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Incest शरीफ बाप और उसकी शैतान बेटी

sam00023

Member
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Waah bahut hi shandar aur lajwab story ki shuruwat ki hai..bahut khub...
Ab jo baap beti I bich humiliation & molestation ka daur shuru hoga usko thoda erotically with dressing material k sath update karna aur maa k Ghar wapis ane se 2-3 din pehle chudai shuru karwana tab tak eroticnes & adultry jabardasti ho jae..chahe to modeling shooting bhi karwa le beti apne baap se model banne ki ichha bata kar

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Premkumar65

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मेरी उमर 30 है. मैं शादीशुदा हूं. मेरा साइज़ 32 36 34 है। ये कहानी तब की है जब मैं 18 साल की थी। हम कानपूर में रहते थे.



मैं मेरे पापा, मेरी माँ, ही थे । मेरे पापा की उम्र 42 साल थी और वह बैंक में नौकरी करते थे और माँ की उम्र 40 साल थी और वह भी टीचर थीं।



हम सब मिलजुल कर बड़ी ही खुशगवार जिंदगी जी रहे थे। मैं आपको ज्यादा बोर ना करते हुए सीधा कहानी पे आती हूं। क्योंकि मैं आपको बोर नहीं करना चाहती।
बात उन दिनों की है जब मैं 12वीं में थी मेरी उम्र 18 साल की थी।
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माँ और पापा सुबह अपनी नौकरी पर चले जाते थे और घर सिर्फ मैं रह जाती थी ।



तब मुझे सेक्स के बारे में कुछ खास पता नहीं था, बस मेरी एक दो सहेलियों ने बताया था कि सेक्स करने में मुझे बहुत मजा आता है।

तो मैंने भी धीरे धीरे सेक्स में ध्यान लेना शुरू कर दिया. कर किसी लड़के की तलाश करने लगी जिसके साथ मैं सेक्स कर सकूँ.

मेरी ही क्लास में एक लड़का था जिसका नाम रचित था. वो काफी सेक्सी था देखने में। और मैंने देखा की वो लड़कियों में काफी दिलचस्पी लेता था.

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मुझे पता चला की उसके कुछ लड़कियों के साथ सेक्स सम्भन्ध भी थे. मुझे लगा की मुझे ऐसे ही लड़के से अपना रिश्ता बनाना चाहिए जो सेक्स का अनुभवी हो ताकि मुझे उसके साथ सेक्स में मजा आ सके. वैसे भी मुझे तो चुदाई ही करवानी थी कोई शादी तो करनी नहीं थी जो मैं किसी शरीफ लड़के को ढूंढती।

मैंने रचित को लाइन देनी शुरू कर दी. वो जल्दी ही समझ गया की चिड़िया दाना चुगने को तैयार है.

बहुत जल्दी ही हमारी दोस्ती हो गयी। तो जल्दी ही हमारे सेक्स सम्बन्ध भी बन गए. क्योंकि हम दोनों ने दोस्ती तो की ही अपने शरीर की भूख शांत करने के लिए थी.

हमारे पहले ही चुदाई में जब मैं नंगी उसके नीचे लेटी हुई थी और रचित का मोटा सा लौड़ा मेरी चूत में घुसा हुआ था

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तो रचित ने अपने मोबाइल से हमारी वीडियो बना ली।
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मैंने उसे बहुत मना किया पर वो नहीं माना. मैं कुछ नहीं कर सकती थी. क्योंकि मैं नंगी उसके नीचे लेटी हुई थी ओर उसका लंड मेरी चूत में था. वीडियो बनाने से मैं काफी डर गयी थी. पर उसने प्यार से मुझे समझाया की उसने वीडियो सिर्फ अपने देखने और एकांत में मेरी याद के लिए बनाया है. मैं क्या कर सकती थी. .

पर यह मेरे जीवन की एक बड़ी भूल थी.

मुझे उसके साथ चुदवाने में कुछ खास मजा नहीं आया। क्योंकि वो काफी नशा करता था जिसके कारण उसका सेक्स का स्टैमिना भी बहुत कम था. वो दो मिनट में ही झड़ गया. और उसने मेरे को चुदाई के दौरान दांतो से काफी काटा भी था जिसके कारण मेरी चूचियों और चूत पर दांतो के निशान भी बन गए. मैं उस चुदाई के बाद उसके साथ सम्भन्ध ख़तम करना चाहती थी पर उसने मेरी चुदाई के वीडियो को मेरे सारे क्लास में और मेरे माँ बाप को व्हाट्सप्प पर भेज देने की धमकी दी , और मुझे सेक्स के लिए ब्लैकमैन करने लगा.

