घर पर :
शाम को सभी लिविंग रूम में बैठ कर बातें कर रहे होते है कि तभी डोरबैल बजती है ।
सुमन उठ कर दरवाज़ा खोलती है
दरवाज़ा खुलते ही संजय सुमन की गांड पकड़ कर उठा लेता है और सुमन को वैसे ही उछालने लगता है जैसे उसे चोद रहा हो ।
सुमन -
आउच ... जेठ जी छोड़िए ना ! सब देख रहे है ।
राधा - अरे !! क्या बात है ! इतनी ख़ुशी किस बात की है ?
संजय सुमन को २-३ बार और ज़ोर ज़ोर से उछालता है जिससे सुमन की स्कर्ट में से उसकी कच्छी सामने खड़े धीरज को दिखती है ।
संजय सुमन की गांड कच्छी के ऊपर से मसलता है जिसे वहाँ खड़े लोग देखते है ।
तीसरी बार में जब संजय सुमन को उछालता है तो सुमन की चूचियाँ उसके टॉप में से बाहर निकल जाती है ।
सुमन - छोड़िए ना जेठ जी देखिए आपने मेरी क्या हालत कर दी है ।
गलती से अगर किसी का लण्ड खड़ा हो गया तो वो मेरी चूत के लिए अच्छा नही होगा ।
डॉक्टर ने अभी चुदने के लिए मना किया है ।
राधा सुमन के लगभग नंगे हो जाने पर संजय को डाँट ते हुए कहती है - धत्त बेशर्म हो गए हो आप
उतारो इसे ! यहाँ धीरज खड़ा है ।
याद नही इसकी चूत का क्या हाल किया था इसने ।
अब तुम इसकी ये इतनी मोटी मोटी गांड इसे दिखा रहे हो ।
आपको क्या बिलकुल भी शर्म नही आती ।
राधा की बात सुनकर संजय सुमन को नीचे उतारता है ।
सुमन की गांड और चुचियों को धीरज आगे बढ़ कर ढक देता है ।
राधा को लगा कहीं धीरज सुमन को उठा कर कमरे में ना ले जाए पर उसने ऐसा नही किया ।
राधा धीरज से -
क्या हुआ बेटा ! तेरी तबियत तो ठीक है ना !
धीरज - हाँ मॉम मैं ठीक हूँ । बस थोड़ी थकावट है ।
मैं अपने कमरे में जा रहा हूँ । बाक़ी बातें पापा आपको बता देंगे ।
धीरज अपने कमरे में जाकर लेट जाता है ।
सुमन और राधा को धीरज का रवैया अजीब सा लगता है फिर राधा संजय से पूछती है ।
राधा - हाँ जी !!! अब आप कुछ बताओगे भी या नही !
आख़िर हुआ क्या है जो इतने ख़ुश लग रहे हो.
संजय - बताता हूँ ! पहले ये बताओ अपनी गुड़िया कहाँ है !
राधा - कमरे में होगी अपने ! आप बात तो बताओ ?
संजय - तुम दोनो मेरे साथ आओ गुड़िया के रूम में ही बताऊँगा
संजय दोनो को लेकर कोमल के रूम में जाता है ।
अंदर कोमल लैप्टॉप पर गेम खेल रही थी और नीरज उसके चुत्तडों की मालिश कर रहा था ।
जैसे ही संजय कमरे में घुसता है , कोमल अपनी जींस अपने चुत्तडों पर सरका लेती है ।
नीरज भी इधर उधर देखने लगता है ।
संजय कोमल की जींस पकड़ कर उसके घुटनो तक उतार देता है और उसके चुत्तडों को चूम लेता है ।
नीरज डर जाता है ।
कहीं उसके पापा की नज़र कोमल दी की फटी गांड पर ना चली जाए , जिसकी वो अभी थोड़ी देर पहले सिकाई कर रहा था
कोमल एकदम झटके से अपनी जींस वापस चढ़ाते हुए - ये क्या बदतमीज़ी है पापा ! आपने मेरी गांड का चुम्बन क्यूँ लिया ?
संजय - गुड़िया आज सुबह
तेरी ये गांड देखना हमारे लिए कितना शुभ रहा ! इसका अंदाज़ा भी है तुझे !
