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Incest यह क्या हुआ

Premkumar65

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Rajesh भगत से बोला अबे एक और सिगरेट दे।

भगत _भाई कितना सिगरेट पियेगा। ज्यादा सेहत के लिए हानि कारक है।

राजेश _अबे ज्यादा ज्ञान मत बांट मै जो कह रहा हूं ओ कर।

भगत_भईया तुम भी न बडा मुड्डी हो।
भगत एक और सिगरेट सुलगाकर भगत की ओर बढ़ाया।
भगत सिगरेट लेकर कस लगाते हुवे कहा।
हा तो अब अपनी कहानी आगे सुना तू बताने वाला था कि चन्दन और उसकी मां कमला के बीच आखिर शारीरिक संबंध कैसे बना?

भगत _चंदा ने अपनी सास के कहने पर मुझे अपना घर बुलाया, मैने चंदा से पूछा कि घर में सब कैसा है?
सब ठीक तो है न।

चंदा बोली, डरने की कोई बात नहीं, सब ठीक है, मां जी को तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है इसलिए तुम घर आ जाओ।

मै सुबह करीब 10 बजे चन्दन भैया का घर पहुंचा।

उस समय चन्दन भैया अपने किराना दुकान पर था। मै घर का दरवाजा खटखटाया, चन्दन भैया की नज़र मुझपर पड़ा, मेरी आने की बात उसने अपनी मां को बताई।

कमला ताई ने दरवाजा खोला।
मुझे देखकर ताई ने कहा आओ बेटा अंदर आओ।

मैंने ताई से कहा, मां जी आपने मुझे बुलाया था।

कमला ताई _हा बेटा, मुझे तुमसे कुछ बाते करनी है।

मै घर के बरामदे में रखी कुर्सी पर बैठ रहा था कि ताई ने कहा बेटा एक काम करो। तुम चन्दन के कमरे मे बैठो मैं आती हूं।

ताई ने चांद भौजी से कहा जाओ बहु तुम भगत को अपने कमरे मे ले जाओ मैं आती हूं।

चंदा भौजी मुझे अपने कमरे मे ले गई मैं वहा बेड में बैठ गया। मै सोचने लगा कि आखिर ताई को मुझसे क्या काम होगा, उसे मुझसे क्या बाते करनी होगी। मैने चंदा भौजी से पूछा।

चंदा भौजी ने कहा कि तुम इतने दिनो सेउसकी घर की इज़्ज़त लूट रहेहो, उसी की खबर लेने तुम्हे बुलाया है और ओ मुस्कुराने लगी।

मैने कहा पर भौजी तुमने तो कहा था कि सब ठीक है।
भौजी क्यों डर लग रहा है क्या?

मैने कहा भौजी आपके रहते मुझे काहेका डर।

भौजी_अरे मै तो मजाक कर रही थी। तुम्हे डरने की जरूरत नहीं।

तभी कमरे में कमला ताई पहुंची वह बोली, अरे बहु तुम एक काम करो, तुम कीचन में जाकर भगत के लिऐ कुछ कुछ नाश्ता बना दो।

चंदा भौजी _ठीक है मां जी।

भौजी के चले जाने के बाद मैने कमला ताई से कहा बताओ माजी आपको मुझसे क्या बाते करनी है।

कमला _बेटे कल रात से मैं काफ़ी चिंतित हू। तुम तो जानते हो कल की बाते। मेरे और चन्दन के बीच जो संबंध की बाते है अगर गांव वालो को पता चल गया तो हम किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेंगे।

इसलिए बेटा मैं तुम्हारा पैर पड़ती हू। तुम यह बात किसी को मत बताना। मै यह अहसान जिंदगी भर नही भूलूगी।

भगत _नही मां जी,आप तो मेरे मां जैसी हो आप मेरे पैर छूकर मुझे शर्मिन्दा न करे।

कमला _नही बेटा हमसे जो गलती हुई है उसका प्रायश्चित तो करना ही पड़ेगा।

भगत _ मां जी मैं आपको वचन देता हू की मैं यह बात गांव वालो को नही बताऊंगा। मेरे तरफ से बेफिक्र रहिए। आपको चिंता करने की जरूरत नहीं।

कमला _मुझे तुमसे यही उम्मीद थी बेटा मैं तुम्हारा यह अहसान जिंदगी भर नही भूलूंगी।

भगत _मां जी मैं यह जानना चाहता हूं कि आखिर चन्दन और आपके बीच ये huwa कैसे।
अगर आप बता सके तो मैं जानना चाहूंगा।