मैं फस गयी थी. क्या कर सकती थी. मैं सारा दिन रोती रहती पर जब भी वो मुझे चुदाई के लिए बुलाता तो मुझे जाना ही पड़ता.
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मैं बहुत परेशान थी. किसी को बता भी नहीं सकती थी.

खैर एक दिन मेरी किस्मत जागी, और उसके पापा का, जो की मिलिटरी में नौकरी करते थे , का तबादला दूर आसाम में हो गया. उसके पापा को तुरंत ड्यूटी पर जाना था. तो वो लोग अपना सरकारी घर खली करके चले गए.

जाने से पहले एक बार रचित ने फिर मेरी चुदाई करी, तो मैंने उसे बहुत मिन्नत करी कि क्योंकि अब तो वो लोग जा रहे हैं तो वो मेरी वो चुदाई वाली वीडियो डिलीट कर दे.

पता नहीं उसके मन में क्या आया की उसने वो मेरी वीडियो मेरे सामने ही डिलीट कर दी. अब मेरी जान में जान आयी.

रचित के चुंगल से बचने के बाद मैंने सोच लिए कि अब किसी से भी सेक्स रिलेशन नहीं रखूंगी.

कुछ दिन ऐसे ही निकल गए.

मेरी चुदाई नहीं हो रही थी. रचित की ब्लैकमेल से तो मैं बच गयी थी. पर मेरी चूत को लण्ड की आदत हो गयी थी.

मेरा चुदाई करवाने का बहुत मन करता था. पर अब मैं डर के कारण किसी से भी सम्भन्ध बनाने से डर रही थी.

पर मैं अपनी चूत का क्या करती जिसे चुदाई की आदत पड़ गयी थी.

मेरी चूत की आग बढ़ती ही जा रही थी और मुझे इस आग को भुझाने का कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा था।

मैंने अपनी उँगलियों से चूत को रगड़ने की कोशिश की , पर जो आनंद लौड़े से आता है,वो भला उँगलियों में कहाँ. और वो उँगलियाँ भी जब खुद अपनी ही हों.

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खैर इसी तरह दिन निकल रहे थे. कुछ सूझ नहीं रहा था.
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अब मैं आप लोगों को अपने घर के बारे में बताती हूँ.
Hot start. GIF are very erotic.
 

Premkumar65

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हमारा घर डबल स्टोरी था. नीचे एक रूम में माँ और पापा सोते थे और उनके साथ वाला रूम मेरा था।

माँ पापा के कमरे का बाथरूम मेरे कमरे से अटैच था।

मेरे माँ और पापा एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं मैंने उन्हें कभी झगड़ते हुए नहीं देखा।

बात शुक्रवार की है रात की है करीब 11 बजे मेरी आंख खुली और मैं बाथरूम करने के लिए उठी। मैं जब बाथरूम में गई तो मैंने पापा के कमरे में से कुछ आवाज आती हुई सुनी तो बिना कोई आहट किया दरवाजे से कान लगा के उनकी बातें सुनने लगी।
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पापा मम्मी से कह रहे थे कि तुम्हारे भाई का फोन आया था वो तुम्हे लेने के लिए आ रहा है कल. तुम एक हफ्ते के लिए मुझसे दूर चली जाओगी मैं कैसे रहूंगा तुम्हारे बिना तुम्हें पता है कि मैं जब तक एक बार तुम्हें चोद ना लूं मुझे नींद नहीं आती है। उनकी ये बातें सुनकर मैं सन रह गई थी।

माँ - एक हफ्ते की ही तो बात है फ़िर मैं आपके पास ही हूँ मैं फिर कहाँ जाना है मुझे। आज मुझे जी भर के चोद लो , पूरे हफ्ते की कसर निकाल लो लेकिन पहले ये देख लो कि आपकी लाडली बेटी सुमन सो गई है कि अभी जाग रही है।

पापा- मैं अभी तो देख कर आया हूं उसके कमरे में कि वो सो रही है।

माँ – फिर भी एक बार देख लीजिये नहीं तो मैं भी सोने लगी हूँ।

पापा – ठीक है बाबा देखता हूं और पापा बिस्तर से नीचे उतरने लगे तो मैं जल्दी से अपने कमरे में आ गई और सोने का नाटक करने लगी।
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अब मुझे नींद कहाँ आनी थी क्योंकि अब तो मुझे पापा ने माँ को चोदते हुए देखना था । पापा के जाने के बाद मैं फिर से उठी और बाथरूम में आ गई और दरवाजे के की होल में नजरें लगा दी। कमरे में हल्की रोशनी थी.

