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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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पहले भी कहा था जब ओखली मे सर डाल ही दिया तो फिर मूसल से क्या डरना !
सुयश साहब के लिए यह कहावत सही फिट होता है - " लौट कर बुद्धु घर को आए ।" भले ही यह उनकी इच्छा के वगैर हुआ हो पर आखिरकार मिस्ट्रीयस आइलैंड ही सुयश साहब को एक घर जैसा सुरक्षित पनाहगाह समझ आया ।

असलम ने अपने तरकश के सारे तीर का इस्तेमाल किया ताकि उसका लक्ष्य हासिल हो , जहाज आइलैंड पर लैंड करे । इस सब के पीछे उसका क्या मकसद है नही मालूम , उसके साथ इस मिशन मे कौन कौन शामिल है नही मालूम लेकिन वह अपने जान का सौदा कर के , खुद को मौत जैसे खतरे मे डालने की हिमाकत कभी भी नही कर सकता । " आ बैल मुझे मार " जैसा सनकी तो वह हरगिज नही होना चाहिए ।
खैर देखते है इस आइलैंड पर इनके पुराने साथी और अमेरिकन जासूस पाए जाते है या नही !

खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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# 48
चैपटर-15 6 जनवरी 2002, रविवार, 17:30;

‘सुप्रीम’ मंथर गति से उस रहस्यमय द्वीप से दूर होता जा रहा था। सारे यात्री शाम होने की वजह से डेक को खाली कर अपने रूम की ओर जाने लगे।

सुयश अब भी डेक पर खड़ा था। वह शांत भाव से उछलती हुई लहरों को देख रहा था। उसके साथ जेनिथ, तौफीक, ऐलेक्स, क्रिस्टी , अलबर्ट, असलम, जैक, जॉनी, ब्रैंडन और ड्रेजलर भी खड़े थे।

“कैप्टन इस द्वीप का रहस्य समझ में नहीं आ रहा है।“ जेनिथ ने कहा।

“मिस जेनिथ, वैसे ‘सुप्रीम’ पर जितनी घटनाएं अभी तक घटी हैं। अगर हम वह सब समझने की कोशिश भी करें तो भी हम उसे नहीं समझ सकते। इसलिए अच्छा यही है इस सिर्फ अपने आप को खतरों से बचाने की कोशिश करें ना कि घट रही घटनाओं के पीछे दिमाग लगाने की।“ सुयश ने कहा।

“आप सही कह रहे हैं कैप्टेन।“ इस बार क्रिस्टी ने बोलते हुए कहा- “बीती बातों को भूलकर आगे आने वाले समय के बारे में हमें सोचना चाहिए।“

“वैसे कैप्टन, आपका ऐमू के बारे में क्या ख्याल है?“ तौफीक ने सुयश को ऐमू की याद दिलाते हुए कहा।

ऐमू का नाम सुन सुयश को झटका लगा-
“ऐमू......ऐमू के बारे में तो मैं भूल ही गया था.........ब्रैंडन जरा जा कर देखो ऐमू इस समय कहां है?“ ब्रैंडन सुयश की बात सुन उस ओर चल दिया, जिधर ऐमू को रखा गया था।

“वैसे ऐमू भी कम रहस्यमय नहीं है। क्यों कि वह आया था उसी द्वीप की दिशा से ही।“ ऐलेक्स ने कहा।

“जाने क्यों मुझे बार-बार ऐसा लगता है कि वो ऐमू हमें सिर्फ भटकाने के लिए ही आया था। क्यो कि जब से हम उस सुनहरे मानव के इशारे की दिशा में चले थे, हम पर कोई मुसीबत नहीं आयी थी। पर ऐमू की दिशा में चलते ही हमें पुनः वह द्वीप मिल गया।“ असलम ने कहा।

“एक बात हमने और नोटिस की कैप्टेन।“ क्रिस्टी ने कहा- “वह ऐमू जबसे हमें दिखा था, हम उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। पर वह पकड़ में नहीं आ रहा था। लेकिन जाने क्यों आपको देखते ही, वह आपको ‘दोस्त मिल गया-दोस्त मिल गया ‘ कहते हुए, आपके पास आ गया। इन सारी बातों में कुछ ना कुछ तो रहस्य है ही ?“

“यह बात तो मैंने भी महसूस की थी।“ ऐलेक्स ने क्रिस्टी की बात पर मुहर लगाई।

ये लोग बात करने में व्यस्त थे, पर असलम अपनी आंखों पर दूरबीन चढ़ा, दूर-दूर तक सागर की लहरों को देख रहा था। अचानक उसे बहुत दूर बादलों की एक टुकड़ी दिखाई दी। असलम ने अपनी दूरबीन को पुनः एडजस्ट करके उस दिशा में देखा-
“माई गॉड! कैप्टेन हमें शिप को वापस मोड़ना होगा।“ सभी हैरानी से असलम को देखने लगे।

“कैप्टेन हम जिस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, उस ओर काफी दूरी पर मुझे कुछ काले बादल से नजर आ रहे हैं। मुझे लगता है आगे मौसम बहुत खराब है। हमें उस दिशा में नहीं बढ़ना चाहिए।“ असलम ने दूरबीन आंखों पर चढ़ाए-चढ़ाए ही अपनी बात कम्प्लीट की।

सुयश ने लगभग झपटने के अंदाज में असलम से दूरबीन छीन ली व उस दिशा में देखने लगा जिधर अभी असलम देख रहा था। बादल बहुत ही खतरनाक दिख रहे थे।

“ओ....नो.....आगे तो मौसम बहुत ही खराब है। इतने भयानक बादल तो मैंने अपनी पूरी जिंदगी में नहीं देखे। बहुत ही जबरदस्त तूफान आने के आसार हैं। अगर हमारा शिप इस तूफान में फंस गया, तो हमारा बचना बिल्कुल ना मुमकिन है। हवा का बहाव भी हमारी तरफ है और वह बहुत तेज भी है। अगर इसी तरह हमारा शिप चलता रहा तो तूफान 35 से 40 मिनट में हम तक पहुंच जाएगा।..........असलम तुरंत वॉकी-टॉकी सेट दो।“ इतना कहकर सुयश ने असलम की ओर हाथ बढ़ाया।

असलम ने जेब से वॉकी-टॉकी सेट निकालकर सुयश के हाथों में रख दिया। सुयश ने वॉकी-टॉकी सेट के एरियल को खींचकर बाहर निकाला और उसे ऑन कर दिया।

“हैलो......कंट्रोल रूम। मैं कैप्टेन सुयश बोल रहा हूं।“

“हैलो....यस कैप्टेन।“ दूसरी तरफ से आवाज आयी।

“तुरंत अपने शिप को विपरीत दिशा में मोड़ लो। हम से लगभग 40 मील दूर एक भयंकर तूफान तेजी से हमारी तरफ बढ़ रहा है।“ सुयश ने कहा।

“तूफान......वह भी 40 मील दूर... ... असंभव।“ उधर से एक महीन आवाज सुनाई दी- “कैप्टेन हमारा तूफान की सूचना देने वाला यंत्र बिल्कुल सामान्य बता रहा है। शायद आपको किसी ने गलत सूचना दे दी है। हमारे यंत्र के हिसाब से अभी दूर-दूर तक मौसम साफ है।“

“मैं जो कह रहा हूं वह करो......।“ सुयश ने लगभग चिल्लाने वाले स्वर में कहा- “तूफान हमें बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा है......शिप को तुरंत मोड़ो।“

“ओ.के. सर।“ उधर से घबराई आवाज आयी।

इतना कहकर सुयश ने वॉकी-टॉकी का स्विच ऑफ कर दिया और पुनः तूफान को देखने लगा, जो अब बिना दूरबीन के नार्मल आँखों से भी दिखने लगा था।

तभी ‘सुप्रीम’ को एक झटका लगा और वह मुड़ना शुरू हो गया। बादल बहुत तेजी से ‘सुप्रीम’ की ओर बढ़ रहे थे। अब तो घनघोर काले बादलों के बीच कड़कती हुई बिजली भी सभी को साफ दिख रही थी। बादल के गरजने का शोर भी थोड़ा-थोड़ा सुनाई देने लगा था।

तभी ब्रैंडन दौड़ता हुआ वहां पहुंचा, पर अब उसकी नजरें उस भयंकर तूफान पर थीं, जो साक्षात मौत बनकर उनकी तरफ तेजी से बढ़ रही थीं।

“क्या हुआ ब्रैंडन? ऐमू कहां है?“ सुयश ने भयभीत ब्रैंडन की ओर देखते हुए पूछा।

“ऐमू अपनी जगह पर नहीं है कैप्टेन, सिक्योरिटी के लोगों का कहना है कि उन्होंने उसे मिर्चे और टमाटर खिलाए और उस पर बराबर नजर भी रखे हुए थे। तभी उन्होंने बाहर शोर की आवाज सुनी। यह आवाज उस भीड़ से हो रही थी, जिसने उस द्वीप को देख लिया था। सिक्योरिटी के लोग भी अपनी इच्छा को दबा नहीं पाये और उस द्वीप को देखने चले गए। लेकिन जब वह वापस लौटे तो ऐमू अपनी जगह से गायब था।“

“मुझको पता था कि वह अब नहीं मिलेगा। क्यों कि उसका काम पूरा हो चुका है। उसने हमें पुनः भटका दिया है।“ सुयश ने कहा।

‘सुप्रीम’अब फुल स्पीड से चल रहा था और काले बादल उसका किसी भूत की तरीके से पीछा कर रहे थे।

“यह बादल तो हमें किसी बूमरैंग या फिर इंद्रधनुष की भांति, तीन तरफ से घेर रहे हैं।“ जॉनी जिसका नशा अब पूरी तरह से उड़ चुका था, बादलों को देखता हुआ बोला।

