• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest यह क्या हुआ

Sanju@

Well-Known Member
4,863
19,644
158
कुछ समय बाद सौरभ सुमन को लेने सुनिता के घर पहुंच गया। सुमन सुनिता से पैर छूकर जाने का इजाजत लिया।

सुनिता नेउसे मां बनने का आशिर्वाद देकर विदा किया।

सुनिताने राजेश से कहा बेटा तुम भी काफी थक गएहोगे जाओअपने कमरेमें आराम करो।

राजेश भीअपने कमरे मे जाकरआराम करने लगा। कुछ समय बाद स्वीटी घर पहुंची।

उसे कुछ पता ही नही चला कि घर में आज क्या हुआ।

शेखर भी समय पर घर आ गया उसे भी आज इस घर मे क्या हुआ पता ही नही चला।

राजेश और सुनिता ने ऐसा व्यवहार किया कि कुछ huwa ही नही हैं।

रात मे भोजन के बाद राजेश अपने रूम मे सोने चला गया शेखर और स्वीटी भी अपने रूम में चले गए।

राजेश अपने कमरे मे जाकर आज हुए घटना क्रम को याद कर रहा था।

वह सोच रहा था क्या हॉट मॉल हैं सुमन ,उसको भोगने में जो सुख उन्हे प्राप्त हुआ उसे याद कर शरीर फिर गर्म होने लगा।

उधर सुमन भी लेटी लेटी राजेश द्वारा की गई chudai ko ही याद कर रही थी और मन मे कह रही थी

राजेश क्या chudai करता है? क्या मर्दाना ताकत है? उसके chudai se Jo सुख उसको मिला उसे शब्दो में बया करना muskil था। ना जाने वह कितने बार झड़ी उन palo ko याद कर वह पूरी तरह गर्म हो गई।

इधर कीचन का काम निपटाने के बाद सुनिता भी अपने कमरे मे सोने चली गई। वह भी आज हुवे घटना क्रम को याद कर गरम हो गई। बार बार उसके आंखो के सामने वह मंजर नजर आ जा रहा था। जिसमे राजेश अपने दोनों हाथों से सुमन के चूचे पकड़कर जोर जोर से मसलते हुवे। सुमन की boor की chudai कर रहा था। और कैसे सुमन आनंद में चीख एवम सिसक रही थी।

उन पलों को याद कर सुनिता बहुत गर्म हो गई।

वह सोंचने लगी कास शेखर भी मुझे ऐसा सुख दे पाता। सुनिता के boor se खुजली मचने लगा और chut se रस बहने लगा।

सुनिता को इस समय chudai कराने का बहुत मन करने लगा।

वह अपने पति की ओर देखा, जो गहरे नींद मे सो रहा था वह निराश हो गई।

इस समय सुनिता के ऊपर हवस सवार हो गया था। वह हवस में वह करने लगीं जो उसने आज तक नही की थी।

सुनिता अपने पति के land ko पैजामे के ऊपर से ही सहलाने लगी। उसके पैरो को रगड़ने लगी। सुनिता के इन हरकतों से शेखर का नींद खुल गया। शेखर ने आंखे खोलकर देखा और सुनिता से कहा क्या कर रही हो सुनिता, मुझे नींद आ रही हैं तुम भी सो जाओ।
शेखर की इन बातो से सुनिता को पहलीबार शेखर पर इतना गुस्सा आया। और मन मे कहते हुवे की इनसे तो कुछ उम्मीद करना ही बेकार हैं।

सुनिता सीधा होकर सोने का प्रयास करने लगी।

पर बार बार उसके आंखो के सामने सुमन और राजेश की chudai का दृश्य आ जा रहा था। जिससे उनके आंखो से नींद कोसों दूर थी।
उसने अपने पति की ओर फिर देखा जो घोड़े बेच कर सो रहा था।

इधर राजेश भी आज हुईं chudai ke bare me सोचने से नींद नहीं आ रही थीं वह अपने land ko अपने हाथो से सहला रहा था। उसका land Puri तरह से अकड़ा huwa था।

वह अपने मोबाइल से सुमन को मैसेज किया क्या कर रही हो जान?
सुमन भी सोई नहीं थी मैसेज आने की टोन सुनकर वह मोबाइल उठाकर देखी इतने रात को किसका किसने मेसेज किया हैं।इस समय सौरभ गहरी नींद के आगोश मे थे l

सुमन राजेश का मैसेज पढ़ी। वह खुश हो गई।

वह भी राजेश को मैसेज की अरे आप अभी तक सोए नही।

राजेश _नही कैसे सोउ तुम्हारी याद जो आ रही है।।तुम अभी तक नही सोई।

सुमन ने कहा, नही मुझे भी तेरी याद आ रही है।

Rajesh ने कहा लगता है आग दोनों तरफ लगी है।

सुमन ने हा में रिप्लाई दिया।

इधर सुनिता सो नहीं पा रही थीं। उसके आंखो के सामने सुमन और राजेश का chudai दृश्य ही नजर आ रहा था। उसके ऊपर हवस पूरी तरह हावी हो गया था। उसके लिए रात काटना भारी हो गया था। वह समय देखने अपने मोबाइल उठाया । मोबाइल ऑन की रातके 12बजचुके थे। मोबाइल चालू करने पर कुछ मैसेज उनके मोबाइल पर आया था उसे पढ़ने के लिऐ वाट्स अप चालू किया वाट्स अप पर मैसेज पढ़ने लगी।

तभीउसकी नजर पड़ी की राजेश वाटसअप पर ऑनलाइन है। उसने सोचा राजेश अभी तक सोया नही है। इतनी रात हो गई।

उसने राजेश को मैसेज किया, राजेश बेटा अभी तक तुम सोए नही।

राजेश इस समय सुमन के साथ चैटिंग कर रहा था।

जब उसने देखा कि मां का मैसेज आया है तो वह सुमन को गुड नाइट जान कल मिलते है कहकर चैटिंग करना बंद कर दिया और अपनी मां को रिप्लाइ दिया।

नही मां नींद नही आ रही।

सुनिता _ पर तुम्हे तो अच्छी नींद आनी चाहिए इतनी मेहनत जो किए।

राजेश _ पर मां आप भी तो अभी तक सोई नहीं।

सुनिता _हा बेटा मै भी तुम्हारे बारे मे ही सोच रही थी। कि तुम एक मर्द बन गए। सुमन की चीखने की आवाज मेरे कानो मे तो अब भी गूंज रही है।

राजेश _मां क्या तुमने वो आवाजे सुनी।
सुनिता_ वह आवाजे तो पूरे घर मे गूंज रही थीं। मै तो डर गई थीं कि कुछ हो तो नही गया।

राजेश _मां तो बताओ मै पास huwa की फैल।

सुमन _तुम तो हर क्षेत्र में नम्बर वन हो। मुझे तुम पर गर्व है।
राजेश _than kyu mom

सुनिता _अच्छा ये बताओ तुम सोए क्यू नही अभी तक।

राजेश _मां मुझे नींद नही आ रही। आज जो हूवा उसे याद करके।

सुनिता _पर आज जो huwa दो दो बार उससे तो तुम थक गए होगे नींद तो अच्छी आनी चाहिए।

राजेश_ नही मां ये तो जितना मेहनत करो ये उतना ही परेशान करता है।

सुनिता _कौन बेटा।

राजेश_मां समझा करो।

सुनिता _ठीक से बताओगे नही तो कैसे समझूंगी।
ठीक से बताओ कौन तुम्हे परेशान कर रहा है।

राजेश _नही मां मै नही बता सकता मुझे शर्म आ रही।
सुनिता_आज इतना कुछ होने के बाद भी कैसी शर्म।

राजेश _मां तुम नाराज हो जाओगी।
सुनिता _नही बेटा मै तुमसे नाराज नहीं होऊंगी बताओ।। तुम्हे कौन परेशान कर रहा है।
सुनिता के बार जिद करने पर राजेश ने अपने कांपते हाथो से लिखा

मां मेरा land मुझे परेशान कर रहा।

Land शब्द पढ़ते ही सुनिता की दिल का धड़कन बड़ गया।
उसके ऊपर आज की घटनाओं को याद करते हुवे हवस ऐसे ही हा वी था

Land sabd ने आग में घी का काम किया।

और कांपते हाथो से उसने टाईप की
वो तुम्हे परेशान कर रहा बेटा।

मां के रिप्लाई से राजेश का हिम्मत बड़ा उसने सुनिता को मेसेज किया।

मां मेरा आज की घटनाओं को याद कर मेरा land fir से खड़ा हो गया है। बैठने का नाम नहीं ले रहा क्या करू?
इसलिए मुझे नींद नही आ रही है।

राजेश का मैसेज पड़कर उसके chut me बाड
sa गया।

सुनिता ने कांपते हुवे लिखा बेटा दो दो बार झड़ने के बाद भी।

तुम्हें परेशान कर रहा है।

मां के रिप्लाइ देने से राजेश का हौसला बढ़ता जा रहा था।

राजेश ने लिखा _ मां तुमने सही कहा था?
सुनिता _मैने क्या कहा था बेटे ठीक से बताओ।
राजेश _मां यही की ऐसा करने से बहुंत मजा आता है

सुनिता _क्या करने से बेटे।

सुनिता के बार बार पूछने पर राजेश का हिम्मत बढ़ता गया और राजेश का जोश भी बढ़ता गया उसके land तनाव और बड़ गया उसने अपने मां को रिप्लाई दिया
राजेश_chudai करने से

Chudai शब्द पढ़ते ही सुनिता का शरीर कपक्कपा गया।

सुनिता अपने chut ko मसलने लगीं।

सुनिता ने रिप्लाई दिया _तुम्हे बहुत मजा आया।

मां के रिप्लाई देने से राजेश का हिम्मत बढ़ता ही गया और मां से वार्तालाप का मजा लेने लगा। वह अपने मां को उत्तर दिया

हा मा सुमन की chudai karne मे
मुझे बहुत मजा आया। इससे बड़ा सुख तो दुनिया में कुछ हैं ही नही।

Chudai ke आनद को याद कर मेरा land मेरा land मुझे परेशान कर रहा है।

राजेश की बातो को पड़कर सुनिता का chut झरने की तरह बहने लगी।

सुनिता को भी इस वार्ता लाप से मजा आने लगा वह मां बेटे के बीच की मर्यादा को भूलने लगी उसके शरीर पर हवस का कब्जा हो गया था।

उसने रिप्लाई दिया, सुनिता ने हवस में कहा बेटा तुम्हे ओ करने का मन कर रहा क्या?

राजेश ने जानते huwe भी कहा मां क्या करने का? मै समझा नही, ठीक से बताओ।

सुनिता _अरे वही जो आज किया।

राजेश जानबूझकर,,_क्या किया मां ठीक से बताओ।
सुनिता हवस में सब मर्यादा भूल गई और कपकपाते हाथों से लिखी

chudai

Chudai शब्द पढ़ते ही राजेश ka land ठुनकी मारने लगा।

उसका हिम्मत बहुत बड़ गया।

उसने टाइप किया

हा मां मुझे chudai karne ka बड़ा मन कर रहा हैं। इसलिए मैं सो नहीं पा रहा।

सुनिता _ सुमन तो नही हैं अब क्या करेगा।
राजेश बड़ा जोश में था राजेश ने जोश मे आकर कहा मां क्या तुम मेरी मदद नहीं कर सकती।

सुनिता का दिल जोरों से धड़कने लगा।

वह टाइप की , टाइप की बेटा मैं तुम्हारी मां हू बीवी नही।

राजेश_पर मां पहले भी तो आपने मेरी मदद की थी।

सुनिता _उस समय तुम बच्चे थे अब मर्द हो।
और मर्द के पास आधी रात को किसी पराई महिला को नही जाना चाहिए।

राजेश _मां मै कितना भी बडा हो जाऊ पर हू तो तुम्हारा बच्चा। और बच्चे की मदद मां नही करेगी तो और कौन करेगा?
सुनिता_ मै तुम्हारे बातो मे नही आने वाली अपने हांथ से ही काम चलाओ। मुझेतुमपर भरोसानही।

राजेश_मां आओना ।

सुनिता_नही मै नही आने वाली।

राजेश_मां मुझे तुम्हारa इंतजार रहेगा।


सुनिता ने मोबाइल ऑफ कर दी। सोने कि कोशिश करने लगी।

सुनिता के ऊपर हवस हावी था। नींद उसकी आंखो से कोसो दूर थी। उसे बार बार सुमन और राजेश की chudai दृश्य ही नजर आ रहे थे।

उससे रहा न गया। उसने शेखर कि ओर देखा जो गहरी नींद मे सोया था।

सुनिता अपने बेड से उठी और राजेश के कमरे की ओर चल पड़ी।




Chudai शब्द
Shandaar और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
 

anujpal

Member
106
131
43
दोस्तों कहानी को आगे बढ़ाते हैं

जब स्वीटी कॉलेज से घर पहुंचती है, सुनीता स्वीटी को अकेले देख कर पूछती है।

स्वीटी तुम अकेले ही आई हो, राजेश कहां है?

स्वीटी ने कहा मां भैया को कुछ काम था ।उसने कहा कि मैं थोड़ा लेट आऊंगा तुम अपनी सहेली के साथ घर चली जाना।

सुनिता -पर् वह कहां है, क्या काम है । तुम् पूछी नहीं।

स्वीटी ने कहा- नहीं मा।

सुनीता ने खीझते हुए कहा ,तुम्हें पूछना चाहिए था कि वह कहां है ?वह बोला और तुम आ गई।

स्वीटी- मां तुम मुझ पर ,क्यों चिल्ला रही हो। भैया आएगा तब उसी से पूछ लेना वह कहा था।मुझ पर क्यों चिल्ला रही हो?

