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Adultery lusty family

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शानू ने अपनी पॅंट नीचे खिसका दी और अपने ढीले लंड को दीखाने लगा... वहीं दूसरी ओर उस औरत ने अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ पॅंटी मे कुर्सी पर बैठ गयी.. आज उसने नीले रंग की सॅटिन की पॅंटी पहनी हुई थी जो काफ़ी छोटी थी और बड़ी मूसखिल से उसकी चूत को धक पा रही थी... वो अपने हाथ से अपनी चूत को मसल्ने लगी.. और शानू ने महसूस किया कि उसका लंड हरकत करने लगा है.

>hot milf> क्या में तुम्हारे लिए कुछ करूँ जिससे तुम्हारा लंड खड़ा हो जाए.

> शानू_मस्ताना> क्या तुम्हारे पास वो रब्बर का नकली लंड है जिसे तुम अपनी चूत मे डाल मुझे दीखा सको..

>hot milf> हां है मेरे पास

> शानू_मस्ताना> क्या तुम उसे मेरे लिए अपनी चूत मे डाल सकती हो?

>hot milf> रूको में अभी लेकर आती हूँ.

शानू ने देखा कि वो औरत थोड़ी देर के लिए स्क्रीन पर से गायब हो गयी.. जब वो वापस आई तो उसके हाथ मे एक चमड़ी के रंग का डिल्डो था और उसने पॅंटी उतार दी थी.. और अब वो उस नकली लंड को अपनी चूत पर घिस रही थी.

> शानू_मस्ताना> अब इसे अपनी चूत मे घुसा दो.

वसुंधरा ने अपने बेटे के कहने पर वो नकली लंड अपनी चूत मे घुसा दिया और उसे अंदर बाहर करने लगी.. और शानू अपने लंड को मसल्ने लगा.
 

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>hot milf> क्या तुम्हारे पास कोई तेल या क्रीम है जिससे तुम अपने लंड को चिकना कर सको?

> शानू_मस्ताना> नही मेरे पास यहाँ तो नही.. शायद मेरी मम्मी या मेरी बेहन के पास हो.

>hot milf> क्या दोनो मे से कोई घर पर है?

> शानू_मस्ताना> सिर्फ़ मम्मी है घर पर.

>hot milf> तो ठीक है अपनी बेहन के कमरे मे देखो.

शानूने तुरंत अपनी पॅंट उपर चढ़ा ली और प्रीति के कमरे मे गया.. उसे कुछ क्रीम साइड टेबल पर पड़ी हुई मिली. उनमे से एक उठा कर वो वापस अपने कमरे मे आ गया और देखा कि गीली चूत अभी भी अपनी चूत से खेल रही थी.

>hot milf> इसे अब अपने लंड पर लगाओ और फिर मूठ मारो.

शानू ने थोड़ी क्रीम अपने हाथों मे ली और फिर अपने लंड को मुट्ठी मे भर मसल्ने लगा.. क्रीम की ठंडक एक नया मज़े दे रही थी उसे..

शानू_मस्ताना> उसे पूरा अपनी चूत मे डाल दो.

वसुंधरा ने उस खिलोने को आखरी जड़ तक अपनी चूत मे घुसा दिया.. और फिर शानू को देखने लगी जो ज़ोर ज़ोर से अपने लंड को मुठिया रहा था.

>hot milf> हां और ज़ोर ज़ोर से मस्लो मेरे लिए और ज़ोर ज़ोर से और अपना पानी अपने पेट पर छोड़ दो

>शानू_मस्ताना> ओके

शानू ने अपनी शर्ट उतार दी और दोनो हाथो से अपने लंड को मसल्ने लगा.. तभी उसके नसों मे तनाव बढ़ा और उसके लंड ने वीर्य की पिचकारी उसके पेट पर छोड़ दी.

hot milf ने बताया कि वो भी झड़ने वाली है... शानू उसे देखता रहा.. गीली चूत ने कमेरे को ज़ूम कर अपनी छूट के उपर कर दिया था. और तभी ये कहते हुए वो कि उसे कुछ काम है वो चली गयी.. शानू उसे कुछ जवाब भी नही दे पाया.

इस हादसे के कुछ दिन बाद बलदेव को कुछ काम से टूर पर जाना था इसलिए वो एक महीने के लिए चला गया.... एक हफ़्ता गुज़र चुका था.. और शानू को जिंदगी का मज़ा आ रहा था.. उसकी बेहन बराबर उसका लंड चूस्ति और उसे भी शौक चढ़ गया था अपनी बेहन की चूत चूसने और चाटने का...और वहीं गीली चूत भी उसका दिल बहलाती रहती थी... एक दिन की बात है...
 

