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Incest All short story collected from Net

आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

  • माँ - बेटा

  • भाई - बहेन

  • देवर - भाभी

  • दामाद – सासु

  • ससुर – बहु


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junglecouple1984

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मैंने अपने भाई का बिस्तर गर्म किया




मेरे अज़ीज़ दोस्तो, मेरा नाम सना सैयद है.
मैं 29 साल की हूँ. मेरा साइज़ 34-30-36 का है.

यह ब्रो फक सिस स्टोरी उस वक्त की है जब मैं सिर्फ़ 20 साल से कुछ महीने ऊपर की थी और मेरा भाई 19 का हुआ ही था.

मुझे हमेशा से ही चुदने का बहुत ज़्यादा शौक रहा है.
मैं स्कूल टाइम से ही सेक्स की तरफ काफ़ी ज़्यादा आकर्षित रहती थी.

सेक्स के लिए मैं अपने बदन को उघाड़ कर दिखाने में जरा भी परहेज नहीं करती थी.

मेरे भाई को भी सेक्स काफ़ी पसंद है.
यह मुझे तब मालूम चला, जब मैंने उसके कमरे में एक बार अपनी एक अधनंगी तस्वीर देखी.

पहले तो मुझे थोड़ा अजीब लगा.
पर मैंने कोई एक्शन ना लेते हुए वह तस्वीर फाड़ कर फेंक दी.

सब कुछ सामान्य चल रहा था.

फिर एक बार मैंने महसूस किया कि कोई मुझे नहाती हुई देख रहा है.
जब मैंने चुपके से उस ओर देखा तो वह मेरा अपना भाई ही था.
मैं एकदम से घबरा गयी और मैंने चिल्ला कर उसको भगा दिया.
इसके बाद मैं थोड़ी सतर्क रहने लगी.

फिर एक दिन मुझे चुदने की ठरक चढ़ गयी और मैं अपने बेड पर पैंटी उतार कर अपनी चूत सहलाने लगी.

मैं अपनी चूत के साथ खेल ही रही थी कि मैंने फिर नोटिस किया कि मेरा छोटा भाई कमरे के दरवाजे पर खड़ा ये सब देख रहा है.
उस वक़्त मैं इतनी ज्यादा गर्म हो चुकी थी कि मुझसे रुका नहीं जा रहा था.

भाई की नज़रें मेरे यौवन पर टिकी थीं और उसके वे वासना भरी निगाहें मुझे और भी ज़्यादा उतेज़ित कर रही थीं.

मैंने अपनी टांगें और ज़्यादा फैला दीं और अपनी चूत उसको दिखाती हुई रगड़ना शुरू कर दी ताकि वह अच्छे से अपनी बहन की गर्म चूत देख सके.

हालांकि बाद में मुझे थोड़ा अजीब लगा कि यह मेरा छोटा भाई है.
पर उस वक़्त ठरक दिमाग पर चढ़ी हुई थी तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था.

उस दिन के बाद से मैं अपने भाई को कभी भी अपनी चूत दिखाने में नहीं हिचकिचाई क्योंकि मुझे लगता था कि जैसे उसने एक बार चूत देखी, वैसे बार बार चूत देखी.

फिर एक बार हमारे पेरेंट्स को किसी काम से एक हफ्ते के लिए बाहर जाना था.
उस वक़्त पूरे हफ्ते के लिए हम दोनों भैया बहन ही घर में अकेले थे.

मैं उसके कमरे से कुछ सामान लेने गयी तो मैंने देखा कि उसके पास फिर से मेरी एक चूत रगड़ने वाली नंगी तस्वीर पड़ी थी.

मेरे से रहा नहीं गया और मैंने उससे पूछने का इरादा पक्का कर लिया.

उस वक्त वह बाथरूम में था.

मैंने दरवाजे की झिरी से अन्दर झांक कर देखा तो वह एक हाथ से अपना 7 इंच लंबा और करीब करीब 2.5 इंच मोटा लंड सहला रहा था.

लंड सहलाते वक़्त उसके दूसरे हाथ में एक तस्वीर थी.
उसकी ओर देखते हुए वह बड़बड़ा रहा था- सना दी, कितनी गुलाबी चूत है आपकी … काश मैं इसे एक बार चाट पाऊं.

दोस्तो, मेरा रंग बहुत ज़्यादा गोरा है जिस वजह से मेरी चूत का रंग गुलाबी है.

उसका लंड देख कर मैं बहुत उत्तेजित हो गयी थी.
पर मैं गुस्से में भी थी कि मेरा छोटा भाई मेरे बारे में ऐसा सोचता है.

इसी ध्यान में कब मेरा हाथ दरवाजे पर जोर से लगा, मुझे मालूम ही नहीं चला … और बस बाथरूम का दरवाजा खुल गया.

वह अन्दर नंगा था.
मुझे देख कर वह थोड़ा घबरा कर रुका और उसके हाथ में जो मेरी नंगी तस्वीर थी, वह नीचे गिर गयी.

मैंने उस तस्वीर को देखा कि वह मेरी ही कोई पुरानी तस्वीर थी.

मैं उससे पूछने लगी कि तू भाई होकर भी अपनी बहन के बारे में ऐसा सोचता है!
अब तक वह संभल चुका था और शायद कुछ बिंदास भी हो गया था.

उसने साफ शब्दों में कहा- आप बहुत सेक्सी हो दीदी … और आपका फिगर तो पूछो ही मत. मुझे किसी और लड़की में आपके जैसी खूबसूरती नहीं दिखाई देती है. इसमें मेरी क्या ग़लती है कि आप मेरी बहन हो!

वह वहीं खड़े होकर मेरे सामने ही अपना लंड सहलाने लगा.
पता नहीं क्यों … पर मैं भी वहां से हिल नहीं पाई.
वह मेरी आंखों में आंखें डाल कर अपना लंड हिलाता रहा और मैं उसे मुठ मारते हुए देखती रही.

मुझे होश तो तब आया जब उसके लौड़े से वीर्य की पिचकारी मेरे पैरों पर आ गिरी.

मैं बिना कुछ कहे उधर से वापस आ गई और अपने पैर साफ करके अपने बिस्तर में लेट कर अपने भाई के लंबे और मोटे लंड के बारे में सोचने लगी.

दोस्तो, मेरी आदत नंगी सोने की है.
मैं कमरे के दरवाजे को उड़का कर अपने कपड़े उतारने लगी और अगले कुछ ही पलों में मैं सम्पूर्ण नंगी शीशे के सामने खड़ी थी.

मुझे अपने 34 इंच के तने हुए दूध बड़े ही खूबसूरत लग रहे थे.
मेरे मम्मों के ऊपर मेरे कड़क हो चले मेरे निप्पल चूचों की शोभा बढ़ा रहे थे.

खुद ब खुद मेरे दोनों हाथ मेरे मम्मों पर जम गए और मैंने अपने दोनों निप्पलों को मींज कर आगे को खींचे तो मम्मे भी किसी रबर की बॉल की तरह खिंचते चले गए और मेरे मुख से एक मीठी आह निकल गई.

कुछ पल अपने मम्मों को मसलने के बाद मेरी नजर अपनी दोनों टांगों के बीच रस से चिपचिपाती हुई मेरी चूत की फाँकों पर चली गई.

एक हाथ की एक उंगली से मैंने चूत की दरार में नीचे से ऊपर तक रगड़ा और चूत की ऊपरी मंजिल पर फूला हुआ दाना मेरी उंगली के स्पर्श से मुझे अन्दर तक झनझनाता चला गया.
अगले ही पल मेरी दो उंगलियों ने दाने को पकड़ कर मसल दिया और कंठ से एक मादक आह भरी सिसकारी निकल गई.

कुछ देर तक अपने रूप यौवन को निहारने के बाद मुझे अपने भाई का लंड फिर से याद आने लगा और मैं जल्दी से अपने बिस्तर में जाकर चूत को रगड़ती हुई खुद को शांत करने की कोशिश करने लगी.
चूत के साथ खेलते खेलते मुझे कब नींद आ गई, कुछ होश ही न रहा.

उसी रात मेरा भाई मेरे कमरे में आया और मुझे नंगी सोते देख कर फिर से लंड सहलाने लगा.
वह अपने लंड को सहलाते हुए मेरे सिरहाने के पास आ गया और लंड को मेरे मुँह के सामने करते हुए उसकी मुठ मारने लगा.

उसकी मंद मंद आहें निकलने लगी थीं.
पर वे आवाजें मेरी नींद को खोलने में नाकाफ़ी थीं.

मेरी आंख तब खुली जब उसके मुँह से ‘आआहह हाअहह.’ की कुछ तेज सी आवाज़ आई.
आंखें खुलीं तो मैं अपने मुँह के बिल्कुल सामने लंबा मोटा लंड देख कर चौंक गयी.

मैं अभी कुछ कर पाती या कह पाती कि तभी उसने मेरे मुँह पर अपने लंड का मुठ गिरा दिया.
इससे मैं अचकचा गई और अवाक की स्थिति में रह गई.

