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Incest हाय रे ज़ालिम.....

Rakesh1999

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देवा और पप्पू बात करते है।
 
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Rakesh1999

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रात की चुदाई के बाद देवा और ममता नंगे ही सो गए थे लेकिन अभी सुबह होने वाली थी। 4 बज चूके थे। देवा जब उठता है तो ममता पूरी नंगी देवा की तरफ गांड करके सो रही थी। अपनी बहन की मतवाली गांड देखकर देवा का लंड खड़ा होने लगता है ।

अब देवा ममता के गांड में थूक लगाता है और
अपने खड़े लंड को ममता के गांड के भूरे छेद पर सेट करके एक धक्का लगाता है। एक ही धक्के में देवा का आधा लंड उसकी बहन ममता की गांड में घुस जाता है।

ममता उईईईईई माँ की चीख के साथ उठने की कोशिश करती है लेकिन देवा उसे अपनी बांहों में भर लेता है और उसकी चुचियों को मसलने लगता है। अब धीरे-धीरे ममता भी शांत होने लगती है । तभी देवा एक जोर का धक्का मारता है और अपने पूरे लंड को अपनी बहन ममता की गांड में जड़ तक पेल देता है और सुबह-सुबह अपनी बहन ममता की गांड मारने लगता है ।

5 मिनट की दवा चुदाई में ही ममता भी मस्ती में आ जाती है और अपनी गांड हिलाने लगती है। देवा बहुत खुश होता है और ममता को धीरे से कुत्तिया बना देता है और उसकी गांड मारने लगता है।

ममता जोर जोर से चिल्ला कर अपनी गांड मरवाने लगती है। ममता की आवाज सुनकर रत्ना भी उठ जाती है और ममता के रूम में चली जाती है। सुबह-सुबह ममता के गांड की चुदाई देखकर रत्ना की चूत भी भल भल पानी छोड़ने लगती है। देवा के सामने ही रत्ना भी अपनी चुत सहलाने लगती है।

देवा अपनी माँ को अपने पास बुला लेता है और रत्ना की चूचियों को दबाने लगता है और उसके होठों को चूसने लगता है। रत्ना भी पूरी तरह से गर्म हो जाती है।इधर देवा का लंड उसकी बहन ममता की गांड में अंदर बाहर हो रहा है और साथ में देवा अपनी मां के होंठों को चूस रहा है।


अब देवा अपने लंड को ममता की गांड से निकाल लेता है और रत्ना के कपडे उतारने लगता है।

फिर दोनों औरतें देवा के होंठों से चिपक जाती हैं। लग रहा था वो कई महीने की प्यासी थीं और उनकी प्यास देवा अपनी जीभ उनके मुँह में डालकर बुझा रहा था।
 

Rakesh1999

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ममता देवा के होंठो को चूमते हुये नीचे सरकती चली जाती है, और देवा के लंड को दोनों हाथों से पकड़ लेती है। देवा का लण्ड बहुत टाइट था, बाकी गीला उसे करना था। वो एक अच्छी बहन की तरह अपने भाई के लण्ड को अपने होंठों से चूमती है। और फिर उसपे जीभ फिराकर उसे अपने मुँह में भर लेती है “गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…”

देवा रत्ना को इशारे से अपने मुँह पे बैठने को कहता है, तो रत्ना अपनी दोनों टाँगें खोलकर देवा के होंठों पे अपनी चूत लगा देती है। देवा अपनी लंबी जीभ को बाहर निकालकर रत्ना की गीली चूत में डालने लगता है-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…”

रत्ना की चूत अपने बेटे के चूमने से सिहर उठती है, और उसमें चिंगारियाँ जलने लगती हैं “उंह्म्मह… आह्म्मह… आह्म्मह… उंह्म्मह…”

देवा के दाँत रत्ना की चूत की क्लिट को कुरेदने लगते हैं, जिससे रत्ना की चूत की फांकें पूरी तरह खुल सी जाती हैं। देवा बुरी तरह से रत्ना की चूत चाट रहा था, क्योंकी उसके लण्ड को ममता अपने गले तक उतार के चूस रही थी:अह्म्मह… आराम से कर साली रंडी आहह…”

ममता:“नहीं, मुझे आज मत रोको भइया… गलप्प्प-गलप्प्प उन्ह… प्यासी है आपकी बहन… गलप्प्प उन्ह… पीने दो ना अपना पानी गलप्प्प…”

देवा:“मुझे पेशाब करके आने दे साली। तू जानती है सुबह सुबह तेज पेशाब लगती है... आह्ह्ह्हह…”

ममता:“मेरे मुँह में करो आह्ह्हह… मुझे पीना है…”

ममता की ये बात सुनकर रत्ना भी देवा के मुँह से उतरकर देवा के लण्ड के पास आ जाती है, और देवा के मूसल लण्ड को ममता के मुँह से निकालकर अपने मुँह में भर लेती है-“गलप्प्प-गलप्प्प… अब मूतो जानू गलप्प्प…”

