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Incest All short story collected from Net

आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

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  • ससुर – बहु


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junglecouple1984

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चाची को पटा कर चोदा भतीजे ने



मैं ऋषि 25 साल का हूँ.

यह बात तब क़ी है जब मैं जवान हुआ ही था.

तब हम लोग किराये के मकान में रहते थे.
दो मंज़िल का मकान था, जिसमें किचन निचली मंज़िल में था.

एक दिन गर्मी के छुट्टी के वक्त चाचा चाची और उनकी तीन महीने के बेटी आई थी.

यह देसी चाची पोर्न कहानी इन्हीं चाची की है.

खाने के समय चाचा ने मुझसे कहा- शायद तुम्हारी चाची ऊपर हैं, उसे खाने के लिए बुला लाओ.

मैं ऊपर गया और बेडरूम में चाची अपनी तीन महीने की बेटी को अपने स्तन से दूध पिला रही थीं.
उन्होंने अपने ब्लाउज से एक स्तन बाहर निकाला था.

जैसे ही मैंने आवाज़ दी कि चाची खाना लग गया है.
चाची ने ओके बोलते हुए बच्ची को बाजू में हटा दिया.

तब मेरी नज़र चाची के नंगे स्तन पर पड़ी.
उनका दूध काफ़ी बड़ा था और हल्के भूरे रंग का निप्पल चमक रहा था.
उसमें से दूध की एक बूँद लटकती हुई दिख रही थी.

वह दृश्य देख कर मेरा चाची को देखने का नज़रिया बदल गया.

कुछ दिनों बाद चाची वापस चली गईं लेकिन उसके बाद में चाची के स्तन को याद करके मैं हर रोज मुठ मारने लगा.

लगभग चार साल के बाद चाचा चाची पैसों की प्रॉब्लम की वजह से गांव वापस आ गए.

चाचा काम पर जाने लगे.
चाची का गांव में आ जाना मेरे लिए काफ़ी ख़ुशी की बात थी.

इस बार जब मैंने चाची को देखा तो चाची काफ़ी बदली हुई सी थीं.

चाची थोड़ी मोटी हो गयी थीं लेकिन फ़िगर काफ़ी मस्त था.
उनकी गांड बड़ी हो गई थी और चूचे भी पहले से काफ़ी बड़े लग रहे थे.

एक दिन मैंने नहाते वक्त बाथरूम में चाची की ब्रा पड़ी देखी.
उस पर 36 लिखा था.
मैं समझ गया चाची के बूब्स 36 साइज़ के हैं.

अब मैं हर रोज़ में नहाते वक्त चाची की ब्रा और पैंटी सूंघता, उनको लंड पर लपेट कर मुठ मारता और अपना वीर्य उनकी ब्रा या पैंटी पर निकाल देता.

इससे दिनों दिन मेरी हिम्मत बढ़ने लगी.
अब मैं चाची के ब्रा पैंटी में बिंदास मुठ गिराने लगा था.

फिर एक दिन मैं पकड़ा गया.
चाची ने मुझसे पूछा- ये जो तुम मेरे कपड़ों के साथ कर रहे हो, वह तुम्हारी मम्मी को बताऊं?
मैंने सर हिला कर मना किया.

इस पर चाची ने चाचा को बता दिया.
चाचा ने मुझे काफ़ी डाँटा और कभी ऐसा ना करने को कहा.
उन्होंने यह भी कहा कि यदि तुम नहीं माने तो वे या बात मेरे मम्मी पापा को बता देंगे.

अब मैं चाची की चुपके से फ़ोटो लेने लगा था. मुझे चाची का साइज़ तो पता ही था, तो मैं वह साइज़ गूगल पर डाल कर उस साइज़ की पॉर्नस्टार को देखता और चाची की कल्पना करके मुठ मारता.

मेरी वासना काफ़ी बढ़ गयी थी. मैं अब चाची की फ़ोटो एडिट करके उसे किसी पोर्नस्टार की फ़ोटो पर लगाकर चाची को पूरा नंगा देखता था और मुठ मारता था.

दो साल बाद चाचा चाची वापस चले गए और मैं भी आगे की पढ़ाई में शहर चला गया और बिज़ी हो गया.

हाल ही में गांव से फ़ोन आया कि चाचा को हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है.
पापा ने मुझसे कहा कि तुम तुरंत कुछ पैसे का इंतजाम करके गांव चले आओ.
मैं गांव चला गया.
चाचा हास्पिटल में थे.

उनसे मिलकर मैं गांव के घर पर गया. चाची ने कहा कि ऋषि हाथ पैर धो लो, मैं चाय बनाने रख देती हूँ.
मैं बाथरूम में गया तो वहां चाची की ब्रा पैंटी सूखने के लिए टंगी थीं.

यह वही ब्रा पैंटी थी, जिसमें मैं मुठ मारता था. ब्रा काफ़ी ढीली हो गई थी और पैंटी में काफ़ी छेद दिख रहे थे.
उस ब्रा पैंटी को सूंघकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने वापस ब्रा में मुठ गिरा दिया.

दूसरे दिन चाची की बेटी स्कूल गयी थी. घर में सिर्फ़ मैं और चाची थे.
चाची ने चाय पिलायी और उसके बाद वे नहाने गईं लेकिन वापस आने के बाद देखा तो चाची काफ़ी गुस्से से बाहर आयी थीं.

वे मुझसे बोलीं कि ऋषि तुम इतने बड़े हो गए हो, घर पर क्या बीत रही है उस पर भी तुम्हें ये हरकतें करनी हैं!
ऐसा कहकर चाची ने वह मुठ से भरी हुई ब्रा गुस्से से मेरे मुँह पर फेंक दी.
मैं चुप रहा.

थोड़ी देर बाद चाची शांत हुईं तो मैं चाची के पास ब्रा लेकर गया.
मैंने ब्रा धो कर दी थी.
ब्रा देते हुए मैंने चाची से कहा- चाची माफ कर दीजिए. लेकिन ये तो वही वाली ब्रा है न … जब आप कुछ साल पहले हमारे घर आयी थीं, तब से अब तक आप वही यूज़ कर रही हैं!

मैंने चाची की ओर देखा तो चाची की आंखों में आंसू थे.

तब मैंने चाची से पूछा- क्या हुआ, आप रो क्यों रही हो?
वे कहने लगीं- तुम्हारे चाचा कुछ कमाते ही नहीं हैं. घर में कुछ पैसे ही नहीं हैं. कपड़े लेने के लिए भी नहीं है, इसलिए फटी हुई ब्रा पैंटी ही पहन रही हूँ.

मैंने चाची से कहा- चाची रोओ मत, अब आपका भतीजा डॉक्टर बन गया है. अच्छा कमा लेता है. बोलिए आपको क्या क्या चाहिए?
चाची मना करने लगीं.

बहुत बार पूछने के बाद बोलीं- बेटी के लिए कपड़े दिला दो बस!
मैंने कहा- हां चाची, लेकिन आपके लिए क्या चाहिए?

वे बोलीं- कुछ नहीं.
मैंने कहा- ऐसे नहीं चाची, कुछ तो बोलिए.

उसके बाद मैंने धीमी आवाज़ में चाची से पूछा- आपका साइज़ अभी भी वही है, या बढ़ गया है?
चाची मुझे देखने लगीं और शांत हो गईं.
वे चाय बनाने चली गईं.

चाची चाय लेकर बाहर आईं और चाय देती हुई बोलीं- ब्रा का वही है, पैंटी का बदल गया है. अब मेरी वह 36 इंच की हो गई है.
उनका वह से आशय गांड से था.
मैं समझ गया.

मैंने गांव की लोकल दुकान से चाची की बेटी के लिए कपड़े ख़रीदे और उन्हें दे दिए.

चाची मुझे देख रही थीं.
वे अपनी बेटी के कपड़े देख कर मुझसे बोलीं- मेरे लिए नहीं लाया कुछ?

मैंने कहा- आपके लिए ऐमज़ान से ऑनलाइन मंगाया है … बस दो दिन में आ जाएगा.

जब ऑर्डर आया तो चाची दंग रह गईं.
उसमें टोटल छह सैट ब्रा पैंटी के थे.

ब्रा भी नर्सिंग ब्रा, पुशअप ब्रा, स्पोर्ट्स ब्रा ऐसे अलग अलग टाइप की थीं. ब्रा के मैचिंग की पैंटी भी थीं.

दूसरे दिन चाची की बेटी स्कूल गयी.
तब अकेले में मैंने चाची से पूछा- कैसा लगा सामान चाची … पसंद आया?

वे बोलीं- कलर और पैटर्न तो पसंद आया लेकिन फ़िटिंग चैक नहीं की.
मैंने कहा- तो कर लो.

वे हंसकर बेडरूम में चली गईं.
कुछ टाइम बाद उन्होंने मुझे आवाज़ दी.
वे बोलीं- ऋषि अन्दर आ जा ज़रा!

मैं अन्दर गया तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं.
अपनी सेक्सी चाची को मैं लाल ब्रा पैंटी में देख रहा था.

चाची इठलाती हुई बोलीं- बता ऋषि, मैं कैसी लग रही हूँ इसमें?
मैंने कहा- बहुत सुंदर है. बाक़ी के भी ट्राई करो!

चाची ने मुझे बाहर जाने के लिए कहा और वापस बुलाया, तब चाची येलो स्पोर्ट्स ब्रा और येलो पैंटी में थीं.

ऐसा उन्होंने हर ब्रा बदलने के बाद बुलाया.
आखिरी बार चाची बोलीं- यहीं रुक जा!

उन्होंने अपनी ब्रा खोल दी और उनके बड़े दूध उछलकर बाहर आ गए.

मैंने कहा- अरे चाची, ये स्पोर्ट्स ब्रा जो है ना … उसमें तेज दौड़ने पर भी स्तन नहीं उछलते हैं.
वे बोलीं- अच्छा, ऐसा है क्या?

यह कर वे वापस स्पोर्ट्स ब्रा पहनकर कूदने लगीं तो उनके उछलते बूब्स देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.

चाची खड़े लंड को देखकर बोलीं- क्या इतने में ही खड़ा हो गया?
मैंने कहा- चाची जो आपके पास है, उसे देख कर तो किसी का भी खड़ा हो जाएगा.

चाची ने अपनी ब्रा निकाली और बोलीं- अब कूदकर दिखाऊं.
बस वे कूदने लगीं.

उनके टाइट बूब्स जो उछले, आह देखकर मज़ा आ गया.
मेरा लंड और टाइट हो गया और पैंट के ऊपर से साफ दिखने लगा.

उसे देख कर चाची बोलीं- ऊपर से तो काफ़ी बड़ा दिख रहा है.
मैंने कहा- हां चाची, आपको देखकर तो आज यह और अच्छे से खड़ा हुआ है.

वे बोलीं- ऐसा क्या है मुझमें?
मैंने कहा- चाची आपके 36 साइज़ के स्तन किसी पॉर्न एक्ट्रेस से कम नहीं हैं. फिर उनके ऊपर हल्के भूरे रंग के निप्पल उनकी शोभा बढ़ा देते हैं.

चाची बोलीं- पसंद आए क्या तुम्हें?
मैंने कहा- हां चाची, मुझे तो कबसे पसंद हैं.
चाची बोलीं- अब तुम मुझे चाची नहीं … वैशाली बोलो ऋषि … और आप आप भी मत कहो, सिर्फ तुम कहो.
मैंने कहा- हां वैशाली, मुझे तुम्हारे बूब्स पसंद आए.

उन्होंने अपने हाथों से अपने एक बूब को दबाते हुए कहा- आ जा ऋषि, देख इन्हें अपने हाथों में लेकर … कितने प्यासे हैं ये!
मैं भी ये मौका छोड़ना नहीं चाहता था.

जब मैंने चाची के बूब्स को पकड़ा और दबाना शुरू किया, तो वह मेरे लिए एक अलग ही किस्म का सुख था.
इतने टाइट और बड़े बूब्स थे, मानो सर्जरी करके बढ़ाये हों.

मैंने चाची से कहा- वैशाली, शादी के पहले तो इतने नहीं थे तुम्हारे बूब्स, लगता है चाचा ने काफ़ी मेहनत की है!
तो चाची हंस कर बोलीं- हां चाचा की मेहनत ऊपर तक ही है, नीचे तो कभी अच्छे से कुछ कर नहीं पाए.

मैं उनके बूब्स मस्ती से दबा रहा था.
मैंने कहा- वैशाली, जब तू बेटी को दूध पिला रही थी, मैंने तब पहली बार तुम्हारे बूब्स देखे थे. वह दूध देखकर मुझे भी पीने का मन था.

वे बोलीं- अब दूध तो निकलना बंद हो गया है लेकिन तू चूस सकता है.

मैंने तुरंत चाची का बूब्स चूसना चालू कर दिया.
उनके एक निप्पल को मैं अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा और काटने लगा.

चाची भी चुदाई के मूड में आ गईं.
वे मेरे बालों में हाथ घुमाने लगीं और मादक सिसकारियां भरने लगीं.

मैं उनका एक थन चूस रहा था और दूसरा दबा रहा था.
तभी मैंने अपना एक हाथ उनकी पैंटी में डाला और मुझे पता चला कि चाची की चूत पर काफ़ी बाल हैं.

मैं एक बाजू हुआ और चाची से बोला- यार चाची, तुमने मूड ख़राब कर दिया. मुझे ये चूत पर बाल जरा भी पसंद नहीं हैं.
चाची बोलीं- अच्छा, तो इसमें क्या बड़ी बात है. अभी साफ करके आती हूँ और तुम्हारा मूड बना देती हूँ.

यह कहकर चाची ने पैंटी उतार दी.
उसमें चाची की मोटी गांड दिखी और चूत पर इतने बाल कि मानो कभी शेव ही नहीं किए हों.

मैंने कहा- चाची, निकाल दो ये सारे बाल और आज से साफ ही रखना.
वे बोलीं- तू अपना दाढ़ी साफ करने वाला रेज़र दे.

मैंने अपनी शेविंग क्रीम और रेज़र दे दिया.
चाची मेरे सामने ही अपनी चूत के बाल साफ करने लगीं.

उस बीच मैं चाची के बड़े बूब्स चूसने में बिज़ी था.
चाची बोलीं- ले हो गए साफ … अब बाथरूम जाने दे … अभी धुलाई करके इसे चमका लाती हूँ.
मैं बोला- मैं भी अन्दर चलता हूँ.

चाची बोलीं- अरे पागल, पानी से साफ कर लेने दे और मुझे पेशाब भी तो करनी है.
मैंने कहा- जो भी करना है, वह मेरे सामने कर लेना.

हम दोनों बाथरूम में आ गए, जहां मैंने चाची की चूत पानी से साफ की और चूत को सहलाने लगा.

चाची बोलीं- अब पेशाब भी कर लेने दे.
मैंने बोला- तो करो न!

चाची नीचे बैठकर पेशाब करने लगीं.
उनकी क्लीन शेव चूत से निकलती हुई पीले रंग की पेशाब साफ दिख रही थी.

मैंने भी पेशाब कर ली और चाची को लंड दिखा दिया.
चाची की वासना लंड देख कर भभक उठी थी.

पेशाब करके हम दोनों वापस बेडरूम में आ गए.

चाची पैर फैला कर बैठी थीं.
उनकी दोनों टांगों के बीच से एकदम साफ नजर आती उनकी गोरी चूत मेरे सामने चुदने को तैयार थी.

मैं चाची के पास गया और चाची को किस करने लगा.

हम दोनों इतना मदहोश होकर किस कर रहे थे कि हमें आस पास का कुछ होश ही नहीं था.

किस करते करते मैं उनके बूब्स दबा रहा था और चूत सहला रहा था; चाची की चूत के दाने के साथ खेल रहा था.

चाची काफ़ी मूड में आ गयी थीं.
वे मेरे बालों में जोर जोर से हाथ घुमा रही थीं और मदभरी सिसकारियां भर रही थीं.

मैं नीचे को सरक गया और चाची की चूत पर मुँह लगा दिया; अपनी जीभ से चूत के दाने को लिक-लिक करके खेलने लगा.

चाची की चूत से सफ़ेद पानी निकलने लगा था.
मैं उसे भी जीभ से चाट कर पी गया.

चूत से पानी निकल जाने से चाची थक गयी थीं.

मैंने चाची से कहा- क्या वैशाली, इतने में ही थक गईं?
वे बोलीं- जब मैं जवान थी तब तो तू छोटा था. अब 35 की उम्र में क्या करेगी तेरी चाची?

मैंने कहा- अरे यार वैशाली, वो रंडी मियां ख़लीफा तुम से एकाध साल बड़ी ही होगी … और तुम अभी से ये बात कर रही हो!
देसी पोर्न चाची हंसने लगीं.

थोड़ी हंसी मज़ाक के बाद मैंने वापस चाची को किस किया और उनके मम्मों के साथ खेलने लगा.

