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Incest सबका लाड़ला

Devil Baba

FUCK YOU
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Hello..दोस्तों... मैं हूं Devil...

ये मेरी पहली कहानी हैं...वैसे आज ही मैं इस साईट पर आया हूँ...
वैसे मैंने ये कहानी पहले किसी दूसरी साईट पर भी पोस्ट करी हैं.लेकिन वहां पर पूरी नहीं हुई...
उस साईट मे कुछ प्रॉब्लम हो गई,और मैं भी अपनी id भूल गया.
मैं कोई राइटर नहीं हूं..हो सकता है बहुत से लोगों को कहानी पंसद ना आये...but कोशिश पूरी होगी
तो आशा हैं कि ये कहानी आप सब को पसंद आयेगी...

ये एक कहानी काल्पनिक है
 
Last edited:

Sanju@

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अपडेट - 10

मैने उनको रूम मे चलने का इशारा किया...

मै - भाभी रूम मे चलते हैं….

भाभी(धीरे से नशीली आवाज़ मे)—क्यययो …..?

मै - मुझे आपकी चुत लेनी है.....आप दोगि ना अपनी चुत मुझे.... ?

भाभी शरमा जाती है कुछ नहीं बोलती है...

मैने उनका हाथ पकड़ के उठा दिया और उनके कमरे मे ले जाने लगा....वो मेरे साथ बिना किसी विरोध के चल दी..कमरे मे आते ही मैने जल्दी से दरवाजा लॉक कर के भाभी से लिपट कर उनके होंठो को चूमने लगा...

मैं मीनाक्षी भाभी से लिपट कर उनके होंठो को चूमने चाटने लगा.....भाभी भी पूरी चुदासी होकर मेरा साथ दे रही थी....होंठो को चूस्ते हुए मै एक हाथ उनके कुर्ते पर ले गया और उसके उपर से ही भाभी की चुचियो को कस कस के दबाने लगा

मीनाक्षी - आअहह.....देअ्व्व...आआअ

मै - क्या हुआ भाभी..... ?

मीनाक्षी - इतनी ज़ोर....से.....आआअ.....मत दब्ाओ....थोडा...धीरे..

मै- बोबो को दबाने का मज़ा तो ज़ोर ज़ोर से ही है भाभी.......ये तो दबाने के लिए ही बने है

मीनाक्षी - बाद मे दबा लेना…अभी घर वाले आते ही होंगे……

मैं भाभी की चुचियो को बारी बारी से वैसे कस के मसलता रहा....और मैने उनकी सलवार का नाडा़ खोलकर उनकी सलवार मे एक हाथ घुसा दिया.... भाभी जी ने अंदर चड्डी नही पहनी हैं

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मेरा हाथ सीधे भाभी की झांटो से जा टकराया…..झान्टो मे हाथ फेरते हुए मैं उनकी चुत की दरार मे उंगली उपर से नीचे चलाने लगा…चुत पूरी गीली होकर लसलसा रही थी

मीनाक्षी - आआआहह........अभी ज़्यादा टाइम नही है....जल्दी से कर लो

मै - (चुत मे उंगली करके)—क्या कर लूँ भाभी...... ?

भाभी- आआआआ.....वोही जो आप करना चाहते हो...जल्दी से ले लो.... नही तो कोई आ जाएगा

मै- (दाने को मसल कर)—क्या ले लुं भाभी....

मीनाक्षी -आआआहह....ऐसे...ही...आआआ.....

मै - (दाने को खिचते हुए)— बोलो ना भाभी..... ?

मीनाक्षी - आआआअहह....मर गयी.....आआआ....इतनी ज़ोर से मत खींचो........मुझे शरम आती है बोलने मे...

मै (उंगली घुसेड कर)- साफ साफ बताओ ना

मीनाक्षी - आआआअहह…..ऐसे ही…..आआअ…..अच्छा लग रहा है…..वोही जहाँ आप उंगली अंदर बाहर कर रहे है

मै जोर जोर से अपनी अंगुली चुत मे अंदर बाहर करता हू... जिससे भाभी की हालत खराब हो जाती है

मीनाक्षी - आआआहह……बहुत मज़ा आ रहा है….आआआ….ऐसे ही…..और ज़ोर से….आआअहह…..मेरी चुत्त्त्त्त लेना चाहत्त्ते...हो अब्ब्ब्ब... खुश...आआआहह….और ज़ोर से …आआआ

मै- ये हुई ना बात……आप अपनी चुत दोगि मुझे भाभी…..?

मीनाक्षी - मैं तो कल से अपनी चुत देना चाहती थी….लेकिन आप ही नही लेना चाहते मेरी बुर

मै- सच आप मुझे सच मे अपनी बुर देना चाहती हो

भाभी - आआआ…… बहुत पहले से आप मुझे अच्छे लगते हो...मै हमेशा से आपको पसंद करती हूँ..और हमेशा मेरा मन करता था कि आप मुझे प्यार करें.और कल जब आपने मेरी तारीफ की, मेरे साथ वो सब किया तब से….मेरा मन कर रहा था कि आप मुझे प्यार करें...


मै - आज मैं आप को बहुत प्यार करूंगा... भाभी अब आप कभी चुदासी नही रहोगी……मैं हूँ ना आपकी चुत चोदने के लिए

मीनाक्षी - मेरा बहुत मन करता है देवर जी आपको अपनी चुत दिखाने का……मै जब भी आपके कसरती बदन को देखती हू मेरा जी मचल जाता है... मैं रोज यही सोचती थी कि काश आप मुझे कही पटक कर चोद डाले ज़बरदस्ती……मुझ से खूब गंदी गंदी बाते करे…….. दिन भर मुझे खूब गंदा गंदा बोले …..मेरे दूध दबा दिया करे कभी भी…..कभी भी मेरी चुत देख लिया करे……कभी भी मेरी चुत मे लंड घुसेड दिया करे….मुझे रोज पूरी नंगी किया करे

मै - आप ये सब सोचती थी…….?

मीनाक्षी - आआअहह….हाँ देव…..ये मेरा सपना है जो मैं सच करना चाहती थी आपके साथ…….आप करोगे ना मेरा ये सपना सच देवर जी…? ये सब करेगे मेरे साथ रोज…..?

मै - पहले आपको नंगी करके चुत तो देख लूँ…फिर बताता हूँ

मीनाक्षी - अभी नंगी मत करो….घरवाले आने वाले हैं…..अभी सलवार नीचे कर के देख लो मेरी चुत…….सब के जाने के बाद जी भर के पूरी नंगी कर के
देख लेना अपनी भाभी को……अभी सलवार नीचे करके जल्दी से चुत को चोद दो...

मैने भी उनकी बात को सही मानते हुए उन्हे बिस्तर मे लिटा कर सलवार को घुटनों तक नीचे कर दिया…..सलवार नीचे होते ही भाभी की गोरी मांसल जांघे और दोनो जाँघो के बीच मे छुपि हुई झान्टो वाली चुत पूरी नंगी होकर मेरे सामने आ गयी…..बुर एकदम कचौरी की तरह खूब फूली हुई थी

मीनाक्षी - देख लो देवर जी……यही है तुम्हारी भाभी की चुत…..
कोई आ जाए उसके पहले जल्दी से ले लो

मैने भाभी के कुर्ते और ब्रा को उपर कर दिया और उनकी नंगी चुचियो को चूसने और मरोड़ने लगा....अभी ज़्यादा टाइम नही था इसलिए मैने भी वक़्त खराब करना ठीक नही समझा

भाभी के दोनो पैर फैला कर मैने लंड बाहर निकाल कर उनकी चुत के मुहाने पर टिका दिया….और चुचि पकड़ के ज़ोर का धक्का पेल दिया
चुत मे….लंड फिसल गया जिससे भाभी की सिसकारी निकल गयी

मीनाक्षी - आअहह.....आराम से ...आपका बहुत मोटा है.....