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>शानू मस्तान> क्या तुम मुझे किसी पॅंटी को अपने लंड पर लपेट मूठ मारते देखना पसंद करोगी.. में समझूंगा कि ये तुम्हारी पॅंटी है.

>hot milf> इससे अछी बात और क्या हो सकती है.

>शानू_मस्ताना> लेकिन आज में कुछ ख़ास चीज़ देखना चाहता हूँ.

>hot milf> ओह.. क्या है वो?

>शानू_मस्ताना> आज क्या तुम अपनी चूत मे किसी मोटी मूली को डाल अंदर बाहर कर सकती हो?

>hot milf> अब अपने इस ख़ास दोस्त के लिए तो करना ही पड़ेगा.

>शानू_मस्ताना> अछा आइडिया है ना?

>hot milf> हां.. रूको में अभी किचन मे से लेकर आती हूँ.

>शानू_मस्ताना> ओके

>hot milf> अछा ये बताओ किसकी पॅंटी लेकर आए हो?

>शानू_मस्ताना> पहले तुम जवाब दो... तुम खुले विचारों की हो ना..?

>hot milf> हां

>Sanu_मस्ताना> मेरी बेहन की है

>hot milf> सच मे

>शानू_मस्ताना> हां.

>hot milf> क्या तुम्हे अपनी बेहन पसंद है?

>शानू_मस्ताना> हां ठीक है.. लेकिन सेक्सी बहोत है.

>hot milf> जब तुम उसकी पॅंटी अपने लंड पर लपेट मूठ मारते हो तो क्या उसके बारे मे सोचते हो?

>शानू_मस्ताना> हां कभी कभी.

>hot milf> क्या तुम तय्यार हो.

>शानू_मस्ताना> और तुम?

>hot milf> हां.

शानू स्क्रीन पर देखते हुए अपने लंड को मसल्ने लगा... गीली चूत ने एक मूली उठाई और थोड़ी देर अपनी चूत पर घिसने के बाद उसे अंदर घुसाने लगी.. उसे विश्वास नही हो रहा था कि ये औरत उसका लंड देखने के लिए अपनी चूत मे मूली तक घुसा सकती है...
 

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वो देखता रहा किस तरह पूरी पूरी की मूली उसकी चूत मे घुस गयी.. फिर वो उसे बाहर खींच अंदर बाहर करने लगी.. .. उसकी तेज़ी देख राज समझ गया कि उसे लंड की चाहत हो रही है..

>शानू_मस्ताना> तुम्हारी चूत मे मूली घुसती हुई कितनी अछी लग रही है..

>hot milf> हां लेकिन अगर तुम्हारा लंड होता तो और अच्छा लगता.

>शानू_मस्ताना> काश में तुम्हारी चूत मे अपना लंड घुसा पाता.

>hot milf> हां में भी तुम्हारे लंड को अपनी चूत मे महसूस करना चाहती हूँ.

>शानू_मस्ताना> सिर्फ़ इस ख़याल से ही मेरा लंड पानी छोड़ने की तय्यरी कर रहा है.

>hot milf> तो छोड़ दो राजा मेरे लिए अपना पानी छोड़ दो

>शानू_मस्ताना> तुम अपनी चूत मे मूली घुसा कर चोद्ति रहो.

शानू उसकी चूत पर नज़रे गढ़ाए अपने लंड को ज़ोर ज़ोर से मसल्ते रहा और फिर उसके लंड ने उसके हाथ मे पानी छोड़ दिया.. कुछ वीर्य ज़मीन पर गीर गया..

>hot milf> काश में तुम्हारे अमृत को तुम्हारे हाथों पर से चाट पाती.

>शानू_मस्ताना> अगर तुम ऐसा कर पाओ तो मुझे बहोत खुशी होगी.

>hot milf> क्या पता हमारी किस्मत कभी हमे इस के लिए मौका दे दे.

>शानू_मस्ताना> हां शायद किसी दिन .. लॉल

>hot milf> ठीक फिर मिलते है.

