Gully Boy
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Too hoooot Updates !!!!!
Maazaaa aagayaa !!!!
Aapki soch ke liyeh hats off
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Aapki soch ke liyeh hats off
घर
चंदा एक पल के लिए रुक गयी , किसी काम से।
अजय का घर भाभी के घर से सटा हुआ ही था।
Really,story ek sundar si kabita lagti hai apki har ek update.... awesome
जब वो मुड़ने लगा तो हँसकर मैंने कहा-
“आज तुमने मुझे जूठा कर दिया…”
शैतानी से मेरी जांघों के बीच घूरता हुआ वो बोला-
“अभी कहां, अभी तो अच्छी तरह हर जगह जूठा करना बाकी है…”
मैंने भी जोबन उभारकर, आँख नचाते हुए कहा-
“तो कर ले ना, मना किसने किया है…”
"और मान लो मना कर दो तो" वो बोला।
अजय भी अब एकदम ढीठ हो गया था ,खुल के मेरी आँखों में आँखे डाल के बोल रहा था। घर से रौशनी छन छन के आ रही थी।
" तो मत मानना ,.... । कोई जरूरी है तुम हर बात मानों मेरी। "
हिम्मत कर के मैं बोली और तब तक चंदा आगयी थी उसके साथ घर में घुस गयी।
चन्दा घर जाने की जिद करने लगी और मुझसे कहने लगी की, मैं भी उसके साथ चलूं। मुझे भी उससे कुछ सामान लेना था, गानों की कापी , जिसमें सोहर ,बन्ना , से लेकर गारी तक। लेकिन मैं अकेले कैसे लौटती, ये सवाल था।
तभी अजय दरवाजे पे नजर गया।
चन्दा ने उससे बिनती की-
“अजय चलो ना जरा मुझे घर तक छोड़ दो…”
पर अजय ने मुँह बनाया और कहने लगा कि उसे कुछ जरूरी काम है।
मैंने बहुत प्यार से कहा-
“मैं भी चल रही हूँ और फिर मैं अकेले कैसे लौटूंगी, चलो ना…”
खुशी की लहर उसके चेहरे को दौड़ गयी- “हां, एकदम चलो ना मैं तो आया ही इसीलिये था…”
चम्पा भाभी, जो मेरी भाभी के साथ किसी और काम में व्यस्त थीं, ने भी उससे कहा कि वह हमारे साथ चल चले। भाभी ने मुझसे कहा कि सब लोग पड़ोस में रतजगे में जायेंगे इसलिये मैं जब लौटूं तो पीछे वाले दरवाजे से लौटूं और बसंती रहेगी वह दरवाजा खोल देगी।
हम तीनों चन्दा के घर के लिये चल दिये। चन्दा ने अजय को छेड़ा-
“अच्छा, मैं कह रही थी तो जनाब के पास टाइम नहीं था, और एक बार इसने कहा…”
“आखिर ये मेरा माल जो है…”
और अजय ने मुझे कस के पकड़ लिया।
और मैंने भी उसकी बांहो में सिमटते हुए, चन्दा को छेड़ा- “मुझे कहीं कुछ जलने की महक आ रही है…”
चन्दा बोली- “लौटते हुए लगता है इस माल का उद्घाटन हो जायेगा, डरना मत मेरी बिन्नो…”
“यहां डरता कौन है…”
जोबन उभारकर मैंने कहा।
चन्दा के यहां से हम जल्दी ही लौट आये। रात अच्छी तरह हो गयी थी। चारों ओर, घने बादल उमड़ घुमड़ रहे थे। तेज हवा सांय-सांय चल रही थी। बड़े-बड़े पेड़ हवा में झूम रहे थे, बड़ी मुश्किल से रास्ता दिख रहा था।
मैंने कस के अजय की कलाई पकड़ रखी थी। पता नहीं अजय किधर से ले जा रहा था कि रास्ता लंबा लग रहा था। एक बार तेजी से बिजली कड़की तो मैंने उसे कस के पकड़ लिया।
हम लोग उस अमराई के पास आ आ गये थे जहां कल हम लोग झूला झूलने गये थे। हल्की-हल्की बूंदे पड़नी शुरू हो गयी थीं।
अजय ने कहा- “चलो बाग में चल चलते हैं, लगता है तेज बारिश होने वाली है…”
और उसके कहते ही मुसलाधार बारिश शुरू हो गयी। मेरी साड़ी, चोली अच्छी तरह मेरे बदन से चिपक गये थे।
Thanks so much ....your comment was really poetic...you make me blush....Really, story se jyada mujhe ek pyari kabita lagti hai apki har ek update  awesome
Arre yese na boliye, xp se apki writing skill ki fan hu.... Bas regularly update dijiye... Yehi ek request haiT
Thanks so much ....your comment was really poetic...you make me blush....
Update tdoayMastttt & Gajab & Jabardast updates dear
Kya hot updates h kya kahu , upr se pics ka kya kahna kamaal h
Kya y bijali wali gif mai use kr sakta hu kya
Waiting for next