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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

  • माँ - बेटा

  • भाई - बहेन

  • देवर - भाभी

  • दामाद – सासु

  • ससुर – बहु


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junglecouple1984

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छोटी चाची को सेक्स के लिए मनाया



मेरा नाम अनुराग है. मुख्य रूप से मैं बिहार के बक्सर जिले के एक गांव से हूं.

ये फर्स्ट पुसी फक़ स्टोरी मेरी छोटी चाची और मेरे बीच हुए सेक्स की है.

मेरे परिवार में मैं, मेरे पापा मम्मी, दो चाचा और दोनों चाची, उनके बच्चे सब साथ में रहते हैं.
हम सब एक दूसरे के साथ मिल कर एक साथ खूब अच्छी तरह से खुशी खुशी रहते हैं.

मैं और मेरे बड़े चाचा सरकारी जॉब करते हैं.
खेती भी अच्छी खासी है.

छोटे चाचा भी खेती के काम में पूरी तरह से लगे रहते हैं और पापा जो भी सामाजिक काम होता है, उसे देखते हैं.

दोस्तो, एक बात तो आपको माननी पड़ेगी कि काफी परिवारों में चाची-भतीजा, भाभी-देवर, बुआ-भतीजा इन सबके बीच सेक्स संबंध बन जाते हैं और ये बात छिपी रहती है.

मैं यह मानता हूँ कि ये अच्छा भी है क्योंकि घर में ही सब आसानी से हो जाता है और प्रॉब्लम भी नहीं होती है.

शहर में तो औरतें बाहर भी दूसरे मर्दों से सम्बन्ध बना लेती हैं, पर गांव में महिलाएं कहां पर जाएं. और अगर परिवार मान सम्मान वाला हो तो और भी डर रहता है.

कोई अपनी बातें बता देता है, कोई नहीं.
पर सेक्स की चुल्ल होती सबके अन्दर है.

मेरी छोटी चाची मुझसे सात साल बड़ी हैं यानि कि अभी मेरी उम्र 25 है और उनकी 32 साल है.

मैं बचपन से ही शमीला और चुप चुप सा रहने वाला लड़का था इसलिए कभी सेक्स करने का मौका ही नहीं मिला.
जो लड़कियां पसंद भी आती थीं, तो मैं बस उन्हें देख कर … या बहुत हुआ तो हल्की फुल्की बात करके ही रह जाता.
सेक्स का मन तो बहुत करता था, पर हिम्मत नहीं थी.

मेरी बड़ी चाची मुझसे 15 साल बड़ी थीं. घर में दोनों चाची आपस में सहेलियों की तरह आपस में मजाक करती थीं.

पर मुझसे बड़ी वाली चाची ही बात करती थीं; छोटी वाली चाची कभी कभी करती थीं.

छोटी चाची की शादी 2009 में हुई थी. उनके अब तक दो बच्चे हैं, एक दस साल का और एक छह साल का.

शादी के कुछ सालों बाद जब मैं इंटरमीडएट में आया, तब मेरे मन में छोटी चाची के लिए धीरे धीरे कामुकता बढ़ने लगी.

जब भी वे कुछ करतीं, मुझे उनकी ब्रा और पैंटी का आकार कपड़ों के अन्दर से दिखता था.
मैं वो सब देख कर बहुत ही उत्तेजित हो जाता था.

बस तभी से मैंने मुठ मारनी शुरू कर दी थी.

दोस्तो, मैं आप लोगो को बताना चाहता हूं कि मैंने अपनी छोटी चाची के नाम की बहुत बार मुठ मारी है.

जब भी चाची नीचे खाना बना रही होतीं, तो मैं ऊपर जाता और उनकी पैंटी और ब्रा उठाकर बाथरूम में आ जाता था और लंड से लगाकर मुठ मार लेता था और मजा ले लेता.

एक बार तो चाची की एक पैंटी, जो पुरानी हो गई थी, उसे चाची ने अलग रख दिया था; उससे मैंने इतनी बार मुठ मारी कि मैं बता नहीं सकता.
ऐसे ही दिन बीतते गए.

छोटी वाली चाची भी अब मुझसे मजाक करने लगी थीं क्योंकि अब उन्हें ससुराल में आए हुए काफी समय निकल गया था और वो अच्छे से मुझे जान भी गई थीं.

उम्र के साथ मेरी भी इच्छा बढ़ने लगी थी.
मैं सोचता था कि चाची को मैं किस तरह से अपनी बात कहूँ कि चाची बस एक बार मेरे साथ सम्भोग कर लीजिए पर गांड में दम ही नहीं था.

जॉब लगने के बाद हर शनिवार मैं घर आता था तो यार दोस्तों के साथ बीयर पीता था. हमारी पार्टी होती थी.

मेरा एक बहुत ही ख़ास दोस्त था किशन, उससे मेरी हर बात होती थी.
एक बार जब हम सब नशे में थे, तब किशन ने मुझसे पूछा कि कोई फंसाई?
तो मैंने उसे अपनी सारी फीलिंग चाची के बारे में बता दी.

किशन ने बहुत सी लड़कियां और औरतों को पटाया था, तो उसने नशे में मुझे सब बताया.

फिर मेरी बात सुनकर उसने कहा कि बीयर पीकर अपनी चाची को सब बोल दे, वो मान जाएंगी.
मैंने बोला- अगर नहीं मानी तो?
तब वह बोला- तब भी वह किसी से कुछ नहीं कहेंगी.

दोस्त की यह सलाह नशा उतरते ही डर के मारे खत्म हो गई.

कुछ दिन बाद जब मुझे नहीं रहा गया तो मैंने सोचा कि अब चाची से बोल देना चाहिए.

एक बार अभी कुछ दिन पहले ही रात को मैं उसी तरह शनिवार के दिन बीयर पीकर घर आया.
चाची को ये बात शायद पता चल जाती थी, पर वो कुछ नहीं बोलती थीं.

जब मैं आया तो वो लोग टीवी देख रहे थे.
चाची मेरे लिए खाना लेकर आईं और वहीं पर बैठ गईं.

मेरी शादी की बात चल रही थी.
मैंने हिम्मत की और डरते हुए चाची से कहा- चाची मैं आपसे एक बात बोलना चाहता हूं, आप बुरा तो नहीं मानेंगी?
चाची बोलीं- नहीं, बोलो?

मैंने कहा- मेरी शादी होने वाली है और मैंने अभी तक वो सब नहीं किया है.
चाची बोलीं- मतलब? क्या वो नहीं किया है, साफ़ साफ़ बोलो न!

मैंने कहा- मैंने चुदायी नहीं की है.
वो मेरे मुँह से इतना साफ़ सुनकर एकदम से चुप हो गईं.

मैंने बोला- बस मैं एक बार आपको चोदना चाहता हूं.
वो मेरे मुँह से ये सब सुनकर हक्की बक्की रह गईं.

फिर मैंने उन्हें सब बता दिया कि मैंने आपकी पैंटी से न जाने कितनी बार मुठ मारी है. मैं आपको पसंद करता हूं, बस एक बार करने दीजिए.
चाची ने कोई जवाब नहीं दिया, बस उठ कर चली गईं.

उस दिन नशे में तो मैंने कह दिया था लेकिन बाद में गांड फटने लगी कि अब क्या होगा.
उस रात मुझे नींद भी नहीं आयी. रात दो बजे तक बस सोचता रहा.
सारा नशा हिरन हो गया था.

सुबह उठा तो डर लग रहा था पर सब ठीक ठाक ही था.
तो मैं थोड़ा सा शांत हुआ.

पर चाची को देखने पर लग रहा था कि वो थोड़ी गुस्सा हैं.

मैं बाहर जाकर किशन से मिला और उसको दो झापड़ जड़ दिए.
उसने कहा- बात क्या हुई बे?

मैंने उसे बात बताई.
तो उसने कहा- चल तेरा काम हो गया समझो.
मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था.

उसने कहा- एक बार और बोल, फिर सब हो जाएगा.
मैंने उसको गाली दी और डांटा- मादरचोद फ़ालतू बात मत कर. इज्जत का फालूदा करवाएगा.

वो हंसने लगा और बोला- मेरी बात मान ले, तेरा काम पक्के में हो जाएगा.
मैं कुछ नहीं बोला और घर वापस आ गया.

उन्हीं दिनों मेरी बुआ के घर लड़के की शादी थी, तो सभी लोग बुआ के घर चले गए.
बस छोटी चाची, मैं, छोटे चाचा और उनका 6 साल का बेटा घर पर रह गए थे.

उन दिनों चाचा ट्यूबबेल पर रात में सोते थे क्योंकि फसल में पानी लगाना होता था और इसी वजह से वो शादी में नहीं गए थे.

हम लोगों के यहां शादी में तिलक और बारात दो उत्सव होते हैं.
तो ये तय हुआ था कि चाचा, मैं, चाची और उनका छोटा बेटा बारात में चले जाएंगे.

मैं अगले दिन शनिवार को बीयर पी रहा था.
मेरा दोस्त किशन बोला कि आज तेरा काम हो जाना चाहिए.

मैंने उसकी तरफ घूर कर देखा.

उसने कहा- अबे उनसे रिक्वेस्ट करना कि घर में कोई नहीं है.
उसने मुझे कंडोम भी दे दिया और कहा कि ऐसे दिखाना कि उन्हीं के लिए लिया है.

मैं घर गया.
मुझे डर भी लग रहा था.
उनका छोटा बेटा सोया था.
चाचा ट्यूबवेल पर सोने चले गए थे.

चाची मुझे आया देख कर मेरे लिए खाना लेकर आईं.
मैंने डरते डरते उनसे कहा- उस दिन मैंने कुछ ग़लत बोला था क्या?
चाची ने कहा- तुम नशा करके आए हो न!

मैंने पहले तो कुछ नहीं कहा. फिर धीमे से बोला- हां. कोई गलत कर दिया क्या?
चाची- मुझे क्या … मगर नशा करना अच्छी बात नहीं होती है.

मैंने कहा- ठीक है चाची, मैं आगे से कोशिश करूंगा कि नशा न करूं.
चाची मुस्कुरा दीं और बोलीं- शादी के बाद तेरी दुल्हन को कितना बुरा लगेगा, जब वो ये बात जानेगी कि उसका पति नशा करता है.

मैंने कहा- ठीक है चाची. मगर आपने मेरी बात का जवाब नहीं दिया कि मैं अपनी पत्नी के साथ वो सब कैसे करूंगा?
वो कुछ नहीं बोलीं.

मैंने कहा- चाची, क्या आप मेरे साथ एक बार सेक्स नहीं कर सकतीं?
इस बार उन्होंने कहा- नहीं, मगर कोई बात नहीं तुमने अपने मन की बात कह दी. मुझे लगता है कि चाची भतीजे में ये सब अच्छा नहीं है.

ये सुनकर मैंने हिम्मत करके कहा- चाची, बस एक बार मान जाइए न. आपको एक बार में क्या दिक्कत होगी.
उन्होंने कहा कि ये ग़लत है. कोई क्या कहेगा?

तब मैंने उनको Xforum की चाची भतीजे की चुदाई वाली कहानियां भी पढ़ने को दीं.
उन्होंने कहा- हां मैंने भी पढ़ी हैं, फिर भी तुम मेरे भतीजे हो, ये सब क्या ठीक होगा?

तब मैंने कहा- आपका मन करता है कि नहीं कि किसी अलग लंड का मजा लिया जाए.
इस पर वो कुछ नहीं बोलीं.

मैंने फिर से कहा- बस आज मान जाओ चाची. घर पर भी कोई नहीं है, कल हम सब शादी में चले जाएंगे.
तब चाची ने बहाना बनाया या सच में कहा- मेरा अभी कुछ दिन पहले ही पीरियड आया है, यदि तुमने नशे में कुछ कर दिया, तो मैं प्रेगनेंट हो जाऊंगी.

मैंने कंडोम निकाल कर चाची को दिखाया कि मैं आपके लिए लाया हूँ.
कंडोम देख कर चाची ने कुछ नहीं कहा.

मैंने सब बताना शुरू कर दिया- आप मुझे बहुत हॉट लगती हो. मैंने आपकी पैंटी ब्रा से बहुत बार मुठ मारी है आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
चाची कुछ देर तो चुप रहीं, फिर बोलीं- ठीक है बस एक बार. वो भी बस चूत में डालना है और कुछ नहीं करने दूंगी.

मैंने कहा- ठीक है.
चाची ने पेटीकोट ऊपर किया और पैंटी निकाल कर चित लेट गईं.

आप समझ सकते हैं कि वो सीन देख कर मेरा क्या हाल हुआ होगा. मेरे जीवन की फर्स्ट पुसी जो मैंने देखी.
चाची की चूत खुली हुई बहुत ही सुन्दर दिख रही थी, चूत पर हल्के हल्के बाल थे.

मैंने अपना लंड निकाला. लंड पहले से ही फटा जा रहा था.

मैं ये तो नहीं कहूंगा कि मैंने चाची को खूब चोदा, उल्टा करके चोदा, उनके मुँह में दिया.

मैंने तो बस ऐसे ही चाची की चूत में लंड डाला.
मैं लौड़ा चूत में डालते हुए कांप भी रहा था.
चूत ले अन्दर डालने के डेढ़ या दो मिनट में ही मेरा माल निकल गया.

उनका तो कुछ नहीं हुआ था, तो मैं चुप था कि ये क्या हो गया.
चुदाई के बाद मैंने चाची से एक बस बात कही- मैं आपकी चूत चाटूंगा.

उन्होंने कहा- नहीं, मैंने ये सब कभी नहीं किया.
नशे की वजह से मैंने जिद की तो वो मान गईं.

मैंने उनकी चूत को करीब 3 मिनट तक चाटा तो वो भी झड़ गईं.
फिर हम दोनों एक साथ ही सो गए.

 

junglecouple1984

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मेरे भैया ने मेरी कुंवारी बुर चोद दी- 1




ये घटना एक साल पहले की है.

मेरी उम्र अभी 20 वर्ष है. मैं दिखने में थोड़ी सांवली हूँ. मेरी हाईट 5 फुट 3 इंच है, थोड़ी सी हेल्थी हूं. मेरी बॉडी का साइज 32सी-30-34 का है.

मेरी चूचियों का उभार एकदम गोल आकार में है, जिन पर मैं 32 नम्बर की ब्रा को टाइट करके पहनती हूँ.
कसी हुई ब्रा में से मेरी चूचियों का उभरा एकदम संतरे के आकार में और तनी हुई नजर आती हैं.
क्योंकि मैं जानती हूँ कि मर्दों की कामुक निगाहें सबसे पहले लड़कियों के मम्मों पर ही पड़ती हैं.

उम्र के साथ साथ मेरी जवानी भी परवान चढ़ने लगी थी.
मैंने कम उम्र से ही गर्ल्स हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की थी.

दसवीं क्लास के दौरान ही मेरे शरीर में बहुत कुछ बदलाव आना शुरू हो गए थे.
मेरे मम्मों के उभार काफी बढ़ने लगे थे.

उसी के बाद मेरा हॉस्टल बदल गया था.
वहां मुझे एक अच्छी रूम पार्टनर मिली.
उसका नाम अनुराधा था.

अनुराधा के द्वारा ही मैंने सेक्स के बारे में बहुत कुछ जाना.
उसी ने मुझे पहली बार एक ब्लू फ़िल्म दिखाई थी. उसी ने मुझे Xforum की हिंदी सेक्स स्टोरी के बारे में भी बताया था.

मुझे ब्लूफिल्म से ज्यादा अच्छी सेक्स कहानी पढ़ना लगा क्योंकि सेक्स कहानी पढ़ने में मेरी कामोत्तेजना बहुत अधिक बढ़ जाती थी और साथ में जिनके बीच सेक्स होता था, उनके बारे में साफ़ साफ़ समझ आता था.
मैंने भैया बहन के बीच सेक्स के अलावा बहुत से चुदाई की कहानी पढ़ी हैं.

फिर धीरे धीरे मुझे भी इन सबकी लत लगने लगी थी.
अब सेक्स कहानी पढ़कर मुझे सेक्स का खुमार चढ़ने लगा था.
मुझे भी लगता था कि काश मेरा भी कोई बॉयफ्रेंड होता जो मेरी बुर की चुदाई करता.

हम दोनों सहेलियां सेक्स फ़िल्म और सेक्स कहानी देख पढ़ कर बहुत गर्म हो जाती थीं.

अनुराधा कुछ ज्यादा ही पागल सी हो जाती थी, वो मुझसे लिपटकर मेरी चूचियों को दबाती और उन्हें नंगी करके अपने मुँह से पीने लग जाती थी.
उसी के वजह से 20 की उम्र में ही मेरी चूचियों का आकार 30 से बढ़ कर 32 सी का हो गया था.

