Incestlala
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Superb updateसैम और नजमा महक को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करवाके होटल ले आते हैं। होटल के रूम में महक को काफी अच्छा महसूस हो रहा था। वो फ्रेश होकर कुछ देर आराम करने का सोचती है। पास ही मेँ नजमा भी सोयी हुई थी। सैम बाहर किसी काम से गया हुआ था।
तकरीबन एक घंटे के बाद जब सैम अपने होटेल के रूम में आता है तो उसे नजमा और महक दोनों गहरी नींद में सोये हुये मिलते हैं। सैम दरवाजा बंद कर देता है और शर्ट पैंट उतारके बेड के पास आता है। दोनों के चेहरे पे सुकून साफ झलक रहा था।
सैम नजमा को हिलता है पर शायद नजमा बहुत गहरी नींद में सोयी हुयी थी। वो धीरे से उसके गालों को चूमता है और कान में कहता है- “नजमा मेरे जान अब उठो भी.
नजमा- 'सोने दो ना बहुत थक गयी हूँ.
नजमा की इस आवाज से महक जाग चुकी थी। पर उसने अभी तक अपनी करवट नहीं बदली थी शायद दिल में कहीं न कहीं वो झिझक अभी भी थी। अभी तक वो अपनी अम्मी की सामने नहीं चुदी थी। वो चुपचाप लेटी रहती है।
सैम पिछले कई दिनों से भूखा था। ये भूख पेट की नहीं थी बल्कि चूत की थी। वो नजमा की टी-शर्ट ऊपर हटाके उसकी नरम मुलायम चूचियां मसलने लगता है।
नजमा आँखें खोल देती है। सामने सैम खड़ा मुश्कुरा रहा था। उसकी आँखों में नशा साफ दिखाई दे रहा था। ये सैम के हाथों का छूना था या उसकी मोहब्बत, नजमा पिघल जाती थी। वो ना चाहते हुये भी अपने आपको सैम के नीचे बिछा देने को तैयार हो जाती थी। नजमा आँखों के इशारे से सैम को समझाती है की महक जाग सकती है।
सैम उसके होंठों पे किस करके उसे धीरे से कहता है- “जाग जायेगी तो वो भी लेट जायेगी। अभी तू क्यूँ नखरे कर रही है.
नजमा अपनी बाहें सैम के गले में डालते हुये मुश्कुराने लगती है- “अपने जानू के लिए तो मैं हमेशा तैयार हूँ जहाँ चाहो, जैसे चाहो ले लो मेरी...”
सैम अपना अंडरवियर भी नीचे गिरा देता है और लण्ड को हाथ में पकड़के नजमा के मुँह में डाल देता है।
नजमा लेटे-लेटे ही सैम का लण्ड चूसने लगती है।
धीरे-धीरे इधर सैम का लण्ड टाइट हो रहा था उधर नजमा की सिसकारियां बढ़ रही थी और इस सबसे महक की चूत में पानी आने लगा था। तीनों अपनी-अपनी जगह तड़प रहे थे।
नजमा के कपड़े उसे बोझ लगने लगते हैं और वो पल भर में उनसे छुटकारा पा जाती है। दोनों माँ बेटे बिल्कुल नंगे थे, ना शर्म थी और ना किसी का डर। सैम का लण्ड नजमा के मुँह में अकड़कर तन चुका था बस उसे तलाश थी बिस्तर की नजमा के आशियाने की।
नजमा हलक तक लण्ड घुसाकर घुन-घुन की आवाज के साथ पूरा का पूरा अपने मुँह में समाने लगती है की तभी महक बेड पे उठके बैठ जाती है।
महक की आँखें लाल हो चुकी थी। चूत की आग आँखों से बरस रही थी, होंठ सूख चुके थे, जुबान एकदम कड़क और जिस्म गर्म आग उगलता हुआ। उसकी नजरें नजमा के मुँह की तरफ थी जिसमें सैम का लण्ड फँसा हुआ था।
नजमा उसे मुँह से बाहर निकलती है और महक को देखते हुये बड़े प्यार से कहती है- “आजा मेरी बची तू भी हलक गीला कर ले.