सुनीता को अपनी गलती का एहसास हुआ।वह बोली ठीक है ,ठीक है। स्वीटी अपने कमरे मे चली जाती है।

सुनीता अपने आप से कहती है ,मुझे स्वीटी से एेसा नहीं पूछना चाहिए था ये मुझे क्या हो गया । वैसे भी राजेश यह सब जानबूझकर कर रहा है ।

सुनीता किचन में जाकर काम करने लगी ,वह सोचती है । जनाब ऐसा करके अपना नराजगी जताना चाह रहा है।पर वह कहा गया होगा ।वह कॉलेज गया था कि नहीं । वह सुबह भी कुछ खाया नहीं था अभी तक कुछ खाया होगा कि नहीं उसे राजेश की चिंता होने लगी।

उसका मन राजेश को फोन करके पूछने का हुआ। राजेश को फोन करके पूछना चाह रही थी, लेकिन सुबह की की घटना को याद करके।वह कॉल ना कर सकी।

वह सोची अभी वह गुस्से में है ।नाराजगी दिखाने के लिए ऐसा हरकत कर रहा है।धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा । मैं भी देखती हूं अपनी मां से कब तक नाराज रहता है ।

1 घंटे के बाद राजेश घर पहुंचता है इस समय सुनीता किचन में काम कर रही थी। राजेश बिना कुछ बोले सीधे अपने कमरे में चला जाता है।

सुनीता का मन किया कि वह राजेश से पूछे की वह कहां था ।पर दूसरा मन , ऐसा करने से रोक दिया। उसे कमरे मे जाते हुए देखती रही ।वह सोचती है पता नहीं मैं सुबह से कुछ खाया भी है कि नहीं।

राजेश अपने कमरे में जाकर पढ़ाई करने लगा रात्रि भोज के समय स्वीटी और शेखर ,भोजन के लिए डाइनिंग टेबल पर आकर बैठ गए। सुनीता ने शेखर से कहा राजेश को भी बुला लाओ। पता नहीं सुबह से कुछ खाया है भी कि नहीं।

शेखर ,राजेश के कमरे में गया। वह देखा कि राजेश समय पढ़ाई कर रहा था। उसने राजेश कहां बेटा डिनर का टाइम हो गया है ।चलो डिनर कर लो ।

राजे ने अपने पिताजी से कहा पापा जी आज मेरा खाने का मन नहीं कर रहा है। शेखर ने कहा बेटा तुमने सुबह भी कुछ नहीं खाया था। राजेश ने कहा पापा मैंने दोपहर में लंच किया था ।अभी मेरा खाने का बिल्कुल मन नहीं है ।

शेखर ने कहा बेटा कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ना तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ना।

राजेश ने कहा पापा मेरी तबीयत ठीक है ।पर खाने खाने का बिल्कुल भी मन नहीं।

शेखर ने कहा, ठीक है बेटा।

शेखर चला गया ।जब वह डायनिंग टेबल पर पहुंचा सुनीता ने शेखर से पूछा क्यो जी राजेश नहीं आया शेखर ने कहा नहीं। उसका खाने का मन नहीं है ।

सुनीता ने कहा ठीक है जी तुम लोग खाना खा लो उसे भूख लगेगा तब वह खाना खा लेगा।

सुनीता स्वीटी और शेखर दोनों को खाना परोसने लगी। शेखर ने देखा कि सुनीता अपने लिए खाना नहीं निकाल रही है वह सुनीता से पूछा ,तुम नहीं खाओगी

सुनीता ने कहा मैं राजेश को खिलाने के बाद खा लूंगी। तुम लोग खाना खालो।

शेखर को कुछ अजीब सा लगा। इन मां बेटा के बीच आखिर चल क्या रहा है?

स्वीटी और शेखर दोनों भोजन कर लेने के बाद ।अपने अपने कमरे में चले गए। सुनीता बर्तन धोने और किचन का कुछ काम निपटा लेने के बाद। एक थाली में भोजन निकालकर राजेश के कमरे की ओर चली गयी।

कमरे में जाने के बाद देखा राजेश लेटा हुआ है। कमरे मे एक स्टूल नाम रखा हुआ था ।सूनिता स्टूल को पास खींच कर ,उसमें भोजन की थाली रख दी ।और बेड पर बैठ गई ।उसने राजेश से कहा चलो खाना खा लो।

राजेश ने कहा ,मुझे भूख नहीं है। मुझे नहीं खाना है।

सुनीता ने कहा, तुम्हें क्या लगता है कि तुम खाना नहीं खाओगे तो मैं पीघल जाऊंगी और जो तुम करना चाहते हो। वह सब करने दूंगी ।मैं अपनी मर्यादा भूल जाऊंगी। ऐसा कभी नहीं होगा।

तुम खाना नहीं चाहते तो ठीक है मत खाओ।मैं भी नहीं खाऊंगी। यहां मेरी चिंता किसको है ।मैंने सुबह से कुछ नहीं खायी है ।वह सुबकने लगी ।

कुछ देर बाद फिर बोली ,तूम नहीं खाना चाहते हो तो ठीक है मैं जा रही हूं ।मैं भी नहीं खाऊंगी और भूखी रहूंगी ।

वह भोजन की थाली उठाकर जाने को हुई।

राजेश अपनी मां को अच्छी तरह से जानता था ।उसे लगा था कि उसकी मां कुछ नहीं खाई होगी ।वह नहीं चाहता था कि उसकी मां भूखी रहे ।जब सुनीता भोजन की थाली ले जा रही थी ।तो उसने उसे रोक दिया थाली को अपने हाथों में ले लिया और बेड पर ही बैठ कर ।भोजन करने लगा।

सुनीता राजेश को भोजन करते देख मुस्कुराने लगी। राजेश बिना कुछ बोले ही खाना जल्दी से खत्म कर दिया वह चाहता था, उसकी मां कमरे से जल्द से जल्द चली जाए ।

सुनीता राजेश से पूछना चाहती थी कि आज तुम्हें कॉलेज से घर आने में लेट क्यों हो गया ।कहां थे ?पर उस उसे इस समय कुछ पूछना ना कुछ ना ठीक नहीं लगा । राजेश ने भोजन कर लिया वह उसी पर संतुस्ट हो गई थी।

वह भोजन की थाली लेकर किचन में चली गई और खुद भी भोजन कर ,अपने रूम में चली गई।

सुनीता अपने बेड पर लेट गई। शेखर अभी सोया नहीं था। उसने सुनीता से पूछा, राजेश ने भोजन किया।

सुनीता ने कहा हां ।

राजेश आखिर भोजन क्यों नहीं कर रहा था लगता है वह नाराज है ।आखिर बात क्या है? मुझे भी कुछ बताओ।

सुनीता कहती है वह मुझसे इजाजत मांग रहा है ?

शेखर कहता है ,कैसी इजाजत?

सुनीता मन में कहती है, मैं क्या बताऊं, तुम्हारा बेटा अपने ही मां पर चढना चाहता है ।अपनी मां को अपनी बच्चे की मां बनाना चाहते हैं। अपनी मां को भोगना चाहता है।

शेखर फिर पूछा, क्या सोचने लगी ?कुछ बताती क्यों नहीं ?

सुनिता ने कहा ,अब क्या बताऊं जी ।राजेश अब बिगड़ गया है। वह कालेज में गर्लफ्रेंड बनाना चाहता है ।तुम तो जानते हो बिना मेरे इजाजत राजेश कोई भी नया काम नही करता ।वह मुझसे इजाजत मांग रहा है मैंने इजाजत नहीं दी,तो वह जिद करने लगा ।मैंने उससे कहा कि तुम लड़कियों के चक्कर में ना पड़ो पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दो और अपने पैरों पर खड़े हो जाओ। उसके बाद कोई गर्लफ्रेंड बनाना इसलिए वो नाराज है संगीता ने शेखर से सही बात नहीं बताई।

शेखर ने कहा ,राजेश अब जवान हो चुका है उसका भी मन करता होगा ।कुछ करने का ।गर्लफ्रेंड बनाने दो।वह इस समय में इंजॉय नहीं करेगा तो कब करेगा।

सुनीता ने कहा ,नहीं जी लड़कियों के चक्कर में वह पढ़ाई में ध्यान नहीं देगा ।जब तक वह अपने पैरों पर खड़ा न हो जाए उसे लड़कियों से दूर रहना चाहिए ।मैं उसके भविष्य को बर्बाद होते नहीं देख सकती इसलिए मैं राजेश को किसी लड़कियों के चक्कर में पडने की में इजाजत नहीं दे सकती । चाहे वह मुझसे कितना ही नाराज क्यों ना हो जाए और आप मां बेटा के बीच में ना पढ़ें ।उसकी नाराजगी धीरे-धीरे दूर हो जाएगी ।रात काफी हो गई है ,आप सो जाइए ।

शेखर ने सुनीता से कहा , ठीक है भाग्यवान तुम तो मुझे पर ही चिल्लाने लगी । जैसी तुम्हारी इच्छा हो करो, पर राजेश का इस तरह रूठना मुझे कुछ अच्छा नहीं लगा।

सुनीता ने कहा सब ठीक हो जाएगा ।आप परेशान मत होइए।

इधर स्वीटी अपने बेड पर लेटे हुए राजेश की मदद करते समय अपने भाई के लंड को हाथ से हिलाना उसे चूसना सब याद आने लगी । वह राजेश के लंड को याद करते हुए उत्तेजित हो गई थी।

वह मन में कह रही थी, अब भाई तो ठीक हो गया है अब पता नहीं मुझे भाई के लंड* को देखने का का मौका कब मिले। कितना बड़ा , लंबाऔर प्यारा है भाई का लंड । काश मुझे और मौका मिल पाता, भाई के लैंड से खेलने का।

वह अपना एक उंगली है अपनी चूत * के अंदर ले जाकर उसे अंदर-बाहर करने लगी और अपने भैया के लंड को याद करते हुए उंगली को चूत मे तेज तेज चलाने लगी । और कुछ देर बाद ही वह आह भैया आह करते हुए झडने लगी।

इधर राजेश बेड पर लेटा हुआ दोपहर में कौशल्या की चूदाई करने में जो मजा आया था उसे याद करते हुए उत्तेजित हो गया था। उसका लंड तन कर खड़ा हो गया था ।

उसका चुदाई*करने का मन करने लगा। वह सोचने लगा, काश मां मान जाती तो मेा। मां को भोग रहा होता ।वह अपने लंड को अपने हांथ से सहला रहा था।

राजेश ने सोची मां नहीं मान रही तो क्यों ना स्वीटी के साथ आगे बढ़ू ।स्वीटी मना नहीं करेगी ,कम से कम वह लंड तो चूसेगी ही ।

फिर वह सोचने लगता है नहीं ,नहीं ,मां ने मुझे स्वीटी की मदद लेने से मना किया है ।अगर मेै स्वीटी के साथ अभी कुछ किया और मा द्वारा पकड़ा गया तो मां मुझे कभी नहीं मिलेगी। वह मुझे हवस की पुजारी समझेगी। मैं उसकी नजरों में गिर जाऊंगा ।मुझे पहले मां को प्राप्त करना होगा और उसके कहने पर ही स्वीटी के साथ आगे बढ़ूगा ।मुझे अपने पर नियंत्रण रखना होगा और चूत का का जुगाड़ बाहर ही करना होगा।

इधर भगत को भी चुदाई करने का मन कर रहा था वह कौशल्या देवी को कॉल करता है।

इ स समय कौशल्या देवी और उसका पति कामता प्रसाद दोनों बेड पर लेटे हुए थे। कामता प्रसाद सो चुका था, पर कौशल्या देवी का नींद नहीं लगी थी।मोबाइल पर रिंगटोन बजने की आवाज सुनकर कौशल्या देवी अपने बेड से उठ कर, मोबाइल उठाती है।

वह देखती है ,भगत कॉल हैं। उसका पति ना जग जाए , इसलिए कॉल उठा कर वह हाल के बाथरूम मे चली गई और फिर भगत से बोली बेटा कैसे फोन किए हो।

भगत- मा जी आओ ना ऊपर मुझे चूदाई* करने का बड़ा मन कर रहा है।

कौशल्या देवी कहती है ,नहीं बेटा ,अभी मैं ऐसी स्थिति में नहीं हूं कि चूद* सकूं ।राजेश की चूदाई**** से मेरी चूत* बुरी तरह सूज गई है। बूर के अंदर की दिवारे छिल गई है जिससे चूत में दर्द हो रहा है। मैं ठीक से चल भी नहीं पा रही ।जब तक मैं ठीक नहीं हो जाती, मैं नहीं चूद नही* पाऊंगी ।

भगत ने कहा ,मां जी यह तो राजेश का पहली बार था पहली बार में ही तुम्हारी ऐसी हालत कर दी ।

कौशल्या देवी कहां ,बेटा राजेश का लंड* काफी बड़ा है, गजब का जोश है उसके अंदर, पूरे शरीर को हिला कर रख दिया । मेरे शरीर का पूरा अंग अंग टूट गया। मै पांच-छह दिन तक चुद नही पाऊंगी ।

भगत ने कहा राज भाई को मैं अनाड़ी समझ रहा था वह तो खिलाड़ी निकला ,पर मा जी मै 5 दिनों तक बिना चोदे नहीं रह सकता। अगर चूत में दर्द हो रहा है तो मै गांड मार के संतुष्ट हो जाऊंगा। आओ ना,।

कौशल्या देवी ने कहा, नहीं बेटा मैं नहीं चूद पाऊंगी ,तुम जवानों का कोई भरोसा नहीं रहता, जोश में होश खो बैठते हो ।कब लंड गांड से निकालकर बूर मे चला जाएगा। पता ही नहीं चलेगा ।मै रिस्क लेना नहीं चाहती अगर तुम बिना चूदाई के नहीं रह सकते ,तो कोई दूसरा जुगाड़ कर लो और कौशल्या देवी मोबाइल रख दी।

इधर भगत अपने लंड* को अपने हाथों से हिलाते हुए सोना पड़ा ।

अगले सुबह जब राजेश सो कर उठा वह बिना ,अपनी मां से बात किए हैं जिम के लिए निकल गया और जिम से आने के बाद सुनीता से कोई बात नहीं किया।

नाश्ता करते समय भी वह खामोश बैठा था ,शेखर जान चुका था ।राजेश अपनी मां से नाराज है । यह मां बेटे के बीच का मामला है ।वह इस मेटर पर कुछ नहीं बोला ।

सुनीता भी चूप थी, वह सोच रही थी । बेटा कब तक तुम अपनी मां से नाराज रहता है ,मैं भी देखती हूं, सुनिता भी अकड़ में आ गई थी ।

नाश्ता करने के बाद शेखर अपनी ड्यूटी पर चला गया कुछ देर बाद राजेश और स्वीटी भी कालेज के लिए निकल गए ।

कॉलेज में लंच ब्रेक के समय राजेश और भगत दोनों कैंटीन में बैठे थे ।भगत ने राजेश से बोला , भाई राजेश तुमने तो मेरा खेल ही बिगाड़ दिया।

राजेश ने कहा , क्यो बे ?क्या हुआ ?

भगत-भाई रात में मुझे चुदाई * करने का बड़ा मन था। मैंने मां जी को कमरे में आने को कहा, पर मा जी मेरे कमरे में नहीं आई ,कह रही थी तुमने उसे जम कर चोदा है जिससे उसकी चूत * सूज गई है ।वह बोली कि मै 5 दिनो तक नहीं चुद पाऊंगी।

राजेश -क्या कहा मा जी ने ,वह 5 दिनों तक नहीं चूद* पाएगी ।यार मेरा मन आज फिर उसे चोदने* का था ।

भगत ने कहा ,भाई कॉलेज में सभी लड़कियां तुम पर मरती है । तुम्हारा जुगाड़ तो आसानी से हो जाएगा। तुम्हारा इशारा करने की देर है। लड़कियां तुम्हारी बाहों में आ जाएगी ।कई लड़कियां तो ऐसी है जो तुमसे चुदने के लिए मरी जा रही है ।

राजेश ने कहा यार किसी के भावनाओं के साथ खेलना ठीक नहीं ।किसी को बहला-फुसलाकर चोदन मे मजा नहीं। प्यासी औरत को चोदने में ,जो बिना किसी शर्त के मजे के लिए चुदवाए, उसको चोदने में बड़ा मजा आएगा ।इन कॉलेज की लड़कियों को धोखे में रख कर , बहला-फुसलाकर चोदना है ठीक नहीं है। कोई प्यासी गदर आई माल का जुगाड़ हो तो बताओ।

भगत ने कहा भाई ऐसा माल का जुगाड़ करने में कई दिन निकल जाती है। लगता है अब हाथ से काम चलाना पड़ेगा ।भगत कैटिन के खिड़की से बाहर के तरफ देखने लगता है। तभी उसकी नजर कॉलेज के चौकीदार सुखीराम पर पड़ता है ।वह देखता है कि सुखीराम अपने साइकिल से कॉलेज के बाहर कहीं जा रहा है ,जिसे देखकर वह राजेश से कहता हैं भाई प्यासी और गदर आई मांल का जुगाड़ हो गया समझो।

राजेश -क्या बोल रहा है बे कहां है गदर आई माल और वह भी भी खिड़की से बाहर देखने लगा। उसने देखा कि कालेज का चौकीदार सुखी राम अपनी सायकल से कॉलेज के बाहर जा रहा था। उसने कहा अबे वह चौकीदार चाचा सुखीराम है।

भगत ने कहा अरे हां भाई गदर आई माल तो इसकी बीवी चमेली बाई है। भूल गया क्या ?क्या मस्त चूची है साली की ?इस वक्त घर पर अकेली होगी ।चाचा जी तो किसी काम से बाहर जा रहे है ।चलो चलते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि चमेली बाई प्यासी है ।क्या तराशा हुआ बदन है साली का ? उसकी चूत मारने में बड़ा मजा आएगा। चलो उसके घर चलते हैं।

राजेश कहता हैं पर अचानक से उसका घर जाना ठीक रहेगा ।कहीं गलत समझी तो। लेने के देने न पड़ जाऐगे।

भगत- भाई लगता है तुम सब भूल गए उसने तो हमें घर आते जाते रहने के लिए कहा है भूल गए क्या ?