फिर 12वीं कंप्लीट होने के बाद मुझे नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन लेना था तो मेरे घर वालों ने तय किया कि मैं अपने नाना नानी के घर जाकर वहीं के कॉलेज में दाखिला ले लूं क्योंकि मेरे घर वाले गांव में रहते थे.
मेरी मम्मी का कोई भैया नहीं है, वे दो बहनें ही हैं.

मेरी मम्मी और मौसी, जिन्हें मैं बड़ी मम्मी कहती थी.
बड़ी मम्मी का बेटा था, जिसका नाम नमन है. वह बचपन से ही नाना नानी के साथ रहता था.

मेरे मौसेरे भैया नमन की उम्र 24 वर्ष थी, वह नानाजी को उनके बिज़नेस में मदद करता है.
वह बहुत ही हैंडसम लड़का है. उसकी बॉडी भी काफी अच्छी है, क्योंकि वह जिम जाता है.

नमन भैया ने अपनी पर्सनालिटी को बहुत मेनटेन करके रखा है.

स्कूल खत्म होने के बाद मैं हॉस्टल से घर आ गई.

कुछ दिन बाद नमन भैया मुझे लेने आया. कितने दिनों बाद मैंने नमन भैया को देखा था.
मैं उसको बस देखती ही रह गई.
मैंने जैसे किसी बॉयफ्रेंड की कल्पना की थी, नमन ठीक उसी प्रकार का लग रहा था.

पर मेरे मन में उस वक्त तक अपने भैया के लिए कोई गलत फीलिंग नहीं थी.
मैंने उस दिन जीन्स और टाइट टी-शर्ट पहनी हुई थी, जिसमें से मेरे मम्मों का उभार और गोलाई साफ साफ नजर आ रही थी.

नमन भैया ने मुझे देखकर स्माइल की, तो मैंने भी स्माइल पास की.
फिर मम्मी ने भैया को बिठाया और उन्हें चाय दी.

मैं भी भैया के साथ बैठ गई.

हम दोनों चाय पीते हुए इधर उधर की बातें करने लगे.
इस बीच मैं महसूस किया कि भैया की निगाहें बार बार मेरी चूचियों पर ही जा रही थीं.

मैं अन्दर ही अन्दर मुस्कुरा दी.
उस दिन पहली बार मुझे नमन भैया की कामुक नजरें अच्छी लगी थीं.

फिर रात में खाना खाने के टाइम आया.
जब मैं नमन भैया को खाना देने के लिए नीचे झुकी तो भैया की नजर सीधे मेरी गोरी चूचियों पर ही टिक गई थीं.

मेरे नीचे झुकने की वजह से मेरे आधे से अधिक बूब्स दिखाई दे रहे थे.
वो मुझे कामुक नज़रों से देख रहा था.

एक बार मैंने उसे अपनी निगाहों से मेरी गोरी उभरी हुई मस्त गोलाइयों को ताड़ते हुए पकड़ लिया.
नजरें मिलते ही भैया ने हड़बड़ा कर अपनी नजरों को नीचे कर लिया.

मैं फिर से मन में मुस्कुरा दी. दरअसल मैंने खुद ही उसे अपनी चूचियां दिखाकर ललचाया था.
फिर उसके बाद भैया ने डर कर अपनी निगाहें मेरे मम्मों से हटा लीं और अब वो मुझसे नजरें नहीं मिला पा रहा था.

रात को सोते समय पता नहीं मुझे क्या हो गया. अपने भैया का यूं मेरी तरफ देखना, मेरी गोरी चूचियों को ताड़ना मुझे भी अच्छा लगने लगा.
ये सब सोचकर मेरे मन में और मेरे शरीर में अजीब सी लहर सी चलने लगी थी.

उस रात मैंने भैया बहन सेक्स की तीन स्टोरी पढ़ीं और बहुत ज्यादा गर्म हो गई.

हर सेक्स कहानी में मैंने अपने भैया की कल्पना करके अपने मम्मों को हाथों में लेकर खूब मसला और अपनी उंगलियों से बुर को शांत किया, फिर मैं झड़ कर सो गई.

सुबह मैं मोबाइल चला रही थी तो भैया ने मस्ती मज़ाक करते हुए मुझसे मेरा मोबाइल छीन लिया.
मैं अपना मोबाइल वापस लेने के लिए उसके पास गई, तो भैया ने मुझे चिढ़ाते हुए फोन अपने हाथों से ऊपर कर लिया.

मैं मोबाइल लेने के लिए उसके काफी करीब हो गई और उसके हाथ से अपने मोबाइल को लेने की जद्दोजहद करने लगी.
इस गुत्थम गुत्थी में मैं भैया के सीने से एकदम चिपक गई, जिससे मेरी दोनों चूचियां उसकी छाती से दब गईं.

इससे मेरे शरीर में मुझे एक अजीब सी मस्ती सी छाने लगी.
उस दिन मैंने पहली बार किसी मर्द को इतने करीब से स्पर्श किया था. मेरी चूचियों ने किसी मर्द की छाती का स्पर्श पाया था.

मेरी चूचियों को भैया ने भी अपने सीने में महसूस किया और वो पीछे को झुक कर मुझे अपने सीने पर लगभग लिटा कर मुझे महसूस करने लगा.
भैया की गर्म सांसें मुझे भी मदहोश करने लगी थीं और मैं भी उसके चौड़े सीने से अपने दूध रगड़ कर मजा लेती रही.

मैंने जानबूझ कर अपने मम्मों को भैया के सीने में अधिक दबाव बनाकर मसलना शुरू कर दिया था जिससे भैया की पकड़ मोबाइल पर से थोड़ी ढीली हो गई.
उसी समय मैं उसके हाथ से मोबाइल छीनकर उसे चिढ़ाती हुई भाग गई.

अब शाम को मुझे भैया के साथ नाना नानी के घर जाना था.
मैं रेडी होकर भैया के साथ उसके साथ बाइक पर बैठकर नानी के घर चली गयी.

मैंने वहां के एक कॉलेज में एडमिशन ले लिया. अब मैं रोज भैया के साथ उसकी बाइक पर बैठ कर कॉलेज जाने लगी.
इस दौरान मैं भैया के साथ बहुत चिपक कर बैठती थी, जिससे मेरे मोटे दूध उसकी पीठ पर टच हो जाते थे.

भैया भी जानबूझ कर रास्ते में बाइक में जोर से ब्रेक लगाने लगा था, जिससे भैया अपनी पीठ पर मेरे मम्मों को और अच्छे से महसूस करने लगा.
उधर वो जरा सा ब्रेक लगाता और मैं कुछ ज्यादा ही जोर से अपने मम्मे भैया की पीठ से रगड़ देती थी.

उसके मर्दाना स्पर्श से मेरी बुर में पानी आ जाता था.

कुछ ही समय में हम दोनों भैया बहन के रिश्ते से कुछ आगे बढ़ कर काफी घुल मिल गए थे.
हम दोनों घर पर मस्ती मजाक करने लगे थे.

मैं घर में बहुत शार्ट और हल्के कपड़े पहनने लगी, जिससे मेरे जिस्म का दीदार भैया अच्छे से कर सके.

भैया मुझे देखकर गर्म तो हो जाता था परन्तु उसकी आगे बढ़कर कुछ करने की हिम्मत नहीं होती थी.
वो डरता बहुत था.

इधर मैं उससे चुदाई करवाना चाहती थी परन्तु अपनी तरफ से पहल करना नहीं चाहती थी.

एक रात भैया के रूम में हम दोनों उसके लैपटॉप पर पिक्चर देख रहे थे.
फ़िल्म देखते देखते मेरी नींद वहीं लग गई.

कुछ देर बाद मुझे अपने पेट पर कुछ महसूस हुआ, तो मेरी नींद खुल गई.
मैं उस समय सीधी लेटी थी. मैंने देखा कि भैया मेरे बगल में लेटकर अपने हाथों से मेरे पेट को सहला रहा था.

मुझे भी अच्छा लगने लगा, तो मैं नींद में होने का नाटक करने लगी.
मैंने उस रात टी-शर्ट और लैगीस पहनी हुई थी.

कुछ देर बाद भैया का हाथ मेरी टी-शर्ट के ऊपर से ही मेरे मम्मों पर आ गया.
भैया भी बड़ी चतुराई से नींद में होने जैसा होकर, ये काम कर रहा था कि अगर मैं नींद से उठ जाती, तो मेरे को लगे कि वो नींद में है.

कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद अब उसके हाथ मेरी चूचियों पर हल्के हल्के दबाव देने लगे.
बहुत देर तक भैया मेरे दूध को मसलता रहा था, जिससे मैं भी गर्म हो गई और मेरी बुर में रस आने लगा था.

फिर मैं करवट लेकर भैया की तरफ हो गई.
मेरे करवट लेने से वो डर गया कि मैं नींद से जाग गई हूं.

वो डरकर मुझसे अलग होकर दूसरे रूम में चला गया.
उस रात मुझे बहुत गुस्सा आया.

ये मुझे गर्म बुर पर धोखा सा लगा.
इसे मैंने जीसीपीडी का नाम दे दिया.

कुछ दिनों बाद शाम को मैंने भैया को एक मंदिर में एक लड़की के साथ देखा, मेरी झांटों में आग सी लग गई.
मैं उन दोनों का पीछा करने लगी.

वे दोनों चुपके से मंदिर के पीछे जाने लगे. मैं भी कुछ देर बाद उनको देखने चली गई कि भैया के साथ कौन लड़की है.
उधर देखा कि भैया एक पेड़ के पीछे जाकर उस लड़की को लिपकिस कर रहा था.

नमन भैया का एक हाथ उस लड़की की गर्दन पर था और दूसरा हाथ उसकी कमर पर.
तभी भैया ने अचानक से मुझे देख लिया और वो हड़बड़ा गया.

वो दोनों एकदम से अलग हो गए.
मैं चुपचाप घर आ गई.

भैया जब घर आया, तो वो मुझसे नजरें नहीं मिला पा रहा था. मैं भी उनसे नहीं बोली.

रात को खाना खाने के बाद मैं उसके रूम में गई और मैंने सीधे सीधे भैया से पूछा कि वो लड़की कौन है?
नमन भैया ने थोड़ा झिझक कर कहा- फ्रेंड है.

मैं बोली- फ्रेंड या गर्लफ्रेंड?
तो बोला- गर्लफ्रेंड है.

मैं- कब से?
भैया- दो साल हो गए हैं.

मैं- मुझे पहले क्यों नहीं बताया?
भैया- कैसे बताता.

फिर बहुत सारी बातें उन दोनों के बारे सुनने को मिलीं.
भैया सब बताने लगा.

फिर वो अपने लैपटॉप में मुझे उस लड़की की फोटोज दिखाने लगा.
उन दोनों की कुछ फोटोज काफी बोल्ड भी थीं, जिसे देखकर मैं हंसने लगी.

भैया- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?
मैं- नहीं है.

भैया- झूठ मत बोलो. मैंने बता दिया न … अब तुम भी बता दो. इतनी सुंदर लड़की का बॉयफ्रेंड नहीं होगा मैं मान ही नहीं सकता. बता दे, मैं कुछ नहीं बोलूंगा.
मैं- सच में यार, कोई नहीं है.

भैया- ठीक है. पर क्या तुम बता सकती हो कि तुम्हें कैसा बॉयफ्रेंड या हजबैंड चाहिए?
मैं- तुम्हारे जैसा.

भैया- अच्छा जी! पर मेरे जैसा क्यों?
मैं- हाँ जी, वैसे भी तुम मेरे बॉयफ्रेंड जैसे हो, जो रोज मुझे कॉलेज ले जाते हो, घुमाने ले जाते हो. तो मुझे बॉयफ्रेंड की आवश्यकता ही नहीं पड़ी, इसलिए तुम ही मेरे बॉयफ्रेंड हो.

ये कह कर मैं हंसने लगी.

भैया- वैसे बॉयफ्रेंड इनके अलावा और बहुत कुछ करता है.
मैं- हां वो तो देखा है, ब्वॉयफ्रेंड आज मंदिर के पीछे वो सब भी कर रहा था.

फिर हम दोनों हंसने लगे.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था और मुझे मालूम था कि नमन भैया तो बहुत डरपोक है, वो तो कुछ करने वाला नहीं था.

इसलिए मैंने ही पहल की और भैया को बोल दिया- क्या तुम एक बार मुझे भी लिपकिस करोगे?

अब भैया को मेरी तरफ से सिग्नल मिल गया था.
मेरी बात सुनकर वो मुझे इस तरह से देखने लगा कि उसे भी बस इन्हीं लम्हों की कब से तलाश थी.

कब से भैया मेरी जवानी को आंखों ही आंखों में चुदाई किए जा रहा था, जो आज जाकर कहीं उसकी इच्छा पूर्ण होने जा रही थी.

उस वक्त हम दोनों भैया के बेड पर बैठे थे.
मैं आज सलवार सूट में थी.
 

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मेरे भैया ने मेरी कुंवारी बुर चोद दी- 2






कहानी के पहले भाग
मेरी जवानी के साथ बढ़ी मेरी वासना
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं सलवार सूट में अपने भैया के कमरे में उसके साथ ही बेड पर बैठी थी. मैंने अपने भैया के शर्मीले स्वभाव को समझते हुए उससे लिपकिस के लिए कहा था.

अब आगे वर्जिन सिस्टर Xxx कहानी:

दोस्तो, मैं अक्सर बहुत रात तक भैया के कमरे में उसका लैपटॉप यूज़ करती थी, कभी कभी वहीं सो जाती थी, तो भैया दूसरे कमरे में चला जाता था.

ये सब नाना नानी को भी पता थी, तो वो भी मुझसे कुछ नहीं बोलते थे क्योंकि हम दोनों भैया बहन भी थे.

उस रात भी कुछ ऐसी ही पोजीशन थी.
नाना नानी अपने कमरे में सो चुके थे.

फिर भैया उठा और उसने कमरे को अन्दर से लॉक कर दिया.
वो मेरे करीब आकर बैठ गया और बिना कुछ बोले मेरे कंधे पर हाथ रख कर मुझे पकड़ा और मेरे माथे पर किस कर दिया.

मैं एकदम से गनगना उठी थी.

भैया ने तभी पीछे से मेरे बाल पकड़ कर मेरी आंखों में आंखें डाल दीं और मुझे देखने लगा.
मेरी नजरें भी भैया की नजरों को देखने लगीं. हम दोनों वासना से एक दूसरे को देख रहे थे.

फिर अचानक से भैया के होंठों ने मेरे निचले होंठ को अपने होंठों के बीच में ले लिया. वो मुझे किस करने लगा और मेरे रसभरे होंठों का मधु पीने लगा.
किसी मर्द ने आज पहली बार मेरे होंठों पर अपने होंठ रखकर उनके रस को पिया था.

इससे मेरे शरीर में एक कंपकंपी सी और हलचल होने लगी.
मैं भी रोमांचित हो गई और भैया का साथ देने लगी.

भैया अब अपनी जीभ मेरे होंठों के चारों तरफ घुमा कर मुझे उत्तेजित करने लगा.
मेरा मुँह भी खुल गया और भैया ने अपनी मेरे मुँह में ठेल दी.
वो मेरी जीभ को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.

मैं भी उसकी जीभ को अपने मुँह से चूसने लगी.
करीब 5 मिनट तक हम ऐसे ही एक दूसरे के होंठों का रसपान करते रहे.

फिर भैया रुक गया और अपनी टीशर्ट उतार कर मुझे मेरे कंधों से पकड़ कर लिटाने लगा.
मैं भी झुकती चली गई.

मुझे भैया ने सीधा लेटा दिया और मेरे ऊपर लेटकर मेरे दोनों हाथों को अपने हाथों से फांस लिया.

भैया ने मुझे चूमना शुरू कर दिया. वो मेरे माथे पर, दोनों गालों में, कानों को होंठों को, गर्दन में, गले पर, मेरे खुले कंधों को बेतहाशा अपने होंठों से चूमने लगा और अपनी जीभ से मेरे बदन को चाटने लगा.

मैं भी पूरी कामुक हो गई थी.
पहली बार कोई मर्द मेरे मादक जिस्म को इस तरह से प्यार कर रहा था.

जल्दी ही मैं बहुत ज्यादा तड़पने और छटपटाने लगी.
भैया का लंड अब कड़क होने लगा था और मुझे मेरी जांघों और बुर के आसपास महसूस होने लगा था.

मेरी बुर भी पूरी गीली हो गई थी.
भैया अब अपने दोनों हाथों को मेरी कमीज के ऊपर से ही मेरी दोनों चूचियों पर रखकर उन्हें सहलाने लगा और फिर जोर जोर से दबाने लगा.

मैं एकदम से सिहर गई.
मैंने भैया के सिर पर हाथ रखकर जोर से उसके मुँह को खींचकर अपने दोनों चुचों के बीच में दबा लिया.