कोमल ये सुन कर शर्मा जाती है कि पापा सबके सामने ये क्या बोल रहे है ।
राधा - ओहो ! आपने भी बात का बतंगड बना दिया है । अरे हुआ क्या है .. ये तो बताओ !!
संजय - आज फ़ेविकोल वालों के साथ हमारी संधि थी
राधा - हाँ .. तो ??
संजय - अरे हमें २ करोड़ का लाभ होगा ।
ये सुनकर सभी चौंक पड़ते है ।
कोमल अपनी फटी हुई गांड उठाकर बैठ जाती है ।
सुमन और राधा अपने दोनो हाथ एक दूसरे से मिला लेती है ।
राधा - कोमल के पापा ! क्या आप सच बोल रहे है .
संजय - हाँ भई हाँ ..
इतना सुनते ही कोमल ख़ुश हो कर तालियाँ बजाने लगती है ।
नीरज जो अभी तक पीछे डरा खड़ा था , वो आगे आकर राधा की गांड पर २ चपत मारता है ।
राधा - हाँ बेटा मार !
और मार ! कहीं मैं कोई सपना तो नही देख रही !
मार
एक और मार !
नीरज को मौक़ा मिल चुका था वो अब राधा की नाइटी उठा कर राधा की कच्छी नीचे सरका देता है
और
खींच खींच कर ४ से पाँच चपत लगा देता है ।
कोमल नीरज को मौक़े का फ़ायदा उठा कर देखते हुए हसने लगती है ।
राधा - आऽऽऽऽह...बस कर हरामज़ादे ..अब क्या मेरी गांड सूजा देगा !
मुझे पता चल गया है ..मैं कोई सपना नही देख रही
सुमन - नीरज बेटा ग़लत बात .... चलो सॉरी बोलो मम्मा से !
नीरज राधा की कच्छी को वापस पहनाता हुआ :
I AM SO SORRY MOM
नाइटी के नीचे राधा की चौड़ी सूजी हुई गांड ढक जाती है ।
राधा नीरज को होंठो पे किस्स करते हुए उसे गले लगा लेती है ।
राधा - कोई नही मेरा बच्चा !!!
कोमल - मॉम इस ख़ुशी के मौक़े पर तो पार्टी बनती है ।
नीरज राधा के दोनो स्तन दबा कर कोमल की हाँ में हाँ मिलाता है ।
संजय - हाँ राधा अपने बच्चों को पार्टी दो । पार्टी तो इनकी बनती है ।
राधा - तुम सब बैठो मैं अभी तुम सबका मुँह मीठा करा देती हूँ ।
राधा उठ कर अपने फ़ुट्बॉल जैसे दोनो स्तनों को बाहर निकाल कर अपने दोनो हाथों से अच्छे से भींचती है ।
दोनो स्तनों में हल्का हल्का दूध दिखने लगता है ।
सबसे पहले राधा अपनी चूची नीरज के मुँह में दे देती है ।
नीरज अच्छे बच्चे की तरह चूस चूस कर दूध पीने लगता है ।
कोमल - मॉम मैं भी भाई के साथ ही मुँह मीठा करूँगी ।
राधा अपना दूसरा स्तन कोमल के मुँह में डाल देती है
कोमल भी अपने भाई के साथ चूस चूस कर दूध पीती है ।
कोमल चूची से मुँह हटाकर नीरज के मुँह में अपने हिस्से का दूध डाल देती है ।
नीरज दूध गटक जाता है और कोमल के होंठ चूस लेता है ।
पास में खड़े संजय और सुमन ये सब देख कर गरम हो जाते है ।
संजय सुमन के स्तनों को भींचने के लिए आगे बढ़ता है ।
तभी उन्हें राधा रोक देती है ।
राधा - ओह !! आप ये बच्चों के सामने क्या करने वाले थे ।
कुछ शर्म लिहाज़ बची है आपमें या नही ?
सुमन - दीदी जेठ जी दिन पर दिन बदतमीज़ होते जा रहे है !
समझा लीजिए और हसने लगती है ।
संजय - अरे बच्चों को तो मुँह मीठा कर दिया मेरा नही होगा क्या ?