राजेश -चाची ने कहां कहा तो था ,पर काफी दिन हो गए ।

भगत -अरे ट्राई करने में क्या जाता है?

असल में सुखीराम कॉलेज का चौकीदार था जो रात में चौकीदारी करता था ।कालेज परिसर में एक कोने पर चौकीदार के रहने के लिए कॉलेज प्रशासन के द्वारा रहने के लिए एक मकान बनाया गया था ।जिसमें एक बेड एक ,बैठक रूम और किचन था। कालेज के द्वारा ही सुखीराम को रहने के लिए दिया गया था ।सुखीराम के दो बच्चे थे जो स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे ।उसकी बीवी चमेली काफी खूबसूरत थी ।उसका बदन का गदराया हुआ था । वह जवान थी ।उसकी उम्र मैं 35- 36 वर्ष की होगी। परिवार के चार सदस्य कालेज प्रशासन के द्वारा दिए गए मकान रहकर कॉलेज की रात में चौकीदारी करते थे ।

तभी कालेज में 1 दिन ,एक घटना घट गई

कॉलेज में रात मे चोरी हो गया ।उस दिन सुखीराम चौकीदारी कर रहा था । चोर कैसे आया और कैसे चोरी की उसे पता ही नहीं चला। कॉलेज प्रशासन ने सारा दोष सुखी राम पर डाल दिया और ठीक से ड्यूटी ना करने का इल्जाम लगाकर । उसे डांटते हुए नौकरी से निकालने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया ।

सुखी राम कॉलेज के पदाधिकारियों से काफी हाथ पाव जोड़ते रहे लेकिन किसी ने उस पर दया नहीं दिखाई।

भगत और राजेश ने सुखीराम को रोते गिडगिडाते देखकर ,उस पर दया आ गया। उसने सुखीराम से सारी बातें जानने की कोशिश की ,सुखीराम ने बताया कि आखिर उस दिन हुआ क्या था ।

राजेश और भगत को लगा कि सुखीराम निर्दोष है उसका बचाव करना चाहिए और उन दोनों ने कॉलेज प्रशासन के सामने ,सुखीराम का बचाव किया और अपनी सूझबूझ असली चोर को पकड़वा भी दिया।

भगत और राजेश के द्वारा सपोर्ट करने से कालेज प्रशासन ने सुखीराम को एक और मौका दिया।

सुखीराम राजेश और भगत के मुरीद हो गए ।उसने दोनो से हाथ जोडकर बहुत धन्यवाद किया और यह बात अपनी पत्नी चमेली बाई को बताई । किस तरह राजेश्वर भगत उनकी मदद की ।

चमेली बाई ने अपने पति सुखीराम से राजेश और भगत से मिलकर उन्हे धन्यवाद देने की इच्छा जाहिर की।

सुखी राम जी अपनी बीवी चमेली बाई से कहा मैं उन दोनों को घर में लंच के लिए आमंत्रित करूंगा फिर तुम उनसे मिलकर धन्यवाद दे देना ।

चमेली बाई बोली - हां ,यह ठीक रहेगा ।कल तुम उन दोनो को लंच के लिए आमंत्रित कर देना और पूछ लेना कि उन्हें खाने में क्या पसंद है ?

सुखी राम ने कहां, हां, मैं आज ही उनसे मिलकर उन्हें कल लंच के लिए आमंत्रित कर देता हूं ।

सुखीराम राजेश और भगत से मुलाकात किया और उनसे कहा बेटा तुमने जो हमारी मदद की उसकी शुक्रिया अदा करने के लिए तुम्हारी चाची तुम लोगों से मिलना चाहती है। वह तुम दोनों को लंच के लिए आमंत्रित की है ।

राजेश -चाचा जी आप निर्दोष थे ।आपका मदद करना हमारा फर्ज था ।हमारे लिए आप लोगों को कष्ट उठाने की जरूरत नही ।हम आपके घर आकर चाची जी से मिल लेंगे ।हमें भी चाची जी से मिलकर खुशी होगी ।

सुखीराम -फिर भी बेटा हमारा भी मान रख लो। कल लंच हमारे यहां करना।

सुखीराम के जिद करने पर राजेश ने लंच के लिए हामी भर दी ।

सुखीराम ने खाने में क्या चीज पसंद है राजेश और भगत से पूछ लिया ।

दूसरे दिन जब कॉलेज में लंच ब्रेक हुआ सुखीराम दोनों को घर ले जाने के लिए राजेश और भगत से मिले उनसे बोले , चलो बेटा लंच के लिए ,घर चलो , तुम्हारी चाची तुम लोगों का राह देख रही है ।

राजेश और भगत दोनों सुखीराम के साथ उसके घर की ओर चल देते हैं ।घर जाने के बाद तीनों के घर के बैठक रूम में जाकर बैठ जाते हैं। सुखीराम अपनी बीवी चमेली को आवाज लगाती है । इस समय चमेली बाई , कीचन मे ,भोजन की तैयारी कर रही थी ।

अजी सुनती हो राजेश् और भगत आ गए है ।चमेली किचन से बाहर निकलती है। चमेली को देखते ही भगत की आंखें खुला का खुला रह गया ।

दरअसल सुखीराम 50 से ज्यादा के लगते थे ।उसी हिसाब से भगत ने अंदाजा लगाया था उसकी बीवी काफी उम्र की होगी और एक देहात किस्म की होगी।

पर चमेली बाई काफी जवान गदराया हुआ बदन और बन ठन कर रहने वाली महिला थी ।उसने एक नई साड़ी पहनी हुई थी ।उसकी ब्लाउज पीछे से काफी खुला और सामने से काफी डिप था साड़ी को नाभि के नीचे बांधी हुई थी ।जिससे नाभि गदराए बदन की शोभा बढ़ा रही थी।

जब चमेली किचन से बाहर आई सुखीराम ने चमेली बाई से राजेश और भगत का परिचय कराया ।

राजेश ने चमेली बाई से - नमस्ते चाची ।

भगत उसकी मदमस्त जवानी को देखकर कहीं खो सा गया था ।राजेश ने भगत को अपने कहानी मारा ।भगत होश में आया और उसने चमेली भाई को नमस्ते चाचू कहा।

चमेली बाई बोली -नमस्ते बेटा ,बेटा तुम्हारे चाचा जी ने तूम दोनो के बारे में मुझे बताया किस तरह से तूम दोनो ने हमारी मदद की ।अगर तुम नहीं होते हमारी इज्जत मान सम्मान सब चला जाता ।मुझे आप लोगों से मिलने की बड़ी इच्छा थी आप दोनों ने जो उपकार हम पर किए उसके लिए हम सदा आभारी रहेंगे।

राजेश ने कहा चाची जी यह तो हमारा फर्ज था। चाचा जी निर्दोस थे ,इसलिए हमने चाचा जी का सपोर्ट किया ।

राजेश ने भगत को फिर कोहनी मारा, भगत कहीं खो गया था ।वह होश में आया ।भगत लड़खड़ाते आवाज में कहा हां चाची जी राजेश सही कह रहा है यह तो हमारा फर्ज था ।

चमेली बाई ने कहा बेटा यह तुम दोनों का बड़प्पन है खाना तैयार है चलो हाथ धो लो भोजन करना ।

चमेली बाई पानी का गिलास टेबल पर रख दी ।राजेश ,भगत और सुखी राम तीनो हाथ धोकर भोजन करने के लिए बैठ गए ।

चमेली बाई तीनों के लिए थाली में भोजन लेकर आई और थाली नीचे रखने के लिए नीचे झूकी तो उसके बड़ी-बड़ी चूचियां सामने झूलने लगी उसका गोरे गोरे दूध ,भगत को अपना दीवाना बना दिया।

भगत अपने मन में कहने लगा क्या मस्त माल है यार साली की क्या मस्त चुचीया है ।भगत का लंड* खड़ा खडा हो गया ।

जब चमेली भोजन की थाली लगाकर वह किचन की ओर गई, तो वह अपने चूतड को मटकाते हुए ।कमर को लचकाते हुए गई जिससे भगत समझ गया चाची भी हमें रिझाने की कोशिश कर रही है ।लगता है चाची भी प्यासी है ।

जब वह भोजन परोसती थी तो भगत को लगता था कि वह जानबूझकर ज्यादा झुक जाती थी ताकि उसकी चूचियां सामने झुलने लगे और भगत और राजेश अच्छे से देख सके ।भगत अपने मन में कहां यह साली तो चालू लगती है । कैसी अपनी चुचिया दिखा रही है।

राजेश ने चमेली बाई से कहा ,चाची जी क्या स्वादिष्ट खाना बनाई हो, मटर पनीर का स्वाद तो पूछो मत, होटल से भी ज्यादा स्वादिष्ट बना है। आपके हाथों में तो जादू है। क्यों भगत ?

राजेश ने भगत को फिर कोहनी मारा भगत ने लड़खड़ाते हुए आवीज मे कहा हां चाची खाना काफी स्वादिष्ट बना है ।

चमेली बाई राजेश के द्वारा अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई।

इधर राजेश ने भगत से धीरे से कहां अबे कहां खो जाता है है । खाने पर ध्यान दें ।क्यो इज्जत का भाजीपाला कर रहा है ?चाची जी ऐसे तुम्हें घूरते हुए देखेगी तो हमारे बारे मे क्या समझेगी ?

भगत राजेश की बात से थोड़ा शर्मिंदा हुआऔर खाने में पर ध्यान देने लगा ।

भोजन कर लेने के के बाद भगत की नजर दीवार पर लगे फोटो की तरफ गया ।उसमें एक महिला की फोटो थी ।जिसे देखकर राजेश ने सुखीराम से पूछा चाचा जी यह किसकी फोटो है ?

सुखीराम ने बताया ,बेटा यह मेरे पहले बीवी की फोटो है ।जब वह बच्चे जन्म दे रही थी तक गुजर गई। बच्चा भी ना बच सका। लोगों के बार बार कहने पर मैंने दूसरी शादी की ।चमेली मेरी दूसरी पत्नी है। यह दोनों फोटो मेरे बच्चों की है,जो इस समय स्कूल गए हुए है।

भगत ने मन मे कहा तभी चाची इतनी जवान है।

कुछ समय तक चमेली बाई , राजेश, भगत और सुखीराम आपस मे बातचीत करते रहे ।भगत तो चमेली बाई के गदराया बदन को ही निहार रहा था बातचीत के दौरान भगत ने अनुभव किया कि कैसे तिरछी नजरों से चमेली बाई राजेश को चुपके से निहारती है । चमेली बाई राजेश की तरफ आकर्षित थी जिससे पता चलता था कि चमेली बाई प्यासी है।

राजेश् और भगत को आया एक घंटा हो चुका था क्लास लगने का समय हो चुका था ।राजेश ने कहा चाची जी आपसे बातें करते करते ,समय ,कैसा निकला, पता ही नहीं चला ।क्लास लगने का समय हो चुका है। अब हमें चलना होगा। हमें इजाजत दीजिए।

चमेली बाई ने कहां ठीक है बेटा ।अपनी चाचा चाची से मिलने के लिए आते रहना। भूल ना जाना और भोजन करने का मन हो तो मुझे बतला देना तुम दोनों के लिए लंच बना दूंगी ।

राजेश ने कहा ठीक है चाची जी और धन्यवाद इतना स्वादिष्ट भोजन कराने के लिए। जब भी हमारा मन करेगा । स्वादिष्ट खाना खाने जरूर आएंगे ।अच्छा चाचा जी हम चलते हैं ।

सुखीराम ने कहा ठीक है बेटा बेटा तुम्हारी चाची ने बिल्कुल ठीक कहा हमारे घर आते रहना ।राजेश बोला ठीक है चाचा जी ।

राजेश् और भगत क्लास अटेंड करने के लिए चले गए ।

उस दिन के बाद से अभी तक दोनों सुखीराम के घर फिर नहीं गए थे लेकिन आज काफी कुछ बदल गया था आज राजेश और भगत दोनाे को एक चूत की जरूरत थी । इसलिए आज दोनो फिर से सुखी राम के घर की ओर चल पड़े। इस आस मे की सुखी राम के घर चूत * का जुगाड़ हो जाए।

दोस्तों क्या चेतन और भगत दोनों चमेली बाई को भोग पाएंगे, यह जानने के लिए पढ़ते रहिए ,यह क्या हो गया,?
Bhai ab ayega mja to storye kyi kahani to ab shuru hui hai
 
  • Like
Reactions: Sanju@

Premkumar65

Don't Miss the Opportunity
6,155
6,478
173
B
जब कमला भगत को अपना आपबिती सुना रही थी तब चंदा ट्रे पर चाय नाश्ता लेकर कमरे मे प्रवेश की।

कमला ने कहा बेटा पहले चाय नाश्ता कर लो उसके बाद आगे की बाते बताऊंगी। चंदा नाश्ते का प्लेट भगत को देने के बाद।

अपने सास को चाय देने के लिए कप आगे बढ़ाई, कमला ने चाय का कप ठीक से पकड़ी नही और वह नीचे फर्श पर गिर गया।

कमला _ओ हो पूरा फर्श खराब हो गया मैं कप ठीक से पकड़ नही पाई।

चंदा _कोई बात नही मां जी मैं दूसरी चाय ले आती हूं और फर्श साफ कर देती हू।

तभी चंदन ने अपने मां को आवाज़ लगाया जिसे सुनकर कमला ने कहा _बहू लगता है दुकान में ग्राहक ज्यादा है जरा चंदन की मदद कर देना। मै सफाई कर दूंगी।

चंदा _ठीक है मां जी।

भगत नाश्ता करने लगा।

चंदा चंदन के पास दुकान पर चली गई।
कमला फर्श पर पोछा लगाने गीला कपड़ा लाने चली गई।
कुछ देर बाद गीला कपड़ा लेकर कमरे मे कमला पहुंची। और नीचे उकडु बैठकर फर्श पर पोछा लगाने लगी l