कुछ देर बाद भैया ने मुझे उठा कर बैठा दिया और मेरी कमीज़ को उतार दिया. अब मैं ब्रा में आ गई.
ब्रा में कैद मेरी मोटी चूचियां एकदम तनाव में आ गई थीं जो ब्रा को फाड़कर बाहर आने को बेताब हो रही थीं.

भैया बड़े गौर से मेरी चूचियों को देखने लगा.
मैं थोड़ी शर्माने लगी और अपनी अधनंगी चूचियों को अपने हाथों से छुपाने की कोशिश करने लगी.
भैया ने मेरे हाथ हटाते हुए पीछे से मेरी ब्रा की हुक खोल दिया और पीछे से ही मेरे कंधों के नीचे से अपने दोनों हाथों को फंसा कर मुझे लेटा दिया.

वो खुद मेरे ऊपर लेट गया और मेरे दूध पीने लगा.

मुझे आज मेरी चूचियां पहले से कुछ ज्यादा भारी लगने लगीं. मेरी चूचियों के निप्पल एकदम कड़क हो उठे थे.

भैया एक एक करके मेरी दोनों चूचियों को अपने होंठों से खींच खींच कर निचोड़ने सा लगा.
फिर अपने हाथों में मेरे दूध लेकर जोर जोर से मसलने लगा.

मुझे दर्द भी हो रहा था और मीठा मजा भी मिल रहा था.
भैया अब नीचे को आ गया और मेरी नाभि में अपनी जीभ चलाने लगा, जिससे मैं सिहर गई और पूरा मेरा शरीर एकदम से अकड़ सा गया.

उसी समय मेरी बुर से पानी की धार बहने लगी और मैं झड़ चुकी थी.
मैंने भैया को अपने ऊपर खींच लिया और उससे जोर से लिपट गई.

भैया ने कुछ देर बाद मेरी सलवार को उतार दिया. मेरी पैन्टी पूरी गीली हो गई थी.
भैया ने मेरी पैन्टी को भी उतार दिया.

मैं अब अपने भैया के सामने पूरी नंगी हो गई थी.
मेरी बुर के आस पास हल्के हल्के बालों में बुर से टपका हुआ रस लगा था. जिसे भैया ने बड़ी गौर से देखा और मेरी बुर को एक कपड़े से साफ करके मेरी बुर पर किस करना शुरू कर दिया.

वो मेरी बुर को सहलाने लगा, मुँह में बुर की फांकों को लेकर चाटने लगा.
मैं फिर से गर्माने लगी.

कुछ पल बाद भैया खड़ा हो गया और उसने अपना लोवर और चड्डी एक साथ निकाल कर दूर फेंक दिया.

भैया का लंड पूरे जोश में आ गया था.
उसका लंड करीब सात इंच लम्बा और तीन इंच मोटा था.

मैं अपने भैया का लंड देखकर थोड़ी डर गई.
भैया मेरे बाजू में लेट गया और अपने लंड को मेरे हाथों में पकड़ा दिया.

मैं भैया के लंड को सहलाने लगी.
मैंने अपने भैया के लंड के ऊपर की चमड़ी को नीचे करके उसके ऊपरी भाग को देखा.

भैया के लंड का सुपारा एकदम गुलाबी था और उस पर गीलेपन की चमक आ गई थी.
मैंने ब्लूफिल में लंड चाटना देखा था, तो मुझे लंड मुँह में लेने की बेताबी थी.

मैंने भैया के लंड के सुपारे पर अपनी जीभ चलानी शुरू कर दी.
भैया का लंड हुंकार मारने लगा.
मैंने देर नहीं की और भैया के लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

भैया की क़मर भी ऊपर नीचे होने लगी.
कुछ ही मिनटों में भैया का बहुत सारा वीर्य निकलने लगा. उसने मेरा सर पकड़ कर लंड पर दबा दिया था, जिससे मेरे मुँह में ही लंड ने रस झाड़ दिया.

अचानक हुए वीर्यपात से मेरे मुँह में पूरी मलाई सी भर गई थी जिसे मैं वहीं पर उगलने लगी.
कुछ वीर्य मेरे गले से होता हुआ अन्दर भी चला गया था.
मैं जोर जोर से खांसने लगी और मुझे उल्टी सी आने लगी.
मगर कुछ देर बाद मैं नॉर्मल हो गई.

मैंने देखा कि भैया का लंड मुरझा कर टुन्नू सा हो गया था.
लंड को वापस खड़ा करने के लिए मैं लंड को सहलाने लगी और वापस मुँह में लेकर चूसने लगी.

भैया के लंड में लगे वीर्य का स्वाद मुझे अच्छा लगने लगा और मैं चाट चाट कर लंड का बचा खुचा रस खाने लगी.
कुछ ही मिनट में भैया का लंड अपने पहले जैसे आकर में आ गया.

अब मुझे लेटाकर भैया मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे किस करते करते मेरी चूचियों को दबाने लगा.
अब उसका दबाव मेरी चूचियों में बहुत ज्यादा बढ़ने लगा था.

मैं भी अब बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी. मैं चुदाई के लिए मचल रही थी.

भैया अपने लंड को मेरी बुर पर रगड़ने लगा, फिर बुर में लंड फंसाकर उसने एक जोरदार धक्का मारा.
मगर उसका लंड मेरी बुर में न घुस कर बगल से फिसल गया.

मैंने अपने हाथ से भैया का लंड बुर के निशाने पर सैट किया.
भैया ने एक बार फिर से धक्का दिया.

उसके लंड का ऊपर का मोटा हिस्सा मेरी बुर में चला गया.
मैं एकदम से कांप गई और दर्द से सिहर गई.

मैंने अभी चिल्लाती कि तभी भैया ने तुरंत मेरे मुँह को अपने मुँह से लॉक कर दिया.
उसने मुझे जोर से पकड़ कर दबोच लिया, जिससे मेरी दर्द की आवाज वहीं दब गई.

कुछ देर रूककर नमन भैया ने फिर से एक जोर का धक्का लगाया.
इस बार भैया का लंड मेरी बुर की झिल्ली फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया.

मेरी सील फट गई और मैं दर्द से थरथराने लगी. आवाज निकलने की स्थिति नहीं थी तो मेरी आंखों से आंसू बहने लगे.
मैं भैया को अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगी लेकिन भैया ने मुझे जोर से पकड़ा हुआ था.
वो मेरे ऊपर चढ़ा हुआ था, जिससे मैं कुछ न कर सकी.

मुझे उस वक्त भैया का लंड मेरी बुर के अन्दर किसी गर्म रॉड की तरह महसूस हो रहा था.
भैया कुछ देर रुका रहा और अपने लंड को बुर में दबाता रहा.

मुझे लग रहा था कि मेरी बुर जंग हार चुकी है. वो आक्रमणकारी के सामने ढीली पड़ गई थी. लंड ने अन्दर जगह बनाने कि कवायद शुरू कर दी थी.
फिर भैया ने अपने लंड को बुर से थोड़ी बाहर की तरफ़ खींचा और फिर से एक जोरदार धक्का दे दिया.

अब भैया का पूरा लंड मेरी बुर के अन्दर घुस गया था.
मैं दर्द से छटपटाने लगी.

भैया ने मुझे पूरी तरह से अपने शरीर से पकड़ लिया और मेरे होंठों को चूसने लगा.
वो होंठों से हट कर मेरी एक चुची को अपने मुँह में भरकर पीने लगा.

भैया मेरी चूची को ऐसे मुँह में लेकर खींच रहा था मानो वो मेरी चूची को पूरी तरह से खा जाएगा.
उससे होने वाले दर्द ने मुझे बुर के दर्द को भुला दिया.

कुछ पल भर में मुझे थोड़ी राहत मिल गई, तो मैंने अपने पैर फ़ैला दिए और अपनी बुर को थोड़ी और खोल दी.
जिससे भैया को लगा कि मैं अब चुदाई के लिए पूरी तैयार हो गई हूं.

उसने अपनी कमर की हलचल बढ़ा दी और हल्का हल्का धक्का लगाने लगा.
कुछ ही देर में मैं जन्नत की सैर करने लगी. अब मुझे भी मजा मिलने लगा.

उस पल के आनन्द को मैं लिख भी नहीं सकती.

फिर मैंने अपनी दोनों टांगों को भैया की कमर के ऊपर ले जाकर उसे जकड़ सा लिया.

भैया ने अपने एक हाथ को मेरे कंधे पर रखा और दूसरे हाथ को मेरी चुची पर जमा दिया.
अब वो अपने लंड को मेरी बुर की गहराई तक पूरी जोश से पेल कर वर्जिन सिस्टर Xxx मजा लेने लगा.

उसकी स्पीड किसी एक्सप्रेस ट्रेन की तरह मेरी बुर पर चल रही थी, जिससे पूरी कमरे में मेरी सिसकारियों और पच पच की आवाज गूंजने लगी थी.

कुछ ही पल बाद मैं पूरी तरह से अकड़ कर भैया से पूरी लिपट गई और झड़ गई.
भैया कुछ देर रुक गया. उसने अपने दोनों हाथों से मेरे कंधों को मेरी पीठ के पीछे से फंसाकर कर मुझे अपने सीने से चिपका लिया और मेरी बुर में लंड चलाने लगा.
मैं मस्त होने लगी.

वो पूरा लौड़ा अपनी बहन की बुर में पेलकर मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरी बुर में झटके लगाने लगा.
इस बार मैं भी अपने भैया का पूरा साथ दे रही थी.

भैया ने करीब 20 मिनट मेरी धकापेल चुदाई की और हम दोनों एक साथ झड़ गए.
भैया ने अपना पूरा वीर्य मेरी बुर के अन्दर ही छोड़ दिया था.

हम दोनों इसी पोजीशन में ऐसे ही चिपक कर लेटे रहे.
कुच देर बाद हम दोनों अलग हुए तो बुर से खून भैया के लंड से लग गया था. उनका खूनी लंड वीर्य से मिल कर अलग ही छटा बिखेर रहा था.

वो मुस्कुराने लगा. मैं भी शर्मा गई और अपने भैया के सीने को चूमने लगी.

बाद में मैंने देखा कि बेड पर कुछ खून के निशान बन थे, ये मेरी बुर की सील टूटने की निशानी थी.

मैंने उठ कर चादर हटा कर एक तरफ डाल दी और अपने भैया से लिपट गई.

हमने उस रात में दो बार और चुदाई का मजा लिया.

फिर सुबह होने से पहले उठ कर मैं अपने कमरे में चली गयी. उस वक्त रात के ढाई बज रहे थे. मैं चादर अपने साथ ले गई.
ये मेरी सील टूटने की गवाह थी.

फिर सुबह मैं 8 बजे उठी, तो मेरी बुर सूज गई थी और दर्द भी हो रहा था.
अब हमें जब भी सेक्स की इच्छा होती है, तो सही मौका देखकर सेक्स कर लेते हैं.
 

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बड़ी बहन की चूत की धमाकेदार चुदाई




मेरा नाम सज्जू खान है.
मैं कहानी शुरू करने से पहले आपको अपनी फैमिली की बारे में बता देता हूँ.

मेरी फैमिली में अम्मी अब्बू, मेरी बहन और मैं ही हूं.
मैं 19 साल का हूँ.

हमारे घर में दो कमरे हैं. एक में अम्मी अब्बू सोते हैं और दूसरे में मैं और मेरी आपा, हम दोनों साथ में सोते हैं.

मेरी बहन 21 साल की है और वो नौकरी करती है. मेरी बहन दिखने में बहुत सेक्सी है.
यह Xxx दीदी हॉट सेक्स कहानी उसी बहन की है.

वो जब भी घर से बाहर निकलती है, तो सब उसे देखते रह जाते हैं.
न जाने कितने ही लड़के मेरी बहन को पटाना चाहते थे, पर मेरी बहन कभी किसी को भाव नहीं देती थी.

ये बात उस समय की है जब मैं अपनी फायनल की परीक्षा दे चुका था.
वो बारिश का टाइम चल रहा था. मेरी बहन अपने काम से वापस आ रही थी.
वो आते समय रास्ते में बारिश में भीग गई थी.

उस समय घर में मैं अकेला था, अम्मी अब्बू मेरे मामा के घर गए थे.

मैं फ्री था तो मोबाइल में पबजी खेल रहा था.
तभी मेरी बहन बारिश में पूरी भीग कर आई.

मेरी नजर उस पर पड़ी तो बड़ी मस्त माल लग रही थी.
भीगे कपड़ों में उसकी चूचियां और निप्पल एकदम साफ दिख रही थीं.

बहन को ऐसे देख कर मेरा लंड सलामी देने लगा.
ये मेरा पहली बार था, जब मैंने किसी लड़की को ऐसे देखा था.

मेरा लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था.

तभी मेरी बहन ने मुझे भाई कहकर बुलाया.
वो मुझसे तौलिया मांग रही थी.

आज तक हम दोनों साथ में सोते थे, मेरे मन में कभी बहन के बारे में गलत ख्याल नहीं आया था.
पर अब मैं अपनी बहन को चोदना चाहता था.

मैंने उसे तौलिया लाकर दिया.
वो तौलिया लेकर बाथरूम में चली गई और मैं दरवाजे की झिरी से अन्दर देखने लगा.

मेरी बहन अपने सारे कपड़े उतार दिए थे. वो मस्त लग रही थी. उसके तने हुए बड़े बड़े बूब्स, छोटी सी चूत देख कर मैं पागल हो रहा था.

मैं बहन को सोच कर वहीं दरवाजे पर मुठ मारने लगा.
तभी दरवाजे पर हलचल सी हुई, मैं झट से भाग लिया. वहां से भाग कर मैं अम्मी के रूम में आ गया.

तब तक मेरी बहन अपने कमरे में चली गई थी.
मैं बिंदास लंड हिलाए जा रहा था.
तभी मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी.

झड़ने के बाद मुझे राहत मिली और मैं आंख बंद करके अपनी बहन के बारे में सोचने लगा.
मुझे अब वो हर हालत में अपने लौड़े के नीचे चाहिए थी.

मैं अब कमरे में आकर अपनी बहन को घूरने लगा.
कुछ ही देर में वो भी जान गई थी कि उसका भाई उसमें इंट्रेस्ट ले रहा है.

रात में खाना खाने को बाद हम दोनों सोने जाने लगे.

मेरी बहन जल्दी सो गई लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मेरी आंखों में बार बार बारिश में भीगी बहन ही दिख रही थी, बाथरूम में उसकी नंगी जवानी मुझे गर्म कर रही थी.

जब रहा न गया तो मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना एक पांव उसके पांव पर रख दिया.
वो गहरी नींद में सो रही थी.

जब उसकी तरफ से कुछ भी हरकत नहीं हुई, तो मेरी हिम्मत बढ़ गई.
मैंने धीरे से उसके एक बूब को दबा दिया.
वो अब भी कुछ नहीं बोली. मेरी हिम्मत और बढ़ गई.

मैं धीरे धीरे नीचे आने लगा.
तभी वो पलट गई, मेरी गांड फट गई.

वो बोली- भाई, ये तुम क्या कर रहे हो?
मैं कुछ नहीं बोला.

मैंने उसको सॉरी बोला और पलट कर सो गया.
फिर वो भी सो गई.

सुबह जब मैं सो कर उठा तो मेरी बहन ने मुझे चाय दी और वो अपने काम पर चली गई.

थोड़ी देर में अम्मी अब्बू आ गए और मैं भी दोस्तों से साथ खेलने चला गया.
शाम को जब मैं घर आया, तो बहन अभी घर वापस नहीं आई थी.

मेरी अभी भी गांड फट रही थी कि कहीं वो अम्मी को बता ना दे.
मैं कुछ खाकर लेट गया.

बहन काम से वापस आई तो अम्मी अब्बू ने उसे बताया कि उन दोनों को शादी में पुणे जाना है. उधर मेरी फूफी के यहां शादी है.
अम्मी ने उससे साथ चलने को कहा, तो मेरी बहन ने जाने से न कर दी.

अम्मी ने बहन के साथ में रहने के लिए मुझे बोल दिया. अम्मी ने अपनी पैकिंग कर ली और रात को वो दोनों बस से पुणे चले गए.

मैंने खाना खाया और बाहर थोड़ा घूमने लगा.
मेरी बहन ने आवाज दी- चलो अब अन्दर आ जाओ और सो जाओ.

मैं अन्दर आया तो मैंने देखा कि मेरी बहन कमाल की लग रही थी.
वो एक घुटनों तक आने वाली फ्रॉकनुमा नाइटी पहनी हुई थी.
उसमें अन्दर से उसकी जवानी फूट फूट कर दिख रही थी, चूचियों के निप्पल एकदम कड़क दिख रहे थे और वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा भी रही थी.