कमला ताई _क्या बताऊं बेटे परिस्थिति ही ऐसी बन गई की हमारे बीच मां बेटा के पवित्र रिश्ता के अलावा एक और रिश्ता बन गया।

मै भी पहले एकसंस्कारी, धार्मिक, कर्तव्य परायण, पतिव्रता स्त्री थी।
और कमला भगत को आप बीती सुनाने लगी,,,, जो आप लोगो को मैं अगले अपडेट में बताउंगा।
तब तक के लिए good night
good ab maa bete ki chudai hatha shuru hogi.
 

Premkumar65

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चन्दन की मां कमला, भगत को अपनी आप बीती सुना ने लगी कि किस तरह वह अपने बेटे से शारीरिक संबंध बनाने मजबूर हो गई। उसने को भी बताया वृत्तांत निम्नानुसार हैं __

बात आज से चार साल पहले की है, हमारे परिवार में पांच सदस्य हैं। उस समय मेरा पति श्यामलाल 48वर्ष, मै कमला 44 वर्ष, मेरी बड़ी बेटी चंपा 25वर्ष, छोटी बेटी चंचल 22वर्ष और सबसे छोटा चन्दन जिसकी उम्र उस समय 18वर्ष की थी।

बड़ा खुशहाल परिवार था हमारा घर में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं थी। मेरा पति गांव में किराना दुकान चलाता था। जिससे अच्छी आमदनी होती थी।मेरी दोनो बेटियों की शादी हो चुकी थी वे अपने ससुराल में रहते थे, बड़ी बेटी चम्पा की 3वर्ष की एक बच्ची भी थी।


घर में अब हम पति पत्नी और मेरा बेटा चन्दन ही रह रहे थे। चन्दन 12 वी कक्षा पास कर लेने के बाद पढ़ाई बंद कर ,किराना दूकान में अपने पिता का हांथ बटाने लगा था। सब कुछ कुशल मंगल पूर्वक चल रहा था कि तभी किसी की बुरी नजर हमारे परिवार पर लगी।

मेरे पति अक्सर दूकान में समान खतम हो जाने पर,अपने मोटर साइकिल से ,पास के शहर जाकर किराना सामान लाता था।एक दिनमेरा पति किराना सामान लाने अपने मोटर साइकिल से पास के शहर गया था।

वह सामान मोटरसाइकल में लादकर गांव आ रहा था। सामान ओवरलोड हो गया था। रास्ते ट्रक गुजरने पर वह मोटर साइकिल को कंट्रोल नही कर पाया और वह मोटर साइकिल से सामान सहित गिर पड़ा।उसके सिर पर चोट लगी, वह उठ नही पाया।

गांव का एक पड़ोसी शहर जा रहा था। उसने मेरे पति को पहचान लिया ।उसनेफोन द्वारा हादसे की जानकारी मेरे बेटे को दिया।

हम लोग चन्दन के बापू को,लोगो की मदद से पास के शहर के हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले गए।

डॉक्टरों द्वारा चेकअप से पता चला की मेरे पति के सिर पर अंदरूनी चोंट लगी है जिसके कारण उसका एक हांथ और पैर काम नही कर पा रहा।

डॉक्टरों ने अपने ओर से पुरी कोशिश की परंतु। मेरे पति के स्थिति में कोई सुधार नहीं आया तब डॉक्टरों ने उसे बड़े हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी।

डॉक्टरों के सलाह के अनुसार हम उसे बड़े शहर में डॉक्टरों द्वारा बताए हॉस्पिटल में एडमिट करा दिए।चन्दन के पिता करीब एक माह तक उस हॉस्पिटल में एडमिट रहा।

उसके हांथ एवम पैर में थोडा मूवमेंट जरुर आया लेकिन अभी भी स्वयं खड़ा हो पाने की स्थिति में नही आया था। डॉक्टरों ने कहा कि आप इन्हे घर ले जाए इनके लिए दवाई लिख रहे हैं जो नियमित रूप से खिलाते रहना होगा जिससे इनकी स्थिति में सुधार होता जाएगा।

