पिछले भाग मे सैम के लण्ड में दर्द हो जाता है जिसके बाद उसे नजमा डाॅ को दिखाती है और फिर नजमा वहाँ से सैम को लेके घर पहुँच जाती है। नजमा डा की कहे हुई बातें फिरोज़ा और महक को बताती है क्योंकी वो ये सब करना नहीं चाहती थी। वो चाहती थी की अगर सैम को दुबारा ये तकलीफ हो तो फिरोज़ा और महक कुछ करें।
अब आगे
करीब रात के 10 के करीब सैम हाल में बैठा कुछ पढ़ रहा था की तभी अचानक उसे दर्द महसूस हुआ और देखते ही देखते वो दर्द खौफनाक दर्द में तब्दील हो गया। वो फिर से दर्द से कराहने लगता है।
नजमा, फिरोजा और महक जल्दी से उसके पास आके बैठ जाती हैं और उसे पानी पिलाके उसका पसीना पोछने लगते हैं। पर सैम का दर्द बढ़ता ही जा रहा था। नजमा आँखों के इशारे से फिरोज़ा को कुछ कहती है और फिरोज़ा सैम को खड़ा करके उसकी पैंट नीचे खिसका देती है। वो अपने नाइटी भी नीचे करके सैम के लण्ड को सहलाने लगती है।
महक पीछे से आके फिरोज़ा को सलाह देती है की खाला ऐसे कुछ नहीं होगा आपको मुँह मेँ लेना होगा। नजमा सारा नजारा फटी-फटी आँखों से चुपचाप देख रही थी।
फिरोज़ा- “महक बेटा अपने कपड़े भी उतार दे शायद ये देखकर सैम का पनी बाहर निकल जाए...” अगर नजमा वहाँ खड़ी नहीं होती तो कब का फिरोजा सैम का लण्ड मुँह में भर चुकी होती।
महक पूरे नंगी हो जाती है पर सैम के लण्ड पे कोई असर नहीं पड़ता वो चिल्लाये जा रहा था। आखिर फिरोज़ा को सैम का लण्ड मुँह में लेके चूसना पड़ता है पीछे से महक फिरोज़ा की चूचियां मसलने लगती है।
फिरोज़ा- गलपप्प्प... गलपप्प्प... गलपप्प्प
महक से भी रहा नहीं जाता और वो भी नीचे बैठके सैम का लण्ड चाटने लगती है।
दोनों खाला, भानजी एक दूसरे को चूमते हुये सैम का लण्ड मुँह में अंदर-बाहर करने लगती हैं गल्लपप्प्प... गल्लपप्प्प...
नजमा ये सब देखकर अंदर ही अंदर जल रही थी। ये वो जलन थी जिसे कोई समझ नहीं सकता था, ये मोहब्बत की जलन थी।
फिरोजा सैम को सोफे पे बैठा देती है। दोनों के हाथ में सैम का लण्ड था और दोनों बड़े प्यार से उसके लण्ड को चूमते हुये चाट रही थी।
सैम का लण्ड जोरों से झटके खाने लगता है और वो फिरोज़ा के बाल पकड़के अपना लण्ड जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लगता है- “अहह... जोर से खाला अहह... प्लीज़ अहह... और जोर से.
महक- “हटो खाला तुमसे नहीं होगा...” और महक सैम के लण्ड पे पूरा कब्ज़ा करके उसे हलाक के अंदर तक गटक जाती है और सैम की आँखों में देखते हुये कहने लगती है- “निकाल पानी अपनी बहन के मुँह में सैम अहह... गलपप्प्प... गलपप्प्प... पिला मुझे तेरा मीठा पानी अहह... गल्रपप्प्प... गलपप्प्प...”
ये अल्फ़ाज सैम के साथ-साथ नजमा के भी तन बदन में आग पैदा कर देते हैं और सैम एक चीख के साथ अपना गाढ़ा-गाढ़ा पानी महक के मुँह में छोड़ने लगता है।
सैम- “अहह... पीजा महक अहह...”