मैने फिर से बुर के छेद मे लंड को टिका कर ज़ोर दार
प्रहार किया तो इस बार लंड का टोपा कच्च की आवाज़ के साथ चुत मे फच्च से घुस गया...मीनाक्षी भाभी की इतने मे ही जान निकल गयी

मीनाक्षी - उूउउइइमाआअ.......मर गयी.......आआअहह......कितना मोटा है ...आपका........जल्दी से एक ही बार मे घुसा दो.....बार बार दर्द सहने से तो अच्छा है एक बार ही जितना दर्द होना है हो जाए......आप जोर से पेल दो....चाहे मेरी चुत फट के छितरा ही क्यो ना जाए आप पेल दो पूरा
मेरी चुत मे..... पेल दो देवर जी.....आपकी भाभी की की चुत बहुत चुदासी है .......चोद डालो इस चुत को...मेरे सैंया ....अपने मोटे लंबे लंड से फाड़ दो
आज...अपनी इस दासी की चुत को.... और बनो लो मुझे अपनी रखेल


मैने दोनो चुचियो को खूब ज़ोर ज़ोर से मसल्ते हुए जल्दी जल्दी चार पाँच ज़ोर ज़ोर से धक्का मार कर पूरा लंड उनकी बच्चेदानी तक मे घुसेड दिया
अपडेट -11


मीनाक्षी - आआह........मां.....मर गयी.........नीकाललो इ.......से........मुझे नही लेनां......आह मेरी......चुत



मेरी नजर भाभी की चुत पर पड़ती है... मेरा लंड उसकी चुत को फैला चुका था, और उसकी चुत से हल्का सा खून निकल रहा था।


भाभी का बुरा हाल हो गया था, पुरे कमरे में उसकी चिखे गुंज रही थी, और मै उनको बेरहमी से उसे चोदे जा रहा था।


मीनाक्षी - हाय रे...........देव.....र जी मुझे......मार.......डाल्ल्ला.... अपने आह... बे...रहम देवर.... जी रहम्म्म्म...... करो बेटे से.....


मै - छटपटा मत मादरचोद कुतीया... तु रखेल है मेरी आज से
भाभी को दर्द हो रहा था, और वो बस चील्लाये जा रही थी,मै धक्के लगाता रहा साथ साथ मे भाभी के चुचो को मसलता और पिता रहा..... अब भाभी की चुत गिली होने लगी थी...


आखिर वो समय आया जब दर्द का मजंर थमा और भाभी की पुरी खुल चुकी चुत मेरे लंड को पच्च पच्च की आवाजो के साथ अपनी चुत में ले रही थी।


अब भाभी की आवाजे सीसकीयो में बदल चुकी थी। उसकी सीसकिया ये बंया कर रहीं थी की अब उसे मजा आ रहा है।


मीनाक्षी - आह देवर जी ...मजा आ रहा है...अपनी भाभी को आह्ह... बेरहमी से क्यूं चोदा...


मै - चुप कर साली और मेरा लंड ले।


मै - आह.... तुम्हारा ये लंड आह मुझे ब....हुत मजा दे रहा है। चोदो आह.... , आज से मै आपकी रखैल हू, बे....रहम देवर...


मै जोर जोर से धक्के लगाता हू... भाभी भी अब अपनी गांड उचकाने लगती है...
वो मजे मे मेरी पीठ पर नाखून चुभाने लगती है...


मीनाक्षी - आआह... ओहहह... देवररर.. जी जोर से और जोर से..
और भाभी झडने लगती है...


मै भी झड़ने वाला था, मैने भाभी के बोबो पर जोर का थप्पड़ मारा, और खाट पर चढ़ भाभी की कमर पकड़ हवा मे उठा कर जोर जोर से पेलने लगा।


भाभी को इससे ज्यादा मजा आ रहा था... पर इससे उसको दर्द भी हो रहा था... उसके मुँह से दर्द और मजे की मिलिजुली आवाज आ रही थीं
भाभी भारी थी फिर भी मै उसकी कमर पकड़े हवा में उठाये बस चोदे जा रहा था।


मै- आह ले साली कुतीया, मेरा पानी अपनी चुत में और एक जोर का धक्का मार अपना लंड सीधा उसके चुत की गहराई में उतार दिया.
भाभी का मुँह आनंद और मजे मे खुल गया... वो मेरे लंड का पानी अपनी बच्चेदानी के मुह पर गिरता साफ महसुस कर रही थी... भाभी ने मुझे जोर से कस लिया.
उसके चेहरे पर आनंद और संतुष्टि के भाव थे


दो मिनट तक मै उसके ऊपर ही लेटा रहा... फिर खडा हो गया... भाभी अभी भी आंख बंद किये लेटी थी.
मैने उसको जोर से बोलकर जगाया.. उसने आंखें खोली ओर खड़ी होकर मेरे गले लग गई .भाभी की आंखों मे आंसू थे.


मीनाक्षी - देवर जी आज आपने मुझे वो सुख दिया जो मुझे कभी नहीं मिला... इतना मजा मुझे आज तक नहीं आया...
आज से मै आपकी हुई... मुझे अपना लो.
अब से मुझ पर पहला हक आपका है...


मै- हा मेरी रंडी भाभी... आज से तु मेरी है .
मेरी रखेल है तु मीनाक्षी ...
फिर मैने उसकी मोटी मखमली गांड को भींच दिया...


मीनाक्षी - आहह... हा मेरे राजा.. आज से मै आपकी रखेल हू.
हम दोनो अलग हुए और कपड़े पहनने लगे, क्योकि अब कोई भी आ सकता था..


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मैने एक बार भाभी के होठों को कस के चुसा... फिर मै बाहर आ गया.




पढ़ते रहिये और अपने विचार अवश्य दीजिये गा
बहुत ही कामुक और गरमा गरम अपडेट है देव ने मीनाक्षी भाभी की चूदाई कर ली देखते हैं अब किस का नंबर आने वाला है
 

Sanju@

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अपडे़ट - 12

फिर मै बाहर आ गया...
भाभी को चोदने मे बहुत टाइम निकल गया पता ही नहीं चला...
मुझे जोर से प्रेशर आने लगा तो मै पशुओं के बाड़े की तरफ चल पड़ा हल्का होने के लिए.. मै मुत ही रहा था कि मुझे झगड़े की आवाज सुनाई दी..
ये आवाज बाड़े से आ रही थीं..

मै बाड़े मे गया तो देखा की कपिल भाई पंकज भाभी के साथ झगड़ रहे है... फिर कपिल भाई ने भाभी को जोर से थप्पड़ मारा और वो चिलाने लगे... मै उनके पास गया, वो भाभी को फिर से थप्पड़ मारने ही वाले थे कि मैंने उनको रोक दिया...
क्या हुआ भाई जी भाभी को क्यों मार रहे हो..