अंदर का नजारा देख कर मैं दंग रह गई अंदर पापा और मां बिल्कुल नंगे बैठे हुए बिस्तर पर। पापा माँ के स्तनों को चूस रहे थे और माँ पापा के लंड को जो 8 इंच लंबा और 4 इंच मोटा होगा पकड़ कर हाथ से सहला रही थी।
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पापा का लण्ड देख कर तो मेरी आँखें खुली की खुली ही रह गयी. अरे लौड़ा इतना बड़ा और इतना मोटा भी होता है क्या. मैंने तो सिर्फ अपने बॉयफ्रेंड रचित का ही लण्ड देखा था, पर पापा का लौड़ा तो रचित से बहुत बड़ा और बहुत मोटा था. इतना बड़ा लौड़ा तो मैंने सिर्फ ब्लू फिल्मो में ही देखा था.
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फिर पापा ने माँ को बिस्तर पर लिटा लिया और उनकी चिकनी चूत को चाटने लगे और माँ के मुँह से ओह्ह्ह्ह… आआह्ह्ह.. की सिसकियाँ निकलने लगी। पापा उस में आपनी पूरी जीभ घुसा रहे थे।
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ये सब देख कर मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरा हाथ मेरी चूत पे चला गया और उँगलियों का उपयोग शुरू हो गया। मेरी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी। फ़िर माँ ने पापा के लंड को मुँह में ले लिया और लगी लॉलीपॉप की तरह चूसने।

फिर पापा और माँ 69 के पेज पर मैं आ गई

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और फिर 5 मिनट बाद पापा ने अपना मोटा लंड माँ की चूत पर रखा और एक ही झटके में अंदर घुस दिया।

पापा पूरे ज़ोर से धक्के मार रहे थे और माँ जोर जोर से उछल उछल कर पापा का इतना बड़ा लौड़ा अपने अंदर ले रही थी. और जोरदार चुदाई हो रही थी आह मेरी जान ओह्ह मेरी जान या ज़ोर से लो अपनी रानी की आह ओह्ह और ज़ोर से बहुत मजा आ रहा है मर गई और तेज मारो और फिर कोई 15 मिनट बाद दोनों शांत हो गए यानी फारिग हो गए.
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(मुझे बहुत फरक लगा. रचित तो साला नशेड़ी था जो २ मिनट में ही फारिग हो जाता था, पर पापा ने तो लौड़ा मम्मी की अंदर घुसेड़ने के बाद १५ मिनट से भी ज्यादा तो सिर्फ धक्के ही मारे थे. क्या स्टैमिना जोश और ताकत थी पापा में. पापा पूरे मर्द थे. )
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Bahut sahi jaa rahi hai kahani. Ma baa ki chudai to har laçka /ladki dekhte hain ghar me.
 

Premkumar65

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मैंने उस रात में अपने माँ बाप की चुदाई का नजारा देखा जिसे देख कर मेरी हालत खराब हो रही थी। मैं माँ बाप की चुदाई देखने के बाद अपने कमरे में आ गयी और अपनी चूत में दो उँगलियाँ डाल कर तेज तेज अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. मैं उँगलियों की जगह पापा का मोटा लण्ड याद कर रही थी. १ मिनट भी नहीं बीता था की मेरी चूत से मेरा पानी निकल गया. आज पहली बार अपनी उंगिलयों से इतना मजा आया की मेरे से उठा नहीं जा रहा था क्योंकि मेरी टांगों से जैसी जान ही निकल गई थी।
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मैं जैसे तैसे उठी और बाथरूम से पेशाब करके वापिस आ कर लेट गई। मेरी आंखों के सामने पापा का तना हुआ लंड आ जाता था।

मेरी चूत थी कि पूरी गरम हो चुकी थी मुझे नहीं पता था कि उसे कैसे शांत करना है बस मैं उसे चुदवाना चाहती थी।

मैं बस इतना ही चाहती थी कि मेरी किसी तरह से एक मोटे और लम्बे से लौड़े से जबरदस्त चुदाई हो जाए।