“सही कह रहे हो, यह बादल तो बहुत अजीब से हैं।“ जैक ने कहा- “मैने अपनी पूरी जिंदगी में आज तक कभी ऐसे बादल नहीं देखे।“

शिप बहुत तेजी से चल रहा था, पर बादलों की स्पीड उनसे तेज थी। इसलिए वह बहुत तेजी से उनके पास आ रहे थे। तभी सामने वही द्वीप फिर से किसी दैत्याकार जिन्न की भांति दिखाई दिया।

अब हवाएं भी बहुत तेज हो चुकीं थीं। समुद्र की लहरें सैकड़ों फुट ऊपर उछल रहीं थीं। रह-रहकर अजीब सी फ्लैशलाइट बिखेरती बिजली बादलों में कड़क रही थी। घने काले बादलों की वजह से चारों ओर घोर अंधकार हो गया था।

“शिप की सारी सर्च लाइट्स ऑन कर दो......क्विक....मूव........ क्यों कि तूफान बहुत खतरनाक है........ हवा भी बहुत तेज है......जल्दी करो।“ सुयश वॉकी- टॉकी सेट पर तेजी से चीखा।

“कैप्टेन, बादल हमें तीन तरफ से घेर रहें हैं और चौथी दिशा में वही द्वीप है। अब हमारे पास उस द्वीप पर जाने के सिवा और कोई चारा नहीं है। जल्दी आर्डर दीजिए। हमें क्या करना है?।“ असलम ने चिल्लाकर कहा, क्यों कि आंधी और तूफान की वजह से अब आवाज सुनाई नहीं दे रही थी।

सुयश ने एक बार फिर उन पास आ रहे बादलों को देखा और फिर हथियार डालते हुए बोला-

“अगर हम इस तूफान में फंस गये, तो किसी का भी जिंदा बचना मुश्किल है। मोड़ दो....... सुप्रीम को इस रहस्यमय द्वीप की ओर मोड़ दो .....अब हमारे पास कोई चारा नहीं है, द्वीप पर जाने के सिवा।“

सुयश का आर्डर मिलते ही असलम ने तुरंत वह आर्डर कंट्रोल रूम को भेज दिया। अब शिप तेजी से उस रहस्यमय द्वीप की ओर बढ़ने लगा। बादल अब शिप के काफी पास आ गए थे।

हवा में ऊंचे-ऊंचे उछलती समुद्र की लहरों से इतना भयानक शोर हो रहा था, मानो आज प्रलय निश्चित हो। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह बादल इनका पीछा कर रहे हों।

शिप के सभी यात्री अपने-अपने कमरों में अपने ईश्वर को याद कर रहे थे। किसी ने भी मौत को इतने पास से नहीं देखा था।

“कैप्टेन हमें लाइफ बोट्स को रेडी कर लेना चाहिए क्यों कि इतना बड़ा शिप द्वीप के किनारे तक नहीं जा सकता।“ अलबर्ट ने चीखते हुए सुयश को समझाया।

अलबर्ट की बात सुन ब्रैंडन ने बिना सुयश के कहे ही अपनी सिक्योरिटी के सारे आदमियों को लाइफ बोट्स उतारने के काम पर लगा दिया। तेजी से सैकड़ों आदमी लाइफ बोट को उतारने में जुट गए।

किसी अंजानी आशंका को सोच शिप के सारे कर्मचारी सभी यात्रियों को लाइफ जैकेट भी बांटने लगे। वह रहस्यमय द्वीप शनैः-शनैः पास आता जा रहा था। बादल अब शिप के ऊपर तक आ गये थे। बिजली की तेज चमक व गड़गड़ाहट सभी के दिलों में दहशत भर रही थी।

सुप्रीम भी अब लहरों का सामना नहीं कर पा रहा था। वह किसी कागज के जहाज की भांति लहरों पर डोल रहा था। सुयश सहित अब सभी की निगाहें सिर्फ और सिर्फ उस रहस्यमय द्वीप पर थीं।

पहले जिस द्वीप से वह दूर भागना चाहते थे, अब उसी के पास जल्द से जल्द पहुंचने के लिए उतावले हो रहे थे। अब द्वीप की दूरी मात्र 3 मील रह गई थी। सभी के दिल अंजानी आशंका के कारण तेजी से धड़क रहे थे। .................................. ...........................................



जारी रहेगा_________✍️
बहुत दिनों से हमारा शेरलॉक होल्म्स सुयश अपनी होशियारी दिखाने में लगा हुआ था
जिसकी वजह से ना सिर्फ हमारा जहाज बल्कि हमारी कहानी 'सुप्रीम' भी द्वीप के ओर पास ही गोल गोल घूमने जा रही थी
अब हेमू, असलम (?) और बादलों की कृपा से एक दिशा में तो बढ़ी

वास्तव में शिप के भटकने से अब तक का घटनाक्रम सुयश की प्रशासनिक क्षमता पर एक प्रश्नचिन्ह है
एक भटके हुए जहाज के कैप्टन के लिए इन परिस्थितियों में जहाज पर हो रही घटनाओं से ज्यादा महत्वपूर्ण जहाज का सुरक्षित संचालन होना चाहिये था क्योंकि कुछ यात्रियों की असुरक्षा से ज्यादा जहाज और उस पर मौजूद सभी यात्रियों की सामूहिक सुरक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण थी

अब देखते हैं कि सौभाग्य या दुर्भाग्य से इस आखिरी पड़ाव पर पहुंचना क्या भविष्य तय करता है जहाज और उस पर सवार यात्रियों का
 

dhalchandarun

[Death is the most beautiful thing]
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चैपटर-15 6 जनवरी 2002, रविवार, 17:30;

‘सुप्रीम’ मंथर गति से उस रहस्यमय द्वीप से दूर होता जा रहा था। सारे यात्री शाम होने की वजह से डेक को खाली कर अपने रूम की ओर जाने लगे।

सुयश अब भी डेक पर खड़ा था। वह शांत भाव से उछलती हुई लहरों को देख रहा था। उसके साथ जेनिथ, तौफीक, ऐलेक्स, क्रिस्टी , अलबर्ट, असलम, जैक, जॉनी, ब्रैंडन और ड्रेजलर भी खड़े थे।

“कैप्टन इस द्वीप का रहस्य समझ में नहीं आ रहा है।“ जेनिथ ने कहा।

“मिस जेनिथ, वैसे ‘सुप्रीम’ पर जितनी घटनाएं अभी तक घटी हैं। अगर हम वह सब समझने की कोशिश भी करें तो भी हम उसे नहीं समझ सकते। इसलिए अच्छा यही है इस सिर्फ अपने आप को खतरों से बचाने की कोशिश करें ना कि घट रही घटनाओं के पीछे दिमाग लगाने की।“ सुयश ने कहा।

“आप सही कह रहे हैं कैप्टेन।“ इस बार क्रिस्टी ने बोलते हुए कहा- “बीती बातों को भूलकर आगे आने वाले समय के बारे में हमें सोचना चाहिए।“

“वैसे कैप्टन, आपका ऐमू के बारे में क्या ख्याल है?“ तौफीक ने सुयश को ऐमू की याद दिलाते हुए कहा।

ऐमू का नाम सुन सुयश को झटका लगा-
“ऐमू......ऐमू के बारे में तो मैं भूल ही गया था.........ब्रैंडन जरा जा कर देखो ऐमू इस समय कहां है?“ ब्रैंडन सुयश की बात सुन उस ओर चल दिया, जिधर ऐमू को रखा गया था।

“वैसे ऐमू भी कम रहस्यमय नहीं है। क्यों कि वह आया था उसी द्वीप की दिशा से ही।“ ऐलेक्स ने कहा।

“जाने क्यों मुझे बार-बार ऐसा लगता है कि वो ऐमू हमें सिर्फ भटकाने के लिए ही आया था। क्यो कि जब से हम उस सुनहरे मानव के इशारे की दिशा में चले थे, हम पर कोई मुसीबत नहीं आयी थी। पर ऐमू की दिशा में चलते ही हमें पुनः वह द्वीप मिल गया।“ असलम ने कहा।

“एक बात हमने और नोटिस की कैप्टेन।“ क्रिस्टी ने कहा- “वह ऐमू जबसे हमें दिखा था, हम उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। पर वह पकड़ में नहीं आ रहा था। लेकिन जाने क्यों आपको देखते ही, वह आपको ‘दोस्त मिल गया-दोस्त मिल गया ‘ कहते हुए, आपके पास आ गया। इन सारी बातों में कुछ ना कुछ तो रहस्य है ही ?“

“यह बात तो मैंने भी महसूस की थी।“ ऐलेक्स ने क्रिस्टी की बात पर मुहर लगाई।

ये लोग बात करने में व्यस्त थे, पर असलम अपनी आंखों पर दूरबीन चढ़ा, दूर-दूर तक सागर की लहरों को देख रहा था। अचानक उसे बहुत दूर बादलों की एक टुकड़ी दिखाई दी। असलम ने अपनी दूरबीन को पुनः एडजस्ट करके उस दिशा में देखा-
“माई गॉड! कैप्टेन हमें शिप को वापस मोड़ना होगा।“ सभी हैरानी से असलम को देखने लगे।

“कैप्टेन हम जिस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, उस ओर काफी दूरी पर मुझे कुछ काले बादल से नजर आ रहे हैं। मुझे लगता है आगे मौसम बहुत खराब है। हमें उस दिशा में नहीं बढ़ना चाहिए।“ असलम ने दूरबीन आंखों पर चढ़ाए-चढ़ाए ही अपनी बात कम्प्लीट की।

सुयश ने लगभग झपटने के अंदाज में असलम से दूरबीन छीन ली व उस दिशा में देखने लगा जिधर अभी असलम देख रहा था। बादल बहुत ही खतरनाक दिख रहे थे।