इस प्रकार हम लोग चन्दन के पिता जी को घर ले आये एवम डॉक्टर के द्वारा दिए गए दवाई को नियमित रूप से खिलाते रहे।मेरे पति के स्थिति में कुछ सुधार भी huwa,अब वह उठकर बैठ सकता था। उसके पैर में काफ़ी सुधार huwa था पर हांथ कि स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं huwa था।

इस तरह10माह गुजर गए।इसी बीच मेरी बड़ी बेटी चम्पा जो इस समय 8माह की पेट से थी। वह dilwari के लिए अपनी मायका चली आई क्यू की उनकेससुराल में कोई नही था, जो चम्पा की देखभाल कर सकें

।दामाद जी ड्यूटी पर चला जाता था। चम्पा घर में अकेली रह जाती थी इसलिए dilvari बच्चे को जन्म देनेके लिए वह अपने मायका हमारे पास चली आई। अपने 3वर्ष की बेटी को लेकर ।

अब हम धीरेधीरे इस दुख से बाहर निकल रहे थे। बेटा चन्दन पूरी तरह से अब दूकान की जिम्मेदारी संभाल लिया था। मैं घर का काम और पति की सेवा में अपना समय बिताने लगी।

चम्पा भी अब हमारी कुछ मदद कर देती थीं।सब कुछ सामान्य होने लगा था तभी एक कि दिन मेरी ननंद जो दूर एक गांव में बिहा कर गई है ,मेरे पति अपने भाई को देखने घर आई थी।

उसने बताया की वह एक नामी बाबा के बारे में सुनी है जो लोगो का दुवा और दवा दोनो से उपचार करता है। लोगो का कहना है की उसने हजारों लकवा पीड़ित मरीज का उपचार किया है।आप लोग भईया को एक बार बाबा को दिखा लाते।

मैने कहा अगर ऐसी बात है तो हम जरुर एक बार उस बाबा जी के आश्रम जाकर चंदन के बापू को दिखा लायेंगे।हमने उस बाबा के बारे में सारी जानकारी पूछ लियाऔर यह भी निर्धारित कर लिया की उसे कब लेकर जाना है।

बहुंत जल्द वह दिन भी आ गया जब हमे चंदन के बापू को बाबा के आश्रम ले जाना था।

एक निजी वाहन किराए पर लेकर मैं और चन्दन मेरे पति को लेकर आश्रम के लिए निकल पड़े।

निर्धारित समय पर हम आश्रम पहुंच गए। वहा जाकर देखा की लोगो की काफ़ी भीड़ लगी है।

काफ़ी दूर दूर से लोग अपनी समस्या लेकर आश्रम पहुंचे थे। बाबा का एक शिष्य आश्रम में आने वाले लोगों का नाम पता और यहां आने का प्रयोजन पूछ रहे थे।

हमने भी अपना आने का प्रयोजन नोट कराया और आश्रम में एक बडा सा हाल बना था जहा सभी लोग बैठे अपने नाम पुकारने के इंतजार कर रहे थे।

नाम पुकारे जाने पर लोग कमरे के अंदर जाते जहा बाबा बैठा लोगो को उनकी परेशानी पूछकर इलाज कर रहा था।

हम भी हमारे नाम पुकारे जाने का इंतजार करने लगे।

वहा पर मौजूद लोग में कै लोग ऐसे थे जो पहली बार यहां आए थे कुछ लोग कई बार यहां पहले भी आ चुके थे। लोग आपस मे चर्चा कर रहे थे।

बाबा जी के इलाज से हमारी पीड़ा दूर हुई कई उसकी महिमा का बखान कर रहे थे। जिसे यहाँ पहली बार आने वाले लोगों के मन में एक उम्मीद दिखाई पड़ रहा था कि वे सही जगह आए है। जहा उनके समस्या का समाधान हो जाएगा।

जब कोई रोगी व्यक्ति बाबा के इलाज से ठीक होने की जानकारी हाल में बैठे लोगों को देते थे तब बाबा के भक्त लोगो द्वारा बाबा की जयकारा लगाया जा रहा था।

कुछ समय बाद बाबा के शिष्य द्वारा मेरे चंदन के बापू का नाम पुकारा गया, हम चंदन के बापू को लेकर कमरे में प्रवेश किए।

कमरे मे बाबा जो काले धोती और कुर्ता धारण किया huwa था। लंबी दाढ़ी जो आधा पक गया था बाल भी कुछ काले एवम सफ़ेद थे उनकी उम्र 60से 65के बीच रही होगी, वह हमे अंदर आता देखकर वहा बिछी चटाई पर बैठने का इशारा किया।

