superb bro.... very good goingUpdated 9
सिटी के लैंप पोस्ट जग उठे थे …… लेकिन नगर सुनसान हो रहे थे …।।अकसर ऐसी बर्फ़ीली सेहर में लग खा पि के जल्दी सो जाते हे ……।।शान आज दोस्तों के एकत्रित जश्न माना के आया ऐसी ही किसी ख़ुशी में जो वो लग हर छोटी छोटी ख़ुशी में मनाते हे ……
शान कैब से चौराहे में उतर कर पेडल ही अपनी घर जा रहा था …… कार से उतारते ही ठण्ड में जम गए …।। उसने बस एक जर्सी पहन रखा था उसके हाथ में जैकेट था जो कैब में उसने पेहना नही था …… लेकिन अब पहन लिया गुलबंद को आधा मुँह धक् के लपेट लिया और ऊंन के टोपी पहले से जी पहन रखा था उसने ……
वोह पैदल चल के ५ मिनट में घर पोहोच गया …।।उसने देखा गेट में तेनात गॉर्ड भी कम्बल ओढ़ के सो रहे हे होलिका बुज रहा हे धीरे धीरे ……।
वोह बिना आवाज किये सावधाणी से भब्य दुवार के छोटा सा पल्ला खोला और अंदर आ गया फिर घर की तरफ गया …… उसने बेल बजाना चाहा लेकिन मोबाइल में समय देख के सोचा……" ११ बजे हे …। आज तो मॉम भी नही छोड़ेगी …।। डैडी तो सायेद सुली पे लटका दे …।। मॉम तो मेरा इंतेज़ार कर रही होगी वो नही सोयी होगी …।। एक काम करता हूँ आज भी चिढिया लगा के खिड़की चढ़ता हूँ फिर कमरे से निकल के मॉम को झांसा दे के उनके साथ दो दो घुट लगा लूंगा…"
शान अपना कमरा जिस तरफ पड़ता हे घर के उसी तरफ गया और चिढिया लगा दिया अपनी खिड़की पे और बन्दर की तरह चढ़ने लगा………।। लेकिन कोई दो आँख थे जो उसको ये सब हरकतें करते हुए देख रहा था या देख रही थी और सबक सिखाने के लिए पूरी तरह से तैयार था या थी………।।
जेसे ही शान ने खिड़की की चीचा ऊपर उठाया और मुंडी अंदर कर दी …किसी पीतल की चीज़ से उसके शिर पर टाँग कर के मार पड़ा …।।
शान उस ठण्ड में कराहते हुए खिड़की से लुड़कते हुए कमरे के अंदर गिर पड़ा ……।उसे छोट तो लगी थी लेकिन इतना भी नही की वो बेहोश हो जाये या यकायक मृत्यु हो जाये ……
" bustard ! steals by entering people's house……आज में तुझे जिन्दा गढ़ दूंगी …।।चोर साले "
शान हताभंब था जैसे बिद्युत धरा दिमाग में असर कर गया हो " मेरे कमरे में ये हे कौन जो मेरे ही शिर फोड़ कर मुझे चोर बोल रहा हे "
शान के शयनागार में बस मंद प्रकाश जल रही थी …। शान दर्द सेहते हुए खड़ा हो गया और एक पल के लिए वो थम सा गया ……
उसके सामने पीतल का भाण्ड ले के एक लड़की खड़ी थी ....परी जो स्वर्ग से उतर आई हो ……बिखरे सुनहरे बाल जो उसकी ग़ुस्से के कारन थी , तीखी नाक ग़ुस्से में सिकुड़ रही थी नागिन की तरह , ग़ुस्से में भी उसकी कजरारी कालि आँखे तिम टीमाती टारे जैसे लग रही थी "
शान उसकी मासूमीयत देख के लगा की ये खतरे की बला नही हे और वो शांत हो के बोलै " hey you , who the hell are you ? मेरे कमरे में क्या कर रही हो …।"
लड़की उसको पीटने फिर आगे आई शान फुर्ति दिखा के एक हाथ से भाण्ड पकड़ के खुद को बचाया और एक हाथ से उस नाजुक कलाई पकड़ लिया…।।इस चेष्टा में उसकी गुलबंद निचे चड़का जिस्से उसका चेहरा डिम लाइट की हलकी रौशनी में दिखाई पड़ रही थी …।।
लड़की फड़फड़ा रही थी शान की मज़बूद पकड़ से चुट्ने के लिए लेकिन जैसे ही उसने शान का चेहरा देखा और दीवार की तरफ लगी पेंटिंग में देखा तो वो थोरी देर सोच में पड़ गयी ……कमरे में शान का पेंटिंग लगा था जो उसकी कलाकार मॉम ने बनाई थी …।।
लड़की ने जब शान को पेहचाना और हिहि कर के हास् पड़ी " शान भैया तुम हो "
शान हैरांन था …। सोकोश में भरमाने आँखे से देखना लगा " कौन हो तुम ……"
लड़की की मुस्कान और फैल गयी ……" में हूँ भैया में तृप्ति "