मैंने उसे देख कर कुछ भी रिएक्ट नहीं किया और सीधा लेट गया.

मैं सोने लगा तो वो बोली- भाई, कल को जो तुम कर रहे थे क्या वो आज हम दोनों कर सकते हैं?

उसकी बात सुनकर पहले तो चौंका मगर चुप रहा.
मेरी बहन फिर से बोली- जवाब दो.

मैंने कहा- वो मुझसे गलती हो गई थी.
उसने कहा- आज वो गलती फिर से करो.

मैंने कुछ नहीं कहा.
वो गुर्रा कर बोली- मैं जैसा कहती हूँ, अगर तुम वैसा नहीं करोगे तो मैं वो बात अम्मीअब्बू को पक्का बता दूँगी.

मैं रोने लगा.
मैंने कहा- आपा, आप जो बोलोगी, मैं करूंगा. प्लीज़ आप अम्मी से कुछ नहीं बोलना.

वो मुस्कुरा कर मेरे गले से लग गई और किस करने लगी.
उसकी चुम्मी से मेरे अन्दर साहस बढ़ गया और गर्मी भी बढ़ने लगी.

हम दोनों किस करने लगे और 20 मिनट तक किस करते रहे.

अब वो मेरे कपड़े खोलने लगी और खुद भी नंगी हो गई.
कुछ ही पल बाद मेरी बहन मादरजात नंगी मेरे सामने खड़ी थी.

उसकी सफाचट झांट रहित चूत देख कर मेरा लंड फटने को हो रहा था.
तभी मेरी बहन ने अपने हाथ से मेरा कड़क लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगा.

मैं उसकी तरफ देख रहा था वो किसी पोर्न ऐक्ट्रेस की तरह मेरी आंखों में देखती हुई घुटनों पर बैठ गई और मेरे लंड को चूसने लगी.
अपनी बहन के मुँह में अपना लंड महसूस करते ही मैं तो मानो जन्नत में पहुंच गया था.

मैं आंख बंद करके लंड चुसाई का मजा लेने लगा.

पांच मिनट तक चूसने के बाद उसने मुँह से लंड बाहर निकाल दिया और पैर फला कर लेट गई.

वो वासना से मेरी तरफ देख कर अपनी चूत सहलाती हुई बोली- अब तुम मेरी चूत चाटो.

मैं भी अपनी बहन की चूत को जोर जोर चाटने लगा.

कुछ मिनट तक चूत चटवाने के बाद वो बोली- भाई अब चोद दे, मुझसे रहा नहीं जा रहा है.

मैंने पोजीशन बनाई और अपना सात इंच का लंड बहन की चूत पर रगड़ने लगा.
मेरी बहन की चूत चिकनी थी और बहन बेकाबू थी.

उसने गांड उठा कर लंड को चूत में लेने की कोशिश की.
उससे मेरा गुस्से में खड़ा लंड अचानक से उसकी चूत में थोड़ा सा चला गया.

बहन की जोर चीख निकली पड़ी और मैंने उसए होंठ दबा कर लंड चूत में पेल दिया.
मेरी बहन की चूत से खून आने लगा.

मैं खून देख कर डर गया कि ये क्या हो गया.
मैंने डर के मारे अपना लंड बहन की चूत निकाल लिया.

बहन रोने लगी थी और मेरी गांड फट गई थी कि ये क्या लफड़ा हो गया.
मैं कहने लगा- सॉरी दीदी, मेरे अन्दर करने से आपको दर्द होता है. मैं अब नहीं करूंगा.

दीदी कुछ नहीं बोली, वो ऐसे ही पड़ी रही.

कुछ मिनट बाद मैंने दीदी से पूछा- अब दर्द कैसा है?
वो बोली- भाई पहली बार दर्द होता ही है. ये मुझे मालूम है.

मेरा लंड अभी भी पूरा खड़ा था.
कड़क लंड देख कर दीदी बोली- इस बार मैं कितना भी रोऊं, चीखूं, तू रुकना मत. तू पहले आराम से डालना, जब पूरा चला जाए तो फिर तेज तेज करने लगना.

मैंने हामी भर दी और दीदी के ऊपर चढ़ गया.
इस बार जैसा दीदी बोलती गई, मैं वैसा करता गया.

मेरा पूरा लंड दीदी की चूत में चला गया.
उसे दर्द हुआ मगर उसने मुझे करते रहने को कहा.

कुछ देर बाद चुदाई का मजा हम दोनों को आने लगा.

मैंने अपनी सगी बहन को खूब चोदा.

करीब बीस मिनट तक बहन की चूत चोदने के बाद मेरा पानी निकलने वाला हो गया था.
मैंने दीदी से पूछा- कहां निकालूं?

दीदी बोली- अन्दर मत निकालना.
मैंने पूरा लंड चूत से निकाल कर मुँह में डाल दिया.
दीदी मेरा लंड चूसने लगी.

कुछ ही देर के बाद मेरा पूरा रस दीदी के मुँह में ही निकल गया.
मुझे उसे अपना वीर्य पिलाने में बहुत अच्छा लग रहा था.

फिर मैं बाथरूम में गया और खुद को साफ करके वापस आ गया.
मेरे बाद मेरी बहन ने खुद को साफ़ किया और हम दोनों नंगे चिपक कर सो गए.

एक घंटा बाद फिर से घमासान चुदाई हुई.
उस रात में मैंने अपनी बहन को चार बार चोदा.

अम्मीअब्बू जब तक नहीं आए हम दोनों ने सारे घर में चुदाई का खेल खेला.
उसके बाद रोज रात में दीदी मुझे से चुदवाती है और मैं भी अपनी बहन को मजे से चोदता हूँ.

फिर एक दिन अम्मी अब्बू बाहर गए थे. घर में हम दोनों ही थे.
मैं दीदी को चोद रहा था, तभी खिड़की से बाजू वाली आंटी ने हमें देख लिया.

दीदी डर गई और बोली- अब क्या होगा?
मेरी भी गांड फट रही थी.

तभी हम दोनों अपना काम खत्म किया और मैं नहाने चला गया.

कुछ दिनों तक मैं आंटी से दूर रहने की कोशिश में लगा रहा.

उसके कुछ दिन बाद की बात है. आंटी कुछ सामान लेकर आ रही थीं, तभी रास्ते में उन्हें मैं मिल गया.

आंटी बोलीं- सुनो.
मेरी तो हालत खराब हो गई कि कहीं कुछ बोलने ना लगें.
लेकिन आंटी ने सामान घर पहुंचाने को कहा, और कुछ नहीं बोला.

मैंने आंटी का सामान उठा लिया और उनके घर आ गया.

उनका सामान रख कर मैं जाने लगा तो आंटी बोलीं- रुको, मुझे तुमसे कुछ काम है.
मैं बोला- हां बताइए क्या काम है आंटी?

आंटी बोलीं- पहले ये बताओ, तुम दोनों उस दिन क्या कर रहे थे?
मैं कुछ नहीं बोला.

तो आंटी बोलीं- मुझे सब पता है.
मुझे अब डर लगने लगा.

मेरी हालत देख कर आंटी को हंसी आने लगी.
फिर आंटी बोलीं- रात में छत पर आना, फिर बताऊंगी कि क्या करना है?

मैं डरते डरते घर आ गया.
मैंने दीदी को सब बता दिया.
फिर दीदी ने कहा- देखते हैं रात में क्या होने वाला है.

मैं चुप था. मेरी गांड फट रही थी.
दीदी बोली- अगर आंटी कुछ बोलीं और उन्होंने अम्मी अब्बू को बताया, तो हम दोनों घर से भाग जाएंगे और शादी कर लेंगे.

मैं खुश था कि दीदी मेरे साथ है.
फिर खाना खाने के बाद मैं सो गया.

शाम को 7 बजे दीदी ने उठाया और बोली- नाश्ता कर ले.

नाश्ता करने के बाद दीदी बोली- कुछ भी हो जाए, मैं तेरे साथ हूँ.

फिर दीदी ने मुझे एक किस किया.
मेरा मन कुछ हल्का हुआ.

मैं वहीं बैठ कर टीवी देखने लगा.
दीदी खाना बनाने चली गई.

दो घंटा बाद मैंने और दीदी खाना खाने वाले थे कि वो आंटी आ गईं.
वो दीदी से बोलीं- आज मैं तुम्हारे यहां सो जाती हूँ.

दीदी मरी सी आवाज में बोली- ठीक है.
फिर हम लोगों ने खाना खाया और मैं सोने जाने लगा.

आंटी बोलीं- क्यों ना हम सब साथ में सोते हैं.
हम लोग एक ही बेड पर लेट गए थे.

पहले मैं, फिर दीदी उसके बाद आंटी.
कुछ देर बाद दीदी सो गई.

मुझे भी नींद लगने लगी. तभी आंटी उठीं और बाथरूम गईं.
वापस आकर उन्होंने दीदी को अपनी जगह सुला दिया. दीदी गहरी नींद में थीं तो वो सोती रहीं.

फिर आंटी मेरे पास आकर लेट गईं.
मैं सिर्फ आंखें बंद किए लेटा था.

आंटी को लगा कि मैं सो रहा हूँ.
थोड़ी दर बाद तक आंटी सीधी लेटी रहीं, फिर अचानक से उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया.
मैं कुछ नहीं बोला.

आंटी के सहलाने से मेरा लंड खड़ा होने लगा.

अब आंटी धीरे धीरे मेरा लौड़ा सहलाने लगीं, फिर उन्होंने धीरे से मेरा लोअर निकाल दिया.
मैं सोने के टाइम अन्दर कुछ नहीं पहनता हूँ.

मेरा 7 इंच का कड़ा लंड देख कर आंटी से रहा नहीं गया. वो तुरंत ही मुँह में लंड लेकर चूसने लगीं.
मैं चुपचाप जन्नत का मजा ले रहा था.

फिर कुछ मिनट चूसने के बाद आंटी धीरे कान में बोलीं- और कितना तड़फाओगे, अब चोद भी दो मेरी जान … मुझसे रहा नहीं जा रहा है.

मैं उठा और आंटी की नाइटी को ऊपर कर दिया.
उनकी क्लीन शेव चूत देख कर मुझसे रहा न गया और मैं चूत पर टूट पड़ा.

मैं आंटी की चूत चाटने लगा, वो सिसकारियां लेने लगीं.

कुछ मिनट चूत चूसने के बाद मैंने लंड को सैट किया और आंटी की चूत में पेल दिया.
आंटी की चीख निकल गई और मैं जोर जोर से लंड अन्दर बाहर करने लगा.

बीस मिनट तक धकापेल चुदाई के बाद मैं थक गया और मेरा पानी भी निकल गया.
थोड़ी देर तक मैं आंटी के ऊपर ही पड़ा रहा, फिर नंगा ही बगल में सो गया.

सुबह जब उठा, तब तक आंटी अपने घर चली गई थीं.

मैंने दीदी को बताया कि रात में आंटी ने मेरा लंड ले लिया है.
हम दोनों खुश हो गए कि अब किसी बात का डर नहीं रहा.

अब मेरा जब भी मन करता है, आंटी को या दीदी को चोद कर शांत हो जाता हूँ.

हालांकि अब मेरा उन दोनों से मन भर गया है.
अब तो ऐसा लगता है कि कोई नई भाभी या आंटी की चूत चोदने मिल जाए.
 

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भाभी की गर्मागर्म चूत चुदाई का मजा





मेरा नाम विक्रांत वर्मा है और मैं मथुरा का रहने वाला हूं.

मेरी हॉट इंडियन भाभी न्यूड स्टोरी का मजा लें.

एक दिन गर्मी की छुट्टी में मैं घूमने के लिए अपने भैया भाभी के घर दिल्ली चला गया.
पर उनके घर में मेरी उम्र का कोई नहीं था. इसलिए मैं वहां रहने नहीं, बस उन लोगों से मिलने गया था.

वहां घर पर भैया भाभी और उनका बेटा, तीनों थे.
भाभी ने मेरा वहां अच्छे से स्वागत किया.

भैया कुछ देर बाद काम पर चले गए.
मैंने भैया का शाम तक इंतजार किया लेकिन जब वो नहीं आए तो मैंने घर वापस जाने का फैसला किया.

भाभी ने मुझे रुकने को बोला, उन्होंने कहा- तुम्हारे भैया का इस वक्त ज्यादा काम रहता है इसलिए वह अभी नहीं आ पाए. तुम कुछ देर और रुक जाओ. वो रात को आ जाएंगे, तुम कल चले जाना.
फिर भाभी की बात रखने के लिए मैं उनके घर रुक गया.

उस समय तक तो सब ठीक चल रहा था.
तभी भैया का फोन आया कि वो रात को घर नहीं आ पाएंगे.

फिर रात को कुछ गलत हो गया.
रात को हम सबने डिनर किया और मेरे सोने के लिए भाभी ने कूलर के सामने सिंगल बेड लगा दिया.

वो स्वयं अपने बेटे के साथ बिस्तर पर सोने का करने लगीं.
तभी उनका बेटा फट से उठा और मेरे लिए लगे बेड पर जाकर लेट गया.

वो अपनी मां से बोला कि इस बेड पर मैं सोऊंगा और आप चाचू के साथ उस बिस्तर पर सो जाना.
उसकी बात सुनकर मुझे एक सुनहरा मौका मिल गया … आज मुझे अपनी मस्त माल जैसी भाभी को चोदने का ख्याल आने लगा.

मैंने खाना खाने के बाद भैया का पजामा और उनका टी-शर्ट पहन लिया.
मुझे सोते समय नंगे होकर सोने की आदत है तो मैंने अपना अंडरवियर निकाल दिया था.

मैं आकर बिस्तर पर लेट गया और कुछ देर बाद भाभी मेरे और अपने बेटे के लिए दो गिलास दूध लेकर आ गईं.
हम दोनों ने दूध पिया और उसका बेटा सो गया.

मैं भाभी के ख्यालों में खोया हुआ था कि तभी भाभी किचन का काम समेटकर आईं और मेरे बगल में सो गईं.
वो मेरी दूसरी ओर करवट लेकर लेट गई थीं.

जब बगल में जवान भाभी सोई हो, तो नींद कैसे आएगी.
भाभी के गहरी नींद में सोते ही मैंने अपना हाथ भाभी की कमर पर रख दिया.

जब भाभी की तरफ से कुछ हलचल नहीं हुई तो मैंने अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया.
मैंने भाभी के शरीर की सिहरन को महसूस किया, तो ऐसा लगा कि वह जाग रही हैं.

मैंने अपना हाथ उनके शरीर से हटाया और सर को खुजाने का बहाने करने लगा.
जब भाभी ने कुछ भी हरकत नहीं की, तो मैंने अपना हाथ बड़े आराम से उनकी टी-शर्ट के अन्दर डाल दिया.

वो अब भी कुछ नहीं बोलीं तो मैं अपने हाथ को बिंदास उनके मम्मों की तरफ ले गया.

भाभी ने ब्रा पहन रखी थी, इस वजह से ब्रा के ऊपर से ही मैंने उनके मम्मों को एक बार सहलाया और हाथ को वापस निकाल लिया.

कुछ देर मैंने भाभी की तरफ ध्यान दिया कि देखें इनका क्या रवैया रहता है.
उनकी तरफ से कुछ भी नहीं हुआ तो मेरी हिम्मत बढ़ गई.

अब मैंने सलवार के ऊपर से उनकी फुद्दी पर हाथ रखकर महसूस किया तो समझ आया कि भाभी ने भी चड्डी नहीं पहनी थी.
ये महसूस करते ही मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई और मेरे हाथों में एक अलग ही ताकत आ गई.

अपनी एक उंगली को मैंने सलवार के साथ ही फुद्दी के अन्दर डाला तो ऐसा लगा कि भाभी की चूत गर्म और गीली हो गई थी, मतलब भाभी जान कर भी अनजान बन रही थीं.

मैंने हाथ उठाकर उनकी सलवार के अन्दर डालने की कोशिश की लेकिन सलवार का नाड़ा बहुत टाइट था तो मैंने आराम से नाड़ा ढीला करने की कोशिश की.

पर जब नाड़ा नहीं खुला तो कुछ तक यूं ही सलवार के ऊपर से भाभी की फुद्दी के मजे लिए और उठ कर सलवार के ऊपर से ही उनकी फुद्दी को किस भी किया.
फिर मैंने दोबारा से नाड़ा खोलने की कोशिश की.
तभी भाभी ने अनजाने में ही सही, मगर अपने पेट को कुछ अन्दर को कस लिया, जिससे नाड़ा खोलने में आसानी हो गई और एक झटके में नाड़ा खुल गया.

मैंने भाभी की सलवार को खोलकर नीचे कर दिया और अपने हाथ को सीधा अन्दर फुद्दी पर रख दिया.