“ओ....नो.....आगे तो मौसम बहुत ही खराब है। इतने भयानक बादल तो मैंने अपनी पूरी जिंदगी में नहीं देखे। बहुत ही जबरदस्त तूफान आने के आसार हैं। अगर हमारा शिप इस तूफान में फंस गया, तो हमारा बचना बिल्कुल ना मुमकिन है। हवा का बहाव भी हमारी तरफ है और वह बहुत तेज भी है। अगर इसी तरह हमारा शिप चलता रहा तो तूफान 35 से 40 मिनट में हम तक पहुंच जाएगा।..........असलम तुरंत वॉकी-टॉकी सेट दो।“ इतना कहकर सुयश ने असलम की ओर हाथ बढ़ाया।

असलम ने जेब से वॉकी-टॉकी सेट निकालकर सुयश के हाथों में रख दिया। सुयश ने वॉकी-टॉकी सेट के एरियल को खींचकर बाहर निकाला और उसे ऑन कर दिया।

“हैलो......कंट्रोल रूम। मैं कैप्टेन सुयश बोल रहा हूं।“

“हैलो....यस कैप्टेन।“ दूसरी तरफ से आवाज आयी।

“तुरंत अपने शिप को विपरीत दिशा में मोड़ लो। हम से लगभग 40 मील दूर एक भयंकर तूफान तेजी से हमारी तरफ बढ़ रहा है।“ सुयश ने कहा।

“तूफान......वह भी 40 मील दूर... ... असंभव।“ उधर से एक महीन आवाज सुनाई दी- “कैप्टेन हमारा तूफान की सूचना देने वाला यंत्र बिल्कुल सामान्य बता रहा है। शायद आपको किसी ने गलत सूचना दे दी है। हमारे यंत्र के हिसाब से अभी दूर-दूर तक मौसम साफ है।“

“मैं जो कह रहा हूं वह करो......।“ सुयश ने लगभग चिल्लाने वाले स्वर में कहा- “तूफान हमें बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा है......शिप को तुरंत मोड़ो।“

“ओ.के. सर।“ उधर से घबराई आवाज आयी।

इतना कहकर सुयश ने वॉकी-टॉकी का स्विच ऑफ कर दिया और पुनः तूफान को देखने लगा, जो अब बिना दूरबीन के नार्मल आँखों से भी दिखने लगा था।

तभी ‘सुप्रीम’ को एक झटका लगा और वह मुड़ना शुरू हो गया। बादल बहुत तेजी से ‘सुप्रीम’ की ओर बढ़ रहे थे। अब तो घनघोर काले बादलों के बीच कड़कती हुई बिजली भी सभी को साफ दिख रही थी। बादल के गरजने का शोर भी थोड़ा-थोड़ा सुनाई देने लगा था।

तभी ब्रैंडन दौड़ता हुआ वहां पहुंचा, पर अब उसकी नजरें उस भयंकर तूफान पर थीं, जो साक्षात मौत बनकर उनकी तरफ तेजी से बढ़ रही थीं।

“क्या हुआ ब्रैंडन? ऐमू कहां है?“ सुयश ने भयभीत ब्रैंडन की ओर देखते हुए पूछा।

“ऐमू अपनी जगह पर नहीं है कैप्टेन, सिक्योरिटी के लोगों का कहना है कि उन्होंने उसे मिर्चे और टमाटर खिलाए और उस पर बराबर नजर भी रखे हुए थे। तभी उन्होंने बाहर शोर की आवाज सुनी। यह आवाज उस भीड़ से हो रही थी, जिसने उस द्वीप को देख लिया था। सिक्योरिटी के लोग भी अपनी इच्छा को दबा नहीं पाये और उस द्वीप को देखने चले गए। लेकिन जब वह वापस लौटे तो ऐमू अपनी जगह से गायब था।“

“मुझको पता था कि वह अब नहीं मिलेगा। क्यों कि उसका काम पूरा हो चुका है। उसने हमें पुनः भटका दिया है।“ सुयश ने कहा।

‘सुप्रीम’अब फुल स्पीड से चल रहा था और काले बादल उसका किसी भूत की तरीके से पीछा कर रहे थे।

“यह बादल तो हमें किसी बूमरैंग या फिर इंद्रधनुष की भांति, तीन तरफ से घेर रहे हैं।“ जॉनी जिसका नशा अब पूरी तरह से उड़ चुका था, बादलों को देखता हुआ बोला।

“सही कह रहे हो, यह बादल तो बहुत अजीब से हैं।“ जैक ने कहा- “मैने अपनी पूरी जिंदगी में आज तक कभी ऐसे बादल नहीं देखे।“

शिप बहुत तेजी से चल रहा था, पर बादलों की स्पीड उनसे तेज थी। इसलिए वह बहुत तेजी से उनके पास आ रहे थे। तभी सामने वही द्वीप फिर से किसी दैत्याकार जिन्न की भांति दिखाई दिया।

अब हवाएं भी बहुत तेज हो चुकीं थीं। समुद्र की लहरें सैकड़ों फुट ऊपर उछल रहीं थीं। रह-रहकर अजीब सी फ्लैशलाइट बिखेरती बिजली बादलों में कड़क रही थी। घने काले बादलों की वजह से चारों ओर घोर अंधकार हो गया था।

“शिप की सारी सर्च लाइट्स ऑन कर दो......क्विक....मूव........ क्यों कि तूफान बहुत खतरनाक है........ हवा भी बहुत तेज है......जल्दी करो।“ सुयश वॉकी- टॉकी सेट पर तेजी से चीखा।

“कैप्टेन, बादल हमें तीन तरफ से घेर रहें हैं और चौथी दिशा में वही द्वीप है। अब हमारे पास उस द्वीप पर जाने के सिवा और कोई चारा नहीं है। जल्दी आर्डर दीजिए। हमें क्या करना है?।“ असलम ने चिल्लाकर कहा, क्यों कि आंधी और तूफान की वजह से अब आवाज सुनाई नहीं दे रही थी।

सुयश ने एक बार फिर उन पास आ रहे बादलों को देखा और फिर हथियार डालते हुए बोला-

“अगर हम इस तूफान में फंस गये, तो किसी का भी जिंदा बचना मुश्किल है। मोड़ दो....... सुप्रीम को इस रहस्यमय द्वीप की ओर मोड़ दो .....अब हमारे पास कोई चारा नहीं है, द्वीप पर जाने के सिवा।“

सुयश का आर्डर मिलते ही असलम ने तुरंत वह आर्डर कंट्रोल रूम को भेज दिया। अब शिप तेजी से उस रहस्यमय द्वीप की ओर बढ़ने लगा। बादल अब शिप के काफी पास आ गए थे।

हवा में ऊंचे-ऊंचे उछलती समुद्र की लहरों से इतना भयानक शोर हो रहा था, मानो आज प्रलय निश्चित हो। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह बादल इनका पीछा कर रहे हों।

शिप के सभी यात्री अपने-अपने कमरों में अपने ईश्वर को याद कर रहे थे। किसी ने भी मौत को इतने पास से नहीं देखा था।

“कैप्टेन हमें लाइफ बोट्स को रेडी कर लेना चाहिए क्यों कि इतना बड़ा शिप द्वीप के किनारे तक नहीं जा सकता।“ अलबर्ट ने चीखते हुए सुयश को समझाया।

अलबर्ट की बात सुन ब्रैंडन ने बिना सुयश के कहे ही अपनी सिक्योरिटी के सारे आदमियों को लाइफ बोट्स उतारने के काम पर लगा दिया। तेजी से सैकड़ों आदमी लाइफ बोट को उतारने में जुट गए।

किसी अंजानी आशंका को सोच शिप के सारे कर्मचारी सभी यात्रियों को लाइफ जैकेट भी बांटने लगे। वह रहस्यमय द्वीप शनैः-शनैः पास आता जा रहा था। बादल अब शिप के ऊपर तक आ गये थे। बिजली की तेज चमक व गड़गड़ाहट सभी के दिलों में दहशत भर रही थी।

सुप्रीम भी अब लहरों का सामना नहीं कर पा रहा था। वह किसी कागज के जहाज की भांति लहरों पर डोल रहा था। सुयश सहित अब सभी की निगाहें सिर्फ और सिर्फ उस रहस्यमय द्वीप पर थीं।

पहले जिस द्वीप से वह दूर भागना चाहते थे, अब उसी के पास जल्द से जल्द पहुंचने के लिए उतावले हो रहे थे। अब द्वीप की दूरी मात्र 3 मील रह गई थी। सभी के दिल अंजानी आशंका के कारण तेजी से धड़क रहे थे। .................................. ...........................................



जारी रहेगा_________✍️
Ship ko is island par aana hi tha nahi to Shefali ke sapne ka koi importance nahi rah jata hai.

Ek baat to saaf hai ki ye sabhi chije Jo ho rahi hain na to scientific hai aur na hi natural.

Well wonderful update brother.
 

Luckyloda

Well-Known Member
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Akhirkaar ghum phir kar usi deep par pahuch gye....