उसका माल मेरे गाल पर गिरा था.
मैं अपने एक हाथ से उसे पौंछती हुई अपने भाई की तरफ देखने लगी.

उसकी तेज तेज सांसें चल रही थीं.
कुछ ही पलों बाद मेरा भाई वहीं मेरे ही बिस्तर पर मेरे बाजू में लेट गया.

मैं पूरी नंगी थी तो मेरे भाई को मेरी नग्न देह से साबका हुआ.

वह अपने कपड़े उतारता हुआ बोला- दी, आज मैं आपके ही पास सोऊंगा.
यह कह कर उसने मुझे पकड़ लिया.

मैं उसका मुठ अपने चेहरे से साफ करने बाथरूम जाने के लिए उठना चाहती थी मगर उसके जकड़ लेने से जा ही नहीं पाई.

सच तो यह है कि मैं उस पूरी रात दुबारा सो भी नहीं पाई.
उसने मेरे साथ सारी रात सेक्स का खेल खेला.

उसके द्वारा ही सेक्स का खेल शुरू हुआ.
मुझे तो ये भी नहीं पता चला कि कब मेरा छोटा भाई धीरे धीरे मेरे चूचों को सहलाने लगा.

उसका खड़ा हुआ लंड मेरी कमर में गड़ने लगा.
उस वक़्त तक मैं भी गर्म हो चुकी थी.

बाहर हल्की हल्की बारिश हो रही थी और पावर कट हो जाने से रूम में अंधेरा हो गया था.

मुझसे से भी रहा नहीं गया और मैं उसकी तरफ मुँह करके उसके सीने से चिपक गयी.
मेरे चूचे उसकी छाती पर इस कदर चिपक गए थे कि हवा भी बीच से नहीं निकल सकती थी.

कुछ पल बाद जैसे ही मैं उससे अलग हुई, उसने मुझे पागलों की तरह किस करना चालू कर दिया.

मेरे भाई ने मेरे होंठ चूस लिए.
वह किसी जानवर की तरह मेरे गोरे और ठरक से गर्म हुए बदन पर टूट कर पड़ा था जैसे शेर अपने शिकार पर टूट पड़ा हो.

उसने मेरा पूरा बदन चूसना चालू कर दिया, होंठों से थोड़ा नीचे उतर कर गर्दन को चूमने लगा.

फिर कंधे से होते हुए मेरे चूचों पर आया और किसी पागल इंसान की तरह मेरे निप्पलों को काटने लगा.

उस वक़्त तक मैं इतनी गर्म हो चुकी थी कि मुझे कोई फ़र्क ही नहीं पड़ रहा था कि वह मेरा छोटा भाई है.
उसने अचानक से अपना दूसरा हाथ नीचे सरकाते हुए मेरी चूत को मसलना शुरू कर दिया.

अब मैं चुदास में एकदम भभक चुकी थी और मेरे मुँह से निकला ‘आह भाई चोद दे मुझे … अब रुका नहीं जा रहा.’

उसने बिना इंतज़ार किए मेरे ऊपर अपना आसन सैट किया और अपना गर्म लोहे के सरिया जैसा लंड मेरी चूत में घुसा दिया.

लंड पेलने के साथ ही उसने अपने एक हाथ से मेरा एक चूचा पकड़ लिया और मसलने लगा.
जब कि वह मेरे दूसरे चूचे को अभी भी पागलों की तरह चूस रहा था.

उस वक़्त तक मैं दो बार अपनी चूत का पानी झाड़ चुकी थी और मैं बहुत ज़्यादा चुदासी हुई पड़ी थी.

उसने इतनी ज़ोर और ताक़त के साथ मुझे चोदा कि मैं कुछ ही देर में फिर से झड़ गयी.

जब मेरे भाई को लगा कि अब उसका मुठ निकलने वाला है, उसने अपना लंड मेरी चूत से खींच कर मेरे मुँह में दे दिया और सारा मुठ मेरे गले में उतार दिया.

उसका गर्म मुठ जैसे ही मेरे गले से नीचे उतरा, मेरे जिस्म की सारी गर्मी शांत हो गयी.

उसके बाद मैं उसके ऊपर लेट गई और अपनी सांसें नियंत्रित करने लगी. वह मुझे सहलाता रहा.

फिर मैंने 69 में होकर उसका लंड ऐसे चूस कर साफ कर दिया, जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूस रहा हो.
वह मेरे नीचे लेटा हुआ मेरी चूत का पानी चाट रहा था.

उसके बाद उसने पूरा हफ्ता ऐसे ही मुझे चोदा और दिन-रात चोदा.
बाद में हमारे अम्मी अब्बू आ गए तो हम दोनों छुप कर होटल में जाकर ब्रो फक सिस करने लगे थे.
 
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junglecouple1984

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junglecouple1984

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Hi Friends waiting for your replay with comments..
 

karthik90

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Nice collection. Please most more elder bro - younger sis stories.
 
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junglecouple1984

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junglecouple1984

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मम्मी ने बनाया चूत चोदने का खिलाड़ी




पहले मैं अपना परिचय दे देता हूं.
मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं.

घर पर पापा, मम्मी, भाई बहन सब हैं.
मैं अपने घर में सबसे छोटा हूं जिसकी वजह से मम्मी का लाड़ला भी हूं.

अब मैं आपको मम्मी के बारे में बता देता हूं.
उनकी उम्र 45 वर्ष है और दूध सा गोरा बदन है.
उनके बड़े बड़े चूचे हैं और गांड भी मस्त है.

मैं मम्मी को कभी भी पीछे से आकर हग कर लेता था; उनके बूब्स भी दबा देता था.
वे कुछ भी नहीं कहती थीं.
तब भी मेरे मन में उनको चोदने का कोई प्लान नहीं था.

लेकिन एक दिन मैंने उनको नहाती हुई देख लिया था.
तब मैंने उनके सिर्फ चूचे ही देखे थे जो काफी बड़े थे.

जब मैं नहाता था तो वे पीठ पर साबुन लगाने आ जाती थीं.
उस वक्त मुझे उनके चूचे अपने जिस्म पर रगड़ते हुए बड़े मस्त लगते थे और मेरा लंड खड़ा हो जाता था.

पीठ पर साबुन लगाने के बाद मम्मी आगे भी साबुन लगा देती थीं.
तब मेरा लंड थोड़ा थोड़ा खड़ा हो जाता था.
वे साबुन लगाते समय मेरे लौड़े को भी सहला देती थीं.

हालांकि इससे ज्यादा कभी कुछ नहीं हुआ था.
मगर अब मैं उनको चोदने की स्कीम बनाने लगा था.

अपनी मां को चोदने के बारे में सोच कर मैं उत्तेजित हो जाता था और उसी समय अपने लंड की मुठ भी मारने लगता था.

यह बात तब की है जब मैं 19 वर्ष का हो गया था और मेरा कॉलेज चल रहा था.

मैं उन दिनों कॉलेज ज्यादा नहीं जा पा रहा था क्योंकि मेरे लंड के आस-पास खुजली होने की वजह से घाव हो गया था.

उस पर मैं साधारण सी कोल्ड क्रीम लगा कर ठीक होने का इंतजार कर रहा था.
लेकिन अंडरवियर पहने होने की वजह से वह घाव ठीक नहीं हो पा रहा था.

इस घाव के चलते पहले दिन जब मैं कॉलेज नहीं गया.

तो मां ने पूछा- कॉलेज क्यों नहीं गया?
मैंने कहा- ऐसे ही तबियत ठीक नहीं होने मन नहीं किया.

मां ने मेरे माथे पर हाथ रखते हुए पूछा- क्या हुआ तेरी तबियत को?
मैंने कहा- पता नहीं.

वे कहने लगीं- कहीं कोई दिक्कत है क्या?
मैं चुप रहा.

मुझे अपने लंड के पास हुए घाव के बारे में मां को बताने में शर्म आ रही थी.

फिर मां ने मुझसे कुरेद कर पूछना शुरू किया.
तो मैंने मां को बता दिया कि मेरी सुसू के पास एक घाव हो गया है … जिस वजह से मुझे चलने में दिक्कत हो रही है.

उस पर उन्होंने जिद करके मेरे घाव को देखा और उस पर लगाने के लिए एक क्रीम लाकर दी.

मैं क्रीम लगा कर अपने घाव को ठीक करने लगा.

अगले दिन दोपहर को सब अपने काम पर गए हुए थे तो मैं और मम्मी ही घर पर थे.

चूंकि मम्मी को मेरे घाव के बारे में पता ही था तो उन्होंने कहा- आज अंडरवियर निकाल कर क्रीम लगा ले. उससे यह घाव जल्दी ठीक हो जाएगा. क्रीम लगाने के बाद कुछ मत पहनना. ऐसे ही नंगा रहना.

मैंने उनकी बात मान ली और लंड के पास क्रीम लगा ली.
मुझे नंगा रहने में शर्म आ रही थी तो मैंने मम्मी के कहने के बावजूद भी एक चुन्नी कमर पर बांध ली.
मैं बेड पर लेट गया.