भगत का ध्यान कमला पर गया, नजारा देखकर भगत के शरीर में खून तेज गति से बहने लगा।

जब कमला फर्श पर पोछा लगाने उखडू बैठी तब उसका साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया था। और अपने साड़ी को ठीक किए बिना ही वह फर्श पर पोछा लगाने लगी, इस समय उसके दोनो मम्मे के आधे से ज्यादा हिस्सा साफ दिखाई दे रहे थे।

जिसे देख कर भगत का land तन गया।

। भगत खूबसूरत नजारा देखकर मन में कहा आ ह हा क्या नज़ारा है। शाली क्या मॉल है। कितनी बड़ी बड़ी और सुडौल चूचियां है ताई की।

वह उन चूचियों को एक टक देख ने लगा और नजारे का मजा लेने लगा।

भगत मन में सोचने लगा _क्या मम्मे है ताई के मसलने को मिले तो मजा आ जाए।

अब समझ में आया क्यू चंदन भैया अपने जवान खूबसूरत बीबी मेहरारू को छोड़कर अपने मां के भोसड़े के पीछे लगा रहता है।

जब कमला फर्श का पोछा लगाकर उठी तब भगत उसके बदन का मुआयना करने लगा।

भगत _हाय क्या गदराया huwa बदन है साली के। इस उम्र में ऐसा गठीला बदन विश्वास नहीं हो रहा। चंदन भईया तो बड़ा किस्मत वाला निकला क्या गजब की दो दो मॉल को भोग रहा।

जब कमला कमरे से जाने बाहर निकली तो उसका कमला की पिछवाड़ा देखकर भगत से रहा न गया और अपने land को सहलाते हुए कहा। कितना भरा huwa एवम चौड़ी पिछवाड़ा है साली के। इसकी सवारी करके जन्नत में जाने का अपना अलग ही मजा होगा।

कुछ समय बाद कमला फिर कमरे मे पहुंची, भगत चाय नाश्ता कर उन्ही के आने का इंतजार कर रहा था।
भगत ने कमला से कहा _ताई जी आगे क्या huwa आप बताने वाली थीं।

कमल _हा बेटा , पूजा पाठ की सारी गतिविधियां समझाने के बाद बाबा का शिष्य आश्रम चला गया। और जाते हुवे एक मोबाइल नम्बर दे दिया ओर कहा ये बाबा जी का मोबाइल नम्बर है कोइ समस्या हो तो कॉल कर बाबा जी सी समाधान पूछ लेना।

उसके बाड़ मैं हर रोज सुबह 4बजे उठकर नहा कर पीली साड़ी पहनकर बाबा के शिष्य द्वारा बताए तरीको से देवी मैं की मूर्ति की पूजा कर मंत्र जाप करने लगी।

नियमित रूप से सुबह शाम बाबा द्वारा दी गई औषधी को दूध में उबालकर चंदन के बापू को देने लगी।

हमने देखा की चन्दन के बापू की हालत में दिन ब दिन सुधार हो रहा है। अब वह लाठी के सहारे खड़ा हो पा रहा था। उसके हाथों में भी काफ़ी सुधार हो रहा था। वह अपने हाथ की उंगलियों को बंद एवम खोल पा रहा था।

यह देखकर हम बहुत खुश हुए और बाबा जी के प्रति हमारी श्रद्धा बड़ गई।

सब कुछ अच्छा चल रहा था मूर्ति की पूजा हमे 30दिन करने के बाद उसे तालाब में विसर्जित करना था। 23दिन सब कुछ अच्छे तरीके से संपन्न huwa lकेवल 7रोज ही बचे थे की तभी पूजा पाठ में एक विघ्न आ गया।

मेरी माहवारी शुरू हो गई।

मासिक धर्म के समय महिलाओं का पूजा रूम मे घुसना वर्जित होता है। महिलाओं का शरीर अपवित्र माना जाता है।

मै चिंता में पड़ गई अब क्या होगा। बाबा ने कहा था कि पूजा पाठ नियमित रूप से करना होगा। बीच में रुकना नहीं चाहिए नही तो अपशकुन होगा।

मैने यह बात चंपा को बताई और कहा बेटी अब क्या होगा पूजाबिच में रुकने से कही कोई अनर्थ न हो जाए अब क्या करे?

चम्पा _मां बाबा के शिष्य ने हमें बाबा का मोबाइल नंबर दिया है और कहा है की कोई समस्या हो तो कॉल करना। बाबा आपके समस्या का हल जरूर निकलेगा। क्यू न हम बाबा जी को काल कर समस्या बताए। उनके पास इस समस्या का कोई हल जरुर होगा।

कमला _बेटी तुम सही कह रही। बाबा जी को काल लगाओ।

चम्पा बाबा जी को काल लगाई। और मोबाइल कमला को पकड़ा दी।

बाबा ने काल उठाया।

कमला _हैलो बाबा जी।

बाबा जी _कौन बोल रही हो बेटी मै बाबा जी ही बोल रहा हूं।

कमला _बाबा जी मैं कमला बोल रही है। श्यामलाल की पत्नी जिनका इलाज कराने आपके आश्रम आए थे।

बाबा _हा बेटी कमला बोलो आपके बीच के तबियत ठीक तो है ना?

सब कुशल मंगल तो है न। कही कोई समस्या तो नही।

कमला _बाबा जी अब तक तो सब कुछ अच्छा चल रहा था। चंदन के बापू की तबीयत में भी काफ़ी सुधार आया है। पर एक बड़ी समस्या आ गई है।

बाबा _कैसी समस्या बेटी मुझे खुलकर बताओ।

कमला _बाबा मेरी माहवारी शुरू हो गई है अब मैं देवी मां की पूजा पाठ एवम मंत्र जप कैसे करू। कोई उपाय बताइए।

बाबा _बेटी, ये तो बड़ी विकट समस्या आ गया। तुम अभी पूजा रूम में जाने योग्य नहीं हो। लेकीन पूजा बिच में रुकने से कहीं अपशकुन न हो जाए।

देवी मां नाराज भी हो सकती है जिससे घर में नई विपत्ति आ सकती है?

कमला _बाबा जी अब क्या होगा कोई उपाय होगा तो बताइए।

बाबा _बेटी उपाय तो है पर उसे तुम कर सको तो।

कमला _बाबा जी मैं वह उपाय जरुर करूंगी आप करना क्या होगा बताए।

बाबा _बेटी ध्यान से सुनो, मासिक धर्म के समय महीला का शरीर अपवित्र हो जाति है। तुम गंगा जल से स्नान कर अपने बाह्य तन को तो शुद्ध कर सकती हो लेकीन गंगा जल से तुम्हारे गर्भाशय का शुद्धिकरण नही हो सकता उसके लिए तुम्हें दुसरे उपाय करने होंगे।

कमला _बाबा जी आप बताइए की मेरे शरीर के अंदर का शुद्धिकरण कैसे होगा?

बाबा _बेटी महिलाओं के गर्भाशय के लिए कोई सबसे पवित्र चीज है तो वह पुरुषों का वीर्य है।

समय पर गर्भाशय को पुरुषों का वीर्य न मिल पाने के कारण ही महिलाओं को माहवारी शुरू हो जाती है। और समय पर वीर्य मिल जाए तो महीला गर्भ धारन कर सुंदर शिशु को जन्म देती है।
अतः महिलाओं के गर्भासय के लिऐ वीर्य से बडा पवित्र चीज और कोई नहीं है।

अतः गर्भसाय का सुद्धिकरण के लिए तुम्हें अपने गर्भाशय को वीर्य से नहलाना होगा।

कमला_पर ये कैसे होगा बाबा जी।

बाबा _ये एक ही उपाय है बेटी तुम्हें सुबह उठकर पहले किसी पुरुष से संभोग करना होगा। पुरुष अपने वीर्य से तुम्हारे गर्भाशय को सीचेगा ।
उसके बाद गंगा जल से नहाना होगा तब तुम पूर्ण रूप से सुध हो सकोगी और पूजा पाठ कर सकोगी।

कमला _पर बाबा जी चंदन के बापू तो इस स्थिति में नही है की ओ मुझसे संबंध बना सकें।

बाबा _देखो बेटी, तुम्हारे पूछने पर मैने उपाय बताएं अब आप की मर्जी है तुम उपाय करती हो की नही। यह जरूरी नहीं है कि तुम अपने ही पति से संभोग कर सुद्धीकरण करो पराया पुरुष की भी मदद ले सकती हो। अब आगे आपकी मर्जी।
और बाबा ने यह कहते हुए की देवी मां की कृपा तुम पर बनी रहें काल रख दिया।

अब कमला चिंतित हो गई अब वह क्या करे उसे कुछ समझ नहि आ रहा था। वह एक पतिव्रता नारी थी जो अभी तक किसी पराया मर्द के santh सम्बंध बनाना तो दूर ऐसा करने के बारे में भी सपने में भी नही सोची थी।

मां को चितित देख कर चम्पा अपनी मां से पूछी बताओ मां बाबा जी ने तुम्हें क्या उपाय बताया तुम बहुत चिंतित लग रही हो।

चम्पा के बार बार पूछने पर कमला ने अपनी बेटी चम्पा को बाबा द्वारा कही गई सारी बाते बता दी।

चम्पा भी सुनकर चिंता में पड़ गई।

कुछ समय बाद चम्पा बोली _मां अगर तुम चाहो तो एक पुरुष है जो तुम्हारी मदद कर सकता है?
और किसी को पता भी नही चलेगा।

कमला _चम्पा ये तुम क्या कह रही हो बेटी और कौन है जो हमारी मदद कर सकता है और किसी को कुछ पता भी नही चलेगा।


चंपा _मां चंदन हमारी मदद करेगा।

कमला _चंपा, अपनी मुंह बंद रख, आखिर तुम इतना गंदा सोच कैसे रख सकती हो। चंदन मेरा बेटा है।

चम्पा _जानती हू मां की चन्दन तुम्हारा बेटा है, मैने सोच समझकर ही ये बातें तुमसे कही है।
इसके अलावा और कोई चारा है तुम्हारे पास तो बताओ।

अगर तुमबिच में हीपूजा बंद कर दी तो घर में कोई फिर से अनिष्ट न हो जाय। और तुम कहीं बाहर के पुरुष से मदद ली तो वह पूरे गांव वाले को बता सकता है जिससे हमारी बदनामी होगी।

तुम इस बारे में अच्छे से सोच कर देखो।

कमला, चंपा के द्वारा कही बातो को ध्यान से सुनने के बाद गहन सोच विचार में डूब गई।
काफ़ी देर सोचने के बाद वह चम्पा से बोली।

कमला_बेटी पर चंदन तो अभी छोटा है और इन सब के बारे में उसे कुछ जानकारी भी नही होगा। फिर ये सब कैसे होगा?
चम्पा _मां चंदन अब इतना बच्चा भीनहीं रहा वह 19 वर्ष का हो चुका है इस उम्र में तो पहले गांव के लोग बाप बन जाते थे।
और तुम्हें चिंता करने की कोई बात नही मै चंदन को सब समझा दूंगी।

कमला _पर बेटी अगर चंदन तैयार भी हो गया तो मेरे में इतना हिम्मत नहीं की उसके नीचे जाकर लेट सकू।

चम्पा, _मां मैने तुमसे कहा ना की तुम्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं मै सब सम्हाल लूंगी। बस मै जैसे कहूंगी वैसी करती जाना।
और चम्पा मुस्कुराने लगी।
जिसे देखकर कमला ने कहा धत बदमाश कही की मैं शर्म से मरी जा रही, मेरी जान निकले जा रही और तुम मुस्कुरा रही हो।
आगे अगले अपडेट मे,,,,
Babaji bhi khoj khoj kar ilaaj batate hain.
 

Sanju@

Well-Known Member
4,863
19,644
158
कुछ समय बाद सौरभ सुमन को लेने सुनिता के घर पहुंच गया। सुमन सुनिता से पैर छूकर जाने का इजाजत लिया।

सुनिता नेउसे मां बनने का आशिर्वाद देकर विदा किया।

सुनिताने राजेश से कहा बेटा तुम भी काफी थक गएहोगे जाओअपने कमरेमें आराम करो।

राजेश भीअपने कमरे मे जाकरआराम करने लगा। कुछ समय बाद स्वीटी घर पहुंची।

उसे कुछ पता ही नही चला कि घर में आज क्या हुआ।

शेखर भी समय पर घर आ गया उसे भी आज इस घर मे क्या हुआ पता ही नही चला।

राजेश और सुनिता ने ऐसा व्यवहार किया कि कुछ huwa ही नही हैं।

रात मे भोजन के बाद राजेश अपने रूम मे सोने चला गया शेखर और स्वीटी भी अपने रूम में चले गए।

राजेश अपने कमरे मे जाकर आज हुए घटना क्रम को याद कर रहा था।

वह सोच रहा था क्या हॉट मॉल हैं सुमन ,उसको भोगने में जो सुख उन्हे प्राप्त हुआ उसे याद कर शरीर फिर गर्म होने लगा।

उधर सुमन भी लेटी लेटी राजेश द्वारा की गई chudai ko ही याद कर रही थी और मन मे कह रही थी

राजेश क्या chudai करता है? क्या मर्दाना ताकत है? उसके chudai se Jo सुख उसको मिला उसे शब्दो में बया करना muskil था। ना जाने वह कितने बार झड़ी उन palo ko याद कर वह पूरी तरह गर्म हो गई।

इधर कीचन का काम निपटाने के बाद सुनिता भी अपने कमरे मे सोने चली गई। वह भी आज हुवे घटना क्रम को याद कर गरम हो गई। बार बार उसके आंखो के सामने वह मंजर नजर आ जा रहा था। जिसमे राजेश अपने दोनों हाथों से सुमन के चूचे पकड़कर जोर जोर से मसलते हुवे। सुमन की boor की chudai कर रहा था। और कैसे सुमन आनंद में चीख एवम सिसक रही थी।

उन पलों को याद कर सुनिता बहुत गर्म हो गई।

वह सोंचने लगी कास शेखर भी मुझे ऐसा सुख दे पाता। सुनिता के boor se खुजली मचने लगा और chut se रस बहने लगा।

सुनिता को इस समय chudai कराने का बहुत मन करने लगा।

वह अपने पति की ओर देखा, जो गहरे नींद मे सो रहा था वह निराश हो गई।

इस समय सुनिता के ऊपर हवस सवार हो गया था। वह हवस में वह करने लगीं जो उसने आज तक नही की थी।

सुनिता अपने पति के land ko पैजामे के ऊपर से ही सहलाने लगी। उसके पैरो को रगड़ने लगी। सुनिता के इन हरकतों से शेखर का नींद खुल गया। शेखर ने आंखे खोलकर देखा और सुनिता से कहा क्या कर रही हो सुनिता, मुझे नींद आ रही हैं तुम भी सो जाओ।
शेखर की इन बातो से सुनिता को पहलीबार शेखर पर इतना गुस्सा आया। और मन मे कहते हुवे की इनसे तो कुछ उम्मीद करना ही बेकार हैं।

सुनिता सीधा होकर सोने का प्रयास करने लगी।

पर बार बार उसके आंखो के सामने सुमन और राजेश की chudai का दृश्य आ जा रहा था। जिससे उनके आंखो से नींद कोसों दूर थी।
उसने अपने पति की ओर फिर देखा जो घोड़े बेच कर सो रहा था।