यह सब करने में मुझे बहुत मजा आ रहा था, मुझे पता था कि भाभी भी मजे ले रही थीं.
वे सोने का नाटक कर रही थीं.

मेरे ऐसे करने पर उन्होंने अपने दोनों हाथों से बिस्तर की चादर को खींच कर पकड़ लिया.
मैंने अपने दोनों हाथों से उनकी फुद्दी को जोर-जोर से मसलना चालू कर दिया.

अब मुझे कोई डर नहीं लग रहा था.
क्योंकि मुझे पता था कि इस स्थिति में कोई भी लड़की सेक्स के लिए मना नहीं करेगी.

मेरा साहस और बढ़ गया था. मैंने भाभी की चूत के दाने को अंगूठे से मसलते हुए अपनी मिडिल फिंगर को चूत में डाल दिया.
वो जरा सिहरीं और कसमसाने लगीं.

उसी वक्त मैंने उनकी चूत पर अपना मुँह रख दिया.
उनके मुँह से आह निकल गई.
मैंने भाभी की फुद्दी के होंठों को खोला और अपनी जीभ को चूत के अन्दर डाल दिया.

तभी अचानक भाभी ने अपनी टांगें खोल कर मोड़ दीं और मेरे सर को पकड़ कर अपनी फुद्दी में दबा लिया.
मैं समझ गया कि भाभी को चूत चुसवाने में मजा आने लगा है.

पूरी तन्मयता से मैं भाभी की चूत चाटने का मजा लेने लगा.
मेरी एक उंगली अभी भी भाभी की चूत का दाना मसल रही थी.

कुछ ही पलों में भाभी ने एक तेज आह के साथ अपनी चूत का पानी छोड़ दिया.

मैं एकदम से हैरान हो गया कि इतनी जल्दी चूत ने पानी छोड़ दिया.
लेकिन मुझे खुशी भी थी कि भाभी को मजा आ गया है.

चूत झड़ने के बाद मैंने भाभी की चूत चटाई का अपना काम जारी रखा और भाभी की फुद्दी से निकले रस को अच्छे से चाटना शुरू कर दिया.

बड़ा ही गाढ़ा और नमकीन रस चाटने से मुझे नशा सा होने लगा था और भाभी की कसमसाहट लगातार बढ़ रही थी.
हालांकि वो निढाल हो गई थीं लेकिन मेरे लगातार चूत चाटने से वो धीरे धीरे फिर से गर्माने लगी थीं.

कुछ ही में भाभी के मुँह से ‘आह्ह अह … ओह …’ की आवाजें निकलने लगीं.
अब तो वो बिंदास होकर जोर जोर की आवाज कर रही थीं.

अपने इस मजे में हम दोनों भूल गए थे कि बगल के बेड पर उनका बेटा सोया है.

मैंने भाभी की चूत को अच्छे से चाटा और बाद में उनके चेहरे के पास अपना चेहरा ले गया.
मैं भाभी की आंखों में देखने लगा.
वे मुझे देखकर स्माइल करने लगीं.

मैंने उन्हें किस करना शुरू कर दिया.
वो भी मेरे मुँह में जीभ डालकर अपनी चूत से निकले रस का स्वाद लेने लगीं.

हमारी ऐसे ही दस मिनट तक फ्रेंच किसिंग चलती रही.
उन्हें बहुत मजा आ रहा था और मुझे भी मजा आ रहा था.
अब मैंने भाभी की टी-शर्ट को भी उतार कर फेंक दिया और साथ ही मैंने अपनी भी टी-शर्ट को उतार दिया.

भाभी उठ कर बैठ गईं और मैं अपने घुटने मोड़ कर बैठ गया.
उन्होंने मेरे पजामे को नीचे किया तो मेरा लौड़ा आजाद हो गया और भाभी ने फट से अपने हाथ में लेकर मेरे लंड को थोड़ा हिलाया.

मैंने इशारा किया तो भाभी ने लौड़े को किस करते हुए उसे मुँह में ले लिया.

लंड चूसते हुए भाभी ने कहा- क्या जादू है तेरे लौड़े में … मैंने आज तक अपने पति का लंड अपने मुँह में नहीं लिया था.
मैंने कहा- ये मेरा नसीब है कि आपको मेरा लंड पसंद आ गया.
भाभी ने कहा- हां मुझे बहुत दिन से तुम्हारे भैया ने चोदा ही नहीं है.

अब भाभी ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरा पजामा उतार कर मुझे नंगा कर दिया.
फिर मेरे पेट पर बैठकर भाभी ने अपनी ब्रा का हुक खोला और किसी देसी पोर्न स्टार के जैसे ब्रा को निकाल कर दूर फेंक दिया.

अब भाभी नीचे को झुकी और अपने मम्मों से मेरा मुँह दबा दिया.
वो मेरे मुँह पर अपने मम्मों को रगड़ कर आह आह की आवाज करने लगीं.

मैंने अपने दोनों हाथ भाभी की कमर में डाले और उनके एक मम्मे को अपने मुँह को लेकर बड़े प्यार से चूसने लगा और निप्पल को पकड़ कर खींचने लगा.
इससे भाभी को मजा आने लगा और वो मुझसे अपने दोनों मम्मों को बारी बारी से चुसवाने का मजा लेने लगीं.

कुछ देर ऐसे ही मजा लेने के बाद मैंने उन्हें बेड पर लिटा दिया और मैं उनके ऊपर चढ़ गया.
मैं भाभी के हाथों को अपने हाथ से दबाकर उन्हें किस करने लगा.
भाभी बहुत खुश हो गई थीं.

मैंने नीचे आकर उनकी फुद्दी पर हल्का सा किस किया और अपना लंड उनकी चूत में घुसाने लगा.
लेकिन मुझे उनकी चूत नीचे को होने से चुदाई में कुछ असहज सा महसूस होने लगा.

फिर मैंने दो तकियों को न्यूड भाभी की कमर के नीचे रखे, इससे भाभी की चूत ऊपर को उठ गई थी.

अब मैं अपने लंड को चूत के गहराई में घुसाने लगा.
मेरा मोटा लंड चूत में जाने से मना कर रहा था.
भाभी की चूत बड़ी कसी हुई थी जबकि उनकी चूत से एक बच्चा भी पैदा हो गया था.

बाद में भाभी ने बताया था कि बच्चा ऑपरेशन से होने के कारण चूत अभी भी कसी हुई थी.

फिर मैंने पूछा- कुछ चिकनाई लगानी पड़ेगी.
तो भाभी बोलीं- हां किचन में फ्रिज में मक्खन रखा है.

मैंने कहा- हां भाभी आपकी गर्म चूत में ठंडा मक्खन लगाने से मजा भी आएगा.
भाभी हंस दीं.

मैं ऐसे ही नंगा उठ कर किचन में गया और फ्रिज से मक्खन की कटोरी लेकर आ गया और भाभी की चूत में लगा कर उसे मलने लगा.
भाभी की चूत की गर्मी इतनी थी कि मक्खन पिघल कर उसकी चूत में लग गया.

अब चूत चमकने लगी थी.
चूत से मक्खन की महक भी आने लगी थी.

थोड़ा मक्खन अपने लंड के सुपारे पर लगाया और लंड को भाभी की फुद्दी पर टिका दिया.
ये देख कर भाभी ने अपने पैर खोल कर चूत का मुँह लंड के लिए खोल दिया.

मैंने हल्का सा धक्का दिया तो सुपारा अन्दर चला गया.
उनकी हल्की सी आह निकली.

मैंने समझ लिया कि मेरा लंड मोटा है और भाभी के मुँह से पक्का चीख निकलेगी. मैंने अपने होंठों को भाभी के होंठों से लगा दिया और जोर से धक्का दे दिया.

मेरा पूरा लंड भाभी की मक्खन लगी चिकनी चूत में रपटता हुआ समा गया.

इससे भाभी को बहुत तकलीफ हुई और उनकी चीख निकलने को हुई मगर मेरे मुँह में दब कर रह गई.

हॉट इंडियन भाभी की आंखें फटी की फटी रह गईं.
उनको दर्द हो रहा था, फिर भी वो मुझे सहन कर रही थीं.

मैंने उनकी आंखों में देख कर मुँह से मुँह दबाए हुए ही ‘हूँ ..’ का इशारा किया कि रुकूँ या छोड़ता रहूँ.
भाभी ने हाथ से मेरी पीठ सहलाते हुए चुदाई जारी रखने को कहा.

मैं लंड को आगे पीछे … आगे पीछे करने लगा.

मेरी चुदाई से होने वाले दर्द को भाभी अपनी आगे आने वाली खुशी के लिए सहन कर रही थीं.

कुछ देर बाद भाभी को चुदाई में मजा आने लगा और वो कमर उछाल उछाल कर मेरा साथ देने लगीं.
मैंने उनके मुँह से मुँह हटा दिया और धकापेल चुदाई में लग गया.

मुझको चुदाई करते करते अभी कुछ मिनट ही हुए थे कि भाभी की चूत का पानी निकल गया और उनकी फुद्दी बहने लगी.
उन्होंने मुझे कसके जकड़ लिया.

फिर थोड़ी देर बाद भाभी मेरा फिर से साथ देने लगीं और अपनी गांड उछाल उछाल कर मुझे उत्तेजित करने लगीं.
अब उन्होंने मुझे नीचे लिटाया और खुद मेरे ऊपर आकर उछलने लगीं. उनकी गांड के साथ ही उनके बड़े बड़े दूध भी मस्ती से उछलने लगे थे.

सीन देख कर मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
मैं उनके मम्मों को पकड़ कर नीचे से गांड उठाते हुए चूत चुदाई का मजा लेने लगा था.

करीब 10 मिनट बाद ‘आह … आह …’ की तेज आवाज के साथ भाभी फिर से झड़ गईं.
अब तक भाभी तीन बार झड़ चुकी थीं.

फिर मैंने आसन बदला.
उन्हें बेड के किनारे लाकर मैं खुद फर्श पर खड़ा हो गया और भाभी की एक टांग उठा कर उनकी चूत के निशाने पर लंड रख दिया.

मैंने लंड अन्दर सरकाया और जोर जोर से धक्का देने लगा.
अचानक से मुझमें एकदम से जोश सा आ गया और भाभी भी चीखने लगीं ‘आह … आह … और जोर से करो …’

कुछ मिनट की पलंगतोड़ चुदाई के बाद मेरा माल छूटने को होने लगा था तो मैंने पूछा- भाभी माल कहां निकालूं?
वो कुछ नहीं बोलीं.

मैंने लंड चूत से निकाला और पीछे हट गया.
मैं बिस्तर पर सामने मुँह करके बैठ गया.
भाभी ने लंड को अपने मुँह में ले लिया और मैं अन्दर बाहर करने लगा.

एक मिनट के बाद मैंने उनके सिर को पकड़ा और जोर जोर से मुँह चोदने लगा.
मेरा लंड उसके गले तक जा रहा था.

तभी मेरे गर्म वीर्य की पिचकारी सीधे भाभी के गले में जाकर लगी.
भाभी पूरा माल पी गईं और मैं बेसुध होकर वैसे ही नंगा बेड पर लेट गया.

भाभी भी मेरे ऊपर आ गईं और उन्होंने मुझे गले से लगा लिया.
हम दोनों ऐसे ही सो गए

मुझे समय का कोई ख्याल ही नहीं रह गया था.

भाभी ने मुझे उठाया तो सुबह के 4:30 बजे थे. भाभी ने अपने कपड़े पहने और मुझे पहनाए.
मुझे कपड़े पहनाते समय भाभी ने मेरे लिप्स और लंड पर किस करके लंड को साफ कर दिया.

वो किचन में जाकर मेरे लिए एक गिलास गर्म काजू बादाम वाला दूध लेकर आईं और मुझे पिलाया.

फिर 10 बजे मुझे भैया ने उठाया तो मैं थोड़ा डर गया.

मैंने हाथ मुँह धोए और देखा तो भाभी अपने बेटे को तैयार करके स्कूल भेज रही थीं.

तब मैंने भैया के साथ नाश्ता किया और भैया कहीं चले गए.

उनके जाने के बाद मैंने भाभी को देखा तो भाभी ने दरवाजे बंद किए और मेरे पास आकर मेरे लंड को सहलाने लगीं.
हम दोनों ने जल्दी वाला सेक्स किया और मैं नहाने घुस गया.
भाभी भी मेरे साथ बाथरूम में आ गईं.
मैंने अपनी हॉट इंडियन भाभी न्यूड ही रगड़ कर नहलाया और बाहर आ गए.

बाद में भैया आ गए तो उनके साथ खाना आदि खाकर मैं अपने घर के लिए निकल गया.

 

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पहली बार घर आयी चाची को चोदा



हैलो, मैं राज … फ्री सेक्स कहानी पर बहुत दिन से हिंदी चुदाई कहानी पढ़ रहा हूं.
आज मुझे लगा कि अपने साथ हुई एक बहुत ही मज़ेदार सेक्स कहानी को लिखूं.

मैं आपको बता दूँ कि ये मेरी पहली सेक्स कहानी है तो कोई गलती होना लाजिमी है तो माफ़ कर दीजिएगा.

ये Xxx चाची हिंदी चुदाई कहानी आज से 3 साल पहले की है.
मैं अपने एक फ्रेंड के साथ एक सेमिनार में गया हुआ था.

मेरी मम्मी का फोन आया कि दिल्ली वाले चाचा और चाची घर आ रही हैं, तो तू जल्दी घर आ जाना.
मैंने मम्मी से कहा- हां ठीक है मम्मी, आ जाऊंगा.

ये बोलकर मैंने फोन रख दिया.
थोड़ी ही देर बाद मैं घर पहुंच गया.

चाचा चाची पहले ही घर पहुंच गए थे.
मैंने उनको नमस्ते की और चाचा से बात करने लगा.

चाचा की शादी थोड़े दिन पहले ही हुई थी.
मेरी हिम्मत चाची से बात करने की नहीं हो रही थी पर मेरी नजर बार बार उनके बूब्स पर जा रही थी.

चाची के मम्मे बहुत बड़े बड़े थे और उनके ब्लाउज का गला काफी खुला था, तो उनके मम्मे और भी ज्यादा कामुक लग रहे थे.

थोड़ी ही देर बाद चाची ने मुझसे कहा- राज तुम तो कुछ बोल ही नहीं रहे.
मैंने कहा- अरे चाची ऐसी बात नहीं है, बस ऐसे ही मैं थोड़ा झिझक रहा हूं.

चाची बोलीं- मुझसे झिझक कैसी राज?
चाचा ने कहा- इसने तुमसे कभी बात नहीं की न … शायद इसलिए!

इस पर सब हंसने लगे.
कुछ ही देर में मैं चाची से भी बात करने लगा.

थोड़ी देर बाद चाची ने कहा- जरा मेरा फोन देखना, क्या बात हो गई है, इसमें नेट नहीं चल रहा है.
मैंने फोन देखा तो उनके फ़ोन की रोमिंग बंद थी. उसकी वजह से नेट नहीं चल रहा था.
वो ऑन करते ही नेट चल गया.

मैंने चैक करने के लिए क्रोम खोला, तो चाची ने झट से मेरे हाथ से फोन ले लिया लेकिन मैंने उतनी देर में देख लिया था कि उसमें पोर्न साइट खुली हुई थी.

फिर थोड़ी देर में सबने खाना खाया और सोने की तैयारी करने लगे.
चाचा और चाची मेरे ही बेड पर सोने वाले थे.

थोड़ी देर बाद चाची ने मुझे फिर से आवाज दी और कहा- राज, जरा इधर आओ, मुझे फोन में कुछ सीखना है.
मैं उनके पास जाकर बेड पर बैठ गया और जो जो उन्होंने पूछा, सब बता दिया.

बीच बीच में मैं चाची के बूब्स को भी घूर रहा था.
इस बात को शायद चाची ने भांप लिया था.

काफी देर हो गई थी.
चाचा भी सो गए थे तो मैं भी वहीं सो गया था.

चाची मेरे बगल में ही सो रही थीं. पर हमारा कम्बल अलग अलग था. चाची के सोने के थोड़ी देर बाद मैं भी सोने लगा.

पर बीच बीच में मैं चाची को चोदने के बारे में सोच रहा था जिससे लंड कड़क हो रहा था.
पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी.

रात को करीब एक बजे चाची ने करवट ली और उन्होंने अपना मुँह मेरी तरफ कर लिया.
वो मेरे और पास को भी आ गई थीं.

मैंने देखा कि उनके बूब्स ब्लाउज से कुछ बाहर को निकल रहे हैं.
मैं बहुत देर तक उनके मम्मों को देखता रहा.
चाची के बदन से बहुत ही अच्छी खुशबू आ रही थी.

वो कहते हैं ना, जो किस्मत में हो, वो मिलता ही है.
ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ.