फिर मुझे पता ही नहीं चला कब नींद आ गई।

अगले दिन शनिवार को जब मैं उठी तो 12 बजने वाले थे और बाहर आ कर देखा तो मामा जी आ गये थे। माँ दीदी और छोटे भाई ने साथ जाने के लिए अपना सामान पकड़ लिया था। बड़े भाई को 2 दिन का टूर था तो उन्हें कह दिया था कि वो सीधे वहीं पहुंच जाएंगे।

करीब 2 बजे मामा जी उनको ले कर चले गए। पापा भी जल्दी आ गए सैटरडे की वजह से। मैंने उन्हें चाय दी, फिर उन्हें मामा जी या माँ सब के लिए रिक्शा मंगवा लिया और वो चले गए। अब घर मैं सिर्फ मैं और पापा ही रह गए।

फिर मैं भी अपने कमरे में चली गई और पापा अपने कमरे में चले गए क्यों कि सारी रात मैं भी सोई नहीं थी, इसके लिए मुझे भी नींद आ रही थी।

मैंने जैसी ही आंखें बंद की मेरी आंखों के सामने पापा का तना हुआ लंड घुमने लगा जैसे तैसे करके मुझे नींद आ गई
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और मैंने एक सपना देखा कि मैं बिस्तर पर नंगी लेती हूं और पापा मेरी चुत चाट रहे हैं ,मुझे बहुत मजा आ रहा है. फिर पापा अपना लौड़ा मुझे चूसने को बोलै और मैंने भी मजे ले ले कर उसे चूसा. और फिर पापा ने एक तकिया मेरी गांड के नीचे रख दिया और मेरी टांगे अपने कंधे पर रख कर मेरी जबरदस्त चुदाई की जैसी की पापा ने माँ की चुदाई की थी.
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इतने में मेरी आँख खुल गयी। मैंने देखा की बिस्तर पर मैं अकेली ही पड़ी हूँ और मेरी चूत से मेरा काम रस बह रहा है.

मैं सोचने लगी की आखिर पापा भी तो एक मर्द हैं और उनके पास तो इतना बड़ा लण्ड है, यदि किसी तरह मुझे पापा से चुदवाने का मौका मिल जाये तो फिर तो मजा ही आ जायेगा.

पर यह तो संभव नहीं था. क्योंकि वो आखिर मेरे पापा थे. कोई बाहरी आदमी नहीं, बाप बेटी के बीच ऐसा सेक्स का सम्बन्ध नहीं हो सकता है.

फिर मैं सोचने लगी की यदि मैं पापा को किसी तरह पटा लूँ और किसी तरह मुझे पापा से चुदाई का मौका मिल जाये तो इसमें न तो मेरे पुराने बॉयफ्रेंड की तरह कोई मूवी बनाने और ब्लैकमैल करने का रिस्क रहेगा और न ही छुप छुप कर जगह ढूंढने का कोई पन्गा. क्योंकि पापा तो घर में ही है और यदि पापा मुझे चाहें तो कभी भी चोद सकेंगे.

ऊपर से पापा का लौड़ा तो इतना बड़ा और मोटा है की जिंदगी का मजा ही आ जायेगा.
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यह सब सोच में कितना ही देर पापा के लण्ड को याद करती और भगवान से प्रार्थना करती रही कि हे भगवन बस किसी तरह मेरा मेरे पापा से टंका फिट करवा दो मेरी चुदाई मेरे पापा से करवा दो.

पापा से हो सकने वाली चुदाई के बारे में सोच सोच कर मैं मंद मंद मुस्कुरा रही थी. मैं सोच रही थी कि क्या मैं इतनी सुंदर हूँ कि पापा को पटा सकूँ।

मैं बिल्कुल नंगी थी मैंने अपनी चूत के बालों को साफ किया हुआ था। स्तन जो बड़े बड़े थे बिल्कुल सीधे तन्ने हुए थे। हल्के भूरे रंग का उसके ऊपर छोटा सा निप्पल उनकी ख़ूबसूरती में चार चाँद लगा रहा था।

मैं उठ कर दिवार मैं लगे शीशे के पास चली गयी।

मैंने खुद को मिरर में पीछे से देख अपनी उबरी हुई गांड, जो दूध सी सफेद थी, जिनको कोई एक बार देख ले पागल हो जाए। बड़े-बड़े उबरे हुए नितमब .
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मैं अपने हुस्न को देख मुस्कुराने लगती हूँ ।मेरा जिस्म अब इतना खिल गया था जिसे देख मैं खुद पर गर्व महसूस करती थी।