हम लोग चंदन के बापू को बाबा के सामने बिठाकर वहा कोने पर baith गए। बाबा ने मुझसे यहां आने का प्रयोजन और सारी घटना के बारे में पूछा।

मैने बाबा जी को सारी बाते विस्तार से बताया। मैने बाबा से हाथ जोड़कर रोते हुवे कहा बाबा जी मेरे पति को ठीक कर दीजिए। बड़ी उम्मीद लेकर हम यहां आए है।

बाबा जी ने कहा बेटी तुम बिल्कुल ठीक जगह पर आए हो। बाबा के बाजू में पत्थर की एक देवी की मूर्ति थी। उसे देखते हुवे कहा देवी मां के शरण में आने वाला कभी निराश नहीं होता तुम्हारा पति मां की कृपा से जल्दी ठीक हो जायेगा।

इसके लिऐ जो उपाय एवम नियम यहां बताया जाएगा उनका तुम्हे अच्छे से पालन करना होगा।

कमला _बाबा जी आप जो उपाय एवम नियम बताएंगे मैं उसका पालन करूंगी मेरे पति को एक बार ठीक कर दीजिए।

बाबा _बेटी यहां पर दुआ और दवा दोनो से इलाज किया जाता है। मै तुम्हे दुर्लभ जड़ी बूटी एवम भस्म से बना औषधि दूंगा जिसे तुम सुबह शाम एक गिलास दुध में थोडा उबालकर अपने पति को नियमित खिलाना होगा। यह तो है दवा की बात।

अब दुवा के लिए तुम्हे अपने घर में देवी मां की मूर्ति स्थापित करना होगा और मैं एक मंत्र दूंगा जिसे तुम्हे हर रोज सुबह 101बार जाप करना होगा। तुम्हे हर रोज जाप करना होगा। किसी भी कारण से इसे बीच में छोड़ना नही, नही तो परिणाम बुरा भी हो सकता है। क्या तुम कर सकोगी?
आगे अगले अपडेट मे,,,,,
Padh kar laga ki ashram me kamla ki chudai hogi
 

Ek number

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कमला ने बाबा से कहा बाबा जी आप जो उपाय एवम नियम बताएंगे उसे मैं पूरे सिद्दत एवम ईमानदारी से पूरी करूंगी बस किसी भी तरह मेरे पति को ठीक कर दीजिए।

बाबा ने अपने शिष्य को आवाज़ लगाया और उनको कुछ कहा। शिष्य ने कुछ देर बाद कुछ सामग्री लेकर आया।

बाबा ने ये लो बेटी इस पैकेट में वह दुर्लब जड़ी बूटियों से बनी औषधि है जिसे तुम्हे रोज अपने पति को दूध में उबालकर देनी है और एक कागज की पर्ची है जिसमे पूजन सामग्री लिखी है जिसकी व्यवस्था तुम्हें करके रखनी होगी, मेरा एक शिष्य तुम्हारा घर जायेगा। वह तुम्हारे घर में मूर्ति स्थापित करेगा। आगे पूजा पाठ की विधि भी तुम्हें मेरा शिष्य बता देगा।

अब आप लोग जाइए देवी मां की कृपा से सब ठीक हो जायेगा।

उसके बाद हम लोग बाबा से आशीर्वाद प्राप्तकर चंदन के बापू को आश्रम से घर ले आए।

घर आने के बाद चम्पा के पूछने पर आश्रम में क्या क्या huwa उसकी जानकारी मैने उसे दे दी। और चन्दन को बाबा द्वारा दी गई पर्ची में लिखी पूजन सामग्री शहर जाकर लाने को कह दिया।

चंदन पूजन सामग्री लेकर आ गया। अगले दिन बाबा का शिष्य शाम को घर पहुंच गया।

उसने कहा कि आप लोग पूजन सामग्री की व्यवस्था कर लिऐ है ना। मैने बाबा जी के शिष्य को हा कहा।

शिष्य ने बताया की मूर्ति की स्थापना हमे कल सुबह पांच बजे करनी होगी। आपके पूजन कछ कहा पर है मैं देख लू।

शिष्य पूजन कक्ष का मुआयना करने लगा, और पूजन कक्ष की साफ सफाई करने और कुछ आवश्यक बदलाव करने का निर्देश दिया मैने उनके निर्देशों का पालन किया।