इधर राजेश भी आज हुईं chudai ke bare me सोचने से नींद नहीं आ रही थीं वह अपने land ko अपने हाथो से सहला रहा था। उसका land Puri तरह से अकड़ा huwa था।

वह अपने मोबाइल से सुमन को मैसेज किया क्या कर रही हो जान?
सुमन भी सोई नहीं थी मैसेज आने की टोन सुनकर वह मोबाइल उठाकर देखी इतने रात को किसका किसने मेसेज किया हैं।इस समय सौरभ गहरी नींद के आगोश मे थे l

सुमन राजेश का मैसेज पढ़ी। वह खुश हो गई।

वह भी राजेश को मैसेज की अरे आप अभी तक सोए नही।

राजेश _नही कैसे सोउ तुम्हारी याद जो आ रही है।।तुम अभी तक नही सोई।

सुमन ने कहा, नही मुझे भी तेरी याद आ रही है।

Rajesh ने कहा लगता है आग दोनों तरफ लगी है।

सुमन ने हा में रिप्लाई दिया।

इधर सुनिता सो नहीं पा रही थीं। उसके आंखो के सामने सुमन और राजेश का chudai दृश्य ही नजर आ रहा था। उसके ऊपर हवस पूरी तरह हावी हो गया था। उसके लिए रात काटना भारी हो गया था। वह समय देखने अपने मोबाइल उठाया । मोबाइल ऑन की रातके 12बजचुके थे। मोबाइल चालू करने पर कुछ मैसेज उनके मोबाइल पर आया था उसे पढ़ने के लिऐ वाट्स अप चालू किया वाट्स अप पर मैसेज पढ़ने लगी।

तभीउसकी नजर पड़ी की राजेश वाटसअप पर ऑनलाइन है। उसने सोचा राजेश अभी तक सोया नही है। इतनी रात हो गई।

उसने राजेश को मैसेज किया, राजेश बेटा अभी तक तुम सोए नही।

राजेश इस समय सुमन के साथ चैटिंग कर रहा था।

जब उसने देखा कि मां का मैसेज आया है तो वह सुमन को गुड नाइट जान कल मिलते है कहकर चैटिंग करना बंद कर दिया और अपनी मां को रिप्लाइ दिया।

नही मां नींद नही आ रही।

सुनिता _ पर तुम्हे तो अच्छी नींद आनी चाहिए इतनी मेहनत जो किए।

राजेश _ पर मां आप भी तो अभी तक सोई नहीं।

सुनिता _हा बेटा मै भी तुम्हारे बारे मे ही सोच रही थी। कि तुम एक मर्द बन गए। सुमन की चीखने की आवाज मेरे कानो मे तो अब भी गूंज रही है।

राजेश _मां क्या तुमने वो आवाजे सुनी।
सुनिता_ वह आवाजे तो पूरे घर मे गूंज रही थीं। मै तो डर गई थीं कि कुछ हो तो नही गया।

राजेश _मां तो बताओ मै पास huwa की फैल।

सुमन _तुम तो हर क्षेत्र में नम्बर वन हो। मुझे तुम पर गर्व है।
राजेश _than kyu mom

सुनिता _अच्छा ये बताओ तुम सोए क्यू नही अभी तक।

राजेश _मां मुझे नींद नही आ रही। आज जो हूवा उसे याद करके।

सुनिता _पर आज जो huwa दो दो बार उससे तो तुम थक गए होगे नींद तो अच्छी आनी चाहिए।

राजेश_ नही मां ये तो जितना मेहनत करो ये उतना ही परेशान करता है।

सुनिता _कौन बेटा।

राजेश_मां समझा करो।

सुनिता _ठीक से बताओगे नही तो कैसे समझूंगी।
ठीक से बताओ कौन तुम्हे परेशान कर रहा है।

राजेश _नही मां मै नही बता सकता मुझे शर्म आ रही।
सुनिता_आज इतना कुछ होने के बाद भी कैसी शर्म।

राजेश _मां तुम नाराज हो जाओगी।
सुनिता _नही बेटा मै तुमसे नाराज नहीं होऊंगी बताओ।। तुम्हे कौन परेशान कर रहा है।
सुनिता के बार जिद करने पर राजेश ने अपने कांपते हाथो से लिखा

मां मेरा land मुझे परेशान कर रहा।

Land शब्द पढ़ते ही सुनिता की दिल का धड़कन बड़ गया।
उसके ऊपर आज की घटनाओं को याद करते हुवे हवस ऐसे ही हा वी था

Land sabd ने आग में घी का काम किया।

और कांपते हाथो से उसने टाईप की
वो तुम्हे परेशान कर रहा बेटा।

मां के रिप्लाई से राजेश का हिम्मत बड़ा उसने सुनिता को मेसेज किया।

मां मेरा आज की घटनाओं को याद कर मेरा land fir से खड़ा हो गया है। बैठने का नाम नहीं ले रहा क्या करू?
इसलिए मुझे नींद नही आ रही है।

राजेश का मैसेज पड़कर उसके chut me बाड
sa गया।

सुनिता ने कांपते हुवे लिखा बेटा दो दो बार झड़ने के बाद भी।

तुम्हें परेशान कर रहा है।

मां के रिप्लाइ देने से राजेश का हौसला बढ़ता जा रहा था।

राजेश ने लिखा _ मां तुमने सही कहा था?
सुनिता _मैने क्या कहा था बेटे ठीक से बताओ।
राजेश _मां यही की ऐसा करने से बहुंत मजा आता है

सुनिता _क्या करने से बेटे।

सुनिता के बार बार पूछने पर राजेश का हिम्मत बढ़ता गया और राजेश का जोश भी बढ़ता गया उसके land तनाव और बड़ गया उसने अपने मां को रिप्लाई दिया
राजेश_chudai करने से

Chudai शब्द पढ़ते ही सुनिता का शरीर कपक्कपा गया।

सुनिता अपने chut ko मसलने लगीं।

सुनिता ने रिप्लाई दिया _तुम्हे बहुत मजा आया।

मां के रिप्लाई देने से राजेश का हिम्मत बढ़ता ही गया और मां से वार्तालाप का मजा लेने लगा। वह अपने मां को उत्तर दिया

हा मा सुमन की chudai karne मे
मुझे बहुत मजा आया। इससे बड़ा सुख तो दुनिया में कुछ हैं ही नही।

Chudai ke आनद को याद कर मेरा land मेरा land मुझे परेशान कर रहा है।

राजेश की बातो को पड़कर सुनिता का chut झरने की तरह बहने लगी।

सुनिता को भी इस वार्ता लाप से मजा आने लगा वह मां बेटे के बीच की मर्यादा को भूलने लगी उसके शरीर पर हवस का कब्जा हो गया था।

उसने रिप्लाई दिया, सुनिता ने हवस में कहा बेटा तुम्हे ओ करने का मन कर रहा क्या?

राजेश ने जानते huwe भी कहा मां क्या करने का? मै समझा नही, ठीक से बताओ।

सुनिता _अरे वही जो आज किया।

राजेश जानबूझकर,,_क्या किया मां ठीक से बताओ।
सुनिता हवस में सब मर्यादा भूल गई और कपकपाते हाथों से लिखी

chudai

Chudai शब्द पढ़ते ही राजेश ka land ठुनकी मारने लगा।

उसका हिम्मत बहुत बड़ गया।

उसने टाइप किया

हा मां मुझे chudai karne ka बड़ा मन कर रहा हैं। इसलिए मैं सो नहीं पा रहा।

सुनिता _ सुमन तो नही हैं अब क्या करेगा।
राजेश बड़ा जोश में था राजेश ने जोश मे आकर कहा मां क्या तुम मेरी मदद नहीं कर सकती।

सुनिता का दिल जोरों से धड़कने लगा।

वह टाइप की , टाइप की बेटा मैं तुम्हारी मां हू बीवी नही।

राजेश_पर मां पहले भी तो आपने मेरी मदद की थी।

सुनिता _उस समय तुम बच्चे थे अब मर्द हो।
और मर्द के पास आधी रात को किसी पराई महिला को नही जाना चाहिए।

राजेश _मां मै कितना भी बडा हो जाऊ पर हू तो तुम्हारा बच्चा। और बच्चे की मदद मां नही करेगी तो और कौन करेगा?
सुनिता_ मै तुम्हारे बातो मे नही आने वाली अपने हांथ से ही काम चलाओ। मुझेतुमपर भरोसानही।

राजेश_मां आओना ।

सुनिता_नही मै नही आने वाली।

राजेश_मां मुझे तुम्हारa इंतजार रहेगा।


सुनिता ने मोबाइल ऑफ कर दी। सोने कि कोशिश करने लगी।

सुनिता के ऊपर हवस हावी था। नींद उसकी आंखो से कोसो दूर थी। उसे बार बार सुमन और राजेश की chudai दृश्य ही नजर आ रहे थे।

उससे रहा न गया। उसने शेखर कि ओर देखा जो गहरी नींद मे सोया था।

सुनिता अपने बेड से उठी और राजेश के कमरे की ओर चल पड़ी।




Chudai शब्द
Shandaar और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
सुनिता अपने कमरे से निकलकर राजेश के कमरे की ओर जाने लगी।
राजेश को यकीन नही था कि उसकी मां आएगी। मर्यादा की पाठ जो हमेशा पढ़ाया करती थी।

पर आज सुनिता को के ऊपर हवस का भूत सवार था। वह सारी मर्यादा भूलकर अपने बेटे के कमरे कि ओर जाने लगी।

इधर राजेश अपने मे मगन अपने land par हांथ चला रहा था। उसने मन में कहा कि लगता हैं मुझे आज हाथ से काम चलाना पड़ेगा। उसे उसकी मां की आने की कोई उम्मीद नहीं थी।

इधर सुनिता दरवाजे के पाS पहुंच गई। दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा बंद पाकरसुनिता वापस लौट जाना चाहती थी पर उसके ऊपर हवस का भूत सवार था वह राजेश के land का दीदार करना चाहती थीं।

सुनिता ने दरवाजा खटखटाया।

दरवाजे की खटखटाहट सुनकर राजेश चौंका उसे यकीन नही हो रहा था कि उसकी मां उसकी मदद करने उसके रूम मे आई हैं।

वह बेड से उठकर दरवाजे खोलने चला गया। उसका दिल की धड़कन बड़ गया।
जब राजेश ने दरवाजा खोला तो सुनिता सामने खड़ी थी।
उसने मां से कहा मां तुम।

सुनिता ने कहा क्यों चौंक क्यों गया तुम ही ने तो आने को कहा था। अगर मेरी जरूरत नहीं है तो मैं चलती हूं।

रराजेश ने कहा नहीं मां ऐसी बात नहीं है आओ न अंदर ।

वे दोनो रूम के अन्दर चले गए जाते वक्त राजेशने रूम का दरवाजा बंद कर दिया।

वे दोनो बेड पर बैठ गए।

सुनिता ने राज से कहा जल्दी बताओ मैं तुम्हारी कैसी मदद करू। रात बहुत हो गई हैं।

राजेश का land abhi भी खड़ा था।

राजेश के लोवर पर सुनिता की नजर पढ़ते ही उसका बेचैनी और बड़ गया।

राजेश ने हिम्मत दिखाते हुवे मां से कहा देखो ना मां ये फिर से खड़ा हो गया है। राजेश ने अपने land ki ओर इशारा करते हुए कहा।

सुनिता ने कहा चलो इसे बाहर निकालो मैं इसे अपने हाथो से राहत पहुंचा दू।

पर मुझे प्रोमिस करो कि तुम ऐसे वैसी हरकत नही करोगे।

राजेश ने कहा ठीक है मां।

राजेश ने अपना लोवर खींचकर land ko बाहर निकाला,land हवा में तनकर झटके मार रहा था।

Land को देखकर सुनिता की हवस और बड़ गई और वह राजेश से बोली बेटा तुम आराम से बेड पर लेट जाओ।

राजेश बेड पर पीठ के बल लेट गया। उसका land किसी खंभे की तरह तनकर खड़ा था।

सुनिता से रहा ना गया वह राजेश केland को अपने हाथो में लेकर धीरे धीरे मूठ मारने लगी।

राजेश का खड़ा land ko हाथो में लेने से उसकी chut का बुरा हाल हो गया वह फूलने पिचकने लगी।

कुछ देर मूठ मारने के बाद सुनीता को याद आया की किस प्रकार सुमन राजेश के land ko अपने मूंह में लेकर चूस रही थी। और राजेश आनंद में सिसक रहा था। उसे land ko मुंह में ले ने की इच्छा हुई।
वह राज से बोला बेटा तुम्हारा land do बार झड़ चुका हैं यह हांथ से जल्दी नहीं झड़ेगा कोई दूसरा तरीका अपनाना पड़ेगा।

राजेश बोला मां जो भी करना हैं करो पर मुझे राहत दिलाओ।

सुनिता बोली बेटा तुम बेड के नीचे खड़ा हो जाओ।

राजेश बेड से नीचे खड़ा हो गया।

सुनिता नीचे बैठ गई और राजेश के land ko सहलाने लगी l वह हवस में पूरी पागल हो चुकी थी।
वह राजेश की ओर देखने लगीं।

राजेश भी अपने मां को ही देख रहा था।

सुनिता ने राजेश के land ko अपने मुंह मे भर लिया जिससे राजेश के मुंह से सिसक निकल गया । राजेश ने अपनी आंखे बंद कर land chusane ka मजा लेने लगा l

सुनिता को भी राजेश का land चूसने मे मजा आ रहा था।

उसके chut se पानी झरने की तरह बह रही थी।

कुछ देर बाद राजेश अपनी आंखे खोलकर अपनी मां की ओर देखा । सुनिता अपनी आंखे बंद कर land ko सकासक चूसे जा रही थीं

राजेश की नजर सुनिता के चूची पर गया

सुनिता कि साड़ी का पल्लू नीचे गिर जाने के कारण उसके बड़े बड़े चूचे बाहर से स्पष्ट दिखाई पड़ रहे थे

राजेश अपनी मां के स्तन को एकटक देखने लगा। उसके स्तन को देखकर राज का land sunita के मुंह में ही ठुनकी मारने लगा j।
सुनीता को इसका अहसास होते ही अपनी आंखे खोल दी उसने राजेश की ओर देखा जो उसके मम्मे को ही एक टक देख रहा है।
सुनिता के अंदर एक हलचल सी मची
सुनिता ने कहा क्या देख रहा है बेटा?

राजेश _ कुछ नही मां।

सुनिता ने कहा मेरे स्तन सुमन के स्तन से छोटे हैं न।

राजेश ने मन में कहा आज मां को क्या हो गया है सब खुलकर बोल रही है!
उसे भी मजा आने लगा। वह बोला बाहर से तो बड़े लग रहे है।

सुनिता ने कहा तो क्या अंदर से देखकर बताएगा।

राजेश तो मां की बातो से अचंभित था। उनके बातो को सुनकर उसका land और कड़ा हो गया।

उसका हिम्मत भी बड़ जा रहा था वह बोला।

आप दिखाएंगी क्या?


