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Adultery Ek Ajib Gav

Aabhi123

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Update 9

सुबह रसोईघरमें नाश्ता करते समय सीमा चाची ने दादाजी को बताया,
"आपको थोड़ा सुप पीना है। फिर आपको दूध पिला दूँगी।"
मेरे दादाजी खुश लग रहे थे।
सबका नाश्ता होते ही चाची ने अपने ससुरजी को गोद मे लिटा दिया। उसने आज पीले रंग की साड़ी और मैचिंग ब्लाऊज पहना था। पर दादाजी को गोद मे सुलाते ही उसने अपना पल्लू पूरा हटा दिया। दादाजी उसके स्तनों को देखते ही रह गए। सीमा चाची ने उनको कहा,
"अब रोजाना आपको मेरा दूध पिलाना पड़ेगा इसलिए मैने नर्सिंग ब्रा पहना है। इससे स्तनपान करने में मुझे आसानी होगी।"
उसने यह कहते हुए अपने ब्लाऊज के सभी बटन खोल दिये और ब्लाऊज पूरा उतार कर बाजू में रख दिया। अब तो हम सब उसके स्तनों को घूर रहे थे। उसका सफेद नर्सिंग ब्रा बहुत कामुक था। सिमा चाची ने हँसते हुए अपने बाए स्तन का हुक खोलकर निप्पल और एरोला खुला कर दिया। बाकी स्तन ढका ही रह गया। फिर वो दादाजी को किसी बच्चे की तरह अपना दूध पिलाने लगी। अपने पिताजी को इस तरह से दूध पीते देख चाचा मुस्कुरा रहा था। थोड़ी देर बाद वो काम पर चला गया। मैं बेवकुफ के तरह चाची के सामने ही खड़ा था। सीमा चाची ने मुझे डाँट दिया,
"ऐसे क्यों खड़े हो राजू? चलो हॉल में जाओ।"
मैं उदास होकर हॉल में चला गया। चाची अब उसका स्तन उँगलियों में पकड़कर दबा रही थी ताकि दादाजी को पीने में आसानी हो। दादाजीको भी कौनसी जल्दी थी? वो तो बहुत ही धीरे धीरे पी रहे थे। यह देखकर सीमा चाची खुश हो गयी। मुझे और उनको रोज पिला पिलाकर अब उसके स्तन में दूध की मात्रा भी बढ़ गयी थी। इसीलिए ही वो दादाजी को बहुत देर तक पिला रही थी।
दोपहर को चाचा खाना खाने के लिए घर आया था।खाना होते ही सब हॉल में आराम करने लगे। चाचा खाटपर लेट गया था । मैं भी सोफेपर सो गया। सीमा चाची दादाजी के साथ जमीनपे चटाईपर लेट गई। चाची दोपहर को हमेशा मैक्सी पहनती थी। आज भी उसने खाना खाने के बाद सफेद रंग की मैक्सी पहन ली थी। दादाजी ऐसेही छत की तरफ देख रहे थे तो सीमा चाचीने हँसते हुए उनको अपनी तरफ पलट लिया और उनको अपनी बाहोंमे ले लिया। दादाजी का सर अब सुजाता चाची के दोनों स्तनों के बीच दबा हुआ था। वो अब उनकी पीठ थपथपाकर उनको सुलाने लगी। पर उनको इतनी आसानी से नींद थोड़ी आने वाली थी। थोड़ी देर बाद सुजाता चाची ने हँसते हुए उन्हें पूछा ,
"आपको दूध पिलाती हूँ ताकि आपको अच्छी नींद आ जाएं।"
दादाजी खुश हो गए। चाची ने तुरंत अपने मैक्सी के बटन खोल दिये और अपना एक मुम्मा बाहर निकालकर उनको अपना दूध पिलाने लगी। ऊपर खाट से चाचा यह देखकर हँस रहा था। उनकी पत्नी ने उसके पिता को ऐसे बच्चा बनाकर रख दिया था। वो बहुत खुश दिख रहा था किउंकि उसकी पत्नी उनका इसी तरह अच्छा खयाल जो रख रही थी। उसके पिताजी बिलकुल किसी छोटे बच्चे की तरह ही स्तनपान कर रहे थे। सुजाता चाची ने दो उँगलियों से अपना स्तन उनके मुँह में पकड़ कर रखा था। बीच बीच मे वो उनके पीठ पर से हाथ भी फेर रही थी। इसी तरह से चाची दादाजी को बहुत देर तक दूध पिला रही थी।
शाम को मैं सुजाता चाची और दादाजी के साथ पार्क में गया था। रविवार नही था इसलिए पार्क में बहुत भीड़ नही थी। ज्यादातर मध्यम वयस्क महिलाएं ही घूमने आयी थी। पार्क बहुत बड़ा था इसलिए थोड़ा घूमने के बाद हम तीनों एक सीट पर बैठ गए। अब रात होने को आ रही थी इसलिए बहुत अंधेरा भी था। हम अब पार्क के बहुत अंदर वाले इलाके में थे। अब लोग घर वापस जा रहे थे। जबकि हम पार्क में बहुत अंदर थे इसलिए हमारे तरफ अब कोई आने वाला नही था। दादाजी थक गए थे यह देखकर सुजाता चाची ने उनको पूछा,
"क्या आपको दूध पिला दूँ ?"