कुछ देर बाद मम्मी घर का सारा काम निपटा कर कमरे में आईं और उन्होंने देखा कि मैं सिर्फ चुन्नी में लेटा हुआ हूं.
मेरी आंखें बंद थीं.

उन्होंने मेरी चुन्नी हटाई और लंड को देखा कि घाव कितना बड़ा है और क्रीम सही से लगी है या नहीं.

मैंने मम्मी की आहट सुन ली थी और लेटा हुआ बस शर्मा रहा था.

फिर उन्होंने मेरे लौड़े को अपने हाथ से पकड़ा तो वह झनझना उठा; मेरे लौड़े में सख्ती आने लगी.

वे उसे पकड़े हुई मुस्कुराने लगीं.
उन्होंने मेरे लंड पर अपनी पकड़ कुछ मजबूत कर दी थी जिससे लंड कड़क हो गया था.

अब मम्मी मेरे लौड़े के आस-पास क्रीम लगाने लगीं तो मेरे पूरे बदन में आग सी फैल गई.

मेरा लौड़ा और भी ज्यादा सख्त होने लगा.

उन्होंने लंड की कठोरता को महसूस किया और शायद उन्हें भी मेरे लौड़े की सख्ती पसंद आ गई.

मम्मी ने मेरे लंड को थोड़ा सहलाया भी और वापिस चुन्नी से ढकने लगीं.
मगर अब लंड खड़ा हो गया था तो वह चुन्नी में तंबू के बांस के जैसे लगने लगा.

उस समय तक मेरी आंखें खुल गई थीं.
मम्मी ने मुझसे नजरें मिलाईं और मुस्कुरा दीं.

उनकी उस मुस्कान में मेरे लंड की साइज़ के लिए तारीफ छिपी थी और शायद उनकी वासना भी थी.

मम्मी ने लंड सहलाते हुए मुझसे कहा- इसको अभी ऐसा ही रहने दो और घाव पर हवा लगने दो.
उस वक्त वे मेरे ही बगल में लेट गईं और उन्होंने अपनी आंखें बंद कर लीं.

थोड़ी देर बाद मैंने करवट ले ली और उनके पेट पर हाथ रख कर सहलाने लगा.

जब मैं धीरे से अपने हाथ को ऊपर लेकर जाने लगा, तो वे मेरी तरफ पीठ करती हुई मुड़ गईं.

मैंने उनकी गांड की तरफ देखा और लंड खड़ा होने लगा था तो मैं उनकी गांड से लंड को सटा कर सोने की एक्टिंग करने लगा.
उनके बूब्स के ऊपर हाथ रख लिया मैंने!

इस बार उन्होंने कुछ नहीं कहा क्योंकि यह मैं पहले भी करता था.
मैं मां के दूध दबाने लगा.

फिर मैंने धीरे धीरे करके उनके कुर्ते के अन्दर हाथ डाला.
मुझे उनके बूब्स को टच करना था.

मगर उनका कुर्ता काफी टाइट था और उन्होंने ब्रा भी पहनी हुई थी.
उस वजह से मैं अन्दर हाथ नहीं ले जा पाया.

मैंने अब उनकी नाभि पर टच किया और धीरे धीरे उनकी सलवार के पास आ गया.

मैं पीछे से लौड़े को उनकी गांड के छेद में घुसा रहा था.
थोड़ी हिम्मत करके मैं मम्मी की सलवार के अन्दर हाथ डालने की कोशिश कर रहा था.

उन्होंने नाड़ा टाइट बांधा हुआ था.
मैंने सलवार के ऊपर से ही चूत पर हाथ फेरना शुरू किया.
उन्होंने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया.

मैंने अब नाड़ा खोला और आगे से हाथ को अन्दर डाला.
कसम से क्या मजा आया … मम्मी की चूत एकदम मक्खन जैसी चिकनी थी. चूत पर झांट का एक बाल भी नहीं था.

उनकी चूत थोड़ी गीली भी हो गई थी.
जब मैं चूत के अन्दर हाथ डालने लगा तो उन्होंने अपनी एक टांग थोड़ी सी उठा दी ताकि मेरा हाथ अन्दर तक जा सके.

मेरे लिए इतना इशारा काफी था.
मैंने चूत के अन्दर पहले एक उंगली डाली और उनकी चूत के रस का अहसास करते ही मैंने दूसरी उंगली भी अन्दर डाल दी.

उनको भी मजा आ रहा था.
इधर मेरा लौड़ा भी तन चुका था और अन्दर जाने के लिए तैयार था.

मैंने सलवार के अन्दर से ही गांड पर हाथ फेरा और सलवार को थोड़ा सा नीचे खिसका दिया.
लेकिन सलवार ज्यादा नीचे नहीं जा सकी.

उसी समय मम्मी ने अपनी गांड उठा दी और सलवार उतर गई.
उन्होंने पैंटी नहीं पहनी थी.

आह … इतने गोरे और बड़े बड़े चूतड़ देख कर मैं पागल हो गया.

मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.
मगर उन्होंने लंड को नहीं पकड़ा.

मैंने फिर से उनका हाथ पकड़ा और लंड पर रख कर दबा दिया.
अपने हाथ से ही उनके हाथ को अपने लौड़े पर आगे पीछे करते हुए लंड सहलवाने लगा.

कुछ देर बाद मैंने मम्मी का हाथ छोड़ दिया.
अब वे खुद से मेरे लौड़े को सहला रही थीं.
मम्मी के हाथ के स्पर्श ने मेरे लंड को पूरा टाइट कर दिया था और लंड उन्हें चोदने के लिए रेडी हो गया था.

मैं लंड को मम्मी की गांड पर फेरने लगा और गांड के छेद में टच करने लगा.

मैंने मम्मी की एक टांग ऊपर उठाई और उनकी चूत के मुँह पर अपने लंड का टोपा लगा दिया.

फिर जैसे ही मैंने धक्का मारा तो लंड चूत के छेद से फिसल गया.
इस बार उन्होंने अपने हाथ से लंड को पकड़ा और अपनी चूत के मुँह पर रख दिया.

उन्होंने खुद अपनी गांड से दबाव दिया तो उसी पल मैंने धक्का दे मारा.

मेरा आधा लंड एक ही झटके में मम्मी की चूत के अन्दर घुसता चला गया.

उस वक्त जो पोर्न मदर सेक्स का अहसास हुआ था दोस्तो, वह मैं लिख कर बयान ही नहीं कर सकता.

पहली बार लंड किसी चूत में घुसा था तो बड़ा ही आनन्द का अनुभव हो रहा था.

कुछ पल बाद फिर से दूसरा झटका दे दिया तो लंड थोड़ा और अन्दर घुस गया.

उनकी गांड बड़ी होने के कारण लंड पूरा अन्दर नहीं जा पा रहा था.

अब उन्होंने एक हाथ से अपने चूतड़ों को थोड़ा ऊपर उठाया ताकि लंड पूरा अन्दर जा सके.
मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए और मम्मी की चुदाई का कार्यक्रम शुरू हो गया.

मैंने पूरे जोश से चोदना शुरू किया और उनके बूब्स भी दबाने लगा.

वे भी अपने एक हाथ से खुद ही अपनी चूत के ऊपर से हाथ से कुछ करने लगीं.
शायद वे अपनी चूत की मणि को मसल रही थीं.

कुछ देर बाद मैंने लंड चूत से बाहर निकाला और बेड पर खड़ा हो गया.
अब मैंने उनको सीधा लेटाया और टांगें ऊपर उठा कर चूत देखने लगा.

जब मैंने चूत के दर्शन किए तो बड़ी ही मस्त चूत थी … अन्दर से एकदम गुलाबी और ऊपर से बिना बाल की चूत थी.

मैं सोचने लगा कि मम्मी को झांटें साफ करने का टाइम कैसे मिल जाता है.

मैंने फिर से लंड पेल कर चूत चोदना शुरू किया.
कुछ ही देर में हम दोनों सेक्स की चरम सीमा पर आ गए थे और मैं धक्के दिए जा रहा था.

पूरे कमरे में चप चप की आवाजें गूंज रही थीं.
जब लंड पूरा बाहर आ जाता था, तो अन्दर जाते हुए छप की आवाज निकल रही थी.

हम दोनों पसीने में लथपथ होने लगे थे लेकिन रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे.

अपनी मम्मी को मैं करीब पंद्रह मिनट तक चोद पाया.
मैं चरम सीमा पर आ गया था तो मैंने बिना कुछ सोचे ही अपने लंड से वीर्यपात करना शुरू कर दिया और मेरा माल मम्मी की चूत के अन्दर ही निकल गया.

माल निकलने के बाद भी मैंने धक्के लगाने चालू रखे.

उसी वक्त उन्होंने अपनी टांगों से मुझे जकड़ लिया और अपनी चूत को ऊपर उठा कर पूरा लंड अन्दर घुसवाने लगीं.
उस वक्त शायद उनका भी पानी निकल गया था.

मेरी पोर्न मदर सेक्स के बाद ढीली पड़ गईं और हम दोनों ऐसे ही बेड पर लेटे रहे.

मैं पांच मिनट बाद उठ कर बाथरूम गया और अपनी साफ सफाई करके वापस आ गया.