सुमन बोली नही बाबा फिर बोलोगे छूना भी हैं ।

राजेश_ नही मां मैं नही छूउगा बस देख लूंगा ।

सुनिता_ने बाबा तुम्हारा कोई भरोसा नहीं l कही तुम छूने फिर चूसने की डिमांड न कर दो।

राजेश नहीं मां मैं सिर्फ देखूंगा और कुछ नहीं करूंगा।।

सुनिता अभी हवस में पूरी पागल हो गई थी।

वह राजेश से बोली अच्छा बचपन मे तो खूब चूस चूस
कर पीता था। अब बड़ा हो गया है तो मां के दूदू पसंद नहीं। हा भई अब तुम्हेसुमन का दूदू मिल गया हैं चुसने और मसलने के लिए।

यह सब सुमन नहीं उसके अंदर का हवस बोल रहा था।

राजेश_ नहीं मां ऐसा नहीं है। आप इजाजत दे तो आपके दूदू पी भी लूंगा।

सुनिता ने कहा लो देख लो अपने मां के दूदू l

सुमन अपने ब्लाउज का बटन खोलने लगी l

राजेश को सब सपने जैसा लग रहा था उसे यकीन नहीं हो रहा था।

ये मेरी वही मां हैं जो हमेशा मुझे मर्यादा में रहने की बात करती थी। आज ये कोई और ही है।

सुनिता अपनी ब्लाउज का बटन खोल दी और ब्रा खिसकाकर उसे ब्रा से बाहर कर दिया।

राजेश का अपने मां की चूचियां देखकर उसका हालत और खराब हो गया।

उसका land झटके मारने लगा।

वह अपने मां से बोला मां आपके दूदू तो कमाल के है। सच मे।

सुनिता ने कहा झूठ बोल रहा है सुमन का ज्यादा अच्छे हैं मेरे से सच है न।

नही मां मैं सच कह रहा हूं।

सुनिता ये इतनी ही सुदर होता तो तुम इसे छूने कि कोशिश करते।

सुमन के ज्यादा अच्छे हैं।

राजेश _ने कहा यदी इजाजत हो तो छू कर देखू।

सुनिता न बाबा फिर पीने की बात करेगा।

राजेश_ नही मां सिर्फ छूँगा।

सुनिता ने कहा अच्छा ठीक है।

राजहेश थोड़ा झुक कर सुनिता के मम्मे को अपने हैं। ने के लिया राजेश का हांथ मम्मे पड़ पड़ते ही
Shandaar update
 

Sanju@

Well-Known Member
4,863
19,644
158
सुनिता अपने कमरे से निकलकर राजेश के कमरे की ओर जाने लगी।
राजेश को यकीन नही था कि उसकी मां आएगी। मर्यादा की पाठ जो हमेशा पढ़ाया करती थी।

पर आज सुनिता को के ऊपर हवस का भूत सवार था। वह सारी मर्यादा भूलकर अपने बेटे के कमरे कि ओर जाने लगी।

इधर राजेश अपने मे मगन अपने land par हांथ चला रहा था। उसने मन में कहा कि लगता हैं मुझे आज हाथ से काम चलाना पड़ेगा। उसे उसकी मां की आने की कोई उम्मीद नहीं थी।

इधर सुनिता दरवाजे के पाS पहुंच गई। दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा बंद पाकरसुनिता वापस लौट जाना चाहती थी पर उसके ऊपर हवस का भूत सवार था वह राजेश के land का दीदार करना चाहती थीं।

सुनिता ने दरवाजा खटखटाया।

दरवाजे की खटखटाहट सुनकर राजेश चौंका उसे यकीन नही हो रहा था कि उसकी मां उसकी मदद करने उसके रूम मे आई हैं।

वह बेड से उठकर दरवाजे खोलने चला गया। उसका दिल की धड़कन बड़ गया।
जब राजेश ने दरवाजा खोला तो सुनिता सामने खड़ी थी।
उसने मां से कहा मां तुम।

सुनिता ने कहा क्यों चौंक क्यों गया तुम ही ने तो आने को कहा था। अगर मेरी जरूरत नहीं है तो मैं चलती हूं।

रराजेश ने कहा नहीं मां ऐसी बात नहीं है आओ न अंदर ।

वे दोनो रूम के अन्दर चले गए जाते वक्त राजेशने रूम का दरवाजा बंद कर दिया।

वे दोनो बेड पर बैठ गए।

सुनिता ने राज से कहा जल्दी बताओ मैं तुम्हारी कैसी मदद करू। रात बहुत हो गई हैं।

राजेश का land abhi भी खड़ा था।

राजेश के लोवर पर सुनिता की नजर पढ़ते ही उसका बेचैनी और बड़ गया।

राजेश ने हिम्मत दिखाते हुवे मां से कहा देखो ना मां ये फिर से खड़ा हो गया है। राजेश ने अपने land ki ओर इशारा करते हुए कहा।

सुनिता ने कहा चलो इसे बाहर निकालो मैं इसे अपने हाथो से राहत पहुंचा दू।

पर मुझे प्रोमिस करो कि तुम ऐसे वैसी हरकत नही करोगे।

राजेश ने कहा ठीक है मां।

राजेश ने अपना लोवर खींचकर land ko बाहर निकाला,land हवा में तनकर झटके मार रहा था।

Land को देखकर सुनिता की हवस और बड़ गई और वह राजेश से बोली बेटा तुम आराम से बेड पर लेट जाओ।

राजेश बेड पर पीठ के बल लेट गया। उसका land किसी खंभे की तरह तनकर खड़ा था।

सुनिता से रहा ना गया वह राजेश केland को अपने हाथो में लेकर धीरे धीरे मूठ मारने लगी।

राजेश का खड़ा land ko हाथो में लेने से उसकी chut का बुरा हाल हो गया वह फूलने पिचकने लगी।

कुछ देर मूठ मारने के बाद सुनीता को याद आया की किस प्रकार सुमन राजेश के land ko अपने मूंह में लेकर चूस रही थी। और राजेश आनंद में सिसक रहा था। उसे land ko मुंह में ले ने की इच्छा हुई।
वह राज से बोला बेटा तुम्हारा land do बार झड़ चुका हैं यह हांथ से जल्दी नहीं झड़ेगा कोई दूसरा तरीका अपनाना पड़ेगा।

राजेश बोला मां जो भी करना हैं करो पर मुझे राहत दिलाओ।

सुनिता बोली बेटा तुम बेड के नीचे खड़ा हो जाओ।

राजेश बेड से नीचे खड़ा हो गया।

सुनिता नीचे बैठ गई और राजेश के land ko सहलाने लगी l वह हवस में पूरी पागल हो चुकी थी।
वह राजेश की ओर देखने लगीं।

राजेश भी अपने मां को ही देख रहा था।

सुनिता ने राजेश के land ko अपने मुंह मे भर लिया जिससे राजेश के मुंह से सिसक निकल गया । राजेश ने अपनी आंखे बंद कर land chusane ka मजा लेने लगा l

सुनिता को भी राजेश का land चूसने मे मजा आ रहा था।

उसके chut se पानी झरने की तरह बह रही थी।

कुछ देर बाद राजेश अपनी आंखे खोलकर अपनी मां की ओर देखा । सुनिता अपनी आंखे बंद कर land ko सकासक चूसे जा रही थीं

राजेश की नजर सुनिता के चूची पर गया

सुनिता कि साड़ी का पल्लू नीचे गिर जाने के कारण उसके बड़े बड़े चूचे बाहर से स्पष्ट दिखाई पड़ रहे थे

राजेश अपनी मां के स्तन को एकटक देखने लगा। उसके स्तन को देखकर राज का land sunita के मुंह में ही ठुनकी मारने लगा j।
सुनीता को इसका अहसास होते ही अपनी आंखे खोल दी उसने राजेश की ओर देखा जो उसके मम्मे को ही एक टक देख रहा है।
सुनिता के अंदर एक हलचल सी मची
सुनिता ने कहा क्या देख रहा है बेटा?

राजेश _ कुछ नही मां।

सुनिता ने कहा मेरे स्तन सुमन के स्तन से छोटे हैं न।

राजेश ने मन में कहा आज मां को क्या हो गया है सब खुलकर बोल रही है!
उसे भी मजा आने लगा। वह बोला बाहर से तो बड़े लग रहे है।

सुनिता ने कहा तो क्या अंदर से देखकर बताएगा।

राजेश तो मां की बातो से अचंभित था। उनके बातो को सुनकर उसका land और कड़ा हो गया।

उसका हिम्मत भी बड़ जा रहा था वह बोला।

आप दिखाएंगी क्या?


सुमन बोली नही बाबा फिर बोलोगे छूना भी हैं ।

राजेश_ नही मां मैं नही छूउगा बस देख लूंगा ।

सुनिता_ने बाबा तुम्हारा कोई भरोसा नहीं l कही तुम छूने फिर चूसने की डिमांड न कर दो।

राजेश नहीं मां मैं सिर्फ देखूंगा और कुछ नहीं करूंगा।।

सुनिता अभी हवस में पूरी पागल हो गई थी।

वह राजेश से बोली अच्छा बचपन मे तो खूब चूस चूस
कर पीता था। अब बड़ा हो गया है तो मां के दूदू पसंद नहीं। हा भई अब तुम्हेसुमन का दूदू मिल गया हैं चुसने और मसलने के लिए।

यह सब सुमन नहीं उसके अंदर का हवस बोल रहा था।

राजेश_ नहीं मां ऐसा नहीं है। आप इजाजत दे तो आपके दूदू पी भी लूंगा।

सुनिता ने कहा लो देख लो अपने मां के दूदू l

सुमन अपने ब्लाउज का बटन खोलने लगी l

राजेश को सब सपने जैसा लग रहा था उसे यकीन नहीं हो रहा था।

ये मेरी वही मां हैं जो हमेशा मुझे मर्यादा में रहने की बात करती थी। आज ये कोई और ही है।

सुनिता अपनी ब्लाउज का बटन खोल दी और ब्रा खिसकाकर उसे ब्रा से बाहर कर दिया।

राजेश का अपने मां की चूचियां देखकर उसका हालत और खराब हो गया।

उसका land झटके मारने लगा।

वह अपने मां से बोला मां आपके दूदू तो कमाल के है। सच मे।

सुनिता ने कहा झूठ बोल रहा है सुमन का ज्यादा अच्छे हैं मेरे से सच है न।

नही मां मैं सच कह रहा हूं।

सुनिता ये इतनी ही सुदर होता तो तुम इसे छूने कि कोशिश करते।

सुमन के ज्यादा अच्छे हैं।

राजेश _ने कहा यदी इजाजत हो तो छू कर देखू।

सुनिता न बाबा फिर पीने की बात करेगा।

राजेश_ नही मां सिर्फ छूँगा।

सुनिता ने कहा अच्छा ठीक है।

राजहेश थोड़ा झुक कर सुनिता के मम्मे को अपने हैं। ने के लिया राजेश का हांथ मम्मे पड़ पड़ते ही सुनिताके सिसक उठी।

राजेश सुनिताके स्तन को धीरे धीरे सहलानेलगा ।
जिससेसुनिता की हवस की आग औरबढ़ता गया।

राजेश को लगा कि सुनिता को भी उनका मम्मे सहलाना अच्छा लग रहा हैं। उसका हिम्मत बड़ गया और वह बेड पर बैठ गया।
सुनिता ने कहा क्या हुहुआ बेटा मां के दूदू अच्छे नहीं हैं।

राजेश ने कहा नहीं मां आपके दूदू तो सुमन से भी अच्छे हैं।

सुनिता अच्छे होते तो सहलाना बंद क्यू किया।
सुनिता को राजेश का मम्मे सहलाना बहुत अच्छा लग रहा था।

राजेश ने कहा आओ मां बेड पर बैठो मैं अच्छे से सहलाना चाहता हूं।

सुनिता खड़ी हो गईं।
राजेश ने सुनिता को अपने गोद मे बिठा लिया l

और अपने दोनों हाथो से उसके मम्मे सहलाने लगा राजेश के इस हरकत से सुनिता का कामाग्नि और बड़ गया।

सुनिता भी अपने एक हांथ से राजेश का land sah लाने लगीं हवस की आग दोनों के अंदर लगी हुई थीं।

राजेश सुनिता से बोली मां क्या मैं इन दूदू को बचपन में खूब चूस चूस कर पिया हैं।

सुनिता बोली हा बेटा मां मुझे आज पीने का मन कर रहा हैं ।

सुनिता पर बेटा इसमें दूध तो आता नही।

राजेश_कोशिश करके देखू शायद aa जाए ।

सुनिता को राजेश घुमाकर अपने गोद मे बिठा दिया जिससे सुनिता और राजेश का मुंह एक दूसरे के आमने सामने हो गया।

राजेश का land sunita के चूतड के नीचे आ गया। इसका एहसास पाते ही सुनिता के शरीर मे आग और भड़क गया।

अब राजेश सुनिता के दोनों मम्मे को अपने हाथो से पकड़कर उसे मुंह मे भरकर चुसने लगा
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
 

Sanju@

Well-Known Member
4,863
19,644
158
राजेश सुनिता के मम्मे को मसल मसल कर चूसकर उससे दूध निकलने की कोशिश करने लगा ।

राजेश की इन हरकतों को सुनिता बर्दास्त ना कर सकी और मुंह से कामुक आवाजे निकालने लगी।

राजेश समझ गया की उसकी मा बहुत अधिक गर्म हो गई है। जो भी करू ये करने देगी ये वह मां नही जो मर्यादा की नसीहत देती थी।
राजेश ने सुनिता के ब्लाउज ओर ब्रा को निकाल कर बेड के नीचे फेक दिया।

सुनिता ने कोई विरोध नहीं किया।
अब राजेश सुनिता के दूदू को जोर जोर से मसलकर चुसने लगा।

सुनिता कि मुख से कामुक सिसकारी निकलने लगीं।


उसने सुनिता को गोद मे उठाया और बेड पर पीठ के बल लिटा दिया।

और स्वयं उसके ऊपर उसके ऊपर आकर उसके दूदू दबदबा कर पीने लगा।

सुनीता पूरी तरह हवस में पागल हो गई थी वाह लगातार कामुक आवाजे निकालने लगी। सुनिता भी राजेश की सर को अपने हाथो से सहलाकर उसे ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रहि थी।


अब राजेश अपने मां के मम्मे को चूसना छोड़ कर।

उसके गर्दन को चूमने लगा फिर आगे बढ़ते हुवे उसके ओंठ को चुसने लगा।

सुनिता आंखे बंद कर राजेश को चूमने लगी।

राजेश अब आगे बड़ा ओर उसके मम्मे को चूमते हुवे उसके नाभी तक पहुंच गया और उसे चूमने लगा।

जिससे सुनिता के शरीर मे उत्तेजना अत्यधिक बड़ गया।

वह जोर जोर से सिसकने लगी।

राजेश अपने लोवर और शर्ट उतारकर पूरी तरह नंगा हो गया ।

सुनिता की नजर उसके लहराते land par गया तो उसके chut se ras ka बाढ़ आ गाया।

अब राजेश सुनिता के पैरो के पास बैठ गया और उसके नाभी को चूमते हुवे चाटने लगा।

और अपना एक हांथ उसके chut पर रख कर उसे साड़ी के ऊपर से ही सहलाने लगा

सुनिता सिसकने लगीं।

वह chudwane के लिए तड़पने लगी।

अब राजेश ससुनिता के पैर को चूमते हुवे धीरेधायर साड़ी और पेटीकोट ऊपर उठाते हुवे उसके chut तक पहुंच गया।