Dekho kyabhota h
# 48
चैपटर-15 6 जनवरी 2002, रविवार, 17:30;

‘सुप्रीम’ मंथर गति से उस रहस्यमय द्वीप से दूर होता जा रहा था। सारे यात्री शाम होने की वजह से डेक को खाली कर अपने रूम की ओर जाने लगे।

सुयश अब भी डेक पर खड़ा था। वह शांत भाव से उछलती हुई लहरों को देख रहा था। उसके साथ जेनिथ, तौफीक, ऐलेक्स, क्रिस्टी , अलबर्ट, असलम, जैक, जॉनी, ब्रैंडन और ड्रेजलर भी खड़े थे।

“कैप्टन इस द्वीप का रहस्य समझ में नहीं आ रहा है।“ जेनिथ ने कहा।

“मिस जेनिथ, वैसे ‘सुप्रीम’ पर जितनी घटनाएं अभी तक घटी हैं। अगर हम वह सब समझने की कोशिश भी करें तो भी हम उसे नहीं समझ सकते। इसलिए अच्छा यही है इस सिर्फ अपने आप को खतरों से बचाने की कोशिश करें ना कि घट रही घटनाओं के पीछे दिमाग लगाने की।“ सुयश ने कहा।

“आप सही कह रहे हैं कैप्टेन।“ इस बार क्रिस्टी ने बोलते हुए कहा- “बीती बातों को भूलकर आगे आने वाले समय के बारे में हमें सोचना चाहिए।“

“वैसे कैप्टन, आपका ऐमू के बारे में क्या ख्याल है?“ तौफीक ने सुयश को ऐमू की याद दिलाते हुए कहा।

ऐमू का नाम सुन सुयश को झटका लगा-
“ऐमू......ऐमू के बारे में तो मैं भूल ही गया था.........ब्रैंडन जरा जा कर देखो ऐमू इस समय कहां है?“ ब्रैंडन सुयश की बात सुन उस ओर चल दिया, जिधर ऐमू को रखा गया था।

“वैसे ऐमू भी कम रहस्यमय नहीं है। क्यों कि वह आया था उसी द्वीप की दिशा से ही।“ ऐलेक्स ने कहा।

“जाने क्यों मुझे बार-बार ऐसा लगता है कि वो ऐमू हमें सिर्फ भटकाने के लिए ही आया था। क्यो कि जब से हम उस सुनहरे मानव के इशारे की दिशा में चले थे, हम पर कोई मुसीबत नहीं आयी थी। पर ऐमू की दिशा में चलते ही हमें पुनः वह द्वीप मिल गया।“ असलम ने कहा।

“एक बात हमने और नोटिस की कैप्टेन।“ क्रिस्टी ने कहा- “वह ऐमू जबसे हमें दिखा था, हम उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। पर वह पकड़ में नहीं आ रहा था। लेकिन जाने क्यों आपको देखते ही, वह आपको ‘दोस्त मिल गया-दोस्त मिल गया ‘ कहते हुए, आपके पास आ गया। इन सारी बातों में कुछ ना कुछ तो रहस्य है ही ?“

“यह बात तो मैंने भी महसूस की थी।“ ऐलेक्स ने क्रिस्टी की बात पर मुहर लगाई।

ये लोग बात करने में व्यस्त थे, पर असलम अपनी आंखों पर दूरबीन चढ़ा, दूर-दूर तक सागर की लहरों को देख रहा था। अचानक उसे बहुत दूर बादलों की एक टुकड़ी दिखाई दी। असलम ने अपनी दूरबीन को पुनः एडजस्ट करके उस दिशा में देखा-
“माई गॉड! कैप्टेन हमें शिप को वापस मोड़ना होगा।“ सभी हैरानी से असलम को देखने लगे।

“कैप्टेन हम जिस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, उस ओर काफी दूरी पर मुझे कुछ काले बादल से नजर आ रहे हैं। मुझे लगता है आगे मौसम बहुत खराब है। हमें उस दिशा में नहीं बढ़ना चाहिए।“ असलम ने दूरबीन आंखों पर चढ़ाए-चढ़ाए ही अपनी बात कम्प्लीट की।

सुयश ने लगभग झपटने के अंदाज में असलम से दूरबीन छीन ली व उस दिशा में देखने लगा जिधर अभी असलम देख रहा था। बादल बहुत ही खतरनाक दिख रहे थे।

“ओ....नो.....आगे तो मौसम बहुत ही खराब है। इतने भयानक बादल तो मैंने अपनी पूरी जिंदगी में नहीं देखे। बहुत ही जबरदस्त तूफान आने के आसार हैं। अगर हमारा शिप इस तूफान में फंस गया, तो हमारा बचना बिल्कुल ना मुमकिन है। हवा का बहाव भी हमारी तरफ है और वह बहुत तेज भी है। अगर इसी तरह हमारा शिप चलता रहा तो तूफान 35 से 40 मिनट में हम तक पहुंच जाएगा।..........असलम तुरंत वॉकी-टॉकी सेट दो।“ इतना कहकर सुयश ने असलम की ओर हाथ बढ़ाया।

असलम ने जेब से वॉकी-टॉकी सेट निकालकर सुयश के हाथों में रख दिया। सुयश ने वॉकी-टॉकी सेट के एरियल को खींचकर बाहर निकाला और उसे ऑन कर दिया।

“हैलो......कंट्रोल रूम। मैं कैप्टेन सुयश बोल रहा हूं।“

“हैलो....यस कैप्टेन।“ दूसरी तरफ से आवाज आयी।

“तुरंत अपने शिप को विपरीत दिशा में मोड़ लो। हम से लगभग 40 मील दूर एक भयंकर तूफान तेजी से हमारी तरफ बढ़ रहा है।“ सुयश ने कहा।

“तूफान......वह भी 40 मील दूर... ... असंभव।“ उधर से एक महीन आवाज सुनाई दी- “कैप्टेन हमारा तूफान की सूचना देने वाला यंत्र बिल्कुल सामान्य बता रहा है। शायद आपको किसी ने गलत सूचना दे दी है। हमारे यंत्र के हिसाब से अभी दूर-दूर तक मौसम साफ है।“

“मैं जो कह रहा हूं वह करो......।“ सुयश ने लगभग चिल्लाने वाले स्वर में कहा- “तूफान हमें बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा है......शिप को तुरंत मोड़ो।“

“ओ.के. सर।“ उधर से घबराई आवाज आयी।

इतना कहकर सुयश ने वॉकी-टॉकी का स्विच ऑफ कर दिया और पुनः तूफान को देखने लगा, जो अब बिना दूरबीन के नार्मल आँखों से भी दिखने लगा था।

तभी ‘सुप्रीम’ को एक झटका लगा और वह मुड़ना शुरू हो गया। बादल बहुत तेजी से ‘सुप्रीम’ की ओर बढ़ रहे थे। अब तो घनघोर काले बादलों के बीच कड़कती हुई बिजली भी सभी को साफ दिख रही थी। बादल के गरजने का शोर भी थोड़ा-थोड़ा सुनाई देने लगा था।

तभी ब्रैंडन दौड़ता हुआ वहां पहुंचा, पर अब उसकी नजरें उस भयंकर तूफान पर थीं, जो साक्षात मौत बनकर उनकी तरफ तेजी से बढ़ रही थीं।

“क्या हुआ ब्रैंडन? ऐमू कहां है?“ सुयश ने भयभीत ब्रैंडन की ओर देखते हुए पूछा।

“ऐमू अपनी जगह पर नहीं है कैप्टेन, सिक्योरिटी के लोगों का कहना है कि उन्होंने उसे मिर्चे और टमाटर खिलाए और उस पर बराबर नजर भी रखे हुए थे। तभी उन्होंने बाहर शोर की आवाज सुनी। यह आवाज उस भीड़ से हो रही थी, जिसने उस द्वीप को देख लिया था। सिक्योरिटी के लोग भी अपनी इच्छा को दबा नहीं पाये और उस द्वीप को देखने चले गए। लेकिन जब वह वापस लौटे तो ऐमू अपनी जगह से गायब था।“

“मुझको पता था कि वह अब नहीं मिलेगा। क्यों कि उसका काम पूरा हो चुका है। उसने हमें पुनः भटका दिया है।“ सुयश ने कहा।

‘सुप्रीम’अब फुल स्पीड से चल रहा था और काले बादल उसका किसी भूत की तरीके से पीछा कर रहे थे।

“यह बादल तो हमें किसी बूमरैंग या फिर इंद्रधनुष की भांति, तीन तरफ से घेर रहे हैं।“ जॉनी जिसका नशा अब पूरी तरह से उड़ चुका था, बादलों को देखता हुआ बोला।

“सही कह रहे हो, यह बादल तो बहुत अजीब से हैं।“ जैक ने कहा- “मैने अपनी पूरी जिंदगी में आज तक कभी ऐसे बादल नहीं देखे।“

शिप बहुत तेजी से चल रहा था, पर बादलों की स्पीड उनसे तेज थी। इसलिए वह बहुत तेजी से उनके पास आ रहे थे। तभी सामने वही द्वीप फिर से किसी दैत्याकार जिन्न की भांति दिखाई दिया।

अब हवाएं भी बहुत तेज हो चुकीं थीं। समुद्र की लहरें सैकड़ों फुट ऊपर उछल रहीं थीं। रह-रहकर अजीब सी फ्लैशलाइट बिखेरती बिजली बादलों में कड़क रही थी। घने काले बादलों की वजह से चारों ओर घोर अंधकार हो गया था।

“शिप की सारी सर्च लाइट्स ऑन कर दो......क्विक....मूव........ क्यों कि तूफान बहुत खतरनाक है........ हवा भी बहुत तेज है......जल्दी करो।“ सुयश वॉकी- टॉकी सेट पर तेजी से चीखा।

“कैप्टेन, बादल हमें तीन तरफ से घेर रहें हैं और चौथी दिशा में वही द्वीप है। अब हमारे पास उस द्वीप पर जाने के सिवा और कोई चारा नहीं है। जल्दी आर्डर दीजिए। हमें क्या करना है?।“ असलम ने चिल्लाकर कहा, क्यों कि आंधी और तूफान की वजह से अब आवाज सुनाई नहीं दे रही थी।

सुयश ने एक बार फिर उन पास आ रहे बादलों को देखा और फिर हथियार डालते हुए बोला-

“अगर हम इस तूफान में फंस गये, तो किसी का भी जिंदा बचना मुश्किल है। मोड़ दो....... सुप्रीम को इस रहस्यमय द्वीप की ओर मोड़ दो .....अब हमारे पास कोई चारा नहीं है, द्वीप पर जाने के सिवा।“

सुयश का आर्डर मिलते ही असलम ने तुरंत वह आर्डर कंट्रोल रूम को भेज दिया। अब शिप तेजी से उस रहस्यमय द्वीप की ओर बढ़ने लगा। बादल अब शिप के काफी पास आ गए थे।