मैं खुद को आईने में देख सोचने लगी।

(अपनी सुंदर शरीर को देख कर मैं खुद ही बड़बड़ाने लगी। .... पापा देख रहे हो मुझे, क्या हाल हो गया है मेरा चुदाई के बिना! मेरे पापा! तुम्हारी सुमन की जवानी केसे बर्बाद हो रही है लण्ड के बिना। तुम ही बताओ मैं क्या करू। मेरी तड़प बढ़ती जा रही है। मेरा) जिस्म अब तपने लगा है। क्या करूं अब और बर्दाश्त नहीं होता पापा )

ये कहते कहते मैं फिर से अपनी चूत को रगड़ने लगती हूँ जेसे ही मैं अपनी चूत पर हाथ रखती हूँ मेरे हवस की चिंगारी मेरी खुली हुई चूत में भड़क जाती है। मेरी आह्ह्ह्ह्ह निकल जाती है।

एक हाथ से मैं अपने स्तन की मसाज करने लगती हूँ । फिर एक उंगली अपनी चूत में डाल देती हूँ । ऊँगली चूत में जाते ही मुझे एहसास हुआ की मेरी चूत अंदर से कितनी गर्म है. मैं अपनी गर्मी को निकालने के लिए अपनी चूत को रगड़ने लगती हूँ। अपनी मस्ती में मस्त होकर अपनी चूत में उंगली करने लगती हूँ.
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मेरी सांस तेजी से चलने लगती है । मेरे से खड़ा भी नहीं रहा गया मैं वहीँ दीवार का सहारा लेकर नीचे बैठ जाती हूँ और जोर जोर से चूत को रगड़ने लगती हूँ.

जब मेरी हवस अपने चरम पर पहुँचीमेरी आँख बंद हो चुकी थी और मैं बस अह्ह्ह्हह सस्शह आआम्म्म्म अपने होठों को दबा कर अपनी आवाज रोकती हूँ । कि कहीं मेरी आवाज कमरे से बाहर ना निकल जाए।

आआहहह अम्ममाआआ मम पापा आअहह हाँ मेरी जान आआआहह हाआआ इइस्स्स्स हाँ आआहहहह.. ऐसे ही ममम उउउन्नाआआ हाँ मेरे प्यारे पापा हाय आपका लौड़ा। ... , अचानक ही मेरे मुँह से निकल गया। मैं आज इतनी ज्यादा गरम थी थोड़ी देर ही चूत को रगड़ा था के वो झड़ने के करीब पहुंच गई और फिर मैं झटके खाते हुए झड़ने लगी।

15 से 20 सेकंड मेरी चूत झटके खाती रही और मेरी चूत से पानी निकलता रहा। काफ़ी दिनों बाद मैं ऐसे झड़ी थी। में इतना थक चुकी थी की मेरे में उठ कर अपने बेड तक जाने की भी ताकत नहीं थी. मैं दीवार के पास ही निढाल होकर पड़ी रही। मुझे होश भी नहीं था. और मैं लंबी लंबी सांस लेती रही.

आज पापा को और उनके लण्ड की याद में मैंने जो चूत रगड़ी थी उसमे इतना मजा आया था की आज तक कभी नहीं आया था.

पता नहीं यह पापा के लण्ड का ही असर था या कुछ और.

अभी भी मेरी चूत से पानी लगातार बह रहा था। फिर से उंगली से चूत रगड़ने से मेरा थोड़ा बच्चा हुआ पानी भी निकल गया। और मैं लंबी लंबी सांस लेती रही .
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थोड़ी देर मैं ऐसे ही पड़ी रही. फिर मुझे याद आया केसे मैं अपने पापा का नाम ले रही थी झड़ते हुए, ये सोच कर एक बार तो खुद पर गुस्सा आया लेकिन अगले ही पल एक प्यारी सी मुस्कान मेरे के चेहरे पर फ़ैल गयी ।

(हे भगवान कितना पागल बना दिया है मुझे इस आग ने। मैं अपने ही बाप को याद करके ये सब कर गई। मुझे माफ करना भगवान। मैं अपने हवस में भूल गई मैं क्या कर रही हूं। मुझे माफ करना)

