहा हैं।

सुमन ने कहा न अब जो करना हैं मेरे घर मे करना।

राजेश ने कहा डार्लिंग मेरी land नही रह पाएगा इस की हालत देखो । कम से कम इसे चूस कर शांत कर दो प्लीज ।
राजेश ने अपना टावेल हटाकर अंडर वियर नीचे सरका दिया जिससे उसका land हवा मे लहराने लगा।

सुमन के हांथ पकड़कर अपने land par rakh diya suman अपने हाथ से land सहलाने लगा। राजेश अपने आंखो से सुमन को land चूसने ka इशारा किया ,सुमन इशारा समझ कर नीचे बैठकर राजेश के land ko मुंह में लेकर चूसने लगी।

सुमन के land चूसने से राजेश को बहुत मजा आने लगा। उसके मुंह से सिसकारी निकलने लगीं।
जिसे देखकर सुमन पूरे land ko मुंह मे भर कर गपागप अंदर बाहर करने लगी l rajhesh किसी दूसरे दुनिया me को गया। राजेश की कराहने की आवाज रूम से बाहर जाने लगी ।

सुनिता ने जब यह आवाज सुनी तो कुछ huwa to nahi चिंतित होकर रूम के पास जाकर दरवाजे को थोड़ा धकेल कर अंदर देखने लगी।

अंदर का नजारा देखकर सुनिता की आंखे चौड़ी हो गई वह उसका शरीर कपकपाने लगी ।

उसके chut se फिर पानी बहना शुरू हो गया।

उसने देखा की राजेश अपने आंखे बंद कर कराह रहा हैं उसके मूंह से आनद के मारे सिसकारी फूट रही हैं सुमन नीचे बैठकर राजेश का land गपागप मुंह मे तेजी से अन्दर बाहर कर रही हैं ।

इस नजारे को देखकर सुनिता से रहा ना गया और वह अपने ऊंगली से अपने chut ko रगड़ने लगी।

सुनिता एकटक इस नजारे को देखती रहीं।
इधर राजेश कुछ समय बाद स्खलन के अवस्था मे पहुंच गया वह सुमन के सर को पकड़कर अपने land ko teji से अंदर बाहर करने लगा और कुछ देर बाद आह मां आह मां करते हुवे सुमन के मुंह में ही झड़ गया।

सुनिता भी बर्दास्त ना कर सकी और वह भी एक बार फिर से झड़ गई।
बहुत ही कामुक और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
 
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