शान ने उसे छोड़ दिया कदम पीछे लेते हुए गहरी उहापोह में होठो पे ऊँगली धुमते हुए मन में बोलने लगे " कही ये मासी की बेटी टिकली तो नही "
तृप्ति बोलि …।।" अरे भैया भूल गए …। आई एम टिकली …।। टिकली टिकली …।।"
शान हॅसने लगा …।" टिकली तुम यहा …… मतलब कुछ समझा नही …। तुम तुम तुम तुम मेरे कमरे में "
तृप्ति ऊचल पड़ी …।" surprise …..We just came from America today………में सोच रही थी जब आप घर पर आएंगे तब में आपको सरप्राइज दूंगी but you surprise me………।"
शान अब भी उलझन में था …।।" अच्छा …। ओके…।। तुम लग आज ही अमेरिका से आये हो मेरे घर पे और मेरे शिर पे ये पीतल का भाण्ड दे मरती हो "
तृप्ति ……" oh sorry so sorry' भैया …… मैंने आपको खिड़की से देखा था चोरी छुपे आते हुए मुझे लगा आप कोई चोर घुस्पेठिये हो "
शान को अब सब समझ में आ गया माज़रा क्या हे …।।लकिन तृप्ति उसके कमरे क्यों हे …। घर में और भी कमरा खाली पड़ा हे तो ये मेरे कमरे में क्यों हे …।
शान……।" लेकिन टिकली तुम मेरे कमरे में क्या कर रही हो "
तृप्ति …।" this is your room….…?।। पर ऑन्टी ने मुझे यहा रेहने को कहा तो में सामान ले के sift हो गयी "
शान तृप्ति को देख के उसे कुछ बचपन की याद आ गया जिस्से याद कर मुस्कुराने लगा ……" तुम तो यार वही १० साल पुराणी छोटी सी तिलकी हो दुबली पतली बस किसिने ने स्विंगम की तरह खिंच दिया लम्बी कर के …। ५ फुट की तो हो गयी होगी न "
तृप्ति बुरी तरह बिशभ गयी …।।" शान भैया …।I am 5 feet 2 inches……अब बड़ी हो गयी हूँ …।। आते ही चिढना शुरू कर दिए तुम …। काल सुबह आंटी से पिटवाउंगी देखना "
शान अपनी हासी रोक नही पा रहा था और तृप्ति चिढ़ती हुई बिलकुल किसी गुड़िया लग रही थी ……।।
शान ……।" वैसे अमेरिका में रहते हुए भी हिंदी अच्छी बोल लेती हो ………मैंने सुना था तुम लोग बैंक से लोन ले के भाग गए थे "
तृप्ति और ज़्यादा चिढ गयी ……" शान भैया………।। अब तुम हद पार कर रहे हो …।। लोन लिया था पापा ने और चूका भी दिया हे …।"
शान …।।" अच्छा ……लेकिन अब भी तुम्हारा नाक बहती हे न "
तृप्ति मुस्कुरा भी रही थी और चिढ भी रही थी ……तभी दरवाज़े पे नॉक हुई …।।
शान चुप रेहने का इसरा किया तृप्ति को दरवाज़ा न खोलने को फुसफुसाने लगा लेकिन तृप्ति अब बदला लेने की मूड में थी और उसने दरवाज़ा खोल दी …।।
एक गरजती हुई शेरनी दरवाज़े के चौखड़ पे बाजु टीका के खड़ी हो गयी और शान को देख के आईब्रो नचाती हुए पूछने लगी …।।
तृप्ति ……।" देखो न आंटी शान भैया मुझे चिढ़ा रहा हे "
रीना ……" हां में सब सुन रही थी बहार ……। और नालायक तुझे क्या लगा तू बार बार चिढिया लगा के अंदर घुसेगा और मुझे पता नही चलेगा "
शान……" मॉम …। ये मेरे कमरे क्या रही हे "
रीना …।।" हाँ टिकली तुम यहा क्या कर रही हो "
टरीपति…।।" क्या आंटी आपने ही इस रूम में मुझे सिफ्ट्ट होने को बोले थे "
रीना उसकी शिर पर तपली मार के बोलि " गाधी इस रूम में नही इसके बगल वाले रूम में बोला था …।। लगता है तूने गलत सुना हे …।।" खेर इतनी रात को सामान उठाने की ज़रूरत नही ये बन्दर दूसरे रूम में जायेगा …।।चल बन्दर तेरी खेर नही आज "
शान अपनी मॉम के साथ तृप्ति को गुड नाईट बोल के बगल वाले कमरे में गया ……।रीना उसके कान मोडोड़ने लगी ……
रीना……।" नालायक …।।You promised to come home before 9 o'clock……।।रुक काल सुबह तेरे डैडी को बताता हूँ …।
शान मस्खरी चित्तबृत्ति में आ गया जो वो अपनी मॉम को बेहलाने फुस्लाने के लिए हमेसा करता था …… अपनी बाहे कमर में दाल के गाल चूम के बोलै " प्लीज अब गुस्सा छोड़ो ना…।। पक्का अगली बार ऐसा नही होगा …… क्यों न रम का एक एक जाम हो जाये …।।आज बोबोट ठण्ड हे "