साड़ी और पेटीकोट को ऊपर उठा कर उसके जांग को नंगा कर चूमने लगा।

सुनिता हवस में पागल हो चुकी थी वह यह भूल गई थी की Jo मर्द आज उसे को चोदने वाला है वह उसका सगा बेटा हैं l

राजesh भी ज्यादा देर नहीं लगाना चाहता उसे लगा क्या पता उसकी मां का मूड बदल जाए ।
राजेश अपनी मां के टांगों के बीच आ गया और अपने मां के साड़ी और पेटी कोट को और थोड़ा ऊपर उठा दिया जिससे उसकी मां की पेंटी t पूरी तरह उसके आंखो के सामने आ गया। सुनिता हवस में पूरी तरह पागल और बेहाल हो गई थीं।

उसे chudne ka बड़ा मन कर रहा था वह राजेश के हरकतों का कोई विरोध करने की स्थिति में नही थी।
राजेश ने देखा उसकी मां की पेंटी पूरी तरह गीली हो गई है वह समझ गया कि मां के ऊपर पुरी तरह हवस हावी हो गायाहै।
राजेश अपनी मां के पेंटी को दोनों हाथों से पकड़कड़ उसके टांगो से खींचते हुवे उसके पैरो से अलग कर दिया।

पेंटी के निकलते ही सुनिता का chut राज के सामने आ गया। उसके फुली हुई चिकनी chut ko देखकर राजेश का land उसके काबू मे न रहा ।

राजेश देखा उसकी मां हवस मे पागल होकर पूरी तरह अपने आप को मेरे हवाले कर दिया है।

वह उसके chut को अपने हाथ से सहलाने लगा और एक उंगली से उसके भग्नासा को रगड़ने लगा जिसे सुनिता बर्दास्त ना कर सकी और अपने chut se pani छोड़ने लगीं मुंह से सिसकारी निकालने लगी उसकी chut फूल एवम पिचकने लगी ।

जिसे देखकर राजेश से भी रहा न गया वह अपने land ka टोपा अपने हांथ में लेकर आपने मा के boor के छेद पर रख दिया।

सुनिता को लगा कि अब वह chudne वाली हैं यह सोचकर उसका शरीर कपकापने लगा।

अब राजेश ने अपने land se अपने मां के boor पर एक धक्का मारा जिससे उसका land का टोपा उसकी मां के boor me घुस गया । सुनिता के मुख से एक कामुक चीख निकली छूत पूरी तरह गीली थी इसलिए लैंड का टोपा अंदर जाने पर भी सुनिता को दर्द नही हवा।

राजेश अब सुनिता के कमर को पकड़कर एक जोरदार dhakaa मारा land chut को चीरता हवा आधा से ज्या दा घुस गया।

सुनिता के मुख से चिख निकल गया।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
 

Sanju@

Well-Known Member
4,863
19,644
158
जैसे कि आपने पढ़ा किस प्रकार एक संस्कारी, धार्मिक एवम पतिव्रता मा हवस के वशीभूत होकर अपने ही सगे बेटे के सामने अपना boor खोलकर लेटी थी।
राजेश तो एक नौजवान था। नया नया जोश था। उसको तो सिर्फ boor चाहिए था।अपनी land की गर्मी शांत करने अब इस उम्र में नौजवान दिल दिमाक से नही land से सोचता हैं,बाद मे परिणाम क्या होगा इसके बारे में नही सोचते।

राजेश यह भी जान चुका था कि जोऔरत इस समय मेरे सामने लेटी हैं यह वो ma सुनिता नही जो हमेशा मुझे मर्यादा की पाठ पढ़ाती हैं । ये तो एक प्यासी जनाना हैं जो कामांध होकर यह भूल चुकी हैं कि वह जिसके नीचे नंगी होकर लेटी हैं ,वह उसका सगा बेटा है।

सुनिता एक गदराई औरत थी। एक गदराया खूबसूरत बदन वाली औरत ,किसी पुरुष को भोगने कहे और वह पुरुष उस औरत को भोगने को छोड़कर उसे सही गलत का ज्ञान कराए तो ,सभी उस पुरुष की पुरुषत्व पर सक करेंगे।

राजेश तो एक मर्द था । नया नया जोश था तो वह भी यह जानते हुवे की, सामने जो औरत लेटी हैं वो उसकी सगी मां हैं ।भूल गया और उसे वह एक गदराया बदन की खूबसूरत औरत नज़र आ रही थी जो उसे जन्नत मे ले जायेगी , परम सुख देगी।

राजेशको इस बात का भय था कि कही मां के ऊपर जो हवस की भूत सवार हैं कही उतर गया। तो फिर से मर्यादा की पाठ पढ़ाना शुरू कर देगी। और वह देर न करते हुवे दो धक्के मे ही अपने आधे से अधिक land ko अपने मां के योनी में उतार दिया था।

इसके बाद राजेश अपनी मां के ऊपर लेट गया और उसके ओंठो को चुसने लगा। एक हांथ से अपने मां के स्तनों का मर्दन करने लगा।

सुनिता राजेश की इन हरकतों से अपने chut se pani बहाने लगी ।

अब राजेश अपने कमर को धीरेधीरे ऊपर नीचे करने लगा । सुनिता के मुंह से सिसकारी निकलने लगी।
अब राजेश उकडू बैठ गया और अपने मां के स्तनों को दोनों हाथो से मर्दन करने लगा। उससे खेलने और चूसने लगा।

राजेश की इन हरकतों से ,सुनिता के शरीर को अब बर्दाश्त के बाहर हो गया अब वह खुद ही अपने कमर उठा कर राजेश के land को निगलने की कोशिश करने लगी।

राजेश समझ गया की सुनिता तेज chudna चाहती है।
अतः वह अब देर न करते हुए सुनिता के chut चू त पर land ki धक्के की गति को बढ़ाना शुरू कर दिया।

इधर सुनिता भी राजेश का सहयोग land को पूरे अंदर घुसाने मे कर रही थीं जिसका नतीजा यह huwa की लौड़ा कुछ ही पल सुनिता की boor में पूरी तरह समा गया।

अब राजेश अपने land पूरा बाहर खींचकर सुनिताके chut के अंदर डालकर चोदने लगा।

Land सुनिता के chut की रस से सराबोर होकर बड़े आसानी से अन्दर बाहर होने लगा।

Land काफी मोटा होने के कारण boor की पूरी दीवार को अच्छी तरह रगड़ रहा था । जिससे सुनिता जन्नत में पहुंच गई।

वह अपने मुंह से लगातार कामुक आवाजे निकालने लगी।

Land chut me गपागप अन्दर बाहर होने लगा।

सुनिता को आज से पहले चुदाने में इतना आनन्द कभी नही आया था।
Chut का पानी झरने की तरह बाहर आने लगा।

Chut का रस राजेश के land se होता huwa उसके अंडकोस से bed par टपकने लगा।

Rajesh भी अब जन्नत में पहुंच गया।
उसे सुनिता को चोदने में सुमन से भी ज्यादा मजा आ रहा था।

अब वह अपने chudai की गति को लगातार बड़ा रहा था। कमरे में सुनीता की सिसकने और चीखने की आवाज गूंजने लगी।

यदि दरवाजा बंद ना होता तो सुनिता की चीखने कीआवाज सुनकर स्वीटी और राजेश जरूर उठ जाता ।

सुनिता राजेश की कमर को अपने दोनों हाथो से जकड़ लिया । राजेश पूरे जोश में आकर सुनिता की दनादन chudai करने लगा।

सुनिता ज्यादा देर बर्दास्त ना कर सकी और rajhesh कि कमर को जोर से जकड़ कर चीखते हुवे झड़ने लगी।

राजेश समझ गया कि सुनिता झड़ गई है।
वह अच्छी तरह जानता था कि यदि वह ज्यादा देर तक रुका तो उसकी मां के उपर चढ़ा हवस का भूत उतर जायेगा और फिर उसकी मां उसे चोदने नही देगी।

अतः वह chudai की गति कम जरूर कर दिया लेकिन chudai रोका नहीं।

वह अपने मां की चुचियों को मसलना एवम चूसना लगातार जारी रखा जिससे सुनिता फिर गर्म होने लगी।

उसके मुंह से फिर सिसकारी निकलने लगीं।

राजेश को पता चल गया की उसकी मां फिर गरम हो गई है। वह फिर से chudai की गति बड़ा दी।

कुछ ही पल में फिर से सुनिता जन्नत में पहुंच गई वह अत्यंत कामुक आवाजे निकालने लगी।
Rajhesh अब तेज तेज चोदने लगा जिससे कमरे में फाच फ्च की आवाज गूंजने लगा।
सुनिता एकबार फिर झड़ने की स्थिति में पहुंच गई।

वह राजेश के कमर को जोर से जकड़ ली और झड़ने लगी। उसके हांथ पैर कपकाने लगे।

इधर राजेश नही झड़ा था वह नही चाहता था कि उसके झड़ने से पहले उसकी मां होश में आए।

अतः वह chudai जारी रखा।
वह अपने हाथो से अपने मां के गले को सहलाते, होंठो को चूसते, चुचियों को मसलते हुवे chudai जारी रखा। अब सुनिता थकने लगी थी पर राजेश की हरकतों से वह फिर गरम होने लगीं।

राजेश का land अपने मां के boor का पानी पी पीकर खूब मोटा हो था । chut land को puri tarah जकड़ा huwa था। वह कसा कसा अन्दर बाहर हो रहा था।
सुनिता दो बार झड़ चुकी थी, अब वह फिर गरम होकर सिसकारी निकालने लगी।

राजेश जिस chut se बाहर आया था वह उसी के अन्दर समा जाने मा बेटे के बीच फिर से एक बार युद्ध होने लगा, पर पुरुष कितना ही ताकतवार हो अंत में हार तो पुरुष का ही होता है।

अतः राजेश भी अब स्खलन की ओर बढ़ने लगा अब वह अपने कमर को उपर उठा उठाकर जोर जोर से चोदने लगा। पूरे कमरे में fuch fuch guch की आवाज गूंजने लगा।land का टोपा chut के अंतिम छोड़ पर पहुंच कर सुनिता के गर्भाशय को ठोकर मारने लगा जिससे सुनिता को अनोखा आनंद आने लगा ऐसा सुख की कल्पना भी उसने नही की थी।

आनंद के मारे वह अपने आंखे पलटने लगी।

इधर राजेश भी अपने अंतिम अवस्था मे पहुंच गया।

वह अपनी मां को हूमच हुमच कर चोदने लगा। वह जन्नत में था

अब rajhesh अपने को रोक न सका और सुनिता की कमर को जोर से जकड़ कर ,आह मां,,, haah ma h,hh, कर कराहते करते हुवे आंख बंद झड़ने काआनंद लेने लगा।

वह सुनीता के बच्चेदानी मेंअपने land se वीर्य की लम्बी लंबी पिचकारी मारने लगा। पूरे गर्भाशय को अपने बीज से भर दिया।

सुनीता गरम गरम वीर्य को अपने कोख में महसूसकर बर्दास्त ना कर सकी । क्योंकि बरसो बाद यह आनंद उसको मिला था और वह भी चीखते हुवे झड़ने लगी। और वह इस आनंद को बर्दास्त ना कर सकी और वह बेहोश हो गई।


इधर राजेश भी थक कर bed में लेट गया।

कुछ देर बाद राजेश नार्मल huwa वह अपनी मां की ओर देखा मां की आंखे बंद थी।

वह मां को आवाज लगाई । मां ।

उसे हाथो से हिलाया।

सुनिता ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिया।

राजेश ghabra गया।

वह कमरे में रखे जग से पानी लाया और पानी की छींटे उसके चहरे पर मारा। और बोला उठो मां। क्या होगया आपको।

पानी की छींटे चहरे पर पड़ते ही सुनिता को होश आया। वह अपने हालत को देखा। उसके ऊपर से हवश का भूख उतर चुका था। वह रोने लगी। वह देखी की वह अपने बेटे के सामने नंगी है वह लज्जित होकर जोर जोर से रोने लगी।

वह अपने कपड़े ठीक करते हुवे जोर जोर से रोने लगी।he भगवान मुझसे ये इतना बड़ा पाप कैसे हो गया।

मै कैसे बहक गई। मैं किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रही। ये कैसा अनर्थ हो गया। मै अपने ही बेटे के साथ सो गई।
मै हवस में इतनी अंधी कैसे ho गई, और वह जोर जोर से रोने लगी।

राजेश अपने मां को रोते देख उसे गले लगाकर चुप karnae की ,उसे समझआने की कोशिश करने लगा।

सुनिता राजेश को जोर से धक्का दे देती है और कहती हैं।

मै तो हवस में कामंध हो गई थी।

तुमने मुझे क्यू रोका नहीं।
राजेश अपनी मां से माफी मांगने लगा।

राजेश के गालों पर सुनिता तीन चार चांटे लगा देती है।
तुम तो खुद ही मुझे भोगना चाहते थे। तुमने भी मुझे रोकने के बजाए मौके का अच्छा फायदा उठाया । तुम तो बहुत खुश होगे अपने मां का शील भंग कर मेरी पतिव्रता को भंग कर।
राजेश अपनी मां के पैरो को पकड़कर माफी मांगने लगा। सुनिता ने उसे पैरो से लताड़ लगा कर मुझे मत छु।

सुनिता छोड़ दो मुझे छुओ मत। अगर आज के बाद मुझे कभी छुआ भी तो मेरा मरा मूंह देखोगे। वह कमरे मे अपने हाथो से सिर पकड़कर रोते बैठी रही।

फिर अपने सारे कपडे समेटकर सुबकते हुवे अपने कमरे मे चली गई।

राजेश भी सुबक रहा था।
उसे अपने किए पर पछतावा हो रहा था।
Amazing update
 
  • Like
Reactions: Ek number

Sanju@

Well-Known Member
4,863
19,644
158
जैसे कि आपने पढ़ा कैसे सुनिता हवस में अंधी होकर अपने सगे बेटे से chud gayi और जब होश में आई तब अपने बेटे को सब कुछ लूटा बैठी थी।

वह हवस में अंधी होकर अपनी सारी मर्यादा भूल गई और वह काम कर डाली जिसे समाज में वर्जित और महापाप माना जाता है।

वह जोर जोर से रोने लगी अपने इस पाप के लिए अपने और अपने बेटे दोनो को जिम्मेदार मानते हुवे अपने बेटे को दो चार थप्पड़ भी जड़ दिया था।

और कुछ देर कमरे में रोते रहने के बाद वह अपनेkapde समेटते हुवे राजेश के कमरे से निकलकर अपने कमरे मे चली गई।

अपने कमरे में जाकर कुछ देर तक अपने गलती पर आंसू बहाती रही पर राजेश के द्वारा की गई जमकर chudai se bahut थक गई थीं वह तीन बार झड़ी थी। अतः वह कुछ ही पलों में गहरी नींद के आगोश में चली गई।