कपिल - देव तु यहाँ क्या कर रहा है.
मै - आपकी आवाज सुनी तो यंहा आ गया...
क्या हुआ कपिल भाई भाभी को क्यों मार रहे हो..
कपिल - कुछ नहीं भाई..
मै - बताओ ना..
पंकज भाभी(रोते हुए )- मै बताती हू..
मैने इनको बच्चियों और मेरे लिए नये कपड़े दिलाने के लिए ही बोला... कपड़े पुराने हो गए है इसलिए...
कपिल - तु चुप कर..
मै- भाई जी आप इस बात के लिए भाभी को मार रहे हो.. ये तो गलत बात है..
कपिल - मेरा पास टाइम नहीं है फालतु कामों के लिए
मै - भाई वो आपकी पत्नी है और बेटियाँ है..

भाई कुछ नहीं बोले..
मै - ठीक है तो मै दिला लाउंगा भाभी को कपड़े, ठीक है...
कपिल -ठीक है भाई

और वो चले गये...

भाभी नीचे बैठकर रोने लगी.. मै उनके पास गया...
मै - भाभी रोईए मत, चुप हो जाईए...

मैने भाभी को पकड़ के खड़ा किया खडे़ होते ही वो जोर से मेरे गले लग गई... उनकी संतरे जैसी नरम चुचिया मेरे सीने मे चुभने लगी...
मैने भाभी के चेहरे को अपने हाथों मे लिया तो मैने देखा की उनकी गाल लाल हो चुकी है.. मैने उनके आंसुओ को साफ किया..
मै - भाभी मै हूं ना आपके साथ
मै उनकी पीठ को सहलाने लगा...
पंकज - मेरी कोई गलती नहीं थी
मै - पता है भाभी मुझे, आप चुप हो जाओ और घर पर चलो.

इस समय ताईजी और भाभी खेत से घास लेके आई नहीं थी... बच्चे बाहर खेल रहे थे.

मै भाभी को मेरे कमरे मे ले गया..
उनको बेड पर बैठाया और पानी दिया.. फिर मै दर्द की क्रीम ले आया जो उनकी मुलायम गाल पर लगाने लगा.

भाभी मेरी तरफ प्यार से देखने लगी..
मै- ऐसे क्या देख रही हो भाभी...
भाभी - आपको..
मै - क्यो
भाभी - आप कितने अच्छे हो देवर जी, आपको मेरी कितनी फिक्र है. आप कितना ख्याल रखते है मेरा.. और एक वो है जो मुझे...... (भाभी चुप हो गई )

मै - क्या भाभी आप भी, आप भी तो मेरे अपने हो.
भाभी मेरी तरफ ही देख रही थी
मै - आप ये सब छोडो

मैंने अपने लिए ज्यूस बनाया था तो एक्स्ट्रा था रूम मैने वो ज्यूस भाभी को दिया.
भाभी ये ज्यूस पी लो.

भाभी - नही, इसकी जरूरत नहीं है.
मै - भाभी आप मेरी बात नहीं मानोगी, मेरे लिए पी लो... प्लीज
भाभी - ठीक है पीती हू.

भाभी ने ज्यूस पी लिया
मै - मेरी प्यारी भाभी, और मैने भाभी के गाल पर किस कर लिया और उनको गले लगा लिया
भाभी ने कुछ नहीं कहा, वो बस खुश थी..

तभी बाहर से बच्चो की आवाज आने लगी... मै और भाभी भी बाहर आ गये...
थोड़ी देर मे बाकी सब भी आ गये..

** आज देर हो गई थी खेत मे नहीं जा पाया, रोशनी काकी भी चली गई थीं शायद **

फिर हमने खाना खाया... फिर मैने कुछ देर आराम किया..
फिर मै छोटे ताऊजी के घर की तरफ चला गया.

वहां पर सतीश भाई के बच्चे खेल रहे थे, और दादी, ताई भी वहीं पर बैठी थीं.
Amazing update
Pankaj bhabhi ka number aa sakta hai ab
 

Sanju@

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अपडेट - 13


वहां पर सतीश भाई के बच्चे खेल रहे थे, और दादी, ताई भी वहीं पर बैठी थीं
वहाँ पर कुछ औरते भी बैठी थीं...

ताऊजी हमेशा की तरह खेत मे और सतीश भाई ट्रैक्टर लेके बाहर गये थे.
मै थोड़ी देर वहाँ पर बैठा फिर घर की तरफ आ गया

फिर कुछ खास नहीं हुआ.. रात खाना खाया. फिर मम्मी को फोन आ गया उनसे कुछ बाते की... थोडी देर मोबाइल पर टाईमपास किया और सो गया.

अगले दिन मैं सुबह जल्दी ही ऊठ गया...
बाहर गयी तो नन्दलाल भाई मिल गये वो खुश लग रहे थे... मैने पूछा क्या हुआ भाई खुश लग रहे हो आज

नंदलाल - खुशी की बात है देव
देवीलाल का फोन आया था उसने कहा की उसकी कॉलेज मे अकाउंट विभाग मे एक जगह खाली है, तो उसने मेरी बात कर ली है... आज अपने शहर जाकर मेरे कागजात भेज के आ रहा हू. देवीलाल ने कहा की मेरी नौकरी पक्की है.

मै- बधाई हो भाई साहब

***
( नंदलाल भाई ने ग्रेजुएशन किया हुआ है.
मैने बताया धा ना कि वे थोडे कमजोर से है खेत का काम तो करते है, लेकिन अधिकतर काम मेरे शराबी ताऊ ही करते है नशे मे.. )

नन्दलाल भाई अपनी बाईक पर शहर चले गये.
ताऊ और ताई खेत मे थे और नमन, मनीषा और वंदना के साथ खेल रहा था..
मै जल्दी से मीनाक्षी भाभी के कमरे मे गया... वे कमरे मेँ काम कर रही थी.
मैने अंदर जाते ही दरवाजा बंद कर लिया...

भाभी ने मेरी तरफ देखा... मेरी नज़रों का स्पर्श अपने शरीर पर फील करके उनकी नज़रें शर्म से झुक गयी और वो अपने निचले होठ को दाँतों से काटती हुई फर्श की ओर देखने लगी...

मैं हौले से उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया, और उनकी कमर में अपने बाहें लपेट कर अपने से सटा लिया, मेरा लंड उनकी कमर पर ठोकर मारने लगा.

उनके कंधे को चूमते हुए माने कहा – आप मेरी हो.. !

वो – हहहहहा.... मेररे.. सैंया मै आपकी ही हूँ...
आप हमेशा मुझसे ऐसे ही प्यार करेंगे ना...?

मै बोला - हा... मै ऐसे ही प्यार करता रहूँगा....

मेरी बात सुन वो पलट गयी, और किसी दीवानी की तरह मेरे पूरे चेहरे पर चुंबनों की झड़ी लगा दी…

मे भी उनका भरपूर साथ देने लगा, उन्होने मेरे हाथ पकड़कर अपने स्तनों पर रख दिए जिन्हें मेने हौले से सहला दिया..
अहह…. देवर्जी….. इन्हें मूह में लेकर चूसो मेरे रजाअजीीीइ…. ये आपके तुम्हारे लिए है…

भाभी की बात सुन मेने अपना मूह उनके एक निपल से अड़ा दिया और चूसने लगा… बड़े ही टेस्टी और मीठे चुचे थे… वो मेरे सर को अपने हाथ से सहला रही थी अपनी आँखें बंद किए हुए…

एक हाथ से मे उनके दूसरे स्तन को सहला रहा था, कभी-2 उनके कड़क हो चुके निपल को दबा देता.. जिसके कारण उनके मूह से सिसकी… ईीीइसस्स्स्शह…. निकल जाती..

