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Incest हाए मम्मी मेरी लुल्ली (Completed With gifs)

Nevil singh

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“वैसे मुझे मालूम है, शुरू-शुरू में आदमी को सिखाने में समय लगता है, लेकिन मैं देखूंगी कुछ दिनों के या......कुछ रातों के एक्सपीरियंस के बाद तू कितना फ़ास्ट फ़ास्ट काम कर सकता है.......” सलोनी का असल मतलब क्या था, राहुल बाखूबी समझता था शायद इसीलिए उसके गाल लाल हो रहे थे | वो अपनी मम्मी को क्या जवाब दे क्या नहीं, उसकी समझ नहीं आ रहा था और उसकी ऐसी हालत देख सलोनी को जैसे बहुत ख़ुशी मिल रही थी | वो उसे इस तरह परेशान करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती थी |

“अभी क्या बोलती बंद हो गई? अभी से डर लगने लगा कि यहाँ पे परफॉरमेंस भी चेक होगी, हुंह... टेंशन में आ गये लाट साहब? अब क्या करूँगा? कैसे करूँगा? यही सोच रहे हो ना” सलोनी इतनी बेरहम भी हो सकती थी, उसे खुद मालूम नहीं था |

“क्या मम्मी, अब बस भी करो ... आप अच्छे से जानती हैं, मैं कभी पीछे नहीं हटता, कभी घबराता नहीं हूँ, हमेशा अव्वल आता हूँ” राहुल अपने आत्मसम्मान की रक्षा करता है |

“ओह्ह्ह्ह.....देखो तो कभी पीछे नहीं हटता... कभी घबराता नहीं.... फिर टाँगे क्यों कांप रहे हैं तुम्हारी ...देखना कहीं गिर ना जाना” सलोनी कमर पर हाथ रखे चेहरे पर खुशक भाव लिए राहुल को कहती है | मगर उसे ना जाने कितनी कोशिश करनी पड़ रही थी अपनी हंसी रोकने के लिए |
“किसकी टाँगे कांप रही हैं.......कहाँ टांगें कांप रही हैं” राहुल खीझ उठता है |

“किसकी टांगें कांप रही हैं? तुम्हारी और किसकी... देखो अब कहीं डर के मारे पेंट ना गीली कर देना...... ओह यह क्या ... मुझे तो लगता है तुमने वाकिया में पेंट गीली कर दी है...” सलोनी हैरान होने का नाटक करती हुई राहुल की पेंट की और इशारा करती है | यहाँ ज़िपर की साइड में एक गीले धब्बे का निशान था हालाँकि वो बाखूबी जानती थी कि वो धब्बा उसकी गांड की करतूत का नतीजा था मगर राहुल को परेशान करने का मौका वो हाथ से कैसे जाने देती |

“मम्म्म्मम्मम्ममी........” राहुल खीझ कर लगभग चिल्ला ही पड़ता है | उसे यकीन नहीं हो रहा था उसकी माँ उसे इस हद्द तक परेशान कर सकती है | सलोनी मुंह घुमा लेती है | उसका बदन हिल रहा था अब उससे हंसी रोकना बहुत मुश्किल काम जान पड़ती था |
fatfati update.
 

Nevil singh

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“ठीक है....... ठीक है, चिल्लाने की जरूरत नहीं है, मुझे तो चिंता हो रही थी कि कहीं दोपहर की तरह फिर से पेंट तो गीली नहीं कर दी क्योंकि अब मेरा दिल कपडे धोने को बिलकुल भी नहीं कर रहा”, सलोनी मुंह घुमाए किचन काउंटर से सामान समेटती अपनी हंसी छुपाने का प्रयत्न कर रही थी |

“मम्मी भगवान के लिए बस भी करो” राहुल हथियार डालता बोलता है | उसे मालूम था जुबानी जंग में माँ से जीतना उसके बस की बात नहीं थी |

“अरे भगवान को क्यों बीच में ला रहा है, तुम्हारी पेंट तुमने गीली की है, कोई भगवान ने थोडे की है” सलोनी प्लेट्स में सब्जी डालती बोलती है |