ममता: “मम्मी मुझे भी पीना है। गलप्प्प-गलप्प्प…”

देवा“आह्ह्ह्हह…” दोनों का सर पकड़कर पेशाब करने लगता है।

रत्ना और ममता बारी-बारी अपने मुँह में लण्ड डाल-डालकर देवा का सारा पेशाब पी जाती हैं “गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…”
 

Rakesh1999

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देवा का लण्ड खड़ा था और सामने दो चूतें उसका बेसब्री से इंतजार कर रही थीं।

रत्ना देवा से कहती है कि ममता की चूत में पहले डालो।

वो जानती थी कि अगर देवा झड़ गया तो उसके लण्ड को वो दुबारा खड़ा कर देगी और फिर दूसरी बार देवा जल्दी नहीं झड़ता। अनुभव हमेशा काम आता है।


देवा ममता के पैर चौड़े करके उसे अपने कंधे पे रख लेता है, और रत्ना ममता के होंठ चूसने लगती है। ममता को तो बस इंतजार था उस जोरदार धक्के का जो उसकी गीली हुई चूत को हमेशा के लिये गीला कर दे, और वो पूरा हो जाता है। क्योंकी देवा ने इतनी जोर से धक्का मारा था कि रत्ना भी डर सी गई थी और ममता सिसक उठी थी। ये डर उसे जिंदगी की सारी खुशियों से प्यारा था।

ममता:“उंहह… मम्मी अहह…” वो सिसक रही थी और देवा आज पहली बार उसे बड़े प्यार से अपनी बहन समझकर चोद रहा था। वो भी रत्ना के साथ-साथ ममता की एक चूची चूसने लगता है।

हमेशा औरतों को किसी बाजारू रंडी की तरह चोदने वाला देवा, आज ममता को ऐसे अंदाज में चोद रहा था जैसे वो कोई काँच की बनी हुई चीज़ हो और देवा की जबरदस्ती से टूट सकती है।

ममता अपनी कमर ऊपर उठा-उठाकर लण्ड को चूत की गहराईयों में ले रही थी-“अह्म्मह… उंह्म्मह… आहह… ऐसे ही…भइया…आपका लण्ड मेरी बच्चेदानी को चुभ रहा है। आह्म्मह… अह्म्मह… मम्मी मेरी चूत उंह्म्मह…”

रत्ना ममता की चूची को मसलते हुये:“हाँ बेटी चोदने दे इसे, अपने गाण्ड ऐसे ऊपर उठा…” और रत्ना ममता की गाण्ड के नीचे हाथ डालकर उसे देवा के लण्ड की तरफ बढ़ाने लगती है।

देवा की रफ़्तार तेज होने लगी थी। वो अपनी जवान बहन, जो अब उसकी रंडी थी, उसकी चूत की अकड़न से मस्त होता जा रहा था। और ममता इस दौरान एक बार झड़ चुकी थी, जिससे उसकी चूत बहुत चिकनी हो चुकी थी और देवा बड़ी आसानी से अपने लण्ड को उसकी चूत की गहराईयों में धकेलता चला जा रहा था। वो रत्ना की चूची मसलता और रत्ना देवा के आंड को मरोड़ती और तीनों अपनी चुदाई का मज़ा लेते हुये बहुत खुश थे।
 

Rakesh1999

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ममता एक चीख के साथ अपनी गाण्ड ऊपर तक उठा लेती है। उसकी चूत से एक तेज धार बाहर निकलती है, जिसे देवा और रत्ना दोनों मिलकर चाटने लगते हैं-“गलप्प्प-गलप्प्प…” ममता का जिस्म झड़ने से और फिर इन दोनों के चाटने से बुरी तरह काँपने लगता है।

देवा का पानी नहीं निकला था और रत्ना तैयार थी। वो जल्दी से देवा को अपने ऊपर खींच लेती है-“आहह डाल दे अपना मूसल अपनी माँ की चूत में…”

देवा बिना देरी किए अपना मूसल लण्ड रत्ना की चूत में डालने लगता है। दोनों माँ-बेटे एक दूसरे को बाहों में कसे हुए थे और देवा की गाण्ड ऊपर से और रत्ना की गाण्ड नीचे से हिल रही थी। देवा जब भी रत्ना को चोदता था उसे सबसे ज्यादा आनंद महसूस होता था। उसे हमेशा ये लगता कि जिस चूत से वो निकला था, उसी चूत को वो चोद रहा है-“आह्ह… रत्ना मेरी जान आहह… मुझे तेरी ये चूत बहुत मज़ा देती है। आहह… अब मैं तुझे मेरी शादी के बाद भी रोज चोदूंगा…”

रत्ना:“हाँ, मैं भी बिना खाने के रह सकती हूँ, पर तुम्हारे लौड़े के बिना एक पल भी नहीं। मेरी चूत को तुम्हारे लौड़े के पानी की बहुत ज़रूरत है। आहह… आह… जानू, मुझे रात दिन चोदो। हाँ, मैं ज़िन्दगी भर तुझसे चुदना चाहती हूँ…

देवा हांफता हुआ-“अह्म्मह… हाँ रत्ना मेरी जान… मैं चोदूंगा आज से तुझे, हाँ दिन रात मेरी जान… ऊऊओहह… तेरी चूत कभी भी तरसेगी नहीं मेरे लण्ड के लिये आहह…”

दोनों माँ-बेटे 30 मिनट तक एक दूसरे से चिपके अपने जिस्म की प्यास मिटाते हैं।

ममता ये देखकर हैरान थी कि उसकी मम्मी देवा से कितना प्यार करती है। आज तक तो सिर्फ़ वो ये समझती थी कि वो ही देवा से सच्ची मोहब्बत करती है। पर इन दोनों की लगातार चुदाई और मोहब्बत भरी बातों से उसकी चूत की आग भड़कने लगती है, और वो दुबारा देवा के नीचे आना चाहती है।


पर देवा तो रत्ना के होंठ उसकी चूची और चूत का दीवाना था। एक बार जब वो रत्ना के ऊपर चढ़ जाता तो उसे बस रत्ना दिखाई देती और कोई नहीं। ऐसे ही जबरदस्त चुदाई की वजह से रत्ना और देवा दोनों एक साथ झड़ने लगते हैं, और एक दूसरे को चूमते चले जाते हैं।
 

Rakesh1999

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देवा का लण्ड जब रत्ना की चूत से बाहर निकलता है तो ममता उसपे टूट पड़ती है। वो काफी देर से इन दोनों की चुदाई से पनिया गई थी। वो अपनी दोनों चुचियों के बीच में देवा के लण्ड को लेकर आगे पीछे करने लगती है।

देवा“आहह… तू सच में पागल हो गई है ममता…”

ममता:“हाँ, आपकी बहन आपके प्यार में पागल है…” और वो देवा के लण्ड पे अपना थूक गिराकर उसे अपने मुँह में डाल लेती है। देवा के लण्ड पे रत्ना की चूत का पानी भी लगा हुआ था जिसे चाट-चाटकर ममता को और मज़ा आने लगता है-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…” वो देवा के लण्ड को 5 मिनट में ही फिर से तैयार कर देती है।

देवा पानी पीने के लिये किचिन की तरफ चला जाता है। ममता और रत्ना एक दूसरे की बाहों में चिपकी हुई थीं तभी रत्ना ममता की गाण्ड पे हाथ फेरती है “यहाँ ले रही थी न सुबह सुबह” फिर लेगी क्या?

ममता:“नहीं मम्मी, मेरी गाण्ड में भइया का लण्ड बहुत दर्द देता है।

रत्ना: अपनी एक उंगली उसकी गाण्ड में डाल देती है। जिससे ममता अपनी गाण्ड ऊपर उछालने लगती है।

ममता:“उंह्म्मह… मम्मी क्या कर रही हैं आप?”

रत्ना: “ अरे बेटी, मेरे बेटे को गाण्ड मारने का बहुत शौक है। वो तो अक्सर मेरी गाँड मारता हैं पीछे से ।
तू भी 2-4बार और चुदवा ले, तू भी दीवानी हो जाएगी…”

ममता:“उंन्ह… मम्मी दर्द होता है ना?”

रत्ना:“बेटी, जब तक एक औरत अपने मरद का लौड़ा अपने तीनों सुराखों में नहीं लेती, वो पूरी तरह से अपने मरद की नहीं होती…”

ममता: सच्ची मम्मी।

रत्ना:“हाँ बेटी… ला मैं तेरी गाण्ड की तेल से पहले मालिश कर देती हूँ…” और रत्ना सामने पड़ी हुई तेल की बोतल से तेल निकालकर ममता की गाण्ड की अच्छे से मालिश करने लगती है। वो दो उंगालियाँ तेल में भिगा के उसकी गाण्ड में डाल देती है। पच्च के आवाज़ के साथ दोनों उंगलियाँ ममता की गाण्ड की दीवारें चीरती हुई अंदर चली जाती हैं।

रत्ना: लगता है मेरा बेटा तेरी गाँड पर भी मेहनत कर रहा है।


ममता को एक नया सा एहसास होने लगता है-“उंन्ह… ओहह… मम्मी आपकी दो उंगलियों ने मेरी गाण्ड में फिर से दर्द कर दिया है, आहह…”

ममता कुछ बोलने वाली थी कि देवा का जोर का थप्पड़ ममता की गाण्ड पे पड़ता है। ममता मारे दर्द के औउच… करती हुई देवा की तरफ देखने लगती है। वो देवा की तरफ घूमने ही वाली थी कि रत्ना और देवा दोनों मिलकर ममता की गाण्ड पे थप्पड़ों की बरसात कर देते हैं। पूरे रूम में सटासट-सटासट की आवाज़ें गूँजनी लगती है।

और ममता चिल्लाने लगती है-“उहह… आहह… उह्ह मेरी गाण्ड उन्ह… आहह…”
 
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