कुच्छ देर बाद मे दूसरे स्तन को चूसने लगा, और पहले वाले को हाथ से सहलाता रहा.... मेने चूस-चूस कर, मसल-मसल कर उनके दोनो स्तनों को लाल कर दिया..

भाभी के हाथ का दबाब अपने सर पर पाकर मे नीचे की ओर बढ़ा और उनके पेट और नाभि को चाटता हुआ, उनके रस कलश पर पहुँचा…

मे अपने घुटनों पर बैठकर उनके यौनी प्रदेश को निहारने लगा.. और अपने दोनो हाथों से उनकी मोटी-मोटी जांघों को सहलाते हुए अंदर की ओर लाया,

मेरे हाथों का स्पर्श अपनी जांघों के अंदुरूनी भाग पर पाकर उनकी जांघे अपने आप चौड़ी हो गयी..

अब उनकी चुत और अच्छे से दिख रहा थी… उनकी चुत से बूँद-2 करके रस टपक रहा था, जिसे मेने अपनी उंगली पर रख कर चखा,

एक खट्टा-मीठा सा स्वाद मेरी जीभ को अच्छा लगा,

भाभी ने कहाँ छी : देवर जी ये क्या कर रहे हो गंदी जगह है ये...
मेने एक बार अपने हाथ से चुत को सहला कर अपने होठ उनकी चुत पर रख दिए…

मेरे होठों का स्पर्श अपनी चुत पर पाकर भाभी के मूह से एक मीठी सी सिसकी निकल गयी…..ईीीइसस्स्स्शह……उफफफफफ्फ़………आअहह….. द.द.ए.व.ए.रजीीइईई….

भाभी - आप क्यो गंदी जगह पर मुंह लगा रहे है...
मै - ये तो दुनिया की सबसे अच्छी जगह है.. ( शायद भाई ने कभी इनकी चुत को नही चाटा )

मैने उनकी चुत की दोनो पुट्टियों समेत पूरी चुत को अपने मूह में भर लिया और चूसने लगा…
भाभी - आआआह.... मेरे राज्ज्जजा... चातूओ…ईससीईई…..प्लेआस्ीई….

भाभी के दोनो हाथ मेरे बालों को सहला रहे थे, उनके मूह से लगातार कुच्छ ना कुच्छ निकल रहा था..
आअहह….हान्न्न…ऐसी..हिी…हइईए…माआ…उफफफ्फ़…. और जोर्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर….स.ईईईईई…..हाइईईईईईईईईईईईई…….उसस्सुउुउऊहह….खा जाऊ…हरंजड़ीइइ..कूऊ…

फिर मैने चुत की क्लिट जो ऊठी हुई थी उसको मुँह मे दबा कर चुसने लगा... और दो उँगलियां अंदर बाहर करने लगा....

भाभी जोर से चिलाने लगी... और फलफालकर झड़ने लगी… ढेर सारा… गाढ़ा-गाढ़ा.. मट्ठा सा.. उनकी चूत से निकलने लगा…
उसने मेरा मूह हटाना चाहा…

लेकिन मैने मुँह वही पर लगाये रखा... मैं उनका सारा चूतरस पी गया… भाभी की टाँगें काँप रही थी, अब उनसे खड़े रहना मुश्किल होता जा रहा था…
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक कहानी है
 

Sanju@

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अब उनसे खड़े रहना मुश्किल होता जा रहा था…

देवरररजी मुझे पलंग पर ले चलो ना…

मेने उन्हें अपनी गोद में उठा लिया, उन्होने अपनी बाहें मेरे गले में लपेट दी.. और मैने मेरे मूह पर लगे उनके कामरस को उन्हें भी चाट दिया...
मै - कैसा था स्वाद आपके रस का..?

भाभी कुछ नहीं बोली.. वो मेरे से और चिपक गयी और मेरे गाल पर ज़ोर से काट लिया..

मेरी चीख निकल गयी और उनके दाँतों के निशान मेरे गाल पर छप गये, जिसे वो अपनी जीभ से चाटने लगी…

मेने भाभी को पलग पर लिटा दिया और खुद भी उनकी बगल में लेटकर उनके बदन पर अपना हाथ फिराने लगा.

मैने भाभी से कहाँ अब तुम भी मेरे लंड को अपने मुँह मे लेकर उसे चाटो, चुसो...
भाभी - नहीं... मै ऐसा नहीं कर सकती... मै इसे मुँह मे नहीं ले सकती...

मै - ये बहुत अच्छा है एक बार चुस के देखो फिर बताना... रोज चुसोगी फिर.... और मैने भी तुम्हारी चुत को चाटा है ना...

भाभी नही... मुझसे नहीं होगा....
मै- साली रंडी तु मेरी रखेल है, मै जो बोलुगा वो तु करेगी.... कल तो बडी बडी बाते कर रही थी(मै आपकी दासी हू, आपका ही हक है......... )

भाभी - नाराज ना होवो मेरे राजा.. आपकी खुशी के लिए मै सब कुछ करूँगी...
आप सीधे लेट जाओ... मै आपको सारे सुख दुंगी

मे सीधा लेट गया, तो भाभी अपनी गोल-मटोल 38 इंची गांड लेकर, पैरों के पास बैठ गयी..
उन्होने उसे अपनी मुट्ठी में क़ैद कर लिया और धीरे से मसल्ने लगी.. फिर हल्का सा उसका टोपा खोलकर उन्होने उसे चूम लिया…

मज़े में मेरी आहह… निकल गयी, दूसरे हाथ से वो मेरे टट्टों को सहला रही थी, फिर उन्होने लंड को उपर करके उन दोनो को अपने मुँह में भर लिया…

कुच्छ देर मेरे आंडों को चूसने के बाद उन्होने मेरे अधखुले सुपाडे को अपने होठों में क़ैद कर लिया और धीरे-2 उसको अंदर और अंदर लेने लगी....
(पहली बार मे ही भाभी बहुत अच्छे से लंड चूस रही थी )

भाभी अपने मुँह को आगे-पीछे करके उसको चूसने लगी.. मेरा हाल बहाल होने लगा, और अपने-आप मेरी कमर भी आगे पीछे होने लगी, एक तरह से में उनके मुँह को चोद रहा था……

मेरे हाथ उनके सर पर थे, वो मेरी आँखों में देख रही थी और चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी…

मे अपने चरम पर पहुँचने ही वाला था कि उन्होने लंड चूसना बंद कर दिया… मेरे चेहरे पर असीम आश्चर्य के भाव आ गये..

मैने पुच्छा…रुक क्यों गयी भाभी… और करो ना… ! मेरा निकलने वाला था…!

तो वो बोली सैयांजी जी ! आज इसकी पहली धार मुझे अपने अंदर लेनी है, ये कह कर वो पलट गयी, और अपनी पीठ और मदमस्त गांड मेरे से सटा दी…
मेरा लंड चुत को देखकर खुशी से ठुमके लगाने लगा..