“ठीक है नहीं मानोगी तो ना सही, बोलो जो बोलना है, डैड आएँगे तो मैं उनसे आपकी शिकायत करूँगा कि आप मुझे किस तरह परेशान करते हो” राहुल अपनी माँ पर दवाब डालने की कोशिश करता है |

“ओह्ह्ह्ह.... डैड से शिकायत? सच में आने दो डैड को, मैं भी शिकायत करूंगी, तू मुझे किस किस तरह परेशान करता है, अपना वो मुझे कहाँ कहाँ चुभोता है, फिर बार बार पेंट गीली करके मेरे धोने के लिए छोड़ देता है, मैं भी सब बताउंगी, मगर तू खुद ही तो कहता था कि तु मुझे कंपनी देगा, तुझसे मेरा अकेलापन नहीं देखा जाता और अब इतनी जल्दी ऊब गया” सलोनी प्रहार पर प्रहार किये जा रही थी | हंसी से उसकी बुरी हालत थी |

“मैं ऊबा नहीं हूँ , आप ही मुझे मज....”

“सलाद की प्लेट्स मेज़ पर रखो”, सलोनी अचानक से राहुल की बात बीच में काटकर बोलती है, “फ्रीजर से थोडा ठंडा पानी निकाल लो, मैं रोटी, सब्जी और रायता रखती हूँ, जल्दी करो, बातों पे ध्यान कम दो और काम पे ज्यादा, कब से बातें किये जा रहे हो, बातें किये जा रहे हो, रुकते ही नहीं” राहुल आँखें गोल करके सलोनी को घूरता है और उसके माथे पर बल पड़ जाते हैं |

“और मुझे ऐसे घूरना बंद करो, मुझे बहुत भूख लगी है, तुम्हारा पेट तो बातों से भर जाता होगा, मगर मेरा नहीं भरता, कब से सुन रही हूँ, कानो में दर्द होने लगा, मगर तुम हो कि मानते ही नहीं” सलोनी कमर पर हाथ रखे राहुल को चिडाती है | राहुल कुछ बोलने के लिए मुंह खोलता है मगर फिर से चुप्प हो जाता है और अविश्वास से सर हिला सलाद की प्लेट उठाता है और खाने के मेज़ की तरफ बढ़ जाता है |
khubsurat update.
 

Nevil singh

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खाने के टेबल पर सलोनी और राहुल दोनों चुपचाप खाना खा रहे थे | खाना कितना मजेदार था, इस बात का पता इस बात से चलता था कि राहुल बहुत खीझा होने के बावजूद खाने को मज़े से खा रहा था | मगर फिर भी वो बीच बीच में ‘आहत’ भरी नज़र अपनी माँ पर जरूर डालता | जो उसकी तरफ खाना खाते हुए बिलकुल बेपरवाही से देख कंधे झटक देती है |

सलोनी पानी का गिलास उठा के घूँट भरती है, तभी राहुल फिर से उसकी और गुस्से भरी निगाह से देखता है | सलोनी इस बार कण्ट्रोल नहीं कर पाती और खिलखिला कर हंस पड़ती है | वो ज़ोरों से खुल कर हंसने लगती है | उसके हंसने से राहुल और भी खीझ उठता है | सलोनी ‘ओके... ओके’ बोलती खुद को रोकने की कोशिश करती है मगर वो चुप नहीं रह पाती | हर बार वो खिलखिला कर हंस पड़ती है |

राहुल शुरू से जानता था उसकी माँ उसे जानबूझकर चिढ़ा रही है मगर वो उसके इस तरह जोर से हंसने से खीझ उठा और खाना बंद कर दिया | उसका दिल किया वो वहां से उठ कर चला जाये | ‘सॉरी.......सॉरी..... प्लीज’ सलोनी उसे हाथ से इशारा करके खाना खाने को कहती है | राहुल जैसे ही चम्च मुंह की तरफ लेकर जाता है | कमरा फिर से सलोनी की हंसी से गूँज उठता है | अब बस.....और नहीं’ वो उठने से पहले एक नज़र अपनी माँ पर डालता है जो अपने मुंह पर हाथ रखे खुद को रोकने की कोशिश कर रही थी, अचानक राहुल भी ज़ोरों से हँसने लगता है | कमरे का माहोल बेहद्द ख़ुशनुमा हो उठता है | दोनों माँ बेटा खाना छोड़ काफी देर तक हँसते रहते हैं | अंत में दोनों थोड़े शान्त पड़ जाते हैं |