बाबा के शिष्य ने कहा की आप को कल सुबह 4बजे उठ जाना है और शरीर की अच्छे से सफाई कर नहाकर जो पीला साड़ी पूजन सामग्री में लिखा है उसे पहनना है उस साड़ी के अलावा तुम्हें और कोई वस्त्र नही पहनने है।

आगे क्या करने है, कल सुबह बताऊंगा।

हमने एक कमरे में बाबा के शिष्य के लिए आराम करने की व्यवस्था कर दी।

अगली सुबह हम सब 4बजे उठ गए। घर के पीछे बाड़ी में कुआ थावहा जाकर मैने शरीर की अच्छे से सफाई की और स्नान कर ली मेरे बाद बारी बारी चंदनऔर चंपा भी स्नान कर नए कपड़े धारण कर लिए। मैने उनके कहे अनुसार वह पीली साड़ी धारण कर ली उसके अलावा ओर कोई वस्त्र नही पहने। बाबा तो पहले ही उठकर स्नान कर लिऐ थे।

मुझे थोडा सबके सामने जाने में थोडा शर्म जरुर महसूस हो रही थीं।लेकिन मुझे उनके निर्देशों का पालन करना था तो मैं तैयार होकर पूजा रूम मे चली गई।

बाबा का शिष्य पहले ही तैयारी कर वहा बैठा था।
बाबा जी का शिष्य एक मूर्ति लेकर आया था जो पत्थर का बना लग रहा था मूर्ति ज्यादा बड़ी नही थी।

मूर्ति किसकी थी मैं नही जानती लेकिन बाबा नेके आश्रम में जो मूर्ति थी यह उससे मेल खा रहि थी।

शिष्य ने उस मूर्ति को लकड़ी के पाट पर एक लाल कपड़ा बिछा कर उसके ऊपर स्थापित कर दिया।
मूर्ति के सामने एक लोटे के उपर बड़ी सी मिट्टी की दिया जला दिया।

मूर्ति की ओर मुंह करके बैठने का निर्देश दिया। और बाल खुला छोड़ने को कहा। मैने उनके निर्देशों का पालन किया।
चंदन और चंपा भी स्नान कर पूजा रूम मे आकर मेरे पीछे बैठ सारी गतिविधियां देख रहें थे।

लाए हुवे पूजन सामग्री से मूर्ती कि पूजा कराते हुए।मुझे समझाने लगा और याद रखने के लिऐ कहा कि आगे तुम्हें हर रोज अकेले ही पूजन कर मंत्र जाप करना होगा।

पूजा खत्म होने के बाद उसने एक मंत्र का उच्चारण किया और मुझे दोहराने के लिए कहा। मैने उनके निर्देशों का पालन किया।

अब उसने कहा की इस मंत्र का जाप तुम्हें तुम्हें हर रोज सुबह इसी समय पीली साड़ी धारण कर 101बार करनी होगी। पूजामें किसी प्रकार विघ्न नही आनी चाहिए। किसी भी हालत में पूजा पाठ और मंत्र जाप रुकना नहीं चाहिए। नही तो देवी मां नाराज भी हो सकती है।

अच्छे के बजाए बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते है।

मैने उनसे कहा की आपके निर्देशों का सह अक्षर पालन करूंगी। मै पुरी कोशिश करूंगी की किसी प्रकार की कोई चूक न हो।

बाबा के शिष्य ने कहा की अगर कोई समस्या आए तो मुझे फ़ोन पर काल करना। उसका समाधान बाबा जी से पूछ लेना।

कमला _जी बाबा जी,,,,,,,

आगे अगले अपडेट पर ___
Nice update
 

rajesh bhagat

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जब कमला भगत को अपना आपबिती सुना रही थी तब चंदा ट्रे पर चाय नाश्ता लेकर कमरे मे प्रवेश की।

कमला ने कहा बेटा पहले चाय नाश्ता कर लो उसके बाद आगे की बाते बताऊंगी। चंदा नाश्ते का प्लेट भगत को देने के बाद।

अपने सास को चाय देने के लिए कप आगे बढ़ाई, कमला ने चाय का कप ठीक से पकड़ी नही और वह नीचे फर्श पर गिर गया।