मेरे बाद मम्मी अन्दर चली गईं और वे भी अपनी चूत की सफाई करके बाहर आ गईं.

मैं थक गया था तो सो गया.

जब उठा, तो देखा कि मैंने अंडरवियर पहना हुआ था. घर के दूसरे मेंबर भी आ गए थे.

उसके बाद हम दोनों ने फिर से सेक्स किया था.

 

junglecouple1984

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चाची की गर्म चूत में अपना वीर्य डाला




मेरा नाम है अंकुर!
कैसे हो आप सब!


कहानी की शुरुआत कुछ इस तरीके से है कि मेरी चाची प्रियंका की शादी को करीब 6 साल होने वाले थे.
ये चाचा मेरे दूर के रिश्ते में चाचा लगते थे.

शादी को इतना समय बीत जाने के बावजूद उनको कोई भी बच्चा नहीं हो रहा था।
जिसकी वजह से सास ससुर और आसपास के लोगों से ताने सुनने को मिला करते थे।

ऐसा नहीं है कि चाची और चाचा ने कोई उपाय नहीं किया, उन्होंने हर तरीके से उपाय करने का प्रयास किया मगर सब कुछ विफल ही रहा।

डॉक्टर से तमाम चेकअप कराने के बावजूद सारी रिपोर्ट में यही निकल कर आ रहा था कि चाची तो मां बन सकती हैं मगर चाचा के स्पर्म काउंट में कुछ दिक्कत है।
ऐसा नहीं था कि चाचा बाप नहीं बन सकते थे, बाप तो बन सकते थे मगर उनके स्पर्म इतने अच्छे क्वालिटी के नहीं थे कि वे उस समय बाप बन पायें।

डॉक्टर ने उनको कुछ दवाइयां लिखी और खान पान में बदलाव करने का सुझाव भी दिया।
मगर उपचार के बाद भी लगातार छह महीने कुछ ना होने के कारण और मियां बीवी में तनाव हुआ करता था।

मेरा घर उनके घर से करीब 10 मिनट की दूरी पर है।
मैं रात में अपना काम खत्म करने के बाद चाचा से मिलने के लिए उनके घर जाया करता था।

यहां मैं प्रियंका भाभी का हुलिया बता देता हूं.
उनकी लंबाई करीब 5 फुट 4 इंच है, उनका बदन बहुत ज्यादा भरा हुआ नहीं है तो वे किसी कॉलेज की लड़की की तरह ही लगती हैं।
दिखने में चाची बहुत ज्यादा खूबसूरत नहीं हैं लेकिन सांवला रंग उन पर खूब जचता है.
लेकिन उनका वक्ष और गांड दोनों काफी मोटे हो चुके हैं, शायद चाचा दबा के मजे लेते होंगे।

क्योंकि चाची को बहुत ज्यादा सुनना पड़ता था इसलिए चाची अब अपने घरवालों से भी चिड़चिड़ी रहा करती थी.

कभी कभार मैं दोपहर में उनके घर पर चला जाया करता था क्योंकि उनके घर पर बड़ा वाला टीवी लगा था और मैं अपने काम से फुर्सत निकालकर वीकेंड पर उनके वहां टीवी देखने जाया करता था।

हालांकि चाचा की छुट्टी सिर्फ बुधवार को हुआ करती थी।
तो मैं और चाची साथ मिलकर ही पिक्चर दिखा करते थे.

चाची जिस घर में रहती थी, वहां पर कुछ सदस्य और थे जैसे कि उनके सास ससुर, उनके जेठ और जेठानी और उनके दो बच्चे।

जब भी मैं पिक्चर लेकर आता था तो उनके बच्चे भी पिक्चर देखने चले आते थे।

एक बार जेठ जेठानी और सास ससुर का प्लान शायद वैष्णो देवी जाने का हुआ उस समय शायद ठंड का महीना बस शुरू ही हो रहा था।

शायद नवंबर का आखरी सप्ताह चल रहा था क्योंकि कम्बल निकल चुके थे।

एक दिन मैं एक मूवी मिमी (कृति सैनन) लेकर आया था।
हम दोनों लोग उस मूवी को देख रहे थे.

उस मूवी का सब्जेक्ट भी कुछ इसी प्रकार का था जिस तरह की परेशानी से अभी चाची गुजर रही थी।

मैंने उनसे मजाक में कहा था- कितना अच्छा होता कि अगर आप लोगों के पास पैसे होते तो आप भी किराये की कोख में बच्चा ले सकती थी.
चाची ने हंसते हुए कहा- अरे किराये की कोख से क्या होगा? तुम्हारे चाचा से तो कुछ भी नहीं होगा इस समय!

ऐसा कह कर उन्होंने मुझे सारी बात बता दी.
तब मुझे पहली बार पता चला कि कमी चाची में नहीं, चाचा में है।

हमेशा में चाची के साथ थोड़ा सा दूर हट कर बैठा करता था लेकिन आज ना जाने चाची के मन में क्या आ रहा था कि वे मुझसे सट कर बैठ गई।

उनका शरीर काफी ज्यादा गर्म हो रहा था।
वे साथ में मेरे साथ पिक्चर देखने लगी और कहने लगी- मैं तुम्हारी गोद में सो जाती हूं।
मैं उन्हें मना करना चाह रहा था लेकिन वे जबर्दस्ती मेरे पेट पर सिर रख कर लेट गई और वहीं से मूवी देखने लगी।

चाची ने मेरे पेट पर सर रख रखा था और उनकी गर्म सांसें मेरे पायजामे पर लग रही थी जिस वजह से अब मेरा लन्ड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा था।

मैं अपने आपको इधर उधर कर रहा था ताकि मैं और भयानक स्थिति में ना पहुंच जाऊं और चाची मेरे खड़े लन्ड को देख ले.

लेकिन शायद चाची के तो कोई और मर्जी थी।

अब चाची थोड़ा सा और आगे आ गई और उनका हाथ मेरे लन्ड पर टच हो रहा था।
उनका हाथ का स्पर्श मात्र पाते ही मेरे लन्ड में एक जोरदार सलामी दी।

मैं हटने की कोशिश कर रहा था मगर चाची मेरे ऊपर से नहीं हट रही थी बल्कि वे अपनी कन्नी उंगली से मेरे लन्ड पर बार-बार छू रही थी।

करीब आधे घंटे तक चाची ने मेरे लन्ड को अपनी उंगलियों से छूकर इतना गर्म कर दिया था कि मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और अब मैंने अपना माल छोड़ दिया था।

मेरी उत्तेजित हो रही सांसें और अब जब वीर्य निकल गया तब मेरी सांसों में बहुत जमीन आसमान का अंतर था।

चाची मेरी तरफ मुड़ी और बोली- क्या हुआ?

वे ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे कुछ मालूम है ना हो!
मैंने कहा- कुछ नहीं।

मैं पूरी तरीके से पसीने में भीग चुका था।

जैसे ही चाची मेरे ऊपर से उठी, मैं तुरंत भाग कर उनके घर से अपने घर की तरफ चला गया।

घर जाकर मैंने दोपहर में जो भी कुछ हुआ, उसको सोचा और एक बार फिर से मुट्ठ मार कर सो गया।

अगले दिन फिर मैं एक नई पिक्चर लेकर उनके घर पर चला गया दोपहर में ही।

पिक्चर को शुरू हुए अभी 10-15 मिनट ही हुए थे, चाची एक बार फिर से मेरे पेट पे जबरदस्ती सो गई और एक बार फिर से अब उनके हाथ बेकाबू होने लगे।

पहले तो वे सिर्फ उंगलियों से ही यह काम कर रही थी, अब उनका पूरा हाथ मेरे लन्ड पर लग रहा था।
वे मेरे हाथ लन्ड पर हाथ रखकर ही सो रही थी और इधर-उधर होने की वजह से मेरा लन्ड रगड़ खा रहा था।

शायद चाची भी अब गर्म होने लगी थी क्योंकि उनकी सांसें भी अब काफी तेज ऊपर नीचे हो रही थी.
चाची मेरे पेट पर हाथ फिराने लगी, मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था।

मगर मैं उन्हें रोकना चाहता था क्योंकि उनके ससुर भी बाजू वाले कमरे में ही थे।

मैंने चाची को रोकना चाहा।
मगर चाची एक कदम और आगे बढ़ गई और उन्होंने मेरे पायजमे में हाथ डाल दिया।

उनका नंगा हाथ मेरे नंगे लन्ड पर लगते ही मेरे बदन में एक चिंगारी सी दौड़ गई और मैं तुरंत उठ कर बेड के साइड में खड़ा हो गया।

मैंने दबी आवाज में कहा- आप यह क्या कर रही हैं? यह गलत है।
चाची- अंकुर तुम तो जानते ही हो कि मुझे यहां पर कितना सुनना पड़ता है जबकि कमी तुम्हारे चाचा में ही है! तुम नहीं चाहते कि मुझे इस कष्टों से मुक्ति मिल जाए!