इस बार मैं उनके दूध काफ़ी जोर से दबा रहा था ताकि चाची की चीख सुन सकूँ. लेकिन उनको दर्द ही नहीं हो रहा था.

चाची ने मेरी पैंट में हाथ डाल दिया और वे मेरे लंड को सहलाने लगीं.

उन्होंने मुझसे खड़ा रहने के लिए कहा और मेरी पैंट और शर्ट उतार दी.

अंडरवियर में मेरा तना लंड देखकर बोलीं- ऋषि, तेरे चाचा से तो तेरा लंड काफ़ी बड़ा लग रहा है.

मैंने कहा- खोल कर तो देखो पहले!

क्लीन शेव वाला लंड देखकर चाची बोलीं- वाह, कितना साफ रखा है, देखते ही चूसने का मन हो गया. तेरे चाचा का तो पूरा बालों से भरा होता है. कभी मुँह में लेने की इच्छा भी नहीं हुई.
मैंने कहा- अच्छा तो मेरा चूसो.

उसके बाद वैशाली चाची मेरा लंड किसी लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं.
मैं भी उनके मुँह में धक्के मार मार कर स्पीड में लंड पेल रहा था.

कुछ देर बाद मैंने कहा- चाची पानी निकल जाएगा.
उन्होंने झट से लंड को बाहर निकाला.

लंड को थोड़ा शांत करके वैशाली चाची बोलीं- चल अब चूत में डाल लंड … और उधर ही माल का देखती हूँ.
उन्होंने अपने थूक से मेरे लंड को गीला किया और अपनी चूत फैला कर पोजीशन बना ली.

जब मैंने लंड घुसाया तो वे एकदम जोर से चिल्लाईं और बोलीं- उई मां ऋषि बहुत बड़ा लंड है तुम्हारा … इतना अन्दर तक पहली बार गया है आह … धीरे करो!

अब मैं हल्के हल्के धक्के मारता हुआ उनकी प्यास मिटा रहा था.

कुछ देर बाद मैंने स्पीड बढ़ा दी.
चुदाई के साथ मैं उनके बूब्स दबाने लगा और तभी मेरा पानी निकल गया.

हम दोनों अलग होकर बेड पर लेट गए.
मुझे लगा कि वैशाली चाची अब थक चुकी होंगी.

लेकिन वे तो वापस खड़ी हो गईं और उसने मेरे लंड पर लगा हुआ पानी चाट चाट कर साफ कर दिया.

उसके बाद उन्होंने मेरे लंड को अपने दोनों मम्मों के बीच में दबाया और दूध हिलाने लगीं.

उनकी इस हरकत से मेरा लंड वापस खड़ा हो गया.

उसके बाद वे मेरे लंड पर बैठ गईं और चूत के अन्दर वापस से लंड घुसवा लिया.
वे लंड के ऊपर उछलने लगीं.

उनके मोटे बूब्स जोर जोर से बाउन्स हो रहे थे.
वह सीन देख कर मेरा जोश बढ़ रहा था.

चाची मेरे मुँह के ऊपर थूक कर हंसने लगीं.

मैं भी नीचे से गांड उठा कर धक्के लगाने लगा, उनके मम्मों को चांटे मारने लगा.
मैंने उनके दोनों दूध लाल कर दिए.

फिर वे लंड से उठ गईं और घोड़ी बन कर खुद ही बोलीं- ऋषि, आज तक कभी मैंने गांड नहीं मरवायी.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, आज मार दूँगा.

उनकी गोरी गोरी गांड पर स्ट्रेच मार्क्स दिख रहे थे.

मैं चाटने लगा और मैंने उनकी गंड को चांटे मार मार कर लाल कर दिया.
फिर उनकी गांड के छेद पर थूक लगाकर लंड अन्दर घुसाया तो उनकी चीख निकल गयी.

मैंने रफ़्तार बढ़ा दी.
पच पच की आवाज़ और उसकी चीख सुनकर मुझे बेहद मज़ा आ रहा था.

उनके हिलते हुए बूब्स को मैं पीछे से ही दबा रहा था.
फिर मैंने गांड से लंड निकाला और वैशाली चाची से बोला- चाची, बैठ जाओ नीचे.

वे झट से नीचे बैठ गईं.
मैंने उनसे लंड चूसने को कहा.

उन्होंने लपक कर लंड मुँह में ले लिया और काफ़ी अच्छे से लंड चूसा.
कुछ देर बाद मैंने लंड का पानी उनके मुँह में और कुछ उनके मम्मों के ऊपर गिरा दिया.
अब हम दोनों लेट गए.

चाची के मम्मों पर गिरे मेरे लौड़े के पानी को चाची मजे से अपनी उंगली से उठा उठा कर चूसने लगीं और अपने ऊपर गिर हुआ पूरा वीर्य चाट कर साफ कर दिया.

उसके बाद हम दोनों सो गए.

फिर चाची ने उठ कर नहा कर नया ब्रा पैंटी का सैट पहना और उसके ऊपर से टाइट ब्लाउज पहन लिया.
चाची की बेटी स्कूल से लौट आयी.

चाय नाश्ता हुआ.

रात के खाने के बाद मैं हॉल में सोफ़े पर सो गया.

बेटी को सुलाने के बाद चाची वापस मेरे पास आ गईं.
मैंने उन्हें उधर ही लेटा कर हचक कर चोदा.

अस्पताल से चाचा के वापस आने तक हम दोनों हर रोज़ अलग अलग जगहों पर, बाथरूम में, किचन में चुदाई करते रहे थे.

चाचा के आने के बाद मैं अपने घर वापस लौट आया था.

उसके बाद चाची और मैं आपस में फोन से बात करने लगे, व्हाट्सैप से एक दूसरे को नंगी फ़ोटो भेज़ने लगे.

तब के बाद सिर्फ़ दो बार मौका और मिला चुदाई का!
लेकिन मानना पड़ेगा कि चाची के अन्दर इस उम्र के बाद भी सेक्स का जोश किसी पोर्नस्टार से कम नहीं था.

अब चाची को जब भी कोई चीज़ चाहिए होती थी तो वे मुझसे मंगवा लेती थीं.
हम दोनों के बीच एक अनोखा प्यार का रिश्ता बन गया था.
 

junglecouple1984

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गाँव वाली आंटी के साथ 69 का मजा



नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम श्री भाकरे है. मैं महाराष्ट्र राज्य के लातूर जिले के छोटे गांव से हूँ.
मेरी उम्र अभी 19 साल की है. मेरे लंड का साइज 6.5 इंच है.

मैं लातूर शहर के एक कॉलेज में स्नातक के पहले साल का छात्र हूँ.
वैसे तो मेरी कोई जीएफ नहीं है, लेकिन उसका अफसोस मुझे आज तक नहीं हुआ, वह कैसे … ये आपको मेरी सेक्स कहानी से पता चल जाएगा.

यह पोर्न आंटी Xxx कहानी कुछ समय पुरानी है. जब मेरी पढ़ाई के अंतिम दो महीने बचे थे.
छुट्टी होने के कारण मैं गांव आ गया था.

उस वक्त मैं बहुत ज्यादा सेक्स कहानियां पढ़ता था.
इसी वजह से मेरी सेक्स करने की ख्वाहिश भी बढ़ती जा रही थी और जवानी का जोश उफान मार रहा था … वह अलग से!

उस दिन दोपहर में मैं ऐसे ही घर में अकेला था, तो अपने फोन पर Xforum की सेक्स कहानी पढ़ रहा था.
तभी दादा जी का फोन आया.

मैंने फोन उठाया तो वे बोले- जल्दी से अपनी आंटी के घर चला जा और उन्हें बता दे कि अंकल ने उनके बेटे को खेत में बुलाया है.

उस वक्त मैं एक लोअर पहने हुए था.
मैं सोचने लगा कि क्या आंटी के पास ऐसे ही चला जाऊं.

मेरी नजर उन चाची पर हमेशा से थी लेकिन मैं जरा शर्मीला हूँ तो कभी कुछ कह नहीं पाया और ऐसे ही अपनी जवानी की आग को भड़काता गया.

उनके घर पर गया तो उधर सिर्फ आंटी ही थीं.
उसी समय पता नहीं मुझे क्या हुआ कि मैंने घर का दरवाजा बंद कर दिया और उनके कमरे में आ गया.

उनको कमरे में अकेला लेटा देख कर मैंने लाईट बंद कर दी.
वे बेड पर लेटी हुई थीं और सो रही थीं.

मेरा मन हुआ कि मैं उनके ऊपर टूट पड़ूँ.

लेकिन मेरे उन पर टूट पड़ने से पहले ही वे उठ गईं और मुझे देख कर बोलीं- क्या कर रहे हो?
मैं डर गया और मैंने कहा कि मुझे चक्कर आ गया था इसलिए इधर बैठ गया.

लेकिन उन्हें मुझ पर शक हो गया.
वे उधर से उठीं और दरवाजा खोल कर दूसरे कमरे में चली गईं.

मैं डर के मारे उधर से चला आया.
मुझे डर था कि वे किसी को इस बारे में कुछ और ना बता ना दें.

मैं इतना ज्यादा डर गया था कि मेरी दिल की धड़कन जोर जोर से धड़कने लगी थी.

थोड़ी देर बाद मैं खेत लिए जाने के लिए घर से निकला तो उनके घर में झांकता हुआ गया.
मैंने देखा कि अंकल घर पर आ गए थे.

अंकल के हाव-भाव से पता चल रहा था कि उनको अभी इस बारे कुछ नहीं पता है.
मतलब मेरी शिकायत नहीं की गई है.

इसलिए मैं अब पहले से कुछ अच्छा महसूस कर रहा था.

उसके कुछ दिन बाद मैं वापस शहर चला गया.
इस बात को 6 महीने बीत गए थे.

मैं कुछ दिनों के लिए गांव आया था.
आंटी के साथ हुए वे सारी बातें अभी भी मेरे दिमाग में चल रही थीं.
उस दिन की अपनी हरकत की वजह से मैं काफी डर सा गया था.

गांव आकर मैं सामान्य जीवन बिताने लगा.

एक दिन आंटी का बड़ा बेटा मेरे पास आया.
वह मुझे अपने साथ ले गया.

उधर जाकर मुझे पता चला कि उन्होंने नया स्मार्ट टीवी लिया था तो वह मुझसे अपना फोन उस टीवी से कनेक्ट करने के लिए कहने लगा.

मैंने अपने फोन को कनेक्ट कर दिया और नेट से कुछ गाने देखने लगा.
मुझे बड़ी स्क्रीन पर डांस देख कर बहुत अच्छा लगा.
अब मैं रोज वहां जाकर टीवी देखने लगा था.

मैं आपको आंटी के बारे मैं बताना भूल ही गया.
उनका नाम सरिता है.
आंटी एक 32 साल की एक नंबर की कड़क माल है. उनका 5 फुट का मसालेदार बदन है.
मुझे उनके फिगर की साइज के बारे में तो पता नहीं है लेकिन उनकी कड़क गांड ऐसी मस्त थी कि उसे देख कर सेक्स के देवता भी अपना लंड पकड़ लें.

आंटी दो बेटों की मां तो हैं मगर वे इतनी उम्र की लगती नहीं!
उस समय उनका बड़ा बेटा 9 वीं में था और छोटा बेटा 5 वीं में था.

एक दिन मैं उनके घर टीवी देखने गया.
उस दिन वहां मेरे और आंटी के अलावा कोई नहीं था.

वे बोलीं- तू जा, जाकर टीवी देख. मैं अपना काम कर लेती हूँ.
मैं भी जाकर आराम से टीवी देखने लगा.

लेकिन मुझे क्या पता था कि आज का दिन मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन है.

मैंने टीवी फोन से कनेक्ट कर दी और नेट पर फिल्म देखने की कोशिश करने लगा.

नेट की रेंज उधर नहीं आ रही थी तो मैंने फोन दूसरे कमरे में रख दिया और मूवी देखने लगा.

मैंने आधी मूवी देख ली थी.
तभी मुझे बाथरूम जाने की जरूरत महसूस हुई तो मैं चला गया.

फिर वॉशरूम से आकर आगे की मूवी देखने लगा.

आंटी ने भी अपना काम खत्म कर लिया था और वे भी बिस्तर पर बैठ कर फिल्म देखने लगी थीं.

गर्मी कुछ ज्यादा होने के कारण मैंने आंटी के कहने पर पंखे की स्पीड बढ़ा दी और दरवाजे खिड़की बंद कर दिए.

इस बार हम दोनों मूवी देख रहे थे इसलिए वह भी कुछ नहीं बोलीं.
अब वह पल आ गया था, जो मुझे चाहिए था.

हम दोनों बेडरूम में थे और आंटी बेड पर लेटी हुई मूवी देख रही थीं.

तभी उस मूवी में सेक्स का सीन आ गया.
हम दोनों ही वह सीन देख रहे थे.
उसमें लड़का लड़की सेक्स कर रहे थे.

मैं मजबूर था क्योंकि फोन दूसरे कमरे में था और मैं उस सीन को बदल ही नहीं सकता था और सिवाय आंख बंद करने के कुछ भी नहीं कर सकते थे.

हम दोनों ने आधा सीन तो देख लिया था लेकिन लज्जा के कारण दोनों ने शर्म के मारे गर्दन नीचे कर ली.

फिर आंटी ही बोलीं- जाने दो, इसमें कौन सी बड़ी बात है!

उनके ये बोलते ही हम दोनों एक दूसरे के सामने खुल गए.
बस फिर क्या था … मैं आंटी से बातें करते हुए मूवी देखने लगा था.

फिर जब और एक बार सेक्स सीन आ गया तो मेरा तो लौड़ा बाबा सलामी देने लगा.
उधर आंटी भी गर्म हो रही थीं.

उनका घर बड़ा था.
लगभग 6 कमरे का था … तो आवाज बाहर जाने का खतरा नहीं था.

मेरे सब्र का बांध टूट चुका था.
इतनी खूबसूरत माल पास में थी और मैं ऊपर से वर्जिन.

थोड़ी देर ऐसे ही मैं आंटी की तरफ देखता रहा, उनके मम्मों को घूरता रहा.
वे मूवी देख रही थीं और मैं उनको.

दस मिनट गुजर जाने के बाद मुझमें अब सब्र नहीं बचा था.
कैसे रुकता, जिसे पहले ही अपना दिल दे चुका था.

फिर क्या था मैं एक कुत्ते की तरह उन पर झपट पड़ा.
वे कुछ समझ पातीं, उससे पहले मैंने उनको चूमना चालू कर दिया.

अब वे मदहोश होकर मेरा साथ देने लगी थी.

लेकिन अचानक से उन्होंने मुझे एक साईड कर दिया.
अब हम दोनों एक मिनट तक ऐसे ही रहे.
हम दोनों को कुछ भी नहीं सूझ रहा था कि हम क्या कर रहे थे.

फिर हम दोनों में बहस होने लगी.

आंटी कह रही थीं- तुमने ये क्या कर दिया?
मैं- जो हम दोनों को चाहिए, वही तो कर रहा हूँ.

सरिता- नहीं, हम दोनों सही नहीं हैं.
मैं- नहीं आंटी, जब दो जिस्म बिना किसी रोक-टोक के मिल जाते हैं, तो ये गलत नहीं होता है.

सरिता- लेकिन!
मैं- लेकिन-वेकिन कुछ नहीं.

यह कहकर मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनके होंठों को अपने होंठों से मिला लिया.

वे थोड़ा विरोध तो कर रही थीं मगर मेरे चूमने की वजह से वह कुछ कह नहीं पाईं.

उनको भी अब आनन्द आने लगा था.
हम एक दूसरे का कोई विरोध न करते हुए उस समय का मजा लूटने लगे थे.

कुछ बीस मिनट के बाद मैंने अपने आपको उनसे अलग किया.

अब हम दोनों पर सेक्स का जुनून सवार था.
मैंने जल्दी ही उनको और खुद को नंगा कर दिया.

जैसे ही मैंने अपना 6.5 इंच का लंड बाहर निकाला तो आंटी थोड़ा शर्मा गईं.

वे कहने लगीं- तेरा तो बहुत मोटा हो गया रे … यह तेरे अंकल से बड़ा है.
यह सुनकर मैं खुश हो गया और उनके बदन को चूमने लगा.

वे भी अब गर्म आहें भरने लगी थीं.

उन्होंने भी मेरे लौड़े को पकड़ लिया था.
अब मुझे सब्र नहीं हो रहा था.

मैंने उनको बेड पर गिरा दिया और हम अब 69 की पोजीशन में आ गए.
पहले मुझे लगा कि ये उनको अजीब लगेगा लेकिन वे तो खुद ही लंड को चूसने का पूरा मजा ले रही थीं.

करीब 15 मिनट की चुसाई के बाद हम दोनों ही चरम सीमा पर आ गए थे.
आंटी झड़ने वाली हो गई थीं.