उसके झटके देखकर भाभी को हँसी आ गयी और बोली – देखा मेरे बालम जी.. आपका ये शेर अपनी सहेली को देखकर कैसे ठुमके लगा रहा है…

फिर मैने भाभी को अपने नीचे लिया... और अपने हाथ भाभी के चुचो पर टिका दिए, और उनको सहलाते हुए मै उनके उपर झुकता चला गया… उनके होठों को अपने मूह में लेकर चूसने लगा…

उनके निपल मेरे सीने से रब कर रहे थे, जिसके कारण मेरे पूरे शरीर में सुर-सुराहट सी होने लगी…..

भाभी आगे-पीछे होकर अपनी चुचियों को मेरे सीने से घिस रही थी, जिस के कारण उनकी रसभरी चुत भी मेरे लंड से गले मिलने लगी,

और अपने गीले होठों की मसाज देते हुए मानो कह रही ही.. आजा मेरे प्यारे समा जा मुझमें…

अब उनसे रहा नही जा रहा था, सो बोल पड़ी – आहह… देवरररजी… कुच्छ करो अब… जल्दी से…

मैने भी अब देर करना उचित नही समझा, उनके उपर झुके हुए ही मैने लंड को अपनी मुट्ठी में लिया और उनकी रस से भरी गागर के छोटे से मूह पर रख कर अपनी कमर को हल्के से दबा दिया…

गीली चूत में मेरा तिहाई लंड समा गया..

लेकिन भाभी कसी हुई चुत मे मेरा तगडे मोटे लंड की वजह से उनके अंदर एक तेज दर्द की लहर दौड़ गयी.. और मेरे उनके मुँह से चीख निकल गयी…

आईईईई……माआ….! देवरररजी…जरा..रूको… मेरी चुत मे जलन हो रही है आहह…

लेकिन मुझे पता था कि ऐसा कुच्छ देर के लिए होगा.. सो मै लंड को उनकी चुत पर दबाए हुए बैठा रहा और एक चुचि पकड़ कर चुसने लगा…

मैने उनकी चुची को मुँह मे लिए ही लंड को एक बार और दबा दिया…

अब आधे से ज़्यादा लंड उनकी चूत में सरक चुका था… लेकिन फिर से हल्का दर्द हुआ...

कुच्छ देर बाद उन्हें राहत सी हुई.. तो मैने जोर से एक झटका मारा और मेरा पूरा आठ इंच लंबा और तीन इंच मोटा लंड अंदर घोंट दिया..

अब दर्द पहले से कम था, शायद उनकी रामप्यारी ने अंदर ही अंदर अपने रस रूपी क्रीम से उसे चिकना दिया था..

अब मैने भाभी की छाती पर अपनी हथेलियों रखी और धक्के लगाने लगा....
शुरू-2 में मै धीरे-2 आराम से धक्के लगाता रहा.. फिर अपनी गति को बढ़ा दिया..


अब उन्हें दर्द की जगह मज़ा आने लगा था..
अपडेट - 15

अब उन्हें दर्द की जगह मज़ा आने लगा था.. और मेने भाभी के दोनो चुचे अपनी मुठियों में कस लिए और ज़ोर-ज़ोर से मीँजने लगा...

भाभी की गांड ऑटोमॅटिकली मूव करने लगी और वो नीचे से अपनी गांद उचका-2 कर धक्के लगाने लगी.

मै तेज़ी से धक्के मारने लगा, कि भाभी के मूह से हइई…..हइई…आआहह…मार्ररिइ…ऊओह…उउफफफ्फ़… जैसी आवाज़ें कमरे में गूंजने लगी….

वो मेरे धक्कों की स्पीड ज़्यादा देर तक नही झेल पाई और झड़ने लगी… पूरी तरह झड़ने के बाद वो मेरे उपर पसर गयी…

लेकिन मेरा अभी होना बाकी था... मैने धक्के मारने चालू रखे.

भाभी थोड़ी देर में फिरसे गरम हो गयी.. और फिरसे उनके मूह से ऐसे ही मादक किलकरियाँ निकलने लगी…

आखिकार मेरे अाण्डों से बहता हुआ लावा लंड के रास्ते आने लगा…

और मे बुरी तरह हुनकाआररर… भरते हुए भाभी की चूत में झड़ने लगा…

मेरी पिचकारी इतनी तेज़ी से निकली कि उसकी धार की तेज़ी उन्होने अपनी बच्चेदानी के अंदर तक महसूस की और उसके एहसास से वो फिर बुरी तरह से झड गयी…

फिर भाभी और मे, हम दोनो ही एक दूसरे से चिपक गये किसी जोंक की तरह…

स्खलन की खुमारी मे मै उनके उपर पड़ा रहा...

एक तरह से झपकी ही लग गयी थी हम दोनो को…

अभी तक मेरा लंड उनकी चूत में ही था… जो फिरसे गर्मी पाकर अंदर ही अंदर अकड़ने लगा था,

जैसे ही मै उनके उपर से उठा, पच की आवाज़ के साथ लंड चूत से बाहर हो गया.

ढेर सारा माल जो मेरे लंड और उनकी चूत से दो बार निकला था मेरे उपर गिरा और उनका सारा पेट, कमर जंघें सब के सब सन गये…

भाभी ने कहा अब बाथरूम जाना होगा...देखो तो क्या हाल हो रहा है..
मैने कहा दोनो साथ में ही चलते हैं ना..

तो वो हंस कर बोली – चलो ठीक है, और उठकर बाथरूम की तरफ चल दी, पीछे -2 मे भी उनकी मटकती गांद को सहलाते हुए चल दिया…

बाथरूम में पहुँचकर भाभी ने पहले मेरा शरीर पानी से धोया, और उसके बाद अपनी चुत साफ करने लगी…

मै भाभी से बोला – भाभी कैसा लगा चुदकर...

उन्होंने कोई जबाब नही दिया, वो मुझे झुकाकर अपनी बाहों में भरके मेरे होठों पर एक किस करके बोली - सच कहूँ… तो आपने मुझे बिन-मोल खरीद लिया देवर जी.. मरते दम तक आज के दिन को, चाह कर भी भूल नही पाउन्गी…!

मै - मे तुम्हें तुम्हारे जीवन की हर वो खुशी दुंगा जो तुम्हे चाहिए..
मेने भाभी को किसी बच्ची की तरह गोद में उठा लिया… वो भी अपनी दोनो टाँगों को मेरी कमर के इर्द-गिर्द लपेट कर मेरे गले से लिपट गयी…..

मेरा लंड उनकी गांद की खुश्बू लेते ही तन टॅनाने लगा.. और उनके गांद के नीचे ठोकर मारने लगा…

भाभी हँसते हुए बोली अपने शेर को संभालो मेरे राजा...

मै - ये क्या करे जब इतनी आरामदायक गुफा दिख रहा हो तो वो उसमें जाने की ज़िद करेगा ही ना…

ऐसी ही हसी मज़ाक करते हुए.. मै उन्हें गोद में उठाए बाथरूम से बाहर लाया और आकर पलग पर बैठ गया, वो अभी भी मेरी गोद में ही थी…..


भाभी - अब उतारो मुझे.. या कुच्छ और इरादा है......

अपडेट -16

भाभी - अब उतारो मुझे.. या कुच्छ और इरादा है......