थोड़ी देर बाद चाची ने फिर से करवट ली और इस बार वो मेरे बहुत पास आ गई थीं.
मैंने इस बार मन बना लिया और चाची के ब्लाउज पर अपना हाथ रख दिया.

मुझे बहुत डर लग रहा था क्योंकि चाचा उसी कमरे में थे.
मैंने थोड़ी हिम्मत बढ़ाई और ब्लाउज के ऊपर से उनके मम्मों को हल्का हल्का दबाना शुरू कर दिया.

मुझे डर भी लग रहा था और बहुत मज़ा भी आ रहा था क्योंकि चाची के बूब्स बहुत बड़े और सॉफ्ट थे.
मैंने धीरे धीरे अपना हाथ ब्लाउज के अन्दर डालने की कोशिश की तो चाची जाग गईं और उन्होंने मेरे हाथ को हटा दिया.
मैं चुपचाप वैसे ही लेटा रहा.

थोड़ी देर बाद मैंने फिर से हिम्मत की और फिर से ब्लाउज के ऊपर हाथ रख दिया.
इस बार चाची ने कुछ नहीं कहा, वो सो सी गई थीं शायद, या उन्हें भी मजा आने लगा था.

मैंने अपना मुँह चाची के ब्लाउज के ऊपर दबा दिया.
चूंकि चाची मेरे बहुत पास थीं और उनके दूध बिल्कुल मेरे मुँह के पास ही थे.

मैंने ब्लाउज के ऊपर से अपने मुँह को दबाना शुरू कर दिया और चाची के बूब्स को ऊपर से ही किस करने लगा.
तब शायद चाची को पता चल गया था तो भी उन्होंने कुछ नहीं बोला.
वो आंख बंद करके लेटी रहीं.

इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई, मैंने अपने हाथ से उनके ब्लाउज में से एक बूब को बाहर निकाल लिया.

आह क्या दूध था यार … एकदम मलाई. मन तो कर रहा था कि उसको अभी खा जाऊं!
लेकिन अपने आप पर संयम रखा और दूध को चाटने व चूसने लगा.

चाची को भी मज़ा आ रहा था, पर वो बता नहीं रही थीं.

वो मुझे ऐसा दिखा रही थीं, जैसे वो गहरी नींद में सो रही हैं और कुछ नहीं जानती हैं कि उनके साथ क्या हो रहा है.

पर अब मैं सब समझ गया था कि चाची चुदने के लिए मरी जा रही हैं.
थोड़ी देर बाद मैंने चाची की कमर पर हाथ फेरा और चाची के ही कम्बल में आ गया.

मैंने चाची के ऊपर एक पैर रख लिया था और उनके बूब्स को दबा रहा था.

थोड़ी देर बाद मैंने चाची की साड़ी ऊपर कर दी और उनकी जांघ तक साड़ी को ले आया.
मैंने उनकी नंगी जांघ पर हाथ फेरना शुरू कर दिया.

अब चाची को मज़ा आने लगा तो उन्होंने अपने दोनो पैरों को कसके दबा लिया.

फिर मैंने चाची की साड़ी को और ऊपर किया तो देखा चाची ने पैंटी नहीं पहनी है.
मेरे तो मजे हो गए थे.

मैंने उनकी चूत पर अपनी उंगली लगाई. चाची की चूत गीली हो चुकी थी.

मैंने थोड़ा आगे बढ़ कर चाची की चूत को हाथ से रगड़ना शुरू कर दिया.
अब चाची बहुत मज़े लेती हुई मेरे सीने से चिपक गईं और उन्होंने अपनी आंख भी खोल ली थी.

मुझसे चाची की आंखें टकराईं तो वो हल्के से मुस्कुरा दीं.

हम दोनों अब एक दूसरे का पूरा साथ दे रहे थे.
चाची को बहुत मज़ा आ रहा था. वो अपनी चूत को ऊपर नीचे कर रही थीं.

मेरे ज्यादा तेजी से चूत को रगड़ने से चाची की हल्की आवाज में कामुक सिसकारियां निकल रही थीं ‘आह … आह …’

मैंने चाची के मुँह पर हाथ रखा और धीरे से कहा- चाची चुप रहो, चाचा जाग जाएंगे.
इसके बाद उन्होंने आवाज नहीं निकाली और मैं चूत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर करता रहा.

थोड़ी देर बाद मैंने चाची का ब्लाउज खोल दिया और ब्रा को नीचे करके उनके दोनों मम्मों को बाहर निकाल लिया.

उनके बूब्स बाहर आ गए थे और मैंने उनकी एक चूची को चूसना शुरू कर दिया.

उन्होंने मेरा पूरा मुँह अपने मम्मों में दबा दिया.
मुझे ऐसे और ज्यादा जोश आ गया तो मैंने उनके एक दूध के निप्पल को काटना शुरू कर दिया.

चाची को लग रही थी तो उन्होंने इशारे से बताया.
मैं रुक गया.

अब मुझे किसी बात का डर नहीं था.
मैं चाची के ऊपर चढ़ गया और कम्बल को ऊपर तक ओढ़ कर उनके दोनों मम्मों को चूसता रहा.

कुछ देर बाद मैं नीचे आ गया और चाची की टांगों को फैला कर मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.

चाची की चूत बहुत नमकीन थी और उसमें से खट्टा स्वाद भी आ रहा था.

इससे चाची पागल हो गई थीं; वो अपनी चूत को ऊपर नीचे कर रही थीं और मेरा सिर अपनी जांघों से जकड़ लिया था.

मैं सांस भी नहीं ले पा रहा था, पर चूत को चाटते वक्त मुझे कुछ होश नहीं था.
मैंने चाटने के बाद चूत में उंगली डाली.

मेरी पूरी उंगली गीली हो चुकी थी और चूत अन्दर से बहुत गर्म हो रही थी.
ऐसा करते करते सुबह के 4.30 बज गए और चाचा की आंख खुल गई.
मैं अपने कम्बल में चुपचाप आकर सो गया.

सुबह होते ही मैंने देखा चाची अभी तक सो रही हैं.
मैं उठा और थोड़ी देर में नहा-धो कर रेडी हो गया. फिर नाश्ता वगैरह किया.

अब मैं चाची से नज़रें मिलाने में कुछ सकपका रहा था पर चाची मुझसे बिल्कुल घुल-मिल गई थीं.

ऐसे ही शाम हो गई.

मैं चाची के पास ही बैठा था.
उस वक्त चाचा अपने किसी दोस्त से मिलने गए थे तो वो रात को थोड़ा देरी से आने वाले थे.

मुझे ये जानकर बहुत अच्छा लगा क्योंकि आज चाची की चूत में लंड डालने का बहुत अच्छा मौका था.

रात हुई.

हम सब खाना खाकर अपने अपने रूम में आ गए.
चाची मेरे ही रूम में सोने वाली थीं.

मैंने जल्दी सोने की एक्टिंग की.
चाची भी सो गईं.

थोड़ी देर बाद मैंने वही करना शुरू कर दिया जो कल किया था.
चाची समझ गईं और वो करवट लेने के बहाने थोड़ा पास आ गईं.

मैंने सबसे पहले चाची की चूत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर करना शुरू की.

चाची को सेक्स चढ़ गया था, उन्होंने अपनी चूत खोल दी थी और मेरे सर पर हाथ फेरना शुरू कर दिया था.

मैं समझ गया कि चाची को चूत चटवाने का मन है. मैं नीचे आया और उनकी चूत चाटना शुरू कर दिया.

चाची बहुत मज़े से अपनी चूत को ऊपर नीचे कर रही थीं और मेरे सर को अपनी चूत में दबा रही थीं.

कुछ देर बाद मैं ऊपर आ गया और चाची के पास लेट गया.
मैंने अपना लंड बाहर निकालकर चाची के हाथ में दे दिया.
चाची ने लंड पकड़ कर आगे पीछे करना शुरू कर दिया.

मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे मैं जन्नत में हूं.
कुछ देर बाद मैं फिर से नीचे आया और चाची की जांघों को फैला कर चुदाई की पोजीशन में आ गया.

मैंने चाची की चूत के ऊपर अपना लंड रखा और अन्दर पेल दिया.
चाची ‘अह आह आह आह …’ कर रही थीं.

मुझे उनकी कामुक आवाज से और ज्यादा ऊर्जा मिल रही थी.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.

चाची की टाइट चूत पनिया गई और ‘फच फच …’ की आवाज़ करने लगी.
चूत बहुत गीली हो गई थी.

मैंने चाची को करीब 20 मिनट तक ऐसे ही चोदा.
चाची कुछ बोल नहीं रही थीं बस आह आह की आवाज निकाल रही थीं.

फिर थोड़ी देर में मेरा पानी छूटने को हो गया. मैंने लंड को चूत के ऊपर निकालकर सारा पानी निकाल दिया.
झड़ने के बाद मैंने चाची को कपड़ा दे दिया.

उन्होंने मेरे लंड का माल साफ कर लिया.
अब हम दोनों बात करने लगे.

चाची ने बताया- तेरे चाचा के लंड में दम नहीं है.
उन्होंने ये भी बताया कि वो शादी से पहले कई बार चुद चुकी हैं और उन्हें अपनी चूत की चुदाई कराने में बड़ा मजा आता है. यदि चाचा ने उन्हें सही से नहीं चोदा, तो वो जल्द ही कोई नया चोदू ढूँढ़ लेंगी.

इसके थोड़ी देर में चाचा आ गए, वो दारू के नशे में टुन्न होकर आए थे.

वो आकर सो गए और हम दोनों भी सो गए.

कुछ देर बाद चाची मेरे लंड पर मुँह लगा कर लंड चूसने लगीं और लंड खड़ा होते ही वो लंड पर चढ़ गईं और चुदाई करवाने लगीं.

उस रात चाची ने मेरे लंड से तीन बाद खेला.
अगले दिन चाचा और चाची वापिस चले गए फिर मेरी चाची से कभी मुलाकात नहीं हुई क्योंकि अब चाचा का तलाक हो चुका है.
 

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बड़ी गांड वाली सौतेली मॉम को चोद दिया



नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अमित है और मेरी उम्र 21 साल की है.

मेरा कॉलेज अब ख़त्म हो चुका है और मैं नौकरी की तलाश कर रहा हूँ.
मुझे कोई नौकरी नहीं मिल रही थी तो मैं घर पर ही रहता था.

आप लोग तो जानते ही हैं कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है.
मैं घर पर खाली पड़ा पड़ा मुठ ही मारता रहता था.

एक दिन में कई कई बार चुदाई की फ़िल्में देखता था और मैं अपना लंड पकड़ कर मुठ मारता रहता था.

मेरा लंड काफी लम्बा और मोटा है, ये लंड किसी भी औरत की चीखें निकाल सकता है.
मैं थोड़ा हट्टा-कट्टा पहलवान टाइप का हूँ और साथ ही साथ मैं थोड़ा सांवला भी हूँ, इसलिए शायद लड़कियां मुझे पसंद नहीं करती थीं क्योंकि लड़कियों को सिर्फ सिर्फ गोरे-चिट्टे और हैंडसम लड़के ही पसंद आते हैं.

मैं अपने डैड और मॉम के साथ रहता हूँ और ये कहानी भी मेरे और मेरी मॉम की बीच हुई चुदाई की कहानी है.

मेरी मॉम का नाम सीमा है और उनकी उम्र 38 साल की है. सीमा मेरे डैड की दूसरी बीवी हैं और मेरी सौतेली मां हैं.
मेरे डैड ने मेरी मां के मर जाने के बाद दूसरी शादी कर ली थी.

मॉम का बदन एकदम भरा हुआ है. वो दिखने में बहुत ही सेक्सी लगती हैं.
वो हमेशा साड़ी ही पहनती हैं और साड़ी में उनकी उठी हुई गांड बड़ी मस्त लगती है.
ये मैं आपको शब्दों में नहीं बता सकता कि मैं उनकी गांड का कितना बड़ा फैन था.

मॉम का रंग एकदम गोरा है और उनके बाल उनके मोटे मोटे चूतड़ों तक लहराते हैं.
जब मॉम सज-धज कर तैयार होकर बाहर निकलती हैं, तो क्या बच्चे, क्या बूढ़े और क्या जवान … सभी के लंड मेरी मॉम की सेक्सी जवानी को देखकर सलामी देने लगते हैं.

वैसे तो मैंने पहले कभी अपनी मॉम को गन्दी नज़रों से नहीं देखा था.
लेकिन फिर जैसे जैसे मैं जवान हुआ और जब मैंने मॉम बेटे की सेक्स कहानियां पढ़ना शुरू किया तो मेरी नीयत मेरी मॉम पर ख़राब होने लगी.

अब मुझे मेरी मॉम में मॉम नहीं बल्कि एक माल औरत नज़र आने लगी थी.
मैं जब कोई मॉम बेटे की चुदाई कहानी पढ़ता था तो उसमें मैं खुद को और अपनी मॉम को महसूस करता था.

अब तो मैं इतना बेशर्म हो गया था कि मैं अपनी मॉम की गीली कच्छियां भी सूंघने लगा था.

दरअसल जब मेरी मॉम नहाने के बाद अपनी कच्छी सूखने के लिए डालती थीं तो मैं छुप कर अपनी मॉम की कच्छी उठा लाता था.
उसके बाद मैं उनकी कच्छी को सूंघता था, अपनी जीभ से चाटता और मॉम की कच्छी को अपने लंड पर लपेट कर मैं अपनी मॉम की नाम की मुठ मारता था.

मैं हमेशा यही सोचता रहता था कि मैं कैसे अपनी मॉम की चुदाई करूँ, लेकिन मुझे मौका ही नहीं मिल रहा था.

फिर एक दिन की बात है.
उस दिन मेरी मॉम का जन्मदिन था और मेरे डैड ने मॉम के लिए घर पर ही एक छोटी सी पार्टी रखी थी.

हमने अपने कुछ रिश्तेदारों को भी बुलाया हुआ था.
मैं आपको क्या बताऊं, उस दिन जब मेरी मॉम तैयार होकर आईं तो वो एकदम कयामत लग रही थीं.

उन्होंने उस दिन एक काले रंग की नेट वाली साड़ी पहनी हुई थी और ऊपर से उनका ब्लाउज भी स्लीवलैस था.
मॉम का गोरा बदन उस साड़ी में बहुत ही सेक्सी लग रहा था.

मॉम को देखकर मेरा मन तो कर रहा था कि मैं मॉम के सारे कपड़े फाड़कर उन्हें यहीं चोद दूँ. लेकिन फिर मैंने अपने आप पर कण्ट्रोल किया.

सारे मेहमान भी मॉम की बहुत ही घूर घूर कर देख कर रहे थे.
मॉम की साड़ी में से उनकी गांड बहुत ज्यादा हिल रही थी. मॉम के हिलते हुए चूतड़ों ने तो सभी मर्दों के लंड खड़े कर रखे थे.

फिर मॉम ने केक काटा और उन्होंने सबको अपने हाथों से केक खिलाया.
डैड खुद शराब पीने के शौक़ीन थे तो उन्होंने कॉकटेल भी रखी थी.
एक तरफ बार टेंडर लगाया गया था.

कुछ देर बाद सब ऐसे ही बातें करते रहे और फिर सभी शराब पीने लगे.
मेरे डैड मॉम को भी शराब पिलाने लगे.
पहले तो मॉम मना करने लगीं लेकिन फिर सबने काफी ज़िद की तो मॉम मान गईं.

वैसे मेरी मॉम को शराब पीने की आदत नहीं थी लेकिन वो शादी पार्टी में शराब पी लेती थीं.

आज मॉम का जन्मदिन था तो मॉम काफी खुश थीं इसलिए वो शराब के लम्बे लम्बे घूँट भर रही थीं.

फिर हम सबने डांस वगैरह किया और उसके बाद हमारे सारे रिश्तेदार खाना आदि खा कर चले गए.

मेरी मॉम ने आज कुछ ज्यादा ही पी ली थी और वो काफी नशे में थीं.
उनसे ठीक तरह से खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था.

मॉम अकेले ही अपने चूतड़ हिला हिला कर नाचे जा रही थीं.
मुझे तो मॉम को नाचते हुए देखकर बहुत मज़ा आ रहा था.

कुछ देर मॉम नाचने के बाद सोफे पर ही लेट गईं.
डैड ने मॉम से कहा- चलो सीमा, हम बेडरूम में चलते हैं.

मॉम तो नशे में थीं, उन्हें कोई होश ही नहीं था.
डैड मॉम को उठाकर अपने बेडरूम की तरफ ले आने लगे लेकिन वो अकेले मॉम को संभाल नहीं पा रहे थे.

तभी डैड मुझसे बोले- बेटा अमित, लगता है तुम्हारी मॉम को काफी चढ़ गयी है. तुम मेरी थोड़ी मदद करो ना … अपनी मॉम को बेडरूम तक ले जाने में.
डैड के साथ मैंने भी मॉम को पकड़ लिया.

