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Romance DharmPatni

Love4yummy

Love is goal and sex is the key
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घर पर माँ मेरा इंतजार कर रही थी। जाते हि बोली आज तो काफी समय लग गया तुझे खेत मे। मेने कहा हाँ माँ वो रवि भाई बीज लेने शहर गये थे तो उनके आने के बाद हि आया। माँ जल्दी से खाना दो सुबह जल्दी खेत मे जाना है। खेत मे बीज बोने है। माँ ने मेरे सिर पर हाथ फिराया और प्यार से बोली मेरे राजा बेटा बहुत मेहनत कर रहा है। चल जल्दी से हाथ मुह धो ले, मै खाना लगाती हू। मै हाथ मुह धोकर आया और खाना खाकर वही पास पड़ी खाट पर लेट गया। दिन की चुदाई की थकान के कारण लेटते हि मुझे नींद आ गयी। सुबह माँ ने मुझे उठाया। मै उठा नहाया और खाना लेकर खेत आ गया। रवि भाई खेत पर पहले से थे। हमने मिलकर खेतो मे बीज बो दिये। थोड़ी देर बाद रामली भाभी भी गांड मटकाती और बोबे हिलाती वहा आ गयी। उन्हे देखते हि मेरा लंड उनको सलामी देने लगा। रामली भाभी ने हरे रंग का घाघरा, लुगड़ी और पीले रंग का ब्लाउज पहन रखा था। घाघरा नाभि से काफी नीचे बाँध रखा था। गड़राये पेट के बीचो बीच गहरी फैली हुयी नाभि किसी को भी पलभर मे निगलने को तैयार थी। मादक यौवन से लबालब भरी भाभी को ना जाने रोज़ रात को सपनो मे कितने लंड से चोदते होंगे। ब्लाउज भाभी के पूरे बोबो को ढकने मे नाकाम था। आधे बोबे बाहर निकलकर मेरे लंड को चिड़ा रहे थे। भाभी ने आते हि मुझे आँख मारी और एक कातिल मुस्कान देकर खेतो मे काम करने चाली गयी। मै झोपड़े के पास खाट पर बैठा उन्हे काम करता हुआ देखने लगा। हर गुज़रते पल के साथ मेरा लंड और बेचैन होने लगा। मै बस इंतजार मे था की कब मुझे मोका मिले और मै भाभी को पेल दूँ । दिन मे भाई भाभी खाना खाने बैठे तो भाभी ने मुझे भी बुलाया। हमने मिलकर खाना खाया। फिर रवि भाई थोड़ा सुस्ताने लगे और वही खेत मे बने ऊँचे खाट पर चढ़ कर लेट गये। मेने भाभी को झोपड़े मे आने का इशारा किया। भाभी ने मुझे वहा थोड़ा इंतजार करने को बोला। मै झोपड़े मे आकर इंतजार करने लगा। थोड़ी देर बाद रामली भाभी झोपड़े मे आ गयी। मै आते हि उन पर टूट पड़ा। उनको चूमने लगा और उनके बोबे दबाने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी। उन्होंने मेरी लूंगी मे हाथ डालकर मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी। मेने झट से भाभी के ब्लाउज के बटन खोल दिये। अब भाभी के मोटे भारी बोबे मेरे सामने नंगे झूलने लगे। मेने आगे बढ़कर उन्हे अपने हाथो मे भर लिया। उन्हे दबाने लगा। चूसने लगा। भाभी भी आहे भरती हुयी मेरे लंड को तेज़ हिलाने लगी। अब मुझे भाभी की चूत चाहिए थी। मेने भाभी का घाघरा खोल दिया और भाभी को खाट पर लेटा दिया। अब भाभी की दोनो टांगो को उठाकर मै उनके बिच आ गया और अपना लंड भाभी की चूत पर सेट कर दिया। मेने भाभी की आँखों मे देखते हुए एक झटका दिया और आधा लंड उनकी प्यारी चूत मे पेल दिया। भाभी चीख पड़ी देवरजी जानवर की तरह क्यू डालते हो आराम से डालो ना, दर्द होता है। मेने चूत मे धक्के लगाते हुए कहा भाभी तुम्हारी चूत है हि ऐसी की मन करता है बेरहमी से चोद चोद कर भोसड़ा बना दूँ। भाभी बोली देवर जी भोसड़ा तो आपने कल हि बना दिया था। रात को बड़ी मुश्किल से