मै - इरादा तो बहुत करने का है....
भाभी - मेरे राजा मन मेरा भी बहुत है, कि आप मुझे प्यार करो
लेकिन टाइम बहुत हो चुका है, माजी खेत से आती ही होगी.
मुझे भाभी की बात सही लगी
मैने भाभी के होठों को चुसा और अपने कपड़े पहन कर बाहर आ गया...
बाहर आते ही मुझे कमला ताई मिल गई.
मै - आ गए ताईजी खेत से
कमला - हा बेटा, आज देर हो गई,, तेरा ताऊ तो नशे में पड़ा है, इसलिए मुझे ज्यादा काम करना पड़ा.

फिर में कमरे मे आ गया, उसके बाद सबके साथ खाना खाया, सभी बच्चे खेलने लगे और मै छोटे ताऊ के घर की तरफ चल पड़ा.
वहाँ पर ताईजी मिली...
मै- बाकी सब कहाँ है.
संतोष ताई - तेरी दादी का सर दर्द कर रहा है तो वे कमरे मे है, बहु राकेश के साथ शहर कपडे लाने गई है, और तेरे ताऊ तो खेत मे ही है.
फिर ताई ने कहा...
संतोष - बेटा तु बैठ मै तेरे ताऊ के पास जा रही हू उनको रोटी देने, और खेत से चारा भी लाना है..
मेने कहा ठीक है ताईजी....
वो खेत मे चली गई..

मै दादी के कमरे की तरफ चला गया... वहाँ पर दादी पंलग पर सो रही थीं... मै उसके पास गया. वो ब्लाउज और घाघरे मे थी...
उसके मोटे मोटे बोबो को देखकर मेरा मन उनको दबाने और पीने का हुआ...
मैने दादी के ब्लाउज के बटन खोल दिये जिससे खरबुजे जैसी मेरी चुचिया मेरे सामने आ गई.. मैने दादी के घाघरे के नाडे को खोलकर धीरे से नीचे खिसका दिया...
मैने दादी की एक चुची को भींचा, दादी थोड़ी सी कसमसाई... वो मेरे हाथ मे पूरी नहीं आई... फिर मे उनको मसलने लगा... जिससे दादी की सिसकारी निकल गई

मै अपना हाथ चुत पर ले गया और दो उंगलियों को दादी की सूखी चुत मे घुसेड दिया...
जिससे दादी को दर्द हुआ और वो हड़बडाकर ऊठ गई... दादी के ऊपर मै था जिस कारण वो उपर नहीं हो पाई...
दादी(दर्द मे) - आआआह... मा... क्या कर रहहहा.. है बेटा...
अपनी आआह.. दादी को मार ही डालेगा क्ययया.. उउउउई.. मा...
मै ऊगलियां अंदर बाहर कर रहा था जिस कारण दादी की लगातार सिसकियां निकल रही थी.

मै तुम्हें कैसे मार सकता हू दादी.., इतना कहा कर मेने अपने होठ उनके लरजते होठों पर रख दिए…

दादी मुझसे कसकर लिपट गयी… मेने उनके नितंबों को अपने हाथों में लेकर कस दिया.. तो वो और ज़ोर से अपनी जांघों को मेरी जांघों से सटाने लगी…

मेरा लंड जो कुच्छ इस दौरान ढीला पड़ गया था.. वो फिरसे अकड़ने लगा और दादी की नाभि में ठोकर मारने लगा…

दादी ने उसे अपनी मुट्ठी में कस लिया और उसे मसल्ते हुए बोली लल्ला ये तुम्हारा मूसल ग़लत रास्ते को ढूंड रहा है.. इसे सम्भालो, नही तो मेरे पेट में ही घुस जाएगा…!

मै - ये अब आपके हवाले है दादी, इसे सही रास्ता दिखना आपका काम है… फिर दादी ने मेरी टीशर्ट निकाल दी और मेरी मजबूत कसरती छाती, जिसपर बाल घने होते जा रहे थे, को सहलाते हुए बोली
पूरे मर्द हो गये हो लल्ला.. क्या मजबूत बना लिया तुमने अपने शरीर को…

एक औरत को ऐसी ही मजबूत छाती चाहिए अपना सर रखने के लिए… बहुत खुश नसीब होगी वो, जिससे तेरा ब्याह होगा...

मे – अभी तो ये आपके लिए है..
ये सुनते ही दादी ने मेरे सीने को चूम लिया और उसे चाटने लगी

मेरे शरीर में सुरसुरी सी होने लगी… और मेने उनको अलग करके उनके दोनो खरबूजों को ज़ोर से मसल दिया…
आअहह……लल्ला.एयाया… इतने ज़ोर से नही रजीईई… हान्ं…प्यार से सहलाते रहो… उफफफफ्फ़…. सीईईईई…ऊहह…

मैने दादी के बोबो पर हाथ रख दिया….. आअहह… क्या मस्त खरबूजे थे दादी के… एकदम गोल-मटोल… बड़े-बड़े, ढीले हो गये थे इस उम्र मे लेकिन फर भी क्या थे वो… जिनपर एक-एक काले अंगूर के दाने जैसे ब्राउन कलर के निपल जो अब खड़े होकर इंच बड़े हो चुके थे…

मेने उन दोनो को अपनी उंगली और अंगूठे में दबाकर मसल दिया….जिससे एक लंबी सी अह्ह्ह्ह…. उनके मूह से निकल गयी..

अब मेने उनकी चुचियों को चूसना, चाटना शुरू कर दिया था, और एक हाथ से मसलने लगा.. दादी मादक सिसकिया लेते हुए… कुच्छ ना कुच्छ बड़बड़ा रही थी…

चूस-चूस कर, मसल-मसल कर मेने उनके दोनो कबूतरों को लाल कर दिया…

जब मेने एक हाथ उनकी बूढी चुत के उपर रखा तो वो पूरी तरह कमरस से तर को चुकी थी… मे उनके पेट को चूमते हुए… उनकी जांघों के बीच बैठ गया..
मैने दादी की चूत पर किस कर लिया….

हइई….लल्ला.. ये क्या करते हो… भला वहाँ भी कोई मूह लगाता है…
मेने झिड़कते हुए कहा… आपको मज़ा आरहा है ना… तो उन्होने हां में सिर हिला दिया …

मेैने फिर कहा तो बस चुप चाप मज़ा लीजिए… मुझे कहाँ क्या करना है वो मुझे करने दीजिए..
वो सहम कर चुप हो गयी.. और आने वाले मज़े में खोने लगी..
मैने उनकी झान्टो के बालों को अपनी मुट्ठी में लेकर हल्के से खींच दिया…


दादी - हइई… बेटटा… खींच क्यों रहे हो…
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है
 
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Hello..दोस्तों... मैं हूं Devil...

ये मेरी पहली कहानी हैं...वैसे आज ही मैं इस साईट पर आया हूँ...
वैसे मैंने ये कहानी पहले किसी दूसरी साईट पर भी पोस्ट करी हैं.लेकिन वहां पर पूरी नहीं हुई...
उस साईट मे कुछ प्रॉब्लम हो गई,और मैं भी अपनी id भूल गया.
मैं कोई राइटर नहीं हूं..हो सकता है बहुत से लोगों को कहानी पंसद ना आये...but कोशिश पूरी होगी
तो आशा हैं कि ये कहानी आप सब को पसंद आयेगी...