>शानू_मस्ताना>ओ के
 

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अगले हफ्ते के अंत मे प्रीति अपनी चचेरी बेहन स्वीटी के साथ बैठी थी.. आज स्वीटी की बेहन शमा का 21स्ट्रीट जनमदिन था. स्वीटी उसे बता रही थी कि राज कितना स्मार्ट और हॅंडसम लगता है अगर वो उसका भाई नही होता तो ज़रूर उसे पटाने के लिए वो कुछ करती.

प्रीति और स्वीटी लगभग एक ही उमर के थे.. और दोनो मे पटती भी खूब थी.. स्वीटी काफ़ी लंबी थी लगभग 5'10 की हाइट लंबी और पतली टाँगे.. उसके भूरे बाल उसके कंधों के नीचे तक आते थे.. उसकी चुचियों थोड़ी छोटी थी लेकिन निपल काफ़ी बड़े थे..

"तुमने कभी चुदाई का मज़ा लिया है?" प्रीति ने स्वीटी से पूछा.

"हां ... कई बार"

"सही मे ! कैसा लगता है." वो खुश हो गयी थी कि आख़िर कोई तो मिला जिससे वो सब कुछ पूछ सकती थी.

"मुझे तो बहोत मज़ा आता है." स्वीटी हँसी.. "सच कहूँ प्रीति तुम्हे भी अब चुदवा लेना चाहिए" स्वीटी ने कहा, " तुम इतनी सेक्सी हो कि लड़के तो तुम्हे चोदने के लिए मरे जा रहे होंगे.. तुम्हारी जितनी बड़ी चुचियों करने के लिए तो में कुछ भी कर सकती हूँ"

"स्वीटी सच कहूँ तो मेने अपने बॉय फ़्रेंड का लंड चूसा है पर चुदाई के लिए में अपने आप को तय्यार नही कर पा रही हूँ" प्रीति ने कहा.


"यार कभी कोशिश करके देखना.. बहोत मज़ा आएगा.. हां एक बात बताओ तुम्हे गौरव के बारे मे क्या सोचती हो?"

"पता नही क्यों कभी कभी मुझे ऐसा लगता है कि वो सिर्फ़ मुझे चोदना चाहता है.. पता नही क्यों में नही चाहती कि वो पहला मर्द बने जो मुझे चोदेगा." प्रीति ने जवाब दिया.

"तुम्हारी बातों से ऐसा लगता है कि तुम उसे प्यार नही करती हो?"

"हां शायद तुम सही कह रही हो.. लगता है कि अब समय आ गया है कि उसे में साफ साफ कहकर इस रिश्ते को ख़तम कर दूं." प्रीति ने कहा.

"तुम्हारे लिए यही ठीक रहेगा."

"अछा तुम अपने बारे मे बताओ.. क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?" प्रीति ने पूछा.

"नही अभी तो फिलहाल नही है.. एक बात बताउ कभी कभी में इतनी गरम हो जाती हूँ कि दिल करता है कि किसी से भी चुदवा लूँ.. मुझे तो कोई चुड़क्कड़ बॉय फ़्रेंड चाहिए जो मुझे बस चोद्ता रहे." स्वीटी ने हंसते हुए कहा.
 

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दोनो बात कर रही थी कि तभी शानू वहाँ आ गया और दोनो को हेलो कहा.

"हाई स्वीटी क्या चल रहा है?"

"सब ठीक ही चल रहा है.. तुम अपनी सूनाओ.. आज तो पार्टी की सभी लड़कियाँ लाइन मार रही होंगी तुम पर."

"लड़कियाँ तो नही हां लेकिन कुछ ख़ास औरतें है आज इस पार्टी मे" शानू ने हंसते हुए कहा.

"क्या शानू तुम भी ना?" प्रीति हँसने लगी.

"अछा ये बताओ तुम दोनो क्या बात कर रही थी?" शानू ने पूछा.

"वही सब दो लड़कियाँ आपस मे क्या बात करेंगी.. लड़कों के बारे मे ... तुम्हे पता है स्वीटी कह रही थी कि अगर तुम उसके भाई ना होते तो ये तुमसे चुदवा लेती." प्रीति ने हंसते हुए उसे बताया.. स्वीटी ने गुस्से मे उसे चुप होने को कहा और एक हल्का सा चपत जमा दिया. प्रीति की बात सुनकर शानू शर्मा गया.... वो दोनो बहनो के लिए ड्रिंक लाने उठ कर चला गया जब वो हाथों मे ड्रिंक लेकर लौटा तो देखा कि दोनो आपस मे फुसफुसा रही थी और स्वीटी हैरत भरी निगाहों से प्रीति को देख रही थी.