हवा में ऊंचे-ऊंचे उछलती समुद्र की लहरों से इतना भयानक शोर हो रहा था, मानो आज प्रलय निश्चित हो। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह बादल इनका पीछा कर रहे हों।

शिप के सभी यात्री अपने-अपने कमरों में अपने ईश्वर को याद कर रहे थे। किसी ने भी मौत को इतने पास से नहीं देखा था।

“कैप्टेन हमें लाइफ बोट्स को रेडी कर लेना चाहिए क्यों कि इतना बड़ा शिप द्वीप के किनारे तक नहीं जा सकता।“ अलबर्ट ने चीखते हुए सुयश को समझाया।

अलबर्ट की बात सुन ब्रैंडन ने बिना सुयश के कहे ही अपनी सिक्योरिटी के सारे आदमियों को लाइफ बोट्स उतारने के काम पर लगा दिया। तेजी से सैकड़ों आदमी लाइफ बोट को उतारने में जुट गए।

किसी अंजानी आशंका को सोच शिप के सारे कर्मचारी सभी यात्रियों को लाइफ जैकेट भी बांटने लगे। वह रहस्यमय द्वीप शनैः-शनैः पास आता जा रहा था। बादल अब शिप के ऊपर तक आ गये थे। बिजली की तेज चमक व गड़गड़ाहट सभी के दिलों में दहशत भर रही थी।

सुप्रीम भी अब लहरों का सामना नहीं कर पा रहा था। वह किसी कागज के जहाज की भांति लहरों पर डोल रहा था। सुयश सहित अब सभी की निगाहें सिर्फ और सिर्फ उस रहस्यमय द्वीप पर थीं।

पहले जिस द्वीप से वह दूर भागना चाहते थे, अब उसी के पास जल्द से जल्द पहुंचने के लिए उतावले हो रहे थे। अब द्वीप की दूरी मात्र 3 मील रह गई थी। सभी के दिल अंजानी आशंका के कारण तेजी से धड़क रहे थे। .................................. ...........................................



जारी रहेगा_________✍️
 

dev61901

" Never let an old flame burn you twice "
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Badhiya update bhai

Matlab ki sab taraf se fielding set thi ki kaise bhi karke suprim ko is dwip per lana ha kuchh nahi to ab tuffan aa gaya jonki normal to nahi tha artificially bhi ho sakta ha kyonki radar per uska koi sanket nahi tha bechare suyesh ko akhir har manni hi padi or sabko us dwip per le jana hi pada ab dekhte han ki is dwip per kya ha
 

parkas

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# 48
चैपटर-15 6 जनवरी 2002, रविवार, 17:30;

‘सुप्रीम’ मंथर गति से उस रहस्यमय द्वीप से दूर होता जा रहा था। सारे यात्री शाम होने की वजह से डेक को खाली कर अपने रूम की ओर जाने लगे।

सुयश अब भी डेक पर खड़ा था। वह शांत भाव से उछलती हुई लहरों को देख रहा था। उसके साथ जेनिथ, तौफीक, ऐलेक्स, क्रिस्टी , अलबर्ट, असलम, जैक, जॉनी, ब्रैंडन और ड्रेजलर भी खड़े थे।

“कैप्टन इस द्वीप का रहस्य समझ में नहीं आ रहा है।“ जेनिथ ने कहा।

“मिस जेनिथ, वैसे ‘सुप्रीम’ पर जितनी घटनाएं अभी तक घटी हैं। अगर हम वह सब समझने की कोशिश भी करें तो भी हम उसे नहीं समझ सकते। इसलिए अच्छा यही है इस सिर्फ अपने आप को खतरों से बचाने की कोशिश करें ना कि घट रही घटनाओं के पीछे दिमाग लगाने की।“ सुयश ने कहा।

“आप सही कह रहे हैं कैप्टेन।“ इस बार क्रिस्टी ने बोलते हुए कहा- “बीती बातों को भूलकर आगे आने वाले समय के बारे में हमें सोचना चाहिए।“

“वैसे कैप्टन, आपका ऐमू के बारे में क्या ख्याल है?“ तौफीक ने सुयश को ऐमू की याद दिलाते हुए कहा।

ऐमू का नाम सुन सुयश को झटका लगा-
“ऐमू......ऐमू के बारे में तो मैं भूल ही गया था.........ब्रैंडन जरा जा कर देखो ऐमू इस समय कहां है?“ ब्रैंडन सुयश की बात सुन उस ओर चल दिया, जिधर ऐमू को रखा गया था।

“वैसे ऐमू भी कम रहस्यमय नहीं है। क्यों कि वह आया था उसी द्वीप की दिशा से ही।“ ऐलेक्स ने कहा।

“जाने क्यों मुझे बार-बार ऐसा लगता है कि वो ऐमू हमें सिर्फ भटकाने के लिए ही आया था। क्यो कि जब से हम उस सुनहरे मानव के इशारे की दिशा में चले थे, हम पर कोई मुसीबत नहीं आयी थी। पर ऐमू की दिशा में चलते ही हमें पुनः वह द्वीप मिल गया।“ असलम ने कहा।

“एक बात हमने और नोटिस की कैप्टेन।“ क्रिस्टी ने कहा- “वह ऐमू जबसे हमें दिखा था, हम उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। पर वह पकड़ में नहीं आ रहा था। लेकिन जाने क्यों आपको देखते ही, वह आपको ‘दोस्त मिल गया-दोस्त मिल गया ‘ कहते हुए, आपके पास आ गया। इन सारी बातों में कुछ ना कुछ तो रहस्य है ही ?“

“यह बात तो मैंने भी महसूस की थी।“ ऐलेक्स ने क्रिस्टी की बात पर मुहर लगाई।

ये लोग बात करने में व्यस्त थे, पर असलम अपनी आंखों पर दूरबीन चढ़ा, दूर-दूर तक सागर की लहरों को देख रहा था। अचानक उसे बहुत दूर बादलों की एक टुकड़ी दिखाई दी। असलम ने अपनी दूरबीन को पुनः एडजस्ट करके उस दिशा में देखा-
“माई गॉड! कैप्टेन हमें शिप को वापस मोड़ना होगा।“ सभी हैरानी से असलम को देखने लगे।

“कैप्टेन हम जिस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, उस ओर काफी दूरी पर मुझे कुछ काले बादल से नजर आ रहे हैं। मुझे लगता है आगे मौसम बहुत खराब है। हमें उस दिशा में नहीं बढ़ना चाहिए।“ असलम ने दूरबीन आंखों पर चढ़ाए-चढ़ाए ही अपनी बात कम्प्लीट की।

सुयश ने लगभग झपटने के अंदाज में असलम से दूरबीन छीन ली व उस दिशा में देखने लगा जिधर अभी असलम देख रहा था। बादल बहुत ही खतरनाक दिख रहे थे।

“ओ....नो.....आगे तो मौसम बहुत ही खराब है। इतने भयानक बादल तो मैंने अपनी पूरी जिंदगी में नहीं देखे। बहुत ही जबरदस्त तूफान आने के आसार हैं। अगर हमारा शिप इस तूफान में फंस गया, तो हमारा बचना बिल्कुल ना मुमकिन है। हवा का बहाव भी हमारी तरफ है और वह बहुत तेज भी है। अगर इसी तरह हमारा शिप चलता रहा तो तूफान 35 से 40 मिनट में हम तक पहुंच जाएगा।..........असलम तुरंत वॉकी-टॉकी सेट दो।“ इतना कहकर सुयश ने असलम की ओर हाथ बढ़ाया।

असलम ने जेब से वॉकी-टॉकी सेट निकालकर सुयश के हाथों में रख दिया। सुयश ने वॉकी-टॉकी सेट के एरियल को खींचकर बाहर निकाला और उसे ऑन कर दिया।

“हैलो......कंट्रोल रूम। मैं कैप्टेन सुयश बोल रहा हूं।“

“हैलो....यस कैप्टेन।“ दूसरी तरफ से आवाज आयी।

“तुरंत अपने शिप को विपरीत दिशा में मोड़ लो। हम से लगभग 40 मील दूर एक भयंकर तूफान तेजी से हमारी तरफ बढ़ रहा है।“ सुयश ने कहा।

“तूफान......वह भी 40 मील दूर... ... असंभव।“ उधर से एक महीन आवाज सुनाई दी- “कैप्टेन हमारा तूफान की सूचना देने वाला यंत्र बिल्कुल सामान्य बता रहा है। शायद आपको किसी ने गलत सूचना दे दी है। हमारे यंत्र के हिसाब से अभी दूर-दूर तक मौसम साफ है।“

“मैं जो कह रहा हूं वह करो......।“ सुयश ने लगभग चिल्लाने वाले स्वर में कहा- “तूफान हमें बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा है......शिप को तुरंत मोड़ो।“

“ओ.के. सर।“ उधर से घबराई आवाज आयी।

इतना कहकर सुयश ने वॉकी-टॉकी का स्विच ऑफ कर दिया और पुनः तूफान को देखने लगा, जो अब बिना दूरबीन के नार्मल आँखों से भी दिखने लगा था।

तभी ‘सुप्रीम’ को एक झटका लगा और वह मुड़ना शुरू हो गया। बादल बहुत तेजी से ‘सुप्रीम’ की ओर बढ़ रहे थे। अब तो घनघोर काले बादलों के बीच कड़कती हुई बिजली भी सभी को साफ दिख रही थी। बादल के गरजने का शोर भी थोड़ा-थोड़ा सुनाई देने लगा था।

तभी ब्रैंडन दौड़ता हुआ वहां पहुंचा, पर अब उसकी नजरें उस भयंकर तूफान पर थीं, जो साक्षात मौत बनकर उनकी तरफ तेजी से बढ़ रही थीं।