ये एक कहानी काल्पनिक है
Bhai aap dadi ne khajana de Diya Tak k sare update dedo, uske baad samay anusaar aur suvidha anusar dete rahna update
 
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Nasn

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अपडेट -11


मीनाक्षी - आआह........मां.....मर गयी.........नीकाललो इ.......से........मुझे नही लेनां......आह मेरी......चुत



मेरी नजर भाभी की चुत पर पड़ती है... मेरा लंड उसकी चुत को फैला चुका था, और उसकी चुत से हल्का सा खून निकल रहा था।


भाभी का बुरा हाल हो गया था, पुरे कमरे में उसकी चिखे गुंज रही थी, और मै उनको बेरहमी से उसे चोदे जा रहा था।


मीनाक्षी - हाय रे...........देव.....र जी मुझे......मार.......डाल्ल्ला.... अपने आह... बे...रहम देवर.... जी रहम्म्म्म...... करो बेटे से.....


मै - छटपटा मत मादरचोद कुतीया... तु रखेल है मेरी आज से
भाभी को दर्द हो रहा था, और वो बस चील्लाये जा रही थी,मै धक्के लगाता रहा साथ साथ मे भाभी के चुचो को मसलता और पिता रहा..... अब भाभी की चुत गिली होने लगी थी...


आखिर वो समय आया जब दर्द का मजंर थमा और भाभी की पुरी खुल चुकी चुत मेरे लंड को पच्च पच्च की आवाजो के साथ अपनी चुत में ले रही थी।


अब भाभी की आवाजे सीसकीयो में बदल चुकी थी। उसकी सीसकिया ये बंया कर रहीं थी की अब उसे मजा आ रहा है।


मीनाक्षी - आह देवर जी ...मजा आ रहा है...अपनी भाभी को आह्ह... बेरहमी से क्यूं चोदा...


मै - चुप कर साली और मेरा लंड ले।


मै - आह.... तुम्हारा ये लंड आह मुझे ब....हुत मजा दे रहा है। चोदो आह.... , आज से मै आपकी रखैल हू, बे....रहम देवर...


मै जोर जोर से धक्के लगाता हू... भाभी भी अब अपनी गांड उचकाने लगती है...
वो मजे मे मेरी पीठ पर नाखून चुभाने लगती है...


मीनाक्षी - आआह... ओहहह... देवररर.. जी जोर से और जोर से..
और भाभी झडने लगती है...


मै भी झड़ने वाला था, मैने भाभी के बोबो पर जोर का थप्पड़ मारा, और खाट पर चढ़ भाभी की कमर पकड़ हवा मे उठा कर जोर जोर से पेलने लगा।


भाभी को इससे ज्यादा मजा आ रहा था... पर इससे उसको दर्द भी हो रहा था... उसके मुँह से दर्द और मजे की मिलिजुली आवाज आ रही थीं
भाभी भारी थी फिर भी मै उसकी कमर पकड़े हवा में उठाये बस चोदे जा रहा था।


मै- आह ले साली कुतीया, मेरा पानी अपनी चुत में और एक जोर का धक्का मार अपना लंड सीधा उसके चुत की गहराई में उतार दिया.
भाभी का मुँह आनंद और मजे मे खुल गया... वो मेरे लंड का पानी अपनी बच्चेदानी के मुह पर गिरता साफ महसुस कर रही थी... भाभी ने मुझे जोर से कस लिया.
उसके चेहरे पर आनंद और संतुष्टि के भाव थे


दो मिनट तक मै उसके ऊपर ही लेटा रहा... फिर खडा हो गया... भाभी अभी भी आंख बंद किये लेटी थी.
मैने उसको जोर से बोलकर जगाया.. उसने आंखें खोली ओर खड़ी होकर मेरे गले लग गई .भाभी की आंखों मे आंसू थे.


मीनाक्षी - देवर जी आज आपने मुझे वो सुख दिया जो मुझे कभी नहीं मिला... इतना मजा मुझे आज तक नहीं आया...
आज से मै आपकी हुई... मुझे अपना लो.
अब से मुझ पर पहला हक आपका है...


मै- हा मेरी रंडी भाभी... आज से तु मेरी है .
मेरी रखेल है तु मीनाक्षी ...
फिर मैने उसकी मोटी मखमली गांड को भींच दिया...


मीनाक्षी - आहह... हा मेरे राजा.. आज से मै आपकी रखेल हू.
हम दोनो अलग हुए और कपड़े पहनने लगे, क्योकि अब कोई भी आ सकता था..


IMG-Frozen-18
polygon con


मैने एक बार भाभी के होठों को कस के चुसा... फिर मै बाहर आ गया.




पढ़ते रहिये और अपने विचार अवश्य दीजिये गा
बहुत ही कामुक अपडेट
 
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Devil Baba

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अपडेट -17

दादी - हइई… बेटटा… खींच क्यों रहे हो…
मेने कहा तो ये जंगल सॉफ क्यों नही किया..
दादी - हाईए.. बेटटटा… आज के बाद ये कभी तुम्हें नही दिखेंगे…

मैं उनकी चूत चाटना चाहता था, लेकिन झान्टो की वजह से मन नही किया.. और अपनी उंगलियों से ही उसके साथ थोड़ी देर खेला…
उनकी चूत लगातार रस छोड़ रही थी, जिसकी वजह से उनकी झान्टे और जांघें चिपचिपा रही थी…

और मत तडपाओ बेटा … नही तो मेरी जान निकल जाएगी… दादी मिन्नत सी करते हुए बोली…
(बहुत सालो से दादी चुदी नहीं थी जिस कारण उनसे अब सब्र नहीं हो रहा था )

मेने अपना पजामा निकाल कर, लंड को सहलाते हुए उनकी जांघों के बीच आ गया..
दादी अपनी जांघें फैलाकर लेटी थी… मेरे मूसल जैसे 7½” लंबे लंड को देखकर वो बोली – लल्ला आराम से करना.. तुम्हारा हथियार बहुत बड़ा है…

मै क्यों ऐसा पहले नही लिया क्या..

दादी - बेटा बहुत साल हो गए चुदे हुए, अब तो चुदाई कैसी होती है वो भी भुल रही हू....
बेटा मेने तो देखा भी नही है अब तक ऐसा.. तेरे दादा का तो इससे छोटा ही था, वो ही गया है बस इसमे या फिर मेरी उंगलियां...
मेने दादी की झान्टो को इधर-उधर करके, उनकी चूत को खोला, उनका छेद छोटा था…बहुत सालो से ना चुदने के कारण सिकुड़ गया था....

मेने एक बार उनकी चूत के लाल-लाल अन्द्रुनि हिस्से को चाटा…दादी की कमर लहराई… और मूह से आससीईईईईईईई… जैसी आवाज़ निकल गयी…

अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाकर मेने सुपाडा दादी के छेद में फिट किया और एक हल्का सा झटका अपनी कमर में लगा दिया…

दादी - आहह… धीरीए…. सीईईईईईई.. बहुत मोटा है… तुम्हारा.. लल्ला…

लंड आधा भी नही गया.. कि दादी कराहने लगी थी…

मेने उनके होठों को चूमते हुए कहा.. बहुत कसी हुई चूत है दादी तेरी.. मेरे लंड को अंदर जाने ही नही दे रही…

मेरे मूह से ऐसे शब्द सुनकर दादी मेरे मूह को देखने लगी..