राधा - नहीं , आप जाइए सो जाइए मुँह मीठा बच्चों का किया जाता है । बड़ों का नही ।
संजय - बड़े से याद आया धीरज का मुँह तो मीठा कराया ही नही !!
राधा - आपने बताया नही । उसका मुँह लटका लटका सा क्यूँ है आज ? कुछ बात हो गयी थी ?
संजय - आपके बड़े बेटे अपनी नयी सेक्रेटेरी से प्यार कर बैठे है ।
राधा - अच्छा तो ये .... बात है ।
कोमल - ये..डबल ट्रीट ..भाभी मिलने की ख़ुशी में !!!!! ये..
सभी हंस पड़ते है ।
राधा अपनी चूचियों से बचा हुआ दूध एक ग्लास में निचोड़ लेती है , और धीरज के कमरे की तरफ़ चल पड़ती है ।
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राधा का धीरज को मनाना :
धीरज अपने कमरे में गुमसूम सा अपने बेड पर सो रहा था । राधा दूध का ग्लास उसके पास ले जाकर कहती है
राधा - धीरज ... ले बेटा खड़ा हो कर दूध पी ले ।
धीरज - मॉम मुझे भूख नही है ।
राधा - अरे
मीठा वाला दूध है ।
भींच भींच के तेरे लिए निकाला है । चल शाबाश ...
मेरा बहादुर बेटा ये दूध पी कर ताक़त आ जाएगी मेरे बच्चे में ।
धीरज दूध का ग्लास राधा के हाथ से लेकर पास में टेबल पर रख देता है ।
राधा धीरज को सवालों भारी नज़रों से देखती है । धीरज राधा को बेड पर बिठा देता है
धीरज - मॉम निप्पल से पीने का मन है । पिलाओगी ना ?
राधा की आँखो में ममता जाग जाती है ।
राधा धीरज को नीचे बिठा कर उसका सिर अपनी चुचीयों में छुपा लेती है ।
राधा - पी ले बेटा .. पी ले !
आऽऽह .. अच्छे से चूस .. निचोड़ दे इन्हें ।.. आह ..
धीरज राधा की निप्पलों को चूस चूस कर ख़ाली सा कर देता है
धीरज दोनो हाथों से राधा की मोटी मोटी चूचियों को दबा दबा कर चूसता है ।
धीरज - ओह आह मॉम मज़ा आ गया ।
अब आप मेरा दूध पियो ।
राधा - तेरा दूध ? तेरे भी निप्पलों से दूध निकालता है क्या ? ला दिखा..ऊ..ओह..
राधा अपनी बात पूरी भी नही कर पाती..
धीरज बेड पर बैठी राधा के सामने खड़ा हो कर अपना कच्छे में हाथ डाल कर अपना सख़्त लोड़ा राधा के मुँह में ठूँस देता है ।
राधा की आँख बड़ी बड़ी हो जाती है ।
धीरज राधा का सिर टाइट पकड़ कर उसके मुँह में लम्बे और तगड़े शॉट्स लगाता है ।
राधा के गले की अब माँ चुदनी स्टार्ट हो जाती है ।
राधा जीभ निकाल कर धीरज के लण्ड को अपने गले में भरने लगती है ।
राधा की लाल आँखो से आशु गिरने लगते है ।
धीरज अपना लण्ड अपनी माँ के मुँह से पूरा बाहर निकालता है ।
फिर से एक ही झटके में गले से नीचे उतार देता है ।
धीरज धीरे धीरे लण्ड अपनी माँ के गले में अंदर बाहर करते हुए कहता है :
धीरज - मॉम इसे कहते है :
( और राधा के मूह में एक दमदार झटका मारता है )
DEEPTHROAT !
बोल के बताइए मॉम क्या कहते है !!
राधा लण्ड मुँह में लिए ही बोलती है -
आइपरोट
धीरज लण्ड जड़ तक घुसा के रुक जाता है !
क्या कहा मॉम आपने ?
दुबारा बोलिए !
मुझे ठीक से सुनायी नही दिया !
