दमदार chudai के बाद दोनो कुछ देर खाट पर ऐसे लेटे रहे, फिर चंदा ने भगत से पूछा _कैसा लगा देवर जी तुम्हरा तो ये पहली बार था।आया boor चोदने मे मजा।भगत _भौजी क्या इसी को chudai कहते है।चंदा _और नही तो क्या?भगत _सच भौजी chudai में जो मजा आता है ऐसा मजा किसी और में नही।
चंदा _चलो देवर जी काफ़ी देर हो गई है नही तो ये मजा सजा में बदल जाहि।
भगत अपना कपड़ा पहनकर चंदा को एक बार बाहों मे भरकर मजा देने एवमunki इच्छा पूरी करने के लिए धन्यवाद देते हुवे वहा से रात के अंधेरे में छुपते छुपाते अपना घर आ गया।
एक बार chudai ka खेल सुरू होने के बाद चंदा और भगत को chudai ka Aisa चस्का लगा कि वे अक्सर रात में चंदा के बाड़ी के कमरे में यह खेल खेलने लगे।
चंदा ने भगत को chudai ka har पाठ सिखाया। अब भगत एक एसा मर्द बन गया था कि अच्छी खेली खाई औरतों को अपना गुलाम बना ले।
एक दिन चंदा रात के अंधेरे में अपने कमरे से निकलकर बाड़ी की ओर जा रही थी, तभी उसकी सास कमला,जो मूतने के लिए उठी थीं,की नज़र उस पर पड़ गई।
कमला _बहु इतनी रात को बाड़ी की ओर क्यू जा रही। उसे लगा की शायद कोई काम हों
कमला बाथरूम में जाकर मूतने लगी। मूत लेने के बाद वह अपने कमरे की ओर सोने के लिए जाने लगी तब उसने सोचा, बहु अभी तक आई नही आखिर बाड़ी में करने क्या गई होगी,।
कुछ देर इंतजार करने के बाद उससे रहा न गया और यह पता करने की बहू आखिर बाड़ी में अब तक क्या कर रही है, वह बाड़ी की ओर जाने लगीं।
बाड़ी का दरवाजा पर बाहर से कुड़ी नही लगा था वह उसे धकेल कर बाड़ी में चली गई।
और बहू को बाड़ी में ढूंढने लगी।
जब बाड़ी में बने उस कमरे की ओर गई तो उसे किसी की सिसकने और चर चर चर खाट की बजने की आवाज़ सुनाई दी जिसे सुनकर कमला की कान खड़ी हो गई उसकी दिल की धड़कन बड़ गई उसे लगा की कमरे मे कुछ चल रहा है।
कमरे का दरवाजा पुराना वा टूटा फूटा था उसमे कई छेद थे। कमला अपनी तेज चलती सांसों को काबू में करते हुवे अंदर झांकने लगी।
अंदर का नजारा देख कर दंग रह गई।
इस समय चंदा पीठ के बल खाट पर लेटी थी। और भगत उसके टांगो को अपने कंधे रखकर उसके उपर झुका हु़वा था और दनादन अपने land चंदा के chut pe डालकर चोदे जा रहा था।
चंदा के मुंह से कामुक सिसकारी निकल रही थी।
यह नजारा देखकर चंदा के उपर कमला को अत्यंत क्रोध आया वह दरवाजे को जोर का धक्का मारा, दरवाजा खुल गया।
भगत chudai बंद कर दिया, चंदा और भगत दोनो दरवाजे की ओर देखने लगे। और कमला को देखकर चौंक गए।
कमला_ कलमुही तुम्हे शर्म नही आती पराया मर्द के साथ आधी रात को रंगरेलिया मना रही है। क्या इसी दिन के लिए तुझे यहां बीहा कर लाए थे, की तू हमारे खानदान की इज्जत मिट्टी में मिला दे।
भगत _खाट से उठने लगा की चंदा ने उसे रोक दिया। भगत को आश्चर्य huwa
चंदा _माजी आपको यहां नहि आना चाहिए था आप यहां से चली जाइए। इसी में आपकी भलाई है।
कमला _कलमुही इतना सब कुछ होने के बाद तुम्हे शर्म नहि आ रही है कैसे टांगे उठाकर अभी भी लेटी हैं। बदचलन कही की।