इस मौके का मैं पूरा फायदा उठाना चाहता था तो मैंने मॉम को पकड़ने के बहाने मैंने उनके बड़े चूतड़ों को पकड़ लिया. मैं और डैड मॉम को उनके कमरे में ले जाने लगे.

मैं मॉम से पूरी तरह सटा हुआ था और मैं उनके बड़े बड़े चूतड़ों को बहुत बुरी तरह मसल रहा था.
मॉम के चूतड़ इतने मुलायम थे कि मैं आपको क्या बताऊं.
मुझे उनके चूतड़ों को दबाने में बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर मैं और डैड, मॉम को उनके बेडरूम तक ले आए और हमने उन्हें उनके बेड पर लिटा दिया.
तभी एकदम से मेरे डैड का फ़ोन बजा.

मेरे डैड फ़ोन उठाकर किसी से बात करने लगे.
उसके बाद वो मुझसे बोले- बेटा, मुझे अभी अर्जेंट बाहर जाना है.
मैंने उनसे पूछा- क्या हुआ डैड?

मेरे डैड बोले- बेटा मेरे एक दोस्त का एक्सीडेंट हो गया है और वो हॉस्पिटल में एडमिट है. इसलिए मुझे तुरंत ही निकलना होगा.

डैड तुरंत से बाहर जाने लगे और वो जाते जाते मुझसे बोले- बेटा गेट बंद कर लो और अपनी मॉम का अच्छे से ख्याल रखना, शायद मुझे आने में सुबह हो जाएगी.

इतना कहकर मेरे डैड वहां से चले गए और मैं भी घर का दरवाज़ा बंद करके अपने कमरे में आ गया.
फिर मैं सोने की कोशिश करने लगा.

लेकिन मुझे नींद ही नहीं आ रही थी. मेरे मन में तो बस बार बार मेरी मॉम का ही ख्याल ही घूम रहा था.
अपनी मॉम के बारे में सोच सोच कर ही मेरा लंड खड़ा हो रहा था.

फिर मैं उठ कर मॉम के कमरे की तरफ चला गया.
उधर मैंने देखा कि मॉम सो रही थीं और उनके मम्मों से उनकी साड़ी का पल्लू हटा हुआ था.

सोते हुए में मेरी मॉम बहुत ही सेक्सी लग रही थीं और उनके ब्लाउज में से मुझे उनके आधे से ज्यादा बूब्स नंगे दिख रहे थे.

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैं सोच रहा था कि आज मॉम को चोदने का सही मौका है.
डैड भी घर पर नहीं है और मॉम भी नशे में टल्ली हैं, आज मॉम को चोद ही देता हूँ, फिर पता नहीं दोबारा ये मौका मिले या ना मिले.

लेकिन मुझे एक अजीब सा डर भी लग रहा था कि कहीं मॉम को कुछ पता चल गया तो वो मेरी टांगें ही तोड़ देंगी.
फिर मैं थोड़ी हिम्मत करके मॉम के पास गया और उसके बाद मैं डरते डरते मॉम के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके चूचों को दबाने लगा.

मॉम कुछ नहीं बोलीं, तो मैं उनके चूचों को और ज़ोर जोर से दबाने लगा.
तभी मॉम एकदम से नशे में बड़बड़ाती हुई बोलने लगीं- आह आह अम्मम ममम आह …

मैं मॉम की हालत देखकर कर समझ गया कि मॉम पूरी तरह नशे में हैं और मॉम सुबह से पहले होश में आने वाली नहीं हैं.

मैंने मॉम के रसीले होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मैं उनके सेक्सी होंठों को चूसने लगा.
मॉम के होंठों का रस बहुत ही मीठा था.

मैं उनके होंठों को बहुत बुरी तरह चूस रहा था और उसके साथ साथ मैं उनके मम्मों को भी अच्छे से मसल रहा था.

कुछ देर तक उनके होंठ चूसने के बाद मैं उनकी जीभ को चाटने लगा.
मॉम का मुँह चूसने चाटने के बाद मैं अपने सारे कपड़े उतार कर पूरा नंगा हो गया.
अब मेरा लंड पूरी तरह तन कर खड़ा हो गया था.

मैंने मॉम के ब्लाउज के बटन खोलने शुरू कर दिए.
मैं मॉम के ब्लाउज के सारे बटन खोलकर उनका ब्लाउज उतारने लगा लेकिन मुझे उनका ब्लाउज उतारने में काफी दिक्कत हो रही तो मैंने उनका ब्लाउज फाड़ कर उनके सेक्सी जिस्म से अलग कर दिया.

मॉम ने लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी और उसके अन्दर से मॉम के सेक्सी चूचे बाहर आने के लिए मचल रहे थे.
अब मॉम के इतने सेक्सी मम्मे देखकर मुझसे रहा नहीं गया और फिर मैंने उनकी ब्रा भी हटा दी. अब मॉम के मम्मे आज़ाद हो गए थे.

मैंने उनके मम्मों को अपने हाथों में थाम लिया और उन्हें जोर जोर से दबाने लगा.
मॉम भी नशे में कुछ कुछ बड़बड़ा रही थीं लेकिन मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया.

मैं उनके ऊपर चढ़ कर उनकी चूचियों को चाटने लगा.
मेरी मॉम की चूचियां बहुत ही मस्त थीं और आज मैं मॉम की चूचियों का सारा रस निचोड़ लेना चाहता था.

मॉम भी नशे में कुछ कुछ बड़बड़ा रही थीं लेकिन मैंने उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया.

मैं पूरी तरह से मॉम के ऊपर छा गया था और कभी उनकी गर्दन को चाट रहा था, कभी उनके मम्मों को, तो कभी उनके पेट को.

मैं मॉम से बोल रहा था- सीमा, आज तो तू मेरी बीवी बनने वाली है, आज पूरी रात तेरी अच्छे से चुदाई करूँगा मेरी जान. आज तो मैं तेरी जवानी चूस लूंगा.

मॉम भी अब हल्की हल्की सिसकारियां ले रही थीं, शायद अब मॉम को भी सेक्स चढ़ने लगा था.

मैं नीचे की तरफ आ गया और मॉम की साड़ी को ऊपर उठाना शुरू कर दिया.
मॉम की टांगें एकदम संगमरमर सी चिकनी और दूध की तरह गोरी थीं.

मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट ऊपर उठा दिया और उनकी टांगों को अपनी जीभ से चाटने लगा था.

फिर मैंने मॉम की साड़ी को निकालना शुरू किया और धीरे धीरे मैंने उनकी साड़ी उतार कर दूर फैंक दी.

उसके बाद मैंने मॉम के पेटीकोट का नाड़ा खोल कर उनका पेटीकोट भी उतार दिया.
मेरे सामने अब मॉम सिर्फ एक लाल रंग की छोटी सी कच्छी में लेटी हुई थीं.

मैं अपने फ़ोन में मॉम की फोटो लेने लगा, सच मेरी मॉम उस छोटी सी कच्छी में किसी पोर्न फिल्म की हीरोइन की तरह लग रही थीं.

अब मैं मॉम के ऊपर चढ़ गया और उनकी टांगें चौड़ी करके उनकी कच्छी के ऊपर से ही उनकी चूत को सहलाने लगा.

मैंने महसूस किया कि मॉम की कच्छी थोड़ी थोड़ी गीली थी.
मैं समझ गया कि शराब पीने की वजह से मॉम की काफी गर्म हो गयी हैं और उनका भी चुदने का मन कर रहा है.

अब मैं मॉम की गोरी गोरी मांसल जांघों को चाट रहा था और बीच बीच में मैं उनकी कच्छी के ऊपर से उनकी चूत पर जीभ फिरा रहा था.
मां की चूत की खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी.

फिर मैंने मॉम की कच्छी भी उतार कर दूर फैंक दी.
मॉम की चूत मेरे सामने अब पूरी नंगी हो गयी थी.

क्या मस्त चिकनी और सेक्सी चूत थी मेरी मॉम की.
मेरा तो मन कर रहा था कि मैं मॉम की चूत को खा ही जाऊं!
लेकिन फिर मैं मॉम की चूत में अपनी एक उंगली घुसा दी.

जैसे ही मेरी उंगली मॉम की चूत में गयी तो एकदम से उनकी आह निकल गयी.
मैंने महसूस किया कि मॉम की चूत बहुत गर्म थी और उनकी चूत हल्का हल्का पानी भी छोड़ रही थी.

अब मुझसे रहा नहीं गया और मैं अपनी जीभ मॉम की चूत के अन्दर चलाने लगा.
मैंने मॉम के दोनों पैर अपने कंधों पर रख लिए थे और काफी मज़े से उनकी चूत चाट रहा था.

मॉम की चूत बहुत सेक्सी थी.
मुझे उनकी चूत चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था.

मॉम भी सिसकारियां लेते हुए नींद में ही बोल रही थीं- आह आह म्म उफ्फ्फ्फ़ आह राहुल आह आह राहुल.!

दोस्तो, मेरी मॉम नींद में किसी राहुल का नाम ले रही थीं जबकि मेरे डैड का नाम तो रमेश है.
मैं सोचने लगा जरूर राहुल मॉम का कोई बॉयफ्रेंड रहा होगा.

फिर मैं मॉम को बोलने लगा- साली कुतिया सीमा, बहुत आग है ना तेरी चूत में … आज मैं तेरी चूत चोद चोद कर तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा.
मेरी मॉम ने उसी समय एक ऐसी बात कह दी जिसे सुनकर मुझे समझ आ गया कि वो मेरे लंड से खुद ही चुदना चाहती थीं.

मॉम ने कहा- राहुल साले, तू क्या मेरी चूत का भोसड़ा बनाएगा. जिससे मुझे अपनी चूत का भोसड़ा बनवाना है, वो तो साला बस मुझे देख कर ही मुठ मार लेता है.
मैंने ये सुना तो मॉम से पूछा- और वो कौन है?

मॉम ने कहा- वो मेरा सौतेला बेटा अमित है. सच में मैं अपने अमित से अपनी चुदाई करवाना चाहती हूँ.
जब मैंने मॉम के मुँह से ये सुना तो मैंने भी कह दिया- सीमा डार्लिंग तुम बस ये ही समझो कि मैं अमित हूँ.

मॉम नशे में हंसने लगीं और मुझे अमित कह कर मुझसे चुदवाने लगीं.

अब मैंने अपनी दो उंगलियां मॉम की चूत में घुसा दीं और अपनी उंगलियों से उनकी चूत चोदने लगा.

मॉम भी मचल रही थीं.
मैंने मॉम से कहा- रुक जा बहन की लौड़ी, आज मैं तेरी चूत अच्छे से बजाऊंगा. अभी से क्यों मचल रही है रांड.

मैंने मॉम की चूत से अपनी दोनों उंगलियां निकालीं और देखा कि मेरी दोनों उंगलियां मॉम की चूत के पानी से पूरी तरह गीली हो चुकी थीं.
मैं अपनी दोनों उंगलियां मॉम के मुँह में डालकर उन्हें उन्हीं की चूत का पानी चटवाने लगा.
मॉम भी बड़े मज़े की साथ मेरी उंगलियां चाट रही थीं.

मैंने मॉम से कहा- सीमा बहन की लौड़ी तू तो बहुत बड़ी रंडी है, कितने मज़े लेकर अपनी चूत का पानी चाट रही है.
तब मैंने अपनी उंगलियां मॉम के मुँह से निकालीं और मैंने अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया.

अब मैं धीरे धीरे उनके मुँह में अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा.
मुझे अपनी मॉम से अपना लंड चुसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था.

मॉम भी गर्म हो चुकी थीं, इसलिए वो भी मेरा साथ दे रही थीं.
मैं मैंने मॉम को 69 की पोजीशन में कर दिया.

अब मॉम मेरा लंड चूस रही थीं और मैं उनकी चूत चाट रहा था.
मैं मॉम को लंड चुसाते चुसाते ही एकदम से उनके मुँह में झड़ गया.
मॉम की चूत भी बहुत पानी छोड़ रही थी.

फिर मैंने मॉम के मुँह से अपना लंड निकाला तो देखा कि उनका मुँह मेरे लंड की मलाई से पूरी तरह भर गया था.

अब मैं मॉम की चूत के पास आ गया और उनकी चूत पर अपना लंड सैट करके उनकी चूत में घुसाने लगा.

मॉम की चूत अभी भी बहुत टाइट थी और मेरा लंड काफी बड़ा और मोटा था तो मुझे अपना लंड मॉम की चूत में डालने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी.

लेकिन फिर मैंने मॉम की चूत में एक जोरदार धक्का मार कर अपना पूरा का पूरा लंड एक ही झटके में उनकी चूत में उतार दिया.
मेरा लंड जैसे ही मॉम की चूत में गया तो वो हल्की सी चीखीं और शांत पड़ गईं.

मैं मॉम की चूत की ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा.
उस वक्त मैं मॉम को किसी पागल कुत्ते की तरह चोद रहा था.
मेरे लंड के हर धक्के के साथ मॉम का पूरा शरीर हिल रहा था.

फिर मैं मॉम को सरका कर बेड के कोने तक ले आया और खुद ज़मीन पर खड़ा होकर उनकी एक टांग अपने कंधे पर रख कर उनकी चूत चोदने लगा.
मॉम भी सिसकारते हुए बोल रही थीं- आह अमित … उम्मम हम्मम अमित उफ्फ आह चोदो मुझे.

मैं मॉम के मुँह से अपना नाम सुनकर उनकी चूत की बहुत बुरी तरह पिटाई कर रहा था.

कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैंने मॉम की दोनों टांगें फिर से अपने कंधों पर रख लीं और मैं उनकी चूत में करारे धक्के लगाने लगा.

मैं मॉम को बोल रहा था- हां सीमा, मैं तेरा राहुल हूँ … आह सीमा मेरी जान ले लंड खा!

काफी देर तक मैंने मॉम की चूत खूब बजाई और अपनी मॉम की चूत के अन्दर ही झड़ गया.
मॉम भी काफी बार झड़ चुकी थीं.

अब मॉम की चूत चोदने के बाद मैं काफी थक गया था तो मैं मॉम से चिपक कर उनके साथ ही लेट गया.

मैंने मॉम को अपनी बांहों में भर रखा था और मैं उनके होंठों को चूस रहा था.
कुछ देर बाद मेरा जोश फिर से जाग गया और मैं अपनी मॉम के बड़े बड़े चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए उनकी गांड के छेद को सहलाने लगा.

मॉम की गांड का छेद काफी टाइट था.

मैं तो सोच रहा था कि आज मॉम की गांड चोदने में मज़ा ही आ जाएगा.

अब मैंने मॉम को उल्टा लिटा दिया और उनकी फूली हुई गोल गांड को देखने लगा.

दोस्तो, जिस गांड को मैं चोदने का सपना देखा करता था, आज वो गांड मेरे सामने पूरी नंगी थी.

मुझसे अब रहा नहीं गया और मैं मॉम के दोनों चूतड़ों को फैला कर उनकी गांड के छेद को चाटने लगा.
मैं मॉम की गांड के छेद के अन्दर तक अपनी जीभ डाल रहा था.

मॉम भी नशे में अपनी गांड हिला रही थीं.
उन्हें अपनी गांड चटवाने में बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर मैंने मॉम की बड़ी गांड में अपना लंड घुसा दिया.
तो मॉम चिल्लाने लगीं- आह आह … मर गयी!

मॉम नशे में बड़बड़ा रही थीं, इसी वजह से मैंने उनकी बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया और मैं उनकी गांड मारने लगा.

मैंने मॉम की दोनों टांगें मोड़ कर उन्हें कुतिया बना दिया था और मैं बहुत तेज तेज उनकी गांड में धक्के लगा रहा था.
मैं मॉम की गांड चोदने के साथ साथ उनकी गांड पर थप्पड़ भी लगा रहा था.

मैंने मॉम की गोरी गांड थप्पड़ मार मार कर पूरी तरह से लाल कर दी थी.
उसके बाद मैं मॉम को बेड के किनारे पर लिटा दिया और खुद नीचे खड़े होकर उनकी गांड की खूब चुदाई की.

काफी देर तक मैंने मॉम की गांड खूब मारी और उसके बाद मैं उनकी गांड में ही झड़ गया.
अब मैं काफी थक गया था. मेरे अन्दर अब और हिम्मत नहीं बची थी कि मैं मॉम को और ज्यादा चोद सकूँ.

फिर मैंने सोचा कुछ देर मैं मॉम के साथ लेट कर उनके जिस्म के मज़े ले लेता हूँ. बाद में मैं अपने कमरे में जाकर सो जाऊंगा.
मैं स्टेप मॉम सेक्स के बाद उनके साथ लेट गया.