दादाजी शर्माते हुए बोले,
"किसीने देख लिया तो बहुत बुरा होगा."
चाचीने उनको हँसते हुए कहा ,
"कोई नही देखता है ससुरजी । चलो आओ इधर। " यह कहते हुए उसने अपने पल्लू के निचे हाथ डालकर ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिये। यह देखकर दादाजी को रहा नही गया और वो तुरंत अपने बहू के गोद मे सर रखकर सो गए। सुजाता चाचीने हँसते हुए उनके सर के ऊपर से पल्लू ओढ़ लिया औए उनको स्तनपान करने लगी। मुझे लगा था कि दादाजी डर के मारे बहुत ही कम दूध पी जाएंगे। पर लगभग 10 मिनिट हो गए फिर भी वो अभीतक दूध पी ही रहे थे। चाची को तो समय की कुछ परवाह ही नही थी। पर ना जाने किधर से हमारे पड़ोस की सुमती चाची उधर टपक पड़ी। हमारा नसीब अच्छा था क्योंकि उसे दादाजी के बारे में पहले से ही पता था । सुजाता को स्तनपान करते देख वो मुस्कुराई और सामने वाली सीट पर बैठ गयी।
सुजाता चाची भी हँसते हुए उसे बोली,
"थोड़ी ही देर रुक जाओ। ससुर जी का दूध पीकर हो जाएगा। फिर साथ मे घर जाते है । "
"ठीक है सुजाता।"
चाची और थोड़ी देर दादाजी को दूध पिला रही थी।
उनका दूध पीकर होने के बाद चाची ने ब्लाउज के बटन लगा लिए और पल्लू ठीक कर लिया। सुमती चाची ने कहा,
"एक बात कहूँ सुजाता?"
"बोलो ना सुमती।"
"मुझे भी तेरे ससुरजी को दूध पिलाना है। मेरे ससुरजी को पटाने में समय लगेगा।"
यह सुनकर सुजाता चाची हँस पड़ी,
"यह बात है ? तो फिर आज रात हमारे घर सोने आजाओ ना । "
"ठीक है । आती हूँ आज रात ।"
उस रात खाना खाने के बाद सुमती चाची हमारे घर आ गयी। उसने ब्लैक कलर की मैक्सी पहनी थी। हम बत्ती बुझाकर सोने लगे। सुजाता चाची ने दादाजी को उसके और सुमती के बीच सोने को कहा था। सुजाता चाची ने भी सफेद मैक्सी पहन ली थी। चाचा खाट पर सो गया था। मैं सुजाता चाची के दूसरी तरफ सो गया। उसके दूसरी तरफ सुमती चाची ने मेरे दादाजी को अपने करीब ले लिया और उनको सुलाने लगी। पर उनको नींद नही आ रही थी । सुजाता चाची हँसकर बोली,
"पिला दे ना उनको अब।"
यह सुनकर सुमती चाची मैक्सी के बटन खोलकर मेरे दादाजी को स्तनपान करने लगी। सुमती चाची खुश दिख रही थी। सुजाता चाची मुस्कुराते हुए मेरी तरफ पलट गई और फिर मुझे भी करीब लेकर दूध पिलाने लगी।
Super update.... But every time in your all stories Raju is getting ignored after some one comes or grandpa comes.... Please keep Raju as hero of it... Give hime more importance in this story please bro
 

seemachachi

Aunty boob lover
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Update 10