"हे भगवान ! अब तुम दोनो किस बात पर बात करने लग गयी.. " शानू ने पूछा. उसने दोनो को ड्रिंक पकड़ाया और उनके बगल मे बैठ गया.

"देखो ना शानू ये बड़ी शैतान हो गयी है.. इसने मुझसे कहा कि इसने सबसे बड़ा और मोटा लंड देखा है हक़ीकत मे और में इससे पूछ रही हूँ कि किसका देखा है तो बताती ही नही नखरे दीखा रही है.." स्वीटी ने कहा.

"सॉरी स्वीटी इस मामले में तुम्हारी कोई मदद नही कर सकूँगा.. " शानू ने धीरे से कहा.

"प्रीति क्यों नखरे दीखा रही है.. बता ना किसका देखा.. में प्रॉमिस करती हूँ की अगर वो तुम्हारा बॉयफ्रेंड या दोस्त हुआ तो में बीच मे नही आयूंगी." स्वीटी ने उतावले मे कहा.
 

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"ठीक है मुझे थोड़ी देर सोचने दो.." प्रीति ने कहा, "ठीक है अगर में तुम्हे बता दूँ तो तुम्हे एक वादा करना होगा.

"अरे तुम एक बार बताओ तो सही.. में तुम्हारी हर शर्त मानने को तय्यार हूँ." स्वीटी ने जवाब दिया.

"अगर तुम मेरी शर्त मानने को तय्यार हो तो बताना तो क्या में तुम्हे दीखा दूँगी लेकिन तुम्हे मेरे सामने उसका लंड चूसना होगा." प्रीति ने कहा.

शानू की तो जैसे साँस ही अटक गयी.. ड्रिंक गले के नीचे नही उत्तर रही थी...

"हे भगवान तुम पागल तो नही हो गयी हो? ऐसे कैसे में किसी का भी लंड चूस दूँगी.. में तो सिर्फ़ ये जानना चाहती थी कि तुम कैसे इंतेज़ार कर सकोगी... में तो सिर्फ़ ये जानना चाहती हूँ कि इतना बड़ा लंड किसका है." स्वीटी ने कहा.

"वो तो जब तुम देखोगी तो पता चलेगा कि तुम सिर्फ़ देखना चाहती हो या कुछ और करना चाहती हो." प्रीति ने हंसते हुए कहा.

"तुम दोनो कोशरम नही आती मेरे सामने ही ये बाते कर रही हो." शानू ने थोड़ा गुस्से मे कहा और वहाँ से जाने लगा... प्रीति ने देखा कि शानू ने उठते ही पहले अपने खड़े लंड को पॅंट के अंदर अड्जस्ट किया था.. उसका लंड तन कर खड़ा था..

"तुम सीरीयस हो कर ये बात कह रही हो या फिर मेरे साथ मज़ाक कर रही हो? स्वीटी ने प्रीति से पूछा.

"लंड चूसने वाली बात को लेकर में मज़ाक कर रही थी.. वो तुम्हारी मर्ज़ी है लेकिन हां मेने दुनिया का सबसे लंबा और मोटा लंड देखा है ये बात तुम अपनी आँखों से देख कर तय कर लेना कि में मज़ाक कर रही थी या सच कह रही थी." प्रीति ने जवाब दिया.

"प्रीति अब बताओ भी ना क्यों नखरे दीखा रही हो? स्वीटी ने झल्लाते हुए कहा.

"तुम्हे विश्वास नही होगा वो राज का है."

"कौन शानू?"

"अरे पगली मेरा भाई शानू"

"हो ही नही सकता तुम ज़रूर झूठ बोल रही हो.. और अगर है तो तुमने कब और कहा देख लिया? स्वीटी ने पूछा.

तब प्रीति ने स्वीटी को शुरू से सब बता दिया.. उसने बताया कि किस तरह एक बार वो ग़लती से बाथरूम मे चली गयी और वो शवर के नीचे मूठ मार रहा था.. प्रीति ने ये नही बताया कि उसने शानू का लंड चूसा था और उससे अपनी चूत चुस्वाई थी.

"चलो तुम्हारी ये बात तो मान ली कि तुमने शानू का लंड देखा है और वो सबसे लंबा और मोटा लंड है लेकिन तुम इतने विश्वास के साथ कैसे कह सकती हो कि वो अपना लंड मुझे दीखायगा." स्वीटी ने पूछा.