मैंने आंटी की चूत में अपनी जीभ चलाने की गति बढ़ा दी और उसी समय आंटी ने मेरे लंड को चूसने की रफ्तार डबल कर दी थी.

अगले ही कुछ पलों बाद आंटी अपने शरीर को अकड़ाती हुई झड़ने लगीं और उन समय उनके मुँह से आवाज निकलने लगी.
उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथ से मरोड़ना शुरू कर दिया था.

उन्होंने अपने मुँह से मेरा लंड निकाल दिया था और कहने लगी थीं- आह जल्दी करो … मैं आ रही हूँ!
मैंने झट से उनकी चूत से मुँह हटाया और अपनी दो उंगलियां उनकी चूत में डाल कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा.

बीस तीस सेकंड में वे झड़ गईं.
उनकी चूत से रस टपकने लगा.

मैंने ये देखकर उनके ऊपर से हट कर अपना आसन बदला और अपना लंड उनकी चूत पर सैट करने लगा.
लेकिन उन्होंने नहीं कहते हुए झट से मुझे रोक लिया.

मैंने कहा- जान, अब मेरा क्या होगा?
सरिता- तेरे अन्दर कितनी ज्यादा स्टेमिना है रे?

मैं- अब वो सब बातें छोड़ो और मेरे लंड का कुछ करो यार!
Xxx पोर्न आंटी ने झट से पोज बनाया और अपने मुँह में मेरा लंड ले लिया.

वे लंड चूसने लगीं.
मैंने उत्तेजना में उनकी गर्दन पकड़ ली और उनके मुँह को ही चूत समझ कर चोदने लगा.

पांच मिनट के बाद मैं भी ढेर होने लगा.
उसी समय मैंने उनकी नाक बंद कर दी और उनके मुँह में झड़ गया.
उन्होंने भी मेरा माल पी लिया और हंसने लगीं.

वे मुझसे पूछने लगीं- साले, इतना सब किधर से सीखा?
मैं- आंटी ये हॉट सेक्स स्टोरी का कमाल है.

सरिता- मुझे भी पढ़ना सिखा देना कि साइट कैसे खोलते हैं.
मैं- सब सिखा दूंगा मेरी रानी.

उन्होंने मेरा लंड साफ कर दिया और हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे.

अब उन्होंने टाईम देखा तो शाम के 6 बज गए थे.
अंकल के आने का समय हो गया था.

वे उठ गईं और बोलीं- जल्दी से कपड़े पहनो.

मैं- लेकिन मेरी जान … मेरे लंड को अभी सुख चाहिए है ना!
सरिता- उसे कल दिन भर चूत का मजा मिलेगा, प्लीज अब तुम बाहर जाओ.

मैं- ठीक है, लेकिन कल सबका हिसाब होगा.
सरिता- हां बाबा, मैं सब हिसाब चुकता कर दूंगी.

मैं वहां से घर लौट गया और घर जाते ही सो गया.
जब मेरी नींद खुली तो 8 बज गए थे.
मैं उठा और खाना खाकर फिर से सो गया.


 

junglecouple1984

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Hi Friends aap log story ko read & like karte hai ... par comments bahot kam log karte hai..
 

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जवान मामी की चूत चोदने को मिली



मेरा नाम अमन है और मेरी उम्र 20 साल की है.
मुझे सेक्स करने में ज्यादा रस आता है. लेकिन कभी कोई चूत मिली ही नहीं तो मैं अपना लंड हिला कर काम चलाता रहा.

फ्री सेक्स स्टोरी पढ़ते पढ़ते मेरा भी मन हुआ कि मैं भी अपनी जीवन की सच्ची घटना को एक Xxx कहानी के रूप में लिख कर आपके साथ शेयर करूं.

मैं आपको आज बताने वाला हूँ कि कैसे मैंने अपनी सेक्स बम मामी को चोदा.
मेरी मामी की उम्र करीब 35 की है.
मैं हमेशा से अपनी मामी के बारे में सोच कर मुठ मार लेता था. लेकिन मुझे क्या पता था कि ये सपना भी सच हो जाएगा.

एक दिन की बात है, मैं मामी के घर गया.

मेरी मम्मी ने मामी के घर कुछ पैसे लेने को भेजा था तो मैं लेने गया था.
मेरी मामी का घर मेरे मुहल्ले में ही था.

मामी कमरे से बाहर आईं तो मेरी नज़र उनके तने हुए दूधिया मम्मों पर पड़ी और मेरा लंड खड़ा होने लगा.

जैसे तैसे मैंने लंड को संभाल लिया लेकिन मामी ने ये सब नोटिस कर लिया था.
फिर दूसरे दिन मामी ने मुझे कुछ काम से मुझे उनके घर बुलाया तो मैं चला गया.

जब मैं गया तब मामी ने सिर्फ छोटा सा टॉप ही पहना था, उसमें से उनकी आधी से ज्यादा चूचियां बाहर दिख रही थीं.
नीचे उन्होंने सलवार पहनी थी.

उन्हें देख कर मेरा मन कर रहा था कि मामी की सलवार निकाल कर उनको अभी ही चोद दूँ.

लेकिन आगे हॉल में उनका बेटा बैठा था इसलिए लंड को शांत करके रह गया.

वे मुझे अपनी गांड दिखाती रहीं और चूचे हिलाती रहीं.

उन्हें देख कर ऐसा लग रहा था मानो वे मुझे ही अपना यौवन दिखा कर मुझे रिझा रही हैं.

कुछ देर बाद जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने आगे बढ़ कर सेक्स बम मामी के बूब्स पकड़ लिए और हॉर्न के जैसे दबाने लगा.

ये सब एकदम से हुआ था तो मामी गुस्सा हो गईं और उन्होंने मुझे धक्का देकर पीछे किया.
वे बोलीं- ये क्या कर रहा है, तुझे शर्म नहीं आई!

मैं घबरा गया और उनसे सॉरी बोलने लगा.

लेकिन मामी ने मेरी एक ना सुनी और बोलीं- इसकी तुझे कल सजा मिलेगी. मैं तुझे कल कॉल करूंगी, तब तुरंत आ जाना वर्ना तेरी इस हरकत को तेरे सब घर वालों को बता दूंगी.

मैं डर गया था तो उनकी बात का मर्म समझ ही न सका; मैं बस उनकी बात मानकर घर चला आया.

दूसरे दिन मामी का कॉल आया और मैं डरते हुए उनके घर चला गया.
मैं वहां गया तो देखा कि घर में कोई नहीं था.

उस दिन मामा अपनी जॉब पर गए थे और उनका बेटा स्कूल गया था.

मामी ने मुझे अपने पास किचन में बुलाया और कहा- कल तू क्या कर रहा था, तुझे शर्म नहीं आई इतनी घिनौनी हरकत करते हुए?
मैंने अपने कान पकड़ते हुए कहा- सॉरी मामी. वह सब भूल से हो गया था.

मामी बोलीं- नहीं … इतनी बड़ी भूल कैसे हो सकती है. मैंने देखा था कि तूने सामने से मेरे दूध दबाए थे. तुझे इसकी सजा तो जरूर मिलेगी.
मैंने फिर से कहा- सॉरी मामी, मुझे माफ कर दीजिए. आप जो बोलेंगी मैं वह करूंगा.

फिर मामी ने मेरा हाथ पकड़ा और वे मुझे अपने कमरे में ले गईं.

दोस्तो उधर जो हुआ, वह मैं और आप सोच भी नहीं सकते.

मामी ने अपनी सलवार उतार दी और मैंने देखा कि उन्होंने नीचे पैंटी भी नहीं पहनी थी.

मैं उन्हें नंगी देख कर एकदम से शॉक्ड हो गया.

तभी मामी ने मुझे धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और मेरे ऊपर आकर अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी.

मैं क्या बताऊं … मुझे तो स्वर्ग का आनन्द मिलने लगा था.

मामी अपनी चूत मेरे मुँह पर दबाती हुई बोलने लगीं- चोदना चाहता है ना मुझे … चोद साले … मैंने उस दिन ही देख लिया था कि तू मेरे बूब्स को घूर रहा है. बहुत शौक है ना तुझे मेरे दूध देखने का … चल पहले मेरी चूत चाट … बाद में तुझे दूध भी पिलाऊंगी.

मुझे अहसास भी नहीं था कि ये सब जो मैं सपने में देखता था वह इतनी जल्दी सच में बदल जाएगा.
उस वक्त मामी अपनी चूत को मेरे मुँह पर रगड़ रही थीं, तो मुझे सांस लेते नहीं बन रहा था.
लेकिन क्या करता, मैं विवश था.

मैं बस किसी सड़क छाप कुत्ते की तरह अपनी मामी की चूत चाटे जा रहा था.
कुछ ही देर में मामी झड़ने लगीं और उनकी चूत का पानी मेरे मुँह में आने लगा.

मामी निढाल होकर साइड में गिर गईं. मैं तुरंत उठ कर बैठा और बिना उन्हें देखे वहां से बाहर जाने लगा.
तभी मामी ने आंखें खोलीं और वे बोलीं- तू कहां जा रहा है. रुक … मैं जो बोलूंगी, वह नहीं करेगा तो मैं सबको तेरी हरकत बता दूंगी.

मैं ठिठक गया और फिर से मामी के पास आ गया.
उन्होंने मुझे हाथ से पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और मैं फिर से बेड पर उनके बाजू में गिर गया.

अब मामी उठ गईं. उन्होंने मेरी पैंट को खोल कर उतार दिया.

मैंने कहा- ये आप क्या कर रही हैं?
वे गुर्रा कर बोलीं- चुप रह … वर्ना सबको बता दूंगी.

मैं चुप रहा. उन्होंने मेरी अंडरवियर को नीचे खींच कर निकाल दिया और मेरा आधा खड़ा लंड उनके सामने आ गया.

उन्होंने मेरे लंड को पकड़ा और उसे चूसना शुरू कर दिया.

मैं एकदम से गर्मा गया और लंड में सुरसुरी होने लगी.
पहली बार मेरे लंड को किसी के मुँह के गर्मी का अहसास होने लगा था.

उधर मामी जंगली बिल्ली बन गई थीं.
वे मेरे गोटे सहला रही थीं और लंड को मुँह में पूरा भर कर मस्त चूस रही थीं.

उनकी चूचियों की मुलामियत मुझे अपने पैरों पर महसूस हो रही थी.
मेरा एक हाथ अपने आप उनके सर पर चला गया और मैं उनके सर के बालों को सहलाता हुआ उन्हें अपने लौड़े पर दबाने लगा.

करीब 5 मिनट बाद मामी ने लंड मुँह से निकाला और बोलीं- चल अब मेरी चूत को चोद कर शांत कर दे.
मैं बोला- ठीक है, मैं आपका गुलाम हूँ.

मैंने मामी की टांगों को फैलाया और लंड का टोपा चूत के मुँह पर सैट कर दिया.
सारी पोजीशन बन गई तो मैंने मामी की आंखों में देखते हुए एक धक्का दे दिया.

पहले शॉट में ही मेरा आधा लंड मामी की चूत के अन्दर चला गया.
मामी आह करती हुई मेरे लंड को लील गईं और बोलीं- मादरचोद, तेरा कितना बड़ा लंड है … साले आज अपनी मामी को चोद कर खुश कर दे.

यह सुनते ही मैंने एक और जोर का धक्का दे दिया और मेरा पूरा लंड मामी की चूत में अन्दर तक घुसता चला गया.

मामी चिल्ला रही थीं- आह … उह … चोद मुझे मादरचोद … आह साले रंडी की तरह चोद मुझे … और तेज धक्के मार … आह … उह.

उनकी ये बात सुनते ही मैंने मामी को धकापेल चोदा और उनकी चुम्मी लेते हुए कहा- चलो मामी, अब कुतिया बना कर लेता हूँ आपकी!

मैंने मामी को डॉगी स्टाइल में कर दिया और पीछे से लंड डाल कर उन्हें चोदने लगा.
और मैंने उनसे पूछा- मामी, आपको मामा के लौड़े से मजा नहीं मिलता है क्या?
मामी मस्ती में गांड हिलाती हुई बोलीं- नहीं यार … तेरे मामा का लंड जरा भी मजा नहीं देता. आज मुझे एक घर का लंड मिल गया, अब मेरे अच्छे दिन आ गए समझो. तू मेरी रोज सेवा करेगा न!

मैंने मामी की चूचियां दबाते हुए कहा- अरे मामी आप जब बुलाओगी, तब आपकी चूत और गांड बजाने हाजिर हो जाऊंगा.
वे हंसती हुई कहने लगीं- अबे साले अभी से गांड मारने की प्लानिंग कर रहा है भोसड़ी के तू बहुत कमीना है.

मैंने मामी को फिर से सीधा लेटा दिया और उनके एक पैर को अपने एक कंधे पर रखकर लंड चूत में डाल दिया.
लंड के अन्दर जाते ही मैं मामी की चुदाई जोर जोर से करने लगा.

करीब 20 मिनट तक मैंने मामी को चोदा. उस दौरान वे 3 बार झड़ चुकी थीं.

अब मैं भी झड़ने को था तो मैंने मामी से पूछा कि पानी कहां निकालूँ?
वे बोलीं- अन्दर मत डाल देना भैनचोद … साले लंड बाहर निकाल जल्दी से.

मैंने जल्द लंड बाहर निकाला और मामी के ऊपर आ गया.
मैं उनके मम्मों के बीच में लंड लगा कर मम्मों को चोदने लगा.

कुछ ही देर में मेरा पानी मामी के मम्मों पर ही गिरा दिया.
पानी गिराते हुए मैंने कहा- ये ले कुतिया, दूध में रबड़ी मिला ले.

वे हंसने लगीं और अपने दूध में मेरी रबड़ी मलने लगीं.

उसके बाद मामी ने मेरे लंड को फिर से चाटना शुरू कर दिया.
हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे.

कोई 15 मिनट में मेरा लंड फिर से तैयार हो गया और मामी मेरे लंड पर चूत फंसा कर बैठ गईं.
वे उछल उछल कर मेरे लंड को चोदने लगीं.

मामी पूरी तरह से चुदाई के लिए भूखी थीं.
उन्होंने बताया कि मेरे मामा उन्हें ज्यादा देर तक नहीं चोद पाते हैं.

इस बार मैंने मामी को खड़ा कर दिया और खड़े खड़े मैंने पीछे से उनकी गांड में लंड डाल दिया.
उनको इतना ज्यादा दर्द हुआ कि पूछो ही मत.

मामी- आह भड़वे … ये क्या कर दिया भोसड़ी के … आह निकाल लंड को बाहर.
मैंने उनकी एक ना सुनी और गांड चोदता रहा.

थोड़ी देर बाद उनको आराम मिल गया और वे मजा लेने लगीं. मैं उनकी गांड मारता रहा.

कुछ देर बाद हम दोनों एक अलग पोजीशन में चुदाई कर रहे थे.
इसमें मामी मेरे लंड को अपनी गांड में लेकर मेरे ऊपर अपनी पीठ रगड़ रही थीं और मैं नीचे से उनकी गांड में लंड पेले हुए उनके दूध मसल रहा था.

उसके बाद मैंने उनकी गांड से लंड निकाल लिया और वापस उनके मम्मों को चोदने लगा.

मामी के मम्मों के बारे में तो आपको क्या ही बताऊं … कितने रस भरे और मस्त हैं.
यदि आप उनके चूचे देखेंगे तो आपको उनकी चूचियां पीने का मन हो जाएगा.

लंड को चूचियों में चलाने के बाद मैंने मामी को अपने ऊपर आने को बोला.

मामी मेरे ऊपर आ गईं और मैंने नीचे से लंड को सैट करके जोर से धक्का दे मारा.

अब मामी की चूत दर्द कर रही थी.

वे कराहने लगी थीं.

मैंने कहा- बहुत चुदवाने का शौक है न रंडी को … ये ले कुतिया, रांड, साली लंड ले.

मैं उन्हें चोदता गया और सेक्स बम मामी सिसकारी लेती हुई चुदती रहीं.

‘आह … उह … चोद साले मुझे पूरा निचोड़ दे आह …’

मैं जोर जोर के झटके मारने लगा और अंत में मैंने लंड चूत से निकाल कर मामी की गांड पर पानी गिरा दिया.

मामी थक कर मेरे ऊपर ही लेट गईं.
हम दोनों हांफ रहे थे.

उसके बाद हम दोनों को जब भी मौका मिलता था, हम उस मौके का फायदा उठाना नहीं छोड़ते थे.
मेरी तो जैसे लॉटरी ही लग गई थी.
 

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बहन ने लंड चूस कर चुदाई का सुख दिया



मेरा नाम राज है और मेरी उम्र 20 साल है.
मैं गोरखपुर का रहने वाला हूँ.

लड़कियों के लिए बताना चाहूँगा कि मेरा लंड 6 इंच लंबा 3 इंच मोटा है.