सुबह सुमती चाची जल्दी उठकर उसके घर चली गयी। नहाकर और नाश्ता करने के बाद उसने मुझे उसके घर बुलाया था। सीमा चाची ने नहाकर आज पिंक साड़ी और सफेद ब्लाउज पहना था। दादाजी और चाचा का भी नहाकर होगया तब सबने रसोईघर में नाश्ता किया। थोड़ी देर बाद चाचा काम पर चला गया। मैं भी पड़ोसी घर जाने के लिए उठा। सीमा चाची ने हँसते हुए दादाजी को पास बुलाकर अपनी गोद मे सुला दिया। उसके स्तन इतने करीब से देखकर दादाजी ले मुँह में हमेशा की तरह पानी आ गया। मुस्कुराते हुए चाची ने अपना पल्लू पूरा हटा दिया और ब्लाउज के सभी बटन भी खोल दिये। अंदर उसने सफेद नर्सिंग ब्रा पहनी थी। अब तो दादाजी बहुत उतावले हो गए थे। सीमा चाची के बाल खुले थे और बार बार सामने आ रहे थे इसलिए उसने वो ठीक से पीछे बांध लिए। उसमे थोड़ा समय बीत गया। उसकी गोद मे लेटे दादाजी को अब रहा नही जा रहा था। इसलिए वो जब अपने बाल ठीक कर रही थी तब दादाजी ने उसका एक मुम्मा ब्रा के ऊपर से ही मुँह में लेकर चूसने की कोशिश की। उनकी यह हरकत देखकर सीमा चाची ने उनको ताना मारा,
"इतनी भूख लगी है आपको? और नाश्ता कर लेते तो आपको ये परेशानी नही होती।"
दादाजी बोले,
"तुम मुझे दूध पिलाने वाली थी इसलिए मैंने ज्यादा नाश्ता नही किया। "
"ये बात आपने सही कही ससुरजी।"
"मुझे ससुरजी मत कहो। अपना बच्चा कहकर बुलाओ ।"
"ठीक है मेरे बच्चे । आजसे आपको बच्चा कहकर बुलाऊंगी।"
"पिलाओ ना जल्दी अब।"
चाची ने हँसते हुए अपने नर्सिंग ब्रा का बाए वाला स्ट्रैप खोल दिया और वो दादाजी को किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी। दादाजी भी लपककर दूध पीने लगे। चाची का हँसना बंद हो गया और वो अब उनको सिर्फ दूध पिलाने में ही दंग हो गयी। दूध पिलाते पिलाते वो बीच बीच मे उनके पेट पर हाथ फिरा रही थी उसी हाथ की दो उंगलियों से अपना मुम्मा भी उनके मुँह में पकड़कर उसे हल्के से पिंच कर रही थी जिससे दूध भी आसानी से आ सके। रसोईघर का पिछला दरवाजा भी खुला ही था। पर सीमा चाची को इसकी कोई परवाह नही थी। यह नजारा देखकर तो मेरी पैंट फूल गयी थी। मैं वैसेही पड़ोस सुमती चाची के घर चला गया।
सुमती चाची और उसके ससुरजी का नहा धोकर और नाश्ता हो चुका था । आज सुमती चाची ने ब्लैक साड़ी और ब्लाउज पहना था। अंदर का सफेद ब्रा मुझे साफ दिख रहा था। पैंट में मेरा लंड फिरसे मचलने लगा। उसने खुशी से मुझे हॉल में टीव्ही देखने को कहा और थोड़ी देर बाद वो खुद भी मेरे बगल में जमीन पर बैठ गयी। उसके ससुर पेहले से ही सोफे पर आराम से बैठे टीव्ही पर मूवी देख रहे थे। हम दोनों भी अब टीव्ही देखने मे दंग हो गए। थोड़ी देर बाद सुमती चाची ने मुझे हँसते हुए पूछा,
"दूध पिओगे राजू?"