प्लीज़ मॉम आप रिपीट कर देंगी
राधा की साँस अटकने लगती है ।
राधा उसके पैरो पर हाथ रख कर अपने आप को पीछे धकेलती है लेकिन धीरज ने उसके सिर के पीछे हाथ रख कर और दबा दिया ।
अब राधा का मुँह शायद फट चुका था
धीरज राधा का सिर एकदम से छोड़ देता है ।
राधा जल्दी से अपना सिर पीछे कर धीरज का लण्ड मुँह से निकाल फेंकती है ।
और धीरज का मूठ जो उसके गले में फँस गया था ।
राधा के मुँह से बहने लगता है
धीरज - मॉम लगता है आपका मुँह लीक हो गया है
और हसने लगता है ।
राधा धीरज के लण्ड पर थूक देती है ।
धीरज एक बार फिर वही प्रक्रिया २ मिनट तक दोहराता है ।
अब राधा का मुँह फटी चूत के समान खुल चुका था
धीरज आराम से १० मिनट तक राधा का मुँह चोद कर पीछे खड़ा हो जाता है ।
अब वह उसके बाल पकड़ कर राधा को बेड पर झुका देता है ।
राधा की लाल गांड पर धीरज ४-५ थप्पड़ जड़ देता है ।
मुलायम चूतड का मुलायम छेद जिसे देख कर धीरज का गीला लण्ड और सख़्त हो जाता है ।
धीरज अपनी झुकी हुई माँ की गांड को खोल कर उसकी गांड के छेद पर थूकता है ।
अपना लण्ड छेद पर सैट करके एक झटके में ही जड़ तक घुसा देता है ।
राधा बेड पर बिछी चद्दर को अपनी मुट्ठी में दबोच लेती है ।
उसकी सिसकारियाँ पूरे कमरे में छा जाती है ।
आऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽह .. मार डाऽऽला रे
हरामज़ादे .. आऽऽऽऽऽऽऽऽह
एक ही बार में पूरा का पूरा घुसा दिया . आऽऽऽऽ
धीरज राधा के पीछे से बाल पकड़ कर उसकी गांड की ठुकाई करने लगता है ।
पहले पककक्क पककक्क जैसी आवाज़ों के साथ उसका लण्ड उसकी माँ की टाइट गांड खोलता है ।
लेकिन थोड़ी देर भांजने के बाद धीरज स्पीड बढ़ा देता है ।
राधा की गांड फटने लगती है
फिर धीरज राधा को लिटा कर उसके दोनो पैर उसके कंधो पर रख
राधा की गांड राजधानी इक्स्प्रेस की स्पीड से बजाने लगता है ।
रहम कर बेटा अपनी माँ की गांड पर !
कितनी बुरी तरह मारता है रे तू ।
ऐसे भी भला कोई अपनी माँ की गांड मारता है !
आख़िर किस बात का बदला ले रहा है तू मुझसे !
मेरा प्यारा बच्चा ।
धीरज ये सुन कर ताबड तोड़ ८-१० धक्के और लगाता है ।
राधा अब बेहोश सी होने लगती है तभी धीरज राधा की गांड हवा में उठा कर पेलने लगता है
राधा -
कितनी गांड और मारेगा हरामज़ादे ।
कल तक चलने लायक़ भी छोड़ेगा या नही ।
तेरी चाची सही कहती है बिलकुल जानवरों की तरह चोदता है
उसकी चूत सूजा दी और आज मेरी गांड पर चढ़ गया ।
धीरज लम्बे लम्बे झटको से अपनी माँ की गांड फाड़ता हुआ चिल्लाने लगता है ।
धीरज - आऽऽऽह ! आऽऽऽह ! मॉम मैं गया !
मुँह खोलो जल्दी से
राधा झट से खड़ी होती है और दूध का ग्लास उठा कर धीरज के लण्ड के सामने लगा देती है ।
धीरज दूध के ग्लास में झड़ जाता है , जिसे राधा मुँह लगा कर पी जाती है ।
सारा मूठ वाला दूध पी कर राधा फटी गांड लिए धीरज से कहती है :
राधा -
THANK YOU
बेटा अपना दूध मुझे पिलाने के लिए ।
धीरज -
THANK YOU MOM
अपनी गांड मुझसे मरवाने के लिए ।
राधा - अपनी फटी गांड पकड़ कर - हाय ! रे ज़ालिम !!!! फाड़ डाली !
दोनो हंस पड़ते है और एक दूसरे से लिपट कर सो जाते है । ।
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