बंधू , आप ने सच में ही कहानी में चार चांद लगा दिए हैं । एक तरफ वैदेही की मर्म स्पर्शी कथा सुनकर इमोशनल भाव ला दिया वहीं दूसरी तरफ राॅकी और उसके साथियों का नंदिनी को इम्प्रेश करने का तरीका देखकर लाजबाव कर दिया ।
सिर्फ यही नहीं राजकुमार वीर और अनु की कहानी इरोटिका का एहसास करा गई वहीं अज्ञात शख्स द्वारा पिनाक को धमकाने एवं उस पर हमले करवा कर कहानी में रोमांच ला खड़ा कर दिया । एक बढ़िया सस्पेंस क्रिएट कर दिया आपने ।
विश्व प्रताप अब बाॅर काउंसिल का मेम्बर भी बनने वाला है । इसका मतलब उसका बदला कानूनी रूप से भी अख्तियार करने वाला हो सकता है । दिमाग का इस्तेमाल कर के भैरव सिंह का किला ध्वस्त करने वाला है वो ।
सबसे बेहतर लगा मुझे कि कहानी में उपमा और रूपक अलंकार का भी प्रयोग किया गया है । शब्दावली भी निःसंदेह उच्च श्रेणी का चयन किया है आपने ।
कहानी का कथानक और जगह का चयन बिल्कुल ही ओर्जिनल लगता है । खास तौर पर जगह का । उड़िसा के जिन जिन जगहों का कहानी में उल्लेख किया गया है वो सभी जगह मेरे जाने पहचाने है ।
जैसे कि इस इलाके में जब भी साइक्लोन आता है तब उसका केंद्र बिंदु पारादीप ही अधिकतर रहता है । प्रतिभा और सेनापति जी की कहानी भी काफी दर्द भरी दास्तां थी । वैसे मुझे लगता है उनका एक बच्चा शायद जीवित है ।
प्रत्येक अपडेट नहले पर दहला थे ।
आउटस्टैंडिंग एंड जगमग जगमग ।