मैं इसीका इन्तेजार कर रहा था। मैंने तुरंत हा कर दी।
"लेट जा मेरी गोद मे ।"
मैं उसकी गोद मे सर रखकर लेट गया। बाजुमें सोफे पर बैठे हुए उसके ससुरजी ये सब देख रहे थे। सुमती चाची ने पल्लू के नीचे हाथ डालकर ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिये। फिर मेरे सर के ऊपर से आँचल ओढ़कर वो मुझे अपना दूध पिलाने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। उसका दूध सुजाता चाची के दूध से थोड़ा अलग था । सुजाता चाची का दूध बहुत मीठा लगता था पर सुमती चाची का दूध थोड़ा खट्टा लग रहा था। मुझे दोंनों स्वाद अच्छे लगते थे। मेरा लंड भी उठ गया था। शायद सुमती चाची ने भी मेरी फूली हुई पैंट देख ली। पर उसने कुछ कहा नही। इतने बड़े लड़के को स्तनपान करते देख उसके ससुरजी ने अचंभित होकर कहा,
"क्या कर रही हो बहू? राजू कितना बड़ा हो गया है। उसे इस तरह स्तनपान करना जरूरी नही है अभी।"
इसपर सुमती चाची ने हँसते हुए कहा,
"पर राजू को अभी भी स्तनपान करने की आदत है। और मुझे भी स्तनपान करने में मजा आता है।"
"पर उसे कुछ जरूरत नही है। वो अब तन्दरुस्त है।"
"हा ससुरजी । पर उसे आदत है तो क्या करूँ? "
थोड़ी देर विचार करने के बाद वो बोली,
"पर आप तो उम्र ज्यादा होने के कारण बीमार रहते हो। अगर आप मेरा दूध पी जाएंगे तो आपकी सेहत सुधर जाएगी।"
ये सुनकर उसके ससुरजी शरमा गए,
"पर मैं तो बूढ़ा हो गया अब। मुझे किसीने स्तनपान करते देखा तो ताने सुनने पड़ेंगे।"
सुमती हँसते हुए बोली,
"इसमें कोई शरमाने की बात नही। सीमा अपने ससुरजी को पिलाती है। और ये बात डॉक्टर को भी पता है। उन्होंने तो उनको रोजाना दूध पिलाने को कहा है। "
"क्या बात कर रही हो बहू ? सचमे सीमा भी अपने ससुरजी को स्तनपान करती है?"
"हा ससुरजी । बिलकुल सच बात है।"
"मेरा तो विश्वास नही हो रहा।"
"आज शाम आपको डॉक्टर के पास जाना है ना? फिर उनको ही पूछ लेते है।"
शरमाते हुए वो बूढ़ा मान गया। सुमती चाची फिर मुझे दूध पिलाने में दंग हो गयी।
शाम के समय सुमती चाची और उसके ससुरजी के साथ मैं भी डॉक्टर के क्लिनिक में गया। थोड़ी देर बैठने के बाद उनका नंबर आ गया। उस बूढ़े डॉक्टर ने सुमती के ससुरजी को चेक किया और फिर उनको सामने बैठने को कहा।
"इनकी बतीयत थोड़ी कमजोर है। "
सुमती चाची ने कहा,
"आप कुछ दवाई दे दो फिर।"
"उनको दवाई की नही सेहतमंद खाने की जरूरत है। उनको फल और दूध का अधिक सेवन करना चाहिए। "
"उनके तो दांत भी गिर रहे है तो मैं उनको पतला खाना ही देती हूँ।"
"बहुत अच्छी बात है सुमती।"
थोड़ी देर विचार करने के बाद सुमती ने पूछा ,
"क्या मैं उनको स्तनपान कर सकती हूँ? आपके कहने पर सीमा तो अपने ससुर को रोजाना दूध पिलाती है।"
डॉक्टर ये सुनकर बहुत ही खुश हो गए।
"बहुत अच्छा ख्याल रखती है सीमा उनका। मैंने भी अपने बहू का दूध पीना शुरू किया है।" वो बाजुमें खड़ी उसके बहू की तरफ इशारा करते हुए बोले।"
उनकी बहू भी हँसने लगी।
"मैं तो इनको हर दो दो घँटो बाद स्तनपान करती हूँ।"
ये सुनकर सुमती के ससुरजी चौक गए।
"मुझे विश्वास नही हो रहा इसपर डॉक्टर ।"
वो बूढ़ा डॉक्टर हँस पड़ा ।