“उफ्फ्फ्फ़... हे भगवान......” सलोनी को खुद याद नहीं था वो इस तरह खुल कर पहले कभी हंसी थी | बल्कि उस घर में इस तरह पहले कभी ऐसी हंसी कब गूंजी थी | सलोनी अपनी जगह से उठती है और मुस्कराते हुए राहुल के पास जाती है | राहुल उसे सवालिया नज़रों से देखता है मगर सलोनी उसे कोई जवाब नहीं देती |
सलोनी राहुल के पास जाकर उसके चेहरे को अपने हाथों में थाम लेती है और बिना कुछ कहे अपने होंठ उसके होंठो पर रख देती है |

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सलोनी राहुल के होंठो पर एक ज़ोरदार चुम्बन लेती है | अपनी जिव्हा से उसके होंठो को चाटती है और फिर से एक मीठा सा चुम्बन लेकर अपना चेहरा उसके चेहरे से दूर हटा लेती है |

“थैंक यू बेटा, थैंक यू सो मच” सलोनी ने वो अलफ़ाज़ सिर्फ अपने मुंह से नहीं बोले थे बल्कि राहुल अपनी माँ की आँखों में उन लफ्जों की भावना भी देख सकता था कि उसकी माँ कितनी खुश थी और इसके लिए वो उसकी कितनी शुक्रगुज़ार थी |

वो चुम्बन एक प्यासी नारी का अपने बेटे से कामौत्तेजना में लिया चुम्बन नहीं था | हालाँकि वो एक माँ बेटे का चुम्बन भी नही कहा जा सकता था मगर उस चुम्बन में राहुल ने सिर्फ और सिर्फ अपनी माँ का प्यार ही अनुभव किया था, इसके सिवा कुछ नहीं, इसके सिवा कुछ भी नहीं |
atulniye update.
 

Nevil singh

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सलोनी वापिस अपनी कुर्सी की और जाने लगती है और जैसे ही उसकी राहुल की और पीठ होती है तो राहुल उसके जाते जाते पीछे से उसकी गांड पर हाथ फेर देता है |

“ईईईईईई....आअह्ह्ह्ह.... शैतान” सलोनी मुस्कराती हुई वापिस कुर्सी पर बैठ जाती है | दोनों माँ बेटे फिर से खाना खाने लगते हैं | दोनों बहुत खुश थे और मुस्करा रहे थे | राहुल की नज़र बार बार अपनी माँ के चेहरे की और उठ जाती है | इतना हंसने के बाद सलोनी का चेहरा कुछ लाल गुलाबी सा पड़ गया था | उसके होंठो की मुसुराहट उसके चेहरे की मासूमियत और सबसे बढ़कर उसके नाक की बाली ....... ‘उफ्फ्फ कितनी प्यारी कितनी सुन्दर है उसकी माँ...........’राहुल बस यही सोचे जा रहा था | अपनी माँ की सुन्दरता पर उसका मन मोहित होता जा रहा था |

राहुल अपनी जगह से उठता है और अपनी माँ और जाता है | सलोनी उसे सवालिया नज़रों से देखती है | वो सलोनी के चेहरे को हाथों में थाम लेता है और अपना चेहरा उसके चेहरे पर झुका देता है | उसके माथे पर, उसकी आँखों पर, उसके गालों पर, उसकी नाक पर जी भरकर चुम्बन लेने के बाद राहुल अपना चेहरा उपर उठाता है तो देखता है कि उसकी माँ की आँखें बंद थी | उसके चेहरे की मासूमियत उसकी वो सुन्दरता जो उसके मन को ठग रही थी, अब और भी बढ़ गई थी | राहुल फिर से अपना चेहरा नीचे लाता है और फिर से अपनी माँ के चेहरे को चूमने लगता है | वो सलोनी को चूमता जाता है, चूमता जाता है जैसे उसका मन नहीं भर रहा था, खास कर वो उसकी नाक की बाली की जगाह पर बार बार चूम रहा था | आखिरकार जब वो अपना चेहरा ऊपर उठाता है तो सलोनी धीरे से आँख खोल देती है | उसकी आँखें बता रही थी कि वो अपने बेटे के इस प्यार प्रदर्शन से कितनी खुश थी |