मैं- आप कहना क्या चाह रही है मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
चाची- देखो, तुम अभी जवान हो और तुम तुम्हारा शरीर भी काफी अच्छा है! अपने चाचा को तुमने देखा ही है, वे काले कलूटे कैसे हैं. मैं चाहती हूं कि तुम मुझे अपना वीर्य दो और मुझे मां बनाने का सुख दो।

मैंने मन में सोचा कि यह तो बिल्कुल गलत बात है।

यब मैंने यह कहा- चाची, मैं आपके साथ यह नहीं कर सकता।
चाची समझ गई थी कि शायद मैं शर्मा रहा हूं।
वे कहने लगी- कोई बात नहीं!

अब चाची उठकर मेरे पास आई और वापस अपने कमरे की सिटकनी लगा दी।
चाची ने कहा- चलो ठीक है. तुम अपना वीर्य मुझे मत देना. लेकिन कम से कम अपना लन्ड तो मुझे दिखा सकते हो।

मैंने उनसे कुछ नहीं कहा.
शायद चाची को यह हां वाला सिग्नल लगा होगा और उन्होंने मेरी शर्ट को ऊपर किया और मेरे पजामे में अपना हाथ डाल दिया.
वे मेरे लन्ड का नाप ले रही थी।

चाची ने कहा- तुम्हारा तो चाचा से काफी लंबा और काफी मोटा है! लेकिन इस तरीके से पता नहीं चल रहा है. क्या तुम अपनी पजामा उतार दोगे तो मैं उसे ठीक से देख पाऊं।

मुझे बहुत शर्म तो आ रही थी मगर मैंने सोचा कि खुद सामने से तरबूज कटने के लिए तैयार है तो मैं पीछे क्यों हटूं।

मैंने जरा भी समय न गंवाते हुए अपने पजामे को नीचे कर दिया।
मेरा लन्ड पूरी तरीके से सलामी दे रहा था।

चाची ने अपनी हथेली से लन्ड को नापने की कोशिश की।

उनकी हथेली से कुछ छोटा था लेकिन मेरे लन्ड की लंबाई 6 इंच है।

चाची ने कहा- तुम्हारे चाचा का लन्ड शायद 4 इंच भी नहीं है. और तुम्हारा तो कितना मोटा है।

उन्होंने अब अपने मुट्ठी में मेरे लन्ड को पकड़ लिया था।

चाची मेरे लन्ड की तारीफें करे जा रही थी और मेरे लन्ड को सहला रही थी।

मुझे इतना मजा आने लगा कि मैं दीवार के सहारे टेक लेकर खड़ा हो गया।

चाची अब अपने घुटनों पर आ गई और दोनों हाथों से मेरे लन्ड को आगे पीछे करने लगी।

उनकी गंदी गंदी बातों से मेरा और मन भर रहा था.

उन्होंने कहा- जब तुम्हारा इतना लंबा और मोटा लन्ड मेरी छेद के अंदर जाएगा तो मेरा क्या हाल करेगा? मैं तो यह सोच सोच कर ही परेशान हो रही हूं. मैं तो यह सोच रही हूं कि मैं तुम्हारा इतना लंबा लन्ड लूंगी कैसे?

अब चाची ने मेरा एक हाथ पकड़ा और अपने बूब्स पर लगा दिया और कहा- इन्हें दबाओ।
मैं चाची के बूब्स को उनके मैक्सी के अंदर हाथ डाल कर दबा रहा था।

चाची ने अंदर ब्रा पहनी थी, मैं ब्रा के ऊपर से ही दबा रहा था।

चाची ने कहा- अरे ब्रा के अंदर हाथ डाल कर दबाओ ना! रुको एक मिनट!
कहकर अब चाची ने अपनी मेक्सी को अपने छाती तक उठाया और अपनी ब्रा को खोल दिया और उसे साइड में फेंक दिया।

मैंने चाची से कहा- आप अपनी मेक्सी निकाल दो ना!
तो चाची ने कहा- नहीं, अगर दरवाजे पर कोई आया तो कपड़े पहनने में समय लग जाएगा और लोग गलत सोचेंगे. इसलिए मैं कपड़े नहीं उतार रही हूं. तुम भी अपने सारे कपड़े मत उतारना!
कह कर एक बार फिर से चाची मेरे लन्ड को सहलाने लगी और मैं उनके बूब्स को दबाने लगा।

अब चाची मुझे बेड पर लेकर आई और मुझे बेड पर पटक दिया खुद मेरे ऊपर बैठ गई।

चाची ने अपनी मेक्सी अपने घुटने तक उठा ली थी और मेरा लन्ड उनकी छेद के दरवाजे पर छू रहा था.
वे मुझे बेतहाशा चूम रही थी।

चाची तो इतनी ज्यादा गर्म हो गई थी कि वह मेरे होंठ को काटने लगी थी.
मुझे दर्द हो रहा था लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था।

चाची चूमते चूमते मेरे लन्ड पर आगे पीछे होना शुरू हो गई थी.
उनके छेद की गर्माहट मेरे लन्ड तक पहुंच रही थी। उनके छेद में से एक अजीब सी मदहोश कर देने वाली खुशबू आ रही थी.
शायद चाची की चूत पानी छोड़ रही थी।

मुझे चूमते चूमते चाची के हिलने की गति अब बहुत ज्यादा तेज हो गई थी।

चाची अब काफी तेजी से अपनी चूत को मेरे लन्ड के ऊपर रगड़ रही थी और उनकी सांसों में अब आहें आ गई थी, सिसकारियां निकलने लगी थी।

थोड़ी देर के बाद वे थोड़ी सी ऊपर उठी और अपने चूत में मेरे लन्ड को सेट किया और वह बहुत धीरे-धीरे मेरे मोटे लन्ड को अपनी चूत में ले रही थी क्योंकि इतने मोटे लन्ड को लेने की उनको आदत नहीं थी.

बहुत मुश्किल से उन्होंने मेरे लन्ड को अपनी चूत में घुसाया।
देखते ही देखते मेरा पूरा लन्ड उनकी चूत में समा गया था।

चाची ने अपने दोनों बूब्स को अपने हाथों से पकड़ा और बहुत ही मद्धम मद्धम से मेरे लन्ड के ऊपर उछल कूद करने लगी।

मैं भी चाची की गांड को अपने हाथों से उठाकर बार-बार ऊपर नीचे कर रहा था।

चाची की उछलने की गति अब धीरे-धीरे बढ़ने लगी और मैं भी नीचे से अपने लन्ड की रफ्तार उनकी चूत पर दे दनादन मारे जा रहा था।
उनके मुंह से आह निकलने लगी जिसको उन्होंने अपने हाथों से बंद किया।

अब चाची मेरे ऊपर वापस झुक गई और उनके बड़े-बड़े बूब्ज़ मेरी आंखों के सामने आ गए.
मैंने उठ कर उनके बूब्स को अपने मुंह में भरने की कोशिश की.
लेकिन वे बड़ी मुश्किल से मेरे मुंह में आ रहे थे।

चाची ने मुझे पूरा चित बेड पर लिटा दिया और अब चाची के बड़े बड़े दूध मेरे छाती से लग रहे थे.
इसी तरीके से हम दोनों के बदन एक दूसरे से टकरा रहे थे।

शायद अब बच्चे से ज्यादा चाची को अपने शारीरिक सुख के लिए बेचैन लग रही थी और मैं भी उन्हें किसी मर्द की तरह चोद रहा था।

चाची बेड पर ऐसे मचल रही थी मानों किसी मछली को पानी से निकालकर फर्श पर फेंक दिया हो।

उनकी आहें बेतहाशा बढ़ने लगी थी।
वे अब अपने चरम पर थी और थोड़ी देर में ही मुझे लंड पर गर्म तरल महसूस हुआ।
चाची की चूत ने पानी छोड़ दिया था।
उनका शरीर अब एकदम ढीला पड़ गया था।

उनकी चूत ज्यादा गीली हो चुकी थी।

मैंने अपनी कमर को दोबारा चलाना शुरु किया, चाची की आहें एक बार फिर से बढ़ने लगी।
अब मैं बहुत शक्तिशाली धक्के उनकी चूत में लगाने लगा।

चाची की सिसकारियां निकल रही थी- और जोर से करो और जोर से करो … अह्ह बहुत मजा आ रहा है … और!

उन्होंने मुझे अपनी और खींच लिया और मुझे चूमने लगी।

उनकी मादक सिसकारियां और इस तरीके की बातों से मेरे अंदर जोश दोगुना हो गया था, मैं दोगुना रफ्तार से और ताकत से अपनी चाची की गर्म चूत की चौड़ाई करने लगा।
चाची की चूत मेरे लिए किसी नई नवेली लड़की की चूत से कम नहीं थी.
वह तो काफी साल चुदने की वजह से चाची को लंड लेने का अभ्यास था वरना अगर कोई नई लड़की होती तो अब तक शायद रोना शुरू कर देती.

