शानू ने अपने लंड को स्वीटी की चूत से निकाला और अपनी बेहन के पास आ कर अपने लंड को उसके मुँह के सामने कर दिया... प्रीति ने उसके लंड को पकड़ अपनी और खींचा और अपने मुँह मे ले चूसने लगी.. उसकी मुट्ठी स्वीटी की चूत से चूते रस से भीग गयी जो शानू
के लंड पर लगा था.. वो किसी भूकि बच्ची की तरह उसके लंड को चूसने लगी..
शानू अपनी बेहन को अपना लंड चूस्ते देख रहा था... उसे बहोत मज़ा आ रहा था कि स्वीटी ने अपने हाथ बढ़ा प्रीति की चुचियों को मुट्ठी मे भर मसल्ने लगी... तभी शानू के लंड ने पिचकारी छोड़ी जिसे प्रीति आराम से गटक गयी और फिर उसके लंड को पकड़ उसके पानी को पीने लगी.. आख़िर शानू ने अपने लंड को उसके मुँह से बाहर निकाल लिया..
तीनो पलंग पर तक कर निढाल पड़े थे तभी उन्हे घर के बाहर कोई गाड़ी के रुकने की आवाज़ सुनाई पड़ी.. वो समझ गये कि शानू और प्रीति की मम्मी घर आ गयी है.. तीनो दौड़ते हुए उठे और अपने कपड़े पहनने लगे... फिर हॉल मे आकर सोफे पर बैठ गये... तभी वसुंधरा ने घर मे कदम रखा और तीनो को हेलो कहते हुए अपने कमरे मे चली गयी..
वसुंधरा ने कपड़े बदल थोड़ी देर तीनो बच्चो से बात की और फिर स्वीटी ने कहा कि वो घर जा रही है.. तीनो उसे छोड़ने घर के बाहर तक आए...
वसुंधरा सफ़र से काफ़ी थक चुकी थी और वो चुदासी भी काफ़ी हो रही थी... वो सोच रही थी कि क्या वो आज की रात अपने बेटे को नेट पर देख पाएगी.. क्या आज एक बार फिर वो अपने ही बेटे के मोटे लंबे लंड को देख पाएगी... उसके दीमग मे यही ख़याल दौड़ते रहे और उसकी चूत गीली होती रही...
रात के खाने के बाद वो बहाना बना के कि वो थक गयी है और आराम करना चाहती है.. अपने कमरे मे आ गयी और कंप्यूटर ऑन कर अपने बेटे राज यानी शानू_मस्ताना का इंतेज़ार करने लगी...
के लंड पर लगा था.. वो किसी भूकि बच्ची की तरह उसके लंड को चूसने लगी..
शानू अपनी बेहन को अपना लंड चूस्ते देख रहा था... उसे बहोत मज़ा आ रहा था कि स्वीटी ने अपने हाथ बढ़ा प्रीति की चुचियों को मुट्ठी मे भर मसल्ने लगी... तभी शानू के लंड ने पिचकारी छोड़ी जिसे प्रीति आराम से गटक गयी और फिर उसके लंड को पकड़ उसके पानी को पीने लगी.. आख़िर शानू ने अपने लंड को उसके मुँह से बाहर निकाल लिया..
तीनो पलंग पर तक कर निढाल पड़े थे तभी उन्हे घर के बाहर कोई गाड़ी के रुकने की आवाज़ सुनाई पड़ी.. वो समझ गये कि शानू और प्रीति की मम्मी घर आ गयी है.. तीनो दौड़ते हुए उठे और अपने कपड़े पहनने लगे... फिर हॉल मे आकर सोफे पर बैठ गये... तभी वसुंधरा ने घर मे कदम रखा और तीनो को हेलो कहते हुए अपने कमरे मे चली गयी..
वसुंधरा ने कपड़े बदल थोड़ी देर तीनो बच्चो से बात की और फिर स्वीटी ने कहा कि वो घर जा रही है.. तीनो उसे छोड़ने घर के बाहर तक आए...
वसुंधरा सफ़र से काफ़ी थक चुकी थी और वो चुदासी भी काफ़ी हो रही थी... वो सोच रही थी कि क्या वो आज की रात अपने बेटे को नेट पर देख पाएगी.. क्या आज एक बार फिर वो अपने ही बेटे के मोटे लंबे लंड को देख पाएगी... उसके दीमग मे यही ख़याल दौड़ते रहे और उसकी चूत गीली होती रही...
रात के खाने के बाद वो बहाना बना के कि वो थक गयी है और आराम करना चाहती है.. अपने कमरे मे आ गयी और कंप्यूटर ऑन कर अपने बेटे राज यानी शानू_मस्ताना का इंतेज़ार करने लगी...