सलोनी अपने होंठ सिकोड़ कर चूमने के अंदाज़ में बाहर को निकालती है और राहुल को देखकर अपनी ऊँगली को होंठो से छूते हुए उसे इशारा करती है | राहुल फिर से अपना चेहरा नीचे लाता है और अपने होंठ अपनी माँ के होंठो से सटा देता है |

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“उम्म्मम्ह्ह्ह.......उम्म्मम्ह्ह्हह्ह.......उम्म्म्मम्म्म्हह्ह्ह्ह” एक के बाद एक सलोनी राहुल के होंठो पर चुम्बन लेती है या कहिए देती है | जब राहुल और सलोनी अपन चेहरे वापिस खींचते हैं तो दोनों के होंठ ही नहीं चेहरे भी मुस्करा रहे थे | सलोनी राहुल के हाथ अपने हाथों में ले लेती है |

“थैंक यू बेटा, थैंक यू सो मच, तुम्हे नहीं मालूम, तुमने मुझे आज कितनी ख़ुशी दी है, आज कितने सालों बाद मुझे लग रहा है कि ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत हो सकती है,” सलोनी बेटे के हाथ को चूमती है तो राहुल उसके सर पर हाथ फेरता है और फिर से उसके होंठो पर एक प्यारा सा चुम्बन लेता है | राहुल को उस समय ऐसा लग रहा था जैसे उसकी माँ से बढ़कर दुनिया में कुछ भी प्यारा नहीं हो सकता |
mahkti update.
 

Nevil singh

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“चलो अब बहुत प्यार कर लिया अपनी माँ को, अब खाना फिनिश करो” दोनों फिर से खाना शुरू करते हैं | माँ बेटे दोनों के दिल में मीठी सी गुदगुदी हो रही थी | अब राहुल को भी पहले के मुकाबले थोड़ी कम शर्म आ रही थी वो अपनी माँ के साथ सहजता महसूस कर रहा था |

खाने के बाद दोनों सिंक में अपने अपने बरतन डालते हैं | सलोनी के मना करने के बावजूद राहुल उसके साथ बरतन धुलवाने लगता है | जैसे ही एक प्लेट धुलती और राहुल उसे होल्डर में रख देता है | सलोनी उसे देखती है और अपना मुंह आगे करती है | राहुल भी तुरंत अपना मुंह आगे को बढ़ा देता है | दोनों के होंठ मिल जाते हैं |
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“मुव्व्व्वाआह्ह्ह्ह.....” की आवाज़ के साथ दोनों के होंठ अलग होते हैं | माँ बेटा दोनों एक दुसरे को देख हँसते हैं | उसके बाद अगली प्लेट धुलने के बाद फिर से राहुल सलोनी की और देखता है | सलोनी तुरंत अपना मुंह आगे बढ़ा देती है |

“मुव्व्व्वाआह्ह्ह्ह....” के साथ फिर से उनके होंठ अलग होते हैं और बच्चों की तरह खिलखिला कर हंस पड़ते हैं | फिर तो माँ बेटे के बीच चुम्बनों का सिलसिला सा शुरू हो गया | हर प्लेट, हर कप, हर बर्तन यहाँ तक कि एक छोटा सा चम्च भी धोने के बाद वो एक दुसरे को चुमते | दोनों के मन शरारत से भरे हुए थे | दोनों से ख़ुशी संभाली नहीं जा रही थी | जब तक बर्तन धुलते तब तक वो इतनी दफा एक दुसरे को चूम चुके थे कि उनकी साँसे गहरी हो चुकी थीं , धडकने बढ़ चुकी थी | राहुल का लंड झटके मार रहा था और सलोनी कि चूत रस से सरोबर हो चुकी थी | बर्तन धोने के पश्चात् दोनों ने एक लम्बा सा चुम्बन लिया और तौलिये से हाथ पोंछते सलोनी राहुल को ड्राइंग रूम में भेजती है | खुद दूध गर्म करने लग जाती है |