महक बिना नजमा को जवाब दिए सैम के मूसल लण्ड पे टूट पड़ती है।
कुछ देर बाद ऐसा भी पल आता है जब दोनों माँ बेटी एक साथ सैम के लण्ड को अपने मुँह में लेना चाहती थीं।
दोनों में जैसे कोल्ड-वार शुरू थी की कौन अच्छी तरह सैम के लण्ड को चूसता है।
आखिर इसका फैसका सैम करता है, वो दोनों के मुँह से अपना औजार निकालकर दोनों की कमर पे एक-एक थप्पड़ जड़ देता है। आहह की चीख दोनों के मुँह से एक साथ निकलते है और दोनों सैम को देखने लगती हैं।
सैम मुश्कुराता हुआ दोनों को बारी-बारी चूमता है और प्यार से उन्हें देखते हुये बैठ जाता है। और महक को अपनी गोद में बैठा लेता है। नजमा पास ही में बैठी हुई थी।
सैम नजमा के तरफ देखते हुये - “पहले माँ को चाहिये का बहन को
दोनों के चेहरे शरम से लाल थे पर आँखों में वो नशा था, जो शरम की वो पतली से चिलमन को तोड़ने की लिए काफी था। महक अपने दोनों पैर सैम के इर्द-गिर्द डालते हुये सैम के लण्ड को अपने हाथ में थाम लेती है।
नजमा सैम की तरफ देखते हुए मुस्कुरा देती है। जवाब तीनों को मंजूर था। बिना देरी किए सैम अपने लण्ड को महक की चिकनी चूत के मुँह पे लगाके तेज झटका मारता है।
जैसे महक को बिजली का झटका सा लगा हो वो उछल जाती है पर नजमा के हाथ उसे वापस सैम के लण्ड पे बैठा देते है। सैम सटा-सट नीचे से महक को चोदने लगता है- “ले महक... अपनी अम्मी की सामने भाई का लौड़ा कैसा लग रहा है मेरी रानी को.
महक- “उहन... सैम मेरे भाई, मेरे शौहर, मेरी जानू चोदो ना कब से प्यासी है आपकी ये चूत उनह... अम्मी मुझे संभालो ना, भाई से कहो ना आराम से करे...”
नजमा महक की चूचियां को मुँह में लेके चूसने लगती है- “चोदने दे ना बेटी, शौहर को मना नहीं करते...”
महक- “अम्मी, मेरी चूत चिर जायेगी ना...
सैम महक को ऐसे जबरदस्त अंदाज में चोद रहा था की महक के मुँह से ये अल्फ़ाज अपने आप निकल रहे थे और शायद महक भी यही चाह रही थी की वो सोयी चूत को फिर से जगा दे।
नजमा से ये सब देखा नहीं जा रहा था। वो अपने चूत को रगड़ने पे मजबूर हो गयी थी। वो कुछ दिनों से इस कदर सैम के लण्ड की दीवानी हो चुकी थी की बिना अंदर लिए उसे नींद भी नहीं आती थी। पिछले कई दिनों से सैम महक की खिदमत में ऐसा बिजी हुआ की नजमा को चूमा तक नहीं। ये उसी का नतीजा था की नजमा मचल रही थी अपने महबूब को अपने जिस्म में सामने के लिए। नजमा सैम की तरफ खा जाने वाली नजरों से देखने लगती है।
सैम महक की चूत का ऐसा दीवाना बना हुआ था की नजमा पे कुछ ध्यान ही नहीं दे रहा था।
आखिरकार नजमा चीख पड़ती है- “मेरी चूत में आग लगी है बेटा उसका भी कुछ खयाल करो ना...”
सैम सटा-सट महक की चुदाई करने लगता है, जिससे महक तड़प जाती है और सैम का लण्ड बाहर निकलते ही जोर से पानी छोड़ने लगती है। सैम का लण्ड महक के पानी से गीला हो चुका था।
वो नजमा के पैर पकड़के अपने नीचे खींच लेता है और दोनों पैरों को चौड़ा करके अपने लण्ड को चूत पे रगड़ने लगता है- “कहाँ आग लगी है अम्मी.
नजमा- “यहाँ बेटा यहाँ देखो ना...”