चाची की चोदने में बहुत मजा आ रहा था।

तब मुझे लगा कि अब मेरा झड़ने वाला है तो मैंने उनसे कहा- चलिए दूसरी पोजीशन में ट्राई करते हैं।
चाची झटपट मान गई और बोली- किस पोजीशन में ट्राई करना है बताओ?
मैंने कहा- कि आप घोड़ी बन जाइए, मैं आपको घोड़ी पोजीशन में चोदूंगा।

चाची ही तुरंत घोड़ी बन गई … अपने अपने हाथों के बल नहीं बल्कि अपनी कोहनी के बल।
इस वजह से उनकी गांड बाहर निकल कर मेरी तरफ आ गई.

देखने से लग रहा था कि शायद चाचा ने उन्हें बहुत सारी चीजें दिखा रखी हैं।

चाची की गांड देख कर तो मेरा एक बार मन हिल गया.
लेकिन मैंने सोचा कि चलो पहले चूत मार लेता हूं, फिर चाची की गांड के बारे में पूछ लूंगा।

चाची की चूत में से मानो पानी लीक कर रहा था।
मैंने अपनी लन्ड को उनके चूत पर सेट किया और दे दनादन धक्के मारता गया।
मेरे आंड उनकी चूत पर टकरा रहे थे जिसे तक तक की आवाज आ रही थी।

चाची की आहें बढ़ने लगी थी।
मैंने चाची के बालों को पकड़ा और अपनी और खींचा.
मैं अब उन्हें अपनी रंडी की तरह चोद रहा था।

चाची भी अब अपनी गांड की पीछे करके मेरा साथ देने लगी थी।
हम दोनों इस तरह से ताल मिला रहे थे मानो कोई संगीत कार्यक्रम चल रहा है।

उसके बाद मैंने चाची की गांड पर दो-तीन चांटे भी मारे जिससे चाची की सिसकारियां निकल गई.

मैं क्लाइमैक्स पर पहुंच गया था और चाची की सेक्सी बातों में यह भूल गया कि मुझे अपना लन्ड बाहर निकालना है।
चाची को मैं तेज तेज चोदने लगा।

चाची को भी इस बात कि जानकारी हो गई थी कि मेरा झड़ने वाला है इसलिए वे इस मौके को खोना नहीं चाहती थी।
वे कहने लगी- मुझे अपना बना लो … जोर जोर से चोदो मुझे! और जोर से चोदो … हा हा … बहुत मजा आ रहा है!

कहकर चाची ने अपना एक हाथ मेरी गांड पर रखा और मेरी गांड को अपनी चूत में दबाने लगी.
और मैंने उनकी चूत में अपना पानी में डाल दिया।

चाची तृप्त हो गई थी और वह बेड पर सपाट लेट गई।
मैं भी उनके ऊपर सपाट लेट गया और आराम करने लगा।

झड़ने के बाद में भी मेरे लन्ड में कसावट थी तो चाची ने कहा- और धक्के मारते रहो।

मैंने करीब 2 मिनट तक धक्के मारे.
उसके बाद में मेरा लन्ड मुरझा कर काफी नर्म हो गया।

तब मैंने लन्ड बाहर निकाला.
फिर मुझे जाकर यह अहसास हुआ कि मुझे ये नहीं करना चाहिए था.

लेकिन चाची ने मुझे अपने पास में बांध लिया था, मैं क्या कर सकता था।

मुझे काफी बुरा लग रहा था.
लेकिन चाची मेरे पास आई और मुझे एक जोरदार चुम्मा दिया मेरे होठों पर … और कहा- तुम्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है यार! यह राज हम दोनों के बीच ही रहेगा।
मैंने कहा- ठीक है!

अब चाची ने अपनी ब्रा पहनी।
मैंने गेट खोल के देखा कि कोई है तो नहीं!

दोपहर का समय था, सब लोग सो रहे होते हैं तो मैंने तुरंत अपने कपड़े पहने और घर चला आया।

चाची मुझे रोज बुलाया करती थी, हम लोग रोज उनके घर में चुदाई किया करते थे.
मैं अपने काम से 1 घंटे की छुट्टी लेकर चाची के घर जाता था, उनको चोदता था।

मैं चाची को मेरा लंड मुंह में लेने के लिए कहा करता था लेकिन चाची हमेशा मना कर देती थी.
शायद वे मेरे वीर्य की बूंदों को खराब नहीं करना चाहती थी।

उन्होंने मुझसे कहा- एक बार जब मैं प्रेग्नेंट हो जाऊंगी, तब तुम्हारे सारे काम कर दूंगी.

करीब 3 महीने बाद मुझे यह पता चला कि चाची अब गर्भवती हो गई हैं।
और समय बीतने के बाद उन्हें एक काफी खूबसूरत सा बच्चा भी हुआ।

खैर चाची और मैं जानते थे कि हमारी मेहनत है.
चाची के बच्चा हो जाने के बाद चाची मुझसे ज्यादा बात नहीं किया करती थी।

मैं काफी समय चाची से बात करने की कोशिश करता था लेकिन शायद मेरा सफर बस यहीं तक था.
 

junglecouple1984

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डैड, मॉम ने पड़ोसी अंकल आंटी से अदला बदली की




मेरा नाम यश है. मैं राजस्थान के गंगानगर शहर का रहने वाला हूं.
मैं अपनी पहली सेक्स कहानी लिखने जा रहा हूँ.

यह एक वास्तविक वाइफ चेंज सेक्स कहानी है जो मेरी मॉम, डैड और मेरे दोस्त के परिवार की कहानी है.

मेरे मॉम डैड खुले दिमाग के हैं और सेक्स में एकदम बिंदास मिजाज के हैं.

डैड के इसी मिजाज के चलते मेरी मॉम भी बहुत ही बड़ी वाली चुदक्कड़ किस्म की औरत बन गई हैं.

मॉम का फिगर 36-32-38 का है.
उनकी उम्र 39 साल की है.
उनके बूब्स फूले हुए हैं और गांड बाहर को निकली हुई है.

मेरे डैड का नाम रवि है और वे आर्मी में हैं.
वे 42 साल के हैं.

मेरे डैड जब भी घर आते हैं, तो मॉम को बहुत चोदते हैं.

मॉम की गांड को मस्ती में मटकते देखकर मुझे पहले ही पता चल जाता है कि कुछ दिनों में डैड घर आने वाले हैं.

तेज तेज चलते टाइम मॉम की गांड और भी तेज फुदकने लग जाती है.
मैंने बचपन से ही मॉम और डैड की बहुत बार चुदाई देखी है.

मैंने मॉम डैड की नजर से बचा कर एक स्पाई कैम उनके कमरे में लगाया हुआ था जो वॉइस सेंसर वाला था.
उसी की सहायता से मुझे मॉम के बिस्तर पर होने वाली चुदाई की फिल्म देखने मिल जाती थी और वह भी आवाज सहित.

यह बात 2 महीने पहले की है.
मैं कॉलेज गया हुआ था.

जब मैं शाम को घर लौटा तो देखा कि डैड आए हुए हैं.
मैंने डैड से नमस्ते की और उनके पास बैठ गया.

डैड पढ़ाई के बारे में पूछने लगे.
ऐसे ही हम दोनों कुछ देर बात करते रहे.

उस दिन मॉम बहुत खुश लग रही थीं क्योंकि डैड 3 महीने बाद घर आए थे.

फिर हम दोनों ने शाम का खाना खाया और अपने अपने कमरे में चले गए.
मेरा रूम और डैड का रूम बिल्कुल पास पास ही है.

मैं अपने एक दोस्त से सेक्स चैट कर करने लगा.

कुछ ही देर में डैड के रूम से आवाजें आने लगीं ‘आह आह …’
यह सिलसिला कुछ एक घंटा चला होगा.

फिर मैंने मुठ मारी और सो गया.

ऐसे ही 4-5 दिन निकल गए.

मेरा एक दोस्त है, उसका नाम अनिल है, वह मेरे पड़ोस में रहता है.
उसकी मॉम रागनी (38) भी मेरी मॉम की तरह कड़क माल हैं.
वे दोनों बहनें लगती हैं.

अनिल के डैड रोहन (40) और मेरे डैड बचपन से ही दोस्त हैं.

एक दिन अनिल के डैड मेरे घर आए हुए थे.
डैड और अंकल बैठ कर बातें कर रहे थे.

मैं भी पास में बैठा हुआ था.

थोड़ी देर में मॉम चाय लेकर आ गईं.
जब मॉम अंकल को चाय देने के लिए झुकीं तो उनके बूब्स दिखने लगे.

उसी समय मैंने अंकल की तरफ देखा.
तो वे भी मॉम के मम्मों को ही देख रहे थे.

मॉम ने उन्हें चाय दी और चली गईं.

और मॉम के वापस जाते समय अंकल की नजरें मॉम की गांड पर ही जमी थीं.

फिर हम सभी ने चाय पी.
मैं चाय पीकर अंकल और डैड से कुछ दूर जाकर बैठ गया.

अंकल और डैड आपस में बातें कर रहे थे और मॉम उनके सामने ही काम कर रही थीं.

अंकल- रवि यार, तेरी बीवी तो कड़क माल है. जब भी मैं उसे देखता हूँ, तो मेरा हथियार खड़ा हो जाता है.
डैड- बस कर साले … तेरी वाली कौन सी कम है. वह तो मुझे हमेशा ही अपनी गांड और चूतड़ मटका मटका कर दिखाती रहती है.

