कभी कभी तो आप ऐसी ऐसी चीजें लिख देते हैं कि मेरे बदन के रोएं खड़े हो जाते हैं । नंदिनी का आकाशवाणी पर दिया हुआ व्याख्यान.... उसके तुरंत बाद ही उसका इमोशनल हो जाना... फिर अपनी भाभी को अपने पास बुलाना , बहुत बहुत बढ़िया था ।
एक वक्त में ही कई जगहों पर घटनाओं का वर्णन... कहीं कामेडी का जायका तो कहीं थ्रीलर का रोमांच तो कहीं भावनाओं का समावेश ! आउटस्टैंडिंग एंड ब्रिलिएंट स्किल ब्लैक नाग भाई !
मुझे प्रतिभा जी को फिर से हसंते खिलखिलाते हुए देखकर बहुत बढ़िया लगा । जिस महिला के एक बच्चे की मृत्यु बचपन मे हो गई हो और दूसरे जवान बच्चे का कत्ल उनके आंखों के सामने कर दिया गया हो , उसकी हालत क्या होगी , यह हम सही तरह से अनुमान नहीं लगा सकते हैं । यह तो वो औरत समझ सकती है जिसके साथ ऐसा दुखद घटना घटा हो ।
विश्व का फर्ज बनता है , वो उस महिला का प्रताप बनकर दिखाए । उसके बुढ़ापे का सहारा बने ।
बहुत ही बेहतरीन लिख रहे हैं आप भाई ।
अपडेट के लिए यही कह सकता हूं - " जगमग जगमग "।