ये नंगी बहन Xxx कहानी तब की है, जब मैं अपने चाचा के घर पर रह कर पढ़ाई करता था.
चाचा के घर में सिर्फ चार लोग रहते थे.

मैं, चाचा-चाची और उनकी एक लड़की, जो मुझसे एक साल छोटी है.

तब मैं नया नया जवान हुआ था और लंड खड़ा करके मुठ मारा करता था. मेरे पास कोई चूत नहीं थी.

मेरे चाचा एक दुकान पर काम करते थे और चाची घर पर रहती थीं.
चाचा की लड़की यानि मेरी चचेरी बहन मेरे स्कूल में मुझसे एक क्लास नीचे पढ़ती थी.
उसका नाम नीता था. ये बदला हुआ नाम है.

नीता के शरीर में भी अभी नई नई जवानी की कोंपलें फूट रही थीं.
उसके सीने पर समोसे जैसी नोकें लौड़े को हिनहिनाने पर मजबूर करने लगी थीं.

मैं न जाने कितनी बार उसके समोसों को याद करके मुठ मार चुका हूँ.

मैंने कई बार ध्यान दिया था कि नीता भी अपने उठते हुए चूचों को कुछ उठा कर चलती थी ताकि उसके दूध की नोकें लड़कों के लंड को खड़ा करें.

यह तब की बात है जब हमारे पेपर चल रहे थे और चाचा चाची को एक रिश्तेदार की शादी में दिल्ली जाना था.

चाचा ने मुझसे कहा- तुम अपनी बहन का ख्याल रखना. हम लोग एक हफ्ते बाद आएंगे.

उस वक्त तक मेरे दिमाग में अपनी बहन के साथ सेक्स करने का कोई विचार नहीं था.
बस उसकी मादक जवानी देख कर लंड हिलाने तक का मजा ले लेता था.

चाचा चाची को शाम की ट्रेन से दिल्ली जाना था.
वे दोनों एक ऑटो से स्टेशन गए थे जबकि उन्हें छोड़ने के लिए मैं नीता के साथ बाइक पर था.

हम दोनों उनको स्टेशन छोड़ कर घर आ रहे थे.
तो रास्ते में मेरी बहन ने आइसक्रीम खाने के लिए कहा.

मैंने बाइक को एक आइसक्रीम पार्लर पर रोका और उधर से नीता के लिए एक अमूल की कुल्फी और अपने लिए एक सॉफ्टी आइसक्रीम ले ली.

जब नीता कुल्फी खाने लगी, तो मैंने देखा कि वह कुल्फी को ऐसे चाट रही थी … जैसे पोर्न फिल्म में लड़की लंड चूसती है.

उसने मेरी तरफ मुँह किया और मुझे देखे बिना वह कुल्फी को कभी जीभ से चाटती तो कभी अन्दर लेकर चूसने लगती.

कुल्फी को चूसते समय उसके होंठों के दोनों किनारों से मलाई बह रही थी और ऐसा लग रहा था मानो लंड से वीर्य की अधिकता के कारण उसके मुँह से वीर्य बहने लगा हो.

उसको इस तरह से कुल्फी चूसते हुए देखते, मेरा लंड कब खड़ा हो गया … मुझे अहसास भी न हुआ.
मैंने सोचा कि काश ये मेरा लंड भी ऐसे ही चूसे, तो मजा आ जाए.

फिर हम लोग घर आ गए और मैं बाथरूम में जाकर अपना लंड हिलाने लगा.
कुछ देर बाद लंड ने रस निकाला तो मैं शांत हो गया.

करीब एक घंटा बाद रात के खाने का समय हुआ … तो मैंने नीता के साथ खाना खाने लगा.
खाने के बाद हम दोनों सोने की तैयारी करने लगे.

मेरी बहन नीता ने कहा- भइया, आप मेरे साथ ही सो जाओ. मुझे रात में डर लगता है.

यह सुन कर मैं अन्दर से बहुत खुश हुआ कि आज इसको अपना लंड चुसवा कर ही दम लूंगा.
हम दोनों एक बेड पर सो गए.

रात में मेरी नींद खुली तो मैंने देखा उसकी नाइटी उसकी कमर तक आ गई है और गोरी जांघें अनावृत हो गई हैं, पैंटी भी साफ दिख रही है.

मुझे रहा नहीं गया और मैं उसकी टांगों को सहलाने लगा.

वह कुछ नहीं कह रही थी.

इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई.
मैं अपने एक हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा.

मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैं भूल गया था कि वह मेरी बहन है. मैं वासना में डूबा हुआ मजा ले रहा था.

अचानक से मेरा ध्यान उसके चेहरे की तरफ गया.
तो उसकी आंखें खुली हुई थीं.
वह मुझे देख रही थी.

मेरी गांड फट गई और मैं अपने हाथ को हटा कर सोने लगा.

उसने मुझे उठाया और बोली- भइया आप जो कर रहे थे, करो ना. मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैं ये सुन कर दंग रह गया.

मैंने उसकी तरफ आश्चर्य से देखा तो वह मुस्कुराने लगी.

उसकी मुस्कान से मुझे कुछ साहस मिला और मैंने उससे पूछा- तूने पहले भी किसी से करवाया है?
उसने कहा- नहीं, पर मेरी सहेली बात करती है कि उसका भाई उसके साथ करता है.

मैंने नीता से पूछा- तेरा मतलब है कि तेरी सहेली अपने भाई से चुदवाती है और तुझे अपनी चुदाई की कहानी सुनाती है?
नीता हंसती हुई हां में सर हिलाने लगी.

मैंने उससे पूछा- और क्या करती है तेरी वह सहेली?

नीता ने कहा- वह मुझे ब्लू फिल्म भी दिखाती है. मैंने उसी के साथ सेक्स वाली वीडियो पहली बार देखी थी.

मैंने कहा- तो क्या वह सहेली तुम्हारे साथ लेस्बियन सेक्स भी करती है?
नीता- लेस्बियन मतलब क्या?

मैंने समझ लिया कि नीता अभी कोरी माल है और इसे यही नहीं मालूम है कि लेस्बियन सेक्स किसे कहते हैं.

तो मैंने कहा- लेस्बियन सेक्स मतलब लड़की ही लड़की के साथ सेक्स करे.
नीता- अच्छा उसे लेस्बियन सेक्स कहते हैं. वह मेरे बूब्स तो दबाती है, पर उससे आगे मैंने उसे कुछ नहीं करने दिया है.

मैंने नीता को चोदने से पहले उसे कुछ ज्यादा खोलना चाहा.

तो मैंने कहा- अच्छा मतलब उसने तेरी चूत को हाथ नहीं लगाया?
नीता- अरे भैया आप भी कैसे शब्द बोल रहे हो? ऐसा सुनना कितना गंदा लगता है.

मैंने कहा- सेक्स में जितना गंदा बोल सको, उतना गंदा बोलो तो ही मजा ज्यादा आता है.
नीता हंसने लगी और बोली- आप सिखा देना सब … वैसे आपने तो सेक्स किया होगा!

मैंने एक बार उसको सेक्स के लिए पक्का करने के लिहाज से कहा- वह सब छोड़, अब चल सो जा!

नीता- अरे प्लीज भईया, पहले करो ना … मैं कब से इस दिन का इंतजार कर रही थी. मुझे भी मजा दो, जैसे मेरी सहेली का भाई उसे देता है. मैं वह मजा महसूस करना चाहती हूँ.

उसके बहुत कहने पर मैंने उससे कहा- चल मैं चुदाई का मजा तो तुझे दे दूंगा लेकिन तुम पहले मेरे लंड को वैसे चूसो, जैसे आइसक्रीम चूस रही थी.
उसने हंस कर कहा- ठीक है भईया. मैं जानबूझ कर वैसे चूस रही थी ताकि आपको गर्म कर सकूँ.

इतना कह कर वह मेरे ऊपर आ गई और मेरे लोवर को निकाल कर मेरे लंड को पकड़ कर बोली- भईया, आपका लंड तो फिल्म में जैसा मैंने देखा था, वैसा है.
मैंने उसे लंड बोलते देखा तो समझ गया कि ये पक्की रांड है.

मैंने कहा- हां, अब इस लौड़े को चूसो, तो ये और बड़ा हो जाएगा. फिर ये तुम्हारी बुर को फाड़ते हुए उसमें अन्दर घुस जाएगा.

उसने लंड को सहलाते हुए कहा- भईया, मैं इसको चूस लूंगी. लेकिन अन्दर नहीं लूंगी. मुझे दर्द होगा. ये बहुत बड़ा है.
मैंने उससे लंड चूसने के लिए कहा.

वह पहले मेरे सुपारे पर अपनी जुबान घुमा घुमा कर मजा देने लगी.
मैंने कहा- लंड को अन्दर तक लेकर चूसो.

उसने धीरे धीरे अन्दर ले लिया और मस्त जुबान घुमा घुमा कर लंड चूसने लगी.

मुझे अपनी चचेरी बहन से लंड चुसवाने में इतना ज्यादा मजा आ रहा था कि मैं बता ही नहीं सकता.

अभी पांच मिनट भी नहीं हुए थे कि मेरा रस गिरने को हो गया.

मैंने उससे कहा कि आह ऐसे ही चूसती रहो … रुकना मत.
वह और कस कसके चुप्पे मारती हुई लंड चूसने लगी.

दोस्तो, जब कोई लंड चूसे तो उसी के मुँह में रस गिराने का मजा ही अलग है.
नीता कस कसके चूसती रही और मेरा गिरने लगा.

हालांकि उसने एक बार अपना मुँह हटाना चाहा लेकिन मैंने कहा- चूसती रह … खा ले मलाई.
उसने तब तक मेरा लंड चूसा, जब तक लंड से एक एक बूंद निकाल नहीं ली.

फिर वह लेट गई और बोली- भईया, अब आपकी बारी.

मैंने उसके पैरों के बीच में आकर उसकी चूत को उंगली से फैलाया. उसकी चूत से निकला पानी उसकी चूत को चमका रहा था.

मुझे रहा नहीं गया और मैंने उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया.
मैं अपनी जुबान से बहन की चूत चाटने लगा.

वह बिना पानी के मछली जैसे तड़पने लगी और अपने हाथ-पैर इधर-उधर पटकने लगी.
कुछ देर उसकी चूत चाटने के बाद उसका पानी निकल गया और वह शांत हो गई.

मेरी बहन बोली- भईया जितना सुना था, उससे कहीं ज्यादा मजा आया. थैंक्स.
मैंने कहा- मेरी प्यारी बहन, असली मजा तो अभी आना बाकी है. अब मेरा लंड तुमको और मजा देगा. तुम बस इसको चूस कर खड़ा करो.

मैं बेड के नीचे खड़ा हो गया और वह करवट लेकर मेरा लंड चूसने लगी.

यार जब कोई लड़की आपकी तरफ देख कर आपका लंड चूसे, तो मजा दोगुना हो जाता है.
जल्द ही उसने मेरा लंड फिर से खड़ा कर दिया.

मैंने उसे चित लेटा दिया और उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया.
तकिया लगाने से उसकी चूत ऊपर को हो गई.

एक बार मैंने और उसकी चूत को फिर से चाट कर गीला किया और उसके ऊपर आकर अपने लंड का सुपारा रगड़ने लगा.
वह तड़पने लगी और बोली- भईया, बहुत सनसनी हो रही है.

मैंने बोला- अब मैं डालने जा रहा हूँ. तुम हिलना मत और दर्द बर्दाश्त कर लेना. उसके बाद मजा ही मजा है.

तब मैंने उसकी कमर पकड़ कर एक धक्का मारा.
मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया.

वह रोने लगी- आह मर गई भैया … निकाल लो प्लीज.
मैंने उसके मुँह पर हाथ रखा.

उसकी चूत बहुत टाइट थी.
मुझको भी दर्द होने लगा था.

मैं वैसे ही पड़ा रहा.

जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने पुन: एक जोर का शॉट दे मारा.
इस बार पूरा लंड उसकी सील तोड़ते हुए अन्दर चला गया.

नंगी बहन एकदम से चीखी और बेहोश हो गई.

मैं उसके होंठों पर किस करने लगा और उसके ऊपर लेटा रहा.
उसकी आंखें खुल गईं और वह कसमसाती हुई अपनी चूत हटाने की कोशिश करने लगी.

कुछ देर बाद मैंने आगे पीछे करना शुरू किया तो उसको आराम मिलने लगा.
Xxx बहन चुदाई का मजा लेने लगी.

मैंने उसको 20 मिनट तक धकापेल चोदा.
फिर घोड़ी बना कर लंड पेला.

बाद में मैंने उसकी गांड के ऊपर ही अपना पानी निकाल दिया.

उसकी गांड देख कर मेरे मन में उसकी गांड मारने का ख्याल आया.

मैंने बोला, तो उसने मना कर दिया.

हम लोग ऐसे ही नंगे चिपक कर सो गए.

सुबह मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि मेरी बहन मेरा लंड चूस रही है.

मैं उसको उठा कर बाथरूम में ले गया और उधर ही उसको कुतिया बना कर एक बार फिर से चोदा.
इस बार उसको बहुत मजा आया.
 
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विधवा चाची के साथ पहली गर्म चुदाई



दोस्तो, मेरा नाम आकाश सिंह है। मेरी उम्र 21 साल है। मैं एक फार्मासिस्ट हूं और अंतर्वासना का बहुत बड़ा फैन हूं।

यह मेरी पहली स्टोरी है और सच्ची कहानी है। कहानी मेरे और मेरी विधवा चाची के बीच की है।

मेरे दो चाचा थे- एक बड़े और एक छोटे।
बड़े चाचा अब इस दुनिया में नहीं हैं।

यह देसी चाची न्यूड सेक्स कहानी मेरी बड़ी चाची के बारे में है।

मेरे मन में मेरी चाची के प्रति कभी ऐसे विचार नहीं थे लेकिन एक दिन हम दोनों के बीच में सेक्स की आग लग गई।

मेरी चाची की उम्र 34-35 वर्ष है।
उनका साइज 36-30-38 है।
उनकी शादी 21 साल में हुई थी, चाचा एक किसान थे।

चाचा का निधन शराब पीने की वजह से हुआ था।

जब चाचा की मृत्यु हुई, चाची की उम्र 24 साल थी, तब से वे विधवा के रूप में अपना जीवन व्यतीत कर रही हैं।
सभी ने उनकी दूसरी शादी के लिए उनसे कहा लेकिन अपने एक बच्चे की वजह से और समाज की वजह से उन्होंने दूसरी शादी नहीं की।

इसके बाद से वो हमारे साथ परिवार में रहने लगीं और पूरे दिन घर के कामों में लगी रहतीं।
चाची के लिए मेरे मन में अभी तक सेक्स जैसे विचार नहीं आए थे।
वे भी अपने जीवन में व्यस्त थीं।

उनका बेटा भी 11 साल का हो गया था।
मेरा और चाची का कमरा छत पर अगल-बगल में है।
आपको तो पता होगा कि गांव के घर मिट्टी और पत्थर के बने होते हैं, ऐसा ही हमारा घर था।

इतने सालों में चाची मुझसे घुल मिल गई थीं।
उनका कोई भी काम होता तो वे मुझसे ही कहती थीं।

जब मैं अपने मेडिकल स्टोर से वापस आता तो रात में अक्सर वही मेरा खाना परोसतीं थीं।

वे मेरा काफी ख्याल रखती थी।

जनवरी का महीना था, सर्दी बहुत थी।
जाड़े में भी वे सुबह 5 बजे नहा लेती थी।

मेरे मन में उनके प्रति ऐसा कुछ नहीं था लेकिन एक सुबह जब वो नहा रही थी तब मैंने उनकी नंगी पीठ से देख ली।
मैं छत पर से उन्हें देख रहा था और वे नीचे बाथरूम में नहा रही थी।

चाची की गोरी गोरी नंगी पीठ देखकर मेरे मन में वासना उठने लगी।
मन कर रहा था कि काश चाची की चूचियां भी दिख जाएं।
लेकिन उस वक्त मैं नहीं देख पाया।

उस दिन के बाद अब मैं रोज उन्हें छिपकर देखने लगा।

एक दिन उन्होंने मुझे देख लिया कि मैं उन्हें देख रहा हूं लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
मैं उनके प्रति आकर्षित हो गया था।
उनकी बड़ी बड़ी चूचियां देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो जाता था।

चाची की कमर बहुत ही पतली और सेक्सी शेप में थी।
उनकी पीठ एकदम गोरी थी, बाल लंबे और घुंघराले थे।

वे साड़ी पहनती थी और एकदम से कयामत लगती थीं।

जब उनके बाल खुले होते थे तो चाची बहुत सेक्सी लगती थी।
अब मैं चाची को चोदने की फिराक में था।

फिर हमारे परिवार में किसी की शादी थी, सभी को जाना था।

सभी लोग शादी के दस दिन पहले वहां चले गए थे।
चाची का बेटा भी सब के साथ चला गया था।
पूरा घर खाली था, बस मैं और चाची बचे थे।

चाची विधवा थी इसलिए वे शादियों में नहीं जाती थी और मैं मेडिकल स्टोर की वजह से नहीं गया।

जब रात को मैं घर वापस आया, चाची ने खाने में अंडे बनाए थे।
हमने साथ में ही खाना खाया।

खाने के बाद हम सोने चले गए।
मैं अपने कमरे में था, रात के ग्यारह बजे चाची ने मेरे गेट की कुंडी बजाई।

मैंने उनसे पूछा क्या हुया तो उन्होंने कहा कि उन्हें अकेले नींद नहीं आ रही है।
वे कहने लगी कि मैं उनके साथ उनके कमरे में सो जाऊं।
तो मैं उनके साथ उनके कमरे में सोने चला गया।

सर्दी बहुत थी, मैं और चाची उनके बेड पर सो रहे थे।
एक रजाई उन्होंने ले ली और एक मैंने!