अंकल- अबे लौड़े … मैंने तो मेरी वाली को बहुत लंड दिलवाए हैं. तू भी दिलवाया कर. प्लीज यार एक बार मेरा लंड इसकी गांड में घुसवा दे!
डैड- इसके लिए तो उसे ही मनाना पड़ेगा. चल, तेरी खातिर मैं इसे तो मना लूंगा, लेकिन बदले में मैं भी तेरी वाली को चोदूंगा!

अंकल- अबे मेरी वाली तो हमेशा ही लंड लेने के लिए तैयार रहती है.
ये बोल कर वे दोनों अपना लंड सहलाने लगे.

डैड- तो फिर आज रात को मेरे घर पर आ जाना, अपन दोनों मेरे कमरे में एक दूसरे की बीवियों की चूत और गांड चोदेंगे.

अंकल- यार, अभी तक तो रात होने में बहुत टाइम है. तब तक तो मेरा लंड इसके छेद में घुसने के लिए पागल हो जाएगा. चलो कोई बात नहीं, रात होने का इंतजार करूंगा. तब तक मैं अपने लंड पर अपनी बीवी से तेल की मालिश करवाता हूँ. क्योंकि पूरी रात घपाघप जो करना है.

डैड- ठीक है, मैं भी लंड पर मालिश करवाता हूं. रात को मिलते हैं और दोनों घोड़ियों की कस के बजाते हैं.

फिर अंकल और डैड उठकर एक दूसरे से गले मिले.
दोनों ने अपने खड़े लंड आपस में टच किए और अंकल चले गए.

मैं यह सब सुन रहा था.
मेरा लंड भी यह सब सुनकर पैंट फाड़ कर बाहर आने को बेकरार हो गया था.

डैड बहुत खुश लग रहे थे क्योंकि उन्हें भी नई घोड़ी चोदने मिलने वाली थी.

तब तक मेरे कॉलेज का टाइम हो चुका था.
मैं तैयार हुआ और घर से निकल गया.

उस दिन मैं भी बहुत खुश था क्योंकि मेरी मॉम के सभी छेदों में मेरे दोस्त के डैड का लंड जाने वाला था.

मुझे अपनी मॉम की चुदाई देखना बहुत पसंद है.

जब मैं शाम को घर पहुंचा तो देखा कि मॉम और डैड दोनों बहुत ही खुश थे.

मॉम जल्दी-जल्दी गांड को हिलाती हुई घर का काम कर रही थीं.
शायद डैड ने उन्हें अदला-बदली वाली चुदाई के खेल बारे में सब कुछ बता दिया था जो आज रात को होने वाला था.

मॉम ने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं किया था तो वे तो और भी ज्यादा खुश लग रही थीं.

7:00 बजे के करीब मैं अपने रूम में बैठा हुआ था.
तब बाहर वाले गेट की घंटी बजी.

डैड उस समय किसी से कॉल पर बात कर रहे थे.
तो डैड ने मुझसे कहा कि देख बाहर कौन आया है?

डैड तो ऐसे कह रहे थे जैसे मुझे कुछ भी मालूम नहीं है कि ये लोग वाइफ चेंज सेक्स का मजा लेने आये हैं.
यह तो आप भी जानते हैं कि बाहर गेट पर कौन होगा.

जब मैंने जाकर गेट खोला तो अंकल और आंटी मेरे सामने खड़े थे.

अंकल ने पैंट शर्ट पहनी हुई थी और आंटी ने लाल रंग की साड़ी और काले रंग का ब्लाउज पहना हुआ था जिसमें से उनके बड़े-बड़े बूब्स साफ नजर आ आ रहे थे.

उस वक्त मुझे आंटी एकदम सड़क छाप रंडी लग रही थीं.
मैंने उनको अन्दर बुलाया और डैड को आवाज लगा कर अपने रूम में आकर वहीं से देखने लगा.

आवाज लगाने के कुछ देर बाद मॉम और डैड दोनों बाहर आ गए.
मॉम ने लोवर और टॉप पहना हुआ था.

इन कपड़ों में से मॉम के बूब्स और गांड के बीच की दरार साफ नजर आ रही थी.
चारों जन आज बहुत ही खुश थे.

डैड ने हॉल में रखे सोफे पर सबको बैठने का कहा.

मेरे रूम और हॉल के बीच की दूरी बहुत ज्यादा है तो वे क्या बोल रहे थे, मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था.

वे चारों कुछ देर तक बातें करते रहे.
फिर मॉम और आंटी उठकर किचन में आ गईं.

वे रात का खाना बनाने के लिए आई थीं.

दूसरी तरफ अंकल व डैड छत पर चले गए.
वे दोनों शायद ड्रिंक लेने छत पर गए थे.

कुछ देर बाद मॉम मेरे रूम में आईं और बोलीं- तू अपने डैड और अंकल को बुला ले, खाना लग गया है.
मैंने डैड और अंकल को आवाज लगाई तो वे नीचे आकर टेबल पर बैठ गए.

मॉम अंकल के सामने बैठीं और आंटी डैड के सामने बैठ गईं.

मॉम और आंटी टमाटर की तरह लाल होकर सजी हुई थीं.

अंकल- भाभी जी, आज तो आप बहुत ही सुंदर लग रही हैं.
मॉम ने शर्माते हुए ‘थैंक्यू जी.’ कहा.

डैड- भाभी जी, आप भी कुछ कम नहीं लग रही हैं.
आंटी- यह तो आपके दोस्त का कमाल है. वे मेरा बहुत ध्यान रखते हैं.

उनके यह कहते ही सब हंसने लगे.

अंकल तो बार-बार मॉम को देखकर टेबल के नीचे से ही अपने लंड को सहला रहे थे.
उनका खड़ा हथियार मुझे साफ नजर आ रहा था.

ऐसे ही कुछ देर हंसी मजाक चलता रहा और हम सबने खाना खत्म कर लिया.

डैड और अंकल बेडरूम में चले गए.
मॉम और आंटी टेबल से बचा हुआ खाना उठा कर किचन में चली गईं.

मैं अपने रूम में आ गया.

किचन में जाकर मॉम ने आंटी से कहा- तुम भी मेरी लोअर और टॉप पहन लो.
यह कह कर मॉम ने अपनी अल्मारी से लोअर और टॉप लाकर आंटी को दे दिया.

आंटी ने भी बाहर वाले बाथरूम में जाकर अपने कपड़े चेंज कर लिए और किचन में वापस आ गईं.

उसी वक्त मैं पानी पीने के बहाने रसोई में चला गया.
मैंने आंटी और मॉम को दोनों को देखा तो यह कहना मुश्किल था कि कौन ज्यादा हॉट लग रही हैं.

दोनों की गांड को देखकर लग रहा था कि मानो यह कह रही हों कि हमें पेल कर फाड़ दो.

फिर पानी पीकर मैं अपने रूम में आ गया.

थोड़ी देर बाद मॉम ने पूरे घर की लाइट बंद कर दी.

अब मॉम और आंटी दोनों बेडरूम में चली गईं.

अब आगे की सेक्स घटना मैंने अपने कैम के जरिए देखी थी.
उसी आधार पर बता रहा हूं कि उस रात को क्या हुआ.

मॉम और आंटी जब बेडरूम में गईं … तो देखा कि डैड और अंकल अंडरवियर और बनियान में लेटे हुए हैं और लैपटॉप के अन्दर पॉर्न देख रहे हैं.
डैड ने मॉम को और अंकल ने आंटी को अपने आगे लिटा लिया और बीच में लैपटॉप रखकर पॉर्न देखने लगे.

मॉम और आंटी का मुँह बिल्कुल आमने-सामने था और अंकल और डैड पीछे लेटे हुए थे जिससे उनके लंड गांड को टच कर रहे थे.

फिर डैड मॉम के बूब्स और गांड को ऊपर से ही सहलाने में लग गए.
ऐसा ही अंकल चाची के साथ कर रहे थे.

अंकल और डैड दोनों ही बूब्स और गांड को बुरी तरह से मसल रहे थे.
आंटी और मॉम अब सिसकारियां भरने लगी थीं.
‘आह आआह …’ की कामुक आवाज वाला संगीत कमरे में गूंजने लगा था.

थोड़ी देर बाद अंकल और डैड उन दोनों के लोअर में हाथ डालकर चूत में उंगली करने लगे. इससे मॉम और आंटी पूरी तरह से गर्म होने लगी थीं.

फिर डैड और अंकल अपना लंड बाहर निकाल कर मॉम और आंटी की गांड की दरार में लोअर के ऊपर से ही रगड़ने लगे.

उन दोनों रंडियों की सिसकारियां और भी तेज हो गई थीं.

आंटी- चल सुमन अपने कपड़े उतार देते हैं!

फिर मॉम और आंटी एक दूसरे के लोअर, टी-शर्ट ब्रा पैंटी आदि सब कुछ उतारने में लग गईं.

पूरे कपड़े उतारने के बाद दोनों ही पोर्न एक्ट्रेस की तरह लग रही थीं.
उनके भरे हुए दूध देख कर मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था.