“क्या हुआ ब्रैंडन? ऐमू कहां है?“ सुयश ने भयभीत ब्रैंडन की ओर देखते हुए पूछा।

“ऐमू अपनी जगह पर नहीं है कैप्टेन, सिक्योरिटी के लोगों का कहना है कि उन्होंने उसे मिर्चे और टमाटर खिलाए और उस पर बराबर नजर भी रखे हुए थे। तभी उन्होंने बाहर शोर की आवाज सुनी। यह आवाज उस भीड़ से हो रही थी, जिसने उस द्वीप को देख लिया था। सिक्योरिटी के लोग भी अपनी इच्छा को दबा नहीं पाये और उस द्वीप को देखने चले गए। लेकिन जब वह वापस लौटे तो ऐमू अपनी जगह से गायब था।“

“मुझको पता था कि वह अब नहीं मिलेगा। क्यों कि उसका काम पूरा हो चुका है। उसने हमें पुनः भटका दिया है।“ सुयश ने कहा।

‘सुप्रीम’अब फुल स्पीड से चल रहा था और काले बादल उसका किसी भूत की तरीके से पीछा कर रहे थे।

“यह बादल तो हमें किसी बूमरैंग या फिर इंद्रधनुष की भांति, तीन तरफ से घेर रहे हैं।“ जॉनी जिसका नशा अब पूरी तरह से उड़ चुका था, बादलों को देखता हुआ बोला।

“सही कह रहे हो, यह बादल तो बहुत अजीब से हैं।“ जैक ने कहा- “मैने अपनी पूरी जिंदगी में आज तक कभी ऐसे बादल नहीं देखे।“

शिप बहुत तेजी से चल रहा था, पर बादलों की स्पीड उनसे तेज थी। इसलिए वह बहुत तेजी से उनके पास आ रहे थे। तभी सामने वही द्वीप फिर से किसी दैत्याकार जिन्न की भांति दिखाई दिया।

अब हवाएं भी बहुत तेज हो चुकीं थीं। समुद्र की लहरें सैकड़ों फुट ऊपर उछल रहीं थीं। रह-रहकर अजीब सी फ्लैशलाइट बिखेरती बिजली बादलों में कड़क रही थी। घने काले बादलों की वजह से चारों ओर घोर अंधकार हो गया था।

“शिप की सारी सर्च लाइट्स ऑन कर दो......क्विक....मूव........ क्यों कि तूफान बहुत खतरनाक है........ हवा भी बहुत तेज है......जल्दी करो।“ सुयश वॉकी- टॉकी सेट पर तेजी से चीखा।

“कैप्टेन, बादल हमें तीन तरफ से घेर रहें हैं और चौथी दिशा में वही द्वीप है। अब हमारे पास उस द्वीप पर जाने के सिवा और कोई चारा नहीं है। जल्दी आर्डर दीजिए। हमें क्या करना है?।“ असलम ने चिल्लाकर कहा, क्यों कि आंधी और तूफान की वजह से अब आवाज सुनाई नहीं दे रही थी।

सुयश ने एक बार फिर उन पास आ रहे बादलों को देखा और फिर हथियार डालते हुए बोला-

“अगर हम इस तूफान में फंस गये, तो किसी का भी जिंदा बचना मुश्किल है। मोड़ दो....... सुप्रीम को इस रहस्यमय द्वीप की ओर मोड़ दो .....अब हमारे पास कोई चारा नहीं है, द्वीप पर जाने के सिवा।“

सुयश का आर्डर मिलते ही असलम ने तुरंत वह आर्डर कंट्रोल रूम को भेज दिया। अब शिप तेजी से उस रहस्यमय द्वीप की ओर बढ़ने लगा। बादल अब शिप के काफी पास आ गए थे।

हवा में ऊंचे-ऊंचे उछलती समुद्र की लहरों से इतना भयानक शोर हो रहा था, मानो आज प्रलय निश्चित हो। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह बादल इनका पीछा कर रहे हों।

शिप के सभी यात्री अपने-अपने कमरों में अपने ईश्वर को याद कर रहे थे। किसी ने भी मौत को इतने पास से नहीं देखा था।

“कैप्टेन हमें लाइफ बोट्स को रेडी कर लेना चाहिए क्यों कि इतना बड़ा शिप द्वीप के किनारे तक नहीं जा सकता।“ अलबर्ट ने चीखते हुए सुयश को समझाया।

अलबर्ट की बात सुन ब्रैंडन ने बिना सुयश के कहे ही अपनी सिक्योरिटी के सारे आदमियों को लाइफ बोट्स उतारने के काम पर लगा दिया। तेजी से सैकड़ों आदमी लाइफ बोट को उतारने में जुट गए।

किसी अंजानी आशंका को सोच शिप के सारे कर्मचारी सभी यात्रियों को लाइफ जैकेट भी बांटने लगे। वह रहस्यमय द्वीप शनैः-शनैः पास आता जा रहा था। बादल अब शिप के ऊपर तक आ गये थे। बिजली की तेज चमक व गड़गड़ाहट सभी के दिलों में दहशत भर रही थी।

सुप्रीम भी अब लहरों का सामना नहीं कर पा रहा था। वह किसी कागज के जहाज की भांति लहरों पर डोल रहा था। सुयश सहित अब सभी की निगाहें सिर्फ और सिर्फ उस रहस्यमय द्वीप पर थीं।

पहले जिस द्वीप से वह दूर भागना चाहते थे, अब उसी के पास जल्द से जल्द पहुंचने के लिए उतावले हो रहे थे। अब द्वीप की दूरी मात्र 3 मील रह गई थी। सभी के दिल अंजानी आशंका के कारण तेजी से धड़क रहे थे। .................................. ...........................................



जारी रहेगा_________✍️
Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....
 

Rekha rani

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# 48
चैपटर-15 6 जनवरी 2002, रविवार, 17:30;

‘सुप्रीम’ मंथर गति से उस रहस्यमय द्वीप से दूर होता जा रहा था। सारे यात्री शाम होने की वजह से डेक को खाली कर अपने रूम की ओर जाने लगे।

सुयश अब भी डेक पर खड़ा था। वह शांत भाव से उछलती हुई लहरों को देख रहा था। उसके साथ जेनिथ, तौफीक, ऐलेक्स, क्रिस्टी , अलबर्ट, असलम, जैक, जॉनी, ब्रैंडन और ड्रेजलर भी खड़े थे।

“कैप्टन इस द्वीप का रहस्य समझ में नहीं आ रहा है।“ जेनिथ ने कहा।

“मिस जेनिथ, वैसे ‘सुप्रीम’ पर जितनी घटनाएं अभी तक घटी हैं। अगर हम वह सब समझने की कोशिश भी करें तो भी हम उसे नहीं समझ सकते। इसलिए अच्छा यही है इस सिर्फ अपने आप को खतरों से बचाने की कोशिश करें ना कि घट रही घटनाओं के पीछे दिमाग लगाने की।“ सुयश ने कहा।

“आप सही कह रहे हैं कैप्टेन।“ इस बार क्रिस्टी ने बोलते हुए कहा- “बीती बातों को भूलकर आगे आने वाले समय के बारे में हमें सोचना चाहिए।“

“वैसे कैप्टन, आपका ऐमू के बारे में क्या ख्याल है?“ तौफीक ने सुयश को ऐमू की याद दिलाते हुए कहा।

ऐमू का नाम सुन सुयश को झटका लगा-
“ऐमू......ऐमू के बारे में तो मैं भूल ही गया था.........ब्रैंडन जरा जा कर देखो ऐमू इस समय कहां है?“ ब्रैंडन सुयश की बात सुन उस ओर चल दिया, जिधर ऐमू को रखा गया था।

“वैसे ऐमू भी कम रहस्यमय नहीं है। क्यों कि वह आया था उसी द्वीप की दिशा से ही।“ ऐलेक्स ने कहा।

“जाने क्यों मुझे बार-बार ऐसा लगता है कि वो ऐमू हमें सिर्फ भटकाने के लिए ही आया था। क्यो कि जब से हम उस सुनहरे मानव के इशारे की दिशा में चले थे, हम पर कोई मुसीबत नहीं आयी थी। पर ऐमू की दिशा में चलते ही हमें पुनः वह द्वीप मिल गया।“ असलम ने कहा।

“एक बात हमने और नोटिस की कैप्टेन।“ क्रिस्टी ने कहा- “वह ऐमू जबसे हमें दिखा था, हम उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। पर वह पकड़ में नहीं आ रहा था। लेकिन जाने क्यों आपको देखते ही, वह आपको ‘दोस्त मिल गया-दोस्त मिल गया ‘ कहते हुए, आपके पास आ गया। इन सारी बातों में कुछ ना कुछ तो रहस्य है ही ?“

“यह बात तो मैंने भी महसूस की थी।“ ऐलेक्स ने क्रिस्टी की बात पर मुहर लगाई।

ये लोग बात करने में व्यस्त थे, पर असलम अपनी आंखों पर दूरबीन चढ़ा, दूर-दूर तक सागर की लहरों को देख रहा था। अचानक उसे बहुत दूर बादलों की एक टुकड़ी दिखाई दी। असलम ने अपनी दूरबीन को पुनः एडजस्ट करके उस दिशा में देखा-
“माई गॉड! कैप्टेन हमें शिप को वापस मोड़ना होगा।“ सभी हैरानी से असलम को देखने लगे।

“कैप्टेन हम जिस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, उस ओर काफी दूरी पर मुझे कुछ काले बादल से नजर आ रहे हैं। मुझे लगता है आगे मौसम बहुत खराब है। हमें उस दिशा में नहीं बढ़ना चाहिए।“ असलम ने दूरबीन आंखों पर चढ़ाए-चढ़ाए ही अपनी बात कम्प्लीट की।

सुयश ने लगभग झपटने के अंदाज में असलम से दूरबीन छीन ली व उस दिशा में देखने लगा जिधर अभी असलम देख रहा था। बादल बहुत ही खतरनाक दिख रहे थे।