आपके भाई को चढ़ने से रोका नही तो उन्हे पल भर मे पता लग जाता की उनकी लुगाई किसी और से चुद गयी। भाभी की बात सुनते हुए मेने लंड पूरा बाहर निकाला और एक धक्के मे हि भाभी की चूत मे पूरा लंड पेल दिया। भाभी बुरी तरह तड़प उठी। उनकी आँखों मे आंसु आ गये। चीखे निकलने लगी। भाभी तड़प रही थी पर कुछ कर नही सकती थी। बस रोते तड़पते अपनी चूत मेरे लंड से कुटवाने लगी। मै भी जमकर पूरा लंड अंदर बाहर करके भाभी की चूत पेलने लगा। अब भाभी को भी मजा आने लगा। भाभी बोली देवर जी कितने बुरे हो आप की आदमी बिचारा बाहर आपके खेतो की देखभाल कर रहा है और आप झोपड़े मे उसकी लुगाई को जानवरों की तरह चोद रहे हो। ये सुनकर मै और ज्यादा ताकत के साथ भाभी की चूत मे लंड पेलने लगा। भाभी आहे भरने लगी आआआआह्ह्हह्ह्ह्ह देवर जी धीरे डालो जान लोगे क्या आआआह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह घोड़े का लंड लगवा रखा है आपने और सांड जैसे चोद रहे हो। पूरे जानवर हो आप तो। हाय मैया मर गयी। आआआआह्ह्हह्ह्ह्हह्ह सुनो जी जल्दी आकर देखो इस जानवर ने आपकी बीवी की चूत फाड़कर भोसड़ा बना दिया। आआआआह्ह्हह्ह्ह्ह अरे सुन लो आकर बचा लो मुझे। भाभी की ये बाते मेरे जोश को और बढ़ाने लगी। मै और ज्यादा ताकत और स्पीड के साथ भाभी को चोदने लगा। भाभी का शरीर अकड़ने लगा। भाभी बोली देवर जी मै तो गयी और तेज़ करो फाड़ दो इस बोराई चूत को। अपने मूसल लंड से आज कूट कूट कर चटनी बना दो इसकी। मै भी पूरे जोश मे ताबड़तोड़ धक्के मारकर भाभी को चोदने लगा। अब मेरा भी पानी निकलने वाला था तो मेने स्पीड और बड़ा दी। अब भाभी की चीखे और तेज़ हो गयी। तभी झोपड़े का गेट खुला और कोई अंदर आकर खड़ा हमे देखने लगा पर अभी हम दोनो अपने चरम पर पहुंच रहे थे तो हमने उस तरफ कोई ध्यान ना देकर अपनी भयंकर चुदाई चालू रखी। अगले 2-3 धक्को के बाद हम दोनो चीखते हुए झड़ने लगे। मेने पूरा वीर्य भाभी की फ़टी चूत की गहराइयों मे डाल दिया। भाभी ने भी अपना पानी बहा दिया। अब हम दोनो को आवाज़ सुनाई दी ये तुम दोनो क्या कर रहे हो। ये आवाज़ रवि भाई की तो नही थी क्योकि ये किसी औरत की आवाज़ थी। पर अगले हि पल हमारी गांड फटकर हाथ मे आ गयी क्योकि ये माँ की आवाज़ थी। हम जल्दी से उठे और भाभी अपने कपड़े ऊठाकर अनाज के पीछे चली गयी और अपने कपड़े पहनकर बाहर भाग गयी। मैने जल्दी से अपनी लूंगी लपेट ली और नीचे गर्दन झुकाये खड़ा रहा। माँ ने हाथ उठाकर मेरे गाल पर एक थप्पड़ मारा और वहा से चली गयी। मै भी अपने कपड़े ठीक करके माँ के पीछे भागा। मै घर पहुँचा तो देखा माँ के कमरे का दरवाजा बंद था। अंदर से माँ के रोने की आवाज़ आ रही थी। मेने दरवाजा बजाया पर माँ ने दरवाजा नही खोला। मेने माँ को पुकारा पर माँ ने फिर भी दरवाजा नही खोला। मै माँ से बार बार माफी माँगने लगा और रोने लगा। कुछ देर बाद माँ बाहर आयी तो उनकी आँखे सुजी हुयी थी। वो सीधा रसोई मे जाने लगी। मेने उनके पाँव पकड़ लिए और रोते रोते उनसे माफी माँगने लगा। माँ बोली माफी क्यू मांग रहा है जा कर ले अय्याशी तु तो। बस मुझसे बात मत कर। आज से तेरी कोई माँ नही है। ये सुनते हि मै और तेज़ रोने लगा माँ ऐसा मत बोलो मै मर जाऊंगा। मेरा तेरे बिना कों है माँ । माँ मुझे माफ़ कर दो आज के बाद मै कभी ऐसा कुछ नही करूंगा। माँ मुझे इक बार माफ़ कर दो। माँ ने कोई जवाब नही दिया और रसोई मे से पानी लेकर फिर से अपने कमरे मे चाली गयी। मै वही रोता हुआ माँ से माफी मांगता रहा। रोते रोते वही पता नही कब मुझे नींद आ गयी। शाम को माँ ने जब दरवाजा खोला तो मुझे वही दरवाजे पर हि सोते देखा तो अब माँ का दिल थोड़ा पसीज गया। माँ ने मेरे सिर पर हाथ फेरा और फिर खाना बनाने चाली गयी। खाना बनाकर माँ ने मुझे उठाया और खाना खाने के लिए कहा। मै उठते हि फिर से माँ से माफ़ी माँगने लगा। माँ ने कहा ठीक है हम इस बारे मे बाद मे बात करेंगे पहले तु खाना खा ले। हमने खाना खाया फिर माँ ने कहा मै तुझे केवल एक हि शर्त पर माफ करूंगी की तु वादा करे की तु किसी भी औरत के साथ ऐसा कुछ नही करेगा। मै तेरे मामा से बात करके जल्द हि तेरी शादी करवा दूंगी पर तु वादा कर अब ऐसा कुछ नही करेगा। मेने भी माँ को वादा किया और माँ की गोद मे लेट गया। सुबह माँ ने मुझे उठाया। मै नहाया फिर खाना लेकर खेत जाने लगा तो माँ बोली तुझे अपना वादा याद है ना, कोई गलती नही होनी चाहिए। मै बोला माँ आप चिंता मत करो अब मै कभी ऐसा कोई काम नही करूंगा जिससे आप नाराज़ हो। ये कहकर मै खेत पर आ गया। रवि भाई और रामली भाभी दोनो खेत मे काम कर रहे थे। मै भी जाकर काम करने लगा। भाभी काम के बीच बार बार मेरी और देख रही थी पर मेने कोई ध्यान नही दिया। दिन मे हमने खाना खाया और फिर रवि भाई सोने चला गया। मै भी झोपड़े के बाहर खाट पर लेट गया। थोड़ी दर बाद रामली भाभी आयी और मुझे झोपड़े मे आने का कहकर अंदर चाली गयी। जब थोड़ी देर तक मै अंदर नही गया तो वो बाहर आयी । मुझे खाट पर हि लेटा देखकर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अंदर ले गयी। अंदर जाकर भाभी ने अपने पूरे कपड़े उतर दिये और मुझे भी नंगा करने लगी। मेने भाभी को रोका पर भाभी पर भूत सवार था। उन्होंने मुझे भी नंगा कर दिया। भाभी खाट पर लेट गयी और टाँगे उठाकर अपनी चूत मेरे आगे कर दी और बोली देवर जी अब क्यू तड़पा रहे हो डाल दो ये मूसल लंड मेरी प्यासी चूत मे। कब से तड़प रही है देखो। मेने उनकी बात पर ध्यान नही दिया और अपने कपड़े उठाने लगा तो भाभी ने झट से मेरा लंड पकड़ लिया जो तन कर खड़ा हो चुका था। भाभी बोली क्या हुआ देवर जी क्यू नही चढ़ रहे भाभी पर। दो दिन से तो भाभी की चूत का भोसड़ा बना रखा है आज क्या हो गया। मेने कहा भाभी मुझे नही करना। अब हम ऐसा कुछ नही करेंगे। आप भी अब मुझसे दूर रहना। भाभी एकदम उठ बैठी और बोली दूर रहना का क्या मतलब है? मेने कहा भाभी मुझसे गलती हो गयी। मुझे आपके साथ ये सब नही करना चाहिए था। मै आपसे माफ़ी मांगता हु। अब मै आपके साथ ऐसा कुछ नही करूंगा। भाभी एकदम गुस्से मे आगबबूला होकर बोली गलती का क्या मतलब है दो दिन तुमने मुझे रंडी की तरह मर्जी हो जैसे चोदा और अब तुम्हे नही करना। क्या समझ रखा है तुमने। जब चाहेगा भाभी को नंगी करोगे और चोद दोगे और जब मन भर जायेगा तो हाथ जोड़कर माफ़ी मांग लोगे। मेरी इच्छाओं का क्या। मेरा कुछ नही। तुम चोदना चाहते हो तो तुम्हारे निचे नंगी लेट जाऊ। तुम कहो भाभी गलती हो गयी हमे ऐसा नही करना चाहिए था और मै तुम्हे माफ़ कर दु। वाह तुम तो बहुत संस्कारी निकले और मै बदचलन रंडी जो तुम्हारे निचे लेटी । जैसे तुमने चोदना चाहा वैसे चुदी। तुम्हारा