राजेश भी अपने किए पर पछता अपनी आंसु बहा रहा था। उसने एक बार फिर अपनी मां को नाराज कर दिया था। यह सोचकर अपने को कोश रहा था मैंने अपने पर नियंत्रण क्यू नही रख सका। सब मेरी गलती है मैने ही मां को कमरे में आने के लिए जिद किया था। वह अब पछताने के अलावा और कुछ कर भीं क्या सकता था।पर मां की chudai से वह भी काफी थक गया था। अतः जल्द ही वह भी नींद में चला गया।
सुबह सुनिता की काफी लेट उठी उसने अपने मोबाइल से समय देखी उसेउठने में पूरे एक घंटे लेट थी। उसने कहा हे भगवान मुझे उठने में आज काफी लेट हो गई।

वह बेड से उठकर सीधे बाथरूम में नहाने चली गई।नहाते वक्त वह यही सोच रही थी कि हे भगवान कल रात जो अनर्थ huwa है उसके बाद मैं राजेश के सामने कैसे जाउंगी उससे कैसे नजरे मिलाऊंगी।

कल रात जो पाप मुझसे huwa है उसके बाद राजेश मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा? मै तो शेखर को भी अपने मुंह दिखाने लायक नहीं रही।

यह सोच के ही उसके आंखो के सामने अंधेरा छाने लगा। बड़ी मुस्किल से अपने को सम्हालते हुवे वह नहाकर कपड़े पहन कर,पूजा रूम में गई।और भगवान से बोली, हे भगवान ये महापाप जो मुझसे huwa है। उसे दुनिया से तो छुपा सकता हूं पर आप से नही, मै तो आपसे माफी मांगने लायक नही रही।

आज उसका पूजा पाठ में भी मन नहीं लग रहा था पर भगवान से बार बार क्षमा mangti रही थी।

पूजा रूम से सीधे कीचन में जाकर अपने काम में लग गई पर, कल रात की घटना के बारे में ही सोचती रही।

इधर राजेश भी उठकर जिम जाने के लिए तैयार हो गया। जिम जाते समय उसने अपने मां को कीचन में देखा। लेकिन उसके पास जाने की उसका सामना करने की उसके पास हिम्मत नहीं था।

और मां से बिना बात किए ही वह जिम के लिए निकल गया। जिम में भी कल रात की घटना याद कर पछताता रहा।

जिम से आने के बाद वह नहा धोकर बिना नाश्ता किए,कालेज चला गया।

कालेज में जाकर वह अपने ही में गुम दोस्तो के साथ कैंटीन में बैठा था।

भगत _राजेश से कहा ,भाई आज तुम्हारा चहेरा कुछ उतरा सा लग रहा है। लगता है कोई बात है? हमे नही बताओगे, आखिर बात क्या है?कल भी कालेज से जल्दी चले गए थे।

Rajhesh ने कहा यार सही कहा तुमने आज मेरा मन ठीक नहीं। तभी सुमन कार से कॉलेज पहुंची।

सभी का ध्यान उसकी ओर गया। सभी सुमन को देख आश्चर्य में थे।

भगत ने कहा यार आज मैडम सुमन को क्या हो गया काफी चेंज लग रही है। पहले तो काफ़ी हॉट कपड़े पहन कर आती थीं आज तो इनका ड्रेस और लुक दोनो ही बदल गया है।

आज सुमन ऐसी ड्रेस पहनी थी ,जिससे उसके शरीर का कोई भी अंग का मुआयना नही हो रहा था। जिसे देखकर सभी लड़के आश्चर्य में थे। पहले वह पारदर्शी साड़ी पहन कर आती थीं। आज सलवार सूट में थी।

इधर सुमन की आंखें किसी को ढूंढ रही थी। वह कार से उतरकर स्टाफ रूम की ओर चली गई।


क्लास के लिए बेल बजने पर सभी स्टूडेंट्स क्लास में चले गए पर राजेश कैंटीन में ही बैठा रहा।

भगत बोला Bhai क्या सोच रहा है, क्लास अटेंड नही करना क्या?

राजेश_नही यार आज मेरा मन नहीं क्लास अटेंड करने का।

भगत _अगर ऐसा है तो चलो घर चलते हैं। वैसे भी कौशल्या मां जी तुम्हे बहुंत मिस करती है। वह भी देखकर तुम्हे खुश हो जायेगी।

भगत राजेश को अपने घर ले गया।
घर पहुंचते ही राजेश भगत के बेड पर जाकर लेट गया और वह फिर सोच में डूब गया।

भगत राजेश से बोला भाई मा जी को बताऊं की राजेश आया है।

राजेश ने कहा रहने दो यार।ha और एक सिगरेट देना।
भगत _लगता है फिर तुम्हे अन्दर से चोंट पहुंचा है।
भगत ने सिगरेट जलाकरराजेश को दिया। पीने लगा।
कुछ देर बाद भगत ने राजेश से कहा कौशल्या मां जी को बुलाऊं क्या वो तुम्हारा मुड ठीक कर देगी।

Rajesh ने कहा _नही यार। आज कुछ करने का मन नहीं।

कुछ समय बाद भगत को एक कॉल आया। भगत ने कॉल उठाया। काल उसके गांव की कोई महिला चंदा की थी। जिसे भगत चोदता था।

भगत _बोलो जाने मन कैसे याद की।
चंदा_ कब आ रहे गांव।
भगत _क्यू boor में खुजली बड़ गई है क्या?
चंदा _हा, कब आ रहे। मुझसे रहा नहीं जा रहा।
भगत _क्या तुम्हारा पति chudai नही कर रहा।
चंदा _तुम तो जानते ही हो अब क्या बताऊं।
भगत _क्या अभी भी अपने मां की chudai में ही लगा रहता है तुम्हारा पति।

चंदा _हा । दिन रात अपने मां के भोसड़े में ही घुसा रहता है। मेरे लिए तो समय ही नहीं। तुम जल्दी आ जाओ।
भगत _ठीक है जानेमन मैं जल्द ही गांव पहुंचकर तुमारी प्यास भुझाऊंगा।

Rajhesh दोनो की बाते सुन रहा था।

दोनो की बाते जब बंद हुबा तो राजेश ने भगत से पूछा तू क्या बाते कर रहा था, और कौन है जो अपनी मां चोदता है?
Nice updates
 

Sanju@

Well-Known Member
4,863
19,644
158
भगत ने राजेश को बताया कि मेरे गांव की एक भाभी है चंदा जिसने मुझे चोदना सिखाया, उसी का काल था। वह पूछ रही थी कि मैं गांव कब आ रहा हूं। उसे मेरी याद सता रही है।राजेश _उसे तुम्हारी याद क्यू सता रही है?
भगत _क्यू की उसकी प्यास मेरे land se ही बुझती है।राजेश _क्यू, उसका पति, उसे नही चोदता क्या?
और तुम कुछ मां के भोसड़े में घुसे रहने की बात कर रहे थे। आखिर बात क्या है मैं भी तो जानू।भाई तुमने पूछा है तो मुझे बताना ही पढ़ेगा, भला मैं तुमसे कोई बात छुपा सकता हूं।चंदा मेरी गांव की भाभी है जो, गजब की मॉल है। हमारे बीच कहानी तब सुरू huwa जब हमारे गांव में नया मंदिर बनने के बाद। उसमे मूर्ति स्थापित करने का कार्यक्रम था। जिस दिन मूर्ति स्थापित करना था।गांव में सारा काम बंद करा दिया गया था। सभी लोगो को, कार्यक्रम में शामिल होना था। उस दिन पूरे दिन भर का कार्यक्रम रखा गया था। जिसमे मूर्ति को लाकर स्थापित करना। पूजा पाठ फिर धार्मिक प्रवचन और अंत में भंडारा।उस समय मैं 18वर्ष का थाऔर मैं भी अपने गांव के दोस्तो के साथ कार्य क्रम की जिम्मेदारी सम्हाल रहा था। उस दिन चंदा भाभी से मेरी पहली मुलाकात हुईं।वह पूजा की थाली लेकर मंदिर पहुंची थीं। मै बैठक व्यवस्था सम्हाल रहा था। जब चंदा भाभी पर मेरी पहली बार नज़र पड़ी तो मैं उसे देखता रहा गया। क्या कयामत लग रही थी।पहली नज़र में ही वह मेरे दिल में उतर गई थी।
चंदा को एकटक नज़र गड़ाए देखते हुवे उसका एक दोस्त बोला, क्या देख रहे हों भाई? लगता है, भाभी तुम्हे पसंद आ गई है।भगत_अबे ye कौन, पहली बार देख रहा हूं इनको।दोस्त_अरे यार ये तो चंदू भैया की लुगाई चंदा है। २साल हो गया है बिहा कर इस गांव में आए, जब ये आई थी तो थोडा पतली दुबली थी और अब देखो कैसी गदरा गई है। एक बच्ची की मां बनने के बादउसका बदन भर गया है और कितनी खूबसूरत और सेक्सी लग रही है। बड़ा किस्मत वाला है चंदू भाई जो इतनी खूबसूरत लुगाई मिली है।
भगत ने कहा हा यार चंदू भाई की किस्मत देखकर तो मुझे भी जलन होने लगी है।
क्या पटाखा बीबी मिला है।चंदा के साथ एक लडकी थी, जो एक बच्ची को पा कर ला रही थी।भगत ने कहा लगता है वह छोटी बच्ची जो वह लड़की पा कर ला रही है, वह भाभी का ही है।सभी लडको की नज़र चंदा पर ही गड़ी हुई थी।चंदा मंदिर में पहुंचकर मूर्ति की पूजा अर्चना करने के लिए लाइन में खड़ी हो गई मंदिर में महिलाओं की काफी भीड़ थी। पूजा करने के बाद महिलाए मंदिर प्रांगण में बैठ रही थी जहा एक संत द्वारा प्रवचन दिया जा रहा था। पूजा अर्चना करने के बाद चंदा भी अपने बच्ची को अपने गोद में लेकर,बैठने के लिए स्थान देखने लगी। भगत की नज़र चंदा पर ही गड़ी थी।भगत बैठक व्यवस्था सम्हालने की जिम्मेदारी भगत की ही थी।भगत,चंदा के पास गया और बोला अरे भौजी आप मेरे साथ आइए इधर बैठने के लिए, जगह है। लाइए बच्चा मुझे देदो। भीड़ में बच्चे लेकर चलने में तुम्हे दिक्कत होगी।भौजी ये आपही का बच्चा है क्या?
कितनी सुंदर है बिलकुल आपही की तरह।भगत की बात सुनकर चंदा शर्मा गई।भगत ने बच्ची को चंदा के गोद से लेकर, स्वयं pa लिया और आगे चलने लगा। चंदा उसके पीछे चलने लगी।वह संत के सामने बैठे महिलाओं के पास पहुंची और एक महिला से भोली काकी थोड़ा उधर सरकिएगा। भौजी के गोद में छोटी बच्ची है भीड़ में उसे दिक्ककत होगी।महिला ने कहा अरे ये तो चंदू की लुगाई है आ जा बहुरिया आ सामने बैठ जा और वह महिला थोड़ा पीछे खिसक कर चंदा के बैठने के लिए जगह बना दीजब चंदा बैठ गई तब तब भगत बच्ची को उसके गोद में दे दिया और कहा लो भौजी सम्हालो अपने बच्ची को।चंदा ने भगत से बच्ची लेकर उसे धन्याद दिया।भगत ने कहा भौजी अगर कोई दिक्कत या जरूरत हो तो मुझे बताना मैं यही आस पास ही रहूंगा। चंदा सर हिलाकर हा कहा।प्रवचन चल रहा था सभी महिलाए प्रवचन बड़े ध्यान से सुन रहे थे। भगत का ध्यान तो चंदा पर ही था।चंदा भी जब कभी भगत की ओर देखता तो वह भगत को अपने ओर ही देखते पाता, जब दोनो की नज़र मिलती तो चंदा शर्माकर अपना सिर नीचे कर लेती थीं।कुछ समय के बाद बच्ची रोने लगी, चंदा बच्ची को चुप कराने की कोशिश करने लगी। शायद उसे भूख लगी थी। भगत चंदा के पास गया और बोला भौजी लगता है बच्ची को भूख लगी है।पीछे बैठी महिला भी चंदा से बोली हा बहुरिया बाबुवा ठीक कह रहा है। तुम बच्ची को दूध पिला दो।भगत ते महिला से कहा काकी तुम सामने आ जाओ भौजी को पीछे बैठे दो ताकि वह बच्ची को दूध पिला सके।महिला ने कहा ठिक है बबुआ, आ जाओ बहुरिया मेरे जगह तुम आ जाओ और स्वयं आगे बैठ गई।चंदा पीछे सरककर बैठ गई।भगत वहा से चला गया।चंदा अपने ब्लाउज के बटन खोलकर अपना दूदू बाहर कर साड़ी के पल्लू से ढककर अपने बच्ची को दूध पिलाने लगी।दूध पीते ही बच्ची चुप हो गई।कुछ देर तक प्रवचन चलने के बाद, प्रसाद वितरण का कार्यक्रम था।सभी लोगो के लिए भोजन की व्यवस्था भीं किया गया था।महिलाओं को भोजन के लिए कतार बद्ध बिठा दिया गया।

लड़के लोग महिलाओं को भोजन परोसने लगे भगत देख रेख रहा था कि सभी लोगो को भोजन समय पर मिल पा रहा है कि नही कही कुछ कमी तो नहीं रह गया,कमी होने पर लडको को बतलाता था कि यहां ये लाओ।

जब लड़के चंदा को पकवान परोस रहा था तो भगत वहा खड़ा था। वह लड़के से बोला यार भौजी को दो पूड़ी और दो।

चंदा ने हांथ सामने रख कर कहा बस हो गया और नही।

भगत ने कहा अरे भौजी और लो न शर्माओ नही जितना लेना है,। उसने लड़के से कहा अरे बुधारू भाभी को और दो कुछ कमी नहीं होना चाहिए।

भगत की बातो को सुनकर बाजू में बैठी महिला ने कहा अरे बबुआ सिर्फ़ भौजी की ही खातिर दारी करोगे क्या? अपने काकी को का भी तो ख्याल रखो।
हा भाई भौजी इतनी सुंदर है तो खातिर दारी तो होगी ही।

महिला की बात सुनकर वहा बैठी सारी महिलाएं मुंह बंद कर हसने लगी, जिसे देखकर चंदा शर्म सी गड़ी जा रही थी।

भगत ने कहा अरे काकी हम सबका ख्याल रखने के लिए ही तो यहा खड़े है। अरे बुधारु काकी को भी खिलाओ अच्छे से।

भोजन कर लेने के बाद चंदा साथ में आई लडकी के साथ अपने बच्ची को लेकर घर जाने लगी।

तभी एक लड़का आया और एक पैकेट चंदा को देते हुवे कहा भौजी इसे ले जाओ।

चंदा ने लड़के से कहा ये क्या है?

लड़के ने कहा , भौजी इसमें पकवान और कुछ मिठाई है भगत भैया ने भेजा है।

चंदा ने वह पैकेट रख लिया। तब वह लड़का ने कागजकी पर्ची देते हुवे कहा भौजी ये पर्ची भी रख लो, इसमें भगत भैया का नंबर लिखा है। कुछ जरूवत पड़े तो भगत भैया ने कॉल करने कहा है।

चंदा ने वह पर्ची रख कर ब्लाउज के अन्दर छुपा लिया।

और अपने घर की ओर चली गई।
Shandaar update
 
  • Like
Reactions: Joy@ and Ek number
Top