"आपको दूध पीकर दिखता हु फिर आपको विश्वास होगा। "
उसने खुद कुर्सी पर बैठे हुए ही अपने बहू को पास बुला लिया। उनकी बहू ने उसके पास खड़े रहकर ही अपने सलवार कमीज के बटन खोल दिये और अपने दाहिने मुम्मे को बाहर निकाल लिया। बूढ़े डॉक्टर ने तुरंत उस मुम्मे को चूसना शुरू किया। सुमती के ससुर को अपनी आँखों पर विश्वास नही हो रहा था। डॉक्टर के बहु ने अपने ससुर को दूध पिलाते वक्त उनके कंधे पर हाथ रखा था और वो बूढ़ा लपककर दूध पिये जा रहा था। मेरा तो लंड तुरंत खड़ा हो गया। 10 मिनट बाद उसका दूध पीकर हो गया। उसके बहू ने अपना मुम्मा फिरसे अंदर डाल दिया। बूढ़े डॉक्टर ने अपना मुँह पोछ लिया और सुमती के ससुर को कहा,
"मजा आ गया। पर बहु का दूध बाकी है । आप भी पीकर देखो। "
सुमती के ससुर नही नही बोल रहे थे। फिर भी डॉक्टर की बहू ने एक सीट पर बैठकर उनको अपनी गोद मे सुला दिया और अपना बाया स्तन बाहर निकालकर उन्हें हम सबके सामने ही स्तनपान करना शुरू किया। सुमती का ससुर पेहले तो मना कर रहा था पर थोड़ी ही देर में खुदसे ही छोटे बच्चे की तरह दूध पीने लगा। डॉक्टर के बहु ने उनका सर ढका नही था। उसका स्तन देखकर मेरा लंड बहुत खड़ा हो गया था। मैं टेबल के नीचे अपने लवड़े को पैंट के ऊपर से ही मसलने लगा। डॉक्टर की बहु ने उसका बचा हुआ दूध उस बूढ़े को पिला दिया फिर उनका मुह अपनी ओढ़नी से पोछ लिया और अपने कमीज के बटन लगा लिए।
डॉक्टर ने उसे पूछा,
"कैसा लगा आपको ?"
सुमती के ससुर ने जवाब दिया,
"बहुत स्वादिष्ट था।"
"अब आप भी रोजाना अपनी बहू का दूध पीना शुरू करो।"
"ठीक है डॉक्टर जी। अब मेरा विश्वास हो गया है।"
 
Last edited:

Manju143

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Update 10

सुबह सुमती चाची जल्दी उठकर उसके घर चली गयी। नहाकर और नाश्ता करने के बाद उसने मुझे उसके घर बुलाया था। सीमा चाची ने नहाकर आज पिंक साड़ी और सफेद ब्लाउज पहना था। दादाजी और चाचा का भी नहाकर होगया तब सबने रसोईघर में नाश्ता किया। थोड़ी देर बाद चाचा काम पर चला गया। मैं भी पड़ोसी घर जाने के लिए उठा। सीमा चाची ने हँसते हुए दादाजी को पास बुलाकर अपनी गोद मे सुला दिया। उसके स्तन इतने करीब से देखकर दादाजी ले मुँह में हमेशा की तरह पानी आ गया। मुस्कुराते हुए चाची ने अपना पल्लू पूरा हटा दिया और ब्लाउज के सभी बटन भी खोल दिये। अंदर उसने सफेद नर्सिंग ब्रा पहनी थी। अब तो दादाजी बहुत उतावले हो गए थे। सीमा चाची के बाल खुले थे और बार बार सामने आ रहे थे इसलिए उसने वो ठीक से पीछे बांध लिए। उसमे थोड़ा समय बीत गया। उसकी गोद मे लेटे दादाजी को अब रहा नही जा रहा था। इसलिए वो जब अपने बाल ठीक कर रही थी तब दादाजी ने उसका एक मुम्मा ब्रा के ऊपर से ही मुँह में लेकर चूसने की कोशिश की। उनकी यह हरकत देखकर सीमा चाची ने उनको ताना मारा,
"इतनी भूख लगी है आपको? और नाश्ता कर लेते तो आपको ये परेशानी नही होती।"
दादाजी बोले,
"तुम मुझे दूध पिलाने वाली थी इसलिए मैंने ज्यादा नाश्ता नही किया। "
"ये बात आपने सही कही ससुरजी।"
"मुझे ससुरजी मत कहो। अपना बच्चा कहकर बुलाओ ।"