थोड़ी देर बाद जब मैं खड़ी हुयी तो मेरी नज़र अपनी चूत से निकले पानी पर जाती है। आज इतना पानी निकला था जिसे मैंने पेशाब कर दिया हो। अपनी चूत से निकले पानी को देख कर एक बार तो मैं सोच में पड़ गयी कि कहीं मैंने सच में पेशाब तो नहीं कर दिया। पर जब मैंने अपने पानी को अपनी उंगली पर लगाकर अपनी नाक के पास लाकर सूंघा तब मुझको अहसास हुआ के ये पेशाब नहीं है बल्कि अपनी चूत से निकला चूत का अमृत है।
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मुझे अपना शरीर काफी हल्का सा महसूस हुआ मैं बाथरूम में जाकर खुद को साफ किया और कमरे में फ़ैल गए चूत से निकले पानी को भी साफ किया। और फिर अपने बेड पर जा कर लेट गयी।


मैं दो बार चूत का पानी निकल जाने से इतनी थक गयी थी की फिर से मेरी आँख बंद हो गयी और मैं सो गयी।
Soch soch kar 2 bar jad gai. Chudego to kya hoga.
 

Premkumar65

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इसी तरह रात निकल गयी। सुबह उठ कर मैंने खाना बनाया और फिर खाना खाने के बाद पापा अपने कमरे में चले गए और मैं अपने कमरे में चली गई।

मुझे नींद नहीं आ रही थी मैं करीब 11 बजे बाथरूम में गई तो देखा पापा के कमरे में से हलकी रोशनी आ रही थी। मैंने चाबी वाले छेद से देखा तो पापा बिस्तर पर नंगे बैठे थे और अपने लंड को सहला रहे थे।
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मैं समझ गयी कि पापा को माँ की याद आ रही है। पापा अपने लंड को अपने हाथों से ऊपर नीचे कर रहे थे।
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मुझे पापा पे बहुत तरस आ रहा था कि कैसे वो अपने लंड को खुद ऊपर कर रहे थे मेरा मन कर रहा था कि मैं भाग के जाऊं और उसके लंड को मुंह में ले कर चूसने लगू लेकिन मेरी तो टांग ही हिल नहीं पा रही थी .

फिर मैंने देखा कि पापा के लंड ने पानी छोड़ दिया है और वो बिस्तर से नीचे उतरने लगे तो मैं जल्दी से अपने कमरे में आ गई।
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सारा दिन मैंने बेड पर करवटे बदलते हुए निकाल दीया , बस ये सोचते हुए कि क्या मुझे मेरे पापा का लंड मिल सकता है?

लेकिन कैसे ये ही समज मैं नहीं आ रहा था।

मैं चाहती थी कि किसी तरह मैं अपने पापा को पटा लूं और उनसे चुदाई करवाऊं लेकिन कोई प्लान नहीं बना रहा था।

सुबह उठते ही मैंने सोच की मैं पापा और खुद के लिए चाय बना लूं और खुद भी पेशाब कर लूं। चाय पीने के बाद मैं सफाई करने लगी.

मैं सोच रही थी की मुझे पापा को सेड्यूस करने के लिए खुद ही पहल करनी पड़ेगी. तो जब मैं पापा के कमरे में सफाई करने के लिए गई तो मैंने मां की नाइटी पहन ली थी। और तब मैंने जान बुझ कर अपनी ब्रा भी निकाल दी. माँ की नाइटी मेरे घुटनो तक ही आ रही थी, पहले तो मैंने सोच की अपनी पैंटी भी निकल देती हूँ. पर फिर सोचा के अभी तो शुरुआत ही है, तो अभी एकदम इतना नहीं करुँगी. तो पैंटी पहने ही मैं पापा के कमरे में सफाई करने चली गयी.

तब मेरे स्तन हाथ में आने लायक हो गए थे और बहुत अच्छे से मसले जा सकते थे। माँ की नाइटी की वजह से जब मैं झुकती थी तो उसका गला बड़ा होने की वजह से मेरे स्तन साफ नजर आ जाते थे। ऊपर से मैंने अपनी ब्रा भी नहीं पहनी थी.
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पापा बिस्तर पर बैठे हुए थे उनका पायजामा और बनियान पहननी हुई थी। मैं जान बुज कर पापा की तरफ मुंह करके झुक रही थी ताकी पापा मेरे स्तन एक बार देख लें लेकिन वो तो टीवी देखें मैं मस्त था इसके लिए मैंने झुके झुके ही बिना पापा की तरफ देखे कहा कि पापा आज क्या खाना चाहते हैं?