सैम अपने लण्ड का सुपाड़ा जैसे ही नजमा की चूत में घुसाता है उसके चेहरे पे सुकून फैल जाता है, मुँह से जोश में डूबी हुई नजमा की सिर्फ़ सिसकारियां ही निकल रही थीं- “उहन... अंदर तक घुसा दे बेटा अंदर तक... कर दे अपनी नजमा को प्रेगनेंट, भर दे रे मेरी कोख को तेरे पानी से, कसके देना मुझे उन्ह... श्स्स्स्स्स्स... महक देखना तेरा भाई कैसे चोद रहा है मुझे...”
महक नजमा का एक पैर पकड़े ये सब देख रही थी।
सैम महक के बाल पकड़ता है देख क्या रही है साली मुँह पे बैठ जा अपनी माँ के वरना ये और चिल्लाएगी...
महक नजमा के मुँह के पास अपनी चूत लाती है और नजमा चुदाई के जोश में महक के दोनों पैरों की बीच की वो जगह जिसे चूत कहते हैं चूसने लगती है गलपप्प्प... गलपप्प्प...
दोनों पैर मोड़े हुये नजमा अपनी चूत की गहराईयों में सैम का लण्ड ले रही थी और अपनी जवान बेटी की चिकनी चूत को चूसे जा रही थी। ना चूत से सैम का लण्ड निकलने को तैयार था और ना महक की चूत से नजमा का मुँह।
लगातार 20 मिनट की दमदार चुदाई की बाद सैम नजमा की चूत की गहराइयों में अपना गाढ़ा पानी छोड़ देता है।
और यही वो पल था जब सैम के स्पर्म ढूँढ़ते हुए सीधा नजमा की बच्चेदानी में घुस जाते हैं और देखते ही देखते फर्टिलाइजेशन का प्रोसेस पूरा करने लगते हैं। इस चीज से ये तीनों अंजान थी की कल सुबह तक नजमा भी उस जगह पहुँच चुकी होंगी जहाँ निदा और महक रहते है।
सैम का लण्ड नजमा की चूत से बाहर निकलते ही नजमा सैम को चूमने लगती है। वो आज सैम की चुदाई पे निहाल हो गयी थी।
महक अपने भाई के दमदार लण्ड को मुँह में लेके चूसने लगती है।
ये सिलसिला उस रात रुका नहीं महक और नजमा ने उस रात अपने सारे रिश्ते ताक पे रख दिए थे। वो दोनों सैम की दासी बन चुकी थी और सैम के हर हुक्म को मानने लगी थीं।
सैम ने एक साथ दोनों की ना सिर्फ चूत को ठोंका बलके उन दोनों को एक के ऊपर एक लेटाकर पीछे से उनकी गाण्ड भी खोल दिया। जहाँ नजमा पूरी तरह निहाल हो चुकी थी वहीं महक बेपनाह खुश थी।
रात भर सैम ने नजमा को ना महक को सोने दिया। वो अपनी मोहब्बत का सुबूत देता रहा और नजमा उसकी मोहब्बत में डूबती चली गयी। उसे पूरा यकीन हो गया था की जो वादा सैम उससे हर वक़्त करता था की वो सिर्फ़ उसे प्यार करता है, आज वो सारे कसमे वादे उसे हकीकत की शकल में महसूस करवाए थे समीर ने।
सुबह जब समीर की आँख खुली तो उसने नजमा और महक को चिपका हुआ पाया। वो दोनों के सुकून भरे चेहरे देखकर दिल ही दिल में बेहद खुश था की जिसे शिद्दत से चाहा वो उसके पास थी।
नजमा अपने मजे को भुला चुकी थी और किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह खुद को पेश करती थी। ज़िंदगी में ऐसे खुशनसीब लोग बहुत कम ही होते है जिन्हें उनका सच्चा प्यार नसीब होता है।
सैम नजमा और महक को मुश्कुराते हुआ उठाता है। आज उनकी इंडिया वापसी थी।
डाॅ स्मिथ से मिलकर दोपहर की फ्लाइट से सैम महक और नजमा के साथ इंडिया के लिए रवाना हो जाता है। पूरे रास्ते महक और नजमा बेहद खुश थीं, पर सैम कुछ परेशान सा था। वो निदा के बारे में सोच रहा था। पर कहीं ना कहीं ये खुशी भी थी की अगर निदा आबिद से शादी के लिए राजी हो जाती है तो वो सब एक साथ एक छत के नीचे खुश रह सकते हैं।