क्रमशः.......
 

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"अरे तुम नही जानती इन मर्दों को.. वो जिस तरह तुम्हे घूर रहा था में समझ गयी और फिर वो भी तो जवान है.. अगर तुम कहो तो में उससे बात करके देखूं." प्रीति ने कहा.

"ठीक है." स्वीटी ने कहा.

" तो फिर में उससे बात करके तुम्हे बता दूँगी.. क्या तुम्हारा बेडरूम ठीक रहेगा.?"

"तुम्हारा मतलब है आज रात को." स्वीटी ने अस्चर्य से पूछा.

"हां और नही तो क्या.. क्या पता आज की रात के बाद हमारा कब मिलना हो." प्रीति ने कहा.

स्वीटी थोड़ी देर सोचने लगी..अपनी ड्रिंक से एक बड़ा घूंठ लेते हुए बोली, "ठीक है मेरे कमरे मे लेकिन देखना कहीं कोई गड़बड़ ना हो जाए."

प्रीति अपने भाई को ढूँदने लगी.. जो हॉल मे शमा की सहेलियों के साथ खड़ा उन से बात कर रहा था.. वो राज का अकेले होने का इंतेज़ार करने लगी. और जब वो अकेला हुआ तो उसे पकड़ एक कोने मे ले गयी.

"स्वीटी तुम्हारा लंड देखना चाहती है.. क्या तुम उसे अपना लंड दीखाने को तय्यार हो?" प्रीति ने पूछा.

"उसे लंड दीखा के मुझे क्या मिलेगा?" शानू ने पूछा.

"ये तो मेने नही पूछा लेकिन जहाँ तक मुझे लगता है कि अगर वो मेरी जैसी हुई तो तुम्हारा लंड देख कर वो अपने आपको नही रोक पाएगी... और नही तो कम से कम छू कर तो ज़रूर देखेगी.. वैसे भी वो पहले चुदाई का मज़ा ले चुकी है इसलिए मुझे विश्वास है कि वो अपने पर काबू नही रख पाएगी." प्रीति ने अपने भाई से कहा.
 

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"क्या में उसे नंगी देख सकूँगा?"

"मुझे पता नही.. तुम खुद ही पूछ लेना.. " प्रीति ने जवाब दिया.

"यार क्या ये बखेड़ा लेकर आ गयी. कितनी मेहनत से उन दो लड़कियों का पटा रहा था.. और शायद आज की रात तक तो एक पट ही जाती." शानू ने थोडा झल्लाते हुए कहा.

"शानू क्यों गुस्सा कर रहे हो.. में तो हू ना रात के लिए.. में तुम्हारा लंड चूस दूँगी." प्रीति ने कहा.

"वो तो में भी जानता हूँ कि तुम ऐसा क्यों कह रही हो. तुम्हारी खुद की चूत मे कीड़े रेंग रहे है और तुम खुद चाहती हो कि कोई तुम्हारी चूत चाते." शानू ने हंसते हुए कहा.

प्रीति सोचती रही फिर बोली, "ठीक है आज की रात तुम जो कहोगे में करूँगी.. लेकिन चुदाई नही और कुछ भी." प्रीति ने कहा.

शानू के आँखों के सामने गीली चूत की बिना बालों की चूत घूमने लगी... "ठीक है तुम मेरा एक काम अगर करो तो में अपना लंड स्वीटी को दिखाने को तय्यार हूँ."

"ये हुई ना बात.. अब तुम स्वीटी के कमरे मे जाकर हमारा इंतेज़ार करो.. हम थोड़ी देर मे आते है." प्रीति ने मुस्कुराते हुए कहा.


शानू स्वीटी के कमरे मे बैठा दोनो का इंतेज़ार कर रहा था.. कि तभी उसने कमरे का दरवाज़ा खुलते देखा और दोनो कमरे के अंदर आ गयी.. दोनो ने कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद किया.. और उस पलंग के पास आ गयी जिस पर शानू बैठा था.

कमरे मे अंधेरा छाया था सिर्फ़ खिड़की से बाहर पार्टी की रोशनी आ रही थी...

"ओह शानू मुझे तो अभी भी विश्वास नही हो रहा है कि तुम मुझे अपना लंड दीखाने वाले हो" स्वीटी धीरे से बोली और दोनो उसके बगल मे बैठ गयी.

"हां उसके पहले मेरी एक शर्त है." शानू ने कहा.