सलोनी हाथ में ट्रे पकड़े ड्राइंग रूम में दाखिल होती है | ट्रे में दूध के साथ एक पॉपकॉर्न का पैकेट भी था | राहुल पहले की तरह टेबल पर पाँव रख सोफे की पुश्त से टेक लगाकर सोफे की एक साइड में बैठा था | सलोनी ट्रे को टेबल पर रखती है तो राहुल दूध देखकर नाक भोंह सिकोड़ता है | उसे शुरू से दूध पसंद नहीं था मगर पीना उसे हर रोज़ पड़ता था |
manmohak update.
 

Nevil singh

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“क्या माँ.... आज तो रहने देती? एक दिन नहीं पियूँगा तो कुछ हो नहीं जाएगा मुझे”

“आज तो तुझे दूध की सख्त जरूरत है....कोई और दिन होता तो और बात थी... आज तो तुझे सख्त मेहनत करनी है”

“दूध पिए बिना कोई क्या सख्त मेहनत नहीं कर सकता?”

“कर सकता है अगर उसकी पेंट गीली ना होती हो” राहुल ने अपनी माँ की और आहत नज़रों से देखा |

“वैसे भी दूध नहीं पिएगा तो ताकतवर कैसे बनेगा और ताकतवर नहीं बनेगा तो फिर फ़ास्ट फ़ास्ट कैसे करेगा?”

“मुझमे बहुत ताकत है.... सारा दिन तुमको उठाके घूम सकता हूँ” राहुल जैसे चैलेंज करता है |

“अच्छा चलो देखते हैं कितनी ताकत हैं तुममे........ घूमाना बाद में... पहले बिठाकर तो दिखा” कहकर सलोनी खड़ी होती है और आगे बढ़कर सीधा राहुल की गोद में बैठ जाती है और अपनी बांह उसकी गर्दन पर लपेट देती है |
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“आ...आऊच” राहुल लंड पर सलोनी की गांड का वजन पड़ते ही कराह उठता है | वो इस अचानक हमले से हडबडा गया था |

“क्या हुआ, तकलीफ हो रही हो तो उतरूं” सलोनी राहुल की और आँख नचाकर कहती है | राहुल सलोनी की पीठ पीछे हाथ घुमाकर उसे अपनी गोद में अच्छे से थाम लेता है और फिर दुसरे हाथ से उसकी पूर्णतया नंगी जांघो को सहलाता है |

“तुम्हारा जब तक दिल चाहे तुम मेरी गोद में बैठ सकती हो, मैं तुम्हे उठने के लिए नहीं कहूँगा” राहुल का हाथ सलोनी के घुटने से शुरू होकर उसके अंडरवियर के निचले सिरे तक घूम रहा था |
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Nevil singh

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b
“चाहे मेरे वजन से तुम्हारी जान ही निकल जाये?” सलोनी राहुल की आँखों में देखती बोलती है |

“तुम्हारा कौन सा वजन है मम्मी, तुम तो फूलों से भी हलकी हो” राहुल ने अपनी माँ के कान में कहा |

“अच्छा ,,,, जैसे मुझे नहीं मालूम मैं कितनी वजनी हूँ” सलोनी धीमे से स्वर में कहती है |


“अपनी तारीफ़ करवाना चाहती हो....?” सलोनी कुछ नहीं बोलती तो राहुल जांघो को सहलाता अपना हाथ अंडरवियर के ऊपर तक लाने लगता है |

