sexy muskan
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Behtreen update bhai next update jaldi Dena plzमैं अपने इस स्खलन से इतनी थक गयी थी की काफी देर तक सोती रही. उधर पापा का ओर्गास्म भी बहुत जबरदस्त था, होता भी क्यों नहीं, आखिर पहली बार अपनी प्यारी बेटी की पैंटी में कसी हुई चूत देख कर और अपनी बेटी को देखते और याद करते हुए मुठ जो मारी थी उन्होंने.
पापा भी थक गए थे तो काफी देर तक लेटे रहे.
खैर अगले दिन सुबह मैंने अपना काम किया और सफाई वगैरा करने के बाद अपने कमरे की बालकनी में जा कर खड़ी हो गयी,
इतने में क्या देखती हूँ की एक गधा चला जा रहा है. और आगे एक गधी भी चली जा रही थी. गधे ने अपना लगभग अढाई फुट लम्बा और ५ इंच मोटा डंडे जैसा लौड़ा बाहर निकल लिया था.
मैं समझ गयी की गधा आज इस गधी का काम तमाम करने के मूड में है.
यह देख कर मुझे भी मजा आने लगा और मेरी चूत भी गीली होने लगी,
मैं समझ गयी की आज सुबह सुबह कुछ मजेदार देखने को मिलेगा.
अब मैं आप लोगों को अपने घर के बारे में बता देती हूँ. हमारा घर २ मंजिला है. ऊपर की मंजिल पर एक कमरा है जिस में पापा सुबह सुबह अपना योगा या कसरत करते हैं. और नीचे के कमरों में हम लोग रहते है. हमारे घर के साथ ही एक खली प्लाट है, जो काफी बड़ा है.
प्लाट के मालिक ने उस के चारों ओर चारदीवारी करवा रखी है और अंदर जाने के लिए एक गेट लगवा रखा है.
गेट तो काफी समय से खुला ही पड़ा है क्योंकि उस का ताला कभी का टूट चूका है, इसलिए अक्सर आवारा पशु आदि उस प्लाट में घुस जाते हैं. उस के चारों ओर की चारदीवारी काफी ऊँची है.
इस समय पापा ऊपर के कमरे में कसरत कर रहे थे. और मैं नीचे के कमरे के बाहर खड़ी गधे गदही का होने वाला सेक्स खेल देखना चाह रही थी,
इतने में गधी उस खली प्लाट में घुस गयी और उसके पीछे पीछे गधा भी आ गया.
मैं इस से बहुत खुश हुई क्योंकि अब बाहर से कोई इस गधे और गधी को देख नहीं सकता था. तो में यदि उनकी रासलीला ऊपर से देख भी लेती तो किसी को भी पता नहीं चल सकता था कि में गधे गधी को चुदाई करते हुए देख रही हूँ.
गधा गधी के पास गया और गधी की गांड को सूंघने लगा. गधी को भी शायद अच्छा लग रहा था. क्योंकि पहले तो वो गधे से बचने के लिए इधर उधर जा रही थी पर जैसे ही गधे ने उसकी चूत को सूंघा तो गधी अब आराम से एक हे जगह खड़ी रह गयी.
गधे ने गधी की चूत को चाटना शुरू कर दिया.
अब गधी को बहुत आनंद आ रहा था. वो एक हे जगह टिक कर खड़ी हो गयी और उसने अपनी टाँगे थोड़ा फैला दी ताकि गधा उसकी चूत को अच्छी तरह से सूंघ सके और चाट सके.
गधे का लण्ड तन कर खड़ा हो चूका था. और उसका लौड़ा बाहर आ गया था. अढ़ाई फुट लम्बा और पांच इन्च मोटा लौड़ा बहुत ही भयानक लग रहा था.
मैं सोच रही थी की क्या गधी इतना बड़ा लौड़ा अपने अंदर ले भी पाएगी या नहीं.
इतने में गधे ने अपनी ऊपर की टाँगे गधी के ऊपर उसके कमर के दोनों ओर रखीं और अपना लौड़ा एक ही झटके से गधी की चूत में घुसेड़ने की कोशिश की.
गधी को शायद दर्द हुआ और वो जोर से चिल्ला कर आगे की और खिसक गयी जिस से गधे का लौड़ा अंदर न जा पाया।
गधे ने फिर आगे बढ़ कर गधी की चूत को चाटना शुरू कर दिया. जिस से गढ़ी फिर आराम से खड़ी हो गयी और चूत चटवाने का आनंद लेने लगी.