"ठीक है मेरे बच्चे । आजसे आपको बच्चा कहकर बुलाऊंगी।"
"पिलाओ ना जल्दी अब।"
चाची ने हँसते हुए अपने नर्सिंग ब्रा का बाए वाला स्ट्रैप खोल दिया और वो दादाजी को किसी बच्चे की तरह स्तनपान करने लगी। दादाजी भी लपककर दूध पीने लगे। चाची का हँसना बंद हो गया और वो अब उनको सिर्फ दूध पिलाने में ही दंग हो गयी। दूध पिलाते पिलाते वो बीच बीच मे उनके पेट पर हाथ फिरा रही थी उसी हाथ की दो उंगलियों से अपना मुम्मा भी उनके मुँह में पकड़कर उसे हल्के से पिंच कर रही थी जिससे दूध भी आसानी से आ सके। रसोईघर का पिछला दरवाजा भी खुला ही था। पर सीमा चाची को इसकी कोई परवाह नही थी। यह नजारा देखकर तो मेरी पैंट फूल गयी थी। मैं वैसेही पड़ोस सुमती चाची के घर चला गया।
सुमती चाची और उसके ससुरजी का नहा धोकर और नाश्ता हो चुका था । आज सुमती चाची ने ब्लैक साड़ी और ब्लाउज पहना था। अंदर का सफेद ब्रा मुझे साफ दिख रहा था। पैंट में मेरा लंड फिरसे मचलने लगा। उसने खुशी से मुझे हॉल में टीव्ही देखने को कहा और थोड़ी देर बाद वो खुद भी मेरे बगल में जमीन पर बैठ गयी। उसके ससुर पेहले से ही सोफे पर आराम से बैठे टीव्ही पर मूवी देख रहे थे। हम दोनों भी अब टीव्ही देखने मे दंग हो गए। थोड़ी देर बाद सुमती चाची ने मुझे हँसते हुए पूछा,
"दूध पिओगे राजू?"
मैं इसीका इन्तेजार कर रहा था। मैंने तुरंत हा कर दी।
"लेट जा मेरी गोद मे ।"
मैं उसकी गोद मे सर रखकर लेट गया। बाजुमें सोफे पर बैठे हुए उसके ससुरजी ये सब देख रहे थे। सुमती चाची ने पल्लू के नीचे हाथ डालकर ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिये। फिर मेरे सर के ऊपर से आँचल ओढ़कर वो मुझे अपना दूध पिलाने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। उसका दूध सुजाता चाची के दूध से थोड़ा अलग था । सुजाता चाची का दूध बहुत मीठा लगता था पर सुमती चाची का दूध थोड़ा खट्टा लग रहा था। मुझे दोंनों स्वाद अच्छे लगते थे। मेरा लंड भी उठ गया था। शायद सुमती चाची ने भी मेरी फूली हुई पैंट देख ली। पर उसने कुछ कहा नही। इतने बड़े लड़के को स्तनपान करते देख उसके ससुरजी ने अचंभित होकर कहा,
"क्या कर रही हो बहू? राजू कितना बड़ा हो गया है। उसे इस तरह स्तनपान करना जरूरी नही है अभी।"
इसपर सुमती चाची ने हँसते हुए कहा,
"पर राजू को अभी भी स्तनपान करने की आदत है। और मुझे भी स्तनपान करने में मजा आता है।"
"पर उसे कुछ जरूरत नही है। वो अब तन्दरुस्त है।"
"हा ससुरजी । पर उसे आदत है तो क्या करूँ? "
थोड़ी देर विचार करने के बाद वो बोली,
"पर आप तो उम्र ज्यादा होने के कारण बीमार रहते हो। अगर आप मेरा दूध पी जाएंगे तो आपकी सेहत सुधर जाएगी।"
ये सुनकर उसके ससुरजी शरमा गए,
"पर मैं तो बूढ़ा हो गया अब। मुझे किसीने स्तनपान करते देखा तो ताने सुनने पड़ेंगे।"
सुमती हँसते हुए बोली,
"इसमें कोई शरमाने की बात नही। सीमा अपने ससुरजी को पिलाती है। और ये बात डॉक्टर को भी पता है। उन्होंने तो उनको रोजाना दूध पिलाने को कहा है। "
"क्या बात कर रही हो बहू ? सचमे सीमा भी अपने ससुरजी को स्तनपान करती है?"