“मम्मी आपकी स्किन कितनी कोमल है...... कितनी नरम और मुलायम ... आप कितनी गोरी गोरी हो मम्मी” सलोनी कुछ देर चुप रहती है | बेटे के हाथ के स्पर्श से उसके पूरे बदन में सिहरन दौड़ रही थी | चूत से रस बहकर बाहर आने लगा था | वो खुद अपने रस की सुगंध ले सकती थी |

“क्यों झूठी तारीफ कर रहा है, मुझे मालूम है, मैं कितनी सुन्दर हूँ” सलोनी के कान तरस रहे थे बेटे के मुंह से अपने हुस्न की तारीफ सुनना | उसे बहुत अच्छा लग रहा था |

“झूठ नहीं मम्मी..... सच में ..... आप जैसी सुन्दर मैंने कभी कोई नहीं देखी... आपका चेहरा कितना प्यारा है” राहुल से रहा नहीं जाता | वो फिर से अपनी माँ के गाल को चूम लेता है “और मम्मी..... और....” राहुल कुछ ज्यादा ही जोश में था | वो जो कुछ भी कह रहा था, कर रहा था, उसकी मम्मी उसका कोई बुरा नहीं मान रही थी बल्कि चेहरे से लग रहा था उसे अच्छा लग रहा था |

“और .... और क्या .... बोल ना....” सलोनी बैचेनी से बोल उठती है |

“मम्मी आपकी नाक की बाली आप पर बहुत जंचती है, इससे आपका चेहरा और भी प्यारा लगता है, आप सच में बहुत सुंदर हो मम्मी... आपका मंगलसूत्र ...” राहुल झिझक उठता है |
behtreen update.
 

Nevil singh

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“मेरा मंगलसूत्र ... वो क्या ... बोलो ना मेरा मंगलसूत्र क्या?” सलोनी राहुल की गर्दन पर तेज़ साँसे छोडती उसे जीव्ह से चाट रही थी |

“आपका काला मंगलसुत्र आपके गोरे रंग पर कितना फबता है .... और ... और”

“अब बोल भी दो......क्यों सता रहे हो” सलोनी अधीरता से बोल उठती है |

“आप बुरा मान जाओगे मम्मी” राहुल मासूमियत से बोलता है |

“अब कैसे गुस्सा करुँगी... तेरी गोद में बैठी हूँ... तेरे इसने गुस्सा करने लायक छोड़ा कहाँ है” सलोनी भड़के हुए लंड पर गांड रगडती बोलती है, “तू कुछ भी बोल... कुछ भी...” सलोनी बुरी तरह अकड़े लंड को धीरे धीरे नितम्ब हिलाकर रगड़ रही थी | राहुल का चेहरा वासना से लाल होता जा रहा था |

“माँ वो आपका मंगलसूत्र ... वो जब दोपहर को ... मैंने देखा था... बाथरूम में... जब आपने कपडे नहीं पहने थे... आपका मंगलसूत्र ... वो आपके सीने पर... आपके ... आपके ... उन दोनों के बीच ... उफ्फ्फ्फ़... मम्मी... काला मंगलसूत्र... उन दोनों के बीच बहुत प्यारा लग रहा था” |

“सिर्फ प्यारा लग रहा था...... तूने तो सब कुछ देख लिया था..... मैं सोचती थी तुझे कुछ भी लगा होगा.....” सलोनी राहुल के कान की लौ को दांतों से काटती बोलती है |

“हाँ मम्मी.... वो... वू.... बहुत ... बहुत ... सेक्सी भी... सेक्सी भी लग रहा था... आपक्ली नाकिकी बाली भी कितनी सेक्सी है ... आप बहुत सेक्सी हो मम्मी... सच में मम्मी... आप बहुत.. बहुत सेक्सी हो”

“तूने तो मुझे लगभग निराश ही कर दिया था.. मुझे लगा शायद मैं तुझे सेक्सी नहीं लगती...” सलोनी पहले की तरह राहुल के कान की लौ काटती बोलती है, कुछ देर दोनों में छुपी छा जाती है |

“मम्मी..... मम्मी....” राहुल बिलकुल धीमें से फुसफुसा कर बोलता है |

“अब क्या...... बोल ना... जो भी बोलना है ..............” सलोनी लंड को अपनी गांड से सहलाती बोलती है |

“मम्मी आप मुझे कह रहे थे ....” राहुल एक पल के लिए चुप हो जाता है फिर अपना मुंह सलोनी के कान के नज़दीक लाकर फुसफुसाता है |
rochak update.
 