मैंने मॉम को अपने से बिल्कुल चिपका रखा था और अपनी एक टांग अपनी मॉम की जांघ पर रख रखी थी.
मैं और Xxx स्टेप मॉम एक साथ लेटे हुए बिल्कुल पति पत्नी की तरह लग रहे थे.

मैं तो आज बहुत खुश था क्योंकि आज मुझे इतने मस्त गदराये और सेक्सी बदन वाली औरत जो चोदने को मिली थी.
सच में मुझे मेरी मॉम को चोदने में बहुत ही मज़ा आया था.

ऐसे ही सोचते सोचते मुझे कब नींद आ गयी, मुझे पता ही नहीं चला.
 

junglecouple1984

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सगी चाची को चुदाई का मजा दिया




यह कहानी मेरी और मेरी चाची की चुदाई की कहानी है, मुझे आशा है कि आपको पसंद आएगी.

मैं अपनी चाची के बारे में बता देना चाहता हूँ. उनका नाम रानी है.

उनकी उम्र 32 साल की थी, जब मैंने उन्हें पहली बार चोदा था.

चाची का शरीर पतला था, पर काफी अच्छा था. उनके शरीर को देखकर किसी का भी खड़ा हो जाएगा.
रंग गोरा, गोल चूचे, पतली कमर थी.
आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह कैसी दिखती होंगी.

मुझे उम्मीद है लड़कों को अपने लंड पर हाथ रखने की व लड़कियों को अपनी उंगली चूत में डालने की जरूरत पड़ेगी.

शुरुआत कुछ ऐसी हुई कि मैं उस समय अपनी जवान चाची को छेड़ने की कोशिश करता था.
मेरी इस हरकत पर चाची कुछ नहीं कहती थीं.
इससे मेरी हिम्मत दिनों दिन बढ़ती चली गई.

एक दिन रात को हम सभी परिवार वाले एक ही कंबल लेकर बैठे बातें कर रहे थे.
उसी समय मैंने चाची के पैर पर अपना हाथ लगा दिया और उनके कुछ न कहने पर आराम से चाची के पैर को सहलाने लगा.

अब तक ऐसा होता था कि मैं हरकत करता था और चाची चुप रह कर मेरी हरकतों को नजरअंदाज कर देती थीं.

मगर आज कुछ अलग ही हुआ, जिसका मुझे अंदाजा भी नहीं था.
एकाएक मुझे अपनी टांगों पर किसी हाथ के चलने का अहसास हुआ.

मैं हक्का बक्का रह गया.
मैंने चाची की तरफ देखा तो वो बातों का लुत्फ़ ले रही थीं; उनकी नजरें मुझसे मिल ही नहीं रही थीं.

मगर मैं समझ गया था कि चाची ने पैंट के ऊपर से मेरे लंड पर हाथ लगा दिया है.
मेरे यूं देखने से Xxx चाची ने अपनी हरकत को गति दे दी और वो बिंदास मेरे लौड़े को सहलाने लगीं.

अगले ही पल लंड ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी और लंड खड़ा हो गया.
चाची के चेहरे पर मुस्कान आ गई थी.

मैं समझ गया कि उन्हें लंड पसंद आ गया है.
ये देखकर मैं भी खुश हो गया.

चाची मेरे लंड पर हाथ फेरती जा रही थीं और लंड खड़ा होता जा रहा था.
मैंने अपनी पैंट का हुक खोल दिया और लंड को बाहर निकालने का इशारा करते हुए चाची के हाथ को दबा दिया.

फिर चाची ने मेरे लंड को बाहर निकाल दिया और सहलाने लगीं.
ये अहसास मेरे लिए जन्नत से कम नहीं था.

मैंने चाची के पैरों के जोड़ पर हाथ बढ़ाना शुरू किया.
उनकी चिकनी टांगों को हाथ लगाता हुआ मैं उनकी चूत पर हाथ ले आया.

वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दीं और टांगें खोल दीं.
उसी पल मैंने उनकी चूत पर हाथ लगा दिया.

अब मेरी हिम्मत काफी बढ़ गई थी.
मैंने चाची की सलवार का नाड़ा खोल दिया और उनकी चूत पर हाथ लगा दिया.

क्या मस्त चूत थी उनकी … चूत पर हाथ फेरते ही मेरा लंड लोहा हो गया था.
क्या अहसास था वो!

फिर मैंने चाची की चूत में उंगली डाल दी और चाची ने आंखें बंद कर लीं.
मैं चूत में उंगली डालकर थोड़ी देर रुका रहा. फिर उंगली को अन्दर बाहर करने लगा.

चाची मेरे हाथ को और अन्दर कर रही थीं.
मैंने पीछे से उनके एक चूतड़ को दबा दिया और दो उंगलियां चूत के अन्दर डाल दीं.

इससे चाची एकदम भकभका गई थीं, दो ही मिनट बाद झड़ गईं.

उन्होंने अपनी सलवार से ही मेरा हाथ साफ किया पर थोड़ा सा चूत का पानी हाथ पर रह गया था.
वो मैंने चाट लिया.

चाची ने मुझे रस चाटते हुए देख लिया और मुस्कुराने लगीं.

उसी पल उन्होंने कम्बल ऊपर तक ओढ़ा और मैंने झट से चाची के चूचों पर हाथ लगा कर उनका एक हॉर्न दबाया और उठ कर चला गया.

मुझे पता है आप लोगों को मुठ मारने में और उंगली करने में बहुत मजा आ रहा है, तो मजा लीजिए और इस चुदाई को प्यार दीजिए.

फिर अगले दिन चाची ने मुझसे कहा- रात क्या हुआ था?
मैं- रात को आपकी गुफा से पानी टपका था.

Xxx चाची- ओ हो … तेरा केला भी तो खड़ा हो गया था.
मैं- जब आपके जैसी सैक्सी माल लंड हिला रही हो तो खड़ा क्यों न हो.

चाची- अच्छा जी … मैं माल हूँ.
मैंने कहा- हां माल तो क्या … आप मालगोदाम हो.

चाची खिलखिला कर हंस दीं.
फिर मैंने चाची की गांड को दबाया और अभी आगे कुछ करता कि चाचा की आवाज आ गई, तो मैं वहां से चला गया.

फिर शाम को चाची मेरे पास आईं और पूछा- कैसी लग रही हूँ?

मैं- यार चाची, आप तो एकदम सेक्सी माल लग रही हो. सच में आपको देखकर मुझे कुछ कुछ हो रहा है.
चाची- अच्छा जी ऐसा क्या है मेरे में?

मैं- चाची, आप हो ही इतनी हॉट माल हो कि आपको देखकर कोई हिलाए बिना नहीं रह सकता है.
चाची- तू भी हिलाता था क्या मुझे देखकर?

मैं- हां चाची, मेरा मन तो कबसे आपकी लेने का था, पर आप कुछ भाव नहीं देती थीं, तो मैं रात को आपकी पैंटी और सलवार लेकर हिला लेता था और अपना माल उसमें डाल देता था.
चाची- अरे वाह, तू तो बड़ा कमीना निकला. तभी मैं सोचती कि मेरी चड्डी में कड़ापन सा क्यों है.

चाची उस दिन बहुत मस्त लग रही थीं.
उन्होंने लाल कुर्ती सफ़ेद लैगी पहनी हुई थी. कुर्ती भी बिल्कुल फिट थी.
उनके दोनों संतरे बाहर निकलने को बेताब थे. चुस्त लैगी में उनकी गांड भी मस्त लग रही थी.

मैंने चाची से कहा- चाची, आपके चूचे बाहर निकलना चाहते हैं और आपकी गांड भी मस्त लग रही है.
चाची- तो आ जा, कर दे आजाद इनको … और अब मुझे चाची मत कह. मैं अब तेरी रानी हूँ.

मैंने चाची को आगे से आकर उनको अपनी बांहों में भर लिया और कहा- चाचा से कुछ हुआ ही नहीं आपका?
चाची- वो कहां कुछ कर पाता है. वो तो सारा दिन लड़ता रहता है और जब अन्दर करता भी है, तो पांच मिनट में झड़ कर सो जाता है. मैं तड़पती रहती हूँ पर अब नहीं तड़पूँगी, अब तो मैं तेरे से ही मजे लूँगी. उसको जाने दे भाड़ में.

मैं- आ जा मेरी रानी, तुझे तो आज मैं बहुत मजा दूँगा.
फिर मैंने चाची को गले लगा लिया और मैं उनके पीछे पीठ पर हाथ फेरने लगा.

मैंने उनके एक गाल पर किस किया और उनके होंठों को चूसने लगा.
चाची भी मेरा साथ देने लगीं.

मुझे ऐसा लग रहा था मानो किसी मिठाई को चूस रहा हूँ.
फिर मैंने चाची के चूतड़ों पर हाथ लगा दिए और गांड को भींच दिया.

वो भी मेरे लौड़े से चूत चिपका कर चुम्मी लेने लगीं.

एक मिनट बाद मैंने उनकी कुर्ती को थोड़ा ऊपर करके उनके पेट को चूसा.
वो गर्म हो गई थी और मादक आवाजें निकालने लगी थीं- ओ … आहहह!

फिर उन्होंने मुझसे कहा- ऐसा मजा मुझे पहले कभी नहीं आया. तू ही मुझे खुशी दे सकता है.
मैं- अभी तो शुरुआत है मेरी रानी, आगे और मजा दूँगा.

फिर मैंने चाची को लिटाया और उनके पैरों से चूसना शुरू किया.
कुछ देर बाद मैंने उनकी कुर्ती को निकाल दिया और देखा कि उन्होंने एक सफेद रंग की सी-कप ब्रा पहनी हुई थी.

चाची का शरीर इतना मुलायम और बेदाग़ था कि जैसे किसी ने अब तक छुआ ही न हो.
मैं चाची के जिस्म पर टूट पड़ा.
उनके दूध चूसने में बहुत मजा आ रहा था. वो भी लगातार गर्म होती जा रही थीं.

मैंने चाची से कहा- चाचा से तुम्हारी गर्मी नहीं निकाली गई है, अभी भी तुम्हारा जिस्म आग उगल रहा है. अब आज मैं तुम्हारी गर्मी निकालूँगा.
रानी चाची- आ जा मेरे राजा निकाल दे मेरी गर्मी … और बना ले मुझे अपनी जोरू!

फिर मैंने चाची के पेट को चूसा, हाथ, बांहों, बगलों को चाटा.
मैंने उनकी चूचियों को ब्रा के ऊपर से दबाया और आखिर में मैंने चाची की सलवार का नाड़ा अपने मुँह से खोला.

चाची की चूत पर मेरी ठोड़ी लग रही थी तो वो एकदम से बहक रही थीं.
मैंने सलवार निकाल दी, तो सामने उफनता दरिया था.

उन्होंने सफेद रंग की पैंटी डाल रखी थी, जिसमें से उनकी चूत का छेद साफ दिख रहा था.

चड्डी के नीचे धवल जांघें थीं. आह क्या चिकनी जांघें थीं उनकी, देख कर मजा आ गया था.
मैंने चाची के पैरों की उंगलियों को चूसा और ऊपर आते हुए उनकी टांगों को चूसा और चाटा.

फिर मैंने उनकी ब्रा को खोला और उनके गोल चूचे मेरे सामने नंगे हो गए.
सच में क्या सीन था वो.

फिर मैंने अपने होंठ चाची के चूचों पर लगाए, तो चाची ने एकदम से ‘आआहह … उम्म …’ की मादक आवाज निकाली.

मैंने उनके दोनों चूचों को बरी बारी से अपने मुँह में लेकर चूसा.
उनके चूचे इतने बड़े थे कि मेरे मुँह में नहीं आ रहे थे.

मैंने चूचों के निप्पल को चूसा और चाटा फिर नीचे होकर उनकी पैंटी भी निकाल दी.

पैंटी हटी तो मैंने Xxx चाची की चूत के दर्शन किए. सच में क्या मलाई सी चूत थी उनकी … एकदम कच्ची कली की तरह, गुलाबी रंगत वाली चूत थी और चूत के ऊपर छोटे छोटे काले बाल उनकी शोभा बढ़ा रहे थे.

मैंने चाची की चूत पर हाथ लगा दिया और उस मखमली अहसास को महसूस करने लगा जिससे मुझे एक नशा सा चढ़ने लगा था.

मुझसे रहा न गया और मैंने चाची की चूत पर अपना मुँह लगा दिया.

चाची को शायद गुमान ही न था कि मैं ऐसा कुछ करूंगा.
उनके मुँह से उसी पल एक तेज ‘आआह शश … ओओह मर गई …’ की आवाज निकल गई और वो मेरे सर को पकड़ने लगीं.

चाची को अपनी चूत चटवाने में मजा आ रहा था, वो एकदम गर्म हो गई थीं.
मैं अपनी जीभ को चूत के अन्दर बाहर कर रहा था.

उन्होंने मेरे मुँह को चूत में दबा लिया था. उनकी अकड़न एकदम से बढ़ गई थी.
अगले ही मिनट में चाची की चूत झड़ गई और मैं सारा माल पी गया.

चाची ने हांफते हुए कहा- वाह मेरे राजा, मजा आ गया.
मैंने कहा- अभी तो असली मजा आना बाकी है मेरी जान.

कुछ देर बाद चाची ने मेरी पैंट निकाल दी और लंड को बाहर निकाल दिया.
मेरा लंड खड़ा था.

वो खड़ा लंड देखकर मुस्कुरा दीं और कहने लगीं- ये तो बहुत बड़ा है, तेरे चाचा से तीन गुना बड़ा है. ये मेरी चूत में कैसे जाएगा?

मैंने कहा- सब चला जाएगा बस इसको जरा प्यार करो.

उन्हें मैंने लंड चूसने के लिए कहा तो चाची ने लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.

वाह क्या मजा था, चाची के गुलाबी होंठों की छुअन से मेरे अन्दर करंट दौड़ने लगा था.
मुझे जन्नत का सा सुख मिल रहा था.

चाची लंड इतनी अच्छी तरह से चूस रही थीं कि पांच छह मिनट में ही लंड जवाब दे गया.

मैंने सारा माल उनके मुँह में डाल दिया और उन्होंने एक भी बूँद नीचे नहीं गिरने दी.
मैंने कहा- वाह मेरी रानी क्या लंड चूसती हो … मजा आ गया.

चाची हंसने लगीं.
फिर मैंने उनकी गांड को चूसा. चाची गर्म हो गईं और मेरा लंड खड़ा हो गया.

चाची ने कहा- बस अब और ना तड़फा चूत को … जल्दी से डाल दे अपना हथियार इसमें!
मैंने चाची को सीधा लिटाया और उनकी टांगों को अपने कंधे पर रख कर लंड को चूत के ऊपर सैट कर दिया.

चाची जब तक सम्भल पातीं, मैंने एक तगड़ा धक्का दे मारा, जिससे मेरे लंड का टोपा अन्दर घुसता चला गया.
चाची की कामुक आह निकली और लंड चूत की मां चोदने लगा.

मैंने एक और करारा धक्का मारा और इसी के साथ मेरा आधा लंड अन्दर चला गया.
चाची ने फिर से चीख मारी.

मैंने लंड खींचा और एक और धक्का दे मारा. मेरा लंड पूरा अन्दर घुसता चला गया और चाची की सांस फूल गई.
फिर मैं थोड़ी देर ऐसे ही रुका रहा.
जब चाची सही हुईं तो मैंने उनको चोदना शुरू कर दिया.

चाची- आआहह … ओओहह … चोद मुझे और जोर से चोद … फाड़ दे मेरी चूत को मेरे राजा … आआह … चोद दे साले भोसड़ा बना दे मेरी चूत का.
मैं भी आंखें मूंदे चाची को चोदता जा रहा था, तो चाची दो बार झड़ गई थीं.

पर मैंने उनके चूचों को चूसते हुए चोदना जारी रखा.
फिर मैंने रफ्तार बढ़ा दी और चाची से कहा- मेरी रानी, मेरा पानी निकलने वाला है, कहां निकालूँ?

चाची- मेरी चूत में ही निकाल दे, भर दे मेरी चूत को, बहुत समय से प्यासी है बेचारी.
मैंने कहा- ठीक है मेरी रानी.

मैंने चार पांच झटके मारे और चाची और मैं एक साथ झड़ गए.

चाची- मजा आ गया आज मेरी चूत को शाँति मिल गई. अब तू ही मेरा सब कुछ है. मैं जब मर्जी तेरा लंड ले सकती हूँ.
मैं- हां, मेरी रानी मुझे भी तेरी चूत चोद कर बहुत मजा आया. मैं भी तुम्हारी चूत और गांड जब मर्जी मार सकता हूँ.

तब से हफ़्ते में एक या दो दिन और कभी हर रोज, मैं चाची की चूत मार लेता हूँ.


 

Liza@290

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