"और वो शर्त क्या है?" प्रीति और स्वीटी ने साथ साथ पूछा.

"तुम दोनो को कपड़े उतार कर नंगी होना पड़ेगा." शानू ने जवाब दिया.

"क्या सही मे शानू? स्वीटी ने पूछा.. उसकी समझ मे नही आ रहा था कि वो हां करे या ना करे...

"अरे इतना घबरा क्यों रही हो स्वीटी? याद है तुम्हे हम साथ साथ

नहाया करते थे.. लेकिन हां तब हमारे बदन पर ये खिलोना नही था.. " प्रीति ने अपनी चुचियों को मसल्ते हुए कहा... " पर मुझे लगता है कि भाई ये देखना चाहता है कि वक्त के साथ हमारे बदन मे कितना बदलाव आ गया है.. फिर क्या फरक पड़ता है नंगा होने से हम भी तो इसका लंड देखेंगे ही."
 

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"वो तो सब ठीक है.. लेकिन में पहले शानू का लंड देखना चाहूँगी" स्वीटी ने कहा.

"ठीक है" कहकर शानू खड़ा हुआ और अपनी पॅंट के बटन खोलने लगा फिर उसने पॅंट को पैरों मे गीरा दी... और साथ ही अपनी अंडरवेर को भी... उसका लंड फड़फदा कर खड़ा हो गया... स्वीटी की आँखे तो फटी की फटी रह गयी उसके लंबे और मोटे लंड को देख कर.

"हे भगवान मैने तो सोच भी नही था कि इतना बड़ा और मोटा होगा."

स्वीटी प्रीति से बोली जो बड़े प्यार से अपने प्यारे खिलोने को देख रही थी.

"क्यों मेने सच कहा था ना?"

"हां तुम सही थी.. क्या में इसे छू सकती हूँ?" उसने शानू से पूछा.. इस वक्त ये भूल चुकी थी कि सामने जो शक्स खड़ा है वो उसका चाहेरा भाई है.

"हां छू सकती हो लेकिन शायद तुम ये भूल गयी कि तुम्हे मेरे लिए पहले नंगी होना है." शानू ने उसे याद दिलाया.

"ओह्ह्ह हाआँ" स्वीटी ने एक गहरी साँस ली और अपने टॉप को सिर से उठा कर निकाल दिया... उसकी सेव जैसी चुचियाँ नज़र आ रही थी जिस पर उसके मोती जैसे निपल तन कर खड़े थे.

"वाह क्या बदन पाया है" शानू उसके बदन को निहारते हुए बोला और स्वीटी अपने कपड़े उतारती रही... उसने अपनी स्कर्ट को पॅंटी के साथ नीचे कर उतार दिया.. उसकी झांते तराशि हुई थी.. वो काफ़ी सेक्सी लग रही थी.


"प्रीति तुम्हारा क्या इरादा है" शानू ने अपनी बेहन से कहा.. प्रीति जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतार नंघी हो गयी. स्वीटी और वो दोनो एक दूसरे के बदन को निहारने लगे.. स्वीटी की नज़रें तो उसकी बड़ी चुचियों पर ही गढ़ी हुई थी...

प्रीति अपनी चचेरी बेहन की कामुक नज़रों से शर्मा गयी और उसकी चूत गीली होने लगी... उसे स्वीटी का बदन भी बहोत पसंद आया था और वो सोचने लगी कि उसकी छोटी लेकिन प्यारी चुचि को चूसने से कैसा लगेगा और इस ख़याल से अपने बदन मे उठी कपन से वो चौंक पड़ी.

स्वीटी ने आगे बढ़कर अपने चचेरे भाई के लंड को अपने कोमल हाथों मे पकड़ लिया था वो उसकी लंबाई और मोटाई माप रही थी.. शानू था कि उसे उकसा रहा था कि उसके हाथ का स्पर्श कितना अछा लग रहा था और वो खुद नंगी बहोत अछी लग रही थी.

"शानू मुझे तो विश्वास नही हो रहा कि कोई लंड इस तरह सख़्त भी हो सकता है... ठीक किसी लोहे की सलाख की तरह.. " वो उसके लंड को अपनी मुट्ठी मे भींचते हुए बोली.. "क्या तुम्हारा लंड बहोत सारा पानी छोड़ता है? उसने पूछा.

"हाँ छोड़ता तो है." शानू ने जवाब दिया.
 
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