कमला _ओ हो पूरा फर्श खराब हो गया मैं कप ठीक से पकड़ नही पाई।

चंदा _कोई बात नही मां जी मैं दूसरी चाय ले आती हूं और फर्श साफ कर देती हू।

तभी चंदन ने अपने मां को आवाज़ लगाया जिसे सुनकर कमला ने कहा _बहू लगता है दुकान में ग्राहक ज्यादा है जरा चंदन की मदद कर देना। मै सफाई कर दूंगी।

चंदा _ठीक है मां जी।

भगत नाश्ता करने लगा।

चंदा चंदन के पास दुकान पर चली गई।
कमला फर्श पर पोछा लगाने गीला कपड़ा लाने चली गई।
कुछ देर बाद गीला कपड़ा लेकर कमरे मे कमला पहुंची। और नीचे उकडु बैठकर फर्श पर पोछा लगाने लगी l

भगत का ध्यान कमला पर गया, नजारा देखकर भगत के शरीर में खून तेज गति से बहने लगा।

जब कमला फर्श पर पोछा लगाने उखडू बैठी तब उसका साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया था। और अपने साड़ी को ठीक किए बिना ही वह फर्श पर पोछा लगाने लगी, इस समय उसके दोनो मम्मे के आधे से ज्यादा हिस्सा साफ दिखाई दे रहे थे।

जिसे देख कर भगत का land तन गया।

। भगत खूबसूरत नजारा देखकर मन में कहा आ ह हा क्या नज़ारा है। शाली क्या मॉल है। कितनी बड़ी बड़ी और सुडौल चूचियां है ताई की।

वह उन चूचियों को एक टक देख ने लगा और नजारे का मजा लेने लगा।

भगत मन में सोचने लगा _क्या मम्मे है ताई के मसलने को मिले तो मजा आ जाए।

अब समझ में आया क्यू चंदन भैया अपने जवान खूबसूरत बीबी मेहरारू को छोड़कर अपने मां के भोसड़े के पीछे लगा रहता है।

जब कमला फर्श का पोछा लगाकर उठी तब भगत उसके बदन का मुआयना करने लगा।

भगत _हाय क्या गदराया huwa बदन है साली के। इस उम्र में ऐसा गठीला बदन विश्वास नहीं हो रहा। चंदन भईया तो बड़ा किस्मत वाला निकला क्या गजब की दो दो मॉल को भोग रहा।

जब कमला कमरे से जाने बाहर निकली तो उसका कमला की पिछवाड़ा देखकर भगत से रहा न गया और अपने land को सहलाते हुए कहा। कितना भरा huwa एवम चौड़ी पिछवाड़ा है साली के। इसकी सवारी करके जन्नत में जाने का अपना अलग ही मजा होगा।

कुछ समय बाद कमला फिर कमरे मे पहुंची, भगत चाय नाश्ता कर उन्ही के आने का इंतजार कर रहा था।
भगत ने कमला से कहा _ताई जी आगे क्या huwa आप बताने वाली थीं।

कमल _हा बेटा , पूजा पाठ की सारी गतिविधियां समझाने के बाद बाबा का शिष्य आश्रम चला गया। और जाते हुवे एक मोबाइल नम्बर दे दिया ओर कहा ये बाबा जी का मोबाइल नम्बर है कोइ समस्या हो तो कॉल कर बाबा जी सी समाधान पूछ लेना।

उसके बाड़ मैं हर रोज सुबह 4बजे उठकर नहा कर पीली साड़ी पहनकर बाबा के शिष्य द्वारा बताए तरीको से देवी मैं की मूर्ति की पूजा कर मंत्र जाप करने लगी।

नियमित रूप से सुबह शाम बाबा द्वारा दी गई औषधी को दूध में उबालकर चंदन के बापू को देने लगी।

हमने देखा की चन्दन के बापू की हालत में दिन ब दिन सुधार हो रहा है। अब वह लाठी के सहारे खड़ा हो पा रहा था। उसके हाथों में भी काफ़ी सुधार हो रहा था। वह अपने हाथ की उंगलियों को बंद एवम खोल पा रहा था।

यह देखकर हम बहुत खुश हुए और बाबा जी के प्रति हमारी श्रद्धा बड़ गई।

सब कुछ अच्छा चल रहा था मूर्ति की पूजा हमे 30दिन करने के बाद उसे तालाब में विसर्जित करना था। 23दिन सब कुछ अच्छे तरीके से संपन्न huwa lकेवल 7रोज ही बचे थे की तभी पूजा पाठ में एक विघ्न आ गया।

मेरी माहवारी शुरू हो गई।

मासिक धर्म के समय महिलाओं का पूजा रूम मे घुसना वर्जित होता है। महिलाओं का शरीर अपवित्र माना जाता है।

मै चिंता में पड़ गई अब क्या होगा। बाबा ने कहा था कि पूजा पाठ नियमित रूप से करना होगा। बीच में रुकना नहीं चाहिए नही तो अपशकुन होगा।

मैने यह बात चंपा को बताई और कहा बेटी अब क्या होगा पूजाबिच में रुकने से कही कोई अनर्थ न हो जाए अब क्या करे?