दिया हर दर्द सहा। तुम्हारे लिए अपने पति को झूठ बोला पर नही तुम महान आदमी। मै अबला बेचारी क्या कर सकती हु। तुम्हारा मन नही है तो कोई बात नही। जब तुम्हारा फिर से पटकना भाभी को और चोद देना। औरत तो है हि आदमी के मजे के लिए। जब चाहे आदमी औरत को नंगा करके मजा ले ले और जब चाहे उसकी पूजा करने लगे। पर इन सब मे हमारी इच्छा का क्या। मुझे तो चुदना है अभी चोदो मुझे। मन से या बेमन से तुम मुझे अभी चोद कर संतुष्ट करो। ये बोलकर भाभी मेरे सामने निचे बैठ गयी और मेरे लंड को मुँह मे लेकर चूसने लगी। भाभी की आँखों से आंसु लगातार बह रहे थे। मेने जल्दी से भाभी को उठाया और बोला भाभी मै शर्मिंदा हु। आप रंडी नही हो आप बहुत अच्छी हो मै हि अपनी हवस का गुलाम बन गया था और आपके साथ इतना बुरा कर बैठा। पर भाभी अब मै आपके साथ कुछ नही कर सकता। ये कहकर मै भाभी को अपने से दूर करने लगा। मेने अब अपने कपड़े पहन लिए। भाभी वापिस मेरे पास आयी और मेने होठों पर अपने होंठ रखकर चूमने लगी। इतने मे माँ वहा आ गयी और रामली भाभी को मुझसे खींचकर अलग किया और भाभी को एक जोरदार थप्पड़ मारा । रवि भाई जाग चुके थे। उन्हे थप्पड़ की आवाज़ सुनाई दी तो वो भागकर झोपड़े कीतरफ आये। झोपड़े का दृश्य देखते हि उनके पैरों तले जमीन खिसक गयी। सामने उनकी पत्नी बिल्कुल नंगी खड़ी थी। रवि भाई चिल्लाकर बोले रामली ये क्या है, तुम यहां ऐसे क्या कर रही हो? भाई की आवाज़ सुनकर सबका ध्यान उनकी तरफ गया, अब भाभी की तो हालत खराब हो गयी। वो अपने कपड़ों की फर्श से उठकर उनसे अपना बदन ढकने लगी। भाभी कुछ बोलती उससे पहले हि माँ बोल पड़ी देख ले तेरी लुगाई मेरे बेटे पर डोरे डाल रही है। मेरे बेटे को गलत काम करने के लिए उकसा रही है। रवि भाई भाभी की ओर देखकर बोला रामली मैने तुझसे इतना प्यार किया और तूने ये सब किया मेरे साथ। आज से तेरा मेरा कोई रिश्ता नही। अब अपना ये काला मुह लेकर मेरे सामने कभी मत आना। ये कहकर भाई भाभी की कोई बात बिना सुने वाहा से निकल गये। भाभी वाही फर्श पर गिर पड़ी और रोने लगी। माँ बोली अब क्यू रो रही है तेरे हि आग लगी पड़ी थी तूने खुदने खुद का घर बर्बाद कर लिया।भाभी को माँ की बात सुनकर गुस्सा आ गया वो खड़ी हुयी और माँ को बोली हाँ लगी है आग मेरे अंदर और ये आग लगाई है तेरे इस बेटे ने पूछ इसी झोपड़े मे मेरे बार बार मना करने पर भी कैसे मुझे बर्बाद किया इसने। मै नही आयी इसने मुझे जबरदस्ती सुलाया अपने बिस्तर पर। तेरे बेटे ने मुझे लूटा और तूने आज मेरा घर संसार लूट लिया। अब मेरे पास कुछ नही बचा। मै जा रही हु पर मै तुझे श्राप देती हु की जब तक तु खुद अपनी मर्जी से अपने इसी बेटे से चुदकर इसका बीज अपनी कोख मे नही ले लेगी तुझे मुक्ति नही मिलेगी। अब भाभी मेरी और मुड़ी और बोली तुमने मुझे भोगा पर जब मेरा साथ देने की बारी आयी तुम मुझे बर्बाद होते हुए देखते रहे तुम देखना मै वापिस लौट कर आउंगी तुम्हारे जीवन मे और तब मेरी आँखों से निकला हर एक आंसु तुम्हारी आँखों से बहेगा। ये कहकर रामली भाभी वहा से बाहर भागी। मै उनकी बाते सुनकर एकदम स्तब्ध रहा गया। पर उनके वाहा से जाते हि मै होश मे आया और उनके पीछे भागा पर देर हो चुकी थी। रामली भाभी ने कुए मे छलांग लगा दी।
 
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