अचानक मेरी नजर सामने वाले मकान की खिड़की पर लगे शीशे पर गयी. (हमारे मकान से आगे वो खाली प्लाट था और उस के आगे फिर घर था. में इस घर की खिड़की पर लगे कांच की बात कर रही हूँ..)
उस शीशे में हमारे घर की परछाई दिख रही थी. मैंने शीशे में देखा की ऊपर मेरे पापा भी खड़े उन गधे गधी की चुदाई का सीन देख रहे थे.
पता नहीं पापा कितनी देर से खड़े थे या शायद गधी की उस चिल्लाहट को सुन कर आये थे.
मुझे यह देख कर अजीब लगा. अब हम दोनों बाप बेटी उस गधे और गधी को होने वाली संभावित चुदाई को देखने के लिए खड़े थे.
पापा को मालूम नहीं था कि मैंने उन्हें देख लिया है.
मैं पापा की हर हरकत को देख सकती थी।
पापा को पता नहीं था कि मैं भी इस चुदाई समारोह की एक और दर्शक हूँ.
मेरे शैतानी दिमाग में एक आईडिया आया और मैंने पापा को अपनी उपस्थिति का एहसास करवाने के लिए गधे की ओर मुंह किये हुए ही बोला.
"अबे जल्दी से ऊपर चढ़ जा और घुसेड़ दे अपन पूरा। "
पापा यह आवाज सुन कर मेरी तरफ देखे. वो हैरान रह गए कि उनकी प्यारी बेटी भी इस चुदाई को देखने को खड़ी है.
अब पापा की नजर मेरे ऊपर भी थी.
वो इत्मीनान से मुझे देख सकते थे क्योंकि वो ऊपर के कमरे में थे और में नीचे के. तो मेरे द्वारा उन्हें देख लिए जाने का कोई भी डर नहीं था.
पर उन्हें क्या मालुम था की सामने वाले मकान की खिड़की के कांच से में उन्हें देख सकती थी.
मुझे लगा की पापा को पटाने का यह एक और सुनहरी मौका है. तो मैंने अपनी सलवार में अपना हाथ घुसा लिया और अपनी चूत में अपनी उंगलिया घुसा कर अंदर बाहर करनी शुरू कर दी.
यह पापा को दुगना मजा आने वाला कारनामा था.
सामने अब गधा काफी देर से गधी की चूत सूंघ चूका था और अब वो असली काम यानि चुदाई के मूड में था.
गधा अपना लम्बा लंड निकाले गधी पे चढ़ रहा था.
जेसे ही लंड चूत को छूता गधी आगे हो जाती, शायद गधे के मोटे लौड़े से वो भी डर रही थी पर मजे के कारण वो चुदाई भी करवाना चाह रही थी,
एसा दो- तिन बार हुआ लेकिन गधे ने अचानक अपने मोटे से लौड़े का टोपा गधी की चूत के छेद पर सेट कर के एसा धक्का मारा कि आधा लंड गधी की चुतमें चला गया।
गधी हों-हों.ची..हों-हों..ची..करने लगी और आगे दोड़ने लगी.गधा भी अपना लंड घुसाए दो पेरों पे दोड़ने लगा. हों-हों.ची..हों-हों..ची..करने लगा.
मेरे चहेरे पे स्माइल आ गई. गधी को शायद इतने मोटे लौड़े से दर्द हो रहा था पर गधी के इधर उधर भागने के बावजूद भी उसने अपना लण्ड गधी की चूत से बाहर नहीं निकलने दिया.
आखिर गधी भी रुक गयी पता नहीं गधी का दर्द कम हो गया था , या उसे समज आ गया था की अब तो चुदाई हो कर ही रहेगी और गधा लण्ड बाहर निकालने से रहा. या यह भी हो सकता है की अब उसे भी मजा आने लगा हो,
खैर कुछ भी हो अब गधा आराम से गधी को पूरे लण्ड से चोद रहा था. और गधी चुप चाप खड़ी अपनी चुदाई करवा रही थी.
गधा पूरा लण्ड बाहर निकाल लेता और फिर एक ही झटके से उसे फिर से पूरा अंदर घुसेड़ देता.
जोरदार चुदाई चल रही थी, दोनों गधे आपसमे गधा पचीसी खेल रहे थे।
Ok broBehtreen update bhai next update jaldi Dena plz
I'm still waiting for next update broOk bro
Most probably tomorrow