चम्पा _मां बाबा के शिष्य ने हमें बाबा का मोबाइल नंबर दिया है और कहा है की कोई समस्या हो तो कॉल करना। बाबा आपके समस्या का हल जरूर निकलेगा। क्यू न हम बाबा जी को काल कर समस्या बताए। उनके पास इस समस्या का कोई हल जरुर होगा।

कमला _बेटी तुम सही कह रही। बाबा जी को काल लगाओ।

चम्पा बाबा जी को काल लगाई। और मोबाइल कमला को पकड़ा दी।

बाबा ने काल उठाया।

कमला _हैलो बाबा जी।

बाबा जी _कौन बोल रही हो बेटी मै बाबा जी ही बोल रहा हूं।

कमला _बाबा जी मैं कमला बोल रही है। श्यामलाल की पत्नी जिनका इलाज कराने आपके आश्रम आए थे।

बाबा _हा बेटी कमला बोलो आपके बीच के तबियत ठीक तो है ना?

सब कुशल मंगल तो है न। कही कोई समस्या तो नही।

कमला _बाबा जी अब तक तो सब कुछ अच्छा चल रहा था। चंदन के बापू की तबीयत में भी काफ़ी सुधार आया है। पर एक बड़ी समस्या आ गई है।

बाबा _कैसी समस्या बेटी मुझे खुलकर बताओ।

कमला _बाबा मेरी माहवारी शुरू हो गई है अब मैं देवी मां की पूजा पाठ एवम मंत्र जप कैसे करू। कोई उपाय बताइए।

बाबा _बेटी, ये तो बड़ी विकट समस्या आ गया। तुम अभी पूजा रूम में जाने योग्य नहीं हो। लेकीन पूजा बिच में रुकने से कहीं अपशकुन न हो जाए।

देवी मां नाराज भी हो सकती है जिससे घर में नई विपत्ति आ सकती है?

कमला _बाबा जी अब क्या होगा कोई उपाय होगा तो बताइए।

बाबा _बेटी उपाय तो है पर उसे तुम कर सको तो।

कमला _बाबा जी मैं वह उपाय जरुर करूंगी आप करना क्या होगा बताए।

बाबा _बेटी ध्यान से सुनो, मासिक धर्म के समय महीला का शरीर अपवित्र हो जाति है। तुम गंगा जल से स्नान कर अपने बाह्य तन को तो शुद्ध कर सकती हो लेकीन गंगा जल से तुम्हारे गर्भाशय का शुद्धिकरण नही हो सकता उसके लिए तुम्हें दुसरे उपाय करने होंगे।

कमला _बाबा जी आप बताइए की मेरे शरीर के अंदर का शुद्धिकरण कैसे होगा?

बाबा _बेटी महिलाओं के गर्भाशय के लिए कोई सबसे पवित्र चीज है तो वह पुरुषों का वीर्य है।

समय पर गर्भाशय को पुरुषों का वीर्य न मिल पाने के कारण ही महिलाओं को माहवारी शुरू हो जाती है। और समय पर वीर्य मिल जाए तो महीला गर्भ धारन कर सुंदर शिशु को जन्म देती है।
अतः महिलाओं के गर्भासय के लिऐ वीर्य से बडा पवित्र चीज और कोई नहीं है।

अतः गर्भसाय का सुद्धिकरण के लिए तुम्हें अपने गर्भाशय को वीर्य से नहलाना होगा।

कमला_पर ये कैसे होगा बाबा जी।

बाबा _ये एक ही उपाय है बेटी तुम्हें सुबह उठकर पहले किसी पुरुष से संभोग करना होगा। पुरुष अपने वीर्य से तुम्हारे गर्भाशय को सीचेगा ।
उसके बाद गंगा जल से नहाना होगा तब तुम पूर्ण रूप से सुध हो सकोगी और पूजा पाठ कर सकोगी।