Nevil singh

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“मम्मी आप मुझे कह रही थीं..... मगर आप ने भी अंडरवियर को गीला कर दिया है” |

सलोनी की नज़र नीचे जाती है तो उसे अंडरवियर के सामने एक गीला धब्बा दिखाई देता है |

“मैं तो सुबह से ही गीली हूँ, मेरी तो गंगा यमुना की तरह रस बहा रही है” |

“सुबह से मम्मी?”

“सुबह से ... जब से तेरे इसको चूसा है... ऊपर से तू बार बार इसे मेरे चुभो रहा था... अभी भी देख कैसे चुभ रहा है... बड़ा शैतान है यह तेरा... देख मेरी क्या हालत कर दी है” सलोनी राहुल का हाथ अपने घुटने से हटाकर अपनी अंडरवियर
पर अपनी चूत के ऊपर रख देती है |

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राहुल तुरंत चूत पर हाथ रखकर दबा देता है | उसे चूत के होंठ महसूस हो रहे थे मगर मर्दों का अंडरवियर होने के कारण सामने से उसका डिजाईन ऐसा था कि वो अपनी माँ की चूत को वैसे नहीं महसूस कर सकता था जैसे उसने दोपहर को उसी सोफे पर की थी जब उसने पायजामे के अन्दर हाथ डालकर उसकी चूत को भीगी कच्छी के ऊपर से मसला था, तब तो उसे ऐसे लगा था जैस उसकी माँ ने कच्छी पहनी ही नहीं थी | उसने दिल में सोचा काश उसकी माँ ने उसके अंडरवियर की जगह अपनी कच्छी पहनी होती | राहुल के सहलाने से सलोनी सिसकियाँ भरने लगी थी | उसे लगने लगा था कि शायद उसके चुदने का समय आ गया था |

“राहुल.... राहुल....” सलोनी अपने बेटे को पुकारती है जो अपनी दुनिया में खोया हुआ था |

“बेटा मैं सोच रही थी क्योंकि अब तुम घर पर रहने वाले हो तो अगर हम सारा दिन घर पर खाली हाथ बैठेगें तो सही नहीं होगा, हमें कुछ ना कुछ ऐसा काम करना चाहिए जैसे हमारी थोड़ी बहुत कसरत हो जाए..... काम तो यहाँ कुछ... है नहीं” सलोनी सिसकीयों के बीच बोलती है |

“क्या मतलब मम्मी... मैं समझा नहीं” राहुल अब बेहिचक चूत को अंडरवियर पर से मसले जा रहा था |
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“मेरा मतलब सारा दिन खाली बैठने से हम आलसी होते जायेंगे... शरीरक क्षमता कम होती जाएगी.. इसलिए हमें कोई काम वगैरा करना चाहिए जैसे ... हमारी सेहत ठीक रहे...” सलोनी की सिसकियाँ ऊँची होती जा रही थी और वो राहुल की आग को और भड़का रही थी |

“कोन...सा ...कोन..सा..काम... मम्मी” राहुल की उँगलियाँ अंडरवियर के सामने की उस डिजाईन में घुसने लगती हैं यहाँ लंड बाहर निकाल कर पेशाब किया जाता है |


“यही तो मैं सोच रही थी... काम तो यहाँ है नहीं.....” सलोनी राहुल के लंड को अपनी गांड पर झटके मारता महसूस कर रही थी,“क्यों... ना हम कोई खेल खेले.. तो कैसा रहेगा” सलोनी राहुल की उँगलियाँ को अंडरवियर को सामने से खोलते महसूस कर रही थी | अब उसका बेटा जल्द ही उसकी नंगी छूट को छूने वाला था | यह सोचकर सलोनी के पूरे बदन में कम्कम्पी सी होंने लगती है | पहली बार उसका बेटा उसकी नंगी चूत को छूने वाला था |