मैंने चोर नजर से देखा कि इस बार पहली बार पापा ने मेरी तरफ देखा और उनकी नजर मेरे स्तनों पर चली गई, जो की निप्पल तक नाइटी के खुले गले से दिखाई पड़ रहे थे. पापा ने पहली बार आज मेरे मम्मे देखे थे तो अनहोनी झट से दूसरी तरफ मुंह कर लिया, लेकिन अब वो बार बार चोर नजर से मेरे नंगे स्तनों को निहारने लगे।

मैं सीधी हुई तो देखा कि वो पैजामे मैं अपने तने हुए लंड को दबाने की कोशिश कर रहे थे। मैं समझ गई कि मेरे स्तन देख कर उबका लंड अकडने लगा है। मैं फिर से झुक कर उन्हें अपने स्तन दिखाने लगी और पोछा लगाने लगी।
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थोड़ी देर इसी तरह मैं पापा के सामने खड़ी खड़ी झाड़ू लगाती रही और झुक कर काम करते हुए पापा को अपने मम्मे दिखती रही.

मैंने पापा की तरफ नहीं देखा ताकि पापा को लगे की मुझे अपने दिखाई दे रहे मम्मों का कुछ भी पता नहीं है, और वो इसी तरह चोर नजरों से मेरी छातिओं को देखते रहे. पापा का लण्ड खड़ा हो गया था और वो उसे दबा दबा कर पजामे में सेट कर रहे थे. में चोर नजरों से पापा की हालत देख रही थी और मन ही मन मुस्कुरा रही थी पर प्रगट में में ऐसा दिखावा कर रही थी की जैसे मुझे कुछ भी पता नहीं है.

खैर थोड़ी देर में कमरे की सफाई हो गयी तो मैं पानी ले कर पोंछा लगाने लगी.

मैं बैठ कर पोंछा लगा रही थी तो अब पापा को मेरे मुम्मे दिखाई नहीं दे रहे थे.

मैंने पापा की तरफ चोर नजरों से देखा कि पापा मेरी नाइटी के गले से मेरे मुम्मों को देखने की कोशिश कर रहे थे पर मुम्मे दिखाई न देने से उन के चेहरे पर निराशा दिखाई दे रही थी. वो परेशां से लग रहे थे।
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मैं मन ही मन मुस्कुरा दी. और फिर बैठ कर पोंछा लगाते हुए अपने घुटने अपनी छाती के नीचे रख लिए जिस से मेरे मुम्मे दब जाने के कारण ऊपर को उभर गए और पापा को अब मेरे मुम्मे ठीक से दिखाई दे रहे थे.

पापा के चेहरे पर अब मुझे एक संतुष्टि का भाव दिखाई दे रहा था. वो टीवी देखने का नाटक करते करते मेरे मुम्मे ही देख रहे थे.

मुझे लग रहा था की मेरा तीर सही निशाने पर लग रहा है,

फिर मैंनेक कुछ सोचा और कमरे में सोफे के साइड में रखे एक छोटे टेबल के नीचे पोंछा लगाने का नाटक करना शुरू किया. अब मेरी पीठ पापा की तरफ थी. मैंने बुड़बुड़ाना शुरू किया की सोफे के नीचे बिलकुल भी साफ़ नहीं है और बहुत मिट्टी पड़ी है, यह बोल कर मैंने झुक कर सोफे के नीचे दूर तक पोंछा लगाने का नाटक करने लगी,

मेरे ऐसे करने से मैंने अपना पिछवाड़ा (गांड ) ऊपर उठा लिया ताकि मैं दूर अंदर तक पोंछा लगा सकूँ.
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मेरे ऐसा करने से मेरी छोटी सी नाइटी मेरी कमर तक ऊपर उठ गयी. पापा की जन्नत ही हो गयी. अब पापा को मेरी झांगे दिखाई दे रही थी,

चाहे मेरी पीठ पापा की ओर थी पर टीवी स्क्रीन में मुझे पापा का अक्स दिखाई दे रहा था. पापा को मालूम नहीं था की मैं पापा की हरकतें देख सकती थी,

उन्हें तो लगा की उनकी ओर मेरी पीठ है तो वे अब टीवी से नजर हटा कर सीधे मेरे चूतड़ ही देख रहे थे.