“ओ....नो.....आगे तो मौसम बहुत ही खराब है। इतने भयानक बादल तो मैंने अपनी पूरी जिंदगी में नहीं देखे। बहुत ही जबरदस्त तूफान आने के आसार हैं। अगर हमारा शिप इस तूफान में फंस गया, तो हमारा बचना बिल्कुल ना मुमकिन है। हवा का बहाव भी हमारी तरफ है और वह बहुत तेज भी है। अगर इसी तरह हमारा शिप चलता रहा तो तूफान 35 से 40 मिनट में हम तक पहुंच जाएगा।..........असलम तुरंत वॉकी-टॉकी सेट दो।“ इतना कहकर सुयश ने असलम की ओर हाथ बढ़ाया।

असलम ने जेब से वॉकी-टॉकी सेट निकालकर सुयश के हाथों में रख दिया। सुयश ने वॉकी-टॉकी सेट के एरियल को खींचकर बाहर निकाला और उसे ऑन कर दिया।

“हैलो......कंट्रोल रूम। मैं कैप्टेन सुयश बोल रहा हूं।“

“हैलो....यस कैप्टेन।“ दूसरी तरफ से आवाज आयी।

“तुरंत अपने शिप को विपरीत दिशा में मोड़ लो। हम से लगभग 40 मील दूर एक भयंकर तूफान तेजी से हमारी तरफ बढ़ रहा है।“ सुयश ने कहा।

“तूफान......वह भी 40 मील दूर... ... असंभव।“ उधर से एक महीन आवाज सुनाई दी- “कैप्टेन हमारा तूफान की सूचना देने वाला यंत्र बिल्कुल सामान्य बता रहा है। शायद आपको किसी ने गलत सूचना दे दी है। हमारे यंत्र के हिसाब से अभी दूर-दूर तक मौसम साफ है।“

“मैं जो कह रहा हूं वह करो......।“ सुयश ने लगभग चिल्लाने वाले स्वर में कहा- “तूफान हमें बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा है......शिप को तुरंत मोड़ो।“

“ओ.के. सर।“ उधर से घबराई आवाज आयी।

इतना कहकर सुयश ने वॉकी-टॉकी का स्विच ऑफ कर दिया और पुनः तूफान को देखने लगा, जो अब बिना दूरबीन के नार्मल आँखों से भी दिखने लगा था।

तभी ‘सुप्रीम’ को एक झटका लगा और वह मुड़ना शुरू हो गया। बादल बहुत तेजी से ‘सुप्रीम’ की ओर बढ़ रहे थे। अब तो घनघोर काले बादलों के बीच कड़कती हुई बिजली भी सभी को साफ दिख रही थी। बादल के गरजने का शोर भी थोड़ा-थोड़ा सुनाई देने लगा था।

तभी ब्रैंडन दौड़ता हुआ वहां पहुंचा, पर अब उसकी नजरें उस भयंकर तूफान पर थीं, जो साक्षात मौत बनकर उनकी तरफ तेजी से बढ़ रही थीं।

“क्या हुआ ब्रैंडन? ऐमू कहां है?“ सुयश ने भयभीत ब्रैंडन की ओर देखते हुए पूछा।

“ऐमू अपनी जगह पर नहीं है कैप्टेन, सिक्योरिटी के लोगों का कहना है कि उन्होंने उसे मिर्चे और टमाटर खिलाए और उस पर बराबर नजर भी रखे हुए थे। तभी उन्होंने बाहर शोर की आवाज सुनी। यह आवाज उस भीड़ से हो रही थी, जिसने उस द्वीप को देख लिया था। सिक्योरिटी के लोग भी अपनी इच्छा को दबा नहीं पाये और उस द्वीप को देखने चले गए। लेकिन जब वह वापस लौटे तो ऐमू अपनी जगह से गायब था।“

“मुझको पता था कि वह अब नहीं मिलेगा। क्यों कि उसका काम पूरा हो चुका है। उसने हमें पुनः भटका दिया है।“ सुयश ने कहा।

‘सुप्रीम’अब फुल स्पीड से चल रहा था और काले बादल उसका किसी भूत की तरीके से पीछा कर रहे थे।

“यह बादल तो हमें किसी बूमरैंग या फिर इंद्रधनुष की भांति, तीन तरफ से घेर रहे हैं।“ जॉनी जिसका नशा अब पूरी तरह से उड़ चुका था, बादलों को देखता हुआ बोला।

“सही कह रहे हो, यह बादल तो बहुत अजीब से हैं।“ जैक ने कहा- “मैने अपनी पूरी जिंदगी में आज तक कभी ऐसे बादल नहीं देखे।“

शिप बहुत तेजी से चल रहा था, पर बादलों की स्पीड उनसे तेज थी। इसलिए वह बहुत तेजी से उनके पास आ रहे थे। तभी सामने वही द्वीप फिर से किसी दैत्याकार जिन्न की भांति दिखाई दिया।

अब हवाएं भी बहुत तेज हो चुकीं थीं। समुद्र की लहरें सैकड़ों फुट ऊपर उछल रहीं थीं। रह-रहकर अजीब सी फ्लैशलाइट बिखेरती बिजली बादलों में कड़क रही थी। घने काले बादलों की वजह से चारों ओर घोर अंधकार हो गया था।

“शिप की सारी सर्च लाइट्स ऑन कर दो......क्विक....मूव........ क्यों कि तूफान बहुत खतरनाक है........ हवा भी बहुत तेज है......जल्दी करो।“ सुयश वॉकी- टॉकी सेट पर तेजी से चीखा।

“कैप्टेन, बादल हमें तीन तरफ से घेर रहें हैं और चौथी दिशा में वही द्वीप है। अब हमारे पास उस द्वीप पर जाने के सिवा और कोई चारा नहीं है। जल्दी आर्डर दीजिए। हमें क्या करना है?।“ असलम ने चिल्लाकर कहा, क्यों कि आंधी और तूफान की वजह से अब आवाज सुनाई नहीं दे रही थी।

सुयश ने एक बार फिर उन पास आ रहे बादलों को देखा और फिर हथियार डालते हुए बोला-

“अगर हम इस तूफान में फंस गये, तो किसी का भी जिंदा बचना मुश्किल है। मोड़ दो....... सुप्रीम को इस रहस्यमय द्वीप की ओर मोड़ दो .....अब हमारे पास कोई चारा नहीं है, द्वीप पर जाने के सिवा।“

सुयश का आर्डर मिलते ही असलम ने तुरंत वह आर्डर कंट्रोल रूम को भेज दिया। अब शिप तेजी से उस रहस्यमय द्वीप की ओर बढ़ने लगा। बादल अब शिप के काफी पास आ गए थे।

हवा में ऊंचे-ऊंचे उछलती समुद्र की लहरों से इतना भयानक शोर हो रहा था, मानो आज प्रलय निश्चित हो। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह बादल इनका पीछा कर रहे हों।

शिप के सभी यात्री अपने-अपने कमरों में अपने ईश्वर को याद कर रहे थे। किसी ने भी मौत को इतने पास से नहीं देखा था।

“कैप्टेन हमें लाइफ बोट्स को रेडी कर लेना चाहिए क्यों कि इतना बड़ा शिप द्वीप के किनारे तक नहीं जा सकता।“ अलबर्ट ने चीखते हुए सुयश को समझाया।

अलबर्ट की बात सुन ब्रैंडन ने बिना सुयश के कहे ही अपनी सिक्योरिटी के सारे आदमियों को लाइफ बोट्स उतारने के काम पर लगा दिया। तेजी से सैकड़ों आदमी लाइफ बोट को उतारने में जुट गए।

किसी अंजानी आशंका को सोच शिप के सारे कर्मचारी सभी यात्रियों को लाइफ जैकेट भी बांटने लगे। वह रहस्यमय द्वीप शनैः-शनैः पास आता जा रहा था। बादल अब शिप के ऊपर तक आ गये थे। बिजली की तेज चमक व गड़गड़ाहट सभी के दिलों में दहशत भर रही थी।

सुप्रीम भी अब लहरों का सामना नहीं कर पा रहा था। वह किसी कागज के जहाज की भांति लहरों पर डोल रहा था। सुयश सहित अब सभी की निगाहें सिर्फ और सिर्फ उस रहस्यमय द्वीप पर थीं।

पहले जिस द्वीप से वह दूर भागना चाहते थे, अब उसी के पास जल्द से जल्द पहुंचने के लिए उतावले हो रहे थे। अब द्वीप की दूरी मात्र 3 मील रह गई थी। सभी के दिल अंजानी आशंका के कारण तेजी से धड़क रहे थे। .................................. ...........................................



जारी रहेगा_________✍️
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22 दिसम्बर 2001, शनिवार, 22:00; न्यूयार्क शहर, अमेरिका !!