मेरी आदत है कि मैं सिर्फ अंडरवियर पहनकर सोता हूं।
पर चाची साड़ी पहन कर सो रही थी।

चाची बगल में लेटी थी, मुझे नींद नहीं आ रही थी।
मेरा मन बार बार सेक्स की तरफ भाग रहा था।
चाची की चूत के ख्यालों में मेरा लंड खड़ा हो रहा था।

कुछ ही पल में लंड तन गया था।
मैंने लंड को हाथ से सहलाना शुरू कर दिया।

अब ऐसे में मुझसे बिल्कुल भी रुका नहीं जा रहा था।

फिर मैंने हिम्मत करके अपना एक पैर चाची की रजाई में डाल दिया।
मुझे नहीं पता था कि वे जाग रही है या सो रही हैं लेकिन इस वक्त मेरे ऊपर वासना हावी हो चुकी थी।

अब मैं धीरे से उनकी रजाई में ही सरक गया।
कुछ देर इंतजार करने के बाद मैंने उनकी कमर पर हाथ रख दिया और फिर धीरे से हाथ को फिराने लगा।
पहली बार चाची की कमर का अहसास मुझे मिला था।

मैं धीरे से होंठों को उनकी गर्दन के पास ले गया।
फिर मैंने गर्दन को होंठों से हल्के हल्के चूमना शुरू कर दिया।
अब तक चाची ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।

उधर मेरे अंदर की हवस बढ़ती जा रही थी।
मैं चाची को चूम रहा था और उनके बदन की खुशबू मुझे पागल कर रही थी।
फिर शायद उनकी नींद खुल गई और चाची ने मेरे हाथ को कमर से हटा दिया।

अब मैं थोड़ा डर गया और मुझे थोड़ा मलाल भी हुआ कि मैंने चाची के साथ ये गलत किया।
फिर मैं चुपचाप लेट गया; मैंने कोई हरकत नहीं की।

अगली सुबह मैं उठा तो वे नहा कर साड़ी पहन रही थी।
न वे कुछ बोली और न मैं।

मैं नाश्ता करके अपने मेडिकल स्टोर चला गया।

पूरे दिन उनके विचार आते रहे।

रात को जब मैं वापस आया तो वे बिल्कुल नॉर्मल थी।
फिर हम खाना खाकर सोने चले गए।

मैं अंडरवियर में था।
लेटने के बाद फिर से चाची के साथ चुदाई के ख्यालों ने मुझे घेर लिया।
मेरा लंड तन गया।

मैंने सोच लिया था कि आज रात तो चाची को चोद दूंगा।
सर्दी भी बहुत थी।

बारिश भी हो रही थी और बगल में सेक्सी चाची थी।

रात के दो बजे थे।
मैंने चाची की कमर पर हाथ रखा।
इस बार उन्होंने मेरा हाथ नहीं हटाया।

फिर मैंने उनकी गर्दन पर एक किस किया।
उन्होंने अब भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
वे सोने का नाटक कर रहीं थीं।

अब मैं उनसे चिपक गया, एक हाथ से मैं उनका ब्लाउज खोलने लगा।

मैंने 4 हुक खोल दिए थे और ब्लाउज कंधे से नीचे उतार दिया था।
लेकिन पाचवां हुक नहीं खुल रहा था।

अब वे जाग गई थी और उन्होंने हुक खुद खोल दिया और अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया।
वे कुछ बोल नहीं रही थी बस मुझे हवस भरी आंखों से देख रही थी।

वे दस सालों से चोदी नहीं गई थी।

अब मैंने उनके होंठों पर होंठ रख दिए और चूमने लगा।
चाची ने कुछ देर तो होंठ नहीं खोले लेकिन फिर मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया।

अब मैंने जल्दी से चाची को नंगी करना शुरू कर दिया।
उनकी चूचियां भींच भींचकर मैंने ब्लाउज उतारा।
फिर साड़ी खोली और चूत सहला सहलाकर उनका पेटीकोट भी उतार दिया।

चाची को मैंने पूरी नंगी कर दिया था।

अब हम दोनों एक दूसरे से लिपटने लगे थे।
दोनों के हाथ एक दूसरे के जिस्मों को सहला रहे थे।

मैं न्यूड चाची की चूचियां पीने लगा।
वे धीरे धीरे सिसकार भरने लगी- आह्ह … अम्म … स्स … आह!

मैं जोर जोर से देसी चाची की चूचियों को साथ साथ दबा भी रहा था।

चाची अब गर्म होने लगी थी।
उनका हाथ मेरे लंड पर आ गया था जो पहले से ही तना हुआ था।
चाची ने मेरे अंडरवियर के ऊपर से लंड को सहलाना शुरू कर दिया।

मुझसे रुका न गया और मैंने अंडरवियर नीचे सरका कर उनके हाथ में लंड को पकड़ा दिया।

चाची लंड को पकड़ कर मुठ मारने लगी।

मेरा हाथ चाची की चूत पर चला गया और चूत को जोर जोर से सहलाने लगा।

चाची मचल उठी।
वे अब जोर से आहें भरने लगी- स्स्स … आह्ह … अम्म … स्स्स।
हम दोनों के जिस्मों से अब जैसे भाप निकलने लगी थी।

सेक्स की गर्मी काफी बढ़ गई थी।
अब मुझसे रुका न जा रहा था।

मैंने चाची को नीचे की ओर दबा दिया और एकदम से उनके मुंह में अपना लन्ड डाल दिया।

चाची भी पागलों की तरह मेरा लन्ड चूसने लगी।
मैं तो अब स्वर्ग की सैर करने लगा।

उधर चूत की प्यास भी मेरे अंदर बेकाबू हो रही थी।
मेरा मन भी चाची की चूत को चाटने का कर रहा था।

मैंने पोजीशन बदली और हम 69 की पोजीशन में आ गए।
हम एक दूसरे के अंगों को चूसने चाटने लगे।

धीरे धीरे चाची की चूत और ज्यादा गर्म होने लगी।
चाची की चूत से पानी निकलने लगा।
अब हम दोनों हवस में पागल हो रहे थे।

मैं तेजी से चाची की चूत में जीभ चला रहा था।
चाची भी मेरे लंड को जोश में चूस रही थी।

मुझे अब बहुत मजा आ रहा था।

अब हम दोनों फिर से एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे।
चाची और मैं एक दूसरे से कस कर लिपट रहे थे जैसे एक दूसरे के जिस्मों में समा जाना चाहते हों।

शायद चाची को भी 10-12 सालों के बाद किसी मर्द का अहसास मिल रहा था।

हम दोनों से अब रुका नहीं जा रहा था।

अब मैंने चाची की चूत में उंगली करना शुरू किया।
चाची की चूत तो पहले से ही पूरी गीली हो चुकी थी।

मुझे चाची की चूत में उंगली करने में बहुत मजा आ रहा था।
जैसे जैसे मैं चाची की चूत में उंगली चला रहा था, वे मचल रही थी।
चाची को भी बहुत मजा आने लगा था।

अब मेरा मन चाची की चूत की चुदाई करने का हो रहा था, वो भी बहुत जोर से।
चाची की चूत में उंगली जाती थी वो चूत को उकसा कर और अंदर तक उंगली लेने की कोशिश करती थी।
उन को इतने सालों के बाद आज चूत में मजा मिल रहा था।

फिर मैंने चाची की टांगों को और चौड़ी खोलकर लिटा दिया।
मैंने चाची की चूत में मुंह लगा दिया और चूत को पीने लगा।

चाची अब मछली की तरह तड़पने लगी।
उनकी जोर जोर से सिसकारियां फूटने लगीं- आह्ह … आईई … आह्ह … उफ्फ … इस्स … आह्ह!

वे जोर जोर से मेरे सिर को चूत में दबाने लगी।
मैं भी उनकी चूत को खाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था।

कुछ देर चूत का पानी चूसने के बाद मैंने चाची की टांगों को चौड़ी कर दिया और उनके बीच में आ गया।

मैंने चाची की चूत पर लंड को लगा दिया और रगड़ने लगा।
लेकिन मुझसे ज्यादा रुका नहीं गया और मैंने चूत में लंड को सरका दिया।

जैसे ही चाची की चूत में लंड गया वो जोर से चीखी- आह!

मैं चाची के ऊपर लेट गया और जोर से चूचियों को भींचते हुए चाची के होंठ चूसने लगा।

मेरा लंड चाची की चूत में प्रवेश कर चुका था।
मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए और चाची की चुदाई करने लगा।

लंड कुछ ही देर बाद पूरा का पूरा चाची की चूत में समाने लगा।
अब चाची की भी हल्की सिसकारियां निकलने लगीं।

मैं जोर जोर से चाची की चूत में धक्के लगाने लगा और उनकी मस्त चुदाई शुरू हो गई।
चाची का जिस्म और जोर से तपने लगा।

वे बार बार मेरी कमर पर नाखूनों से चुभा रही थी।
चाची की चूत मेरे लंड को जैसे अंदर ही जकड़ने की कोशिश कर रही थी।
मैंने काफी देर उनको स्पीड से चोदा।

फिर मैंने चाची को घोड़ी बना लिया।
घोड़ी बनाकर मैं चाची को तेजी से चोदने लगा।

मेरा जोश बहुत बढ़ चुका था।
मैंने चाची के बालों को हाथों में जकड़ लिया और जोर से चूत को पेलने लगा।

वे लगातार सिसकारियां ले रही थी; वे बार बार मेरा नाम पुकार रही थी।

मुझे भी इस तरह से चाची को चोदने में बड़ा मजा आ रहा था।
जब वे नाम पुकार कर लंड ले रही थी तो लंड में और ज्यादा कड़ापन आ जाता था।
इससे जल्द ही मुझे लगने लगा कि मेरा माल अब छूट जाएगा।

अब मैंने चूत से लंड को निकाल लिया।
लेकिन चाची की चूत अब लंड के लिए पागल थी।

उन्होंने मुझे अपने ऊपर गिरा लिया और खुद ही लंड को चूत में लेकर मुझे चोदने के लिए इशारा कर दिया।
मैंने अब मिशनरी में देसी चाची की चुदाई शुरू कर दी।

2-3 मिनट में ही मेरा माल निकलने को हो गया और झटके मारते हुए मैं चाची की चूत में ही खाली हो गया।

मैं कुछ देर हांफता रहा और चाची भी तेजी से सांसें लेती रही।
फिर हम शांत होते चले गए।

चाची के हाथ मेरी पीठ को सहला रहे थे। चाची की चूचियों के ऊपर मुंह लगाकर मैं शांत पड़ा था।

फिर हम नंगे ही सो गए।
इस तरह से चाची के साथ मेरा पहला सेक्स हुआ।

उसके बाद चाची के साथ मेरा बहुत बार सेक्स हुआ।
 

junglecouple1984

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प्यासी मामी को आगे पीछे से बजाया



मेरा नाम यश है. मैं पुणे का रहने वाला हूँ. मेरी ऊंचाई साढ़े पाँच फीट की है.
मेरे लंड का आकार बहुत ज़्यादा तो नहीं है, पर यह किसी भी महिला को संतुष्ट करने के लिए एकदम परफेक्ट है.

यह मेरी पहली सेक्स कहानी है जिसमें मैंने सेक्सी मामी की चूत गांड मारी.

बात उस वक्त की है जब मैं स्कूल की बारहवीं कक्षा में था.
मैंने बोर्ड के एग्जाम दिए थे.

एग्जाम देने के बाद मैं फ्री हो गया था तो मैंने सोचा कि क्यों न कुछ दिन मामा के घर हो आऊं.
मेरे मामा जी इंदौर में रहते हैं.

मैंने मम्मी से कहा तो उन्होंने मामी जी को बता दिया और मैंने ट्रेन से इंदौर के लिए तत्काल में टिकट बुक करवा लिया.

उसके बाद मैं अपना सामान पैक करने लगा और दूसरे दिन तय समय पर मैं स्टेशन पहुंच गया.

ट्रेन से इंदौर पहुंच कर मैंने मामा को कॉल किया- मैं स्टेशन पर आ गया हूँ, आप कहां हैं?
मामा ने बताया- मैं तुम्हारा फोन बहुत देर से लगा रहा हूँ, पर लग ही नहीं रहा था. मुझे अचानक किसी जरूरी काम से दो दिन के लिए आउट ऑफ टाउन जाना पड़ गया है.

मैं कुछ नहीं बोला और सोचने लगा कि अब मैं किस तरह से मामा के घर जाऊं क्योंकि मामा के नए घर में जाने का यह मेरा पहला अवसर था.

मामा ने बोला- तुम परेशान मत हो, मैंने मामी को कह दिया था. वे तुम्हें पिक करने के लिए आ रही हैं.
उनकी यह बात सुनकर मुझे राहत मिली.
मैंने भी ओके कह दिया.

अब मैं आपको अपनी मामी के बारे में बता देता हूँ.
मेरी मामी का नाम कोयल है. उनका फिगर तो मुझे नहीं पता है कि अब उनका फिगर कैसा हो गया है. पर वह एक मदमस्त हसीना हैं. उनके दूध इतने बड़े और भरे हुए हैं कि दोनों हाथों में भी नहीं आएं. उनकी उम्र 28 साल थी. उनकी शादी को 4 साल हो गए थे, पर अभी उनका कोई बच्चा नहीं हुआ था.

मैं स्टेशन के बाहर ही उनका इंतजार कर रहा था.
उन्होंने मुझसे फोन पर कहा- मैं एक्टिवा पर हूँ. तुम मुझे बाहर ही फलां जगह पर मिल जाना.
यह कहते हुए मामी ने मुझे एक जगह के पास खड़े होने का कहा.

कुछ देर बाद मामी स्टेशन पर आ गईं.
उन्होंने साड़ी पहनी हुई थी.
उनके ब्लाउज का गला इतना गहरा था कि उनके आधे चूचे तो बाहर से ही दिख रहे थे.

उन्होंने मुझसे कहा- तुम पीछे बैठ जाओ.

मैं पीछे बैठ गया.
मेरे पास बैग भी था, मैंने उसे अपनी पीठ पर लटका लिया.
इस कारण से मेरे और उनके बीच में ज़्यादा गैप नहीं बचा था.

मेरा लंड उनको देख कर पहले ही खड़ा हो गया था और अब वह उनकी गांड में घुसा जा रहा था.
मुझे मामी के जिस्म की गर्मी बेहद उत्तेजित करने लगी थी.
रास्ते में काफी ट्रेफिक था इसलिए मामी ने ज्यादा बात नहीं की.

कुछ देर बाद हम दोनों घर पहुंच गए.

मामी ने मुझसे कहा- तुम फ्रेश हो जाओ, मैं तुम्हारे लिए चाय बना देती हूँ.
मैंने उनसे ओके कहा और सबसे पहले बाथरूम में जाकर मुठ मारी.

फिर हाथ मुँह धोकर बाहर आ गया.

मैंने अपने कपड़े चेंज कर लिए थे और अब लोवर व टी-शर्ट पहन ली थी.
मैं हॉल में पड़े सोफ़े पर बैठ गया था.

मामी चाय लेकर आईं.
मामी ने भी अब साड़ी ब्लाउज उतार कर गाउन पहन लिया था.

अब मामी और मैं चाय पीते हुए बात करने लगे.
मामी पूछने लगीं- घर पर सब कैसे हैं. तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है?

मैं उनकी बातों का जबाव भी देता जा रहा था और उनकी चूचियों को हिलता हुआ भी देख रहा था.
शायद मामी ने अपने कपड़े बदले तो उन्होंने अपनी ब्रा उतार दी थी.

कुछ देर बाद हम दोनों टीवी देखने लगे.
मामी अपनी किसी सहेली से फोन पर बात करने लगीं.

वे बात करती हुई बाल्कनी में चली गई थीं.
जब वे वापस हॉल में आईं तो फिल्मों के बारे में बात करने लगीं.

मामी को पुरानी फिल्में पसंद थीं जबकि मुझे हॉलीवुड मूवीज पसन्द थीं.
वे बोलीं- मुझे तो हॉलीवुड मूवी समझ में ही नहीं आती हैं.