कमला _पर बाबा जी चंदन के बापू तो इस स्थिति में नही है की ओ मुझसे संबंध बना सकें।

बाबा _देखो बेटी, तुम्हारे पूछने पर मैने उपाय बताएं अब आप की मर्जी है तुम उपाय करती हो की नही। यह जरूरी नहीं है कि तुम अपने ही पति से संभोग कर सुद्धीकरण करो पराया पुरुष की भी मदद ले सकती हो। अब आगे आपकी मर्जी।
और बाबा ने यह कहते हुए की देवी मां की कृपा तुम पर बनी रहें काल रख दिया।

अब कमला चिंतित हो गई अब वह क्या करे उसे कुछ समझ नहि आ रहा था। वह एक पतिव्रता नारी थी जो अभी तक किसी पराया मर्द के santh सम्बंध बनाना तो दूर ऐसा करने के बारे में भी सपने में भी नही सोची थी।

मां को चितित देख कर चम्पा अपनी मां से पूछी बताओ मां बाबा जी ने तुम्हें क्या उपाय बताया तुम बहुत चिंतित लग रही हो।

चम्पा के बार बार पूछने पर कमला ने अपनी बेटी चम्पा को बाबा द्वारा कही गई सारी बाते बता दी।

चम्पा भी सुनकर चिंता में पड़ गई।

कुछ समय बाद चम्पा बोली _मां अगर तुम चाहो तो एक पुरुष है जो तुम्हारी मदद कर सकता है?
और किसी को पता भी नही चलेगा।

कमला _चम्पा ये तुम क्या कह रही हो बेटी और कौन है जो हमारी मदद कर सकता है और किसी को कुछ पता भी नही चलेगा।


चंपा _मां चंदन हमारी मदद करेगा।

कमला _चंपा, अपनी मुंह बंद रख, आखिर तुम इतना गंदा सोच कैसे रख सकती हो। चंदन मेरा बेटा है।

चम्पा _जानती हू मां की चन्दन तुम्हारा बेटा है, मैने सोच समझकर ही ये बातें तुमसे कही है।
इसके अलावा और कोई चारा है तुम्हारे पास तो बताओ।

अगर तुमबिच में हीपूजा बंद कर दी तो घर में कोई फिर से अनिष्ट न हो जाय। और तुम कहीं बाहर के पुरुष से मदद ली तो वह पूरे गांव वाले को बता सकता है जिससे हमारी बदनामी होगी।

तुम इस बारे में अच्छे से सोच कर देखो।

कमला, चंपा के द्वारा कही बातो को ध्यान से सुनने के बाद गहन सोच विचार में डूब गई।
काफ़ी देर सोचने के बाद वह चम्पा से बोली।

कमला_बेटी पर चंदन तो अभी छोटा है और इन सब के बारे में उसे कुछ जानकारी भी नही होगा। फिर ये सब कैसे होगा?
चम्पा _मां चंदन अब इतना बच्चा भीनहीं रहा वह 19 वर्ष का हो चुका है इस उम्र में तो पहले गांव के लोग बाप बन जाते थे।
और तुम्हें चिंता करने की कोई बात नही मै चंदन को सब समझा दूंगी।

कमला _पर बेटी अगर चंदन तैयार भी हो गया तो मेरे में इतना हिम्मत नहीं की उसके नीचे जाकर लेट सकू।

चम्पा, _मां मैने तुमसे कहा ना की तुम्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं मै सब सम्हाल लूंगी। बस मै जैसे कहूंगी वैसी करती जाना।
और चम्पा मुस्कुराने लगी।
जिसे देखकर कमला ने कहा धत बदमाश कही की मैं शर्म से मरी जा रही, मेरी जान निकले जा रही और तुम मुस्कुरा रही हो।
आगे अगले अपडेट मे,,,,
 

Sixty nine

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Kisi ne xossip pe kahani padhi hai. Title hai "beti ki shaadi me hui bete ki deewani".
Plot:- maa ke ghutno me pain rehta hai ,beta maalish karta hai. Shaadi ke time hota hai to Ghar mehmaano se bhara hota hai to maa bete dono store Wale room pe beta malish karta hai maa ki aur saath me sojate hai.

Kisi ko koi idea .kahin aur post ki gai ho and Han siraj Patel ka name mat batana kyonki unke pass nahi hai .
 
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