“कैसा खेल मम्मी....” राहुल की उँगलियाँ अंडरवियर के होल से होती हुई चूत को स्पर्श करती हैं |

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“आहह्ह्हह्ह्ह्ह.... हे भगवान.......” सलोनी चीख पड़ती है “कोई भी ऐसा खेल..... जिसमें उफ्फ्फ्फ़......हम दोनों खूब मज़ा करें ... आह......खूब.......खूब... मस्ती करने को मिले...... आह्ह्ह्ह.......उन्न्न्नन्न्गग्गह्ह्हह्ह्ह्ह..... ऊउफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ ... थोडा तुम्हारा ज़ोर लगे.... इइइइइआह.... थोडा मेरा ज़ोर लगे... कोई ऐसा खेल....” सलोनी दांतों से निचे वाला होंठ काटते हुए ऐसे सिसक सिसक कर बोल रही थी |

राहुल अपनी उँगलियों को चूत में धकेलना चाहता था मगर अंडरवियर के होल की बनावट उसकी ऊँगली को ज्यादा अन्दर तक नहीं जाने दे रही थी |
sishak update.
 

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सलोनी अपने कमरे में जाती है और सीधे बाथरूम में घुस जाती है | कुछ देर नहाने के बाद बदन पोंछती है | अपने वार्डरोब से एक पेंटी और एक सिल्क की नाईटी निकालती है | अपनी देह को शीशे में निहारती वो अपने चेहरे को देखती है | उसके चेहरे पर कैसे अजीब से भाव थे | वो एक तरफ को हट जाती है | वो ड्रायर से कोई परफ्यूम निकालती है और उसे बदन पर लगाती है | फिर वो अपनी पेंटी और नाईटी पहनती है | अपने बालों का जुड़ा बनाती है | चेहरे पे हल्का सा मेकअप करती है, अंत में दोबारा शीशे में खुद पर एक निगाह डालती है | उसके सामने शीशे में सलोनी नहीं कयामत थी | उसकी सिल्क की नाईटी से हालाँकि उसके अंग तो नहीं दिख रहे थे
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मगर सिल्क की वो नाईटी उसके बदन के कटावों और उभारों को इस तरह से चूमती, सहलाती थी और उन्हें इस प्रकार अलींगनबध करती थी कि वो किसी पारदर्शी नाईटी से बढ़कर उत्तेजनात्मक दृश्य पैदा करती थी | संतुष्ट होकर सलोनी बेडरूम में चली जाती है |

राहुल बेड पर एक तरफ टांगें लटका कर बैठा हुआ था | सलोनी दूसरी तरफ से बेड के ऊपर चड़ती है |

“बेटा ऐसे क्यों बैठे हो? ऊपर आराम से बैठो ना” सलोनी उसे प्यार से कहती है और कमरे की लाइट बुझा देती है और नाईट बल्ब को जला देती है | कमरे में काफी अँधेरा था, मगर कुछ समय बाद जब उनकी आँखें अँधेरे में एडजस्ट होती हैं तो दोनों एक दुसरे को बाखूबी देख सकते थे, एक दुसरे के चेहरे को बाखूबी पढ़ सकते थे |

“राहुल ऊपर आओ ना बेड पर, इस तरह क्यों बैठे हो” राहुल पहले की तरह ही बेड के सिरहाने टाँगे नीचे लटका कर बैठा रहता है और वो अपनी माँ की और देखता है तो सलोनी उसके चेहरे पर नाराज़गी साफ़ देख सकती थी |

“मुझसे नाराज़ हो” सलोनी धीमे से पूछती है |

“नहीं मैं भला क्यों नाराज़ होने लगा आपसे”, आखिरकार राहुल मुंह से कुछ फूटता है और अपनी टाँगे उठाकर बेड पर रख लेता है और तकिए पर सर रखकर बेड पर लेट जाता है |

“देखो बेटा अगर तुम इस बात के लिए नाराज़ हो कि ...”
Mantermugdh update.
 
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