मैंने कहा- मामी हॉलीवुड मूवी में ग्राफिक्स, इफेक्ट्स सब आला दर्जे के होते हैं. उन्हें समझने के लिए नीचे सब टाइटल भी आते हैं.
यह सुनकर उन्होंने कहा- तुम्हारे पास कोई अच्छी मूवी है क्या?

मैंने हां कहा और मोबाईल से टीवी को कनेक्ट करके उस पर एक हॉट सी हॉलीवुड मूवी लगा दी.
मामी और मैं उसे देखने लगे.

जैसे ही हॉट सीन आया तो मैंने उसे स्किप कर दिया.
मामी मुझे देखने लगीं कि ये मैंने क्या कर दिया.

पर जैसे कि आपको पता ही है कि हॉट मूवीज में गर्मागर्म दृश्य तो बार बार आते ही रहते हैं.

कुछ ही देर बाद पुन: एक गर्म दृश्य आया तो जैसे ही मैंने रिमोट पर हाथ लगाया कि इस बार मामी ने फट से मुझे मना कर दिया और मेरे हाथ से रिमोट ले लिया.

उसमें नायक नायिका का बेहद गर्म कर देने वाला दृश्य था.
वे दोनों होंठों से होंठों को मिला कर चूम रहे थे और नायिका के स्तन नायक की छाती से दब रहे थे.

मामी और मैं सामने चल रहा किस और सेक्स सीन को देख रहे थे.
मेरा लंड खड़ा होने लगा था; लोवर के ऊपर से ही वह अलग उठा हुआ दिख रहा था.

मामी की नज़र मेरे खड़े लौड़े पर पड़ गई थी.
थोड़ी देर बाद मामी खाना बनाने का बोल कर चली गईं.

मैंने भी मूवी बंद कर दी और मोबाइल में पॉर्न देखने लगा.

मैं पॉर्न देखने में एकदम से मस्त था, मुझे पता भी नहीं चला कि मामी पीछे से मेरे फोन में सेक्सी फिल्म देख रही थीं.

मुझे कुछ हलचल महसूस हुई तो मैंने पीछे पलट कर देखा.
मामी भी चुदासी हो गई थीं.

उन्होंने अपना गाउन ऊपर तक उठा लिया था और वे अपनी चूत में उंगली कर रही थीं.
मुझे एकदम से पीछे पलट कर देखता पाकर वे चौंक गईं और वहां से चली गईं.

खाना बन जाने के बाद मैंने और मामी ने खाना खाया.
पर हम दोनों ने आपस में कुछ बात नहीं की.

खाना खाने के बाद हम दोनों सोने चले गए थे.

मामा का घर ज़्यादा बड़ा नहीं था.
उनके घर में सिर्फ़ दो ही कमरे थे.

मेरी किस्मत इतनी अच्छी थी कि एक कमरे का पंखा भी खराब था.

इसी कारण से मामी और मैं एक ही कमरे में एक ही पलंग पर सोने लगे थे.

मैं लेट कर अपना फोन चला रहा था तो मामी ने कहा- पूरा टाइम फोन ही चलाते रहोगे या सोना भी है?
मैंने कहा- बस थोड़ी देर में रख रहा हूँ.

मामी सो गईं.
पर मेरी आंखों में नींद नहीं थी क्योंकि मुझे मामी की लेनी थी.

जैसे ही मुझे लगा की मामी गहरी नींद में सो गई हैं, मैंने अपना काम चालू कर दिया.
मैंने मामी के मम्मों को धीरे से स्पर्श किया.

उनकी तरफ से कोई हरकत नहीं हुई तो मैंने धीरे धीरे उनके एक दूध को दबाना चालू कर दिया.

कुछ देर बाद मैंने मामी के गाउन को नीचे से ऊपर उठा दिया और अपने एक हाथ को उनकी जांघ पर फेरना चालू कर दिया.

मैंने ध्यान दिया कि मामी ने पैंटी नहीं पहनी हुई थी.
तब मैंने धीरे धीरे उनकी चूत तक उंगली ले जाकर उनकी चूत को सहलाया और जब कोई खतरा महसूस नहीं हुआ तो मैंने उनकी चूत में उंगली करना चालू कर दिया.

मामी की चूत ने रस छोड़ना चालू कर दिया था जिससे मुझे समझ आ गया था कि मामी जाग गई हैं.

उनकी तरफ से कोई हलचल नहीं होने के कारण मुझे और ज्यादा हिम्मत मिल गई.

मैंने उन्हें सीधा लेटा दिया और बिंदास उनकी चूचियों को दबाने और सहलाने लगा.

फिर मुझसे भी रहा नहीं गया तो मैं उनके ऊपर चढ़ गया और मामी की चूत में लंड को रख कर धीरे धीरे अन्दर धकेलने लगा.

मामी की चूत का छिद्र ज़्यादा बड़ा नहीं था.
इस कारण मुझे थोड़ी ज़्यादा मेहनत करनी पड़ रही थी.

मैंने लंड को एक ज़ोरदार धक्के से मामी की चूत में पेला, तो मामी की चीख निकल गई- आह आह मर गई!

मैं घबरा गया कि ये क्या हुआ
कहीं लंड किसी गलत जगह में तो नहीं घुस गया!

मैंने चुप्पी तोड़ी और पूछ ही लिया- क्या हुआ?

वे मुझे गाली देती हुई बोल रही थीं- चूतिए चोदना नहीं आता क्या? मादरचोद … तूने मेरी चूत की मां चोद दी हरामजादे.

जब उन्होंने ये कहा तो मैंने भी लिहाज छोड़ दिया और उनके मुँह पर अपना हाथ रख कर उनको चोदना चालू कर दिया.
मैंने भी गाली देते हुए कहा- साली रांड, लंड लेना भी नहीं सीखा क्या अभी तक … भोसड़ी वाली अपने खसम से चुदती नहीं है क्या?

मामी भी खुल गईं- अरे यार, मेरे खसम के लंड में ही तो दम नहीं है … मादरचोद पुल्ल पुल्ल करके डालते ही झड़ जाता है. मेरी चूत को अब तक लौड़े का सही से स्वाद ही नहीं मिला है.
मैंने कहा- अब तो लौड़े का इंतजाम हो गया है न मेरी छिनरो … तो ले औ मजे से गन्ना चूस कुतिया.

इसी तरह की गाली भरी चुदाई में हम दोनों ने एक दूसरे को भरपूर तृप्त किया.

तकरीबन 15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना वीर्य मामी की चूत में छोड़ दिया और लंड हटा कर उनकी बाजू में लेट गया.

मामी भी चुदाई के बाद पूरे जोश में आ गई थीं.
वे मुझसे चिपक गईं और मेरे लंड को सहलाने लगीं.

मैंने कहा- मुँह में लेकर प्यार करो न!
मेरी बात सुनकर मामी उठ कर लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगीं.

कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से कड़क हो गया था.
अब मैंने मामी को डॉगी स्टाइल में झुका कर उनकी गांड में लंड डालने लगा.

पहले तो मुझे कुछ परेशानी हुई क्योंकि मामी की गांड एकदम वर्जिन थी.
किसी ने भी आज तक उनकी गांड नहीं मारी थी.

मामी ने मुझे तेल दिया और बोलीं- इसे लगा कर गांड मारो.

मैंने तेल को अपने लंड पर मला और मामी की गांड के छेद पर भी लगाया.

उसके बाद मैंने लंड को मामी की गांड में डाला तो एक बार में चला गया.

पर लंड के घुस जाने से मामी को बहुत दर्द हो रहा था.
उनकी गांड में से खून नहीं निकल रहा था पर मैं हरामियों के जैसे उनकी गांड मार रहा था.

दस मिनट तक मामी की गांड मारने के बाद मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और मामी की चूत को चोदना चालू कर दिया.
कुछ ही देर में हम दोनों चरम आनन्द लेते हुए स्खलित हो गए.
इस प्रकार से मैंने सेक्सी मामी की चूत गांड मारी पहली ही बार में!

चुदाई के बाद मामी ने मुझसे कहा- आज तुमसे चुदकर मेरी चूत की प्यास बुझ पाई है. अब जब तक तुम यहां पर हो, तब तक रोज तुम मेरी चुदाई करोगे … ये वादा करो!
मैंने भी वादा कर दिया.

उसके बाद तो मामा के घर से जाते ही मामी नंगी हो जाती थीं और मेरे लौड़े से लिपट जाती थीं.
 

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मामी की चूत और गांड छत पर मारी



दोस्तो, अपने चुदाई की कहानी तो बहुत पढ़ी सुनी होंगी.
लेकिन जो मैं आपको लोगों को आज बताने जा रहा हूं, ऐसा अपने कभी सोचा नहीं होगा कि कोई अपनी मामी को चोद सकता है।

तो चलिए बिना टाइम गंवाए आपको बताता हूं मेरी सच्ची कहानी अपनी मामी की चुदाई की!

मेरा नाम राज है मैं 2nd ईयर में पढ़ता हूँ।
मेरी उम्र 20 साल की है। मेरी अभी शादी नहीं हुई है।

मेरी हाईट 5 फुट 11 इंच की है और मैं बहुत गोरा और चिकना लड़का हूं; साथ ही हेंडसम और स्टाइलिश भी हूं।

यह सेक्सी मामी चुदाई कहानी तब की है जब मैं अपने नाना जी के यहां रहने के लिए उनके पास गया था।

मेरे दो मामा और तीन मौसी हैं. मतलब ये लोग 6 भाई बहन हैं जिनमें एक मेरी मां है।
सभी की शादी हो गई है।

बड़े मामा मामी के साथ बाहर रहते हैं।
छोटे मामा की शादी अभी 1 साल पहले ही हुई है तो उनके कोई बच्चा नहीं हुआ है।

जब मैं उनके घर गया तो वहां नाना जी, मामा और मामी रहते थे।
मामा जी जॉब करते हैं इसलिए वे ज्यादातर घर से बाहर रहते हैं।

नाना जी अब कोई काम नहीं कर सकते हैं इसलिए वे घर में ही रहते हैं।

अब बात आती है उनकी जिनकी यह कहानी कही जा रही है … मेरी मामी की!
वे दिखने में एकदम हॉट हैं और किसी हिरोइन से कम नहीं हैं।

उनकी हाईट 5 फुट 6 इंच की है और कमर तो पूरी 28 की है।
उनके पास हर किसी का लन्ड खड़ा कर देने वाले चिकने, चमकदार और दूधिया बूब्स हैं और गान्ड भी कुछ कम नहीं है।

अब बात आती है कि मैंने उन्हें चोदा कैसे!

एक रात की बात है कि मैंने कुछ सुना और मैं जाकर देखने लगा.
और जो मैंने देखा उसे देखकर तो मेरे होश उड़ गए।

मामी मेरे नाम की अपनी चूत में अंगुली डाल कर अपनी चूत का पानी निकाल रही थी और सिसकारियों के साथ बोल रही थी- राज, कब मिटाऔगे मेरी चूत की खुजली?

अगली सुबह जब मैं जागा तो देखा कि मामी मेरे पास खड़ी होकर मेरे पजामे में तने 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा मेरा लन्ड को ललचाई नज़रों से देख रही थी और अपने चूत पर हाथ फेरते हुए बोल रही थी- क्या लन्ड है रे तेरा!
मामी तब होश में नहीं थी।

मैंने कहा- क्या बोल रही हो मामी आप? और ये लन्ड क्या होता है? और जो आप रात को मेरा नाम ले लेकर क्या कर रही थी?

मामी एकदम से होश में आई और बोली- तुम तो बहुत बड़े हो. फिर भी तुम्हें कुछ पता नहीं है?

मैंने सोचा कि शायद अपना काम बन जाएगा।

मैं बोला- जी नहीं मामी, क्या आप ये सब बातें सिखा देंगी?
मामी का भी काम बन रहा था इसलिए उन्होंने कहा- कोई बात नहीं … मैं तुम्हें सब कुछ सिखा दूंगी। पर एक शर्त पर!

मैं बोला- कैसी शर्त?
मामी- तुम यह बात किसी को भी नहीं बताओगे।
मैं- ठीक है, मैं किसी को नहीं बताऊंगा।

मामी- तो ठीक है, आज रात हम दोनों छत पर चलेंगे।
मैं- तो मुझे रात का इंतज़ार रहेगा।

दिन में जब भी मौका मिलता मैं मजे लेने के लिए मामी से उसके शरीर के बारे में पूछताछ कर रहा था और मामी मुझे बता रही थी।

मैं- मामी … ये जो दो आपकी छाती पर छोटे छोटे मटके जैसे क्या हैं?
मामी हंसती हुई बोली- अरे तुझे इतना भी नहीं पता?
मैं- नहीं।

मामी- इन्हें बोबे, स्तन, उरोज, चूचे या बूब्स कहते हैं जिनसे बच्चे दूध पीते हैं।
इतना कहकर मामी उदास हो गई।

मैंने कहा- क्या हुआ मामी? आप उदास क्यों हो गई?

मामी ने कहा- मेरी शादी को 1 साल से भी ज्यादा समय हो गया है और मैं अभी तक मां नहीं बनी। तुम्हारे मामा के पास तो मेरे लिए टाइम ही नहीं है कि मुझे चोद कर मां बना दें। वे तो कभी कभी घर आते हैं और तब भी मेरी खुजली मिटे बिना ही अपना पानी छोड़ देते हैं।

मैंने कहा- कोई बात नहीं, मैं तुम्हें मां बनाऊंगा।
मेरे ऐसा कहते ही मामी मुस्करा दी।

ऐसे करते करते रात हो गई।

हम दोनों ने नाना जी के साथ बैठकर खाना खाया और हम उनके सोने का इंतज़ार करने लगे।
थोड़ी ही देर में नाना जी सो गए।

फिर हम दोनों दरी चादर लेकर छत पर आ गए।

मामी मुझे आकर किस्स किया और बोली- अब चद्दर लेकर खड़े ही रहोगे?
मैंने दरी चादर को बिछा दिया और उस हम दोनों लेट गये।

मामी ने आज नाइटी पहन रखी थी, उसमें से उनकी ब्रा और पेंटी दोनों दिख रही थी।

तब मामी ने कहा- अब तुम अपनी लोवर और टीशर्ट उतार दो।
मैंने कहते ही दोनों उतार फेंकी।

मामी बोली- बहुत जल्दी है मामी को चोदने की … तो मेरी चूत में भी बहुत खुजली है।
ऐसा कहते वे मुझे किस करने लगी और मेरी अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरा लन्ड अपने हाथ में लेकर हिलाने लगी.

मेरा लन्ड तनकर खड़ा हो गया मानो कोई लोहे की पाइप हो।

सेक्सी मामी चुदाई से खुश होकर बोली- आज तो मैं मां बन जाऊंगी और मेरी चूत की खुजली भी मिट जाएगी।

इतने में ही मैंने मामी की नाइटी को उतार दिया और उनकी ब्रा को खोल कर उसकी चूचियों को दबाने और चूसने लगा।

इससे मामी की खुजली और तेज हो गई और वे मेरे लौड़े को बाहर निकाल कर चूसने लगी।
मैं तो जैसे सातवें आसमान पर पहुंच गया था।

लगभग 5 मिनट चूसने के बाद मेरे लन्ड ने मामी के मुंह में पानी छोड़ दिया और मामी सारा पानी पी गई.
वे बोली- क्या तुमने कभी पहले अपने लन्ड का पानी नहीं निकाला?
मैं बोला- नहीं।

फिर मामी ने मुझे चूत चाटने के लिए कहा.
उनके इतना कहते ही मैंने मामी की पेंटी उतार फेंकी और टांगों को फैला कर उनकी चूत चाटने लगा।

2 मिनट बाद ही मामी की सिसकारियां निकलने लगी- ऊउ उउम् … आह … ओओओ ओहो! उअअ अअम आऊं … औ … और ज़ोर् … अ से!
कुछ देर बाद मामी ने पानी छोड़ दिया।

इसी बीच मेरा लंड खड़ा हो चुका था.

अब मैंने उनको लेटाकर उनकी दोनों टांगों को फैला कर चूत पर अपना लन्ड को सेट करके उन्हें किस करते हुए एक ही झटके में पूरा पेल दिया और दे दनादन चोदने लगा।

मामी की सिसकारियां निकलने लगी- ऊउम् आउ उऊऊम ओओ ओओहो आआआ!
साथ ही चीखें भी निकल रही थी।

मामी बोल रही थी- राज पेल … और तेज पेल अपनी मामी को … आज मैं तेरे बच्चे की मां बनूंगी।

मैं मामी को चोदता रहा और लगभग 20 मिनट बाद हम दोनों ने एक साथ ही पानी छोड़ दिया।

कुछ देर आराम करके मैंने मामी से कहा- आप घोड़ी बन जाओ, मैं अब आपकी बड़ी गांड को पेलूंगा।

कहते ही मामी घोड़ी बन गई और बोली- आ मेरे घोड़े राजा … मामी घोड़ी की गांड की कर ले सवारी!