महक का मुँहे पूरी तरह सैम के पानी से भर जाता है वो जितना पी सकती थी उतना पीती है और बाकी का पानी फिरोज़ा महक के मुँह पे से चाटने लगती है। दोनों एक दूसरे के मुँह में मुँह डालके सैम का पानी पी रही थी।
उन्हें ये भी डर नहीं था की सामने नजमा खड़ी है। वो एक अजीब ही दुनिया में पहुँच चुकी थीं। महक अपने मुँह में का सीमेन फिरोज़ा के मुँह में कुछ इस तरह उंड़ेल रही थी।
दोनों को तब होश आता है जब नजमा आवाज करती है और सैम के साथ-साथ वो दोनों भी नजमा को देखने लगती हैं।
नजमा- “नंगा नाच हो गया होगा तो अब कपड़े पहन लो। तुम्हें सैम का दर्द कम करने की लिए कहा था मैंने, अपना मजा करने की लिए नहीं चल्नो कपड़े पहनो बेशर्मों। और सैम तुम जाके मेरे रूम में सो जाओ मैं अभी आती हूँ।
महक और फिरोज़ा मुश्कुराती हुई मुँह साफ करने चली जाती हैं।
फिरोज़ा जान चुकी थी की अब वो दिन दूर नहीं जब नजमा भी सैम के नीचे होगी।
अब आगे
करीब रात के 10 के करीब सैम हाल में बैठा कुछ पढ़ रहा था की तभी अचानक उसे दर्द महसूस हुआ और देखते ही देखते वो दर्द खौफनाक दर्द में तब्दील हो गया। वो फिर से दर्द से कराहने लगता है।
नजमा, फिरोजा और महक जल्दी से उसके पास आके बैठ जाती हैं और उसे पानी पिलाके उसका पसीना पोछने लगते हैं। पर सैम का दर्द बढ़ता ही जा रहा था। नजमा आँखों के इशारे से फिरोज़ा को कुछ कहती है और फिरोज़ा सैम को खड़ा करके उसकी पैंट नीचे खिसका देती है। वो अपने नाइटी भी नीचे करके सैम के लण्ड को सहलाने लगती है।
महक पीछे से आके फिरोज़ा को सलाह देती है की खाला ऐसे कुछ नहीं होगा आपको मुँह मेँ लेना होगा। नजमा सारा नजारा फटी-फटी आँखों से चुपचाप देख रही थी।
फिरोज़ा- “महक बेटा अपने कपड़े भी उतार दे शायद ये देखकर सैम का पनी बाहर निकल जाए...” अगर नजमा वहाँ खड़ी नहीं होती तो कब का फिरोजा सैम का लण्ड मुँह में भर चुकी होती।
महक पूरे नंगी हो जाती है पर सैम के लण्ड पे कोई असर नहीं पड़ता वो चिल्लाये जा रहा था। आखिर फिरोज़ा को सैम का लण्ड मुँह में लेके चूसना पड़ता है पीछे से महक फिरोज़ा की चूचियां मसलने लगती है।
फिरोज़ा- गलपप्प्प... गलपप्प्प... गलपप्प्प
महक से भी रहा नहीं जाता और वो भी नीचे बैठके सैम का लण्ड चाटने लगती है।
दोनों खाला, भानजी एक दूसरे को चूमते हुये सैम का लण्ड मुँह में अंदर-बाहर करने लगती हैं गल्लपप्प्प... गल्लपप्प्प...
नजमा ये सब देखकर अंदर ही अंदर जल रही थी। ये वो जलन थी जिसे कोई समझ नहीं सकता था, ये मोहब्बत की जलन थी।
फिरोजा सैम को सोफे पे बैठा देती है। दोनों के हाथ में सैम का लण्ड था और दोनों बड़े प्यार से उसके लण्ड को चूमते हुये चाट रही थी।
सैम का लण्ड जोरों से झटके खाने लगता है और वो फिरोज़ा के बाल पकड़के अपना लण्ड जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लगता है- “अहह... जोर से खाला अहह... प्लीज़ अहह... और जोर से.
महक- “हटो खाला तुमसे नहीं होगा...” और महक सैम के लण्ड पे पूरा कब्ज़ा करके उसे हलाक के अंदर तक गटक जाती है और सैम की आँखों में देखते हुये कहने लगती है- “निकाल पानी अपनी बहन के मुँह में सैम अहह... गलपप्प्प... गलपप्प्प... पिला मुझे तेरा मीठा पानी अहह... गल्रपप्प्प... गलपप्प्प...”
ये अल्फ़ाज सैम के साथ-साथ नजमा के भी तन बदन में आग पैदा कर देते हैं और सैम एक चीख के साथ अपना गाढ़ा-गाढ़ा पानी महक के मुँह में छोड़ने लगता है।
सैम- “अहह... पीजा महक अहह...”
महक का मुँहे पूरी तरह सैम के पानी से भर जाता है वो जितना पी सकती थी उतना पीती है और बाकी का पानी फिरोज़ा महक के मुँह पे से चाटने लगती है। दोनों एक दूसरे के मुँह में मुँह डालके सैम का पानी पी रही थी।
उन्हें ये भी डर नहीं था की सामने नजमा खड़ी है। वो एक अजीब ही दुनिया में पहुँच चुकी थीं। महक अपने मुँह में का सीमेन फिरोज़ा के मुँह में कुछ इस तरह उंड़ेल रही थी।
दोनों को तब होश आता है जब नजमा आवाज करती है और सैम के साथ-साथ वो दोनों भी नजमा को देखने लगती हैं।
नजमा- “नंगा नाच हो गया होगा तो अब कपड़े पहन लो। तुम्हें सैम का दर्द कम करने की लिए कहा था मैंने, अपना मजा करने की लिए नहीं चल्नो कपड़े पहनो बेशर्मों। और सैम तुम जाके मेरे रूम में सो जाओ मैं अभी आती हूँ।
महक और फिरोज़ा मुश्कुराती हुई मुँह साफ करने चली जाती हैं।
फिरोज़ा जान चुकी थी की अब वो दिन दूर नहीं जब नजमा भी सैम के नीचे होगी।