मैंने झूकते हुए आगे दूर तक पोंछा लगाने का नाटक करते हुए अपनी चूतड़ और ऊपर उठा दी.
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अब तो जैसे पापा का कलेजा ही मुंह को आने वाला हो गया.

अब पापा को मेरी पैंटी और उस में कसी हुई मेरी गांड बिलकुल साफ़ दिखाई दे रही थी,

पापा का लौड़ा अब स्टील की रॉड बन चूका था और पापा उसे बेशर्मों की तरह मसल रहे थे. उन्हें मेरे द्वारा देखे जाने का कोई डर जो नहीं था क्योंकि मेरी तो उनकी तरफ पीठ थी. हालाँकि मैं टीवी के शीशे में उनकी सारी हरकतें देख रही थी,
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अब पापा अपने लण्ड को तेज तेज मसल रहे थे.

पापा टीवी देखते हुए सोफे पर लेट गए। वो ऐसे शो कर रहे थे जैसे बैठे बैठे वे थक गए हो और आराम से लेट कर टीवी देख सकें, पर असल में वो लेट इसलिए गए थे ताकि और नीचे से अच्छी तरह अपनी प्यारी बेटी की गांड देख सकें. मैं कुछ देर इसी तरह अपनी कमर उठा कर पोंछा लगाती रही।

और पापा अपना लण्ड तेज तेज सहलाते रहे.

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जल्दी ही पापा के हाथ के रफ़्तार तेज हो गयी। मैं समझ सकती थी की पापा का स्खलन नजदीक ही है.

पापा भी भगवन से शायद प्रार्थना कर रहे थे की मैं थोड़ी देर और काम करती रहूं, ताकि यह न हो की मेरे अचानक उठ जाने से उनकी पोल ही खुल जाये.

भगवान ने तो पता नहीं उनकी प्रार्थना सुनी या नहीं पर मैंने जरूर सुन ली ,और उसी पोज में गांड ऊपर उठाये ही पोंछा लगाती रही।

जल्दी ही पापा के साँसे तेज चलने लगी और उनके अपने लण्ड को मसलने की स्पीड भी बढ़ गयी.

पापा के मुँह से एक जोर की आह निकली (जो मैंने सुन तो ली पर टीवी की आवाज़ में न सुनने का नाटक किया) और पापा ने जोर से अपना लौड़ा पजामे के ऊपर से ही कस के पकड़ लिया और पापा तेज तेज साँसे लेते हुए झड़ने लगे. उन्होंने डर के मेरी तरफ देखा की कहीं मुझे पता तो नहीं लग गया पर मैं अनजान होने का नाटक करते हुए पोंछा ही लगाती रही,
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धीरे धीरे पापा का वीर्यपात ख़तम हो गया। मैंने टीवी के शीशे में देखा की पापा के पजामे का आगे का सारा हिस्सा उनके लण्ड रस से भीग कर गीला हो गया था. उसे छुपाने के लिए पापा ने एक तकिया उठा कर अपनी कमर में रख लिया और अपने गीले पजामे को छुपा लिया.

मैं मन ही मन मुस्कुरा रही थी, मुझे लग रहा था की मेरी मन की इच्छा पूरी हो सकती है और मुझे घर में ही एक दमदार और मोटा लण्ड चुदाई के लिए मिल सकता है,

आज का मिशन पूरा करने के बाद मैं काम ख़तम होने का नाटक करते हुए उठी और किचन की ओर चल दी,

पापा झट से उठ कर बाथरूम में घुस गए, मैं समझ गयी की अपनी गन्दी हो चुकी पजामे को बदलने गए है , पर मैं उसी तरह अनजान बनी रही,

मैं भी भाग कर अपने कमरे में चली गयी क्योंकि इतना कुछ हो जाने से मेरी भी चूत गीली हो गयी थी। मैंने जाते ही फटाफट अपनी पैंटी उतर कर तुरंत अपनी दो उँगलियाँ अपनी चूत में घुसा ली और तेज तेज अंदर बाहर करना शुरू किया.
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मैं इतनी उत्तेजित हो चुकी थी की आधे मिनट में ही मैं झड़ गयी।
मेरा स्खलन भी बहुत तेज और जोरदार था.
Bahut natkhat beti hai.
 

Motaland2468

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It will be uploaded today or maximum by tomorrow.
I'm still waiting for next update bro
 
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