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मेरा अपडेट छोटा होने का दो कारण है
1-मैं अपने लैपटॉप या कंप्यूटर से नहीं बल्कि मोबाइल से पोस्ट करता हूं।
2-अपडेट को पहले से सोचकर नहीं लगता है बल्कि लिखते समय उसे सोचता हूं और पोस्ट करता हूं।
भारत आने के बाद सूरज सबसे पहले अपने घर जाता है ,जहां उसका भाई और पिता उसका इंतजार कर रहे थे ।सूरज की मां की मौत कुछ साल पहले किसी हादसे में मौत हो गई थी। सूरज घर जाकर सबसे मिलता है और थोड़ी देर आराम करने के लिए अपने कमरे में चला जाता।
दूसरे दूसरे दिन वह सुबह उठकर जिम जाता है और कसरत करता है। उसके बाद तैयार होकर नीचे भोजन पर आता है जहां देव और संजय पहले से ही थे।
संजय-और बरखुरदार आगे का क्या प्लान है।
सूरज-पापा पहले तो भैया के साथ शहर घूम लूंगा , उसके बाद यहां के किसी अच्छे कॉलेज में एडमिशन लूंगा।
देव-हां क्यों नहीं मैं तुम्हें इस शहर को अच्छी तरह से सर करवा दूंगा और जहां तक एडमिशन का सवाल मैं खुद तुम्हारे लिए कॉलेज सेलेक्ट करूंगा।
सूरज-यह तो बहुत अच्छी बात है भैया।
कुछ कुछ दिनों के बाद देव सूरज को उस शहर के एक अच्छे कॉलेज का नाम बताता है ,जहां सूरज एडमिशन व अपने कांटेक्ट से ही करता रहता है।
सूरज को पता चलता है कि 10 दिन के बाद उसका कॉलेज स्टार्ट होने वाला है इसलिए वह सबसे पहले कॉलेज के सामान का मार्केटिंग करते हैं और फिर कुछ दिन अपने पिता और भाई के साथ खुशी से बिताता है।
कॉलेज के कुछ नियम के अनुसार प्रत्येक विद्यार्थी को कॉलेज हॉस्टल में ही रहना पड़ता है ।जिस कारण सूरज की अपने घर पर ना रुक कर हॉस्टल आ जाता है। जब वह हॉस्टल पहुंचता है तो वार्डन उसे उसका रूम दिखाते हैं, जहां 3 विद्यार्थी पहले से ही थे (इनका इस कहानी में कोई योगदान नहीं है)। सब से मिलने के बाद सूरज रूम में अपना सामान सेट करता है और फिर कॉलेज कैंपस घूमने निकल जाता है।
2 दिनों के बाद जब कॉलेज स्टार्ट होता है तो वह चारों सुबह-सुबह तैयार होकर सही टाइम से कॉलेज के लिए निकल जाते हैं। लेकिन जब कॉलेज पहुंचते हैं तो उन्हें पता चलता है किस कॉलेज में रैगिंग भी होती है। सूरज के दोस्तों को मुर्गा बनाया जाता है तथा सूरज से डांस करवाया जाता है। सूरज इसे मजाक में लेता है और डांस कर देता है। उसके बाद यह लोग कलास की तरफ पर जाते हैं, लेकिन जब यह आगे बढ़ते हैं तो इनका ध्यान एक दूसरे ग्रुप की तरफ जाता है। जहां वे एक लड़की का रैगिंग ले रहे थे। सूरज को लड़की थोड़ी परेशान दिख रही थी। जब सूरज वहां जाता है तो उसे पता चलता है कि वे लोग उस लड़की को कह रहे थे कि उसे उनके बॉस को किस करना पड़ेगा, जिसके लिए लड़की मना कर रही थी। सूरज जब लड़की को ध्यान से देखता है तो उसे पता चलता है कि यह राधा है। इस पर सूरज को बहुत गुस्सा आता है और वह उन ग्रुप के लड़कों की पिटाई करता है और राधा को लेकर क्लास की तरफ बढ़ जाता है।
सूरज -तो तुम इसी कॉलेज में पढ़ती है।
राधा-बचाने के लिए शुक्रिया लेकिन मैं कहीं भी पर उससे तुम्हें क्या दिक्कत
सूरज- अरे तुम तो बुरा मान गई, मैं तो यूं ही पूछ रहा था चलो कोई बात नहीं अब कॉलेज में पढ़ते हैं तो मिलना जुलना लगा ही रहेगा।
राधा-वैसे तुम किस विषय से हो।
सूरज -मैं साइंस से हूं और तुम?