रीना मुस्कुरा उठी ……" बढ़मास ……चलो फिर बार में अँगीठी में आग भी टापेंगे "
दोनो लाउन्ज बार में आ गए और रम पिटे हुए कड़कड़ाती ठण्ड मिटाने के लिए हाथ भी सक्ने लगे फायरप्लेस में ……
Thanks for your previous feedbacksuperb bro.... very good going
Thanks for your precious feedback mahaday ........... thanks support ke liyeShan ne kaka ki purani love story ka kahani sun liya aur unko apne liye kahani likhne k liye raaji bhi kara liya..
Sayad Tikli hi kahani ka heroine hogi Tikli is innocent and cutie.shan aur Tikli is jodi jamegi
Abhinandan aapka sir ji...........8 wa adhyay...
jab kisi se prem hota hain toh har mausam suhana lagta hain.. har dhwani surili lagti hain.. vastawik duniya se kat ke premi joda ek apni duniya mein jeene lagte hain... lekin hakeekat bas chand kadam door hi paon pasare baitha hota hain... rabha kant baishya... ek jaana mana naam... jisne prerna dee.. jisne likhne kee lalak jagayee...
jab wahee chali gayee toh phir,, yeh khokhla dil ab kiske geet gaye... wo pagal premi ashque... aawara ban gaya... aaj gumnani mein jee raha hain... yeh jaat-paat ke naam pe toh kai prem kahanio kee bali chadh gayee.. wo insan aaj bhi utna hi dard dil mein liye jee raha hain...
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adhuri prem kahani shrota ke dil mein hi bhi kasak chhor jaati hain.. har sunne wala chahta hain kee kaas wo dono ek ho jaate hain.. unhe wo premi joda bhi apna sa lagta hain... jis kisi ne bhi prem kiya hain usne milan bichhoh ka dard jana hain... wo nahin chahta yeh dard se koi gujre...
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suni toh usne ek kahani lekin khoj liya apne game ka lekhak... lekin kya kaka aaj ke jamane ke bachho ke liye likh payenge... shaan ne bharosa toh jata diya lekin,,, ek lekhak ko likhne ke liye ek prerna kee aavashyakta hoti hain wo kahan se dhudhenge kaka...
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Shukriya sirji hone ko koun taal sakta he bhala ...........shaan ke kismat me yehi hona ilkha tha....... thank you sirj ji9 wa adhyay...
aati uttam,, iss thandi mein sir pe tikli ne tapli maari,,, wo toh bhala ho kee vastu jyada wajandaar na thee,, nahin toh ho jana tha happy birthday londe ka... maasi kee beti, dubli patli si,,, america se siddha kudi maar ke iske kamre mein... chulbuli,, shararti,, bilkul kisi pyari natkhat chhoti behen kee tarah..
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maa se toh bach bhi jata lekin tikli se na bach paya... umar badh gayee hain aur uski khoobshoorati ne ussko mohit bhi kar diya... jisse bachpan mein dekha tha aaj wo larakpan paar kar ke aayee hain milne.., nayee kirdar nayee urja.. kya yahee hain hamari kahani kee naayika... behrahaal wo rum tika ke sone jaa rahe hain,, ab iss thandi mein toh ek do tikana banta hain boss...
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cute update... dil ko gudgudane wala...