दादी - ऐसे ना बोल बेटा मुझे शरम रही है, अपने पोते के मुँह से ऐसी बाते सुनकर

मेैने कहा पोते का लंड लेते हुए शरम नहीं आती.... खुलकर बोलने में ही ज़्यादा मज़ा है.. आप भी बोलो…

मेने फिर एक और धक्का मार दिया और मेरा आधे से ज़्यादा लंड उनकी कसी हुई चूत में चला गया, दादी एक बार फिर कराहने लगी… मेने धीरे-2 लंड को अंदर बाहर किया…

दादी की चूत पानी छोड़ रही थी.. मेने धक्के तेज कर दिए… दादी आह..ससिईहह.. करके मज़े लेने लगी, और कमर उठा-2 कर चुदाई का लुफ्त लूटने लगी, हमें पता ही नही चला कब लंड पूरा का पूरा अंदर चला गया..

आअहह…दादी क्या चूत है.. तेरी.. बहुत पानी छोड़ रही है…

ओह्ह्ह.. मेरे राजा… तेरा मूसल भी तो कितनी ज़ोर से कुटाई कर रहा है मेरी ओखली में… पानी ना दे बेचारी तो और क्या करेगी…
अब दादी भी खुलकर मज़े ले रही थी…और मनचाहे शब्द बोल रही थी…

मेरे मोटे डंडे की मार उनकी चुत ज़्यादा देर नही झेल पाई और जल्दी ही पानी फेंकने लगी.. दादी एक बार झड चुकी थी...

मै उनके नीचे आ गया और उनको अपने उपर खींच लिया...

मै उनकी चुचियों को मसलने लगा…
मै - दादी मेरे लंड को अपनी चूत में लो ना…

दादी - अह्ह्ह्ह.. थोड़ा तो सबर करो… मेरे राजा.. फिर उन्होने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर मेरे लंड को मुट्ठी में जकड़कर उसे अपनी गीली चूत के होठों पर रगड़ने लगी, जिससे वो फिरसे गरम होने लगी..

मेरे सुपाडे को चूत के मूह से सटा कर धीरे-2 वो उसके उपर बैठने लगी…

जैसे जैसे लंड अंदर होता जा रहा था… साथ साथ दादी का मूह भी खुलता जा रहा था, साथ में कराह भी, आँखें मूंद गयी थी उनकी.
पूरा लंड अंदर लेने के बाद वो हाँफने सी लगी,
और बोली हाईए… राम.. बेटटा… कितना बड़ा लंड है तुम्हारा… मेरी बच्चेदानी के अंदर ही घुस गया ये तो….

और अपने पेडू पर हाथ रख कर बोली - उफफफफ्फ़… देखो… मेरे पेट तक चला गया… फिर धीरे-2 से वो उसपर उठने बैठने लगी…

बुढी़ होने के कारण दादी ज्यादा देर तक ऊपर नीचे नहीं हो पाई, दादी थक गई....

अब कमान मैने अपने हाथों मे ले ली और मैने जोर -2 से धक्के लगाने शुरू कर दिये.

इससे दादी मजे से हवा मे उड़ने लगी....
मजे मे वो अनाप -सनाप बक रही थीं, लग रहा था अपना आपा खो चुकी है.....

दादी - हइई… मॉरीइ… मैय्ाआ…. अब तक ये मुझे क्यों नही मिला… अब मै अपने पोते के बच्चे की माँ बनूँगी… इसी मूसल से… उउफफफ्फ़.. मेरे सोने राजा… मेरे लल्लाअ.. के बीज़ से…

कमरे में ठप-ठप की अवजें गूँज रही थी.. दोनो ही पसीने से तर-बतर हो चुके थे..
फिर जैसे ही मुझे लगा कि अब मेरा छूटने वाला है…
मैने 20-25 तूफ़ानी धक्के लगा कर उनकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया………

10 मिनट तक दादी मेरे ऊपर आँख बंद किये हुए लेटी रही...

मै दादी के होठ चुमते हुए बोला - दादी पोते से चुदकर कैसा लगा...
 

Devil Baba

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* अपडेट - 18


मै दादी के होठ चुमते हुए बोला - दादी पोते से चुदकर कैसा लगा...

दादी - सच बताऊ तो बेटा आज तक इतना मजा मुझे कभी नहीं आया, मन करता है तेरे इस मुसल को अपनी बुढी़ चुत मे ऐसे ही लिये रहू.
मै - चिंता मत कर आज से ये तेरा ही है.
तेरा पोता तुझे कस कस के चोदेगा...
मैने उसके चुतडो को भींच दिया...

दादी -आआआह.. आज से तततु.. मेरा सैया, मेरा राजा मेरा पति है.
आज से मेरा सबकुछ तेरा है....
मै - तेरी चुत और गांड तो है... चुत तो मैने मार ली
तेरी ये करारी गांड भी जल्दी ही फांडुगा.... मैने दादी की गांड के छेद को उंगली से घीसते हुए कहा...

दादी - आआआह... हहहा.. मेरे राजा ये तेरी ही है..
मेरा सब कुछ मै तुझे दे दुंगी... मेरा सबकुछ अब तेरा ही है, और किसी का नहीं...

मै दादी की बात नहीं समझा...
मैने पुछा- क्या सबकुछ दोगी मुझे...

दादी - जो मेरे पास है वो सब...
मै - क्या है तेरे पास...
दादी कुछ सोचते हुए... वो मै तुम्हें कल बताऊंगी और दिखाऊंगी भी....

मैने पूछा अभी ही दिखा दो.....
दादी ने मेरे होठों को चुमते हुए कहा अभी नही कल.. थोड़ा सब्र करो...

दादी - मैने तुम्हे अपना सबकुछ मान लिया है... तु हमेशा मुझे ऐसे प्यार करेगा ना...
मैने हां कहा.. और दादी के होठों को चुसने लगा...दादी मुझसे अलग ही नहीं हो रही थीं, शायद कई सालो बाद चुदाई हुई वो इतनी जबरदस्त इसलिए...
कुछ देर चुसने के बाद दादी चलो उठो देर हो गई है कोई आ जायेगा...
दादी मुझे ऐसे ही सोना है तेरे पास...
मै- मेरी प्यारी चुदक्कड़ रानी मै तेरे पास ही हू.. जब तेरा मन होगा तुझे चोदुंगा...

फिर मै खड़ा हो गया और कपड़े पहनने लगा... दादी ने भी पहन लिये...
हम बाहर आ गये.... फिर ताई भी आ गई और मै घर से बाहर आ गया....
शाम हो गई थी, मुझे खुशी दी थी मै उसके पास चला गया.
वो बोली चाचा आप कहाँ थे..
मैने कहा की दादी के पास था..

मैने पूछा की क्या हुआ... तो वो बोली मै आपके रूम मे गई थी आप मुझे मिले नहीं... मेरे लिए तो आपके पास टाइम ही नहीं है..
मै- ऐसी बात नहीं है मेरी जान तेरे लिए तो बहुत टाइम है, वो दादी का सर दर्द कर रहा था तो उनके पास था...

मैने खुशी को गोद मे उठा लिया और उसके गालो को चुसनें लगा, उसने भी मेरे गालो पर किस किया...
फिर उसके साथ मै अंदर आ गया...
कुछ टाईम मैने रूम मे बिताया, फिर मनीषा खाना खाने के लिए बुलाने आ गई....
खाना खाकर मै अपने रूम मे आ गया..

मेरे दिमाग मे एक ही बात आ रही कि दादी मुझे क्या देना चाहती है, वो कल मुझे क्या दिखाने वाली है... बहुत देर तक मै सोचता रहा, फिर सो गया...

 
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