राधा - मैं भी साइंस से
फिर उसके बाद दोनों अपने कक्षा में चले जाते हैं और वहां सूरज राधा से उसका नंबर भी मांग लेता। राधा भी बिना किसी परेशानी के सपना नंबर दे देती है क्योंकि उसने उसकी दो दो बार मदद की थी।
(राधा सोचती है लड़का बुरा नहीं है फिर भी कुछ दिन दिखती हूं)
उसके बाद वे दोनों अच्छे दोस्त बन जाते हैं और धीरे-धीरे समय बीतने लगता है। एक दिन सूरज सोचता है कि अब राधा को प्रपोज करना चाहिए और वह राधा के जन्मदिन पर उसे प्रपोज कर देता है और राधा भी मना नहीं कर पाती हैं। धीरे धीरे इनके प्यार की कहानी पूरे कॉलेज में फैल जाते हैं। कहते हैं समय का किसी के लिए नहीं रुकता है हमेशा बीटता जाता है। अब इनके फाइनल एग्जाम का समय आ गया था और यह दोनों अच्छे से एग्जाम देते हैं फिर राधा सूरज को अपना पता बताती है और उसे आने के लिए कहती है।
घर आने के कुछ दिनों के बाद 1 दिन ब्रेकफास्ट के समय
सूरज- पापा मुझे कुछ दिनों के लिए हिमाचल प्रांत घूमना है।
संजय -ठीक है तुम अपने भैया के साथ चले जाओ।
देव-मुझे माफ करिएगा लेकिन मुझे बिजनेस के कुछ काम के लिए बाहर जाना है।
सूरज -मैं अब बच्चा नहीं हूं मैं अकेले भी जा सकता हूं ।
संजय-ठीक है चले जाना वैसे कब तक जाना है। सूरज- बस कल ही निकलना है।
संजय और देव-ठीक है अच्छे से जाना।
दूसरे दिन सूरज तैयार होकर हिमाचल प्रांत के लिए अपने घर से निकल जाता है ,लेकिन उसे राधा के घर तक जाने के लिए 4 किलोमीटर का दूरी पैदल चलना पड़ता है। रास्ते में उसे एक युवक पहाड़ पर लटका हुआ दिखाई देता है तो वह उसे बचाता है।
युवक - शुक्रिया जो तुमने मेरी सहायता की, वैसे मैंने तुम्हें यहां पहले कभी नहीं देखा?
सूरज-मैं यहां नया हूं वैसे आप कौन हैं।
युवक-मैं इस प्रांत के राजा विजय सिंह का बेटा देवा सिंह।
सूरज- आपसे मिलकर बहुत खुशी हुई वैसे मुझे भी वही जाना है क्या आप मुझे वहां तक छोड़ सकते हैं?
देवा- हां हां क्यों नहीं ।वैसे आप वहां का किसके यहां रुके हैं ?
सूरज- मैं वहां घूमने जा रहा हूं और वही किसी होटल में रुक जाऊंगा।
देवा -आप परेशान मत होइए आप हमारे साथ हमारे राजमहल में ही रुक जाइएगा।
उसके उसके बाद देवा और सूरज राजमहल की ओर निकल जाते हैं। देवा ने सूरज का परिचय अपने पिता से करवाया और उसे राजमहल में रुकने के लिए एक कमरा दिया। सूरज कॉल कर राधा को मिलने के लिए एक बगीचे में बुलाता है।
राधा- मुझे तुम्हारी बहुत याद आती थी क्या तुम्हें मेरी याद नहीं आती थी।
सूरज-मैंने इतने दिन तुम्हारे बिना कैसे बिताएं यह मुझे नहीं पता है।
इसी तरह प्यार भरी बातों में दिन बीतने लगते हैं,और राज दरबार में सूरज को भी एक स्थान प्राप्त होता है क्योंकि उसने होने वाले महाराज की जान बचाई थी। एक दिन सेनापति रतन सिंह जब सूरज से मिलने के लिए के लिए उसके कमरे में जाता है तो उसे सूरज के हाथ पर एक त्रिशूल का निशान दिखाई देता है वह सूरज से इस निशान के बारे में पूछता है।