"हा ससुरजी । बिलकुल सच बात है।"
"मेरा तो विश्वास नही हो रहा।"
"आज शाम आपको डॉक्टर के पास जाना है ना? फिर उनको ही पूछ लेते है।"
शरमाते हुए वो बूढ़ा मान गया। सुमती चाची फिर मुझे दूध पिलाने में दंग हो गयी।
शाम के समय सुमती चाची और उसके ससुरजी के साथ मैं भी डॉक्टर के क्लिनिक में गया। थोड़ी देर बैठने के बाद उनका नंबर आ गया। उस बूढ़े डॉक्टर ने सुमती के ससुरजी को चेक किया और फिर उनको सामने बैठने को कहा।
"इनकी बतीयत थोड़ी कमजोर है। "
सुमती चाची ने कहा,
"आप कुछ दवाई दे दो फिर।"
"उनको दवाई की नही सेहतमंद खाने की जरूरत है। उनको फल और दूध का अधिक सेवन करना चाहिए। "
"उनके तो दांत भी गिर रहे है तो मैं उनको पतला खाना ही देती हूँ।"
"बहुत अच्छी बात है सुमती।"
थोड़ी देर विचार करने के बाद सुमती ने पूछा ,
"क्या मैं उनको स्तनपान कर सकती हूँ? आपके कहने पर सीमा तो अपने ससुर को रोजाना दूध पिलाती है।"
डॉक्टर ये सुनकर बहुत ही खुश हो गए।
"बहुत अच्छा ख्याल रखती है सीमा उनका। मैंने भी अपने बहू का दूध पीना शुरू किया है।" वो बाजुमें खड़ी उसके बहू की तरफ इशारा करते हुए बोले।"
उनकी बहू भी हँसने लगी।
"मैं तो इनको हर दो दो घँटो बाद स्तनपान करती हूँ।"
ये सुनकर सुमती के ससुरजी चौक गए।
"मुझे विश्वास नही हो रहा इसपर डॉक्टर ।"
वो बूढ़ा डॉक्टर हँस पड़ा ।
"आपको दूध पीकर दिखता हु फिर आपको विश्वास होगा। "
उसने खुद कुर्सी पर बैठे हुए ही अपने बहू को पास बुला लिया। उनकी बहू ने उसके पास खड़े रहकर ही अपने सलवार कमीज के बटन खोल दिये और अपने दाहिने मुम्मे को बाहर निकाल लिया। बूढ़े डॉक्टर ने तुरंत उस मुम्मे को चूसना शुरू किया। सुमती के ससुर को अपनी आँखों पर विश्वास नही हो रहा था। डॉक्टर के बहु ने अपने ससुर को दूध पिलाते वक्त उनके कंधे पर हाथ रखा था और वो बूढ़ा लपककर दूध पिये जा रहा था। मेरा तो लंड तुरंत खड़ा हो गया। 10 मिनट बाद उसका दूध पीकर हो गया। उसके बहू ने अपना मुम्मा फिरसे अंदर डाल दिया। बूढ़े डॉक्टर ने अपना मुँह पोछ लिया और सुमती के ससुर को कहा,
"मजा आ गया। पर बहु का दूध बाकी है । आप भी पीकर देखो। "
सुमती के ससुर नही नही बोल रहे थे। फिर भी डॉक्टर की बहू ने एक सीट पर बैठकर उनको अपनी गोद मे सुला दिया और अपना बाया स्तन बाहर निकालकर उन्हें हम सबके सामने ही स्तनपान करना शुरू किया। सुमती का ससुर पेहले तो मना कर रहा था पर थोड़ी ही देर में खुदसे ही छोटे बच्चे की तरह दूध पीने लगा। डॉक्टर के बहु ने उनका सर ढका नही था। उसका स्तन देखकर मेरा लंड बहुत खड़ा हो गया था। मैं टेबल के नीचे अपने लवड़े को पैंट के ऊपर से ही मसलने लगा। डॉक्टर की बहु ने उसका बचा हुआ दूध उस बूढ़े को पिला दिया फिर उनका मुह अपनी ओढ़नी से पोछ लिया और अपने कमीज के बटन लगा लिए।
डॉक्टर ने उसे पूछा,
"कैसा लगा आपको ?"
सुमती के ससुर ने जवाब दिया,
"बहुत स्वादिष्ट था।"
"अब आप भी रोजाना अपनी बहू का दूध पीना शुरू करो।"
"ठीक है डॉक्टर जी। अब मेरा विश्वास हो गया है।"
Nice Story..!
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