मैंने अपने लन्ड पर थूक लगाया और मामी की गांड में एक ही झटके में पूरा लौड़ा पेल दिया.
जिससे उसकी चीख निकल गई और बोली- मर गई।

मामी की गांड से खून निकल आया.
थोड़ी देर बाद मामी का दर्द कम हुआ तो वे गांड को हिलाने लगी.

मैं समझ गया कि अब मामी को भी मज़ा आने लगा है।
गांड मारते समय मैं तो जैसे जन्नत में पहुंच गया था.

मामी की गांड में पहली बार लन्ड गया था इसलिए उसकी गान्ड पूरी तरह से सील पेक थी और गांड फट गई थी जिससे मामी को बहुत दर्द हो रहा था और मामी की चीखें तेज हो रही थी।
तो मैंने कहा- मामी धीरे धीरे … नाना जी उठ जाएंगे.

मामी कुछ चुप रही।

कुछ देर ऐसे ही मामी को चोदने के बाद मैंने कहा- आप अब कुतिया बन जाओ!

मामी कहते ही कुतिया बन गई और बोली- ले मैंने तेरी कुतिया बन गई।

ऐसे ही मैं मामी को पूरी रात छत पर चोदता रहा।

अगले दिन हम दोनों साथ में ही नहाने लगे तो मामी ने कहा- अब मुझे एक सही लन्ड मिला है. तुम्हारे मामा का तो पिद्दू सा है।
इतना सुनते ही मैं हंसने लगा और बोला- कोई बात नहीं … जब तक मैं यहां हूं, आप मेरे लन्ड को यूज कर सकती हो।

मैंने कहा- अगर आप प्रेगनेंट हो गई तो मामा को क्या कहोगी?
तो मामी बोली- तुम चिंता मत करो. मैंने तुम्हारे मामा से बात की थी. वे आज घर आएंगे तो मैं उनके साथ सेक्स कर लूंगी। तब किसी कुछ पता भी नहीं लगेगा. और वे कल फिर काम पर चले जाएंगे। फिर हम दोनों रोजाना सेक्स करेंगे।

मामी ने ऐसा ही किया।

फिर मैं मामी को रोज चोदने लगा और जब तक वहां पर रहा, तब तक मैं मामी को रोज छत पर चोदता रहा।

कुछ महीने बाद मामी ने एक प्यारी सी बच्ची को जन्म दिया और मामी बन गई मेरे बच्चे की मां!

अब जब भी मैं उनके यहां जाता हूं तो मामी को रोज छत पर चोदता हूं।
 

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अप्रैल फूल बोल कर सेक्स किया




दोस्तो, मेरा नाम वैशाली है और मैं मुंबई से हूँ.

मैं पहले से ही काफी हॉट और गुंदाज माल दिखने वाली लड़की हूँ.
मेरी फिगर साइज़ भी भरी हुई है.
मेरे कॉलेज में सब लड़के मेरे पर लाइन मारते रहते हैं और मैं भी वह सब मस्ती में लेती रहती और मजा करती हूँ.

मैं सब लड़कों से बातचीत करती हूँ. उनके साथ घूमने भी चली जाती हूँ और अपने लड़के दोस्तों के साथ बाइक पर यूं ही मौज मस्ती के लिए निकल जाती हूँ.
मेरे जीवन में ऐसा ही सब चलता रहता है.

मैं आपको अपनी फिगर के बारे में बताऊं तो मेरे बूब्स 36 इंच के हैं, कमर 30 की और हिप साइज़ 40 की है.
जबकि मेरी उम्र अभी सिर्फ 23 साल की है.

यह Xxx इंडियन गर्ल सेक्स कहानी मार्च महीने के खत्म होने की है.

उस दिन फर्स्ट अप्रैल था तो मुझे अपने दोस्त के साथ मजाक करने का मूड हुआ.

मैंने अपने कॉलेज के एक दोस्त रोहित को मैसेज किया- चलो आज हम मिलते हैं, साथ में घूमेंगे और मौज मस्ती करते हैं!

रोहित एक बहुत ही हॉट लड़का है. वह मेरा क्लासमेट है और मुझ पर लाइन भी मारता रहता है.
हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं.

जब मैंने उसको मिलने का मैसेज किया तो वह यह देखकर बहुत ही ज्यादा खुश हो गया कि मैंने उसे खुद से ऐसा मैसेज किया.
वह सच में बहुत एक्साइटिड हो गया था.

उसने झट से रिप्लाइ दिया- हां चलो चलते हैं, तुम बताओ कि कितने बजे और कहां मिल रही हो … हम दोनों बहुत एंजाए करेंगे!

मुझे लगा कि आज मुर्गा फंस गया.
मन ही मन हंसते हुए मैंने भी उसको बोल दिया कि 4 बजे दादर स्टेशन के बाहर मिलेंगे.

तो वह ‘हां ठीक है, मिलते हैं.’ बोला.
पर उससे नहीं पता था कि मैं उसका अप्रैल फूल बना रही थी.

मैं अपने घर में ही रह कर मस्ती कर रही थी.
उसका 4.20 पर मुझे कॉल आया कि तू कहां पर है, मैं दादर पहुंच गया हूँ. जल्दी आ जा, नहीं तो बता कि तू कहां पर है, मैं तुझे लेने आ जाता हूँ!

उसने ऐसा बोला तो मैं जोर जोर से हंसने लगी और उससे बोली- अरे बेवकूफ़, मैंने तो तुझे अप्रैल फूल बनाया है.
वह बहुत गुस्सा हो गया क्योंकि वह बहुत ज़्यादा एक्साइटिड था.
पर मुझसे ‘कुछ नहीं’ कहते हुए वह घर चला गया.

फिर वापस 6 बजे मुझे उसका मैसेज आया- तुमने ऐसा क्यों किया यार … मैं सच में आज तुमसे मिलने के लिए बहुत एक्साइटिड था!
मैंने उससे सॉरी कह दिया.

तभी वह बोला- क्या अब हम मिल सकते हैं … मेरा बहुत मन है तुमसे मिलने का!
मैं पहले तो ‘नहीं नहीं’ बोली, फिर वह बहुत फोर्स करने लगा तो मैं मान गई.

उसने मुझे तो 7 बजे दादर स्टेशन पर बुलाया.
मैं ठीक 7 बजे पहुंची, वह मुझे वहां लेने आया.

उसने मुझे देखते ही हग किया और मेरे माथे पर किस की, फिर बाइक पर बैठने को कहा.

हम दोनों बाइक पर थोड़ा घूमे.
अब वह मुझे मरीन लाइन लेकर गया.
वहां थोड़ी देर हम दोनों बैठे, बातें की.

उसने मेरे कंधे पर हाथ रखा हुआ था.
बात करते बीच बीच में वह मेरा हाथ अपने हाथ में ले लेता और मुझे अपने पास को कर लेता.

वहां दरिया की बहुत मस्त लहरें आ रही थीं तो मैंने उससे कहा- चलो नीचे पानी के पास चलते हैं.
उसने मेरे कंधे पर हाथ डाला और हम दोनों चलते चलते नीचे आ गए.

पानी में 5 मिनट रहे, कुछ फोटो निकालीं.
फिर वह मुझे और नीचे रॉक्स के पास मुझे ले गया. हम दोनों एक पत्थर पर बैठ गए.

वहां पर बहुत सारे कपल थे.
चारों तरफ बहुत अंधेरा था तो ज़्यादा ढंग से नहीं दिख रहा था … पर लोग हैं यह दिख रहा था.

हम दोनों आमने सामने बैठ गए.

उसने मुझे अपने कंधे से लगाया, मेरे दोनों हाथ उसके हाथ में लिए और किस किया.
फिर उसने अपने दोनों हाथ मेरी कमर पर रखे और मुझे किस करने लगा.

पहले मैं थोड़ा इंकार कर रही थी पर उसने कहा- चुप हो जाओ यार … आजू बाजू बहुत लोग हैं.
मैं भी चुप हो गई.

उसने लिप किस करना चालू कर दिया, साथ ही वह मेरी कमर को सहला रहा था.
मुझे भी अन्दर ही अन्दर कुछ कुछ होने लगा.

अब उसने मेरी गर्दन पर हाथ रखा.
उस वक्त मैंने गहरे गले वाला टॉप और शॉर्ट स्कर्ट पहनी थी.

वह मेरी गर्दन को किस करने लगा.
अपनी जीभ मेरी गर्दन पर घुमाने लगा.
मैं बहुत उत्तेजित हो रही थी.

ऐसे ही वह अपनी जीभ से मेरी गर्दन को चाटने लगा था और वह जीभ से चाटते चाटते मेरे बूब्स के बीच में आ गया.

मुझे सनसनी होने लगी तो मेरे मुँह से हल्की आह निकलने लगी.
मुझे लग रहा था कि अब ये मेरे साथ यह सब करता जाए, रुके नहीं.

जब मैंने उसे नहीं रोका तो वह भी बिंदास हो गया और ऐसे ही मुझे चूमते चाटते हुए उसने मेरे मम्मों को टॉप के ऊपर से दबाना चालू कर दिया.

मैं भी उसके बाल पकड़ कर सहला रही थी.

टॉप का गला गहरा होने के कारण उसने मेरे मम्मों को ऊपर से ही बाहर निकाल लिए.
वह मेरे दूध देख कर सिसिया उठा- ओह माय गॉड … सो बिग!

उसने यह कहा, तो मैं और ज्यादा गनगना उठी क्योंकि मेरे बूब्स मेरे उम्र के अनुपात में काफी बड़े थे.

वह मेरे दूध दबाने लगा और उसने एक को मुँह में भर कर चूसना चालू कर दिया.

मुझे अपने दूध चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था.
मैं जोर जोर से उसके बाल खींच रही थी और वह भी जोर जोर से मेरे बूब्स को काटते हुए निप्पल चूस रहा था.

साथ ही वह बोल रहा था- आह … ऐसे सुंदर बूब्स कभी नहीं लिए मैंने … तू बहुत हॉट है बेबी … आज तूने मेरा मूड बना दिया. बोल मेरी जान तुझे क्या चाहिए! आज मैं तुझे वह सब देने को तैयार हूँ.
वह मुझसे ऐसे बोलने लगा.

अब उसको मेरी चूत देखनी थी.

मैंने स्कर्ट के नीचे स्टॉकिंग्स पहने थे तो उसे कुछ समस्या थी.

एक पल सोचने के बाद उसने मेरी स्कर्ट के अन्दर हाथ डालते हुए मेरे स्टॉकिंग्स के ऊपरी सिरे से अपना हाथ अन्दर डाला और मेरी चूत को हाथ से सहला दिया.

अपनी चूत पर उसका हाथ पाते ही मैं मचल गई और उसी पल उसने मेरी चूत को रगड़ना चालू कर दिया.

मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही थी तो उसका हाथ मुझे बड़ी लज्जत दे रहा था.
मैंने खुद से अपनी टांगें फैला दीं.

उसने मेरी चूत को थोड़ी देर ही सहलाया क्योंकि हम लोग रॉक्स पर बैठे हुए थे, तो उससे वहां सही से करते नहीं बन रहा था.

उसने यहां वहां देखा तो अंधेरा हो इतना था कि कोई नंगा भी हो जाए तो किसी को नहीं पता चलेगा.

उसने खड़े होकर अपनी पैंट की ज़िप खोल दी और अपना लंड बाहर निकाल कर मेरा हाथ लौड़े पर रख दिया.
मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर वह लंड हिलवाने लगा और मुझसे खेलने का कह रहा था.

मैंने भी आस पास देखा कि कोई नहीं है और हिलाना चालू कर दिया.

फिर मैंने अपना मुँह नीचे किया और उसके लौड़े को अपने मुँह में भर लिया.
मस्त कड़क केला था, तो मैं चूसने लगी.

उसे बहुत जोश आ रहा था और वह मेरे बालों को पकड़ कर मेरे मुँह को अपने लौड़े पर आगे पीछे कर रहा था.
साथ ही वह एक हाथ से मेरी कमर को सहलाता रहा.

मैंने अंधेरे में पूरी मस्ती से उसका लंड चूसा, फिर मुँह से लंड निकाला तो वह वापस मेरे बूब्स पीने लगा.
अब हम दोनों ने टाइम देखा तो साढ़े नौ बज रहे थे.

मैंने उससे निकलने को कहा तो हम दोनों लोग उधर से उठ गए और अपने अपने कपड़े सही किए.
उसने मुझे जोर से हग किया, माथे पर किस की और हम दोनों बाइक की तरफ निकल पड़े.

हम दोनों बाइक पर बैठ कर घर के लिए निकले.
उसने मुझे मेरे स्टेशन पर छोड़ दिया और वह आगे चला गया.

मैं घर पहुंची तो रात में उसका मुझे मैसेज आया- थैंक्यू सो मच बेबी … यू आर रियली टू हॉट एण्ड सेक्सी! मैंने ऐसे बूब्स पहले कभी नहीं देखे. तुम्हारे साथ सिर्फ़ रोमांस करके ही इतना मजा आया तो चोदने में कितना मजा आएगा. जब भी तुझे चोदूंगा, तुम्हारे बूब्स कैसे उछलेंगे … क्या नजारा होगा … मैं उस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूँ. बहुत बहुत थैंक्यू फॉर कमिंग.

उसके मैसेज को पढ़ कर मैं एक बार फिर से चुदासी हो गई और अपनी चूत में एक डिल्डो डाल कर मैंने मुठ मारी और सो गई.

सुबह उठी तो उसी की याद आ रही थी.
मेरे बूब्स में हल्का हल्का दर्द भी हो रहा था क्योंकि उसने जीभर कर मेरे दोनों दूध जो चूसे थे.

मैंने बाथरूम में जाकर अपने टॉप को उतारा और शीशे में दूध देखे, तो लाल हुए पड़े थे.
उसकी उंगलियों की छाप तो अब नहीं थी पर कुछ कुछ सूज से गए थे.

मैंने अपने निप्पल पर उंगली फेरी तो एक मीठा सा दर्द हुआ.
उस दर्द को सहते ही मेरे होंठों पर एक मुस्कान आ गई और मैंने जल्दी से रेडी होकर नाश्ता किया और घर से कॉलेज निकल गई.

कॉलेज आते ही रोहित दिख गया.
उसने दूर से हाई किया.
मैंने भी उसे हाई कहा.

वह मेरे नजदीक आया और बोला- कैसी हो?
मैंने उसे देख कर शर्मा कर कहा- बहुत दर्द हो रहा है यार!
वह भी बोला- सेम हियर!

मैंने उसकी तरफ आश्चर्य से देखा और पूछा- मतलब?
वह आंख दबा कर हंसता हुआ बोला- यू नो बैटर बेबी … व्हाट यू डिड!

मुझे और जोर की शर्म आ गई.
मुझे उसका लंड चूसना याद आ गया.

कुछ देर तक हम दोनों चुप रहे, फिर रोहित ने कहा- आज होटल चलें!

मैंने उसकी तरफ देखा और हंस दी.
सच में मुझे लंड की जरूरत थी.

हम दोनों पहले अलग हुए … फिर फोन से बात करते हुए अलग अलग कॉलेज से बाहर निकल आए.

वह बाइक पर मेरा इंतजार कर रहा था.
मैं लपक कर उसके पीछे बैठी और मैंने उसे अपनी छाती से दबोचते हुए कहा- साले आज ढंग से रगड़ना, वर्ना मां चोद दूँगी.

वह Xxx इंडियन गर्ल सेक्स वासना पर हंसा और जल्द ही हम दोनों एक होटल के कमरे में थे.
उसने कमरे का गेट बंद करते ही मेरे ऊपर छलांग लगाई और मुझे उठा कर बिस्तर पर फेंक दिया.

अगले एक मिनट में हम दोनों पूरे नंगे थे.

उसने 69 का पोज बनाया और हम दोनों ने एक दूसरे को चुदाई के लिए तैयार कर दिया.

उसने सीधे होकर मेरी टांगें फैला दीं और चूत में लंड लगा दिया.
फिर उसने मुझे देख कर कहा- ओपनिंग सेरेमनी है!
मैंने कहा- हां और ना दोनों!

वह बोला- मतलब!
मैंने कहा- आई यूज्ड डिल्डो!

वह बोला- ओह … मतलब खून खराबा नहीं होने का!
मैंने कहा- हां … चूत में खून खराबा मैं खुद से कर चुकी.

असली लंड से यह मेरी पहली चुदाई थी.
उसने झटका दे दिया और मेरी चूत चिरती चली गई.
डिल्डो और लंड में जमीन आसमान का फर्क होता है.

डिल्डो चलाते समय खुद को अहसास होता है कि कब अन्दर करना है और कब नहीं करना है.
लेकिन लंड को नहीं समझाया जा सकता है.