अंकल तो बस मेरी मॉम को ही देखे जा रहे थे.
वे अपनी जगह से उठकर मॉम की तरफ जाने लगे.

आंटी ने उनको रोक दिया कि अभी थोड़ा सब्र करो.

मॉम और आंटी फिर से अपनी उसी पोजीशन में वापिस लेट गईं.

डैड का लंड काफी लम्बा, मोटा है और अंकल का लंड भी सामान्य से बड़ा ही था.

मॉम डैड का लंड पकड़ कर पीछे से ही अपनी चूत में लेने लगीं.
उसी तरह आंटी ने अंकल का लंड पकड़कर पीछे से ही अपनी चूत में ले लिया.

अंकल और डैड पीछे से ही चुदाई करने लगे.

मॉम और आंटी अब सिसकारियां भरने लगी थीं.
वे दोनों अपनी गांड को जोर-जोर से उछालकर लंड पर मार रही थीं.

थोड़ी देर यह सब करने के बाद में डैड ने लैपटॉप बंद करके साइड में रख दिया और मॉम को आगे की तरफ ले गए जिससे मॉम और आंटी बिल्कुल ही पास- पास आ गईं.
उन दोनों के बूब्स भी आपस में टच करने लगे.

फिर आंटी ने अंकल का हाथ पकड़ा और मॉम के बूब्स पर रख दिया.

यह देख कर मॉम ने भी वैसा ही किया.
उन्होंने डैड का हाथ पकड़कर आंटी के बूब्स पर रख दिया.

डैड और अंकल मॉम और आंटी के बूब्स और गांड को जोर-जोर से मसलने लगे.
अब उनकी ठुकाई भी अधिक स्पीड से होने लगी थी.

आंटी- देख सुमन, बूब्स हाथ में आते ही किस तरह जोर-जोर से चोद रहे हैं.

इस बात पर मॉम कुछ नहीं बोलीं, वे तो बस लंड का मजा ले रही थीं.

अब मॉम और आंटी भी एक दूसरे को लिप किस कर रही थीं और एक दूसरी के पूरे शरीर को सहला रही थीं.
डैड और अंकल अपने अपने शरीर को धीरे-धीरे आगे पीछे कर रहे थे.

थोड़ी देर यह सब करने के बाद डैड ने कहा- सुमन, अब तुम रोहन के पास जाओ.
उन्होंने आंटी को अपने पास बुला लिया.

अंकल- आ जा मेरी जान, मेरा लंड तो सुबह से ही तेरी सवारी करने के लिए खड़ा है … बैठ ही नहीं रहा है.
डैड और अंकल सीधे लेट गए.

मॉम अंकल का लंड चूसने लगीं और आंटी डैड के लंड को चूस रही थीं.

वे दोनों ऐसे लंड चूस रही थीं जैसे वे लंड न हों … कोई लॉलीपॉप हों.

उन दोनों ने रंडियों के जैसे लंडों को चूस-चूस कर थूक से पूरा गीला कर दिया.

फिर थोड़ी देर चूसने के बाद डैड और अंकल ने मॉम और आंटी को एक दूसरे के बराबर में लिटा दिया.

डैड आंटी की … और अंकल मॉम की चूत चाटने लगे.
चूत चाटने के साथ ही वे उनकी गांड में उंगली भी कर रहे थे.

मॉम और आंटी दोनों सिसकारियां भरने लगी थीं.
वे दोनों वासना से तड़प रही थीं और अपने बूब्स को नोंच रही थीं.

दस से पंद्रह मिनट तक ऐसा करने के बाद अंकल और डैड समझ गए थे कि उनकी घोड़ी तैयार है और अब इनकी सवारी करनी चाहिए.

फिर डैड और अंकल ने मॉम और आंटी के दोनों पैरों को ऊपर कर लिया और लंड को चूत के छेद पर रखकर अन्दर घुसाने लगे.
एकदम से लंड पेलने से मॉम और आंटी तड़प उठी थीं.

डैड और अंकल ने पूरी बेरहमी के साथ एक ही झटके में अपने पूरे लंड को अन्दर घुसा दिया था.
मॉम और आंटी जोर जोर से चिल्लाने लगी थीं.

डैड और अंकल, मॉम और आंटी के पैरों को उन्हीं के कंधे तक मोड़ते हुए ले गए और जोर जोर से ठुकाई करने लगे.

कुछ ही देर बाद मॉम और आंटी को भी बहुत मजा आने लगा था.

मॉम और आंटी भी पूरा साथ दे रही थीं और जोर जोर से सिसकारियां भर रही थीं.

डैड और अंकल के गोटे जोर-जोर से उन दोनों की गांड पर लग रहे थे जिससे पूरे कमरे में फट-फट की आवाज आ रही थी.
उन दोनों को देखकर ऐसे लग रहा था कि दो घोड़े पहली बार दो घोड़ियों की चुदाई कर रहे हैं.

मॉम और आंटी की हालत खराब हो रही थी.
पूरे रूम मैं खपाखप खपाखप खपाखप हो रही थी.

काफी देर तक चुदाई करने के बाद अंकल और डैड ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और साइड में लेट गए.
मॉम और आंटी एक बार फिर से उठकर डैड और अंकल का लंड चूसने लगीं.

साथ में अंकल मॉम के गांड में उंगली भी कर रहे थे और दूसरी तरफ डैड भी आंटी की गांड में उंगली कर रहे थे क्योंकि अगला नंबर गांड का था.

कुछ देर चूसने के बाद डैड और अंकल ने मॉम और आंटी को बराबर में घोड़ी बना दिया और उनका सर बेड पर टच करा दिया.
इस वजह से लेटने से उन दोनों की गांड ऊपर उठ गई.

गांड को देखकर लग रहा था कि गांड का छेद लंड लेने के लिए तड़प रहा हो.

फिर अंकल और डैड भी खड़े हो गए.

जब वे दोनों खड़े हुए तो उनके लंड हवा में झूल रहे थे.

अंकल मॉम के पीछे जाकर खड़े हो गए और डैड आंटी की गांड के पीछे जाकर खड़े हो गए.

उन्होंने अपने हाथों से दोनों गुब्बारों को पकड़कर फैला दिया ताकि गांड के छेद खुल सके.

फिर उन दोनों ने अपना-अपना बहुत सारा थूक छेद में डाल दिया और गांड के दोनों गुब्बारों को हिलाने लगे.
वे अपने अपने लंड को छेद पर रगड़ने लगे.

फिर डैड और अंकल ने गांड के छेद पर अपना लंड रख दिया और एक ही झटके में आधा लंड घुसा दिया.
इससे दोनों गांड वालियों की चीख निकल गई.

दोनों घोड़ों ने अपना लंड वापिस निकालकर गांड के छेद पर लगाए और फिर से जोर का झटका लगा दिया.

अब दोनों घोड़ियां भागने को मचलने लगीं.
लेकिन अंकल और डैड ने उनको कसके पकड़ रखा.

घोड़ियों को दर्द होता देख डैड और अंकल भी अपना लंड बार-बार कभी बाहर निकाल देते, कभी एक ही झटके में अन्दर डाल देते.
इस तरह से दोनों घोड़े जोर-जोर से अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगे.

थोड़ी देर बाद मॉम और आंटी को भी लंड लेने में मजा आने लगा तो वे भी अब पूरा साथ देने लगीं.

वे अपनी गांड को उठा उठा कर लंड पर मार रही थीं.
इस कारण से पूरे रूम में फट फट की आवाज गूंजने लगी.

डैड और अंकल अपनी बीवी की गांड में लंड जाता देखकर बहुत मजा आ रहा था.
वे भी दूसरे की बीवी की गांड फाड़ने में लगे हुए थे.

यह सब कुछ देर चलने के बाद मॉम और आंटी की गांड में जलन होने लगी इसलिए वे गांड में से लंड निकालने के लिए लेटने लगीं.
लेकिन डैड और अंकल को बहुत मजा आ रहा था इसलिए वह भी उनके साथ उनके ऊपर लेट गए.

उन्होंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला था.

अब तो वे दोनों और जोर-जोर से गांड चोद रहे थे.

कुछ देर ऐसे ही गांड चुदाई करने के बाद अब दोनों घोड़े झड़ने वाले थे इसलिए उन्होंने मॉम और आंटी को घुटनों के बल बैठा लिया.

वे खुद उनके मुँह के पास आकर खड़े हो गए और अब अपने हाथ से मुठ मारने लगे.
कभी वे लंड मुँह में देते तो कभी बाहर निकाल दे रहे थे.

एक मिनट के बाद अंकल झड़ने लगे तो उन्होंने अपना सारा माल मॉम के मुँह में डाल दिया.

इतनी देर में डैड भी झड़ गए.
उन्होंने भी अपना सारा माल आंटी के मुँह में डाल दिया.

मॉम और आंटी का मुँह पूरा माल से भर चुका था.
फिर भी उन्होंने लंड को चाट चाट कर बिल्कुल साफ कर दिया.

अब चारों एक साथ लेट गए.
 
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