चंदा _मां जी मेरे सब्र का इंतिहान मत लीजिए मैं कह रही हूं। मेरे जो जी में आए मै वो करूंगी। जो करना है karlo
कमला _कैसे इतना होने के बाद भी मुझसे जुबान लड़ाती है kutiya रण्डी कही की। अभी मैं तुम्हरे पति को बुलाकर लाती हूं।
चंदा _जा जा बता दें अपने बेटे को वो जानता है की मैं यहां हूं।
कमला _भोसडी कही की ये क्या बोल रही है मेरे बेटे को पता है की तू यहां गैर मर्द से chuda Rahi है।
कमला को अपने कानो पर यकीन नहीं हो रहा था।
चंदा _हा उसे पता है मैं भगत से चुदाती हू क्यू की तुम्हारा बेटा मेरी chut की प्यास बुझा नही पाता। क्यू की वह भोसड़े की प्यास बुझा कर थक जाता है।
जिसके कारण मेरे chut प्यासी रह जाती है। और मुझे भगत का सहारा लेना पड़ा।
कमला _ये मेरे और मेरे बेटे के बारे में क्या बोले जा रही। तुम्हे शर्म नही आती मां बेटे के रिश्ते को बदनाम करते हुवे।
चंदा _शर्म तो तुम्हे नही आती जो अपने ही बेटे से chudwati हो। मैने कई बार अपने आंखो से देखा है। अगर और ज्यादा देर यहां रुकी तो सबको बता दूंगी की तुम अपने बेटे से चुदाती हो।
भगत चंदा की बातो को सुनकर, हैरान था।
कमला अब कुछ कहने की स्तिथि में नही थी, वह रोते हुवे वहा से जाने में ही अपना भलाई समझा उसे पता नही था की चंदा को मां बेटे के बीच का यह राज पता चल गया है।
कमला के चले जाने के बाद भगत चंदा से बोला, भौजी क्या ये सच है जो अभी तुम बोली हो।
चंदा _भगत हा ये सच है, मै तुम्हे नही बताना चाहती थी इसके बारे में पर आज जो परिस्थिति बनी मुझे कहना पड़ा।
भगत मुझसे वादा करो कि यह बात तुम किसी और को नहीं बताओगे। इसमें हमारे घर की बदनामी होगी। आखिर मुझे तो इसी घर में रहना है।
भगत _भौजी, तुम बेफिक्र रहो मैं यह बात किसी को नहीं बताऊंगा।
चंदा _मुझे तुमसे यही उम्मीद है।
कुछ देर बाद फिर दोनो गर्म हो गए और दोनो chudai करने लगे।
उधर कमला अपने कमरे मे जाकर बेड पर लेट गईं और आंसू बहा रही थीं। उसे चिंता सताने लगी की मेरे और मेरे बेटे के बारे में भगत को भी बहू और भगत को भी पता चल गया है अब क्या होगा अब तो पुरे गांव में हमारी बदनामी होगी।
Badi muskil से रात कटा।
सुबह उठते ही वह अपने बहु के कमरे मे गई और आवाज़ लगाई।
अपनी सास की आवाज़ सुनकर चंदा बाहर आई।
कमला _बहु मुझे तुमसे कुछ बाते करनी है।
चांद _क्या बात करनी है मां जी।
बहु मुझे माफ कर दो बेटी हमसे बहुंत बड़ी भूल हीहो गई है अब ऐसा गलती नही होगी। पर यह बात गांव वालो को पता चला तो हम गांव में किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे।
चांद _तुम बेफिक्र रहो मां जी भगत किसी को कुछ नहीं बताएगा।
फिर भी मुझे डर है कही और को यह बात न बतादे तुम एक काम करना आज भगत को घर बुला, मै उससे हांथ जोड़कर निवेदन करूंगी की वह ये बात किसी को न कहे।
चंदा _ठिक है मां जी मैं भगत को हमारे घर आने के लिए कह दूंगी।
दोस्तो इसके बाद हम देखेंगे की आखिर चन्दन और कमला के बीच शारारिक संबंध कैसे बना जो खुद कमला भगत को बताएगी।
तो पढ़ते रहिए
यह क्या huwa?