“हैलो मारथा !“ माइकल ने दरवाजे से प्रवेश करते हुए, अपनी पत्नी मारथा कोसंबोधित किया -


“पैकिंग पूरी हुई कि नहीं ? याद है ना कल ही हमें शिप से सिडनी जाना है।“

मारथा ने पहले एक नजर अपनी सो रही बेटी शैफाली पर डाली और फिर मुंह पर उंगली रखकर, माइकल से धीरे बोलने का इशारा किया -

“श् ऽऽऽऽऽ शैफाली, अभी - अभी सोई है, जरा धीरे बोलिए।“
माइकल, मारथा का इशारा समझ गया। इस बार उसकी आवाज धीमी थी –


“मैं तुमसे पैकिंग के बारे में पूछ रहा था।“

“अधिकतर पैकिंग हो चुकी है, बस शैफाली और ब्रूनो का ही कुछ सामान बचा हुआ है।“ मारथा ने धीमी आवाज में माइकल को जवाब दिया।

उधर ब्रूनो, माइकल की आवाज सुन, पूंछ हिलाता हुआ माइकल के पास
आकर बैठ गया । माइकल ने ब्रूनो के सिर पर हाथ फेरा और फिर मारथा से मुखातिब हुआ-


“ये तो अलबर्ट सर ने ब्रूनो के लिए 'सुप्रीम' पर व्यवस्था करवा दी, नहीं तो उस शिप पर जानवर को ले जाना मना है और ब्रूनो को छोड़कर शैफाली कभी नहीं जाती।“

“जाना भी नहीं चाहिए।“ मारथा ने मुस्कुरा कर ब्रूनो की तरफ देखते हुए कहा -

“शैफाली खुद भी छोटी थी, जब आप ब्रूनो को लाए। देखते ही देखते ये शैफाली से कितना घुल-मिल गया । इसके साथ रहते हुए तो शैफाली को अपने अंधेपन का भी एहसास नहीं होता ।“

ब्रूनो फिर खुशी से पूंछ हिलाने लगा । मानो उसे सब समझ आ गया हो।

“अलबर्ट __________सर, कॉलेज में मेरे प्रो फेसर थे। मैं उनका सबसे फेवरेट स्टूडेंट था ।“

माइकल ने पुनः बोलना शुरू किया - “जैसे ही मुझे पता चला कि वो भी न्यूयार्क से सिडनी जा रहे हैं, तो मैं अपने को रोक न पाया । इसीलिए मैं भी उनके साथ इसी शिप से जाना चाहता हूं।“

“मगर ये सफर 65 दिनों का है।“ मारथा ने थोड़ा चिंतित स्वर में कहा–

“क्या 2 महीने तक हम लोग इस सफर में बोर नहीं हो जाएंगे।“

“अरे, यही तो खास बात होती है शिप की । 2 महीने तक सभी झंझटों से
दूऱ........। कितना मजा आएगा ।“ माइकल ने उत्साहित होकर कहा –

“और ये भी तो सोचो, कि अलबर्ट सर को भी टाइम मिल जाएगा, शैफाली के साथ रहने का । वो जरूर इसकी परेशानियों को दूर करेंगे।“

इससे पहले कि मारथा कुछ और कह पाती । ब्रूनो की “कूं-कूं“ की आवाज ने उनका ध्यान भंग कि या।
ब्रूनो, सो रही शैफाली के पास खड़ा था और शैफाली को बहुत ध्यान से देख रहा था ।
दोनों की ही नजर अब शैफाली पर थी । जो बिस्तर पर सोते हुए कुछ अजीब से करवट बदल रही थी । साथ ही साथ वह कुछ बुदबुदा रही थी । माइकल और मारथा तेजी से शैफाली की ओर भागे। मारथा ने शैफाली को हिलाना शुरू कर दिया । पर वह बिल्कुल बेसुध थी ।

शैफाली अभी भी नींद में बड़बड़ा रही थी । पर अब वो आवाजें, माइकल व मारथा को साफ सुनाई दे रहीं थीं –

“अंधेरा ........ लहरें ......... रोशनी ........ फायर
............ लाम ....... कीड़े ........ द्वीप ..... ।“


मारथा , शैफाली की बड़बड़ाहट सुनकर अब बहुत घबरा गई थी । उसने तेजी से शैफाली को हिलाना शुरू कर दिया। अचानक शैफाली झटके से उठ गई।

“क्या हुआ मॉम? आप मुझे हिला क्यों रहीं हैं?“ शैफाली ने अपनी नीली - नीली आंखें चमकाते हुए कहा ।

“तुम शायद फिर से सपना देख रही थी ।“ माइकल ने व्यग्र स्वर में कहा।

“आप ठीक कह रहे हैं डैड। मैं कुछ देख तो रही थी, पर मुझे कुछ ठीक से याद नहीं आ रहा ।“ शैफाली ने कहा ।

“कोई बात नहीं बेटी, आप सो जाओ“ मारथा ने गहरी सांस लेते हुए कहा -


“परेशान होने की जरूरत नहीं है।“
शैफाली दोबारा से लेट गई। माइकल व मारथा अब शैफाली से दूर हट गए थे।

“ये कैसे संभव है मारथा ?“ माइकल ने दबी आवाज में कहा-

“शैफाली तो जन्म से अंधी है, फिर इसे सपने कैसे आ सकते हैं। हर महीने ये ऐसे ही सपने देखकर बड़बड़ाती है।“

“आप परेशान मत हो माइकल।“ मारथा ने गहरी साँस लेते हुए कहा -

“माना कि जन्म से अंधे व्यक्ति सपने नहीं देख सकते, पर अपनी शैफाली भी कहां नॉर्मल है। देखते नहीं हो वह मात्र 12 साल की उम्र में अंधी होकर भी, अपने सारे काम स्वयं करती है और अजीब-अजीब सी पहेलियां बनाकर हल करती रहती है। शैफाली दूसरों से अलग है, बस।“

माइकल ने भी गहरी सांस छोड़ी और उठते हुए बोला - “चलो अच्छा ! तुम बाकी की पैकिंग करो , मैं भी मार्केट से कुछ जरूरी सामान लेकर आता हूं।“

23 दि सम्बर 2001, रविवार, 14:00; (“सुप्रीम “) न्यूयार्क का बंदरगाह छोड़कर मंथर गति से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा था। बंदरगाह को छोड़े हुए उसे लगभग 5 घंटे बीत चुके थे। दिसंबर का ठंडा महीना था और सूर्य भी अपनी चमकती किरणें बिखेरता हुआ, आसमान से सागर की लहरों पर, अठखेलियां करती हुई, अपनी परछाई को देखकर खुश हो रहा था ।
मौसम ठंडा होने के कारण सूर्य की गुनगुनी धूप सभी को बड़ी अच्छी लग रही थी ।

'सुप्रीम' के डेक पर बहुत से यात्रियों का जमावड़ा लगा हुआ था । कोई डेक पर टहलकर, इस गुनगुनी धूप का मजा ले रहा था, तो कोई अपने इस खूबसूरत सफर और इस शानदार शिप के बारे में बातें कर रहा था।

सभी अपने-अपने काम में मशगूल थे। परंतु ऐलेक्स जो कि एक पोल से टेक लगाए हुए खड़ा था, बहुत देर से, दूर स्लीपिंग चेयर पर लेटी हुई एक इटैलियन लड़की को देख रहा था। वह लड़की दुनिया की नजरों से बेखबर, बड़ी बेफिक्री से लेटी हुई, सुनहरी धूप का मजा लेते हुए, एक किताब पढ़ रही थी ।

ऐलेक्स की निगाहें बार-बार कभी उस लड़की पर, तो कभी उसकी किताब पर पड़ रही थी । दोनों की बीच की दूरी बहुत अधिक ना होने के कारण उसे किताब का नाम बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा था।
किताब का नाम ’वर्ल्ड फेमस बैंक रॉबरी ’ होने के कारण ना जाने, उसे क्यों बड़ा अटपटा सा महसूस हुआ।

उसे उस लड़की की तरफ देखते हुए ना जाने कितना समय बीत चुका था, परंतु उसकी नजर उधर से हटने का नाम ही नहीं ले रहीं थी। तभी एक आवाज ने उसका ध्यान भंग किया।

“हाय क्रिस्टी !“ एक दूसरी लड़की अपना हाथ हिलाते हुए उस इटैलियन लड़की की तरफ बढ़ी, जिसका नाम यकीनन क्रिस्टी था –

“व्हाट ए सरप्राइज, तुम इस तरह से यहां शिप पर मिलोगी, ये तो मैंने कभी सोचा ही नहीं था ।“

“ओऽऽऽ हाय लॉरेन!“ क्रिस्टी ने चैंक कर किताब को नजरों के सामने से हटाते हुए, लॉरेन पर नजर डालते हुए, खुशी से जवाब दिया –

“तुम यहां शिप पर कैसे? अच्छा ये बताओ, कॉलेज से निकलकर तुमने क्या-क्या किया ? इतने साल तक तुम कहां थी ? और .......।“


“बस-बस.....!“ लॉरेन ने क्रिस्टी के मुंह को अपनी हथेली से बंद करते हुए कहा- “अब सारी बातें एक साथ पूछ डालोगी क्या? चलो चलते हैं, कॉफी पीते हैं, फिर आऽऽराऽऽम से एक दूसरे से सारी बातें पूछेंगे।“

“तुम ठीक कहती हो । हमें कहीं बैठकर आराम से बात करनी चाहिए और वैसे भी तुम मुझ से लगभग 3 साल बाद मिल रही हो । मुझे भी तो पता चले इन बीते हुए सालों में तुमने क्या-क्या तीर मारे?“

यह कहकर क्रिस्टी लगभग खींचती हुई सी, लॉरेन को लेकर रेस्टोरेंट की ओर बढ़ गई।

ऐलेक्स, जो कि अब तक दोनों सहेलियों की सारी बातें ध्यान से सुन रहा था,

उसकी निगाहें अब सिर्फ और सिर्फ उस किताब पर थी, जो कि अनजाने में ही शायद वहां पर छूट गई थी । वह धीरे धीरे चलता हुआ, उस स्थान पर पहुंचा, जहां पर वह किताब रखी हुई थी । अब उसने अपनी नजरें हवा में इधर-उधर घुमाई। जब उसे इस बात का विश्वास हो गया, कि इस समय किसी की नजरें उस पर नहीं है, तो उसने धीरे से झुक कर उस किताब को उठा लिया । वहीं पर खड़े-खड़े ऐलेक्स ने उस किताब का पहला पृष्ठ खोला । जिस पर अंग्रेजी में बहुत ही खूबसूरत राइटिंग में

’क्रिस्टीना जोंस’ लिखा था।
ऐलेक्स ने चुपचाप किताब को बंद किया और धीरे-धीरे उस स्थान से दूर चला गया। लेकिन जाते-जाते वह अपने होंठों ही होंठों में बुदबुदाया-

“क्रिस्टी !“




जारी रहेगा...…:writing:
:?: kahani uss jahaj ki hai.....
Supreme...
 
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