हम दोनो एक दूसरे को देखे जा रहे थे। तभी रवि भाई बोले मनीष क्या हुआ? मै अंदर आ रहा हु। रामली भाभी झट से खड़ी होकर अपने कपड़े लेकर झोपड़े मे रखे अनाज के पीछे चुप गयी। मुझे लगा आज पहली बार चूत मिली और लगता है चूत के बदले गांड देनी पड़ जाएगी। मुझे कुछ नही सुझा तो मै वैसे हि नंगा खड़ा अपना लंड हिलाने लगा। रवि भाई जैसे हि अंदर आये मुझे नंगा देखकर चौंक गये और बोले ये तु क्या कर रहा है। मेने भी रवि भाई की आवाज सुनते हि चोंकने की एक्टिंग की और जल्दी से खाट की दरी उठाकर खुद को ढक लिया। इससे मै भी ढक गया और भाभी की चूत का खून भी भाई देख नही पाया। रवि भाई : ये क्या कर रहा था तु मनीष? और वो औरत कहा है जिसकी आह मेने सुनी थी?
मै (डरते हुए) : भाई यहां तो केवल मै हु और कोई नही है। आहे तो मेरी हि निकल रही थी।
रवि भाई : पर तु ये कर क्या रहा है और क्यो?
मै : भाई वो पता हि नही चला इच्छा हुई करने लगा और फिर मजा आने लगा। पर भाई मुझे माफ़ कर दो आज के बाद नही करूंगा, आप मम्मी को मत बताना।
रवि भाई : ठीक है नही बताऊंगा पर तु थोड़ा कंट्रोल कर। लगता है काकी से तेरी शादी के लिए खना पड़ेगा। मै बीज ले आया हु। खेत मे अभी थोड़े डाल देता हु। बाकी कल सुबह तु आ जन्मिलकर डाल देंगे। अभी तु घर जा।
मै : ठीक है भाई पर आप मम्मी को पक्का मत बताना।
ठीक है बोलते हुए रवि भाई खेत मे चले गये। अब जाकर मेरी सांस मे सांस आयी। मैने भाभी को भी आवाज़ दी तो वो भी आगे आ गयी। अभी तक भाभी बिल्कुल नंगी हि थी। 36 के भारी भरकम बोबे, 40 की फेल हुयी गांड, गदराया जिस्म पूरा पसीने मे लथपथ। इतना सेक्सी और कमाल का बदन की लुल्ली एक बार मे हि अकड़ के लंड बन गयी। भाभी ने भी चैन की सांस ली और जैसे हि मेरी तरफ पलटकर देखा उनकी आँखे चौड़ी हो गयी। मेरा लंड तन कर खड़ा था। भाभी बोली अभी तो मरते मरते बचे है और देवरजी आपका लंड तो फिर से तन कर खड़ा हो गया। मेने कहा भाभी आप हो हि इतनी जबरदस्त की मुर्दे का लंड भी खड़ा हो जाये। भाभी एक बार और करने दो ना। भाभी ने गुस्से मे आँखे दिखाते हुए कहा देवरजी क्या कह रहे हो। अभी तो बस गलती से बचे है। वो भी है भी खेत मे और आप फिर से चढ़ने को तैयार हो। मेने कहा भाभी जल्दी हि हो जायेगा। भाई तो अभी खेत मे बीज डालने मे लगे है। उनको टाइम लगेगा। भाभी एक कातिल मुस्कान देती हुयी बोली सही है मेरे पतिदेव आपके खेत मे बीज डाल रहे है और आप उनके खेत मे बीज डालने की बात कर रहे हो, वाह। मै भी एक मुस्कान के साथ भाभी को पीछे से बाहों मे लेकर बोला तो डलवा लो ना भाभी। क्यू सता रही हो। भाभी मेरी तरफ देखकर आगे की तरफ झुक गई जिससे अब वो घोड़ी की पोजीशन मे आ गयी। उनकी फ़टी हुयी चूत मेरे सामने थी जिसे मेने हि थोड़ी देर पहले बुरी तरह चोद कर फाड़ा था। मेने देर ना करते हुए भाभी की चूत पर अपना मोटा लम्बा लंड सेट किया और एक शॉट मे हि पूरा पेल दिया। भाभी की हालत जल बिन मछली जैसी हो गयी बिचारी चिल्ला भी नही सकती थी। बस लंड की मार अपनी चूत मे सहने लगी। मै लगातारह् धक्के पर धक्के मराकर भाभी को चोदने लगा। मेने थोड़ा आगे झुक कर भाभी के मोटे बोबे पकड़े और पीछे से उनकी चूत मे शॉट लगाने लगा। अब भाभी को भी मजा आने लगा। वो भी गांड हिला हिलाकर चुदने लगी। मै भी इस चुदाई को जल्द पूरी करना चाहता था इसीलिए मै ताबड़तोड़ धक्के मरने लगा। भाभी भी मेरा पूरा साथ देने लगी। 10 मिनट लगातार जबरदस्त चुदाई मे हि मै अपने चरम पर पहुंच गया। मै भाभी से बोला लो भाभी मै भी रवि भाई के खेत मे बीज बोने को तैयार हु। और ये कहते हुए मेने पूरा लंड भाभी की चूत से बाहर निकला और एक हि झटके मे जड़ तक पेल दिया और अपना बीज सीधा उनकी कोख मे डालने लगा। मेरे गरम पानी को अपनी चूत मे महसूस करते हि भाभी से भी अपनी दरिया बहा दी। मेने जब तक लास्ट बूँद भाभी की चूत मे ना टपकी तब तक अपना लंड पूरा जड़ तक भाभी की चूत मे गुसाए रखा। जब मै झड़कर थक गया तो खाट पर गिर पड़ा। आज मेरी पहली चुदाई थी और उसमे हि 3 राउंड ले लिए तो मेरी तो हालत भाभी से भी खराब हो गयी। भाभी ने अपने कपड़े पहने और जाते हुए मेरे सोये लंड पर थपकी मारते हुए बोली कल दोगुने जोश के साथ तैयार रहना। मेने आँखे खोलकर भाभी के चेहरे की और देखा तो भाभी एक कातिल मुस्कान देकर चली गयी। मै वही सो गया। जब रवि भाई का काम पूरा हुआ तब आकर उन्होंने मुझे उठाया और हम अपने अपने घर चले गये।