उसका लंड अन्दर लेते ही बेहद तेज दर्द हुआ और आवाज निकल गई- रुक जा मादरचोद … आह दर्द हो रहा है!
वह नहीं रुका और धकापेल मचा दी.

चूत ने कुछ ही देर में मजा लेना शुरू कर दिया था और उस दिन दो घंटे में मुझे तीन बार लंड लेना पड़ा.

वह हंस कर बोला- अब बोल रानी अप्रैल फूल!
मैं हंस दी और उसे चूम कर उससे लिपट गई.

 

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भाभी को अरहर के खेत में चोद दिया




दोस्तो, मेरा नाम आकाश है।
मैं उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के सोंगर गांव में रहता हूं।
मेरी उम्र 19 साल है और मेरे लन्ड का साइज 8 इंच है।

लॉकडाउन में मैं खूब पोर्न देखता था और दिन में 2 से 3 बार मुठ मार लेता था।

मुझे पोर्न देखने की लत लग चुकी थी जो आज भी कायम है।
इसी लत के कारण मैंने इतना लंड हिलाया है कि हिला-हिलाकर इसे लम्बा-तगड़ा मूसल बना डाला है।
मुठ ज्यादा मारने के कारण मुझे लगता है कि मेरा लंड इतना लम्बा-मोटा हो गया है।

खैर, चलिए अब चुदाई की कहानी शुरू करते हैं।

तो उस दिन मैं अपने घर में बैठा फ्री फायर खेल रहा था।

मेरे पापा ने कहा- जाओ खेत में से चरी (घास) काट लाओ, भैंस को खिलाना है।
मैंने कहा- अभी धूप है, बाद में जाऊंगा।

इस पर पापा ने मुझसे कहा- चुपचाप चला जा, दिन रात सिर्फ मोबाइल में लगा रहता है, जा जल्दी जा!

तो मैंने कुछ नहीं कहा और चुपचाप साइकल लेकर खेत की तरफ निकल गया।

मुझे क्या पता था कि खेत में एक चूत मेरा इंतज़ार कर रही है।

खेत मेरे घर से 1 किलोमीटर दूर पड़ता है।

मैं खेत में पहुंचा और साइकल खड़ी कर दी।

अंदर जाकर मैं घास काटने लगा।
तभी मुझे अहसास हुआ कि कोई मेरे अरहर के खेत में घुसा हुआ है।
अरहर के पेड़ हिलते दिखाई दे रहे थे जिससे मेरा शक गहराने लगा।

मैं उठकर खेत में जाने लगा।

धीरे-धीरे मैं अरहर के पेड़ों को हटाता हुआ अंदर खेत में घुसा चला जा रहा था।
सामने अभी तक कुछ दिखाई नहीं दिया था।

थोड़ा और अंदर पहुंचा तो सामने थोड़ी खुली जगह थी जो खेतों के बीचोंबीच थी।

वहां का नजारा देखकर लंड में एकदम से वासना का झटका सा लगा।
सामने एक औरत साड़ी उठाकर टांगें खोले बैठी थी और चूत में लगातार उंगली से सहलाते हुए आह … सी … आह … सी … कर रही थी।

मैं तो सन्न रह गया … मैं वहां से बिल्कुल नहीं हिला ताकि उसे थोड़ी सी भी मेरे वहां होने की भनक न लगे।
चुपचाप छिपा हुआ सामने के नजारे को देखने लगा।

उस देसी भाभी का फिगर किसी पोर्न स्टार से कम नहीं लग रहा था।
पल्लू चूचियों से हट गया था और चूचे एकदम से ब्लाउज में तने हुए थे।
ऐसी तनी हुई चूचियां देखकर मैं तो वासना में बहने लगा।

उसकी चूत एकदम रसीली थी जिसमें वो तेजी से उंगली चलाए जा रही थी।
कसम से मैं बता नहीं सकता कि उस वक्त मुझे कितना मज़ा आ रहा था।

मैं 2 मिनट तक उसे देखता रहा फिर मुझमें थोड़ी हिम्मत आई।

धीरे से बिना आवाज किए मैं दूसरी तरफ से जाकर भाभी के पीछे की तरफ जा पहुंचा।

अब तक भाभी ने अपना ब्लाउज खोल स्तन भी नंगे कर लिए थे।
वह एक हाथ से चूत को सहला रही थी और एक हाथ से स्तनों को मसल रही थी।

धीरे-धीरे मेरे कदम उस चुदासी भाभी की तरफ बढ़ रहे थे।

खेत में सूखे पड़े पत्तों की हल्की आवाज भी हो रही थी जिससे मुझे डर भी लग रहा था कि बनने से पहले ही काम बिगड़ न जाए।
लेकिन वह अभी भी आह … अम्म … सीसी … करके अपनी चूत को सहलाने का मजा ले रही थी।

मैं जाते-जाते भाभी के काफी करीब पहुंच गया।
मेरे और भाभी के बीच केवल दो कदम की ही दूरी रह गई थी।

वह अपनी चूत की आग में इतनी खोई हुई थी कि मेरी आहट सुन नहीं पा रही थी।

मैंने पीछे से जाकर एकदम उसकी चूचियों को दबोच लिया।

भाभी को मैंने कस कर भींच रखा था और चूचियां हाथों से दबा रहा था।
वह एकदम से उछली और पकड़ छुड़ाकर खड़ी हो गई, बोली- कौन हो तुम?

मैंने बिना डरे, हिम्मत करके कहा- मैं वो हूं जिसकी आपको इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत है!
पैंट में अपना तना हुआ लंड सहलाते हुए मैंने कहा.

भाभी ने पैंट में मेरे लंड का तंबू देख लिया और मुस्करा दी।
बोली- छोटे बच्चे हो अभी तो तुम बबुआ! इस मुनिया की आग तुमसे न बुझेगी। क्या ही मजा दे सकोगे तुम!

मैं बोला- बिना आजमाए ही इतरा रही हो भाभी? एक बार करके तो देखो, मजा न आए तो कहना!
लेकिन वो राजी नहीं हुई।

मैं इस मौके को गंवाना नहीं चाहता था।
भाभी की चुदाई मुझे हर हालत में करनी ही थी।
उसकी सांवली, रसीली चूत में लंड पेले बिना अब चैन नहीं मिलने वाला था।

मैंने बिना देर किए पैंट खोलकर अंडरवियर समेत नीचे कर दी, और लंड निकाल कर खड़ा हो गया।

वो लंड को देखकर चौंक गई!
बोली- अरे बबुआ, बड़े ही छुपे रुस्तम हो, इतना बड़ा लौड़ा! लंड तो असली है एकदम, मेरे पति का तो आधा भी नहीं है इसका।

मैं बोला- तो फिर हो जाए भाभी एक बार?
उसने मुस्कराते हुए हां में मुंडी हिला दी।

मैं भी बिना एक पल की देरी किए उस पर टूट पड़ा।
उसे वहीं बिछे कपड़े पर गिराकर दबोच लिया।

पोर्न देख देखकर मैं चुदाई का बहुत ज्यादा आदी हो चुका था।
मुझे सबकुछ करना आता था।
हर किस्म की चूत को चोद सकता था मैं!

मैंने भाभी को नीचे लिटाकर पहले उसकी दोनों चूचियों के बीच में लंड फंसा दिया।
वह भी दोनों हाथों से चूचियों को पास लाकर भींचते हुए चूची चुदाई करवाने लगी।

मैं बता नहीं सकता कि मुझे कितना अच्छा लग रहा था।

दोस्तो, उस वक्त मैं जन्नत की सैर कर रहा था।
कुछ देर तक स्तन मैथुन करने के बाद मैंने लंड हटाया और उसके ऊपर लेटकर उसके होंठों को पीने लगा।
वह भी मेरा पूरा साथ देने लगी।

बीच-बीच में मैं उसके होंठों को आइक्रीम की तरह चाट भी रहा था।
होंठ पूरे गीले और रसीले हो चुके थे।

मैं उसके मुंह में जीभ दे रहा था, और वह भी मेरी जीभ को ऐसे चूस रही थी जैसे लौड़ा चूस रही हो।

कभी-कभी मैं उसकी चूत में उंगली भी कर रहा था।
हर बार उंगली जब अंदर जाती तो उसकी जांघें अपने आप खुल जातीं, और मैं उंगली पूरी अंदर तक घुसेड़ कर कुरेद देता।

वह चुदास में अब पागल सी हुई जा रही थी।

फिर दो-चार मिनट में ही परेशान होकर बोली- बस अब चोद दे हरामी, मर जाऊंगी … चोद दे ये चूत … आह्ह … लंड घुसाई देओ बबुआ!
लेकिन मैं भाभी की चुदास का पूरा मजा लेना चाहता था।

मैंने भाभी की चूत पर लंड तो लगाया लेकिन अंदर घुसाए बिना ऊपर ही रगड़ने लगा; उसकी चूत की फांकों को लंड के टोपे से खोलकर-खोलकर छेड़ने लगा।

इससे वह और ज्यादा पगला गई।
वह बोली- चोद दे मादरचोद … बहन के लौड़े … घुसा दे लंड मेरी चूत में … क्यों तड़पा रहा है!

जब भाभी चुदास में एकदम रोने को हो गई तब मुझे उस पर थोड़ा तरस आया।
मैंने लंड को चूत के छेद पर सेट कर दिया।

चूत पहले से ही पूरी गीली हुई पड़ी थी, रस रह रहकर बाहर आ रहा था।

अब मैं भी उस चूत को चोदे बिना नहीं रह सकता था।
मैंने लंड एक झटके के साथ अंदर सरका दिया जिससे भाभी की आह निकल गई।
उसके साथ ही मेरे मुंह से भी आनंद भरी आह … निकली।

आह्ह … क्या गर्म चूत थी उस चुदक्कड़ भाभी की!
एकदम भट्टी की तरह तप रही थी।

ऊपर से पानी इतना छोड़ रही थी कि लंड को कसम से मजा आ गया।

लंड अंदर जाते ही भाभी के चेहरे पर एक संतुष्टि का भाव तैर गया और वह दर्द के साथ ही हल्की सी मुस्करा भी दी।
मैंने एक और झटका दिया और आधे से ज्यादा लंड भाभी की चूत में उतर गया।

इसी के साथ उसकी एक और आह्ह … निकली।
मैंने चूची भींचते हुए तीसरा झटका मारा और पूरा का पूरा लंड जड़ तक भाभी की चूत में उतार दिया।

भाभी को दर्द भी हुआ लेकिन मजा भी मिल गया।
वह बोली- ओह्ह … मिल गया … आह्ह … लंड के बिना चूत कितनी अधूरी है … आह्ह चोद मेरे राजा … चोद अपनी रंडी को … आह्ह। क्या मजा है लंड लेने में … आह्ह … स्स्स … चोद अब रुक मत!

मुझे भी चूत में लंड देकर जन्नत का अहसास मिल रहा था जिसे और ज्यादा बढ़ाने के लिए मैंने चूत में लंड चलाना शुरू कर दिया।
मैंने लंड डाले हुए अपनी स्पीड अब तेज कर दी।

कुछ ही पल बाद मैं भाभी को ऐसे चोद रहा था जैसे पोर्न स्टार चुदाई करता है।
चुदाई में अब मैं भी पूरा मग्न हो चुका था।

उस वक्त का नजारा ऐसा था जैसे भाभी की चूत में सिलाई मशीन की सूई की तरह लौड़ा अंदर-बाहर हो रहा हो।

सिलाई मशीन भले ही कपड़ा सिलाई करती हो लेकिन मेरा लौड़ा भाभी की चूत की बखिया उधेड़ रहा था, और भाभी को इसमें भरपूर मजा मिल रहा था।

भाभी की चूत चुदाई अब पूरे चर्म पर थी।
उसकी सिसकारियां अब और तेज हो गई थीं- आह्ह … चोदो … आह्ह … और जोर से … आह्ह और चोदो … ऊईई … आह्ह मेरी चूत … हाए … मेरे राजा … मेरी चूत … आह्ह!

देसी भाभी की चूत में लौड़ा पेलते हुए मैं उसकी चूचियां पीने लगा।

वह भी मेरे सिर को पकड़ कर चूचियों दबा रही थी।
उसने मेरे चूतड़ों को अपने पैरों से जकड़ लिया था जिससे मुझे झटके लगाने में भी थोड़ी परेशानी हो रही थी।

चूत मारते हुए 20 मिनट गुजर गए और अब मेरा लावा फूटने के करीब आने वाला था।
फिर मैंने स्पीड और भी तेज कर दी।

अब भाभी की चूत में लौड़ा हथौड़े का काम करने लगा।
चूत को अंदर तक ठोकते हुए लौड़ा गहराई तक चोट करके आ रहा था।

भाभी की चूत अब चरमराने लगी थी।
सुनसान खेत में जोर जोर से पट-पट … फट-फट … की आवाज हो रही थी।

एक तरफ मन में हल्का डर भी था कि कहीं किसी को चुदाई की आवाज न सुन जाए।
लेकिन उस वक्त चूत चोदने का आनंद इतना था कि हर खतरा उठाने को तैयार था मैं!

पट-पट … पट-पट … पट-पट की जोर की आवाजें हो रही थीं, और उसी के साथ भाभी की आह्ह आईई … अम्म आह … हए … की सिसकारियां भी मिल गई थीं।
बस 2 मिनट बाद ही मुझे लगने लगा कि अब और नहीं रुक पाऊंगा।

मैं बोला- कहां गिराऊं भाभी … जल्दी बता … छूटने वाला है।
भाभी- आह्ह … चू .. चू … चूचियों पर निकाल दे … आह्ह!
मेरे लिए इस वक्त लंड को चूत से बाहर निकालना बहुत मुश्किल था लेकिन निकालना ही पड़ा।

बाहर आते ही मेरे लंड ने जोर की पिचकारी भाभी की चूचियों में मारनी शुरू कर दी।
झटके देते हुए मैं भाभी की चूचियों में खाली होता चला गया।
फिर एक मिनट के अंदर पूरी तरह से शांत हो गया।

मेरे लंड ने भाभी की ऐसी चूत-पिटाई कर दी थी कि वह इस दौरान 3 बार पानी फेंक चुकी थी।

देसी हॉट भाभी Xxx चुदाई से भाभी और मेरा बदन पूरा पसीने से लथपथ हो चुका था।
हम दोनों ही हांफ रहे थे।

उसकी जांघें चूत रस में पूरी सन चुकी थीं।
मेरे लंड का भी ऐसा ही हाल था … ऊपर से नीचे तक रस में सना हुआ।

मैं बोला- अब आप क्या करोगे?
वो बोली- साले जानवर की तरह मेरी चूत चोद डाली, अब मुझे ‘आप’ कह रहा है!

मैं बोला- तो बता ‘रंडी’ अब क्या करें?
वो फिर उठकर मेरे पास आई और मेरे रस से सने लंड को चाटने लगी।
मैं एक बार फिर से स्वर्ग में पहुंच गया।

भाभी बड़े प्यार से मेरे पूरे लंड को चाट रही थी, ऊपर से नीचे जीभ फिरा रही थी, और नीचे से ऊपर जाते हुए होंठों से भींच भी रही थी।
लंड को ऐसा दुलार करने वाले होंठ इससे पहले नहीं मिले थे।

भाभी की गांड चुदाई करने का मन भी कर गया था मेरा तो!

मैं बोला- भाभी गांड दे दो ना … बहुत मन कर रहा है!
उसने मेरा लंड छोड़कर धक्का देकर मुझे एक तरफ हटाते हुए कहा- धत्त … हरामी … चूत का कबाड़ा कर दिया, अब तुझे पीछे का छेद भी चाहिए … जाने दे मुझे!

मैंने भाभी को फिर से बांहों में भर लिया।
उसकी गांड भींचते हुए होंठों को चूमने लगा, और बोला- दे दो ना भाभी गांड!
वो बोली- नहीं, जाने दे मुझे, कोई आ जाएगा। जल्दी हट परे … साड़ी ठीक कर लूं।

भाभी ने जल्दी से अपना ब्लाउज बंद किया।
फिर उसने कच्छी पहन कर साड़ी भी ठीक कर ली।
पल्लू को अच्छे से ओढ़कर वो जल्दी से खेत से बाहर निकलने लगी।

मैंने एकदम से कहा- नाम तो बताती जाओ भाभी!
वो बोली- दीपिका!
इतना कहकर वो कातिलाना मुस्कान के साथ खेत से बाहर निकल गई।

मैं भी पीछे-पीछे बाहर निकला … देखा तो भाभी टांगें चौड़ी किए जा रही थी जैसे कई लौड़ों से चूत चुदवाकर आई हो।
मेरे लंड में अभी भी भाभी की चुदाई के लिए एक कसक सी रह गई थी।

तो दोस्तो, इस तरह से मैंने अरहर के खेत में चुदासी भाभी की चूत मारी।
भाभी की चुदाई में मुझे तो बहुत मजा आया।
 
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